म्हारो राजस्थान
म्हारो राजस्थान
आप सभी से निवेदन है कि दो मिनट का समय निकाल कर जरूर पढ़ें
ये बकवास नहीं है सच्चाई है समाज की
एक कटु सत्य..!
रिश्ते तो पहले होते थे। अब रिश्ते नहीं सौदे होते हैं। बस यहीं से सब कुछ गड़बड़ हो रहा है।
किसी भी मां बाप में अब इतनी हिम्मत नहीं बची है कि बच्चों का रिश्ता अपनी मर्जी से कर सकें।
पहले खानदान देखते थे। सामाजिक पकड़ और संस्कार देखते थे और अब ....
मन की नही तन की सुन्दरता , नौकरी , दौलत , कार , बंगला।
साइकिल , स्कूटर वाला राजकुमार किसी को नही चाहिये । सब की पसंद कारवाला ही है। भले ही इनकी संख्या 10% ही हो ।
लड़के वालों को लड़की बड़े घर की चाहिए ताकि भरपूर दहेज मिल सके और लड़की वालों को पैसे वाला लड़का ताकि बेटी को काम करना न पड़े।
नौकर चाकर हो। परिवार छोटा ही हो ताकि काम न करना पड़े और इस छोटे के चक्कर में परिवार कुछ ज्यादा ही छोटा हो गया है।
पहले रिश्तों में लोग कहते थे कि मेरी बेटी घर के सारे काम जानती है और अब....
हमने बेटी से कभी घर का काम नहीं करवाया यह कहने में शान समझते हैं।
इन्हें रिश्ता नहीं बल्कि बेहतर की तलाश है। रिश्तों का बाजार सजा है गाडी़यों की तरह। शायद और कोई नयी गाड़ी लांच हो जाये। इसी चक्कर मे उम्र बढ रही है। अंत में सौ कोड़े और सौ प्याज खाने जैसा है
अजीब सा तमाशा हो रहा है। अच्छे की तलाश में सब अधेड़ हो रहे हैं।
अब इनको कौन समझाये कि एक उम्र में जो चेहरे मे चमक होती है वो अधेड़ होने पर कायम नहीं रहती , भले ही लाख रंगरोगन करवा लो ब्युटिपार्लर में जाकर।
एक चीज और संक्रमण की तरह फैल रही है। नोकरी वाले लड़के को नौकरी वाली ही लड़की चाहिये।
अब जब वो खुद ही कमाएगी तो क्यों आपके या आपके मां बाप की इज्जत करेगी.?
खाना होटल से मंगाओ या खुद बनाओ
आजकल अधिकांश तनाव के बस यही सब कारण है
एक दूसरे पर अधिकार तो बिल्कुल ही नहीं रहा। उपर से सहनशीलता तो बिल्कुल भी नहीं। इसका अंत आत्महत्या और तलाक ?
घर परिवार झुकने से चलता है , अकड़ने से नहीं.।
जीवन में जीने के लिये दो रोटी और छोटे से घर की जरूरत है बस और सबसे जरूरी आपसी तालमेल और प्रेम प्यार की लेकिन.....
आजकल बड़ा घर व बड़ी गाड़ी ही चाहिए चाहे मालकिन की जगह दासी बनकर ही रहे।
आजकल हर घरों मे सारी सुविधाएं मौजूद हैं....
कपड़ा धोने की वाशिंग मशीन
मसाला पीसने की मिक्सी
पानी भरने के लिए मोटर
मनोरंजन के लिये टीवी
बात करने मोबाइल
फिर भी असन्तुष्ट...
