krishan_kumar_dawer

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Ayurveda medicine owner

08/08/2023

बरसाती के मौसम में दूषित भोजन से सावधान रहें

07/08/2023

मुंह के रोगों में पुदीना रामबाण

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06/08/2023

सर दर्द का इलाज एलोवेरा से

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05/08/2023

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04/08/2023

लिवर की सफाई के लिए अपनाएं ये उपाय

20 ग्राम काली किशमिस और 1 ग्लास पानी लेकर मिक्सर मे ज्युस बनाकर सुबह खाली पेट 15 दिनों तक सेवन करने से लिवर की सफाई होती है |

किडनी की सफाई के लिए....

हरा धनिया 40 ग्राम +1 ग्लास पानी मिक्स करके मिक्सर मे पिस करके सुबह खाली पेट लिजिए यह 10 दिनों तक करने से किडनी की सफ़ाई होती है। और हमारी किडनी स्वस्थ रहती है।

हार्ट की सफाई के लिए...

60 ग्राम अलसी को मिक्सर मे पीस लिजिए फिर सुबह शाम खालीपेट 10-10 ग्राम की मात्रा मे सेवन से हमारा हार्ट (हृदय) स्वस्थ रहता है यह उपाय 1 महिने तक करनां है।

दिमाग की सफाई के लिए....

बादाम 8 और अखरोट 2 नग लेकर रात को 1 ग्लास पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें। यह पूरे 2 महिनों तक करने से दिमाग को पूरी तरह से जहरमुक्त किया जा सकता है।

फेंफडो की सफाई के लिए....

2 चम्मच शहद + 1 चम्मच नींबू का रस + 1 चम्मच अदरक का रस सभी चीजो को मिक्स करके सुबह खाली पेट सेवन करने से बिड़ी, सिगरेट, गुटखा या तंबाकु से जो नुकसान हमारे फेंफडो को हुआ है उन्हे सुधार होगा और हमारे फेंफडे पुरी तरह से स्वस्थ हो जाते है। यह प्रयोग करीब 20 दिनों तक करनां है।

शुद्ध शिलाजीत के फायदे अनेक 👍👌

यह यौन क्षमता बढ़ाने में मददगार है
यह टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है
यह पुरुषो में स्पर्म काउंट को बढ़ाता है
यह रोग प्रति रोधक क्षमता में वृद्धि करता है
मानसिक तनाव और अवसाद को दूर करता है
यह माशपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनता है
यह कोलोस्ट्रोइल लेवल को कम करने में सहायक है

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03/08/2023

बरसातों का मौसम और अलग-अलग बीमारियां खासकर इंफेक्शन के कारण होने वाले बुखार

बारिश के मौसम में गंदा पानी पीने से इस समय बैक्टीरिया बहुत तेजी से बढ़ता है और एंटीबॉडी के नुकसान सारी दुनिया जानती है इसके लिए हम आप के लिए आयुर्वेद की पोटली से निरापद #आयुर्वेदिक_एंटीबायोटिक औषधि निकाल कर लाए

अच्छा लगे तो जरुर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें

यदि आपको कभी #टाइफाइड बुखार हुआ हो और आपने 7 दिन या 15 दिन एलोपैथ की गोलियां खाकर उसे ठीक कर लिया हो तो ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह एक शुरुआत है ।

अब हर साल होगा ।

फिर साल में दो बार हुआ करेगा ।

फिर साल में तीन बार हुआ करेगा ।

क्योंकि

एलोपैथ (अंग्रेजी) दवा केवल उसे दबाती है शरीर से, आँतों से निकालती नहीं ।

यदि आप चाहें कि आपको या आपके मित्रों को कभी भी टायफायड जैसी गन्दी बिमारी कभी न हो तो आयुर्वेद की शरण में आइये ।

किसी भी मेडिकल स्टोर से 'महासुदर्शन घनवटी' का 40 गोलियों pack आता है । उसे 40 दिन खाइये और आपको जीवन में कभी भी टाइफाइड तो क्या🍀 🍀सामान्य बुखार 🍀🍀भी नहीं होगा ।

काली काली और जबर्दस्त कड़वी यह गोली टाइफाइड को तो डंडे मार मारकर खदेड़ देगी । जब तक जियेंगे आपको टाइफाइड नहीं हो सकता ।

जो भी इस गोली को लेता है वह इसका गुणगान जीवन भर करता है । यह गोली इतनी कड़वी है कि मुँह में लेते ही तुरंत गुनगुने पानी से निगल जाइये तब भी हल्का सा कड़वा तो कर ही देती है मुंह को । यह गोली हजारों साल पुराने आयुर्वेद के 'महासुदर्शन चूर्ण' का ही गोली रूप है ताकि कड़वापन न झेलना पड़े ।

यह गोली थोड़ी सी गर्म होती है इसलिए रात को हल्की सी बेचैनी भी कर सकती है और हो सकता है आपको नींद दो घण्टे लेट आए । सर्दियों में रात को कोई दिक्कत नहीं । गर्मियों में एक दो गोली केवल सुबह लें गुनगुने पानी से । पाँच साल से ऊपर के बच्चों को एक गोली दे सकते हैं ।

यह गोली घर रखिये और जैसे ही किसी को कोई भी बुखार लगे हल्का सा भी शक लगे तो रात को दो गोली लेकर सो जाएं । सुबह आदमी ऐसे उठेगा जैसे किसी अच्छे मिस्त्री ने बुलेट मोटरसाइकिल की बहुत अच्छे से सर्विस कर दी हो । यह गोली पेट की सफाई भी करती है । इस गोली को किसी भी मेडिकल स्टोर से 60-70 रूपये में खरीद सकते है जिसमें 40 गोलियां होती हैं ।

यह गोली खून भी साफ़ करती है । तभी तो यह जीवन भर बुखार न आने की गारंटी है । टाइफाइड की तो यह दुश्मन है । जिसने इसे प्रयोग कर लिया वो जीवन भर केवल केवल इसी का गुणगान करेगा ।

कृष्ण कुमार डाबर WhatsApp
7206283295
🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹

02/08/2023

यदि आप दर्द में हैं, तो इसके पीछे कारण देखें, और खुद का इलाज करेंने से बच्चेंं।
कृपया अपने शरीर को सुनो!

इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं से बचें जिससे यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध होता है जिससे गुर्दे की विफलता होती है। भारत में एंटीबायोटिक्स का अंधाधुंध उपयोग से मूत्र पथ यूटीआई जैसे घातक संक्रमण कर रहा है।

"कई लोग अपने आप पर एंटीबायोटिक्स लेते हैं यदि वे पेशाब करते समय जलन महसूस करते हैं।
कई डॉक्टर जो विशेषज्ञ भी नहीं हैं मूत्र संस्कृति के संचालन के बिना एंटीबायोटिक्स भी लिखते हैं। यह सब प्रतिरोध ट्रिगर करता है,
"एक विशेषज्ञ ने कहा।
"एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ रहा है और हम उपचार विकल्पों से बाहर निकल रहे हैं।"

आयुर्वेद न केवल नियंत्रण बल्कि बीमारी का इलाज बहुत आसानी से करता है .. एंटीबायोटिक प्रतिरोध विकसित नहीं

आप अपनी किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या के लिए सेक्स समस्या के लिए लिंक का छोटा होना वीर्य का जल्दी निकल जाना वीर्य का पतला होना इंद्री का सिकुड़ जाना

संभोग के समय लिंग का छोटा हो जाना आदि समस्याओं से परेशान है तो हमें नहीं संकोच कॉल या व्हाट्सएप करें

आपका अपना कृष्ण कुमार डावर

072062 83295

01/08/2023

आयुर्वेदिक के रस,रसायन,वटी किस रोग में क्या ले

अगस्ति सूतराज रस
संग्रहणी अतिसार, आमांश शूल व मंदाग्नि में। मात्रा 1 रत्ती प्रातः व सायं भुना जीरा, मठा या शहद में।

अग्नि तुंडी वटी
मंदाग्नि, पेट फूलना व हाजमे के लिए तथा अजीर्ण के दस्त बंद करती है। मात्रा 1 से 3 रत्ती।

अग्नि कुमार रस
अजीर्ण, मंदाग्नि एवं पेट दर्द आदि में। मात्रा 1 से 3 रत्ती।

अजीर्ण कंटक रस
अजीर्ण व हैजे में। मात्रा 1 से 3 रत्ती तक प्याज व अदरक रस के साथ।

अर्श कुठार रस
बवासीर व पद्धकोष्ठ में हल्का दस्तावर है। मात्रा 2 रत्ती शहद में।

आनंद भैरव रस
सन्निपात ज्वर, अतिसार, जीर्ण ज्वर, सर्दी, जुकाम, खाँसी व आमवातादि रोगों में। मात्रा 1 से 2 गोली शहद व पान के रस में।

आमवतारि रस
आमवात विकार के कारण शरीर के दर्द में लाभकारी। मात्रा 1 से 4 गोली गर्म पानी में अथवा दूध से।

आरोग्यवर्द्धिनी वटी नं.1
पाचक, दीपक, मेदनाशक, मलावरोध, जीर्ण ज्वर, रक्त विकार, शोथ व यकृत रोगों में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली रात्रि को ठंडे जल के साथ।

इच्छाभेदी रस
यह तीव्र दस्तावार है, शूल रोग मल का रुकना तथा पेट फूलने आदि पर लाभकारी है। तीन-चार दस्त लाकर पेट साफ करती है। मात्रा 1 से 2 गोली रात्रि को ठंडे जल के साथ।

एकांगवीर रस
गृध्रसी, विकलांगता आदि तीव्र वात विकारों में लाभदायक। अंगों में आई अशक्तता को दूर करने में लाभदायक। मात्रा 1 से 2 रत्ती।

एलादि वटी
सूखी खांसी, पुरानी खांसी, दमा, रक्त पित्त (मुंह से खून गिरना), वमन, स्वरभेद (गला बैठना), प्यास आदि में लाभकारी यह संग्राहक, वेदनाशामक तथा निद्राप्रदायक है। गले की खराबी, टांसिल फूलने में फायदेमंद। मात्रा 2 से 4 गोली चूसना चाहिए।

कफकुठार रस
कफ के अधिक गिरने तथा खाँसी और दमा में लाभकारी। सर्दी व जुकाम के बुखार में मात्रा 1 रत्ती शहद व पानी के साथ।

कफकेतू रस
कफजन्य बुखार, दमा, खाँसी, पीनस, गले के रोग, दाँत-कान व नेत्र रोगों पर, जुकाम आदि में लाभकारी। मात्रा 1 रत्ती शहद व पानी के रस में।

कर्पूर रस
पतले दस्त, संग्रहणी, ज्वरातिसार आदि में लाभकारी। यह संग्राहक तथा निद्राप्रदायक दवा है। मात्रा 1 -1 रत्ती तीन बार छोटे बच्चों को 1/4 रत्ती।

कल्पतरू रस
खाँसी, क्षय, श्वास, बुखार, अजीर्ण, मुख रोग व कफ ज्वर नाशक है। मात्रा 2 रत्ती शहद व अदरक के साथ।

काम दूधा रस
रक्त पित्त, अम्ल पित्त, वमन, पित्त वृद्धि, भ्रम आदि पित्त विकारों में लाभकारी। मात्रा 2 से 6 रत्ती।

काम दुधा
पित्तजन्य समस्त रोगों में लाभदायक। रक्त पित्त, अम्ल पित्त, गर्भवती के वमन एवं रक्त स्राव आदि में लाभकारी। मात्रा 1-1 रत्ती दिन में तीन समय।

कामिनी विद्रावण रस
शुक्रवर्द्धक एवं स्तंभन शक्तिवर्द्धक। मात्रा 1 से 2 गोली रात को दूध में।

