Dictator

Dictator

It's a personal blog page.

15/03/2024

मेरा विश्वास मानिए, ज़िंदगी के इस सफ़र में अपने किस्मत के हिस्से में आई सारी कथित लड़ाइयां आपको अकेले ही लड़नी होती हैं। कोई साथी नहीं होता। सब भ्रम है। सब मात्र भौतिक रूप में ही साथ होते हैं। किसी को नहीं पता होता, किसके भीतर क्या चल रहा है, कौन किस द्वंद्व में उलझा है, डूबा है, कौन कहां अटका है, कौन कहां भटका है...!

बाहर से अच्छे-अच्छे खूबसूरत कपड़ों, तेल-क्रीम/कॉस्मेटिक्स लगाए, पद के गहनों में ढके, मुस्कुराते हुए सारे लोग खूबसूरत लगते हैं। लेकिन सबके भीतर अलग-अलग स्तर के बहुआयामी युद्ध चल रहे होते हैं। अज्ञानतावश, हर व्यक्ति उन युद्धों में बुरी तरह घायल होता है।

जीवन के उस युद्ध में आप ही अर्जुन होते हैं और आप ही खुद के कृष्ण होते हैं। आपके भीतर बैठे कृष्ण के न जाग पाने की स्थिति में आप कमजोर पड़ने लगते हैं। अंधेरे में फटफटाने लगते हैं। अवसाद में चले जाते हैं। कई बार आत्महत्या कर लेते हैं।

इसलिए, जीवन में खुद को अर्जुन की तरह धनुर्धर बनाने के साथ-साथ भीतर के कृष्ण को जगाना न भूलें। बिना उनके लड़ाई अधूरी रह जाएगी। जीवन अंधेरे में ही बीत जाएगा, दूसरों को सिर्फ उतना ही महत्व दीजिए जितना उनका महत्व, बेवजह न आप दखल करें न करने दें।

इसलिए भीतर के कृष्ण को जगाइए। इसके लिए आप किसी भी क्षेत्र में हों, उस क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ-साथ खुद की आध्यात्मिक चेतना का भी अधिकतम विकास करिए। खुद की साधना करिए। खुद को साधिये। ताकि, जीवनपथ में कृष्ण मुस्कुराते हुए आपका (अर्जुन का) रथ हाकते चले..
Writer!!

24/11/2022

स्त्रियों में बड़ा स्नेह होता है।
पुरुषों की भांति उनकी मित्रता केवल पान-पत्ते तक ही समाप्त नहीं हो जाती।
- मुंशी प्रेमचंद

22/11/2022

गुलामी भरी मानसिकता के साथ आगे मत बढ़ो की दुनिया तुम्हारा ख्याल रखेगी वह तुम्हें कुछ देगी बजाय इसके अपनी खूबियों के साथ अपने कार्यों के साथ अवसरों की तलाश करके उनको परिणाम में बदलकर इस दुनिया की तरफ फेंको वही दुनिया पीछे तुम्हारे खड़ी होगी यह तुम्हें देखना है ताकना है या एक नजीर प्रस्तुत करना है स्वयं की सफ़लता की .....
Anonymous

05/11/2022

एक विद्यार्थी को जीवन में सफल होने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए?
----------------------------------------------------
१. कभी-कभी टीवी के सभी चैनल बदलने के बाद आपको कुछ समझ नही आता और आप रिमोट रख के शांत बैठ जाते है। बस ये बात आपको यह सिखाती है कि पढ़ते समय अकसर ऐसी परिस्थितियों का सामना होता है। तो शांत बैठ जाइए, कुछ ना सोचिये और फिर उस घण्टे या दिन के बाद फिर से शुरुआत कीजिये। देखियेगा, मनपसंद चैनल पर बेहतरीन चैनल की तरह पढ़ाई में मन लगने लगेगा।
२. एक जंगल मे एक बाबा रोज़ गीता का पाठ करते। घण्टो वहां उनके शिष्य सुनते और चले जाते। वहां आश्रम में काम करने वाला नौकर भी काम करते हुए सुनता वही पाठ। एक दिन वही नौकर एक सन्त महात्मा बन गए। अर्थात विद्यार्थी जीवन में आपको सोते जागते अपने ज्ञान-चक्षु खुले रखने है। पढ़ाई का अर्थ यह नही कि इम्तेहान में लिखा और प्रतिशत ले आये।

