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*सावधान ! आ गया है सर्पों के बाहर आने का मौसम -
सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी*
*सभी सर्प जहरीले नहीं होते अतः सर्प देखकर बेवजह ही न डरें न ही उसे मारें*
*कोबरा,करैत,रसल वाइपर के दंश में सिर्फ एंटीवेनम उपचार ही एकमात्र इलाज है*
इटावा। सर्दी का ठंडा मौसम हमेशा ही ठंडे रक्त वाले प्राणियों (सर्पों) के लिए जानलेवा साबित होता है इसीलिए अभी तक पिछले दो माह में सर्प दिखाई नहीं दिए। लेकिन प्रकृति में जब भी बसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु शुरू होती है वैसे ही धरती की सतह के तापमान को अपने विशेष संवेदी अंगों से भांपकर विभिन्न प्रकार के सर्प अपने लम्बे शीत काल प्रवास को छोड़कर जमीन से या किसी अन्य जगह से बाहर आने लगते है। लगातार बढ़ती गर्मी भी इनके ठंडे पड़े रक्त में दोबारा से प्राण से फूंक देती है।
यही कारण है कि,गर्मी शुरू होते ही हमारे आस पास इनकी हलचल अक्सर बढ़ जाती है। लेकिन अब एक बड़ा सवाल यह है कि, क्या हमारे आस पास दिखने वाले सभी सर्प जहरीले होते है? तो इसका जवाब है बिलकुल भी नहीं। जी हां हमारे घरों के आस पास पाए जाने वाला प्रत्येक सर्प जहरीला नही होता है। सिर्फ बिग फोर प्रजाति के 4 मुख्य सर्पों कोबरा,करैत,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर को छोड़कर सभी सर्प जहरीले भी नही है और इनसे डरने या इन्हे देखकर घबराने की भी आवश्यकता भी नही है।
अब लेकिन यदि कभी कोबरा,करैत,रसल वाइपर,सॉ स्केल्ड वाइपर किसी को काट ले तो हमे क्या करना चाहिए? तो सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति या महिला के हाथ या पैर में हल्का बन्ध लगाकर सीधे बिना किसी देरी के अपने जनपद के जिला चिकित्सालय जाकर एंटीवेनम से ही उपचार लेना चाहिए। इन खतरनाक बिग फोर सर्पों में से किसी के भी काटने के बाद किसी अंधविश्वास में डूबे व्यक्ति के कहने या बरगलाने पर किसी गांव के ओझा या तांत्रिक से झाड़ फूंक कराना हमेशा ही जानलेवा भी साबित होता है।
मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया का यूपी कोर्डिनेटर होने के नाते मैं सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी जनपद इटावा से आप सभी से विनम्र निवेदन करता हूं कि, कभी भी सर्प दंश होने पर अपने परिजनों की अमूल्य जान किसी अंधविश्वास में पड़कर मत गंवाईये क्यों कि,आपके परिजनों का जीवन अमूल्य है और सर्प दंश के केस में रोगी को समय से इलाज मिलना ही बेहद ही आवश्यक होता है। अतः कोबरा,करैत,रसल वाइपर या सॉ स्केल्ड वाइपर के काट लेने पर कृपया सीधे अस्पताल जाकर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही एंटीवेनम लगवाकर इलाज करवाईए। *यह बात हमेशा ही याद भी रखिए कि, झाड़ फूंक से जाये जान,एंटीवेनम ही बचाए प्राण।*
MSBDFIUP
*मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया की बहुप्रतीक्षित आधिकारिक वेवसाइट का उज्जैन में हुआ भव्य शुभारंभ*
*अब सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार एवम सर्पों के महत्व के बारे में भी मिलेगी पूर्ण जानकारी*
उज्जैन (मध्य प्रदेश) मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया की आधिकारिक वेवसाइट का शुभारंभ डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल सांईसेज मध्यप्रदेश एवम शासकीय माधव साइंस कालेज, (नैक द्वारा A++ ग्रेड प्रदत्त) उज्जैन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर आज कुलपति
प्रो0 डी के शर्मा कुलपति महू विश्विद्यालय मध्य प्रदेश व विश्वप्रसिद्ध हरपीटोसाइंटिस्ट प्रो0 कृष्ण कुमार शर्मा पूर्व कुलपति एम डी एस यूनिवर्सिटी राजस्थान, नेशनल कोर्डिनेटर,मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया,डॉ बी एन पाण्डेय प्रेसिडेंट जूलोजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया एवम हरपीटोलोजिस्ट वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी कोर्डिनेटर मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया उत्तर प्रदेश ने अनेकों वरिष्ठ वैज्ञानिकों व विभिन्न विश्विद्यालयों के वरिष्ठ प्रोफेसर की गरिमामायी उपस्थिति में संयुक्त रूप से किया।
*मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया की वेबसाइट को देखने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें।*
