RV
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जिंदगी में एक बार ज़रूर 'इश्क़' कीजिए...
ज़रूरी नहीं कि आपका 'इश्क' मुकम्मल हो... आपको मंज़िल मिल ही जाए...
मगर एक बार के लिए खुद को डुबो कर देखिए... शायद 'इश्क़' न हो मुकम्मल .......मगर हाँ आप इंसानी तौर पर ज़रूर मुकम्मल हो जाएँगे...
हो सकता है कि आप अपनी प्रियतम के साथ ताउम्र नहीं रह पायें, शायद आप उनको देखने को भी तरसें...
मगर
जो वो एक मुलाक़ात होगी न 'इश्क़' वाली... 😘ख्वाब वाली... कुछ पल या दो दिन वाली...
वो बची हुई तमाम उम्र को महका जाएगी... सो 'इश्क़' कीजिए और टूट कर कीजिए...
एक महबूब चुनिए, और मिल कर बुनिये कुछ रेशम से ख्वाब..❤️❤️
वो अब कुछ बेपरवाह सी रहती है,
उसकी बातों के अब सब ढंग नए से है,
वो अब खुद को जीना सीख चुकी है,
उसके जीने के अब सब अन्दाज़ नए से है,
उसे फ़िकर नही अब दुनियां की,
उसके अब सब ख़्वाब नए से है,
वो लड़की जो रहती अब भी मेरे दिल मे है,
उसके दिल के अब सब अरमान नए से है,
वो अब मेरी बिल्कुल न सुनती है,
खुद की शर्तों पर ही अब वो मुझसे बातें करती है,
इश्क़ मेरा संजीदा कितना,पता है उसको,
पर मुझ पर ज़ाहिर अब वो बिल्कुल न करती है,
मैं अब भी सबकुछ उस पर ही हारे बैठा हूँ,
इसकी परवाह भी अब वो बिल्कुल न करती है,
जो देखे वो मेरी आँखों मे अब भी मेरा इश्क़ वही है,
उसकी आँखों मे अब इश्क़ के पहचान नए से है,
वो लड़की जो रहती अब भी मेरे दिल मे है,
उसके दिल के अब सब अरमान नए से है।
कुछ जख्म सदियों बाद भी ताज़ा रहते हैं साहिब
वक्त के पास भी हर ज़ख्म का मरहम नहीं होता.....💔💔
मदन लाल ढींगरा (अंग्रेज़ी: Madan Lal Dhingra, जन्म- 18 फ़रवरी, 1883; मृत्यु- 17 अगस्त, 1909) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान् क्रान्तिकारी थे। स्वतंत्रत भारत के निर्माण के लिए भारत-माता के कितने शूरवीरों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था, उन्हीं महान् शूरवीरों में ‘अमर शहीद मदन लाल ढींगरा’ का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है। अमर शहीद मदन लाल ढींगरा महान् देशभक्त, धर्मनिष्ठ क्रांतिकारी थे। उन्होंने भारत माँ की आज़ादी के लिए जीवन-पर्यन्त अनेक प्रकार के कष्ट सहन किए, परन्तु अपने मार्ग से विचलित न हुए और स्वाधीनता प्राप्ति के लिए फाँसी पर झूल गए।
मिडल क्लास लड़के बेचारे...🥺🫡
पढ़ना कुछ और चाहते हैं , पढ़ाया कुछ और जाता है , बन कुछ और जाते हैं !
पसन्द किसी और को करते हैं, प्यार किसी और का मिलता है शादी किसी और से हो जाती है !
चाय बना लेते हैं, कर्ज़ लेने और देने में जरा सी भी देरी नही करते ! रिश्तेदारों को शहर घुमाने की जिम्मेदारी यही निभाते हैं !
4जी फोन लेने में इन्हें साल भर लगता है ! गैस भरवाने की जिम्मेदारी , सुबह दूध और शाम की सब्जी लाने जैसा कठिन और दर्दनाक काम भी यही करते हैं !
खुद की प्रेमिका की शादी में 'नागिन डांस' करने का गौरव केवलः इन्हें ही प्राप्त है ! आइसक्रीम की टेस्ट से इन्हें शादी में हुए खर्चों का अंदाजा लग जाता है !
लुसेंट इनकी जिंदगी में उस गर्लफ्रेंड की तरह होती है जो साथ तो रहती है लेकिन समझ कभी नही आती !
रीजनिंग के प्रश्न चुटकी में हल कर देने वाले ये मिडल क्लास लौंडे खुद की जिंदगी की समस्याओं में उलझे रह जाते हैं !
घर और अपनी 'जान' से किसी लायक बनने का वादा करके निकले ये मिडल क्लास लौंडे जब तक लायक हो के घर लौटते हैं तब तक उनकी जान 'दो चार जानो' की 'जननी' बन चुकी होती है !
पापा की बेइज्जती इन्हें कतई पसन्द नही आती,पापा से खूब डरते भी है ! मम्मी से अक्सर रुडली बात करने के बावजूद माँ के गोद मे सर रख कर रोने वाले ये लौंडे बहुत कमजोर भी होते हैं !
जिम्मेदारियां जल्दी निभाना सीख जाते हैं , रिश्तेदारों के तमाम अड़ंगों के बावजूद मां-बाप का विश्वास कैसे बनाये रखना है इन्हें बखूबी आता है !
चीटिंग कभी कर नही पाते क्योंकि मौका ही नही मिलता !