विद्यार्थी जीवनकाल नरम साबुन की तरह है जिसमे चाबियों के निशान बन जाते है। यही चाबियां भविष्य के हर ताले खोल देंगी।
३. यदि माँ कहे कि बेटा मेरे पास सिर्फ कुछ ही पैसे है तो तुम्हे या तो चॉक्लेट दिला सकती हूं या खिलौना। तब आपके अंदर का बचपना आपको फटाक से उत्तर दे देता है कि क्या चाहिए। बस उसी तरह अपने अंदर के बड्डपन से ये निर्धारित कीजिये कि क्या पढ़ना ज्यादा लाभकारी है यदि समय कम हो तो। तभी देखियेगा, की इम्तेहान की मिठास आपको मिलेगी।
४. राजू के पास 40 हजार की बाइक है, और सूरज के पास 40 लाख की कार। इसके लिए सूरज ने बहुत लोगो से उधार लिया हुआ है। आप किसे सन्तुष्ट मानेंगे? बस वही बात विद्यार्थी जीवन मे आपको सीखना है। यदि आप समझकर अच्छे से पढ़ कर 60 या 70% भी लाते है तो आप ज्यादा महान हैं ना कि बिना समझे, रट के 90% लाएं तो।
५. जब आप बहुत गर्म या बहुत तीखा खा लेते है तो तुरंत बर्फ या मीठा खाते है ताकि आपके स्वाद और मुँह का संतुलन बरकरार रहे। बस उसी तरह यदि आप कभी बहुत पढ़ लें तो बहुत छुटियाँ भी लें और मजे करे। और यदि आप बहुत छुटियाँ या आलस्य का मज़ा ले चुके हैं, तो अब वक़्त है कि खूब पढ़ें और संतुलन बनाएं।
६. आपने एक नई चप्पल खरीदी। शान से सूट बूट पहन के निकले। आलीशान कार में बैठ कर कहीं गए। जैसे ही आप उतरे, आपकी नई चप्पल में कील घुस गया और आपको चोट आ गयी। समझ आया कुछ? विद्यार्थी जीवन बिल्कुल ऐसा है। आप पढ़ें, लेकिन कभी उसपर घमंड करके अशिक्षित लोगो का उपहास ना बनाये बल्कि उनका सम्मान और सहयोग करें। यह विद्यार्थी जीवन में आपको प्रतिशत तो नही दिलाएगा लेकिन आपके जीवन के पाठ भी विद्यार्थी जीवन का ही भाग है।

सबसे महत्वपूर्ण बात-
सभी की जिंदगी अलग होती है, सभी के नजरिये अलग होते है तो सभी के लिए सफलता की परिभाषा भी अलग ही होती होगी ना!
किसी के लिए पैसा कमाना सफलता है, किसी के लिए नाम, किसी के लिए सरकारी नौकरी तो किसी के लिए प्राइवेट, किसी के लिए अपने पिता का बिज़नेस सम्हालना सफलता है तो किसी के लिए अपना बिज़नेस चालू करना, इत्यादि इत्यादि।
इसलिए,
" किसी दूसरे की सफलता के जूते में अपने पैर ना डालें। खुद के जूते से खुद के कदम चलिये और वास्तव में यही सफलता है "
Afterhours Anonymous

Photos from Dictator's post 22/08/2022

06/06/2022

क्या जयपुर क्या दिल्ली चौमू के चौराहे पर एक बूढ़ा बैठा नंगा
आते - जातों को पूछता कि क्यों भाई चंगा ?
जो रुक जाता उसे बोलता कि सुन भाई सेठा
जा आगरा , मुँह में ले ले आगरे का पेठा
या जयपुर जा के रँगवा ले पिछवाड़ा गुलाबी
मुझे लगा के कोई पागल है या फेर शराबी
मैं वेल्ला था जा बैठ गया उसके बाज़ू में और पूछा बाबाजी क्यों लगाई है तूने ये चिल्लमचिल्ली ?
वो बोला , जाहिलों का कोई शहर नहीं , क्या जयपुर क्या दिल्ली
वो बोला , मेरे गाँव में एक शाम एक बंदा घर पे लौटा थका - हारा
उसकी बीवी गई थी पड़ोसियों से माँगने भैंस का चारा पर उस बंदे को घर आते ही चाय चाहिए होती थी
और नहीं किसी की इस बारे में राय चाहिए होती थी
वो घर लौटी तो धर लिया उसको दिए लात और घूँसे मूत निकल गया सलवार में खून निकल गया मुँह से
फिर उसी हाल में पकड़ भगोना गई किचन के अंदर एक आग वहाँ चूल्हे में थी , एक उसके मन के अंदर
और दुख की बात तो ये है ऐसे क़िस्से आम हैं हर क्षेत्र में , प्लेन हो चाहे हिल्ली
क्योंकि,जाहिलों का कोई शहर नहीं , क्या जयपुर क्या दिल्ली
मुझे लगा कि बाबा है कुछ ज्यादा ही बड़बोला
पर उसने मेरी बात काट दी जैसे ही मुँह खोला
बोला ,
खंडेला ( सीकर , राजस्थान में एक जगह ) के बाज़ार में एक शाम हुआ ये क़िस्सा
एक ठेले से एक भूखे ने उठा लिया एक समोसा
फिर वहाँ खड़े थे सबने उसे धोया , दे मूँछों पे ताव वो दारासिंह हो गए
और घर जाकर के अपनी - अपनी बीवियों की बाँहों में सो गए
अगले दिन , उसी चौक पर , उसी जगह पर एक सिसकते मज़दूर के एक ठेकेदार भई खा गया पैसे
और वहीं खड़े थे चुप्पी साधे , मूँछों वाले भैंसे
सीना धँस गया , मूँछें नीची , हो गई निक्कर ढीली अरे सीना धँस गया , मूँछें नीची , हो गई निक्कर ढीली क्योंकि जाहिलों का कोई शहर नहीं , क्या जयपुर क्या दिल्ली!😂😂
@राहगीर