पहले ये सब कोई सुविधा नहीं थी। पूरा मनोरंजन का साधन परिवार और घर का काम था , इसलिए फालतू की बातें दिमाग मे नहीं आती थी।
न तलाक न फांसी,
आजकल दिन में तीन बार आधा आधा घंटे मोबाइल में बात करके , घंटो सीरियल देखकर ,और ब्युटीपार्लर में समय बिताकर।
मैं जब ये जुमला सुनता हूं कि घर के काम से फुर्सत नहीं मिलती तो हंसी आती है। सभी भाई बहनों के लिए केवल इतना ही कहूंगा कि पहली बार ससुराल हो या कालेज लगभग बराबर होता है। थोड़ी बहुत अगर रैगिंग भी होती है तो सहन कर लो।
कालेज में आज जूनियर हो तो कल सीनियर बनोगे। ससुराल में आज बहू हो तो कल सास बनोगी।
समय से शादी करो, स्वभाव में सहनशीलता लाओ परिवार में सभी छोटे बड़ों का सम्मान करो यह व्यवहार आपको ब्याज सहित वापिस मिलेगा।
आत्मघाती मत बनो। जीवन में उतार चढा़व आता है। सोचो समझो फिर फैसला लो, बड़ों से बराबर राय लो, उनके उपर और ऊपर वाले पर विश्वास रखो
हम सब ठंढे मन से विचार करें कि हम कहां से कहां आ गये...
साभार...
उन पुरुषों को दंडवत प्रणाम हैं,
जो अपने घर की औरतों को छोड़
दूसरे के घर की औरतों की
परवाह करतें हैं.....
जो #इनबॉक्स में जा कर hi, hello से
शुरू हो कर उनके खानें पीने,
परिवार, बच्चें, पति सब की ख़बर लेते हैं।
दोस्तों यदि इतनी ख़बर अगर बीवी की
ले ले तो घर में #लोकी नहीं
ान बनें मिलें।
जो स्त्री सुबह से शाम तक आपके लिए
समर्पित हैं
उसके समर्पण की थोड़ी तो लाज़ रखों
यारो, थोड़ा उसके लिए भी
कुछ काम करें।
#परस्त्री आपके साथ नहीं रहेंगी,
जो उनके सामने मीठी मीठी बातें
कर के वक़्त को यूँ जाया कर रहें।
थोड़ा समय निकाल कर उनको भी
फ़ोन या मैसेज करें
जिनके दिन / जीवन की शुरुआत
और अंत आप ही हैं।
और ये भी ध्यान रखें कि जिस तरह
आप दूसरों की स्त्री की
परवाह में लगें हैं
कोई आपकी स्त्री की परवाह में ना लगें......
इसीलिए #बेवज़ह_यहाँ_वहाँ_भटकने से
अच्छा हैं उन्हें वक़्त
दे जो उस वक़्त के हक़दार हैं।
आपकी थोड़ी सी परवाह दोस्तों..
आपकी जिंदगी आसान और सुखमय बना देंगी।
ै #प्रेम #हूं..!!
♥️♥️♥️♥️♥️♥️💯
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Happy dipawali all me friend 💞🫰
म्हारो राजस्थान Mgee Choudhary Magi choudhary Imiyo Devi Mamta Nain Komal Choudhary Raj garg suman choudhary @हाइलाइट HAnu S Choudhary Seema Choudhary @
मैंने पिछले 90 दिनों में 55,348 फ़ॉलोअर मिले, 236 पोस्ट की गईं और 3,43,789 रिएक्शन मिले! मुझे सपोर्ट करते रहने के लिए आपका धन्यवाद. आप सभी के बिना यह नहीं हो पाता. 🙏🤗🎉
आप सभी को #धनतेरस की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ। माता लक्ष्मी जी की कृपा सदैव हम सभी पर बनी रहे।🙏🏻
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रॉन्ग नंबर
एक घर के मोबाइल नम्बर पर “रॉन्ग नम्बर” से कॉल आई.. घर की एक औरत ने कॉल रिसीव की तो सामने से किसी अनजान शख्स की आवाज़ सुनकर उसने कहा ‘सॉरी रॉन्ग नम्बर’ और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.. उधर कॉल करने वाले ने जब आवाज़ सुनी तो वो समझ गया कि ये नम्बर किसी लड़की का है, अब तो कॉल करने वाला लगातार रिडाइल करता रहता है पर वो औरत कॉल रिसीव न करती। फिर मैसेज का सिलसिला शुरू हो गया जानू बात करो न!! मोबाइल क्यूँ रिसीव नहीं करती..?