इश्क़ करने की औकात ही नही क्योंकि रिजेक्शन झेलने की हिम्मत नही ! कोई इनपर 'यु आर चीप' का आरोप नही लगाता क्योंकि ये किसी भी लड़की के साथ सोए नही होते हैं ! अजी सोना छोड़िए, ये किसी लड़की के साथ जागे तक नही होते हैं !
इनकी शादियाँ अक्सर अरेंज्ड ही होती हैं, ऑफकोर्स रिश्तेदारों द्वारा...
इनका इश्क़ अक्सर अधूरा रह जाता है, इनके सपने, इनकी जिंदगी सब अधूरी....
पर ये बेहया लड़केकिसी को एहसास तक नही होने देते..
पहले पापा-मां के सपने फिर सोशायटी मेंटेन करना और उसके बाद अरेंज्ड मैरिज वाली बीबी की एक्सपेक्टेशंस पूरी करते हैं ये अधूरे लड़के!
सबको पूरा करने के चक्कर मे अधूरे रह जाते हैं ये मिडल क्लास लड़के👏🏻🥺
ट्रेन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की सिम निकालने की पिन है??"
उसने अपने बैग से एक फोन निकाला, वह नया सिम कार्ड उसमें डालना चाहती थी। लेकिन सिम स्लॉट खोलने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है, जो उसके पास नहीं थी। मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और अपने क्रॉस बैग से पिन निकालकर लड़की को दे दी। लड़की ने थैंक्स कहते हुए पिन ले ली और सिम डालकर पिन मुझे वापिस कर दी।
थोड़ी देर बाद वो फिर से इधर उधर ताकने लगी, मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने पूछ लिया "कोई परेशानी??"
वो बोली सिम स्टार्ट नहीं हो रही है, मैंने मोबाइल मांगा, उसने दिया। मैंने उसे कहा कि सिम अभी एक्टिवेट नहीं हुई है, थोड़ी देर में हो जाएगी। एक्टिव होने के बाद आईडी वेरिफिकेशन होगा, उसके बाद आप इसे इस्तेमाल कर सकेंगी।
लड़की ने पूछा, आईडी वेरिफिकेशन क्यों??
मैंने कहा " आजकल सिम वेरिफिकेशन के बाद एक्टिव होती है, जिस नाम से ये सिम उठाई गई है, उसका ब्यौरा पूछा जाएगा बता देना"
लड़की बुदबुदाई "ओह्ह "
मैंने दिलासा देते हुए कहा "इसमें कोई परेशानी की कोई बात नहीं"
वो अपने एक हाथ से दूसरा हाथ दबाती रही, मानो किसी परेशानी में हो। मैंने फिर विन्रमता से कहा "आपको कहीं कॉल करना हो तो मेरा मोबाइल इस्तेमाल कर लीजिए"
लड़की ने कहा "जी फिलहाल नहीं, थैंक्स, लेकिन ये सिम किस नाम से खरीदी गई है मुझे नहीं पता"
मैंने कहा "एक बार एक्टिव होने दीजिए, जिसने आपको सिम दी है उसी के नाम की होगी"
उसने कहा "ओके, कोशिश करते हैं"
मैंने पूछा "आपका स्टेशन कहाँ है??"
लड़की ने कहा "दिल्ली"
और आप?? लड़की ने मुझसे पूछा
मैंने कहा "दिल्ली ही जा रहा हूँ, एक दिन का काम है,
आप दिल्ली में रहती हैं या...?"
लड़की बोली "नहीं नहीं, दिल्ली में कोई काम नहीं , ना ही मेरा घर है वहाँ"
तो ???? मैंने उत्सुकता वश पूछा
वो बोली "दरअसल ये दूसरी ट्रेन है, जिसमें आज मैं हूँ, और दिल्ली से तीसरी गाड़ी पकड़नी है, फिर हमेशा के लिए आज़ाद"
आज़ाद??
लेकिन किस तरह की कैद से??
मुझे फिर जिज्ञासा हुई किस कैद में थी ये कमसिन अल्हड़ सी लड़की..
लड़की बोली, उसी कैद में थी, जिसमें हर लड़की होती है। जहाँ घरवाले कहे शादी कर लो, जब जैसा कहे, वैसा करो। मैं घर से भाग चुकी हूं..
मुझे ताज्जुब हुआ, मगर अपने ताज्जुब को छुपाते हुए मैंने हंसते हुए पूछा "अकेली भाग रही हैं आप? आपके साथ कोई नजर नहीं आ रहा? "
वो बोली "अकेली नहीं, साथ में है कोई"
कौन? मेरे प्रश्न खत्म नहीं हो रहे थे
दिल्ली से एक और ट्रेन पकड़ूँगी, फिर अगले स्टेशन पर वो जनाब मिलेंगे, और उसके बाद हम किसी को नहीं मिलेंगे..
ओह्ह, तो ये प्यार का मामला है।
उसने कहा "जी"
मैंने उसे बताया कि 'मैंने भी लव मैरिज की है।'
ये बात सुनकर वो खुश हुई, बोली "वाओ, कैसे कब?" लव मैरिज की बात सुनकर वो मुझसे बात करने में रुचि लेने लगी
मैंने कहा "कब कैसे कहाँ? वो मैं बाद में बताऊंगा, पहले आप बताओ आपके घर में कौन कौन है?
