Shib Charan Das
social worker
Resorting in Chandigarh.
‘‘सत्यमेव जयते |
‘‘सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज है भारतीय संविधान |
जिसने देश को दी नई दिशा …जिसने आपको नया जीवन दिया वह है आपका संविधान |
|| भवतु सब्बमंगलं ||
‘‘भारतवर्ष को समता-स्वतंत्रता-बंधुत्व के एक सूत्र में बांधने वाला सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज है भारतीय संविधान | "
" सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज है भारतीय संविधान" दिया उन्हे सिर्फ शोषित,वंचित, पिछड़ो के नेता तक ही सीमित करना जातिगत मानसिकता का परिचायक है |
‘‘भारतीय संविधान के निर्माता, जिन्होंने भारत को समता-स्वतंत्रता-बंधुत्व के एक सूत्र में बांधने वाला , हमारा राष्ट्र भारतवर्ष एक गणतंत्र राष्ट्र बना जिनके संघर्षो,त्याग,समर्पण की वजह से ये सम्भव हो पाया वो है आधुनिक भारत के युगप्रवर्तक, परमपूज्य, बोधिसत्व,भारत रत्न,महामानव,बाबा साहेब डा अम्बेडकर जी के बदौलत |
साथियों शायद आप इस सत्य से अंन्जान है या जानना नहीं चाहते पढ़िए ध्यान से संविधान ने आपके जीवन में किस तरह से क्रांति ला दी |
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जिस सामाजिक क्रांति की बदौलत भारत के संविधान का निर्माण हुआ, उसमे छत्रपति साहूजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले जीे,नारायण गुरु जी और परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न महानायक बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर जी का बहुत बड़ा योगदान था | इन तमाम महापुरुषों के संघर्षो के बाद परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न बाबासाहेब डा.भीमराव अम्बेडकर के संघर्षो के बदौलत भारत वर्ष में जो सामाजिक क्रांति आई वह एकमात्र कारण है जिससे भारत के संविधान का निर्माण हुआ |
बाबासाहेब नहीं होता और भारतीय संविधान नहीं होता तो लोगो के मूलभूत अधिकारों की गारंटी भी न होती |
यानी बोलने की, लिखने की, अपनी मर्ज़ी से पेश चुनने की ,संगठन खड़ा करने की,अच्छे कपड़े पहनने, मीडिया चलाने की आज़ादी नहीं होती | जातिगत भेदभाव को गलत नहीं माना जाता,छुआछूत को कानून में अपराध घोषित नहीं किया जाता, स्त्री स्वतंत्रता की बात कौन करता |
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हम लोग गणतंत्र के महानायक परमपूज्य बाबासाहेब अम्बेडकर का हमेशा ऋणी रहेगा जिन्होंने समता समानता पर आधारित दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया.परमपूज्य बाबा साहेब आंबेडकर जी ने आजाद भारत में सभी वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित की | भारतीय संविधान को अपनाने से ठीक एक दिन पहले यानि 25,नवंबर,1949 को संविधान सभा को सम्बोधित करते हुए बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने लोकतंत्र के पक्ष में अपना यादगार भाषण दिया था |
25,Nov,1949 को बाबा साहेब जी ने संविधान सभा में भाषण देते हुए कहा था कि "संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो वह अपने आप लागू नहीं होता है, उसे लागू करना पडता है। ऐसे में जिन लोगो के ऊपर संविधान लागो करने की जिम्मेदारी होती है, यह उन पर निर्भर करता है कि वो संविधान को कितनी इमानदारी और प्रभावी ढंग से लागू करते है |"
वो संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
साथियों आज हमें अगर कहीं भी खड़े होकर अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने की आजादी है,समानता का अधिकार है तो यह सिर्फ और सिर्फ परमपूज्य बाबासाहेब आंबेडकर जी के संघर्षों से मुमकिन हो सका है । भारत वर्ष का जनमानस सदैव बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर जी का कृतज्ञ रहेगा । इन्हीं शब्दों के साथ मैं शिव चरण दास अपनी बात खत्म करता हूं। सामाजिक न्याय के पुरोधा तेजस्वी क्रांन्तिकारी शख्शियत परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं ।
*— जिसने देश को दी नई दिशा …जिसने आपको नया जीवन दिया वह है आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर जी का संविधान —*
🙏जय भीम। 🙏 जय भारत। 🙏 जय संविधान।
सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी।विजय दशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार है। ऐतिहासिक सत्यता है कि महाराजा अशोक कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बुद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी।
बौद्ध बन जाने पर वह बौद्ध स्थलों की यात्राओ पर गए। भगवान बुद्ध के जीवन को चरितार्थ करने तथा अपने जीवन को कृतार्थ करने के निमित्त हजारो स्तुपो ,शिलालेखो ,धम्म स्तम्भो का निर्माण कराया। अशोक की इस धार्मिक परिवर्तनसे खुश होकर देश की जनता ने उन सभी स्मारकों को सजाया -सवारा तथा उस पर दीपोत्सव किया। यह आयोजनहर्षोलास के साथ १० दिनों तक चलता रहा, दसवे दिन महाराजा ने राजपरिवार के साथ पूज्य भंते मोग्गिलिपुत्त तिष्य से धम्म दीक्षा ग्रहण किया।
धम्म दीक्षा के उपरांत महाराजा ने प्रतिज्ञा किया कि आज के बाद हम शास्त्रो से नही बल्कि शांति और अहिंसा से प्राणी मात्र के दिलो पर विजय प्राप्त करूँगा। इसीलिए सम्पूर्ण बौद्ध जगत इसे अशोक विजय दसमी के रूप में मनाता है। में, शिव चरण दास ........ सभी मित्रों को ”अशोक विजयदशमी” की बहुत-बहुत बधाई!