कुमार कल्याण रस (स्वर्णयुक्त)
बच्चों के सभी रोग, जैसे ज्वर, खाँसी, श्वास, उल्टी, दस्त होना, दूध डालना, सूखा रोग, पसली चलना आदि में शीघ्र लाभकारी तथा बच्चों को बलवान बनाता है। मात्रा 1/4 रत्ती सुबह व शाम मां के दूध के साथ।

कुटजघन वटी
ज्वर, अतिसार और संग्रहणी में पतले दस्त होने पर लाभकारी। मात्रा 2 से 4 रत्ती।

क्रव्याद रस (वृहत)
मंदाग्नि मूलक रोगों एवं उदर रोगों में लाभदायक। अत्यंत अग्निदीपक, शूल, बादी से पैदा गाँठें व कब्जियत पर लाभकारी। मात्रा 2 से 4 रत्ती।

कृमि कुठार रस
पेट के कीड़ों को नष्ट करता है। मात्रा 2 से 4 रत्ती सुबह-शाम वायविडंग के काढ़े के साथ।

कांकयन वटी
खूनी बवासीर व बादी दोनों में लाभकारी। मात्रा 2 गोली सुबह-शाम।

खादिरादि वटी
स्वर भंग, खाँसी, मुँह में छाले पड़ना, होठों के विकार में गोली चूसने पर आराम मिलता है। खून की गर्मी नष्ट करती है।

गर्भपाल रस
गर्भपात एवं गर्भ के कारण होने वाले वमन, अरुचि आदि में लाभकारी तथा गर्भ पोषक है। मात्रा 1 से 2 रत्ती सुबह-शाम शहद से।

गर्भ चिंतामणि रस वृहत (स्वार्णयुक्त)
असमय तथा बार-बार गर्भ का गिरना, गर्भ के कारण उत्पन्न रोगों में लाभकारी। इससे गर्भ की रक्षा तथा पोषण होता है। गर्भिणियों के ज्वर, दाह, आदि के लिए उपयुक्त। मात्रा 1 से 2 रत्ती।

गुडुत्ती (गिलोय) सत्व
जीर्ण ज्वर, रक्तपित्त, प्रमेह, पांडू तथा जलन आदि में लाभप्रद। मात्रा 2 से 6 रत्ती।

गंधक वटी
रक्त शोधक, अजीर्ण, अतिसार, संग्रहणी, हैजा, वायुगोला व पेट के रोगों में लाभकारी। मात्रा 2 से 4 गोली भोजन के बाद गर्म जल के साथ।

गंधक रसायन
सब प्रकार के रक्त विकार, कुष्ठ रोग, खाज-खुजली, फोड़े-फुंसी, चकत्ता, वातरक्त आदि रक्त एवं चर्म रोगों को दूर करता है। रसायन पुष्टिकारक तथा पाचन अग्नि बढ़ाने में उपयोगी है। मात्रा 1 से 4 रत्ती सुबह-शाम दूध से।

ग्रहणी कपाट रस
संग्रहणी, अतिसार, मंदाग्नि, आमातिसार व अजीर्ण के दस्त दूर करता है। मात्रा 1 से 2 रत्ती सुबह-शाम जीरा, जायफल व शहद से।

चन्दनादि वटी
प्रमेह आदि में, पेशाब की जलन को दूर कर पेशाब खुलकर लाती है। पेशाब में मवाद आना, पुराना सुजाक आदि रोगों में लाभकारी। मात्रा 1-1 गोली दिन में तीन बार पानी अथवा दूध की लस्सी से।

चन्द्रप्रभा रस
असंयमजनित सभी प्रकार के विकार, मूत्राशय की दुर्बलता, स्नायु दौर्बल्य, सब प्रकार के प्रमेह, पथरी, सुजाक, मूत्र दोष, धातु क्षीणता, पेशाब में धातु जाना, प्रदर व रजोधर्म संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली प्रातः व सायं दूध के साथ।

चन्द्रकला रस (मौक्तिक युक्त)
रक्त पित्त, रक्त स्राव, दाह, वमन एवं अन्यान्य पित्त विकारों में लाभकारी। मात्रा 1/2 सुबह व शाम।

चन्द्रामृत वटी
जुकाम व गले की खराब से खाँसी, श्वास, रक्तपित्त, प्यास, जीर्ण ज्वर आदि में मात्रा 1 से 3 रत्ती।

चन्द्रोदय वर्ती
तिमिर, मांस, वृद्धि, मोतियाबिंद, रतौंधी, फूला, नेत्र के दाने व पटलनाशक में लें। गुलाब जल या पानी में घिसकर लगाना।

चतुर्मुख रस (स्वर्णयुक्त)
समस्त प्रकार के वायु स्नायु रोग, दौर्बल्य, मानसिक विकार, शारीरिक क्षीणता, मूत्र विकार, पुराना बुखार, खांसी, अम्लपित्त, प्रसूत ज्वर आदि में लाभकारी। मात्रा 1/2 से 1 रत्ती दिन में दो बार।

चिंतामणि रस (स्वर्णयुक्त)
मानसिक विकार को दूर कर रक्त संचार को नियमित करता है। अनिद्रा, घबराहट, भ्रम आदि में उपयोगी। मात्रा 1/2 से 1 रत्ती दिन में दो बार।

चित्रकादि वटी
पाचन शक्ति की कमी, अरुचि, आंव, पेचिश, संग्रहणी, रोसेज आदि रोगों को दूर करती है। मात्रा 2 से 4 गोली भोजन के बाद।

ज्वरांकुश रस
नया बुखार, विषम ज्वर, पारी से आने वाले बुखार में अत्यंत लाभकारी एवं मल शोधक। मात्रा 1 से 2 रत्ती नीबू के रस या शहद में।

जलोदरारि रस
जलोदर रोग से शरीर में एकत्रित जल को सुखाती तथा बाहर निकालती है और फिर संचय नहीं होने देती है तथा दस्तावर भी है। यकृत वृद्धि व उदर रोगों पर लाभकारी। मात्रा 1 से 2 रत्ती शहद में।