उसने होशियारी बरतते हुए कहा " वो मैं आपको क्यों बताऊं? मेरे घर में कोई भी हो सकता है, मेरे पापा माँ भाई बहन, या हो सकता है भाई ना हो सिर्फ बहनें हो, या ये भी हो सकता है कि बहने ना हो और 2-4 गुस्सा करने वाले बड़े भाई हो"
मतलब मैं आपका नाम भी नहीं पूछ सकता "मैंने काउंटर मारा"
वो बोली, 'कुछ भी नाम हो सकता है मेरा, टीना, मीना, रीना, कुछ भी'
बहुत बातूनी लड़की थी वो.. थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद उसने मुझे टॉफी दी जैसे छोटे बच्चे देते हैं क्लास में,
बोली आज मेरा बर्थडे है।
मैंने उसकी हथेली से टॉफी उठाते बधाई दी और पूछा "कितने साल की हुई हो?"
वो बोली "18"
"मतलब भागकर शादी करने की कानूनी उम्र हो गई आपकी"
वो "हंसी"
कुछ ही देर में काफी फ्रैंक हो चुके थे हम दोनों, जैसे बहुत पहले से जानते हो एक दूसरे को..
मैंने उसे बताया कि "मेरी उम्र 35 साल है, यानि 17 साल बड़ा हूं"
उसने चुटकी लेते हुए कहा "लग तो नहीं रहे हो"
मैं मुस्कुरा दिया
मैंने उससे पूछा "तुम घर से भागकर आई हो, तुम्हारे चेहरे पर चिंता के निशान जरा भी नहीं है, इतनी बेफिक्री मैंने पहली बार देखी"
खुद की तारीफ सूनकर वो खुश हुई, बोली "मुझे उन जनाब ने, मेरे लवर ने पहले से ही समझा दिया था कि जब घर से निकलो तो बिल्कुल बिंदास रहना, घरवालों के बारे में बिल्कुल मत सोचना, बिल्कुल अपना मूड खराब मत करना, सिर्फ मेरे और हम दोनों के बारे में सोचना और मैं वही कर रही हूँ"
मैंने फिर चुटकी ली, कहा "उसने तुम्हें मुझ जैसे अनजान मुसाफिरों से दूर रहने की सलाह नहीं दी?"
उसने हंसकर जवाब दिया "नहीं, शायद वो भूल गया होगा ये बताना"
मैंने उसके प्रेमी की तारीफ करते हुए कहा " वैसे तुम्हारा बॉय फ्रेंड काफी टैलेंटेड है, उसने किस तरह से तुम्हे अकेले घर से रवाना किया, नई सिम और मोबाइल दिया, तीन ट्रेन बदलवाई.. ताकि कोई ट्रेक ना कर सके, वेरी टैलेंटेड पर्सन"
लड़की ने हामी भरी, " बोली बहुत टैलेंटेड है वो, उसके जैसा कोई नहीं"
मैंने उसे बताया कि "मेरी शादी को 10 साल हुए हैं, एक बेटी है 8 साल की और एक बेटा 1 साल का, ये देखो उनकी तस्वीर"
मेरे फोन पर बच्चों की तस्वीर देखकर उसके मुंह से निकल गया "सो क्यूट"
मैंने उसे बताया कि "ये जब पैदा हुई, तब मैं कुवैत में था, एक पेट्रो कम्पनी में बहुत अच्छी जॉब थी मेरी, बहुत अच्छी सेलेरी थी.. फिर कुछ महीनों बाद मैंने वो जॉब छोड़ दी, और अपने ही कस्बे में काम करने लगा।"
लड़की ने पूछा जॉब क्यों छोड़ी??
मैंने कहा "बच्ची को पहली बार गोद में उठाया तो ऐसा लगा जैसे मेरी दुनिया मेरे हाथों में है, 30 दिन की छुट्टी पर घर आया था, वापस जाना था, लेकिन जा ना सका। इधर बच्ची का बचपन खर्च होता रहे उधर मैं पूरी दुनिया कमा लूं, तब भी घाटे का सौदा है। मेरी दो टके की नौकरी, बचपन उसका लाखों का.."
उसने पूछा "क्या बीवी बच्चों को साथ नहीं ले जा सकते थे वहाँ?"
मैंने कहा "काफी टेक्निकल मामलों से गुजरकर एक लंबे समय के बाद रख सकते हैं, उस वक्त ये मुमकिन नहीं था.. मुझे दोनों में से एक को चुनना था, आलीशान रहन सहन के साथ नौकरी या परिवार.. मैंने परिवार चुना अपनी बेटी को बड़ा होते देखने के लिए। मैं कुवैत वापस गया था, लेकिन अपना इस्तीफा देकर लौट आया।"
लड़की ने कहा "वेरी इम्प्रेसिव"
मैं मुस्कुराकर खिड़की की तरफ देखने लगा
लड़की ने पूछा "अच्छा आपने तो लव मैरिज की थी न, फिर आप भागकर कहाँ गए??
कैसे रहे और कैसे गुजरा वो वक्त??
उसके हर सवाल और हर बात में मुझे महसूस हो रहा था कि ये लड़की लकड़पन के शिखर पर है, बिल्कुल नासमझ और मासूम छोटी बहन सी।
मैंने उसे बताया कि हमने भागकर शादी नहीं की, और ये भी है कि उसके पापा ने मुझे पहली नजर में सख्ती से रिजेक्ट कर दिया था।"
उन्होंने आपको रिजेक्ट क्यों किया?? लड़की ने पूछा
मैंने कहा "रिजेक्ट करने का कुछ भी कारण हो सकता है, मेरी जाति, मेरा काम,,घर परिवार,
"बिल्कुल सही", लड़की ने सहमति दर्ज कराई और आगे पूछा "फिर आपने क्या किया?"