31/05/2022

आज आईएएस का रिजल्ट आया.. कहीं धूप कहीं छाया. जिन लोगों ने सफलता अर्जित की है उन्हें हृदय से बधाई एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं किंतु जिनके. हिस्से में अंतिम परिणाम की धूप नहीं आ पाई... फिर भी इनकी लगन ,साधना और सतत परिश्रम का महत्व कथामपि अल्प नहीं है। यह उतना ही स्तुत्य व महीनीय है जितना कि सफल लोगों का.. साक्षात्कार से वापस आने कि अपनी पीड़ा और वेदना होती है। वह उन्हें भी है और हमें भी है ।इसी पीड़ा और वेदना में वरदान भी निहित होता है जो यह संकेत देता है की इसी क्षेत्र में हमारी जो भी कमियां रही हों उनकी संपूर्ण इमानदारी से पहचान की जाए और निर्ममता पूर्वक उन्हें दूर करते हुए अपने वांंक्षित सपनों को साकार किया जाए. दूसरा संकेत यह भी है की यदि हमारे लिए अवसर नहीं बचा है तो एक रास्ते खत्म होते हैं हजार रास्ते पलक बिछाए बैठे हैं। उन्हें पहचानें और उनपर चलने का प्रयास करें।
मेरी जिंदगी एक मुसलसल(संपूर्ण) सफर है।
जो मंजिल पे पहुंचा तो मंजिल बढ़ा दी।

भले ही आज परिणाम के दृष्टिकोण साक्षात्कार से वापस आने वालों का समूह हरा-भरा न हो किंतु सपनों की दृष्टि से यह भरा पूरा है । शीघ्र ही सघन प्रयास के द्वारा "रिक्तियां" भर दी जाएंगी,,,,,, ,, ,,, क्योंकि कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता....

01/02/2022

I want to say something.
Many times we read poetries, listen some music, watch some thing..
which envoke a rush of emotions in us.
We started thinking about broken pieces of our life and then comes the ocean of grief, trauma and self pity...
Having emotions are good and you can feel them ensures that still you have softness...
However never submerge in emotions for long.
Feeling sad about life, heart breaks...
Just listen some music, read shayaris and feel all that from deepest of your heart..
but only for 10 min, 30 min and maximum 1 hour...
After that wipe your tears and get ready to become bestest version of yourself..
Because still it's your life and you deserve to be happy .


# प्रेरणा

Photos from Dictator's post 26/01/2022

Gratitude to our country's freedom fighters,
Gratitude to our motherland, Gratitude to real heroes
We are united and just like Saffron,
White and Green we'll stay connected to each other.
#𝐇𝐚𝐩𝐩𝐲 𝐑𝐞𝐩𝐮𝐛𝐥𝐢𝐜 𝐃𝐚𝐲!!
#𝑱𝒂𝒊 𝑯𝒊𝒏𝒅🌞

21/01/2022

Love is not crime. If you love someone its okay. I, you and everyone can fall for love.

You said you first time fall in love with xyz. Its common your emotions.

Please don't harsh on yourself. He/ she is not right person for you. That's why not in your destiny. Universe is definitely sending some best better for you.

How you forget?

Do you forget your school friends - no. Do you forget when you first in exam - no. Do you forget relatives - no.

You can't forget anyone. By the passing of time your emotions are fed away for them. Simple.
Stop giving them focus or attention in mind. Its more now more mind game.

First flush out your all emotions - you can write, you can tell or even you can cry. It give you relief. Please don't run away from feelings. In starting you have feelings but when time passes you heals.

Most important thing is study. You can use pomodoro techniques. Breathing exercises for focus and calm.