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http://www.missionsnakebitedeathfreeindia.com
*सर्पदंश जागरूकता अभियान, जनपद इटावा* "उत्तर प्रदेश'
*धान के खेत मे कार्य कर रहे किसान को सर्प ने काटा सर्पमित्र डॉ आशीष से फोन पर मिली तत्काल सहायता घबराये नहीं, बच गई जान*
*सर्पदंश से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे इस youtube चैनल व फेसबुक पेज को like करें।*👇👇👇👇👇
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*इटावा* । इस बरसात के समय जनपद में जगह जगह सर्प निकलने की घटनाये सामने आ रही है। जो कि,ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखी जा रही है। चूंकि, इस समय बरसात का मौसम चल रहा है इसलिये अब सबसे जरूरी बात यह जानना है कि सभी सर्प जहरीले ही नही होते है अतः कभी सर्पदंश होने पर बिल्कुल भी घबराये नही। ऐसा ही एक मामला आज सुबह सामने आया जिसमें सुबह 7:30 बजे खेत पर कार्य करते हुये बजे थाना इकदिल के अंतर्गत दाईपुरा ग्राम में एक किसान नारायण बाबू उम्र लगभग 51 वर्ष को धान के खेत मे कार्य करते समय किसी पानी में विचरण करने वाले सर्प ने काट लिया। तभी सर्पदंश की घटना की सूचना उनके बेटे अंकित सिंह द्वारा वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को फोन पर मिली। उन्होंने उसका उपचार पूछा। अंकित ने सर्प के काटे हुये स्थान की फ़ोटो डॉ आशीष को उनके व्हाट्सएप्प नम्बर पर भेजी। फ़ोटो देखने के बाद उसके मौजूदा लक्षणों को समझकर व डॉ आशीष ने उस सर्प की पहचान एक विषहीन सर्प के रूप में की।
डॉ आशीष के द्वारा सर्प के काटे गए स्थान की पहचान करने के बाद दी गई सलाह पर किसान द्वारा किसी भी प्रकार की झाड़ फूँक न कराकर उन्होंने उस काटे हुये स्थान को डिटोल से अच्छे से साफ करके घाव को सुखाकर बीटाडीन दवा से लेप किया एवं सर्पमित्र डॉ आशीष से उनके फोन नम्बर 7017204213 पर लगातार संपर्क बनाये रखा। सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी द्वारा सर्प के विषहीन होने की पुख्ता जानकारी पाकर किसान की घबराहट बिल्कुल कम हो गई। अब किसान नारायण बाबू बिल्कुल स्वस्थ है बस उनका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) सामान्य से थोड़ा बड़ा हुआ था। फोन पर ही उनके बेटे को डॉ आशीष द्वारा समझाने से उनकी जान बच गई। अब इस सामान्य घटना से अन्य सभी लोगो को भी यह सीख लेनी है कि, कभी भी सर्पदंश होने पर बिल्कुल भी घबराये नही लेकिन वहीं ध्यान रखें कि, किसी भी प्रकार के जहरीले सर्प जैसे कोबरा करैत रसल वाइपर के काटने पर पीड़ित के हाथ या पैर में घाव से ऊपर की ओर एक या दो हल्के बन्ध लगाकर आधा घण्टे में ही निकट के सीएचसी अथवा पीएचसी ले जाये यदि कभी वहाँ एंटीवेनम मौजूद न हो तब बिना हिलाये डुलाए ही मरीज को सीधे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड कमरा नम्बर 3 में ले आयें और ध्यान रहे मरीज को बिल्कुल शान्त रखे व लगातार उसके जल्द ही ठीक होने का दिलासा देकर उसकी घबराहट को कम करने का प्रयास करें। क्यों कि हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी सर्पों में कोबरा, करैत, रसल वाइपर व सॉ स्केल्ड वाइपर के सिवा अन्य सर्प जहरीले ही नही होते है। अतः सर्पदंश होने पर बिल्कुल भी घबराएं नही क्यों कि ज्यादातर मौत विषहीन सर्प के काटने के मामले में मरीज के अत्यधिक घबराहट होने से ही हो जाती है।
फ़ोटो- 1- किसान नारायण बाबू
फ़ोटो - 2 - पैर पर साँप के काटे का निशान
सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम एक बेहद ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है-
एस पी यादव ( प्राचार्य डाइट)
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम
सम्पर्क सूत्र - सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी 7017204213
इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सगयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस), एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ। जिसमे जनपद के विभिन्न प्रशिक्षणार्थियों ने सहभागिता की। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने छात्र छात्राओं को पोस्टर के माध्यम से सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुये बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 50,000 लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से ही मरते है। उन्होंने कहा कि, स्कूलों में व घरों में चूहों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प भी आ जाते है। अतः हमे अपने अपने घर मे व स्कूलों में साफ सफाई रखने का विशेष प्रयास अवश्य ही करना चाहिये। उन्होंने कहा कि, कृपया इस मौसम में वेहद सावधान भी रहें क्यों कि कभी सर्प आपके बाहर उतारे हुये जूते में भी छिपा हो सकता है व अपको बाइट भी हो सकती है । वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है और हम भयभीत होकर अनजाने में सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन ऐसी स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही चाहिये क्यों कि, हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के सर्प जहरीले ही नही होते है। ध्यान रहे कि,सर्पदंश का इलाज झाड़ फूँक नही बल्कि एंटीवेनम ही होता है। डॉ आशीष त्रिपाठी ने कहा कि, सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर व शिक्षाविद डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर सभी विशेष शिक्षकों को जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास भी दूर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डायट इटावा एस पी यादव ने कहा कि,आज का यह सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही अनूठा व ज्ञानवर्धक रहा। चूंकि, अब राज्य सरकार द्वारा सर्पदंश को राज्य आपदा भी घोषित किया जा चुका है उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये बेहद ही उपयोगी सिद्ध होगा। उससे भी बड़ी बात यह है कि, डॉ आशीष अपनी संस्था के माध्यम से हमे इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने स्वयं चलकर आये है। हम लोगो के जीवन से जुड़ी इस महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये मैं संस्था ओशन के महासचिव डॉ आशीष का विशेष आभारी हूँ। उप प्राचार्य डायट जे एस शाक्य ने कहा कि, इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से हमने व हमारे बच्चों ने आसपास के सभी प्रकार के सर्पों को सरलता से पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीख लिया है । इस अवसर पर प्रशिक्षण प्रभारी/डायट प्रवक्ता श्रीमती गायत्री वर्मा , वृंदावन वर्मा, बृजलाल,अल्का रस्तोगी भी मौजूद रही ।
साँप के डसने से हुई महिला की मौत,
देर से अस्पताल पहुँचने पर गई जान
सर्पमित्र - डॉ आशीष त्रिपाठी
7017204213
इटावा। चकरनगर के थाना सहसों क्षेत्र के अंतर्गत अजीत की गढिया निवासी सुनीता पत्नी अशोक दुबे उम्र लगभग 42 वर्ष की आज सुबह किसी जहरीले सर्प के काटने से दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार सुनीता चारपाई पर बैठी थी जब वे खड़ी हुई तब ही नीचे बैठे किसी सर्प ने उन्हें डस लिया । उन्होंने सर्प को जाते देखा था। सुनीता के पति के अनुसार उनकी पत्नी को सुबह 5:30 पर साँप ने काटा था सुनीता को पहले पास के ही किसी भगत से भी झाड़ फूँक करवाने ले जाया गया था। वहाँ उसने झाड़ फूँक की और कहा कि अब कोई जहर नही चढ़ेगा। उसके बाद उनकी हालत बिगड़ने पर सुबह लगभग 8:30 पर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया जहाँ जरूरी उपचार शुरू होने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। तब चिकित्सकीय परीक्षण के
उपरान्त डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विदित हो कि मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी के द्वारा जनपद के विभिन्न विद्यालयों में सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिये लगातार सर्पदंश जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। फिर भी अज्ञानतावश ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी सर्पदंश के बाद अंधविश्वास में पड़कर झाड़ फूँक से इलाज करते चले आ रहे है अंधविश्वास में समय से अस्पताल न पहुँचने और समय से एंटीवेनम न लगने से रोगी की मौत हो जाती है। मृतका सुनीता के पति एक प्राइवेट नौकरी करते है वे अपने पीछे दो बेटीयां व एक बेटा छोड़ गई है। जिसमे एक बेटी नाबालिग है। घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नही है। इस घटना के बाद सर्पमित्र डॉ आशीष ने सभी जनपद वासियों से अपील की है इस घटना से सबक लेकर यह भी समझ लीजिए कि यदि किसी को कभी भी कोबरा या करैत का दंश हो जाये तो कृपया झाड़ फूँक के चक्कर मे न पड़कर सीधे जिला अस्पताल के कमरा नम्बर तीन में आकर डॉक्टर की देखरेख मे एंटीवेनम या पोलिवेनम ही लगवाये ।