मैंने कहा "मैंने कुछ नहीं किया,उसके पिता ने रिजेक्ट कर दिया वहीं से मैंने अपने बारे में अलग से सोचना शुरू कर दिया था। खुशबू ने मुझे कहा कि भाग चलते हैं, मेरी वाइफ का नाम खुशबू है..मैंने दो टूक मना कर दिया। वो दो दिन तक लगातार जोर देती रही, कि भाग चलते हैं।
मैं मना करता रहा.. मैंने उसे समझाया कि "भागने वाले जोड़े में लड़के की इज़्ज़त पर पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, जबकि लड़की के पूरे कुल की इज्ज़त धुल जाती है। भगाने वाला लड़का उसके दोस्तों में हीरो माना जाता है, लेकिन इसके विपरीत जो लड़की प्रेमी संग भाग रही है, वो कुल्टा कहलाती है, मुहल्ले के लड़के उसे चालू कहते है । बुराइयों के तमाम शब्दकोष लड़की के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। भागने वाली लड़की आगे चलकर 60 साल की वृद्धा भी हो जाएगी तब भी जवानी में किये उस कांड का कलंक उसके माथे पर से नहीं मिटता।
मैं मानता हूँ कि लड़का लड़की को तौलने का ये दोहरा मापदंड गलत है, लेकिन हमारे समाज में है तो यही , ये नजरिया गलत है, मगर सामाजिक नजरिया यही है,
वो अपने नीचे का होंठ दांतों तले पीसने लगी, उसने पानी की बोतल का ढक्कन खोलकर एक घूंट पिया।
मैंने कहा अगर मैं उस दिन उसे भगा ले जाता तो उसकी माँ तो शायद कई दिनों तक पानी भी ना पीती, इसलिए मेरी हिम्मत ना हुई कि ऐसा काम करूँ.. मैं जिससे प्रेम करूँ, उसके माँ बाप मेरे माँ बाप के समान ही है, चाहे शादी ना हो, तो ना हो।
कुछ पल के लिए वो सोच में पड़ गई , लेकिन मेरे बारे में और अधिक जानना चाहती थी, उसने पूछा "फिर आपकी शादी कैसे हुई???
मैंने बताया कि " खुशबू की सगाई कहीं और कर दी गई थी। धीरे धीरे सबकुछ नॉर्मल होने लगा था। खुशबू और उसके मंगेतर की बातें भी होने लगी थी फोन पर, लेकिन जैसे जैसे शादी नजदीक आने लगी, उन लोगों की डिमांड बढ़ने लगी"
डिमांड मतलब 'लड़की ने पूछा'
डिमांड का एक ही मतलब होता है, दहेज की डिमांड। परिवार में सबको सोने से बने तोहफे दो, दूल्हे को लग्जरी कार चाहिए, सास और ननद को नेकलेस दो वगैरह वगैरह, बोले हमारे यहाँ रीत है। लड़का भी इस रीत की अदायगी का पक्षधर था। वो सगाई मैंने तुड़वा डाली..इसलिए नहीं की सिर्फ मेरी शादी उससे हो जाये, बल्कि ऐसे लालची लोगों में खुशबू कभी खुश नहीं रह सकती थी । ना उसका परिवार, फिर किसी तरह घरवालों को समझा बुझा कर मैं फ्रंट पर आ गया और हमारी शादी हो गई। ये सब किस्मत की बात थी..
लड़की बोली "चलो अच्छा हुआ आप मिल गए, वरना वो गलत लोगों में फंस जाती"
मैंने कहा "जरूरी नहीं कि माता पिता का फैसला हमेशा सही हो, और ये भी जरूरी नहीं कि प्रेमी जोड़े की पसन्द सही हो.. दोनों में से कोई भी गलत या सही हो सकता है..काम की बात यहाँ ये है कि कौन ज्यादा वफादार है।"
लड़की ने फिर से पानी का घूंट लिया और मैंने भी.. लड़की ने तर्क दिया कि "हमारा फैसला गलत हो जाए तो कोई बात नहीं, उन्हें ग्लानि नहीं होनी चाहिए"
मैंने कहा "फैसला ऐसा हो जो दोनों का हो, बच्चों और माता पिता दोनों की सहमति, वो सबसे सही है। बुरा मत मानना मैं कहना चाहूंगा कि तुम्हारा फैसला तुम दोनों का है, जिसमे तुम्हारे पेरेंट्स शामिल नहीं है, ना ही तुम्हें इश्क का असली मतलब पता है अभी"
उसने पूछा "क्या है इश्क़ का सही अर्थ?"