01/01/2022

10 मिनट तक हँसोगे पढ़ना जरूर😴😛
एक लड़की तोता खरीदने बाज़ार गई ,
और एक बोलने वाला तोता पसंद का लिया ।
लड़की तोते से :: " में कैसी लग ही हुँ ।"
तोता :: " बहुत आवारा सी लग रही हो ।"--
लड़की को गुस्सा आया। तोते का मालिक दूकानदार भी ग्राहकी खराब होते देख कर गुस्से में आ गया, और तोते को पानी में गौता दिया और कहा " अब अगर तुम ने गलत बात की तो पानी में डूबो दूंगा ।"
तोते ने ठीक बात करने का वादा कर लिया ।
लड़की तोते से फिर बोली । " अच्छा यह बताओ अगर घर में एक मै हूँ ,और एक आदमी हो , वो आदमी कौन हो सकता है ? "
तोता बोला :-; "आपका पति ।"
लड़की :-: " और अगर मेरे साथ दो आदमी हो तो दूसरा आदमी कौन होगा ? "
तोता :-; " आप का देवर ।"
लडकी :-: "अगर तीन हो तो ? "😴
तोता :-: आपका पति ,आपका देवर ,आपका ससूर ।
लड़की :-: "अगर चार हो तो ? "?????????
तोता :-: ( मालिक की तरफ़ देखकर ) पानी ला बे मैने पहले ही बता दिया था लड़की आवारा है ।"
😂😂😂😜😜😝😂😜😂😜

01/01/2022

आंग्ल नववर्ष पर आप सभी को अनंत अनंत बधाइयाँ, शुभकामनाएं 🌹🌹🙏🙏
कुछ पंक्तियां समर्पित हैं...

दिनकर की प्रथम रश्मि से ही,
परिपूर्ण प्रकाशित हो जीवन।
साकार स्वप्न हों सारे ही,
आरोग्य युक्त होवे तन-मन।।
कुछ घाव भरें मानवता के,
जो पाये बीते वर्षों में।( कोरोना त्रासदी में)
संकल्पित हों वो पाने को,
जो खोया है अपकर्षों में।।
स्पृहाएं हों परिपूर्ण सभी,
जो गुजरी हैं संघर्षों में।
समृद्धि सतत् संचारित हो,
जीवन के नव उत्कर्षों में।।
मुस्कान मुखर हो मुखड़ों पर,
प्रति पग पर नया विहान मिले।
सम्पूर्ण सृष्टि के संकल्पों को,
एक नया उत्थान मिले।।

पुनः बहुत बहुत बधाइयांँ, शुभकामनाएं।

13/12/2021

हमेशा सबसे अच्छे इंसान बनें जो आप हो सकते हैं। जब आप थके हुए हों तब भी दयालु बनें। जब आप क्रोधित हों तब भी समझदार बनें। आपसे जितना कहा जाए उससे अधिक करें, और बदले में कुछ भी न मांगें। चुपचाप किसी चीज की उम्मीद मत करो। सुनो जब कोई बात करता है, और वास्तव में भी सुनो, यह सोचना बंद करो कि आप कैसे जवाब देंगे। लोगों को बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और आप उनकी सराहना करते हैं। लोगों के लिए चीजें करने के लिए अपने रास्ते से हट जाएं। सबसे महान व्यक्ति बनें जो आप हो सकते हैं और जब आप गड़बड़ करते हैं, तो अगले पल या मिनट या दिन में इसकी भरपाई करें। एक काम जो आपको कभी नहीं करना चाहिए? कभी भी किसी को यह साबित करने में अपना समय बर्बाद न करें कि आप महान हैं, आपके कार्य अपने लिए बोलेंगे और इस धरती पर हमारे पास केवल सीमित समय है, इसे बर्बाद न करें। अगर कोई आपकी रोशनी नहीं देखता है, तो चिंता न करें। पतंगे की तरह, अच्छे लोग लौ और प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं, और वे आएंगे।

07/12/2021

इंसानों की यह प्रवृत्ति ही है वह जीत तो अपनी बताता है पर हार को दूसरे के पर सिर मढ़ देता है चाहे किसी फैसले में शामिल रहा हो,

सच्चे योद्धा किसी फैसले पर पहुँचने से पहले पूरी तैयारी कर लेते है
वह निर्णय वही लेते है जिसमे जितने की सम्भावना ज्यादा हो पर यदि उनके द्वारा लिए गये किसी निर्णय से कभी हार भी होती है तो हार की भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहते है ।

सच्चे योद्धा वही है यदि उनके द्वारा लिए गए किसी निर्णय में हार या जीत होती है तो दोनों का श्रेय लेने को तैयार रहते है ।

सही निर्णय कैसे ले?
किसी भी निर्णय पर पहुचने से पहले उसका विश्लेषण फिर योजना फिर उस पर काम फिर जीत तय है ।

02/12/2021

Never forget who ignored you when you needed them
and who helped you before you even ask ..!!!

