75कोल की आवाज रामकुमार भारद्वाज

75कोल की आवाज रामकुमार भारद्वाज

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01/08/2024

उस पांच सितारा ऑडिटोरियम के बाहर प्रोफेसर साहब की आलीशान कार आकर रुकी , प्रोफेसर बैठने को हुए ही थे कि एक सभ्य सा युगल याचक दृष्टि से उन्हें देखता हुआ पास आया और बोला ," साहब , यहां से मुख्य सड़क तक कोई साधन उपलब्ध नही है , मेहरबानी करके वहां तक लिफ्ट दे दीजिए आगे हम बस पकड़ लेंगे । "

रात के साढ़े ग्यारह बजे प्रोफेसर साहब ने गोद मे बच्चा उठाये इस युगल को देख अपने "तात्कालिक कालजयी" भाषण के प्रभाव में उन्हें अपनी कार में बिठा लिया । ड्राइवर कार दौड़ाने लगा ।

याचक जैसा वह कपल अब कुटिलतापूर्ण मुस्कुराहट से एक दूसरे की आंखों में देख अपना प्लान एक्सीक्यूट करने लगा । पुरुष ने सीट के पॉकेट मे रखे मूंगफली के पाउच निकालकर खाना शुरू कर दिया बिना प्रोफेसर से पूछे /मांगे ।
लड़की भी बच्चे को छोड़ कार की तलाशी लेने लगी ।एक शानदार ड्रेस दिखी तो उसने झट से उठा ली और अपने पर लगा कर देखने लगी ।
प्रोफेसर साहब अब सहन नही कर सकते थे ड्राइवर से बोले गाड़ी रोको ,लेकिन ड्राइवर ने गाड़ी नही रोकी बस एक बार पीछे पलटकर देखा , प्रोफेसर को झटका लगा ,अरे ये कौन है उनके ड्राइवर के वेश में ?? वे तीनों वहशियाना तरीके से हंसने लगे , प्रोफेसर साहब को अपने इष्टदेव याद आने लगे ,थोड़ा साहस एकत्रित करके प्रोफेसर साहब ने शक्ति प्रयोग का "अभ्यासहीन " प्रयास करने का विचार किया लेकिन तब तक वह पुरुष अपनी जेब से एक लाइटर जैसा पदार्थ निकाल चुका था और उसका एक बटन दबाते ही 4 इंच का धारदार चाकू बाहर आ चुका था प्रोफेसर साहब की क्रांति समयपूर्व ही गर्भपात को प्राप्त हुई ।

प्रोफेसर साहब समझ चुके थे कि आज कोई बड़ी अनहोनी निश्चित है उन्होंने खुद ही अपना पर्स निकालकर सारे पैसे उस व्यक्ति के हाथ में थमा दिये लेकिन वह व्यक्ति अब उनके आभूषणों की तरफ देखने लगा, दुखी मन से प्रोफेसर साहब ने अपनी अंगूठियां ,ब्रेसलेट और सोने के चेन उतार के उसके हाथ में धर दिए , अब वह व्यक्ति उनके गले में एक और लॉकेट युक्त चैन की तरफ हाथ बढ़ाने लगा । प्रोफेसर साहब याचना पूर्वक बोले - इसे छोड़ दो प्लीज यह मेरे "पुरुखों की निशानी " है जो कुल परंपरा से मुझ तक आई है , इसकी मेरे लिए अत्यंत भावनात्मक महत्ता है । लेकिन वह लुटेरा कहां मानने वाला था उसने आखिर वह निशानी भी उतार ही ली ।
बिना प्रोफ़ेसर साहब के पता बताएं वे लोग उनके आलीशान बंगले के बाहर तक पहुंच गए थे ।
युवक बोला ," लो आ गया घर , ऐसे ढेर सूखे मेवे , कपड़े , पैसा और प्रोफेसर साहब की ल.......
उसकी आँखों मे आई धूर्ततापूर्ण बेशर्म चमक ने शब्द के अधूरेपन को पूर्णता दे दी ।