जयमंगल रस (स्वर्णयुक्त)
जीर्ण ज्वर, धातुगत ज्वर और कठिन बुखारों में अत्यंत लाभकारी। मात्रा 1 से 2 रत्ती सतगिलोय, सितोपलादि चूर्ण व शहद के साथ।

जवाहर मोहरा (स्वर्णयुक्त)
दिल व दिमाग को ताकत देता है। घबराहट, चक्कर आना तथा बेचैनी में लाभकारी। मात्रा 1/2 रत्ती दिन में 2-3 बार शहद या फल के रस के साथ।

तालकेश्वर रस
रक्त विकार, खाज, खुजली, वात रक्त, उपदंश आदि में मात्रा 1/2 से 1 रत्ती शहद अथवा मक्खन के साथ।

तारकेश्वर रस
बार-बार पेशाब लगने अथवा पेशाब के साथ-साथ विभिन्न पदार्थों के निकलने की अवस्था में रस, रक्तादि धातुओं को बढ़ाकर शरीर को पुष्ट करता है। मात्रा 1 से 2 रत्ती।

यह सभी दवाइयां आयुर्वेदिक स्टोर से सभी ब्रांड इसी नाम से बना कर बेचते हैं

आपका अपना कृष्ण कुमार डाबर
व्हाट्सएप 7206283295

31/07/2023

आप भी इसके लिए अपना समर्थन दीजिए

30/07/2023

आजकल #एसिडिटी हाइपर एसिडिटी एसिड रिफ्लक्स बीमारियों से अधिकतर लोग ग्रस्त हैं घर बैठे खुद ही आप इनका इलाज कर सकते हैं

हायपर एसिडिटी का रामबाण उपचार

यदि किसी को अनेको उपाय करके (गैस,एसिडिटी,पेट मे जलन,सीने में जलन इत्यादि )भी आराम नहीं हो रहा तो आप ये रामबाण अचूक एवं स्वयं द्वारा परीक्षित उपचार अवश्य करे।
,,आवश्यक औषधियां,,

1, मुलहठी चूर्ण 60 ग्राम
2, आमलकी रसायन 60 ग्राम
3,अविपत्तिकर चूर्ण 60ग्राम
4, गिलोय सत 30 ग्राम
5, प्रवाल पिष्टी 10 ग्राम
6, सूतशेखर रस 10ग्राम
7, कामदुधा रस 20ग्राम
8, शंख भस्म 10 ग्राम
9, सोडा बाइ कार्ब 20 ग्राम

सबको मिलाकर रख लें, सुबह-शाम हॉफ से 3/4स्पून

चम्मच भोजन से पहले ताजे जल से सेवन कर लें।

अपने स्वास्थ्य समस्याओं के लिए और सेक्स समस्याओं के लिए निज संकोच कल या व्हाट्सएप करें
इसके सेवन करने से पहले दिन से ही आराम मिल जाएगा।

7206283295

29/07/2023
28/07/2023

#नपुंसकता #शीघ्रपतन #कमजोरी बुढ़ापा # #शुक्राणुओं की कमी

वि*याग्रा जैसी हार्ट को व गुर्दे को तकलीफ देने वाली गोलियाँ लेने वाले भाईयो, कृपया ध्यान दें कि आयुर्वेद मे शीघ्र*पतन जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये आप एक बार

#रसेंद्र_चूड़ामणि_रस" खुद तैयार करके इस्तेमाल जरूर करके देखें।
• इन गोलियों का इस्तेमाल करने वाला मर्द जिस औरत के साथ सं*भोग कर लेगा वह औरत जीवन भर उसी मर्द की दासी बनकर रह जायेगी।

• ताकतवर समझकर कभी भी बताई गई मात्रा से जयादा इस्तेमाल न करें कयोंकि जयादा मात्रा में सेवन करने से कामोत्तेजना बहुत बढ जाती है।

• यह "रसेंद्र चूडामणि योग" इतना प्रभावशाली है कि इसका सेवन करने से रोम- रोम नाचने लगता है। मस्ती से भरा हुआ मर्द जब औरत के साथ सेज साँझी करता है तो दोनों की रूह एक दूसरे में इस तरह समा जाती है जैसे तुम और मैं का भेद समाप्त हो जाता है।

• इसका उपयोग एक दूसरे से बहुत प्यार करने वाले जोड़ों को जरूर करना चाहिए। वही इसकी सही उपयोग करके एक दूसरे के हो सकते हैं। औरत वाले इसका इस्तेमाल सोच समझकर ही करें।

• यह औषधि अति विलासी "राजे- महाराजे" इस्तेमाल करते थे। क्योंकि उनके एक से अधिक औरतों के साथ संबंध होते थे। इसके कुछ दिन सेवन करने से वी*र्य बहुत गाढा हो जाता है। इसके कुछ दिनों के इसतेमाल से नाड़ीतंत्र को ताकत मिलती है।

• इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वी*र्य वर्धक औषधियों का मिश्रण होने के कारण अफीम से होने वाले नुकसान बहुत कम हो जाते हैं। लेकिन फिर भी इसका सेवन 90 दिनों से जयादा न करने की सलाह दूँगा।

शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्र*पतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह "रसेंद्र चूडामणि रस" वरदान है। जबकि दूसरी बाजीकरक व वी*र्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 10-15 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग तुरंत प्रभाव से असर दिखाता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।

बनाने की विधी :
• पारा भस्म 10 ग्राम।
• स्वर्ण भस्म 5 ग्राम।
• नाग भस्म 100 पुटी 30 ग्राम।
• अभ्रक भस्म 1000 पुटी 40 ग्राम।
• वंग भस्म 50 ग्राम।
• अतुल शकतिदाता योग (खुद तैयार किया) 60 ग्राम।
• चाँदी भस्म 70 ग्राम।
• स्वर्ण माक्षिक भस्म 80 ग्राम।

