JAGAT GURU
#KABI IS GOD
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमार?
#बकरा_न_काटो कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता। कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि। ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।। Last Prophet Sant Rampal Ji
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और बात तेरे काम न आवै तु सन्ता शरणं लग रे ।
के सोवे गफलत में बन्दे जाग-जाग नर जाग रे।।
शरीर ही तेरा नहीं है तो माया कहां से होगा
ओ कौन है जो बिना भक्ति के रह नहीं सकती
RAM NA KI LUT
Jagat Guru Santrmal ji maharaj
🌿कबीर साहेब प्रकट दिवस🌿
कबीर परमेश्वर जी के बारे में यथार्थ जानकारी
कबीर परमेश्वर सन् 1398, ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को ब्रह्म मुहूर्त में अपने निज धाम सतलोक से चलकर आए और काशी के लहरतारा तालाब में, फूल पर, शिशु रूप धारण करके विराजमान हुए। जहाँ से नीरू-नीमा उनको अपने घर ले गये।
कबीर, ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
स्वामी रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद नामक ऋषि को लहरतारा नामक तालाब में ब्रह्म मुहूर्त में आकाश से एक आग का गोला आता दिखाई दिया वह तालाब में, एक कोने में कमल के फूल पर आकर सिमट गया जब उन्होंने अपने गुरू रामानंद जी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि जब कोई अवतारी शक्ति पृथ्वी पर लीला करने आती है तो ऐसी घटना होती है।
शिशु कबीर परमेश्वर के नामकरण के समय कुरान शरीफ के सर्व अक्षर कबीर, कबीर हो गये
गरीब, काजी गए कुरान ले,धरि लरके का नाम।
अक्षर अक्षर मैं फुरया, धन कबीर बलि जावं।।
गरीब, सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख। काशी के काजी कहे गई दीन की टेक।।
कुरान शरीफ के अक्षर बदलना तो कबीर परमेश्वर के लिए बहुत छोटा चमत्कार था,
परमेश्वर कबीर जी तो प्रारब्ध के पाप कर्मों को मिटाकर, नए सिरे से विधि का विधान लिख देते हैं।
5 वर्ष की आयु में 104 वर्ष के रामानंद जी को कबीर परमेश्वर ने अपनी शरण में लिया। वास्तविकता से परिचित कराया। रामानंद जी के शब्द:-
बोलत रामानन्द जी सुन कबीर करतार।
गरीबदास सब रूप में तुमही बोलनहार।।
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय।
गरीबदास हम कारणें उतरे हो मग जोय।।
तुम साहेब तुम सन्त हो तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस।।
तुम स्वामी, मैं बाल बुद्धि भर्म कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरै दृढ विश्वास।।
गरीब, सेवक होय करि ऊतरे, इस पृथ्वी के मांहि।
जीव उधारण जगतगुरु, बार बार बलि जाँहि।।
वाणी से स्पष्ट है कि कबीर परमेश्वर सेवक बनकर इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं, फिर जीवों का उद्धार करके जगत गुरु की पदवी को प्राप्त होते हैं।
अनंत ब्रह्मांड के स्वामी कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट होते हैं।
ग़रीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बन्दीछोड कहाय।
सो तो एक कबीर है, जननी जन्या न माय।।
अर्थात, अनंत करोड़ ब्रह्मांडो में कबीर परमेश्वर ही हैं जिन्हें बन्दीछोड़ कहा जाता है क्योंकि केवल कबीर परमात्मा ही जीवों को काल निरंजन की बंदीगृह से छुड़वा सकते हैं। केवल कबीर परमेश्वर ही हैं जिनका जन्म माता के गर्भ से नही होता, वो सशरीर प्रकट होते हैं।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के रूप में स्वयं कबीर परमेश्वर पृथ्वी पर आए हुए हैं। उनकी शरण में आकर सत भक्ति करके काल के जाल से खुद को मुक्त करवाना ही मानव जीवन का प्रथम कर्तव्य है।
आओ संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ग्रहण करके अपना कल्याण करवाईये।
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पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"
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कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
Kabir Prakat Diwas 14 June
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
#14जून_कबीरसाहेब_प्रकट_दिवस
🙇🙏🏻सत् साहेब जी 🙏🏻🙇
14 जून को कबीर साहेब जी का प्रकट दिवस है