प्रोफेसर साहब अब पूरे परिवार की सुरक्षा एवं घर पर पड़े अथाह धन-धान्य को लेकर भी चिंतित हो गये उनका रक्तचाप उछाले मारने लगा लेकिन करें भी तो क्या ??
लगे गिड़गिड़ाने ," भैया मैंने आपको आपत्ती में देखकर शरण दी और आप मेरा ही इस तरह शोषण कर रहे हैं यह अनुचित है । ईश्वर का भय मानिए यह निर्दयता की पराकाष्ठा है ।अब तो छोड़ दीजिए मुझे भगवान के लिए ।
प्रोफेसर फूट फूट कर रोने लगे ।।

वे पति पत्नी अपना बच्चा लेकर कार से उतर गये और वह ड्राइवर भी , उनके द्वारा लिया गया सारा सामान उन्होंने वापस प्रोफेसर साहब के हाथ में पकड़ाया और बोले

" क्षमा कीजिएगा सर ! रोहिंग्या मुसलमानों के विषय मे शरणागत वत्सलता पर आज आपके द्वारा उस ऑडिटोरियम मे दिए गए "अति भावुक व्याख्यान" का तर्कसंगत शास्त्रीय निराकरण करने की योग्यता हममें नहीं थी अतः हमें यह स्वांग रचना पड़ा ।
"आप जरा खुद को भारतवर्ष और हमें रोहिंग्या समझ कर इस पूरी घटना पर विचार कीजिए और सोचिये की आपको अब क्या करना चाहिए इस विषय पर । "

वो मूंगफली नही इस देश का अथाह प्राकृतिक संसाधन है जिसकी रक्षार्थ यंहा के सैनिक अपना उष्ण लाल लहू बहाकर करते है सर , मुफ्त नही है यह ।
वो आपकी बेटी/बेटे की ड्रेस मात्र कपड़ा नही है इस देश के नागरिकों के स्वप्न है भविष्य के जिसके लिए यंहा के युवा परिश्रम का पुरुषार्थ करते है ,मुफ्त नही है यह ।
आपकी बेटी / पत्नी मात्र नारी नही है देश की अस्मिता है सर जिसे हमारे पुरुखों ने खून के सागर बहा के सुरक्षित रखा है , खैरात में बांटने के लिए नही है यह ।
आपका ये पर्स अर्थव्यवस्था है सर इस देश की जिसे करोड़ो लोग अपने पसीने से सींचते है , मुफ्त नही है यह ।

और आपके पुरुखों की निशानी यह चैन मात्र सोने का टुकड़ा नही है सर , अस्तित्व है हमारा , इतिहास है इस महान राष्ट्र का जिसे असंख्य योद्धाओ ने मृत्यु की बलिवेदी पर ढेर लगाकर जीवित रखा है , मुफ्त तो छोड़िए इसे किसी ग्रह पर कोई वैज्ञानिक भी उत्पन्न नही कर सकते ।

कुछ विचार कीजिये सर ! कौन है जो खून चूसने वाली जोंक को अपने शरीर पर रहने की अनुमति देता है , एक बुद्धिहीन चौपाया भी तत्काल उसे पेड़ के तने से रगड़ कर उससे मुक्ति पा लेता है ।

उस युवक ने वह लाइटर जैसा रामपुरी चाकू प्रोफेसर साहब के हाथ में देते हुए कहा यह मेरी प्यारी बहन जो आपकी पुत्री है उसे दे दीजिएगा सर क्योंकि अगर आप जैसे लोग रोहिंग्या को सपोर्ट देकर इस देश में बसाते रहे तो किसी न किसी दिन ऐसी ही किसी कार में आपकी बेटी को इसकी आवश्यकता जरूर पड़ेगी

#बांग्लादेशीऔर रोहिंग्या को देश से निकालो....!!

25/07/2024

एक विश्लेषण चुनावी 2024का कटु सत्य
मित्रों भाजपा 2024में यूपी राजस्थान और बंगाल में चुनाव हारी ही है बल्कि निचले स्तर पर पहुंच गई है।

विधान सभा क्षेत्र वार देखें तो यूपी में सरकार बनाने लायक बहुमत नही मिला है !!