सबको मिलाकर धतूरे के पतों के रस और भंग के पतों के रस में तीन दिन खरल करें।

फिर मघाँ, गिलोय, भड़िंगी, अंबरबेल, खस, नागरमोथा, शुद बचनाग, मुलठी, शतावर, कौंच के रस जा काड़े की सात- सात भावना देवें।

जब सारी दवाई सूख जाये तो इसके कुल वजन की आधी अफीम मिलाकर तुलसी के रस में घोटकर 2-2 रती की
कैप्सूल या गोली बनाकर छाया में सुखा लें।

मात्रा :
1 या 2 गोली या कैप्सूल दूध से लेवें। तुरंत प्रभाव हेतू संभोग से 2 घंटे पहले गर्म दूध से लेवें।

यह ना*मर्दी, वी*र्य की कमजोरी और शीघ्र*पतन दूर करने के लिये उतम योग है। ज्यादा औरतों के साथ संभोग करने वाले विलासी पुरूषों के लिये उतम औषधि है।

कृपया ध्यान दे : कृपया आप रसेंद्र चूड़ामणि रस अपने नजदीकी प्रमाणीकृत वैद्य की सहायता से ही बनवाये गलत तरीके से बनाई गई कोई भी औषिधि नुकसान दायक हो सकती है।

क्या आप निम्न से*क्स समस्याओं से परेशान हैं ?
1. लिं*ग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी से*क्स की इच्छा ही न होना जिस कारण संगिनी का कुंठित व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अकारण पत्नी झिड़कियाँ दे रही है ।

2. से*क्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिं*ग का बिना वी*र्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना ?

3. से*क्स क्रिया शुरू करते ही वी*र्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े ?

4. एक बार यदि से*क्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिं*ग में से*क्स करने लायक उत्तेजना का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कम उम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है?

5. वी*र्य में शु*क्राणुओं की कमी, वी*र्य का पानी की तरह पतला होना ?

6. से*क्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों ?

7. लिं*ग में से*क्स करने लायक कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना ?

8. जवानी शुरू होते ही हस्त*मैथुन करके वी*र्य का सत्यानाश करा और लिं*ग को भी बीमार बना डाला है ?
9. से*क्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो ?

ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं

लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाली औषधि आपके पास हों न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे
जो कि शरीर की समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर न सिर्फ़ कमजोरी दूर करता है बल्कि अतिरिक्त काम-क्षमता (से*क्स पावर) भी प्रदान करता है।

औषधियों के बने सेट को कुछ समय तक सेवन से स्थायी परिणाम मिलता है। इसके प्रभाव से आप पिछली गलतियों को सुधार सकते हैं और नए जीवन की सफलता से शुरूआत की है!!

हमारी कूरियर की Worldwide Delivery Service Available है।

आपके मन में अपनी विवाहित जिंदगी से जुड़ी कोई भी समस्या का सामना कर रहे हो हमसे जरूर संपर्क करें अपने सवालों के जवाब पाए और आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करके अपनी हर प्रकार की कमजोरी से छुटकारा पाए

संपर्क सूत्र कृष्ण कुमार डाबर
7206283295 watsup

Photos from krishan_kumar_dawer's post 28/07/2023

आई फ्लू के लक्षण और सावधानी क्या बरतनी चाहिए।

28/07/2023

#बच्चा_पैदा_करने_के_लिए_क्या_आवश्यक_है..??

#पुरुष_का_स्पर्म.... और ा_गर्भ !!!
लेकिन रुकिए .... .सिर्फ गर्भ!!!!
नहीं... नहीं.....
एक ऐसा शरीर जो इस क्रिया के लिए तैयार हो .....जबकि स्पर्म के लिए 13 साल का स्पर्म और 70 साल का स्पर्म भी चलेगा।
लेकिन ....गर्भाशय मजबूत होना चाहिए.... इसलिए सेहत भी अच्छी होनी चाहिए ...एक ऐसी स्त्री का गर्भाशय जिसको बाकायदा हर महीने समयानुसार माहवारी आती हो.. .. जी हां वही माहवारी जिसको सभी स्त्रियां हर महीने बर्दाश्त करती हैं . ...क्योंकि महावारी उनका चॉइस नहीं है ....यह कुदरत के द्वारा दिया गया एक नियम है। वही महावारी जिसमें शरीर पूरा अकड़ जाता है . ‌‌कमर लगता है टूट गई ....पैरों की पिंडलियां फटने लगती हैं ....लगता है पेड़ू में किसी ने पत्थर ठूंस दिए हों.... दर्द की हिलोरें सिहरन पैदा करती हैं ....ऊपर से इसको छुपा छुपा के रखना अपने आप में किसी जंग से कम नहीं....
बच्चे को जन्म देते समय असहनीय दर्द को बर्दाश्त करने के लिए मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से तैयार हों ( 40 हड्डियां एक साथ टूटेंगे जैसा दर्द सहन करने की क्षमता से परिपूर्ण हों)
गर्भधारण करने के बाद शुरू के 3 से 4 महीने जबरदस्त शारीरिक और हार्मोनल बदलाव के चलते उल्टियां ..थकान. ‌.. अवसाद.. ‌ के लिए मानसिक रूप से तैयार हों... 5वें से 9वें महीने तक अपने बढ़े हुए पेट और शरीर के साथ सभी काम यथावत करने की शक्ति हो
गर्भधारण के बाद कुछ विशेष परिस्थितियों में तरह तरह के हर दूसरे तीसरे दिन इंजेक्शन ठुकवानें की हिम्मत रखती हों (जो कभी एक इंजेक्शन लगने पर भी घर को अपने सिर पर उठा लेती रही हो )
प्रसव पीड़ा को दो-चार 6 घंटे के अलावा 2 दिन 3 दिन तक बर्दाश्त कर सके और अगर फिर भी बच्चे का आगमन ना हो तो गर्भ को चीरकर बच्चे को बाहर निकलवाने की हिम्मत रखती हो....
अपने खूबसूरत शरीर में स्ट्रेच मार्क्स और ऑपरेशन का निशान ताउम्र अपने साथ ढोने को तैयार हों
कभी कभी प्रसव के बाद दूध कम उतरने या ना उतरने की दशा में तरह-तरह के काढ़े और दवाई पीने का साहस रखती हो
जो अपनी नींद को दांव पर लगाकर दिन और रात में कोई फर्क ना करती हो
जो उसकी सुसु और पाटी की नैपियां धुलने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो
3 साल तक सिर्फ बच्चे के लिए ही जीने की शर्त पर गर्भधारण के लिए राजी होती औरत के जिगर की तुलना तुम अपने व्यर्थ में बहा देने वाले स्पर्म से क्या करोगे!!!!!
स्पर्म तो बाजार में भी उपलब्ध है और इंजेक्शन के द्वारा गर्भ में धारण कराया जा सकता है लेकिन एक गर्भ में आने के बाद एक स्त्री की यही मनोदशा होती है जिसे एक पुरुष शायद ही कभी समझ पाए ।🇮🇳
(कुछ अपवादों को छोड़कर )🙏