-Letter to Myself

25/11/2021

नया फेसबुक/मेटा नियम कल से शुरू होगा जहां वे आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं । समय सीमा आज है ! यह आपके खिलाफ मुकदमों में इस्तेमाल किया जा सकता है। आपने जो कुछ भी पोस्ट किया है वह आज पोस्ट किया गया है - यहां तक कि संदेश भी जिन्हें हटा दिया गया है । इसमें कुछ नहीं लगता, बस कॉपी करके पोस्ट कर दो, बाद में पछताने से अच्छा है ।

यूसीसी कानून धाराओं के तहत 1-207, 1-308... मैं अपने अधिकारों का आरक्षण लागू कर रहा हूँ.....

मैं फेसबुक/मेटा या किसी अन्य फेसबुक/मेटा से संबंधित व्यक्ति को मेरी फोटो, सूचना, संदेश या संदेशों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता, भूतकाल और भविष्य में भी नहीं ।

इस पोस्ट में कहीं भी अपनी उंगली पकड़ो और एक कॉपी दिखाई देगी। कॉपी पर क्लिक करें। फिर अपने पेज पर जाएं, एक नई पोस्ट शुरू करें ।

मैं फेसबुक/मेटा ग्रुप को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की गई मेरी जानकारी साझा करने की अनुमति नहीं दे रहा हूँ । फोटो, भूत, वर्तमान या भविष्य में; प्रकाशन, फोन नंबर या पोस्ट... कतई मेरी लिखित पूर्व अनुमति के बिना, किसी भी रूप में कुछ भी अंशतः या पूर्णतः उपयोग नहीं किया जा सकता ..

PS Although I am not aware what is this yet I am sharing. No questions in regard please.

24/11/2021

12 वी सदी में एक विचारक की कही गई एक बड़ी हकीकत

"युवा पीढ़ी को अश्लीलता व गंदी फिल्मों में डूबो देना काफी है एक देश के विनाश के लिए , बिना हथियार तबाह हो जाएगी कई पीढ़ियां" 🤯

आज युवा पीढ़ी को कोई सही रास्ता दिखाने वाला नहीं है माता पिता ऐसे विषयों पर संकोच करते है अपने बच्चो से बात करने में।

युवा गलत संग में पड़कर गलत राह पर चल पड़ता है जब पता लगता है तो काफी देर हो चुकी होती है ।

अब सबको सही राह पर लाना है भारत को विश्व गुरु बनाना है।

संयम व सात्विकता की एक नई सरिता बहानी है।

खुद को बदलने का आज संकल्प लेवे। ना ऐसी चीजे पढेगे , ना देखेगे ना सुनेगे और ना ही फॉरवर्ड करेगे जिसमे विकारों की वायु हो (Low vibration ) हो ,

जिसको पढ़कर सुनकर देखकर हमारे मन में गलत विचार आते है उसको छोड़ देगे। खुद के मालिक बनेगे , इन कर्म इन्द्रियों के गुलाम नहीं।

आप में शक्ति है ,पहचानो अपनी शक्ति को

तभी सुंदर सुखमय समाज का निर्माण हो पाएगा ।

22/11/2021

युवाओं के नाम एक पैगाम 🌷

इस दुनिया का सबसे गंदा काम है काम विकार में जाना।

इस काम के कारण सारे अच्छे कर्म खतम हो जाते है सारा पुण्य समाप्त हो जाता है।

हर दुख का कारण काम विकार ही है ।

अरे ये गंदे विचार तुझ राजा को अपने वश में कैसे कर सकते है ? तुम मालिक हो अपनी कर्मेद्रियों के ,गुलाम नही , अरे तेरी दुर्गति इन काम वासना के विचारो से ही हुई है।

न जाने तूने कितना टाइम कोरी कामुक कल्पना करने में बर्बाद कर दिया है। अरे ओ फैशन और दिखावे में फंसे युवा देख ले किधर जा रहा है तू ? इन चमड़े के शरीरों पर आकर्षित हो अपनी जीवन शक्ति को क्यों व्यर्थ बहा रहा है तू ! क्या तेरी सोचने समझने की शक्ति खत्म हो चुकी है ?? क्या इतना बेबस हो गया है तू गलत आदतों में ? पूछ आज तू खुद से ये सवाल ....

जरा सोच वो सारा टाइम अपने लक्ष्य में लगाता तो आज तू कहा होता ।

जाग जा अब भी कुछ नही बिगड़ा है। अब भी वक्त है । अब सही राह पर चल पड़ ,नही तो पछताने के सिवाय कुछ नही बचेगा। इसलिए अब उठ खड़ा हो , पावनता के सही रास्ते पर चल और मंजिल की तरफ बढ़ । सफलता तुम्हारा इंतजार कर रही है।

फिर मत कहना बताया नही था !