सबसे ज्यादा भीतरघात विधायकों और पार्टी के बड़े पदाधिकारियों ने ही की है।

जातीय समीकरण में देखें तो पार्टी द्वारा दलित पिछड़े समाजों की अति चिंता से सवर्ण जातियों में हीनता उत्पन्न हुई है जिसने 30%वोट सपा कांग्रेस को ट्रांसफर किया है!

लेकिन फिर भी पार्टी सवर्णों की समस्याओं पर ध्यान न देकर पुरानी परिपाटी पर दौड़ती नजर आ रही है !!
किसी भी बड़े नेता ने नैतिक जिम्मेदारी नही ली और न पद छोड़ा है!!

सब चिपके हुए हैं अपने अपने लाभ में!!
कैसी होगी विसात 2027 की
बदलाव होंगे या पुराने आयेंगे और फिर धड़ाम सेंसेक्स की तरह बरसात !!

अभी कार्यकर्ता मुखर बोल रहा है फिर तौल भी देगा बिना बांट के!!

25/07/2024

तीखी मिर्ची अलीगढ़ से
वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता यदि किसी विधान सभा क्षेत्र में सक्रिय हो जाय बस वर्तमान जन प्रतिनिधि उसको ही आगामी दावेदार समझकर हिल जाते हैं
शायद उनका आत्मविश्वास खुद का नही बल्कि पार्टी की नाव पर सवार होकर कायम है!!

इस बार नाव नही खुद की पतवार ही काम आयेगी और इसमें कार्यकर्ता पार भी लगाएंगे और डुबो भी देंगे !!

इसलिए कार्यकर्ताओं का अपमान मत करो उनका सम्मान करो नही तो धुल जाओगे वोट की ताकत से !!

विजय अभियान में खुद के काम और कार्यकर्ता की मेहनत ही गुगली है नही तो सूखे पेड़ की मुगोली बनकर भुला दिए जाओगे!

कार्यकर्ताओं से हिंसा करवाने वाले जन प्रतिनिधिगण तो अब रिपीट होने के ख्वाब ही देखें क्योंकि उनकी खतरे की घंटी टांग दी गई है !

जितना कार्यकर्ताओ से करोगे द्वेष उतना बडेगा विद्वेष!!
जय श्री राम
जय भाजपा तय भाजपा
चुनाव 2027

24/07/2024

मित्रों मेरा अभियान *जनता जगाओ शासन को पहुचाओ* अभी कोल विधान सभा क्षेत्र में चलेगा
संपर्क कर सकते हैं 9023380777

23/07/2024

अलीगढ में विप्र शिरोमणि श्री राजेश भारद्वाज जी के जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित महादेव कृपा बनाए रखें

16/07/2024
05/07/2024

तीखी मिर्ची अलीगढ़ से

मित्रो आजकल ट्रेंड चल रहा है कि बाबा बन जाओ बस शर्त है बोलना आना चाहिए और नेताओं से संबंध हों।
सवा सौ खप गए बाबा की रज में लेकिन बाबा को कोई भी सत्ता हाथ नही डालेगी क्यों??

वोट की चिंता में सभी मगन हैं चाहे देश बंट जाए!!लेकिन वोट चाहिए सबको!!
सामान्य आदमी भले मिट जाए लेकिन यह बाबा रहने चाहिए क्योंकि राजनेतिक फतवे कोन देगा!!

देश का दुर्भाग्य देखिए बाबा रामपाल, बाबा राम रहीम,बाबा आशाराम,बाबा सूरजपाल भोले,इनमे कोई ब्राह्मण नही,यदि इनमे एक भी ब्राह्मण होता तो सेकुलर जमात आसमान सिर पर उठा लेती !!

लेकिन बाबा की बात मत करो यह पंथक जो हैं वोट के ठेकेदार !!
राजनीति इनको पालती है,सेवादारों की फौज इनके पास होती हैं,सुंदरियों की सुरक्षा घेरे में रहने वाले ये कोन से बाबा हैं !!

अरे संभालो इस देश को और बचाओ इन बाबाओं से वरना एक दिन सिर्फ बाबा ही रहेंगे इस देश में !!