एक बार बात कर लो यार! उस औरत की सास बहुत मक्कार और झगड़ालू थी.. इस वाक़ये के अगले दिन जब मोबाइल की रिंग टोन बजी तो सास ने रिसीव कर लिया.. सामने से उस लड़के की आवाज़ सुनकर वो शॉक्ड रह गई, लड़का बार बार कहता रहा कि जानू! मुझसे बात क्यूँ नहीं कर रही, मेरी बात तो सुनो प्लीज़, तुम्हारी आवाज़ ने मुझे पागल कर दिया है, वगैरह वगैरह… सास ने ख़ामोशी से सुनकर मोबाइल बंद कर दिया जब रात को उसका बेटा घर आया तो उसे अकेले में बुलाकर बहू पर बदचलनी और अंजान लड़के से फोन पर बात करने का इलज़ाम लगाया..
पति ने तुरन्त बीवी को बुलाकर बुरी तरह मारना शुरू कर दिया, जब वो उसे बुरी तरह पीट चुका तो माँ ने मोबाइल उसके हाथ में दिया और कहा कि इसी में नम्बर है तुम्हारी बीवी के यार का.. पति ने कॉल डिटेल्स चेक की फिर एक एक करके सारे अनरीड मैसेज पढ़े तो वो गुस्से में बौखला गया.. उसने तुरन्त बीवी को रस्सी से बाँधा और फिर से बेतहाशा पीटने लगा और उधर माँ ने लड़की के भाई को फोन किया और कहा कि हमने तुम्हारी बहन को अपने यार से मोबाइल पर बात करते और मैसेज करते हुए पकड़ लिया है.. जिसने तुम्हारी इज़्ज़त की धज्जियां बिखेर दीं…
खबर सुनकर तुरन्त उस लड़की का भाई और उसकी माँ भी वहां पहुँच गये.. पति और सास ने इल्जाम लगाये और ताने मारे तो लड़की के भाई ने भी उसे बालों से पकड़कर खूब पीटा.. लड़की कसमें खाती रही, झूठे इलज़ाम के लिये चीखती चिल्लाती रही, अपनी सफाई देती रही जाहिल और शैतान सास और पति के आगे बेबस रही… लड़की की माँ ने अपनी बेटी से कहा कि भारतीय होकर गीता पर हाथ रखकर कसम खाओ, तो उसने नहाकर फ़ौरन सबके सामने गीता पर हाथ रखकर कसम भी खाई, मगर शैतान सास ने इसे भी नकार दिया और कहा कि जो अपने पति से गद्दारी कर सकती है तो उसके लिये गीता की कसम भी कोई मुश्किल काम नहीं है..
इसके साथ पति ने वो सारे मैसेजेस उसके भाई को दिखाये जो लड़के ने लड़की को करने के लिये किये थे.. सास ने मक्कार और चालाक कहकर आग पर घी डाल दिया.. लड़की के भाई को गुस्सा आया और उसका पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा, उसने तुरन्त पिस्तौल निकाली और लड़की के सर में चार गोलियां दाग दी और इस तरह एक “ रॉन्ग नंबर” ने एक खानदान उजाड़ दिया.. 3 बच्चों को अनाथ कर दिया.. जब लड़की के दूसरे भाई को खबर हुई तो उसने अपने भाई भाभी और बहन के शौहर और सास के साथ उस अनजान नम्बर पर FIR दर्ज कर दी..