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14/07/2023

#महासुदर्शन_काड़ा

आजकल बारिश के मौसम में और गंदे पानी के कारण होने वाले बीमारियों के लिए घर बैठे खुद उपचार करें
हर घर में रखने योग्य

सर्दी खांसी जुकाम बुखार बदन दर्द जादू की तरह असर
2 से 5 चम्मच
आधा कप पानी में खाना खाने के बाद दोपहर और रात

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28/12/2022
25/12/2022

ग्रामीण वैधों का ब्रह्मास्त्र होती थी
भैषजमणिमाला का योग

#मृतसंजीवनी_सुरा(अर्क)

जो कई बार इंजेक्शन से भी जल्दी असर दिखाती थी ओर कोई खास दुष्प्रभाव भी नहीं था।दुर्भाग्य से उल्लूपैथी ओर आबकारी विभाग के शडयंत्र का शिकार हो गई,असुरो के शडयंत्र के कारण बाजार से आउट हो गई जादुई संजीवनी ।
ठन्ड यानी जाडा और बरसात के दिनों में होने वाली सभी तरह की बीमारियों में इसका उपयोग करना मरीज की जान बचाने के लिये तो रामबाण था ही मलेरिया में भी बढ़िया काम करती है ।
मृतसन्जीवनी सुरा(अर्क) को एक या दो उपयुक्त आसव या अरिष्ट बराबर- बराबर + बराबर जल के साथ मिलाकर खाने के बाद दोपहर और रात को दिया जाता था/है । कानूनी रूप से अवैध है मगर फिर भी कुछ वैध अब भी चोरी छिपे बना कर प्रयोग करते होंगे । आसपास कहीं किसी के पास उपलब्ध हो तो जरूर प्रयोग करें।

इस ओषधी के उपयोग से वात प्रकूपित दर्दों में बहुत आराम मिलता है । जिन्हे किसी भी तरह का दर्द हो या कमजोरी हो वे इसका उपयोग उपयुक्त आसव या अरिष्ट के साथ मिलाकर करें ।
जिन्हे सर्दी , जुखाम, खान्सी, श्वास की तकलीफें हों, वे इसका उपयोग निसंकोच कर सकते है ।

प्रसव के बाद महिलाओं को इस ओषधी का सेवन अवश्य करना चाहिये, यह महिलाओं के जननागों पर बहुत सटीक असर करती है और बहुत प्रभावशाली भी है । इस ओषधी की गठिया,संधिवात आदि तकलीफों में मालिश करने से लाभ होता है ।

अनिद्रा( जिन्हे नीन्द न आती हो) जिन्हे मानसिक रोग हो, जिन्हे दिमागी काम बहुत अधिक करना रहता हो, वे लोग इसका सेवन अश्वगन्धारिष्ट, सारस्वतारिष्ट, द्राक्षारिष्ट आदि के साथ भोजनोपरान्त करें तो बहुत लाभ होता है।

शास्त्र में इस ओषधी के बहुत से प्रयोग बतलाए गए हैं यह मादक और गर्म स्वभाव की है अतः इसका अधिक उपयोग हानिकारक भी हो सकता है।
इसकी मात्रा 5 मिलीलीटर से 10 मिलीळीटर तक ही है, इससे अधिक इसे कभी भी नहीं लेना चाहिये ।
यह जादुई ओषधी निमोनिया हैजा - सन्निपात बुखार के ठंडे पड़ते शरीर में फिर से गर्मी उत्तपन कर देती है ।
श्वास - दमा,खांसी में तो तुरंत असर करती है/ थी, वात कफ के रोग खुद ही गो कुराना गो कुराना करते करते भागने लगेंगे ।
यह कैंसर जैसे भयानक दर्द में भी राहत देती थी/है ।
मानव शरीर 2 द्रव्यों को बहुत शीघ्रता से हजम करता है और हजम किये गये पदार्थ को सीधे सीधे खून में मिला देता है , ये दो द्रव्य हैं अल्कोहल और ग्लूकोज । स्पष्ट बात है कि जब आसव अरिष्ट सुरा जैसी वस्तु के साथ मिलाकर प्रयोग किए जाएंगे तो शरीर में प्रभाव भी शीघ्रता से करेंगे।
मृत सन्जीवनी सुरा आयुर्वेद की एक ऐसी औषधि है जो वाकई में किसी भी बीमारी के कारण मरने वालों के लिये “सन्जीवनी” जैसा काम करती है ।

इस औषधि का योग भैषजमणिमाला में इस प्रकार से दिया गया है ।

नया गुड़ 6 सेर, बबूल(कीकर) की छाल, बेर की छाल, सुपारी प्रत्येक 1 सेर, लोध 20 तोला, अदरख 20 तोला, कूट पीस कर तथा गुड़ को 8 गुना सादे पानी में घोलकर किसी बडे बरतन में डाल दें और इस बरतन का मुख बन्द करके 20 से 25 दिन तक सन्धान के लिये एकान्त में रख दें ।

