Lodhi Rajput Yuva Shakti
Bharat
1857 के स्वाधीनता संग्राम की महानायिका, अदम्य साहस व शौर्य की प्रतीक, अमर वीरांगना “रानी अवंतीबाई लोधी जी” की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
मातृभूमि की रक्षा के लिए उनका त्याग और समर्पण हम सभी को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
जय लोधी राजपूत
अमर शहीद इतिहास के पन्नो पर हमेशा अमर रहेंगे|
. ये #तस्वीरें आपको बता देंगी,
कि लोगों को बिना किसी कारण के #पेड़ क्यों नहीं
काटना चाहिये!
चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण
ता ऊपर सुलतान है मत चुके चौहान ⚔️
क्षत्रिय सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की जन्म जयंती के अवसर पर कोटि कोटि नमन... 🙏
#राजपूत_सम्राट_पृथ्वीराज_चौहान #राजपूताना
लाख कोशिशों के बावजूद भी भाजपा जब लोधी समाज का वोट अपने पक्ष में नहीं कर पाई तो #बेईमानी से सपा प्रत्याशी #लोधी_सुमन_वर्मा को हरा दिया,
रात के 12:00 बजे तक मतगणना चली और बेईमानी से #भाजपा ने अपना प्रत्याशी गुप्ता जी को जिता दिया और लोधी समाज को हरा दिया
Akhilesh Yadav Rahul Shivganesh Lodhi MLA Roshan lal verma -mla
मातृभूमि और स्वधर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पण करने वाले प्रचंड शक्तिशाली महाराणा प्रताप जी की जयंती उन्हें कोटि कोटि नमन: 👏🏾 हम भारतवासी आपके त्याग और बलिदान के ऋणी रहेंगे। 🙇🏻♂️जय महाराणा प्रताप
बहुत सुंदर विचार.....
अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी ...
🙏थोड़ा समय निकाल कर अंत तक पूरा पढ़ना 🙏
✍️ मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य ...
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...
मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है.....
बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ। न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....
स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम *पालन* और मक़सद *हत्या*❗
स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।
जो हमारी तरह बोल नही सकते, अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं...
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?
डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !
बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?
कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓
क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓
क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..❓
धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो। कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो ।
कभी सोचा ...!!!
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?
किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?
अल्लाह को ?
जीसस को?
या खुद को ?
मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!!!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!!!
अभी रोज़े चल रहे हैं ....!!!
नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!!!
झूठ पर झूठ......झूठ पर झूठ.झूठ पर झूठ बोलो पकड़ा गया है। यह एक इंसान की बात कर रहे हैं और उन्हें अपने घर पर भी ध्यान रखना चाहिए कि हम अपनी इन्हीं झूठों को एक बार नही बार 2 दोहराते हैं।।
इतिहास: #महाराजा #छत्रसाल #बुंदेला के लिए लोधियों ने मुगल सेनापति का सिर काटा !!
उत्तर प्रदेश के महोबा अंतर्गत ग्राम जराखर के लोधियों के पराक्रम को सम्मानित करने महाराजा छत्रसाल ने "रावत" की उपाधि प्रदान की थी।
रावत की उपाधि प्रदान करने के पीछे ऐतिहासिक घटना इस प्रकार है -
एक बार मुगल सेना महाराज छत्रसाल पर आक्रमण करने के लिए पन्ना जा रही थी। रात्रि हो जाने के कारण सेना ने गांव के बाहर पड़ाव डाल दिया। जब गांव के लड़ाके लोधियों को पता चला तो उन्होंने रात में ही मुग़ल सेना पर आक्रमण कर दिया और सेनापति का सिर काट कर अगले दिन सवेरे पन्ना राजदरबार में महाराजा छत्रसाल जूदेव को भेंट किया।
महाराज छत्रसाल जूदेव ने लोधियों का पराक्रम देख जराखर के लोधियों को "रावत" की उपाधि प्रदान की, रावत का अर्थ होता है वीर। इसके साथ ही खड़ी तंजीम की प्रतिष्ठा भी प्रदान की और राजाज्ञा जारी की कि जब भी कोई जराखर गांव का #लोधी #पन्ना #राजदरबार में आएगा तो #राजा स्वयं सिंहासन से खड़े होकर उनका सम्मान करेगा। रावत की उपाधि मिलने के बाद से आज तक जराखर गांव के लोधियों को सम्मान पूर्वक रावत उपनाम से पुकारा जाता है।
• श्री विजय लोधी चंदेरी द्वारा प्राप्त जानकारी.