पुलिस साइबर ने जब मोबाइल की जांच की तो मालूम हुवा कि लड़की ने सिर्फ एक बार उस रॉंन्ग नम्बर को रिसीव किया था, इसके बाद उस नम्बर से वो कॉल और मैसेजेस के जरिये लड़की को फंसाने के चक्कर में लगा रहा.. सारी बातें साफ़ होने के बाद जब दूसरे भाई को खबर हुई जिसने बहन को गोली मारी थी तो उसने उसी वक़्त जेल में ख़ुदकुशी कर ली और रॉंन्ग नम्बर मिलाने वाले लड़के को पुलिस ने पकड़कर हवालात में डाल दिया और इस तरह एक “रॉंन्ग नम्बर” ने सिर्फ तीन दिनों में एक औरत को उसके 3 बच्चों से पूरी ज़िन्दगी के लिये दूर कर दिया और अगले 13 दिनों के अन्दर 3 बच्चे अनाथ और 2 खानदान तबाह और बर्बाद हो गये।
ज़रा सोचिये और बताइये कि कसूरवार कौन..??
1- रॉन्ग कॉल वाला..
2- सास..
3- शक्की पति..
4- गैरतमंद भाई..
5- मोबाइल ..
आप सब लोग गौर से सोच कर जवाब जरूर दीजियेगा और वो पति और भाई लोग से सविनय निवेदन है की किसी भी औरत पर इल्जाम लगाने से पहले सच्चाई जान ले तब फैसला करे क्योंकि पत्नियांऔर बेटियां ऐसी नही होती। और वो लोग जो रॉन्ग नंबर जान कर भी किसी महिला के पास फोन बार बार करते है, उन्हें खुद समझना चाहिए की हमारे घर मे भी एक माँ बहन बेटी है। सब का सम्मान करे।
India's story जय मैया की
Banwari Lal Meena Thikariya 🙏❤️💗💗
एक बार पति-पत्नी चिड़ियाघर गए।
वहाँ बंदरों की एक जोड़ी पिंजरे में उछल कूद कर रही थी।
पत्नी ने ठंडी सांस लेते हुए कहा.... देखो जी , तुमसे अच्छा तो ये बंदर है, कितने नखरे उठा रहा है अपने साथी की ?? कितना शानदार समय बीत रहा है इनका एक साथ ??
पत्नी की पूरी बात को सुनकर पति ख़ामोश रहा ।
आगे एक पिंजरे में शेर और शेरनी का जोड़ा था।
शेर एक कोने में चुपचाप बैठा था और दूसरे कोने में शेरनी गुमसुम लेटी थी।
उन्हें देख पत्नी बोली... इस शेर को देखो जी, बिलकुल यही हाल तुम्हारा है ।
अब पति अपनी पत्नी से बोला... इस शेरनी को एक कंकड़ तो मारो , देखो क्या होता है ??
पत्नी ने तपाक से एक कंकड़ उठाया और खींच कर शेरनी को मार दिया।
ये देख शेर दहाड़ मारते हुए पत्नी की तरफ इस तरह दौड़ा कि वो डर के मारे कांपने लगी।
अब पति ने कहा...एक कंकड़ इस बंदर के तरफ़ भी फेंक कर देखो कि परिणाम क्या होता है ??
