Dr. Ajay kumar
छठी मैया की जय.....🙏🌹❤️🌄🌋🌼
आप सभी नाट्य प्रेमियों को सूचित किया जाता है कि युवा नाट्य कला परिषद्, बनरझुला, मधुबनी के द्वारा छठ पूजा के शुभ अवसर पर स्थानीय कलाकारों के द्वारा दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत प्रथम दिन यानी 08/11/2024 को सामाजिक हिंदी नाटक #दो_बीघा_जमीन एवं दूसरे दिन यानी 09/11/2024 को मैथिली नाटक #हठात_परिवर्तन का मंचन किया जाएगा।
उक्त दोनों नाटकों को देखने के लिए अधिक से अधिक संख्या में आकर स्थानीय कलाकारों का उत्साहवर्धन करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
❤️🙏धन्यवाद 🙏❤️
आज का दिन.....👇
भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न, मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन 🙏💐🎊🎉❤️🌹
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेंद्रहारं।
सदावसंतं हृदयारवृंदे भवं भवानी साहितं नमामि।।
आप सभी श्रद्धालुओं को सावन माह के द्वितीय सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं।
💐❤️🙏जय भोले नाथ _______हर हर महादेव 🙏💐❤️
आप सभी को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।🙏💝🎊🎉💐
सत्य व अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन।✍🏼🙏🎉🎊🌹💐💐
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना द्वारा रेड रिबन क्लब के नोडल पदाधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रेमा रेजीडेन्सी, कुर्जी, पटना में सम्मिलित होने का अवसर मिला। आज की यादगार तसवीरें.....✍🏼🎗️♥️🎊🎉
आंग्ल नव वर्ष के स्वागत के सुअवसर पर हिन्दी के चर्चित कवि सोहनलाल द्विवेदी की प्रसिद्ध कविता #स्वागत_जीवन_के_नवल_वर्ष के माध्यम से आप सभी को अवगत कराते हुए नव वर्ष-२०२४ की हार्दिक बधाई संग ढेरों सारी शुभकामनाएं। नव वर्ष मंगलमय हो।✍🏼💐💐💕❤️🌹🎊🙏
स्वागत! जीवन के नवल वर्ष
आओ, नूतन-निर्माण लिये,
इस महा जागरण के युग में
जाग्रत जीवन अभिमान लिये;
दीनों दुखियों का त्राण लिये
मानवता का कल्याण लिये,
स्वागत! नवयुग के नवल वर्ष!
तुम आओ स्वर्ण-विहान लिये।
संसार क्षितिज पर महाक्रान्ति
की ज्वालाओं के गान लिये,
मेरे भारत के लिये नई
प्रेरणा नया उत्थान लिये;
मुर्दा शरीर में नये प्राण
प्राणों में नव अरमान लिये,
स्वागत!स्वागत! मेरे आगत !
तुम आओ स्वर्ण विहान लिये !
युग-युग तक पिसते आये
कृषकों को जीवन-दान लिये,
कंकाल-मात्र रह गये शेष
मजदूरों का नव त्राण लिये;
श्रमिकों का नव संगठन लिये,
पददलितों का उत्थान लिये;
स्वागत!स्वागत! मेरे आगत !
तुम आओ स्वर्ण विहान लिये !
सत्ताधारी साम्राज्यवाद के
मद का चिर-अवसान लिये,
दुर्बल को अभयदान,
भूखे को रोटी का सामान लिये;
जीवन में नूतन क्रान्ति
क्रान्ति में नये-नये बलिदान लिये,
स्वागत! जीवन के नवल वर्ष
आओ, तुम स्वर्ण विहान लिये !
@ सोहनलाल द्विवेदी......✍🏼
#महानवमी_सिद्धिदात्री_माता_🙏
आज श्री श्री 108 श्री नव दुर्गा पूजा, बनरझुला, मधुबनी के प्रांगण में महानवमी के शुभ अवसर पर माँ के चरणों में शीश झुकाकर जगत कल्याणार्थ के लिए मंगलकामना किया तथा जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, यश और वैभव के लिए आशीर्वाद माँगे।
🌹🌷🙏💐जय माता दी✍️🙏💐♥️🌹🌷
अहिंसा के पुजारी, अंग्रेज़ी हुकूमत से आज़ादी दिलाने वाले महान व्यक्तित्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को जयंती पर कोटि कोटि नमन करता हूं एवम् भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।✍️🙏💐💐
जरुरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो,
बेटियां भी घर में उजाला करती है।
अन्तर्राष्ट्रीय बेटी दिवस की हार्दिक बधाई संग शुभकामनाएं।।✍️🎉🎊💐💝
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा के पूर्व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाकर पाठक ने कहा कि हिन्दी सहस्रमुखी गंगा है जो भारतीय संस्कृति के महनीय वैशिष्ट्य को आत्मसात कर सभी भाषाओं को गले लगाते हुए निरन्तर प्रगति-पथ पर प्रवहमान है । उन्होंने कहा कि हिन्दी अपनी सृजनशीलता और शाब्दी-आर्थी व्यंजना के बल पर वैश्विक क्षितिज पर प्रतिष्ठापित हो चुकी है। इसके साहित्य को समृद्ध करने में हिंदीभाषी क्षेत्र के साथ ही अहिन्दीभाषी क्षेत्र के साहित्यकारों ने भी अविस्मरणीय योगदान किया है। टी लक्ष्मीनारायण के सम्पादन में प्रकाशित होने वाली तमिल पत्रिका ' जागृति ' ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के पद पर विभूषित करने की आवाज बुलन्द की थी ।प्रो. पाठक 10 जनवरी 2021 को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर एम एल एस एम कॉलेज , दरभंगा के हिन्दी विभाग और आन्तरिक गुणवत्ता विनिश्चयन प्रकोष्ठ (आई क्यू ए सी) के संयुक्त तत्वावधान में ' हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य ' विषय आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे । संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. विद्यानाथ झा ने की ।
विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोई भाषा तभी प्रतिष्ठित हो सकती है जब उसके अन्तर्गत विश्व व्यापार में उत्पादन की पद्धति और वितरण की प्रणाली की भाषा बन पाने की क्षमता हो । हिन्दी में यह क्षमता है पर इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने अंग्रेजी के शिक्षण का माध्यम बने रहने पर क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि मौलिक चिन्तन अपनी भाषा के माध्यम से ही सम्भव हो सकता है। इसलिए भारतीय मेधा की क्षमता को समग्रता में अभिव्यक्त हो सकने का अवसर देने केलिए हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को शिक्षण का माध्यम बनाना ही होगा । प्रो. सिंह ने कहा कि हिन्दी को अपने विकास केलिए अब किसी बैसाखी की आवश्यकता नहीं है। वह अपनी आन्तरिक क्षमता के बूते कामयाबी का परचम लहराते हुए मारीशस , फिजी , सूरीनाम , इंगलैड , अमेरिका , चेकोस्लोवाकिया , जर्मनी , फ्रांस , जापान , रूस आदि देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है ।
साहित्य अकादेमी की सामान्य परिषद के निर्वाचित सदस्य और महाविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने कहा कि विज्ञान के अध्ययन-अध्यापन की माध्यम भाषा के रूप में हिन्दी को अपना लिया जाए तो भारत की मेधा का डंका पूरी दुनिया में बजने लगेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से हिन्दी अबतक संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा भले नहीं बन पाई हो , लेकिन इस अन्तरराष्ट्रीय संस्था ने हिन्दी में ट्विटर , फेसबुक पेज और टी वी चैनल शुरू कर इस भाषा की महत्ता को स्वीकार कर लिया है । यूनेस्को की आधिकारिक भाषा के रूप में तो हिन्दी को विधिवत मान्यता मिल भी चुकी है । यह वैश्विक स्तर पर हिन्दी के बढ़ते दबदबे का प्रमाण है । प्रो. मिश्र ने हिन्दी को लोकप्रिय ,सर्वस्वीकार्य और अधिकाधिक सक्षम बनाने केलिए साहित्य अकादेमी , केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय , वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग , राष्ट्रीय अनुवाद मिशन आदि संस्थाओं की ओर से किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई केलिए हिन्दी में पर्याप्त स्तरीय पुस्तकें उपलब्ध हो जाएँगी।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. सतीश कुमार सिंह ने विषय प्रवर्तन के क्रम में बताया कि 10 जनवरी 1975 को नागपुर में हुए प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के मद्देनजर वर्ष 2006 में आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रति वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी । संगोष्ठी में डॉ. कृष्ण कुमार झा, डॉ. तीर्थनाथ मिश्र, डॉ. रामचन्द्र सिंह, डॉ. कैलाशनाथ मिश्र छात्र रीतेश कुमारआदि ने भी विचार व्यक्त किए । स्वागत भाषण महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरकान्त कुमर ने किया और धन्यवाद किया आई क्यू ए सी के समन्वयक डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने ।
*पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार झा को दी गई विदाई* :- इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो. विद्यानाथ झा ने 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हुए तत्कालीन हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार झा को महाविद्यालय परिवार की ओर से भावभीनी विदाई दी । उन्होंने महाविद्यालय के विकास में डॉ. झा के योगदान की मुक्तकंठ से सराहना की और उनके स्वस्थ , सुखी और दीर्घ जीवन की कामना की । डॉ. कृष्ण कुमार झा ने अपनत्व, स्नेह और सहयोग देने केलिए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की ।
संगोष्ठी में बर्सर डॉ. अवधेश कुमार मिश्र , प्रो. रमेश झा, डॉ. उषा चौधरी, डॉ. मुरलीधर झा, डॉ. शंभुनाथ चौधरी, डॉ. विनय नाथ झा, डॉ. ज्वाला चन्द्र चौधरी, डॉ. अजय कुमार, केवलकान्त झा, डॉ. गणेशकान्त झा, राहुल कुमार झा, अनूप कुमार झा आदि उपस्थित थे ।
"पुरातनता का यह निर्मोक,
सहन करती न प्रकृति पल एक,
नित्य नूतनता का आनंद,
किये है परिवर्तन में टेक।"
🙏💐आपको और आपके परिवार को नव वर्ष -2021 की हार्दिक शुभकामनाएं।💐🙏
📝 डॉ. अजय कुमार,सहायक प्राध्यापक, हिंदी-विभाग, महात्मा गांधी महाविद्यालय, सुंदरपुर,दरभंगा (बिहार)
#जीवन_का_सर्वश्रेष्ठ_पुनीत_कार्य_रक्तदान_है_!💉
#रक्तदान_करके_किसी_के_जीवन_को_बचाया_जा_सकता_है_!!💉♥️
आज मैं इस पुनीत कार्य को अपने मित्र के लिए बखूबी निभाया। मेरे लिए आज का दिन अहम रहा । भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि इस तरह का कार्य करने के लिए हमेशा शक्ति प्रदान करें ।।🙏🙏🤳💉♥️📸
शुभ दिन :- बुधवार , दिनांक :- 02/12/2020.
78-कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र (दरभंगा) में पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य का निर्वहन करने का प्रयास....
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