ओम शांति

27/09/2021

.
Parents Tips - Effect of Cramming on Your Children Ratta Marne ke Nuksan -( बच्चों पर रटने का प्रभाव)

ये तो याद होगा ही आपको कि आपने अपने स्कूल वाले दिनों के दौरान परीक्षा की तैयारी करते समय रटने की कोशिश तो की ही होगी। और कभी आपको याद हुआ होगा और कभी नहीं । कभी, इस तकनीक से आपको आश्चर्यजनक परिणाम मिले होंगे, तो कभी ये पूरी तरह से फ़ेल हुई होगी। हालांकि, अध्ययनों से पता चला है कि रटना कुछ भी ऐसा नहीं है जो छात्रों को आदतन करना चाहिए। रटना सिर्फ एक सीखने की तकनीक है जिसे अक्सर छात्र विलंब करने के बाद करते हैं। और यह तब होता है जब एक परीक्षण के लिए कोई एक – दो सप्ताह या, दो – चार दिन ही बचे हों, जिसकी वजह से खराब परीक्षा परिणाम ही प्राप्त होते हैं।

हालांकि इसका प्रभाव अस्थायी रूप से अच्छा हो सकता है , फिर भी यह निर्विवाद रूप से सीखने का सबसे कम प्रभावी तरीका है, खासकर लंबे समय में।

1. रटना केवल जानकारी को अस्थायी रूप से संग्रहीत करता है
जबकि रटना आपके बच्चे को परीक्षणों में उच्च अंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह याद रखने की संभावना नहीं है कि उन्होंने अपनी परीक्षा के बाद क्या – क्या सीखा। ऐसा इसलिए है क्योंकि रटना केवल मस्तिष्क की अल्पकालिक स्मृति में जानकारी संग्रहीत करता है। स्कूल महत्वपूर्ण जानकारी सीखने का एक स्थान है जिसका उपयोग हमें वास्तविक जीवन के परिदृश्यों में करना चाहिए । और रटना इस उद्देश्य को खो देता है। तो, स्कूल जाने का क्या मतलब है यदि आपका बच्चा स्नातक होने के बाद बस रटना जनता है और बाकी सब कुछ भूल जाता है?

रटने से बचाने के लिए, अपने बच्चे को “अंतराल प्रभाव” का अभ्यास करने दें । उन्हें हर दिन या हर दूसरे दिन पढ़ने के लिए लगभग 45 मिनट कम दें। यह आपके बच्चे को प्रभावी ढंग से सीखने में मदद करेगा, और यह उनके मस्तिष्क में लंबे समय तक जानकारी संग्रहीत करने में भी मदद करेगा, इसलिए उन्हें केवल अपनी परीक्षा पास करने के लिए रटने की आवश्यकता नहीं होगी।

23/09/2021

"अगर कोई मक्खी सब्जी तौलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत लगभग दस हजार रुपये होगी। हम कहाँ बैठते हैं? हम किसके साथ बैठते हैं? हमारा मूल्य उसी आधार पर निर्धारित किया जाता है।"

20/09/2021

रात के 8 बजे का समय रहा होगा। एक लड़का एक जूतों की दुकान में आता है, गांव का रहने वाला था, पर तेज़ था।

उसका बोलने का लहज़ा गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा हुआ लग रहा था। उम्र लगभग 22 वर्ष का रहा होगा।

दुकानदार की पहली नज़र उसके पैरों पर ही जाती है। उसके पैरों में लेदर के शूज थे, सही से पाॅलिश किये हुये।

दुकानदार "क्या सेवा करूं?"

लड़का "मेरी माँ के लिये चप्पल चाहिये, किंतु टिकाऊ होनी चाहिये!"

दुकानदार "वे आई हैं क्या? उनके पैर का नाप?"

लड़के ने अपना बटुआ बाहर निकाला, चार बार फोल्ड किया हुआ एक कागज़ जिस पर पेन से आऊटलाईन बनाई हुई थी दोनों पैर की!

वह लड़का बोला "क्या नाप बताऊं साहब? मेरी माँ की ज़िन्दगी बीत गई, पैरों में कभी चप्पल नहीं पहनी। माँ मेरी मजदूर है, मेहनत कर-करके मुझे पढ़ाया, पढ़ कर अब जाके नौकरी लगी।"

आज़ पहली तनख़्वाह मिली है। घर जा रहा हूं, तो सोचा माँ के लिए क्या ले जाऊँ? तो मन में आया कि अपनी पहली तनख़्वाह से माँ के लिये चप्पल लेकर आऊँ!

दुकानदार ने अच्छी टिकाऊ चप्पल दिखाई, जिसकी आठ सौ रुपये कीमत थी।

"इतनी मंहगी चलेगी क्या?"