सरकार को इन ढोंगी लोगों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए,
#75कोल

02/07/2024

हाथरस के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।प्रभु से प्रार्थना है पुण्यआत्माओं को शांति प्रदान कर श्री चरणों में स्थान दें।




अलीगढ़ में राधा बल्लभ म्यूजिकल ग्रुप के संचालक भाई दिनेश शर्मा जी के पुत्र का रोड ऐक्सिडेंट में निधन से अपूरणीय क्षति से मन आहत है।
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें

Photos from 75कोल की आवाज रामकुमार भारद्वाज's post 02/07/2024

ईश्वर की अनुकंपा से आज ही के दिन जीवन संगिनी का परिणय मेरे साथ हुआ, जीवन के प्रत्येक निर्णय में मेरा साथ निभाने वाली पत्नी रेखा भारद्वाज का साथ अविस्मरणीय है मेरे लिए।
#75कोल

29/06/2024

Winner 🏆 of T20 World Cup india
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं टीम इंडिया

29/06/2024

तीखी मिर्ची में कोल विधान सभा क्षेत्र एक विश्लेषण

मित्रों में इस बार कोल विधान सभा में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में पूर्ण सक्रिय रहा ,पूरे चुनाव में मुझे एक बात प्रत्येक गांव में मिली कि प्रत्येक गांव में भाजपा कार्यकर्ता दो से तीन गुटों में विभाजित थे
यह जानकारी मेरे लिए अध्ययन का विषय बनी कि ऐसा किस कारण से हो सकता है??
चुनाव के मध्य और चुनाव के बाद हमने ग्रामीण लोगों से संवाद किया जो जानकारी मिली वो चौंकाने वाली रही _
1. कोल में विकास कार्य जनप्रतिनिधि द्वारा एक ही ठेकेदार द्वारा संचालित हैं जिसमे कुछ दबंग कार्यकर्ता विशेष लाभान्वित हुए
2. कोल में लगभग प्रत्येक गांव में नाली पानी विवादों तक में जन प्रतिनिधि का हस्तछेप है जिससे कार्यकर्ता गुटों में बंटे और असंतुष्टि का कारण बन गया

3. कोल में कुछ दबंग लोगों का प्रभावगशाली गुट जन प्रतिनिधि पर हावी जिससे सामान्य लोगों का शोषण मुख्य वजह रहा।

4. कोल में ग्रामीण लोगों के छुटमुट विवादों मे पुलिस द्वारा आर्थिक मानसिक तनाव जिसमे जन प्रतिनिधि द्वारा दबंग मजबूत पक्ष का हित और कमजोर को लताड़ लगाई जाती रही।

5.विकाश कार्यों में अनियमितता और जनता की मूल भावना से लगाव नही रखना ।

किया विचार करेंगे पार्टी के लोग ??
नही करेंगे तो जनता करेगी ??

29/06/2024

तीखी मिर्ची अलीगढ़ से:
मित्रों राजनीति एक जहर है जिसमे सदाशयता का कोई स्थान नहीं है।
खोजने से भी वफादार नही मिलेंगे और हटाने से भी गद्दार नही हटेंगे ।

विगत लोकसभा चुनाव में जिस तरह की गद्दारी संगठन और पार्टी पदाधिकारियों और पार्टी के ही जन प्रतिनिधियों ने की वो आंखें खोलने वाली हैं।

खैर की बात करें तो पिछला विधान सभा चुनाव 80000/हजार वोटों से जीते और लोकसभा में 1490वोट से पीछे मतलब 81490 की बुरी हार जिसमे जाट वोट का लगभग डुबकी!! खैर में किसी जन प्रतिनिधि या पदाधिकारी को कोई कमी नहीं आई वल्कि प्रत्यासी विशेष के लिए जातिगत आधार पर वोटिग रही।

बरौली में 90000विधान सभा जीते थे लेकिन लोकसभा में 37000से जीते मतलब 53000की डुबकी
यहां पार्टी के लोग ही पार्टी की खुंदक में व्यस्त रहे।

अतरोली में विधान सभा 40000हजार से जीते यहां 17000से लोकसभा जीते
यहां भी 23000का गोता लगा लेकिन यहां कोई भीतरघात नही बड़ी एंटी इनकंबेंसी हावी रही।