वह परमात्मा सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है।
Kabir Prakat Diwas 14 June
#कबीरपरमेश्वर_के_अद्भुतचमत्कार
सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना
सम्मन और नेकी ने अपने गुरुदेव कबीर जी की सेवा के लिए किसी कारण वश अपने बेटे की गर्दन काटनी पड़ गई तो परमेश्वर कबीर जी ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन को वापिस जोड़ दी और कहा-
आओ सेऊ जी मिलो, यह प्रसाद प्रेम।
शीश कटत है चोरों के, साधो के नित क्षेम।।
गरीब, सेऊ धड़ पर शीश चढ़ा, बैठा पंगत मांही। नहीं घरैरा गर्दन पर, औह सेऊ अक नांही।।
ऋग्वेद मंडल नं. 10 सूक्त 161 मंत्र 2, मंडल नं. 9 सूक्त 80 मंत्र 2, सामवेद मंत्र संख्या 822 में भी यहीं प्रमाण है कि परमेश्वर अपने भक्तों की आयु भी बढ़ा देता है।
Kabir Prakat Diwas 14 June
संत रामपाल जी महाराज सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बताते हैं कि हम सब एक पिता की संतान हैं। हमारा भगवान, रब, गॉड, अल्लाह, परमात्मा, खुदा एक ही है उसकी पहचान करो। उसी की भक्ति से मानव का कल्याण होगा।
हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना।
आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना ll
हजरत मुहम्मद जी पाक पुरुष थे। वे मांस नहीं खाते थे। - संत रामपाल जी महाराज
हजरत मुहम्मद तथा एक लाख अस्सी हजार जो आदम से मुहम्मद तक नबी हुए हैं तथा मुहम्मद के उस समय अनुयायी मुसलमान थे, उन्होंने माँस नहीं खाया तथा गाय को बिस्मल (हत्या) नहीं किया।
गरीब, नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया।
एक लाख अस्सी कूं सौगन्ध, जिन नहीं करद चलाया।।
Indians Respect All Religious Gurus
संत रामपाल जी महाराज सर्व धर्मों का भेद मिटाते हुए अनमोल शिक्षा देते हैं कि,
हिंदू मुस्लिम दो नहीं भाई, दो कहै सो दोजख (नरक) जाही।
सभी मानव एक खुदा भगवान की संतान हैं। सभी आपस में भाई-भाई हैं। भाइचारे का अनमोल संदेश संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं।
Indians Respect All Religious Gurus
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी को जलन का असाध्य रोग था जो कहीं ठीक नहीं हो रहा था। सिकंदर राजा का जलन का रोग भी कबीर साहेब के केवल दर्शन मात्र से ही ठीक हो गया था।
कबीर दर्शन दीन्हा जबै, तपन भई सब दूर।
शाह कहा तुम साँच हो, औ अल्लाहका नूर।।
धन्ना भक्त के साथ कबीर परमेश्वर ने की अनहोनी
धन्ना भक्त ने कई दिन के भूखे साधुओं को ज्वार का बीज खिला दिया। परमेश्वर कबीर जी ने इसके प्रतिफल में उनके खेतों में तुम्बो में ही ज्वार निपजा दी और उस प्रत्येक तुम्बे में 5 किलोग्राम स्वच्छ ज्वार भर दी। जबकि धन्ना भक्त कंकड़ इकठ्ठी करके बीज आए थे।
धना भक्त कुं दिया बीज, जाका खेत निपाया रीझ।
#कबीरपरमेश्वर_के_अद्भुतचमत्कार
पूर्ण ब्रह्म की परिभाषा ।।
गरीब, सेवक हो कर उतरे, इस पृथ्वी के माहीं।
जीव उधारन जगतगुरु, बार बार बलि जाहिं।।
संत गरीब दास जी ने अपनी इस अमरवाणी में बताया है कि, पूर्ण परमात्मा कबीर जी (सेवक) दास बनकर सतलोक से नीचे पृथ्वी लोक पर आए। जगतगुरु बनकर जीवों को काल के जाल से मुक्त कराने प्रकट हुए थे।
Sant Rampal ji maharaj
ब्रह्म का परिभाषा ।।
संत रविदास जी ने पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी को गुरु धारण कर आजीवन कबीर साहेब द्वारा बताई सतभक्ति की थी।
संत रविदास जी की वाणी बताती है कि:-
साहेब कबीर समर्थ है, आदी अन्त सर्व काल।
ज्ञान गम्य से दे दिया, कहै रैदास दयाल॥
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जिंदा महात्मा के रूप में नानक देव जी, दादू जी, गरीबदासजी, सुल्तान अधम इत्यादि को मिले जिसका प्रमाण गरीबदास जी की वाणी में मिलता है।
हम सुल्तानी नानक तारे, दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया, काशी माहि कबीर हुआ।।
_Of_Lordkabir
परमेश्वर कबीर जी ही नरसिंह रुप धरकर आए थे और अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की-
गरीब, प्रहलाद भक्त कुं दई कसौटी, चौरासी बरताया।
नरसिंह रुप धरे नारायण, खंभ फाड़कर आया।🙏🙏
SAHEB JI
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