Vimlesh Rai
I m nothing.
अध्यात्म,ज्ञान,सभ्यता,संस्कृति को समेटने और सहेज कर रखने वाली महापुरुषों की धरती बिहार के स्थापना दिवस पर संपूर्ण प्रदेशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!🙏
आप सभी को पावन पर्व विजयादशमी की अशेष शुभकामनाएं।🙏
Happy Teachers Day ✏📝✍ 🖊🙏
*हिटलर*
*1-* हिटलर ने शादी नहीं की थी !
*2 -* हिटलर एक धर्म विशेष के लोगों को देश का दुश्मन मानता था !
*3 -* हिटलर के समर्थकों को उस की आलोचना बर्दाश्त नहीं होती थी !
*4 -* हिटलर ने बचपन में पेंट करने और रंग बेचने का काम किया था !
*5 -* सारे प्रचार के साधन, अख़बार,पत्र,पत्रिकायें हिटलर के प्रचार में लगे थे !
*6 -* हिटलर ने तमाम मजदूर आन्दोलनों को कुचल दिया था !
*7 -* हिटलर अपने विरोधियों को देशद्रोही कहता था !
*8 -* हिटलर नाज़ी पार्टी में साधारण सदस्य के तौर पर भर्ती हुआ था और फिर अपने सारे विद्रोहीयों को समाप्त कर पार्टी का नेता बन गया था !
*9 -* हिटलर ये प्रचार करके सत्ता में आया था कि वो देश की सभी समस्याओं को चुटकी में ख़त्म कर देगा !
*10 -* हिटलर ने सत्ता में आने के बाद समस्याओं को तो ख़त्म नहीं किया, लेकिन उसने जर्मनी को जरूर बर्बाद कर दिया था !
*11-* हिटलर ने सत्ता प्राप्ति के लिए नारा दिया था 'Good Times will Come'
मतलब 'अच्छे दिन आएंगे' !
*12 -* हिटलर की पार्टी जब जीती और वह पहली बार जर्मनी की संसद में गया तब वह खूब रोया !
*13 -* हिटलर ने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की !
*14 -* हिटलर को सजने सँवारने का बहुत शौक था !
*15 -* हिटलर झूठ को सच बताने की कला में माहिर था !
*16 -* हिटलर हमेशा मैं मैं मैं मैं ही किया करता था !
*17 -* हिटलर को रेडियो पर भाषण देने का बड़ा शौक था !
*18 -* हिटलर की एक प्रेमिका थी जिसकी वह जासूसी करवाता था !
*19 -* हिटलर अपने भाषणों में फ्रेंड्स फ्रेंड्स मतलब मित्रों मित्रों का उपयोग करता था !
*20 -* हिटलर को फोटो खिंचवाने का बड़ा शौक था !
*नोट :-- ये पोस्ट सिर्फ और सिर्फ हिटलर के बारे में है।*
*_हिटलर के अलावा इस पोस्ट से अगर किसी और की समानता पायी जाती है तो ये केवल एक संयोग होगा।_*
एक......कड़वा .....सत्य
*हिटलर तब तक लोकप्रिय रहा, जब तक जर्मनी बर्बाद न हो गया*
जिसको समझ में आये उसे वंदन,
न समझ में आये उसे अभिनँदन !!
सोचो समझो और विचार करो!
भारत मे Tik tok के साथ ये सारे 59 Chinese एप्प बैन!
*अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। .............................
सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। .........................
जिंदा रहे तो हथाई भी होगी । वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। .............................
क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लीजिए।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे |
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेंगे।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाएंगे।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लेंगे।
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करेंगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लेंगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।.
क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है।
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाइए। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे पालन कर लीजिए। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। ............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।🙏🙏
🙏 एक संवेदनशील,*अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। .............................
सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। .........................
जिंदा रहे तो हथाई भी होगी । वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। .............................
क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लीजिए।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे |
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेंगे।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाएंगे।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लेंगे।
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करेंगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लेंगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।.
क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है।
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाइए। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे पालन कर लीजिए। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। ............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।🙏🙏
🙏 एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक।🙏🙏🙏 जिम्मेदार और सजग नागरिक।🙏🙏🙏
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�जीतता वही है�जो परिस्थितियों�से लड़ना जनता हो�� ✓हारा वही जो लड़ा नहीं$🌄 Thank u