मैंने कहा "तुम इश्क में हो, तुम अपना सबकुछ छोड़कर चली आई ये सच्चा इश्क़ है, तुमने दिमाग पर जोर नहीं दिया ये इश्क है, फायदा नुकसान नहीं सोचा ये इश्क है...तुम्हारा दिमाग़ दुनियादारी के फितूर से बिल्कुल खाली था, उस खाली जगह में इश्क का फितूर भर दिया गया। जिन जनाब ने इश्क को भरा क्या वो इश्क में नहीं है.. यानि तुम जिसके साथ जा रही हो वो इश्क में नहीं, बल्कि होशियारी हीरोगिरी में है। जो इश्क में होता है वो इतनी प्लानिंग नहीं कर पाता है, तीन ट्रेनें नहीं बदलवा पाता है, उसका दिमाग इतना काम ही नहीं कर पाता.. कोई कहे मैं आशिक हुँ, और वो शातिर भी हो ये नामुमकिन है।मजनूं इश्क में पागल हो गया था, लोग पत्थर मारते थे उसे, इश्क में उसकी पहचान तक मिट गई। उसे दुनिया मजनूं के नाम से जानती है, जबकि उसका असली नाम कैस था, जो नहीं इस्तेमाल किया जाता। वो शातिर होता तो कैस से मजनूं ना बन पाता। फरहाद ने शीरीं के लिए पहाड़ों को खोदकर नहर निकाल डाली थी और उसी नहर में उसका लहू बहा था, वो इश्क़ था। इश्क़ में कोई फकीर हो गया, कोई जोगी हो गया, किसी मांझी ने पहाड़ तोड़कर रास्ता निकाल लिया..किसी ने अतिरिक्त दिमाग़ नहीं लगाया..चालाकी नहीं की ।
लालच ,हवस और हासिल करने का नाम इश्क़ नहीं है.. इश्क समर्पण करने को कहते हैं, जिसमें इंसान सबसे पहले खुद का समर्पण करता है, जैसे तुमने किया, लेकिन तुम्हारा समर्पण हासिल करने के लिए था, यानि तुम्हारे इश्क में लालच की मिलावट हो गई
लकड़ी अचानक खो सी गई.. उसकी खिलख़िलाहट और खिलंदड़ापन एकदम से खमोशी में बदल गया.. मुझे लगा मैं कुछ ज्यादा बोल गया, फिर भी मैंने जारी रखा, मैंने कहा " प्यार तुम्हारे पापा तुमसे करते हैं, कुछ दिनों बाद उनका वजन आधा हो जाएगा, तुम्हारी माँ कई दिनों तक खाना नहीं खाएगी ना पानी पियेगी.. जबकि आपको अपने आशिक को आजमा कर देख लेना था, ना तो उसकी सेहत पर फर्क पड़ता, ना दिमाग़ पर, वो अक्लमंद है, अपने लिए अच्छा सोच लेता।
आजकल गली मोहल्ले के हर तीसरे लौंडे लपाटे को जो इश्क हो जाता है, वो इश्क नहीं है, वो सिनेमा जैसा कुछ है। एक तरह की स्टंटबाजी, डेरिंग, अलग कुछ करने का फितूर..और कुछ नहीं।
लड़की का चेहरे का रंग बदल गया, ऐसा लग रहा था वो अब यहाँ नहीं है, उसका दिमाग़ किसी अतीत में टहलने निकल गया है। मैं अपने फोन को स्क्रॉल करने लगा.. लेकिन मन की इंद्री उसकी तरफ थी।
थोड़ी ही देर में उसका और मेरा स्टेशन आ गया.. बात कहाँ से निकली थी और कहाँ पहुँच गई.. उसके मोबाइल पर मैसेज टोन बजी, देखा, सिम एक्टिवेट हो चुकी थी.. उसने चुपचाप बैग में से आगे का टिकट निकाला और फाड़ दिया.. मुझे कहा एक कॉल करना है, मैंने मोबाइल दिया.. उसने नम्बर डायल करके कहा "सोरी पापा, और सिसक सिसक कर रोने लगी, सामने से पिता भी फोन पर बेटी को संभालने की कोशिश करने लगे.. उसने कहा पिताजी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं घर आ रही हूँ..दोनों तरफ से भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा"
हम ट्रेन से उतरे, उसने फिर से पिन मांगी, मैंने पिन दी.. उसने मोबाइल से सिम निकालकर तोड़ दी और पिन मुझे वापस कर दिया
कहानी को अंत तक पढ़ने का धन्यवाद।
देश की सभी बेटियों को समर्पित-
ये मेरा दावा है माता पिता से ज्यादा तुम्हें दुनिया मे कोई प्यार नहीं करता।
कहानी पढ़कर, शेयर अवश्य कीजिएगा, शायद कोई परिवार, कोई बेटी और उनका भविष्य इससे बच जाए 🙏❣️ ✍🏾
जाते हुए
मैंने उससे कहा
जा रहा हूँ
गले नहीं मिलोगी
उसने कहा
उंह'हूं... नहीं मिलूंगी
मैंने फिर कहा
मिल लो, दिल में रह जायेगा यह न मिलना
उसका कहना था
कुछ रहना भी तो चाहिए दिल में
जब कोई जा रहा हो।
कुछ पुरुष अनोखे होते है..
वो जिस किसी पे भी दिल हारते है..
अपना सब कुछ हार देते है..
वो सिर्फ प्रेम नहीं करते,
कोई पूजा हो जैसे ऐसे पूजते है..
कुछ पुरुष अनोखे होते है...
वो माँग नहीं भरते...
लेकिन ज़िन्दगी का खालीपन भर देते है..
वो समाज के सामने नहीं आते,
लेकिन तुम्हे समाज से लड़ने की ताकत दे देते है...
कुछ पुरुष अनोखे होते है...
वो कोई मंगलसूत्र नहीं डालते गले मे,
वो डालते है ऐसा सूत्र कि
जैसे मानो नया जन्म हुआ हो तुम्हारा..