आगन्तुक लड़का उस कीमत के लिये तैयार था।

दुकानदार ने सहज ही पूछ लिया "कितनी तनख़्वाह है तेरी?"

"अभी तो बारह हजार, रहना-खाना मिलाकर सात-आठ हजार खर्च हो जाएंगे है यहाँ, और तीन हजार माँ के लिये"

"अरे, फिर आठ सौ रूपये... कहीं ज्यादा तो नहीं।"

तो बात को बीच में ही काटते हुए लड़का बोला "नहीं, कुछ नहीं होता!"

दुकानदार ने चप्पल बाॅक्स पैक कर दिया। लड़के ने पैसे दिये और ख़ुशी-ख़ुशी दुकान से बाहर निकला।

पर दुकानदार ने उसे कहा "थोड़ा रुको!"

साथ ही दुकानदार ने एक और बाॅक्स उस लड़के के हाथ में दिया

"यह चप्पल माँ को, तेरे इस भाई की ओर से गिफ्ट। माँ से कहना पहली ख़राब हो जायें तो दूसरी पहन लेना, नँगे पैर नहीं घूमना और इसे लेने से प्लीज मना मत करना!"

दुकानदार ने एकदम से दूसरी मांग करते हुए कहा "उन्हें मेरा प्रणाम कहना, और क्या मुझे एक चीज़ दोगे?"

"बोलिये।"

"वह पेपर, जिस पर तुमने पैरों की आऊटलाईन बनाई थी, वही पेपर मुझे चाहिये!"

वह कागज़, दुकानदार के हाथ में देकर वह लड़का ख़ुशी-ख़ुशी चला गया!

वह फोल्ड वाला कागज़ लेकर दुकानदार ने अपनी दुकान के पूजा घर में रख़ा!

दुकान के पूजाघर में कागज़ को रखते हुये दुकानदार के बच्चों ने देख लिया था और उन्होंने पूछ लिया कि "ये क्या है पापा?"

दुकानदार ने लम्बी साँस लेकर अपने बच्चों से बोला "लक्ष्मीजी के #पग लिये हैं बेटा! एक सच्चे भक्त ने उसे बनाया है, इससे धंधे में बरकत आती है!"

#मां तो इस संसार में साक्षात परमात्मा है! बस हमारी देखने की दृष्टि और मन श्रृद्धापूर्ण होना चाहिये।

सदैव प्रसन्न रहिये!!
जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!

18/09/2021

1

Some hope held together by a string of imagination,
Some wishes keeping me alive with an aroma of expectation.
We facing the world together is the only thing I once believed,
Without you it has been ages since I’ve existed and not lived,
Every hour, every minute, every second when I breathe,
A bunch of memories of pain and anguish I wreathe,
Wouldn’t God scorn at the idea of separating two souls and use his power,
Or will I have to lie in my grave without receiving from you, some flowers?
Is this the way by which happiness of my life would end,
Or will I receive with this pain, laughter to blend?
The great lovers of this universe have never been together,
But didn’t you say that our love was forever?
You never meant a word you had said and always lied,
I’ve paid the price of trusting you and every night I've cried.
I know our souls are very far away, yet it feels so near,
I’ve already lost you, then why this fear?
When I got you, I felt like a princess without having been crowned,With the solemn pledges of love, weren’t we bound?
I loved you so much, yet you put me aside,
And this is how the scars of your love leave me,Smiling from outside but dying from inside.
Taken from A SILENT PROMISE!!

18/09/2021

बनारस में सबसे पहले अगर कहीं सुबह होती है तो प्रहलाद घाट मुहल्ले में।
जैसे ही सवा छह हुआ कि दो बातें एक साथ होती हैं।
जगेसर मिसिबीर सूर्य भगवान को जल चढ़ाते हैं।
दूसरी ये कि परमिला नहा कर छत पर कपड़े फैलाने आ जाती है।

मिसिर जी के होंठ कहते हैं- "ओम् सूर्याय नम:"
और
दिल कहता है-
'मेरे सामने वाली खिड़की में एक चाँद का टुकड़ा रहता है'।

इसी सूर्य और चंद्र के बीच जगेसर बाबा साढ़े तीन साल से झूल रहे हैं।

आज जगेसर जी तीन लोटा जल चढ़ा चुके थे पर उनका 'चांद' नहीं दिखा।
फिर चौथा लोटा

फिर पांचवा..... ...
दसवां।
पंडितजी अब परेशान कि आखिर मामला क्या है?

अब तक तो 'चाँद' दिख जाता था।
सामने से सनिचरा गाना गाते हुए जा रहा है...

