YOGI LLB
Every information is important here.
Tech Yogi - YouTube Hey, all types of online and offline information will be given on this channel.
बदलाव
गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह पुलिस से पूछ सकता है कि उसे किस मामले में और क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. दूसरा अधिकार: गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति का अधिकार है कि वह अपने कानूनी अधिकार की जानकारी ले. गिरफ्तारी के समय आप पुलिस से अपने कानूनी अधिकार मांग सकते हैं.
कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, संप्रदाय अथवा जाति के बालिग युवक-युवती के बीच हो सकती है। किसी विदेशी व भारतीय की भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। कोर्ट मैरिज में किसी तरह की कोई धार्मिक पद्धति नहीं अपनाई जाती। इसके लिए दोनों पक्षों को सीधे ही मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है।
योगेश कुमार सक्सेना (अधिवक्ता )
mob :- 094128 57689
https://yogillb.quora.com/?invite_code=otgOtudTQ1OUyWBrpI8y
Yogi LL.B I will give you information related to law here.
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के क्या अधिकार है:-
बिना शादी किये साथ रहने वाले लोगों के ये अधिकार है? उससे जुड़े पांच एहम फैसले।
लिव-इन रिलेशनशिप का मतलब “शादी जैसा रिश्ता” होता है। जब एक अनमैरिड लड़का और लड़की मैरिड कपल की तरह एक ही छत्त के नीचे रहते है, तो उसे लिव इन रिलेशनशिप माना जाता है। लेकिन भारत के कानून में लिव इन रिलेशनशिप को ढंग से परिभाषित नहीं किया गया है। यहाँ लिव इन रिलेशनशिप को दो अनमैरिड लोगों के बीच ”नेचर ऑफ मैरिज” के तौर पर रखा जाता है।
इसीलिए कई बार समस्याएं जन्म लेती है। लेकिन कोर्ट ने काफी हद तक इन समस्याओं का हल निकाल दिया है। अभी तक लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोई कानून तो नहीं बनाया लेकिन कुछ केसिस के दौरान लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के अधिकारों को जरूर परिभाषित किया गया है। आईये देखते है वो कौनसे अधिकार है।
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के अधिकार:-
(1) गुज़ारा भत्ता – लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिला भी घरेलू हिंसा कानून का इस्तेमाल कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार , “अगर कोई महिला किसी आदमी के साथ लिव-इन में रहती है और महिला ये नहीं जानती की आदमी पहले से मैरिड है, तो इस सिचुएशन में दोनों पार्टनर्स के साथ रहने को ‘डोमेस्टिक रिलेशनशिप’ माना जाएगा।” और महिला को घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत गुज़ारा भत्ता लेने का अधिकार दिया गया है।
(2) कपल्स को सुरक्षा जरूर दी जाएगी – राजस्थान हाई कोर्ट ने एक केस में फैसला सुनाया था कि एक मैरिड व्यक्ति का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कानून की नजर में वैध नहीं थी। लेकिन उसे पुलिस प्रोटेक्शन दी जाएगी। कोर्ट का कहना है कि दो लोगों के रिलेशन को सामाज के विरुद्ध और अनैतिक माना जा सकता है, लेकिन फिर भी उन लोगों के जीवन के अधिकार और आजादी को नहीं छीना जा सकता है।
संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सभी नागरिकों को जीवन के अधिकार और आजादी का अधिकार है और राजस्थान पुलिस एक्ट, 2007 के सेक्शन 29 के तहत, सभी नागरिकों की लाइफ और उनकी आजादी की रक्षा करना राज्य के सभी पुलिस अफसरों की ड्यूटी है।
(3) गुज़ारा भत्ता देना होगा वापस – दिल्ली हाई कोर्ट के अनुसार, एक लम्बे समय से चल रही शादी की तरह ही, लम्बे समय से चल रहे लिव इन रिलेशनशिप में ही महिला गुज़ारा भत्ता मांग सकती है।
मतलब लिव इन में रह रही महिला को
Click here to claim your Sponsored Listing.
Category
Contact the practice
Telephone
Website
Address
202526
Indra Chawk Near Goodwill Photo State
Budaun, 243601
LS TAX CONSULTANT MEANS CUSTOMER SATISFACTION, BETTER TAX PLANNING
𝗞𝗮𝗰𝗵𝗮𝗿𝗶 𝗥𝗼𝗮𝗱 𝗡𝗲𝗮𝗿 𝗖𝗵𝗮𝗺𝘂𝗻𝗱𝗮 𝗖𝗵𝗮𝘂𝗿𝗮𝗵𝗮
Budaun, 𝟮𝟰𝟯𝟲𝟬𝟭
ALHAD International is one of the ISO 9001:2015 Certified top leading Domestic and International Company
District & Session Court Budaun As Advocate
Budaun, 243601
दहेज एक्ट,घरेलू हिंसा नई जमानत,दीवानी,केश,जी०एस०टी०/आई०टी०आर० रिटर्न, वाहन का चालान,हाईकोर्ट केश,आदि।
Sarai Sawal
Budaun, 243633
Hello friends my pegs me aap ka swagat hai me shayari video upload karta hu . thank you