कुछ पुरुष अनोखे होते है...
वो कसमे झूठी नहीं खाते है..
वो हज़ार तरह की बाते करते है..
मग़र उन बातों को जितना हो सकता है...
वो उतना सच करने में लग जाते है...
कुछ पुरुष अनोखे होते है...
कुछ पुरुष वाकई में अनोखे ही होते है..
आज की इस बदलती हुई दुनिया मे भी तुमको सच्चे प्रेम का महत्व समझाते है...
प्रेम पूजा भी हो सकता...
प्रेम पवित्र भी हो सकता है...
वो ये सब दिखलाते है...
कुछ पुरुष अनोखे होते है…
सोनम कपूर का 'खूबसूरती' पर लेख
टीनएज लड़कियो, अगर सुबह जगकर अपने बेडरूम के शीशे में खुद को जब देखती हो और ये सोचती हो कि आख़िर तुम उन तमाम सेलिब्रिटीज़ की तरह क्यों नहीं दिखती, तो ये जान लो कि कोई भी लड़की बिस्तर छोड़ते ही वैसी नहीं दिखती। मैं तो नहीं दिखती, न ही कोई भी और हीरोइनें जिन्हें तुम फ़िल्मों में देखती हो। (बियॉन्से भी नहीं, मैं कसम खाकर कह रही हूँ।)
अब असली बात जान लो। हर पब्लिक आयोजन में जाने से पहले मैं अपने मेकअप की कुर्सी में बैठकर 90 मिनट का समय देती हूँ। तीन से छः लोग मेरे बाल और मेकअप पर काम करते हैं, जबकि एक आदमी मेरे नाख़ून तराशता रहता है। हर सप्ताह मेरी भवें सँवारी जाती हैं, उनकी थ्रेडिंग और ट्वीज़िंग की जाती है। मेरे शरीर के कई हिस्सों पर 'कन्सीलर' लगा होता है जिसके बारे में मैं कभी सोच नहीं सकती थी कि इन्हें छुपाने की ज़रूरत होती होगी!
मैं हर रोज सुबह 6 बजे जग जाती हूँ, और 7:30 बजे तक जिम में होती हूँ। लगभग 90 मिनट का समय हर सुबह, और कई शाम सोने से पहले भी, व्यायाम के लिए होता है। मैं क्या खाऊँ, क्या नहीं खाऊँ, ये बताने के लिए किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखा जाता है। मेरे फ़ेसपैक में मेरे भोजन से ज्यादा चीज़ें होती हैं। मेरे कपड़ों को चुनने के लिए लोगों की एक पूरी टीम है। इतने के बाद भी जब मैं 'फ़्लॉलेस' नहीं दिखती तो फोटोशॉप पर खूब काम किया जाता है।
मैंने पहले भी कहा है, और फिर से कहूँगी कि किसी मॉडल/सेलिब्रिटी को वैसा दिखाने के लिए कई लोगों की एक पूरी फ़ौज, बहुत ज्यादा पैसा, और काफ़ी समय लगता है। ये न तो वास्तविक है, न ही कोई ऐसी चीज है जिसको पाने की कोशिश करनी चाहिए।
खुद में विश्वास करो। ऐसा बनने की सोचो जहाँ तुम खूबसूरत, उन्मुक्त और खुश रहो, जहाँ तुम्हें एक खास तरीक़े का बनने की कोई ज़रूरत न हो।
और हाँ, अगली बार से जब भी किसी तेरह साल की बच्ची को किसी मैगजीन कवर पर चमकती बॉलीवुड सेलिब्रिटी की तस्वीर को ललचायी निगाहों से देखती देखो तो उसी वक्त उसे ये बता कर उसका भ्रम तोड़ दो। उसको बता दो कि वो कितनी ख़ूबसूरत है। उसकी सुंदर मुस्कुराहट की बातें करो, उसकी हँसी, उसकी बुद्धि या उसके आत्मविश्वास की बात करो।
उसके भीतर ये विचार पनपने मत दो कि उसमें कोई कमी है, या उसमें कुछ ऐसा नहीं है जो पोस्टर, बिलबोर्ड आदि पर लगी तस्वीर में दिखती सेलिब्रिटी में है। उसको अपने लिए ऐसे मानक बनाने से रोको जो उसके लिए ही नहीं, उन तारिकाओं के लिए भी बहुत ऊँचे हैं।
(मूल अंग्रेजी से अनुवाद : अजीत)
शादी शुदा स्त्री अक्सर कर बैठती हैं इश्क़❤️
मांग में सिंदूर होने के बावजूद
जुड़ जाती हैं किसी के अहसासों से
कह देती है उससे कुछ अनकही बातें
ऐसा नहीं की वो बदचलन हैं
या उसके चरित्र पर कोई दाग़ हैं
तो फिर क्या हैं जो वो खोजती हैं
सोचा कभी, स्त्री क्या सोचती हैं
तन से वो हो जाती हैं शादीशुदा
पर मन कुंवारा ही रह जाता हैं
किसी ने मन को छुआ ही नहीं
कोई मन तक पहुंचा ही नही
बस वो रीती सी रह जाती हैं
और जब कोई मिलता हैं उसके जैसा
जो उसके मन को पढ़ने लगता हैं
तो वो खुली किताब बन जाती हैं
खोल देती है अपनी सारी गिरहें
और नतमस्तक हो जाती हैं सम्मुख
स्त्री अपना सबकुछ न्योछावर कर देती हैं
जहां वो बोल सके खुद की बोली
जी सके खुद के दो पल
बता सकें बिना रोक टोक अपनी बातें
हंस सके एक बेख़ौफ़ सी हसीं
हां लोग इसे इश्क ही कहते है
पर स्त्री तो बस दूर करती हैं
अपने मन का कुंवारापन
❤️
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही,
ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं!।
ना कोई गिला करता हूँ,ना कोई शिकवा करता हूँ।
आप सलामत रहें,बस यही दुआ करता हूँ।❤️
नववर्ष की शुभकामनाएं🙏🏻
में call नहीं करता..