पत्नी ने जैसे ही कंकड़ उठाया , बंदर दूसरे कोने में भाग गया।
अब पति अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश करता है औऱ उससे कहता है कि अपने घर को चिड़ियाघर मत बनाओ क्योंकि बंदर के रोमांस से शेर की संगत कहीं ज़्यादा अच्छी होती है।
स्पेन में हुए एक अध्ययन के मुताबिक एक आदमी , औरत से कहीं ज़्यादा आराम पसंद होता है। खामोशी भी एक आराम है।
औरत और आदमी के मनोदशा में मूलतः फर्क ये होता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा संवेदनशील होती हैं। वो अक्सर मामूली बातों में भी दिल का दर्द ढूंढ लेती है।
India's story जय मैया की
*जननी जने तो ऐसा जने कियू दाता कियू सूर नही तो रेजे बांजड़ी मत गमायजे नूर जाट समाज का हीरो महान हस्ती श्री नवल किशोर गोदारा ने बहिन प्रियंका चौधरी संपूर्ण विधानसभा चुनाव में जितना भी खर्चा होगा उनकी तरफ से होगा भगवान इस दानदाता को दिन दुगनी रात सोगनी माया दे और लम्बी उम्र प्रदान करें एक बार पुनः नवलजी गोदारा का ह्रदय कि अटल गहराहियो से आभार करता हूं वह पैसे क्या काम का जो समाज और अपनो के काम नही आवे*✌️✌️👍👍
अगर हौसला हो बुलंद तो दिल से रूठी किस्मत भी संवर जाती है !
तैयार रहें हर कदम आगे बढ़ने को मेरे दोस्त सुबह की हर पहली किरण तुझे बुलाती है सुप्रभात ! आपका दिन शुभ हो
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों, यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!—जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए—पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है; लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता……कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है…. पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।—इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले…—कर्मो’ से ही पहेचान होती है इंसानो की… महेंगे ‘कपडे’ तो,’पुतले’ भी पहनते है दुकानों में !!..,, रांधे रांधे
सोच भले नई रखो ,,लेकिन संस्कार पुराने ही अच्छे है ॥😊
👉 ......…......… #राम_राम_सा ........🙏🙏
पिछले 30 दिनों में मुझे अपनी पोस्ट पर 1,00,000 रिएक्शन रिएक्शन मिले हैं. आपके सपोर्ट के लिए, आप सभी का धन्यवाद. 🙏🤗🎉
❤️❤️❤️
सुंदर होने से प्रेम नहीं होता,
जिससे प्रेम होता हैं, वही सुंदर लगने लगता हैं..😍😎
बुराई का होता है विनाश,
दशहरा लाता है उम्मीदों की आस,
रावण की तरह आपके दुखों का होगा नाश
इस पावन पर्व पर यह है हमारी आशा,
दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।
म्हारो राजस्थान
Todays Best Photo
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जैसी करनी वैसी भरनी….
पोते की मालिश करते हुए दादी की नज़र उसके
खाली गले पर पड़ी तो
वह गुस्से से चीख़ पड़ी, ‘‘बहू, ओ बहू….कहाँ मर गई…..
अरे…मुन्ने के गले की चेन कहाँ गई?’’
आँगन में पड़े ढेर सारे जूठे बर्तनों को साफ़ करती बहू के हाथ रुक गए।
उसने जल्दी से नल खोलकर हाथ धोया और फिर दौड़ी हुई आई, ‘‘माँजी…..
कल मुन्ने के हाथ में फँस कर चेन टूट गई थी…..
इसके पापा से सुनार के यहाँ भेज कर बनवा दूँगी….।’’
‘‘बड़ी आई बनवाने वाली…तेरी माँ से इतना भी नहीं हुआ कि कम से कम मुन्ने को तो कायदे की चीज़ देते….।
अरे उन कँगलों ने तुझे कुछ नहीं दिया…..
मेरे बेटे और मैंने तो अपने खोटे भाग्य पर संतोष कर लिया,
पर यह मुन्ना….? बड़ा होकर यह भी उन भिखमंगों पर शर्मिन्दा होगा….।
दे मुझे यह चेन…..इसे बेच कर मैं दूसरी बनवा दूँगी अपने मुन्ना राजा को।’’
बहू आँचल से खोलकर अपनी सास को चेन दे ही रही थी कि तभी दरवाजे़ जोर की दस्तक हुई।
उसने जाकर दरवाजा खोला तो अवाक रह गई।
सामने अपना सूटकेस लिए एकदम फटेहाल उसकी ननद खड़ी हुई थी।
ननद ने भाभी को सामने देखा तो लिपट कर फफक पड़ी,
‘‘भाभी, माँ ने सचिन के जन्म पर जो सामान भेजा है,
उसे खराब और सस्ता कहकर उन लोगों ने वापस कर दिया है
और कहा है कि जबतक मैं बच्चे व उसके पापा के लिए सोने की मोटी चेन, घर के हर सदस्य के लिए पाँच जोड़ी कपड़े ,बच्चे का पालना आदि, सासू और ननद के लिए डायमण्ड की अगूँठी
और इक्कीस टोकरी–फल अपनी माँ से लेकर न आऊँ, घर वापस न लौटूँ।
भाभी, अब तुम्ही मेरा सहारा हो….