"मेरा सनम सबसे प्यारा है...सबसे...।"

जगेसर जल्दी से घर में आते हैं।
फेसबुक स्टेट्स चेक करते हैं।
परमिला ने आज गुडमार्निंग का मैसेज भी नहीं भेजा।
फोन करते हैं कालर टोन सुनाई देता है.....
ओम् त्र्यम्बकं यजामहे......।

दुबारा तिबारा फोन करते हैं।

पाँच मिनट बाद फोनउठता है। पण्डितजी व्यग्रता से पूछते हैं-

"अरे कहां हो जी?"..

"आज दिखी ही नहीं....
तबीयत ठीक ठाक है न?"

उधर की आवाज़- "पंडीजी हमरा बियाह तय हो गया है।..

अब हम छत पर नहीं आ सकते। .....
फोन भी मत कीजिएगा।.....
फेसबुक पर हम आपको ब्लॉक कर दिए हैं।...
बाबूजी कह रहे थे कि बेरोजगार से बियाह करके हम लड़की को........."

जगेसर बात काटते हैं-
"अरे तो हमको नौकरी मिलेगी नहीं का?"
परमिला डाँटती है-

"चुप करिए पंडीजी!
2008 में जब आप बी०एड्० करते थे तब से एही कह रहे हैं।......
बिना दूध का लईका कौ साल जिलाएंगे??"

दिन के दस बज रहे हैं। तापमान अभी सैंतालीस के आसपास हो गया है।पूरा अस्सी घाट खाली हो गया है। दो चार नावें दूर गंगा में सरक रही हैं। चमकती जल धारा में सूर्य का वजूद हिल रहा है। कुछ बच्चे अभी भी नदी में खेल रहे हैं।

पंडीजी सीढ़ियों पर बैठे अपना नाम दुहराते हैं-
"पंडित जगेश्वर मिश्र शास्त्री
प्रथम श्रेणी,
आचार्य,
गोल्ड मेडलिस्ट,
नेट क्वालीफाईड,
बीएड 73%,

2011 में लेक्चरर का फार्म डाला अभी तक परीक्षा नहीं हुई।

2013 में परीक्षा दी,
नौ सवाल ही गलत आए थे और तीन सवालों के जवाब बोर्ड गलत बता रहा है।

मतलब साफ है इसमें भीकोई चांस नहीं।

डायट प्रवक्ता से लेकर उच्चतर तक की परीक्षा ठीक हुई है। पर छह महीने बाद भी भर्तीका पता नहीं।

प्राईमरी टेट में 105 अंक हैं। मतलब इसमें भी चांस नहीं।

2012 में पी०एचडी० प्रवेश परीक्षा पास की थी पर अभी तक किसी विश्वविद्यालय ने प्रवेश ही नहीं लिया।

तभी बलराम पांडे कन्धे पर हाथ रखते हैं-
"अरे शास्त्री जी!..
पहला मिठाई आप खाइए।"..
हमरा शादी तय हो गया है।.....

पं०रामविचार पांडे की लड़की परमिला से।
आप मेरा हाईस्कूल, इण्टर का कापी न लिखे होते तो
हमारा एतना अच्छा नंबर नहीं आता।
न हम शिक्षामित्र हुए होते।
न आज मास्टर बन पाते।
न आज एमे पास सुन्दर लड़की से बियाह होता।"

जगेसर मिसिर के हाथ में लड्डू कांप रहा है।
तभी बलराम पांडे फिर बोलते हैं-

"अच्छा!
'अग्नये स्वाहा' में कौन विभक्ति होती है एक बार फिर समझा दिजियेगा...
कोई पूछ दिया तो ससुरा बेइज्जती खराब हो जाएगी।"

जगेसर नशे की सी हालत में घर में घुसते हैं।
हवन- सामग्री तैयार करते हैं।

और
हवन पर बैठ जाते हैं। अबअग्नि में समिधाएँ जल रही हैं।

अचानक उठते हैं और अपने सारे अंकपत्र-प्रमाणपत्र अग्नि में डाल देते हैं।
और
चिल्लाते हैं-

"अग्नये स्वाहा!
अग्नये स्वाहा!!...

चतुर्थीविभक्ति एक वचन...

चतुर्थी विभक्ति एक वचन!!"

और

मूर्छित होकर वहीं गिर पड़ते हैं।

अगले दिन के अखबार में वही रोज की खबरें होंगी-

गर्मी ने ली एक और व्यक्ति की जान .....दोस्तों आज बहुत सारे लोगों की यही कहानी है। By Vinay Tripathi

10/07/2021
25/01/2021

11/01/2021

🔥🔥✌️✌️

13/07/2020

Just a click realme 6

Want your public figure to be the top-listed Public Figure in Banda?
Click here to claim your Sponsored Listing.

Telephone

Address

Banda