#बुंदेलखंड #विद्रोह -1842 के महायोद्धा राजा हिरदेशाह के बलिदान दिवस पर
विशेष आलेख- #डॉ_बीके_लोधी
#वंशानुगत_अपराधी (hereditary criminals) इस बात की गवाही दे रहा है कि लोधी और गौड़ ने कभी गोरों के सामने सिर नहीं झुकाया बस यही कारण है अंग्रेजों के तलवे चाटने वाले और अंग्रेज मिलकर हमारे इतिहास को चट कर गए।
पर अब ऐसा नहीं होगा। मुझे और समाज को डॉ0 बी. के. लोधी सर पर गर्व है जिन्होंने #लोधी जाति पर #पीएचडी की उपाधि हासिल की।
ॐ श्री ब्रह्मानंदाय नमः
#लोधी #इतिहास
बहिन नयांशी लोधी को up board से 93.8% के साथ उत्तीर्ण होने पर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
जिला बुलन्दशहर की विधानसभा डिबाई की #सुजाता_लोधी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया और प्रदेश में 9वें स्थान पर रही।
हम आपके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते हैं
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
अमन राजपूत ज़िला टॉपर मैनपुरी !
ये उदाहरण उनके लिए बड़ा संदेश है जो कहते हैं पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं !
ॐ श्री ब्रह्मानंदाय नमः
म्हारी छौरियॉ छौरों से कम हैं का
लोधा क्षत्रिय समाज भरतपुर की एक और प्रतिभा मनीषा कुमारी लोधा गॉव लुधवाडा़ भरतपुर ने 50kg वजन कुश्ती प्रतियोगिता में राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया और स्वर्ण पदक जीता। लोधा क्षत्रिय समाज भरतपुर द्वारा बहिन मनीषा लोधा का सम्मान किया गया!
#लोधी
Maharaja Hirdeyshah Lodhi Ji Amar rahe
सेनापति धुआंराम सिह लोधी :
ये पहले नरवरगढ़ के सेनापति थे । एक बार सीमा विवाद को लेके गोहद के जाट राजा भीम सिंह राणा ने भदावर राज्य पर हमला कर दिया था जिसमे जाटो ने भदौरिया राजपूतों को हार की कगार पर पहुंचा दिया था । तब भदावर नरेश राजा गोपाल सिंह भदौरिया ने नरवरगढ़ नरेश से मदत मांगी थी तब नरवरगढ़ नरेश ने अपने सेनापति धुआँरम सिह लोधी को सेना सहित भदावर के लिए रवाना किया । सेनापति धुआंराम सिह ने ठाकुर परमेश्वरि लाल सिंह लोधी के साथ मिल कर जाटो की सेना को पीछे धकेलना सुरु कर दिया और जाटों को एक बहुत बुरी हार दी । तब सरे जाट सैनिक और राणा भीम सिह गोहद के किले में छिप गए तब सेनापति धुआंराम सिह ने गोहद किले का गेट तोडने के लिए अपनी छाती को उससे सटा दी जो बार बार हाथी के टक्कर मारने से पीछे की तरफ आ रहा था , जब जाटो ने ये देखा तो उन्होंने किले के फाटक के सुराख से उनकी छाती में भला घोप दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी थी और ठाकुर परमेश्वरि लाल सिह लोधी भी युद्ध में लड़ते लड़ते सहीद हो गए थे । भदावर में राज्य आज भी इनकी वीरता की चर्चा हर कोई करता है अगर उस समय सेनापति धुआंराम सिह लोधी भदावर की रक्षा नहीं करते तो सायद आज भदौरिया राजपूत नहीं होते जाट उनका समूचा विनाश कर देते । सेनापति धुआंराम सिह लोधी को चम्बल का भीम कहते हैं।
बजे नगाड़ा राज भदावर , राणा भीम गयो थर्राये
धुआँराम लोधी ने छाती रोपी , राणा भाग धौलपुर जाए
प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद प्रथम भारतीय महिला वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी जी के 165वें बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन।🌺🌺🙏🙏🌺🌺
वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी अमर रहे अमर रहे !!
वीर योद्धा दरियाव सिंह लोधी जी के बलिदान दिवस पर उनके चरनों मे नमन 🙏🙏
लोधी समाज का प्राचीन इतिहास।
लोधियों के प्रथम महाराजा ईश्वरदास लोधी, हिण्डोलपति..
भारत के प्रथम लिखित हिंदी काव्य ग्रंथों पृथ्वीराज रासो और परमाल रासो में उल्लिखित।
विदित रहे महाराजा ईश्वरदास जी लोधियों के महदेले फिरके और दृगपाल गोत्र से है और उन्हीं के वंशजों में 1842 क्रांति लड़ने वाले महाराजा हिरदेशाह लोधी और 1857 में अंतिम समय तक लड़ने वाले राजा किशोर सिंह लोधी हिंडोरिया हैं।
Sir मनोज मुंतशिर जी || स्व: कल्याण सिंह जी ||
कानपुर के ऋषि राजपूत ने केबीसी से 50 लाख रूपये
जीतने पर बहुत बहुत बधाई इव शुभ कामनाएं
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206002
Etawah, 206003
Bhareh Fort is situated on the confluence of Chambal and Yamuna rivers. This fort belongs to Sengar
CHANDRAPURA (BRANCH OFFICE), ETAWAH (UP), India (IN), Pin Code:/206127
Etawah, 206001
Chandpura is a village of jilla etawah Chandpura, Chakar Nagar, Etawah, Uttar Pradesh 206127