भैया से कहकर तुम्ही कुछ कर सकती हो…..
मुझे मेरे बच्चे से अब तुम्ही मिला सकती हो…..
माँ से तो कुछ होने से रहा अब..।’’
ननद को वह सांत्वना दे ही रही थी कि तभी सासू माँ एकदम फट पड़ी,’’ हरामजा़दे…लड़के वाले है या लुटेरे….
अरे, यहाँ कोई खजाना गड़ा है जो उन्हें लुटा दें….
जितनी हैसियत होगी, आदमी उतना ही तो करेगा…।
देखती हूँ तुझे वापस कैसे नहीं बुलाते….
दहेज उत्पीड़न में फँसा न दिया तो मैं तेरी माँ नहीं…।’’
ननद को अंदर कमरे की तरफ ले जाते हुए वह सोच रही थी
कि अपनी बेटी पर बात आई तो एक माँ के चेहरे पर चढ़ा सास का यह मुखौटा कितनी जल्दी उतर गया।
सोच हमेशा अच्छी होनी चाहिए क्योंकि नजर का इलाज तो हो सकता है
लेकिन नजरिए का इलाज कभी नहीं हो सकता..!
म्हारो राजस्थान
✌️ ी_ जिंदगी_मे_मस्त_हूं_ लोगों_की🫰 #धमकियों_से_डरती नहीं_हूं__💪❤️🤟
* बहू को रखना भैंस को खूंटी से बांधकर रखने के बराबर है
जब कभी घर में शादी ब्याह होता है और घर में नयी बहू आती है तो सलाह देने वाले मुफ्त में सलाह दे देते हैं। पर उसका असर कितना बुरा होता है इसका अंदाजा कभी नहीं लगाते। खुद ने जिंदगी में कुछ किया हो या ना किया हो पर दूसरों की प्रेरणा बनने को हर कोई तैयार हो ही जाता हैं।
ढोलक की थाप पर सब लोग नाच रहे थे। घर में नई नवेली बहू नेहा आ चुकी थी। आज उसकी मुंह दिखाई की रस्म थी। सब लोग बहू की सुंदरता की तारीफ कर रहे थे और बधाइयां गा रहे थे। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो नई-नई सास बनी विमला जी को अपनी सलाह देने से पीछे नहीं हट रहे थे।
" अरे जीजी, बहु को रखना कोई मामूली बात है क्या? मतलब बहू को रखना भैंस को खूंटी से बांधकर रखने के बराबर है। जैसे भैंस खुली रह गई वो इधर उधर हो जाती है, वैसे ही बहू है। छूट मिली नहीं कि सिर चढ़ जाती है"
मामी जी अपनी ननद विमला जी को समझा रही थी। अब ननद तो गांव की सीधी-सादी औरत, जबकि बहू आई शहर की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा। पता नहीं गांव के लोगों को शहर से आई हुई बहू ऐसी लगती है जैसे किसी दूसरे ग्रह से आई हो इसलिए गांव के लोगों को अपने आप ही विमला जी से हमदर्दी हो गई। और जो आता है वही ये समझाइश देकर जाता।
" अरे बिमला थोड़ा संभल कर रहना। शहर की लड़की है कहीं ऐसा ना हो सिर पर चढ़कर तांडव करें इसलिए जितना दबाकर रखेगी उतना ही अच्छा है "
और विमला जी उन लोगों की बातों में आकर खुद को बेचारी समझने लगती।
" अपने बेटे को संभाल कर रखना। कहीं ऐसा ना हो कि शहरी बहू बेटे को लेकर फुर्र हो जाए और तू हाथ मलती रह जाए"