सर्प के डसने से साढ़े चार साल की बच्ची की मृत्यु।
करैरा: करैरा थानांतर्गत ग्राम झंडा में आज सुबह अर्पिता पुत्री जितेंद्र तोमर ऊर्फ रिंकू निवासी ग्राम झंडा की करैत सांप के डसने से मृत्यु हो गई। घर के दूसरी मंजिल पर जहरीले सांप ने बच्ची को आज सुबह डस लिया। उक्त बच्ची की उम्र साढ़े चार साल थी। बच्ची की मृत्यु की खबर से गांव में शोक व्याप्त है।
जागरूक बनिये सर्पदंश लाइलाज नही है।
सर्पदंश से महिला की मौत घटना ग्राम- राजकिराया
थाना--- अल्लाहगंज शाहजहांपुर
अंधविश्वास ने ले ली एक और अमूल्य जान
ये लोग कोबरा के काटने के बाद भी गाँव मे झाड़फूंक ही करवाते रहे और समय से अस्पताल नही पहुंच सके।
हर एक दिन आप सभी को लिख लिख कर मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया यूपी द्वारा जागरूक किया जा रहा है फिर भी यह गलती क्यों कर रहे हो ??
सांपों से डरिये नहीं, बल्कि उन्हें ठीक से पहचानना सीखिये- सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला कुरट में आयोजित हुआ सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम
आयोजक (ओशन) इटावा
संस्था सम्पर्क सूत्र- 7017204213
इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सहयोग से पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्यरत संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के द्वारा स्कूल सेफ्टी (एसएस) ,स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान (एसडीएमपी) के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला कुरट में
आयोजित हुआ। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता,पर्यावरण एवं वन्यजीव के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने कई बच्चों व स्कूल स्टाफ को पोस्टर के माध्यम से सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुये कहा कि,सर्पदंश की स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही चाहिये क्यों कि,ज्यादा घबराने या डर से ही अक्सर मौत हो जाती है। यह हम सभी जानते है कि,सभी सर्प जहरीले भी नही होते है लेकिन जहरीले सर्प में कोबरा व करैत या रसल वाइपर के काटने का इलाज भी केवल एंटीवेनम ही होता है जो कि जिला अस्पताल में उपलब्ध है। सर्पों के महत्व के बारे में उन्होंने बताया कि,सभी सर्प किसान मित्र ही होते है जो घरों व खेतों में चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते है और हमे खतरनाक बीमारी प्लेग से भी बचाते है। बैसे खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। जागरूकता कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर, समाजसेवी एवं शिक्षाविद डॉ पीयूष दीक्षित ने बच्चों को प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास दूर किया। कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक उमाराम राजपूत
ने संस्था ओशन को सर्पदंश से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही महत्वपूर्ण व ज्ञानवर्धक रहा इस आयोजन से बच्चों का सर्पों के प्रति भय अब बिल्कुल ही समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि,इस प्रकार का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम सभी विद्यालयों में आयोजित होना चाहिये जिससे कि समाज मे सर्पदंश व इसके सही इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व ग्रामीण इलाकों में फैला अंधविश्वास खत्म हो व लोगो की जान बच सके। आज बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सर्पों को पहचानने के साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा उन्होंने यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद इलाज के लिये कहाँ जाना चाहिये । उक्त जागरूकता कार्यक्रम में यूपीएस प्रधानाध्यापक उमाराम राजपूत सहा0 शिक्षिका ज्योति गुप्ता, अशोक भदौरिया, संकुल शिक्षिका आराधना तिवारी,पीएस प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार,सहा0 शिक्षिका विनीता एवं रश्मि यादव मौजूद रही।