लेकिन , मैं परवाह बहुत करता हूं तेरी,
में text message नहीं करता
लेकिन , हर वक्त तेरे बारे में सोचता हूं,
में तुम्हे मिल नहीं सकता
मगर , मैं हमेशा तुम्हें miss ज़रूर करता हूं,
पर फिर भी
मैं ये कभी नहीं कहूंगा....
कि तुमने मुझें ख़ामोश कर दिया...
मैं उस मुकाम पर पहुंच गया हूँ
जहां तुम करीब आओगी तो भी प्यार बढ़ेगा नहीं
तुम अगर दूर जाओगी तो प्यार कम होगा भी नहीं
खुद को सब्र का जामा पहना लिया है
खुद को ही समझा लिया है
हर किसी को मुकम्बल जहां नही मिलता
कुछ न कुछ कमी रही जाती है
तुम अगर मिल भी जाओगी
तो शायद खुश न रह सकें
तुम्हारे पाने की इक्छा खत्म सी हो गयी है।
अब इंतजार ही सकून देने लगा है
तुम नजर भी नहीं आते तो
मुझे तुम्हारा दीदार हो जाता है
तुम्हारी खामोशी अब सुहानी लगी है
ये जानता हूँ तुमने कु छ लफ्ज बचा रखें हैं मेरे लिए
जिन पर सिर्फ मेरा हक है
चाहे अब न भी बोलो तुम्हारी झुकी नजरों से बयां हो ही जाता है
जिंदगी की भागमदौड़ में तुम तक आकर थम सा गया हूँ
तुम्हारा प्यार एक इम्तिहान लगता है
और मै जानता हूँ मै अवव्वल आऊंगा
मगर तुमसे मेँ जीतना नहीं चाहता
तुमसे हारकर तुम्हारा होना चाहता हूं
❤️❤️
तुम चलो ,कुछ दूर ,
साथ मेरे .....
न दोस्त ,
न हमसफर ,
न प्रेमी बनकर ...
पर चलने से पहले एक बार ,
खुद से पूछ लेना ज़रूर ...
क्या चल सकोगे ?
तुम कुछ दूर ,मेरे कुछ नहीं बनकर ...
क्योंकि आसां है ,इस भागती दुनिया में ...
दोस्त....हमसफर ....या प्रेमी.... बन जाना ...
पर बहुत मुश्किल है ,
किसी के साथ चलना ,
बिना उसका कुछ भी बने!!
बन सको तो मेरी रूह मेरी अल्फ़ाज़ बन जाना,।
मेरे हर शब्द शायरी..... में तुम ही तुम नज़र आना !!
❤️❤️
आ जाओ,,♥️
कि आज आपकी बहुत जरूरत है,
बहुत कुछ कहना है आपसे....
बहुत कुछ सुनना है।
लगकर गले आप के जी भर कर रोना है।
अरसे से दिल में दबाकर जो रक्खा है,,
वो हर एक राज़ आपसे कहना है।
गले मे रुंध कर जो रह गए हैं
वो जज़बात आज उगलना है।
आपके विरह में जो सहा है,,
हर उस पीड़ा का हिसाब लेना है।
ज़माने के आगे खामोशी से जो सहे,,
आज वो सारे ज़ख़्म आपको दिखाना है।
आ जाओ,,
कि साँसे बोझिल हो रही हैं,,
आजाओ कि मेरी हर आस टूट रही है।
आपके शब्द आपके अवाज मेरा जीवन हैं,
आपकी आवाज़ मेरी जीने की चाहत है।
आपका स्पर्श मेरी सुखद अनुभूति है।आपका साथ मेरे लिए आशादीप्ति है।
आ जाओ की आप बिन अब धड़कने रुक रही हैं,,
आजाओ कि अब कि आंखे आप को देखने को तड़प रही हैं।
आजाओ, बस आ जाओ।।
❤️❤️
एक स्त्री पुरुष से सिर्फ और सिर्फ प्यार चाहती है...
वो प्यार जो रोड साइड चलते वक़्त अपनी बाएं तरफ उन्हें करे...
ये कहते हुए कि साइड से चल...
भीड़ भाड़ वाली जगह में सड़क पार करते वक़्त हाथ पकड़ ले... ये कहते हुए कि रुको, अभी गाड़ी आ रही है...
वो रसोई में खाना बनाते वक्त आकर माथा चूमे और ये कहे कि बाहर गेट तक खुशबू आ रही खाने की...
क्या बन रहा है आज..
कोई गलती हो जाए अनजाने में तो सब के सामने डांटे बिना अकेले में समझाए कि गलती हुई तुम से...
जहां उसका अपमान हो रहा हो वहां उसकी ढाल बने ना कि सुई बनकर और चुभे...
बिना कहे वो उसकी मन स्थिति समझे और कहे क्या हुआ आज बुझी बुझी सी क्यों हो...?