लेकिन ब्राह्मणो ने इसे काल्पनिक राम और रावण कि विजय बता कर हमारे इस महत्त्वपूर्ण त्यौहार पर कब्ज़ा कर लिया है।
जहां तक दशहरे की बात है तो इससे जुड़ा तथ्य यह है कि चन्द्रगुप्त मौर्य से लेकर मौर्य साम्राज्य के अंतिम शासक बृहद्रथ मौर्य तक कुल दस सम्राट हुए। अंतिम सम्राट बृहद्रथ मौर्य की उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने हत्या कर दी और “शुंग वंश” की स्थापना की।
पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण था। इस समाज ने इस दिन बहुत बड़ा उत्सव मनाया। उस साल यह अशोक विजयदशमी का ही दिन था। उन्होंने “अशोक” शब्द को हटा दिया और जश्न मनाया।
इस जश्न में मौर्य वंश के 10 सम्राटों के अलग-अलग पुतले न बनाकर एक ही पुतला बनाया और उसके 10 सर बना दिए और उसका दहन किया। 2500 साल के सम्राट अशोक के विरासत से जोड़ते हुए 14 अक्टूबर 1956 को अशोक विजयदशमी के दिन ही बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर ने 5 लाख लोगों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। में, शिव चरण दास ........ सभी मित्रों को "धम्मचक्रप्रवर्तन दिवस ” की बहुत-बहुत बधाई!
बताइए सबको अशोक विजया दशमी के बारे में!
🙏🙏🙏मेरे परमपुजनीय माँ को सत सत नमन एंव श्रद्धापूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏आज ही के दिन 17 बर्ष पहले
दिनांक 13/07/2004 को दिल के दौरा पड़ने से उनके देहान्त हो गयी थी | उनकी आशीर्वाद और कृपा हमारे पर सदा के लिए बने रहें |
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Getting ready for marriage Party
रिश्तो की गहराई तो पति – पत्नी ही समझ सकते है अनजान होकर भी एक जान होते है।
शादी तो सिर्फ रिश्तो को ही बनाती है
पति पत्नी ही परिवार बनाते हैं ।
*🎂समाजिक क्रांति की अग्रदूत द आयरनलेडी बहन कु.मायावती जी के 65 वें जन्मदिवस की हार्दिक बधाईयाँ एंव मंगलकामनाएं |*
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जन-कल्याणकारी दिवस |
*🐘भारत की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बहुजन समाज की आन बान शान बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा, भारत के सबसे बड़े सूबे की चार-चार बार मुख्यमंत्री रहीं,भारत की प्रथम बहुजन मुख्यमंत्री,बहुजन समाज और उसकी राजनीति की धुरी,पूर्व लोकसभा सदस्य,पूर्व राज्यसभा सदस्य ,बहुजन महानायिका,द आयरन लेडी,बाबासाहेब अम्बेडकर जी और मान्यवर कांशीराम साहब के पद चिन्हों पर चलने वाली,सामाजिक क्रांति की अग्रदूत, बहुजन समाज के स्वाभिमान की प्रतीक बहन मायावती जी के जंन्मदिवस(जन-कल्याणकारी दिवस) की हार्दिक बधाईयाँ एंव मंगलकामनाएं |*
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आप जिये हजारों साल
साल के दिन हो
पचास हजार |
द आयरनलेडी आदरणीया_सुश्री बहन कु. मायावती जी सैल्यूट है आपको | *साथियों बहन मायावती जी होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है |*
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सम्मानित साथियों हमारा वोट ही,हमारी ताकत है यह लोकतन्त्र में सबसे बड़ी ताकत वाला हथियार है |
*🔹यदि हमने इसे सही तरीके से उपयोग नही किया तो यह हथियार, हमारे खिलाफ भी उतनी ही ताकत से काम करेगा जैसा की हम उसे उपयोग कर सकते है |*
🔹वोट की ताकत से ही हमारा वजुद है |
‘‘जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं |
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*🐘इतिहास में सन् 2008 के आठवें महीने का 28 वां दिन उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री द आयरन लेडी बहन जी मायावती को हमेशा याद रहने वाला है क्योंकि यही वह दिन है जब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शुमार ‘फोर्ब्स’ ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था |*
‘‘बहन मायावती के शासन में करीब 23 लाख 10 हजार स्थाई रोजगार दिया गया था जिसमे बहुजन समाज को 60 %अधिक भागीदारी मिली जो भारत के इतिहास में रिकॉर्ड है ।इस रिकॉर्ड को बहन जी ही तोड़ सकती हैं।नौकरी देना बड़ी बात नहीं है बड़ी बात ये है कि हजारों साल से बंचित समाज (एससी,एसटी, ओबीसी)को बिना जातिगत भेदभाव के भागीदारी देना,ऐसा केवल बसपा शासन में हुआ है —
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🔷नीली क्रांति |
*‘‘न्याय,सम्मान,स्वाभिमान,समता एंव स्वतंत्रता |*
अगर केवल मूर्ति बनाने को ही #आर्थिक और #सामाजिक पहलुओं की तुलना कर ली जाये तो समझ जायेंगे कि मायावती होना मुश्किल है लखनऊ पार्क की लगत 100 करोड़ (आधिकारिक) और एक नया पैसा विदेश नहीं गया देश के संसाधनों से देश की प्रतिभाओं ने अद्वितीय कारनामा कर दिखाया 2007 में जब द आयरनलेडी मायावती ने यूपी की सत्ता संभाली तो पिछला बजट था 80 हजार करोड़ का |* और जब 2012 में मायावती जी ने सत्ता छोड़ी तो बजट 2 लाख करोड़ से ऊपर था मायावतीजी द्वारा पेश आखिरी बजट में राजकोषीय घाटा 2.8% था और उसी वर्ष भारत सरकार का राजकोषीय घाटा 5.2% था इसलिए आर्थिक नीतियों के मामले में भी मायावती होना मुश्किल है |
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‘‘लखनऊ चमकाया,नोएडा,चमकाया,एक्सप्रेसवे दिया, फार्मूला वन ट्रैक दिया,किसानों को उनकी मर्जी का मुआवजा दिया बिजली उत्पादन 5 साल में 3500 MW से पहुँचा दिया इसलिए मायावती बनना मुश्किल है |
🐘द आयरनलेडी बहन मायावतीजी ने अपने शासन काल में 7 मेडिकल कालेज, 5 इंजीनियरिंग कालेज,
2 होम्योपैथिक कालेज,2 पैरा-मेडिकल कालेज,
6 विश्वस्तरीय_विश्वविद्यालय,100से_अधिक_डिग्री कालेज, 572_हाईस्कूल,100_सेअधिक_ITI खोले कभी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा जा कर देखिये इसलिए मायावती बनना मुश्किल है | *बहन मायावती जी का शासन #कानून_का_शासन होता है मायावती जी को शासन चलाने के लिए किसी विशेष-सख्त कानून की जरुरत नहीं होती इसी लिए मायावती ने अपने शासन में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण कानून से तुरंत गिरफ़्तारी का प्रावधान हटवा दिया था इसलिए मायावती होना मुश्किल है |
1. विदित है कि कल 15 जनवरी सन् 2021 को मेरा 65वाँ जन्मदिन है जिसे पार्टी के लोग कोरोना महामारी के चलते व इसके नियमों का पालन करते हुए पूरी सादगी से तथा इससे पीड़ित अति-ग़रीबों व असहायों आदि की अपने सामर्थ के अनुसार मदद करके ‘जनकल्याणकारी दिवस‘ के रूप में मनायें तो बेहतर।
2. कल मेरे जन्मदिन पर स्वलिखित पुस्तक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफरनामा, भाग-16 व इसका अंग्रेजी संस्करण A Travelogue of My Struggle Ridden Life and BSP Movement, Vol.16 जारी होगा, जिसे पढ़कर आत्म-सम्मान व स्वाभिमानी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
-- बहन कुमारी मायावती जी
जय भीम,
जब तक रहेगा जान जय भीम बोलेंगे हम
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