विमला जी ने भी लोगों की बातों में आकर इन कुछ दिनों में खुद को बेचारी और बहू को अत्याचारी सोचकर कई दिवास्वप्न भी देख लिये। कुछ दिन तो रीति रिवाज और एक दूसरे को समझने समझाने में ही लग गए। कुछ दिनों बाद बेटा बहू के शहर जाने का वक्त आया तो विमला जी अपने बेटे सूरज को समझाने लगी,
" बेटा बहू पर नजर रखना। कहीं ऐसा ना हो कि हाथ से निकल जाए और अपनी मनमानी करने लग जाए"
" अरे मां कैसी बात कर रही हो। तुम्हारी बहू पढ़ी लिखी समझदार है। कोई बच्ची तो नहीं जो हाथ से निकल जाएगी"
" हां तू बस मेरा मजाक बना। बेटा गांव के सभी बुजुर्ग कहते हैं कि बहू को रखना भैंस को खूंटी से बांध कर रखने के बराबर है। कहीं ऐसा ना हो तु हाथ मलता रह जाए। और पैसे टके के मामले में अभी उसे सब कुछ बताने की जरूरत नहीं है। नयी नयी है क्या पता हाथ में बरकत है या नहीं"
" क्या मां कितनी बार समझाया हैं तुम्हें। इन गांव के फालतू औरतों के साथ मत बैठा करो। बेवजह की बुद्धि देकर जाती है और कुछ नहीं"
" हां अब तो शहर की बीवी आ गई है तेरी। अब तो तुझे गांव की सारी औरतें फालतू गँवार ही लगेगी। कहीं ऐसा ना हो एक दिन माँ भी गँवार लगने लगे"
" हां, ठीक है ठीक है। चलो कोई नहीं। ध्यान रखूंगा"
कहकर सूरज ने बात को वही खत्म किया और अपनी पत्नी नेहा के साथ शहर रवाना हो गया। पर शहर आने के बाद भी विमला जी को चैन नहीं था। आए दिन फोन करके सारे हाल-चाल तो पूछती ही पूछती, साथ में दस सलाह भी देती। नेहा की हर हरकत का पूरा ध्यान रखती। वो कब क्या करती है हर चीज के बारे में सूरज से जरूर पूछती।
अब कोई इंसान बार-बार एक ही बात को बोलता रहे तो थोड़ा बहुत असर तो होता ही है। सूरज भी धीरे-धीरे अपनी मां का समर्थन करने लगा। सूरज किसी ना किसी बात को लेकर नेहा को टोक देता तो दोनों में लड़ाई झगड़े और हो जाते।
धीरे-धीरे दोनों में झगड़े बढ़ने लगे। अब तो ये आए दिन के किस्से हो गए थे। एक बार तो सिर्फ इस बात पर झगड़ा हो गया कि नेहा ने अपनी पसंद की सब्जी बाहर से आर्डर कर दी। बस विमला जी ने इसी बात को तिल का ताड़ बनाया और सूरज ने बिना बुद्धि के अपनी मां की बात पर अमल किया।
झगड़ा इतना बढ़ गया कि नेहा परेशान होकर अपने मायके जाकर बैठ गई। जब यह बात सूरज ने अपनी मां विमला जी को बताई तो विमला जी ने बात को संभालने की जगह उसे बिगाड़ने में कोई कमी नहीं रखी।
" अरे अपने आप गई है तो अपने आप ही आ जाएगी। अगर तू आगे होकर उसे लेकर आएगा तो तेरे सिर चढ़कर नाचेगी। एक बार झुक गया तो जिंदगी भर झुकना पड़ेगा"