कोबरा करैत काट ले तो सीधे जिला अस्पताल जायें और एंटीवेनम लगवायें- सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी
उच्च प्राथमिक विद्यालय चकरनगर में सम्पन्न हुआ सर्प पहचान कार्यक्रम
सम्पर्क सूत्र- 7017204213
इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सहयोग से पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्यरत संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के द्वारा स्कूल सेफ्टी (एसएस) ,स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान (एसडीएमपी) के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम उच्च प्राथमिक विद्यालय चकरनगर, विकास खण्ड चकरनगर में आयोजित किया गया। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता,पर्यावरण एवं वन्यजीव के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने कई बच्चों व स्कूल स्टाफ को पोस्टर के माध्यम से सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने कहा कि, सर्पदंश की स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही चाहिये क्यों कि,सभी सर्प जहरीले भी नही होते है लेकिन जहरीले सर्प में कोबरा व करैत या रसल वाइपर के काटने का इलाज केवल एंटीवेनम ही होता है जो जिला अस्पताल में मौजूद है। यूँ तो सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है और हमे खतरनाक बीमारी प्लेग से बचाते है। बैसे खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। जागरूकता कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर ओशन इटावा समाजसेवी व शिक्षाविद डॉ पीयूष दीक्षित ने बच्चों को प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास दूर किया। कार्यक्रम में उपस्थित खण्ड शिक्षा अधिकारी अल्केश कुमार सकलेचा ने संस्था ओशन को इस प्रकार की बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही अनूठा व ज्ञानवर्धक रहा इस आयोजन से बच्चों का सर्पों के प्रति भय अब बिल्कुल ही समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि,मेरा मानना है कि,इस प्रकार का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम सभी विद्यालयों में आयोजित होना चाहिये जिससे कि समाज मे सर्पदंश व इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व ग्रामीण इलाकों में फैला अंधविश्वास खत्म हो सके व लोगो की समय से जान बच सके। आज इस विद्यालय के बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सर्पों को पहचानने के साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा उन्होंने यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद इलाज के लिये कहाँ जाना चाहिये और सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटीवेनम ही होता है। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में
प्रधानाध्यापक सहित सहा0 अ0 रविशंकर तिवारी जिला उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, विमल कुमार शुक्ला जिला ऑडिटर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व विमल कुमार सिंह,अमित कुमार,डॉ देवेश शर्मा व मनीष देव मौजूद रहे।
सावधान! बरसात में बाहर रखे जूते मौजे देखकर ही पहने- सर्पमित्र डॉ आशीष
सावधानी ही बचाव है, और सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटीवेनम ही है।
द्वारा- डॉ आशीष त्रिपाठी
(वन्यजीव विशेषज्ञ)
सम्पर्क सूत्र- 7017204213
इटावा। पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के महासचिव, नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने जनपद के सभी लोगों से अपील करते हुये कहा है कि,एक बहुत बड़ा सच यह भी है कि, पूरे भारत मे सर्पदंश से लगभग 50,000 लोग प्रत्येक वर्ष मर जाते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से व अज्ञात भय से या अत्यधिक घबराहट ही मरते है है और सबसे ज्यादा सर्पदंश से मौत उत्तर प्रदेश में ही देखी गई है। अतः कृपया बरसात के इस मौसम में वेहद ही सावधान रहें। घर के बैडरूम के बाहर रखे जूते मौजे देखकर ही पहने व यदि आप जमीन पर लेटते है तो लेटने से पहले अपना बिस्तर भी एक बार झाड़कर चैक अवश्य कर लें क्यों कि, अक्सर शाम को निकलने वाला बेहद जहरीला सर्प करैत (कोडिया गढ़ा) को ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में बिस्तर में देर रात्रि में बैठे देखा जा चुका है। वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है लकिन यदि आपको कभी कोई साँप काट ले ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी घबराना नही है क्यों कि, अब जिला अस्पताल इटावा के इमरजेंसी वार्ड में कोबरा करैत सहित सभी प्रकार के सर्पदंश का इलाज मौजूद है। साथ मे यह भी जान लीजिये कि, हमारे आपके आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के छोटे बड़े सर्प जहरीले भी नही होते है। हर एक साँप के काटने पर एंटीवेनम नही लगाया जाता है। बस इस समय कोबरा करैत रसल वाइपर से ही सावधान रहें जो की जनपद इटावा में मौजूद है। वैसे सभी सर्प किसान मित्र ही होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। अतः हमे उन्हें देखते ही मारने के लिए भागना भी नहीं चाहिये। उन्हें भी जीने का पूरा हक है।
Snake bite tratment awareness program in a school campus with teachers and student's
सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही ज्ञानवर्धक व जीवनोपयोगी
जे एस शाक्य (उप प्राचार्य डाइट)
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम
सम्पर्क - सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी 7017204213
इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सगयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस), एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट परिसर) में आयोजित हुआ। जिसमे जनपद के विभिन्न ब्लॉक के कई एआरपी व एसआरपी ने सहभागिता की। उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन व स्टेट रिसोर्स पर्सन को प्रोजेक्टर के माध्यम से सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पीपीटी के माध्यम से देते हुये बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 50,000 लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से ही मरते है। उन्होंने कहा कि, स्कूलों में व घरों में चूहों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प भी आ जाते है। अतः हमे अपने अपने घर मे व स्कूलों में साफ सफाई रखने का विशेष प्रयास अवश्य ही करना चाहिये। उन्होंने कहा कि, कृपया इस मौसम में वेहद सावधान भी रहें क्यों कि कभी सर्प आपके बाहर उतारे हुये जूते में भी छिपा हो सकता है व अपको बाइट भी हो सकती है । वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है और हम भयभीत होकर अनजाने में सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन ऐसी स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही है क्यों कि, हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के सर्प जहरीले ही नही होते है। ध्यान रहे कि,सर्पदंश का इलाज झाड़ फूँक नही बल्कि एंटीवेनम ही होता है। डॉ आशीष ने कहा कि, सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। सम्पूर्ण भारत मे पाई जाने वाली खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर व जनपद के प्रिसिद्ध स्काउट मास्टर डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर सभी विशेष शिक्षकों को जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास भी दूर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप प्राचार्य डायट जे एस शाक्य ने कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही अनूठा व ज्ञानवर्धक रहा इस आयोजन से हम सभी लोगों का सर्पों के प्रति अज्ञात भय अब बिल्कुल ही समाप्त हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्पदंश को राज्य आपदा भी घोषित किया है उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये बेहद ही उपयोगी सिद्ध होगा। प्रशिक्षण प्रभारी/डायट प्रवक्ता श्रीमती गायत्री वर्मा व बृजलाल ने संयुक्त रूप से कहा कि, इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से हमने सभी प्रकार के सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा साथ मे यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद सही इलाज के लिए कहाँ जाना चाहिये। राज्य पुरुस्कार प्राप्त एसआरजी रामजनम सिंह ने कहा कि, यह कार्यक्रम देखने के बाद मेरा मानना है कि,इस प्रकार का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम स्टेट ही नही देश भर में आयोजित होना चाहिये जिससे कि समाज मे सर्पदंश व इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व समाज में सर्पदंश के प्रति फैला अंधविश्वास खत्म हो सके। कार्यक्रम में एसआरजी मीनाक्षी पांडेय व संजीव चतुर्वेदी सहित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बढ़पुरा, चकरनगर, महेवा, ताखा, सैंफई, जसवंतनगर, नगर क्षेत्र, भर्थना एवं बसरेहर ब्लॉक के समस्त एआरपी भी मौजूद रहे।