सन्धान के समय बीतने के बाद इस सारे द्रव्य में सुपारी, एल्वालुक, देवदारू,लौन्ग, पद्माख, खस, सफ़ेद चन्दन, सोया, अजवायन, काली मिर्च, सफ़ेद जीरा, स्याह जीरा, कचूर, जटामासी, दालचीनी, इलायची, जायफल, नागरमोथा, गठिवन, सोन्ठ, मेथी, मेढासिन्गी, चन्दन , ये सब प्रत्येक द्रव्य ढाई ढाई तोला लेकर मिला लें और इसमें 5 सेर पानी और मिलाकर सारी ऊपर की बतायी दवायें घोल दें ।

अब इस सभी द्रव्य को अर्क निकालने वाले “भबका” यन्त्र में डाल कर इसका सुरा रूपी अर्क निकाल लें ।

वास्तव में यह एक प्रकार की ओषधीय शराब होती है जो उपचार के लिये काम आती है । इस ओषधी का उपयोग पुराने समय के वैध उपर बतायी गयी बीमारियों में सफलता पूर्वक किया करते थे,कुछ गिने चुने वैध आज भी करते हैं ।

सौजन्य अतुल पटेल

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25/12/2022

आयुर्वेद कहता है

'घृतेन शीघ्र वर्धते वीर्यम

' मतलब गाय का घी खाने से #सीमेन (virya) जल्दी बनता है।

एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच गाय का घी मिला कर स्वादानुसार मिश्री के साथ लेने से फायदा होता है।

चरक ऋषि ने कहा है - ये दुनिया का श्रेष्ट टॉनिक है

पर अमूल का दूध उस वक्त नहीँ था

मतलब यहां शुद्ध घी से मतलब जो ग्रामीण परिवेश में शुद्ध रूप से घी निकाला गया हो और शुद्ध दूध से मतलब भी शुद्ध देसी गाय जो ग्रामीण परिवेश में रहती हो

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25/12/2022

कर्ण रोग .कान से बहुत कम सुनाई देना.
कान मे आवाज होना, कान से मवाद आना ,
कान का दर्द की चिकित्सा-
सारिवा
,मुलेठी,
कुठ,
दालचीनी
, छोटी इलायची,
तेजपत्र,
नागकेशर, प्रियंगु का फुल,
निलोफर,
गिलोय, लौँग, हरड़
बहेड़ा,आमला

,ये प्रत्येक 15-15 ग्राम,

शुद्ध कुचला 100 ग्राम,
काला नमक,
अजवायन, मेथी,
छोटी हरड़, सौँफ,
शुद्ध गुग्गुल, ये 150-150 ग्राम सोँठ,

काली मिर्च,
पिप्पली, पिप्पलामुल
ये 75-75 ग्राम लेकर कुट पीसकर महीन चूर्ण कर लेँ

दशमूल क्वाथ की भावना देकर 200 mg की गोली बना ले 2-2 गोली पानी से सब प्रकार के कर्ण रोँगो मे बहुत ही प्रभावकारी है

अगर कान से बहुत कम सुनाई देता है

तो साथ मे #बिल्वादि तैल 2-3 बूंद डालीये

अगर ज्यादा पस आता है तो

क्षार तैल की 2-3 बूंद डाले

सारीवादी वटी भी 2-2 गोली ले सकते है

जीर्ण कर्ण स्राव पर अनुभव-
यह वाला प्रयोग अगर आप चिकित्सा क्षेत्र में अनुभव रखते हैं तो ही नीचे वाली बत्ती का प्रयोग करें वरना इसका प्रयोग ना करें तब केवल खाने वाली दवाई का ही प्रयोग करें

रसकर्पूर 10
ग्राम शिगरफ 15 ग्राम ,
वक्री हरताल 15 ग्राम
और कपूर 15 ग्राम

लेकर सबको घोँट कर रख लेँ पहले रुई की मोटी बती बनावे उस पर ये दवा को मक्खन मेँ मिलाकर मरहम बनाकर रुई की बत्ती बनायेँ

इसको कान के अन्दर तक लगायेँ

आधुनिक चिकित्सा मेँ कान के परदे फट गये है

ऐसा कह देते है रोगी सालो से कर्ण स्राव से परेशान रहता है

इस प्रयोग से उन्हे बहुत लाभ होगा अगर इसे लगाने के बाद कोई परेशानी होने लगे जैसे ज्यादा गर्मी होना या चक्कर जैसा कुछ भी दिक्कत हो तो इसे तुरन्त निकाल देँ

फिर बाद मेँ ये इसे लगाये इस प्रयोग काल मेँ सिर पर पानी ना डालेँ दही . बर्फ. ठ्ण्डे चीजे और मीठे का सेवन करेँ अगर कुछ जानकारी लेना हो तो कृपया आप मुझे काल कर सकते है

मेरे प्रोफाइल नम्बर पर अगर फोन ना उठाया जाये तो नाराज ना हो एक बार और कोशिश कर लेँ

आप हमें व्हाट्सएप पर भी संपर्क कर सकते हैं आप अपने स्वास्थ्य से जुड़ी शारीरिक समस्याओं के लिए

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आपका अपना कृष्ण कुमार डावर व्हाट्सएप

7206283295

25/12/2022

आंखों की समस्या के लिए आयुर्वेदिक उपचार-
आमलकी रसायन 120 ग्राम,
सप्तमृत लौह 10 ग्राम,
अभ्रक भस्म सहस्त्र पुटी 2.5 ग्राम,
मोती पिष्टी 2.5ग्राम,
प्रवाल पिष्टी 5 ग्राम ,

सबको एक में मिलाकर घुटाई करके रख लें

चाहे तो 250 ग्राम शहद में मिलाकर रख सकते हैं

आधा चम्मच इसमें से लेकर दुध के साथ लें और

महात्रिफला घृत 1 चम्मच दुध के साथ लें आंखों में

नेत्र सुदर्शन अर्क डालें या

आइसोटिन ड्राप 2-2 बूंद इससे नेत्र के तमाम प्रकार के रोग दूर होते हैंजैसे कम उम्र में आंखों पर लगा चश्मा, आंखों से पानी आना लाल होना खुजली होना ,

ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए रजत भस्म और स्वर्ण भस्म भी मिला सकते हैं ।500 mg

Photos from krishan_kumar_dawer's post 25/12/2022
10/11/2022

अगर आपको पथरी की समस्या है

तो पत्थरचिट्टा आपकी सेहत के लिए रामबाण औषधि है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के पत्तों का गुनगुने पानी के साथ सेवन करना है।
ऐसा रोज करने से आपको पथरी की समस्या से राहत मिलेगी। अच्छे परिणाम के लिए इसके 2 पत्तों का खाली पेट सेवन करें। अगर आप पत्थरचिट्टा के रस में सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करते हैं तो पेट दर्द से भी राहत पा सकते हैं।
ये पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है

Photos from krishan_kumar_dawer's post 06/10/2022

स्पेशल टेबलेट
#चहकती_पत्नी_और_सर्दी_मे_गर्मी_का_एहसास चाहिए ,तो
गोली_महा_वाजिद_अली_स्पेशल क्यों नही खाते ?
ऐसी गोली जो प्यार के लम्हों को लंबा खींच कर यादगार बना दे
शादी होने वाली है

या शादी हो चुकी है और शर्म के मारे किसी को कुछ कह नहीं पा रहे
तनाव की कमी और समय की कमी से परेशान
बढ़ती उम्र के एहसास से परेशान है जीवनसाथी के सामने सर झुका रहता है
शुगर के कारण तनाव की कमी है जो उसकी कमी है टाइम तो बहुत ज्यादा कमी है तो यह गोली आपके लिए

नमस्कार दोस्तो,

आज हम आपके लिए जो औषधि लेकर आये है वो है वो आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पर आधारित खास तौर पर विलासी पुरुषों के लिए बनाई गई गोली है।

जैसे बाजार में मिलने वाली वियाग्रा सैंडरफीनल जैसे गोली काम करती है ये उससे भी तेज असर दिखाती है।और उस गोली से हार्ट अटैक जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते है लेकिन इस गोली से ऐसा नही होता।जिसका नाम है

गोली महा वाजिद अली शाह स्पेशल ।।
पोस्ट बाय कृष्ण कुमार डाबर

यह गोली सेक्स पावर का बेजोड़ खजाना है।एक बार पहले भी हमने ऐसी ही एक दवा डाली थी पोस्ट में जिसका नाम था गोली वाजिद नवाब अली शाह।ओर ये गोली पहले वाली से काफी तेज है।।

अब इसके सेवन विधि बताते है, बैड पर जाने से 2 घंटा पहले ये एक टेबलेट गर्म दूध के साथ लेले।ओर ध्यान रहे जिस दिन यह गोली ले रहे है उस दिन खाना हल्का ओर कम मिर्च मसाले वाला खाना है और खाना खाने के 1 ओर किसी भी प्रकार की खट्टी चीज़े या खटाई नही खानी।ओर खाना खाते ही यह गोली काम नही करेगी।और संभोग किर्या करते वक़्त यदि लंबे समय बाद भी डिस्चार्ज न हो तो निम्बू का रस के कुछ बूंद पी लेवे उसी वक़्त डिस्चार्ज हो जाएगा।महिलाएं इसका सेवन नही कर सकती।

जरूरी बात:- यह गोली रोजाना सेवन के लिए नही है।।रोजाना सेवन करने से इसकी शरीर को आदत पड़ सकती है जो की सही नही है।।

इसका सेवन किसी खास मौके सालगिरह, फर्स्ट नाईट, या किसी रात को खास बनाने के लिए कर सकते है सिर्फ।अधिक मात्रा में इसका सेवन न करे।।और एक से ज्यादा टेबलेट एक साथ न लेवे
एक गोली ही केवल स्वर्ग का एहसास दिलाने के लिए काफी है सर्दी में गर्मी का एहसास

यह प्यार के लम्हों को बहुत लंबा खींच देती है और आप को जोश से भर देती है
(नोट-बॉडी की वेट ओर कार्यक्षमता के आधार पर कम या ज्यादा ले सकते है।)

थके हारे नौजवान मेरे साथियों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए और हमारे बुजुर्ग भाई बंधु जो जोश की कमी से जूझते रहते हैं

शुगर के कारण कमजोरी का अनुभव करते हैं वह भी इससे लाभ उठा सकते हैं

शुगर के मरीजों के लिए तो यह वरदान ही है जो अधिकतर उत्तेजना की कमी महसूस करते हैं

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जिनकी शादी होने वाली है यह दिन की नई नई शादी हुई है और वह थकावट का अनुभव करते हैं जवानी के दिनों में ही बुढ़ापा आता जा रहा है उत्तेजना की कॉमेडी लावा और समय की कमी का एहसास बढ़ता जा रहा है शर्म के मारे किसी को कुछ कह नहीं पा रहे शुगर के कारण अपने जीवनसाथी को संतुष्ट नहीं कर पा रहे तो यह गोली केवल आपके लिए है

#गोली_वाजिद_अली_शाह_स्पेशल और

#महा_गोली_वाजिद_अली_शाह_स्पेशल उपलब्ध

धन्यवाद

दवाई मंगवाने के लिए संपर्क
7206283295
कृष्ण कुमार डाबर

04/10/2022

शरीर में पोषक तत्वों की कमी से होने वाली समस्याएं
👉 कमजोरी,
👉 थकान,
👉 सांस की तकलीफ,
👉 हांफना, सिर दर्द,
👉 अधिक वजन - कम वजन,
👉 अनिद्रा या अत्यधिक नींद आना,
👉 पेट और पाचन की समस्याएं
👉 बी -12 की कमी,
👉 थायराइड,
👉 एलर्जी, आदि।

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