अपनी मां विमला जी की बातों में आकर यहाँ सूरज झुकने को तैयार नहीं हो रहा था और उधर अपने स्वाभिमान की धज्जियां उड़ते देखकर नेहा झुकने को तैयार नहीं थी। आखिर क्यों झुके? गलत थोड़ी ना थी।
उस समय विमला जी को सिर्फ खुद का बेटा दिख रहा था। नारीत्व तो कहीं गायब हो चुका था। उन्होंने भी बेटा बहू में सुलह कराने की कोई कोशिश नहीं की। बल्कि एक औरत दूसरी औरत के खिलाफ खड़ी हो गई।
आखिर मामला तलाक तक पहुंच गया और दोनों की सहमति के साथ ये किस्सा तलाक पर जाकर खत्म हुआ। विमला जी आज बेचारी की बनी हुई थी। लोग अभी भी सलाह दे रहे थे कि थोड़ा सब्र कर लेते तो परिवार की इज्जत बर्बाद नहीं होती। तो कोई कहता कि आगे सोच समझकर कदम उठाना अपने बेटे में क्या कमी है दूसरी मिल जाएगी।
दोनों की कहानी साथ में शुरू होकर खत्म भी हो गई। पर सलाह देने वाले मुफ्त की सलाह देने से बाज नहीं आए।
🙏🙏🙏🙏
हमारे संस्कार ही हमारे लिए सब कुश हैं....
♥️🙏🎉🎂🎈❣️💐🌅
Happy birthday muna
Good morning 🥰🥰🥰
मां बाप से खतरा बता एसपी के सामने अपने प्रेमी के साथ गई बेटी तो मां बाप ने ट्रेन के आगे कटकर दे दी जान।।
अब बेटी आराम से प्रेमी के साथ बिना डर के जिंदगी जी सकती हैं। और एक भाई भी घर से गायब हैं। शायद वो भी मां बाप की तरह.....(
प्यार का कथित उफान शांत होने के बाद मां बाप याद आयेंगे।
हालात भले ही कमजोर हो लेकिन सोच हमेशा बड़ी रखना,
क्योंकि तय है कि आप जैसा सोचोगे वैसे ही बनोगे!
राम राम सा🙏🏻
शुभ प्रभात सभी भाइयों बहनों को 🙏🙏
जन्मदिन पार्टी में केक कैसे बनता है देखें
चाचा की जमीन हड़पना चाहता था लेकिन खुद की जमीन बन गई शमशान । चेराई घटना के शवों का किया अंतिम संस्कार ।
कैलेंडर की तारीख बदलने से हमारे जीवन में कुछ भी नया नहीं होने वाला है,, बिल्कुल भी भ्रम में ना पाले।
अगर जीवन में कुछ नया करना है तो अपने भीतर के मन को फ्रेश और ताजा करना पड़ेगा..... ब्रांड सोच और ब्रांड विचारों की तरफ बढ़ना पड़ेगा।
मनुष्य को खुद को तार्किक बनना पड़ेगा,, जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना पड़ेगा,, इंसानियत के मार्ग पर चलना पड़ेगा,, जाति और धर्म से ऊपर उठना पड़ेगा,, खुद को आध्यात्मिक और विज्ञान के रास्ते ले जाना पड़ेगा,, संघर्ष की ओर अग्रसर होना पड़ेगा।
फिर फूल खिलेंगे खुशबू के गुलाब के सत्य के और उन फूलों का जो आनंद है उससे आपका जीवन पल-पल क्षण क्षण महकता रहेगा।
आओ मिलकर संकल्प लें भीतर की ओर मुड़ जाएं और अपने भीतर के अहंकार को मार डालें ताकि जीवन में सुगंधित फूल खिल सके,, ओर परमानंद का द्वार खुल सके।
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