*सावधान सावधान सावधान*
*साँप काटने की दवा Naja Naja 200 के झूठे वायरल मेसेज से बचे।*
*सर्पदंश का एकमात्र इलाज सिर्फ एंटीवेनम ही है।*
*जीवन बचाने का मेरा एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश आप सभी के लिये*
कृपया यह मैसेज आपके सभी मित्रों/रिश्तेदारों को अवश्य भेजे शायद आपके इसे फारवर्ड करने से ही किसी का जीवन बच जाये।🙏
*मित्रों, अभी देश के जिन भी इलाकों में बारिश हो रही है उन इलाके के निवासियों में शहरी व ग्रामीणों को मेरी एक सलाह व विनम्र अपील है।*
बरसात होने के कारण विभिन्न प्रकार के साँप बिलों से बाहर आते ही हैं क्योंकि उनके बिलों में पानी भर जाता है जिसमे वे असहजता व घुटन महसूस करते है। फिर घर मे अचानक किसी को दिन या रात्रि में सर्पदंश हो जाता है तब क्या करें।
तो इसे पढिये👇
*जहरीले साँप के डसने के बाद का रामबाण इलाज*🙂👌
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सबसे पहले बिल्कुल भी घबराये नहीं, सबसे पहले काटे हुये स्थान से ऊपर हृदय की ओर कपड़े किसी दुपट्टे गमछे, रुमाल, पट्टी जो भी आपके पास उपलब्ध हो उससे हल्का बन्ध लगा दें। फिर किसी भी निजी वाहन से उसे तत्काल आधे से एक घण्टे के अंदर ही निकट के अस्पताल लेकर जायें व एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवायें। एम्बुलेंस बुलायें लेकिन उसके आने का इंतज़ार बिल्कुल भी न करें। क्यों कि जहरीले सर्पदंश में इलाज में देरी से ही अक्सर मरीज की मौत भी।हो जाती है।
आपको मालूम ही होगा कि, किसी भी जहरीले साँप के डसने के बाद उसके दो दातों के कुछ ऐसे * * निशान हाथ या पैर जहाँ भी काटा है वहाँ दिखाई देते ही हैं। सर्प के काटने और जहर छोड़ने की यह प्रक्रिया सेकेंडस में पूरी होती है। फिर वही विष नसों से बहता हुआ रक्त में घुलकर हृदय तक पहुँच जाता है। उसके बाद पूरे शरीर में फैलने लग जाता है। यह विष पूरे शरीर में पहुंचने के लिए कम से कम 1 घंटे का ही समय लेता है। यानि कि जिस व्यक्ति को सर्प दंश हुआ है बन्ध लगाने के बाद वह व्यक्ति लगभग 1 घंटे तक तो नहीं मरेगा न ही कोमा में जायेगा। जब मस्तिष्क में विष पहुंचेगा तब ही वह व्यक्ति मरेगा या कोमा में जायेगा।
वह व्यक्ति को बचाने के लिए आपके पास एक घंटे का ही समय होता है, इस महत्वपूर्ण एक घंटे में आप चाहे तो बहुत कुछ कर सकते है।
*जहरीले सर्पदंश में आप क्या क्या क्या कर सकते हैं जानिए ?*
1- हिम्मत रखे मरीज को चलने या हिलने न दें।
2- घाव को साबुन/डिटोल से घोएँ
3- तुरंत ही हल्का बन्ध लगा दें
4- अपना वाहन स्टार्ट करें
5- सीधे अस्पताल ले जायें
एंटीवेनम ही लगवाये
*क्या बिल्कुल नहीं करना है यह भी जानिये*
सभी साँप जहरीले भी नही होते अतः डरें नही क्यों कि ज्यादातर मौत डर की वजह से हो जाती है। हर एक सर्प दंश में एंटीवेनम भी नही लगाया जाता।
कोई भी साँप काट ले तब भी
1- घबरायें नहीं,रोये नही
2- ब्लेड/चाकू से नस में कोई भी कट न लगाएं
3- झाड़ फूँक बिल्कुल भी न करायें
4- जहर को मुंह से चूसकर न बिल्कुल भी न निकालें
5- मरीज को बिल्कुल सोने न दें
6- साँप मारने में समय बर्बाद न करें।
7- साँप को मारे नहीं उसे जाने दें।
ध्यान रहे न्यूरोटॉक्सिक वेनम (कोबरा/करैत) या हीमोटोक्सिक वेनम (रसल वाइपर/सॉ स्केल्ड वाइपर) वेनम के इलाज में कोई भी होम्योपैथिक दवा कार्य ही नही करती। अतः झूठी अफवाहों से बचें।
जानकारी जनहित में जारी
द्वारा-
सर्पमित्र- डॉ आशीष त्रिपाठी
सर्प एवं वन्यजीव विशेषज्ञ
कोर्डिनेटर यूपी- मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया- 7017204213
यह सर्प बिल्कुल भी जहरीला नही है कृपया इसका रंग देखकर इसे जहरीला समझ कर वेवजह ही न मारें।
(लाइकोडोंन पिंकाशीष)
सभी सर्प किसान मित्र ही होते है।
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