शहर अलीगढ़ में भाजपा का महानगर ही महानगर में नही था, थे तो सिर्फ हलुआ पूड़ी खाने वाले और कार्यालय में भाषण देने वाले लोग, जिस शहर में विधान सभा 10000से जीते तो लोकसभा 7500से हारे , सीधी 17500की हार।

कोल में हम विधान सभा 5300से जीते जबकि लोकसभा29094से बुरी तरह हारे तात्पर्य 34094 की हार , यहां तो कोल देहात में न महानगर था और जन प्रतिनिधि की समानांतर टीमें भाजपा प्रत्यासी के विरोध में लगी थीं जिसने हार का वॉल्यूम क्रिएट करने में अन्य विधान सभाओं में भी संदेश दिया।

पदाधिकारियों जन प्रतिनिधि स्तर की भीतरघात की बात हो तो शहर और कोल की पराजय संदेश तो देती ही है कि यदि लोगों को सांसद की टिकिट नही मिली तो वो किस हद तक गिर सकते हैं !!

मेरा स्पष्ट मानना है कि जो लोग निजी स्वार्थ में गिरकर पार्टी की फजीहत करने में नही चुके हैं तो आगामी विधान सभा चुनाव में इनको ठेंगा दिखाकर रवाना किया जाय नही तो कोई संशय नहीं की जनता इनको पुनः बीच पाकर पार्टी को ही ठेंगा न दिखा दे!!

संगठन खरी बात रखने वाले कार्यकर्ताओं की सुने और चापलूसी करने वाले जहरी लोगों को रिजर्व बेंच पर रख दे,साथ ही जो लोग दो तीन चार बार के लड्डू खा चुके कृपया उनको तिजारत खाने में भेज दिया जाय ताकि यूपी में योगीराज पुनः 2027 में स्थापित करने में बाधा न आए।
जय श्री राम
जय भाजपा
तय भाजपा

24/06/2024

तीखी मिर्ची अलीगढ़ से
मित्रो प्रत्येक समाज में विरोधाभाषी लोग होते हैं जिनकी पूंछ और प्रतिष्ठा नही होती है

ऐसे लोग विरोधाभास से अपनी पहचान बनाने की कोशिश जरूर करते हैं फिर चाहे उनका आयु वर्ग कितना भी बड़ा क्यों न हो

अनेतिक प्रवृत्ति से सिर्फ अपना ही बुरा नहीं करते बल्कि समाज की आवाज को भी खत्म कर सकते हैं , और यह भी सत्य है कि बात जब अन्य मुद्दे पर बोलने की आती है ऐसे लोगों की मुंह में जबान नही होती

प्राय देखा जाता है जो निंदक होते हैं उनकी स्थिति अत्यंत विकट होती है,

वहीं जो सामाजिक नैतिक मूल्यों पर जीवन जीते हैं उनकी स्थिति संघर्ष से निकल कर उच्च मानक स्थापित करती है।

हमने भी समाज की आवाज बनकर जो नैतिक मूल्यों के साथ हो सकता था वो किया,चुंकि मुझे भी अनेतिक प्रवृत्ति के लोगों से सामना हुआ और संघर्ष भी रहेगा ,

हिंसावादी लोग खुद से नष्ट होते रहे हैं क्योंकि उनका कोई मोरल होता नही है, मुझे अपना रास्ता खुद तय करना है इसलिए चल पड़ा हूं एक नए छितिज की तलाश में

अंततः मुझे इन्ही परस्थितियों के कारण राजनैतिक विचारधारा में जाना पड़ रहा है, अब चूंकि राजनैतिक विचारधारा में कुछ सिद्धांत भी बदल सकते हैं

में पीड़ितों बचितों की आवाज उठाता रहूंगा चाहे किसी भी समाज या तबके से हों और मुझे आशा है मेरा समाज मेरे इस निर्णय में अपना आशीर्वाद बनाए रखेगा।
आपका अपना
कोल का बेटा रामकुमार भारद्वाज
परिर्वतन ही नारा है

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