हर छोटा छोटा पल जिसमें वो उसके साथ बिताए उसको यादगार बनाए ,ना कि दुःख भरा बनाए...
वो हर चीज नही मांगती.....
बस समझ लो उसका भाव... कभी एक गुलाब ला दो... या रोड साइड पानी पूरी खिला दो... या बारिश हो रही हो तो तुम उसके लिए चाय बना दो...
चाहे उम्र क्यों ना ढल गयी हो... रिश्ते में वो सिर्फ और सिर्फ "प्यार" ही चाहती है...
ये सब वो एक पिता, एक भाई, एक प्रेमी चाहे कोई भी रूप में पुरुष हो...
वो सिर्फ और सिर्फ वई रिश्ते का "प्यार" पाना चाहती है...!!
तुम्हारे मैसेज शायद डिलीट कर दिए जाएं, मगर जो उनमें तुमने लिखा था वो हमेशा याद रहेगा।
तुम्हें अनफ़्रेंड और शायद ब्लॉक भी कर दिया जाए, मगर तुम्हारी कौनसी तस्वीर कब और कहाँ ली गयी थी वो हमेशा याद रहेगा।
तुमसे बात होना शायद बंद हो जाये, मगर तुम्हारी आवाज़ हमेशा सुनाई देती रहेगी।
तुम्हारी तरफ़ कभी नज़र उठाकर शायद न देखा जाए, मगर तुम्हारे चेहरा और एक एक नक़्श आँखों में बसे रहेंगे।
तुम्हें गले से लगाये शायद बहुत वक़्त गुज़र जाए, मगर तुम्हारी ख़ुशबू हमेशा पहचानी हुई रहेगी।
तुम्हारे आस पास शायद न रह जाये, मगर तुम्हारे साथ हमेशा रहेगा जाएगा।
तुमसे नफ़रत शायद ख़ूब बढ़ाई जाए, मगर मोहब्बत हमेशा अपना तख़्त क़ायम रखेगी।।
तुम्हें कभी भी लगे तुम मुझे खो चुके हो,, जब मैं तुम्हें कहीं न मिलूं,, जब तुम्हें मैं मुझमें भी ना मिलू,,,,तो यहां एक बार यहां आ जाना और पढ़ना मेरे शब्दों को मैं तुम्हें अब इन्हीं शब्दों में मिलूंगा,,
मैने तो अपने बारे में कुछ भी नहीं लिखा जितना भी लिखा तुझको ही लिख दिया,,,,
कभी कभी लगता है मुझ में मुझसे ज्यादा तू समाया है
कलम मेरी होती है पर लिख तुझे देता हूं
मैं कविता लिखता हूं मेरे हर अल्फाज तुम हो
आंसू मेरे निकलते हैं दुआ तेरे लिए लिख देता हूं
मैं किसी और के साथ होता हूं फिर भी बाते तुम्हारी करता हूं
मुझे यहां सिर्फ तुम्हारी याद खींच लाती है
मैने यहां वो खुशी लिखी जब पहली बार तुमने मुझे दोस्त बुलाया था,,, और फिर कभी नही बुलाया,, फिर से दोस्त सुनने की चाहत को मैने यहां लिखा है ,,मैने यहां तुम्हें लिखा है,, मैने यहां तुम्हारे लोटने का इंतजार लिखा है मैने यहां उस इंतजार में बिताया एक एक पल लिखा है,, मैने यहां वो दर्द लिखा जो तुम्हारे ना होने पर मैने जिया है,, जो मैं तुम्हें एहसास ना कर पाया कभी,,
मेरे ये लिखे अल्फाज शायद तुम्हें एहसास करा दे ,, तुम कब आओगी मेरी ज़िंदगी मे इसका गिला शिकवा कभी नहीं रहेगा मुझे तुमसे प्यार है और हमेशा रहेगा
मैं तुम्हारे पास रहूं ना रहूं मेरी महफिल और मेरे पेज पर सिर्फ तुम्हारा ही जिक्र रहेगा
मेरा लिखा एक एक लफ्ज तुम्हें एहसास कराएगा कोई थी जो सिर्फ तुमसे और तुमसे ही प्यार करता है ...।
इज्ज़त, मोहब्बत, तारीफ़ और दुआ
माँगी नहीं जाती, कमाई जाती है।❤️
इश्क़ का खयाल है , और ख़्याल में है इश्क़...
मत पूछ मेरे यार के किस हाल में है इश्क़..!!❤️
तुम्हारी बेरुखी खलती नहीं मुझको,
इश्क़ मेरा है तो इम्तिहान भी मुझे ही देना है।
💗 स्त्री प्रेम नहीं करती, पूजा करती है,, उस पुरूष की, जो उसे सम्मान देता है.!!! 💞
💗 स्त्री सौंप देती है अपना सब कुछ,, उस पुरूष को, जिसके स्पर्श और भाव से वो संतुष्ट होती है.!!! 💞
💗 स्त्री छूना चाहती है प्रेम में उस पुरूष को,, जिसके कांधे पर सिर रख ख़ुद को सुरक्षित महसूस करती है.!!! 💞
💗 स्त्री होकर भी नहीं हो पाती उस पुरूष की, जो ख़ुद के पौरुष की ताकत हर वक्त दिखाता रहता है,, कभी उसके तन पर तो कभी उसके कोमल मन पर.!!! 💞
💗 स्त्री नफरत करती है उस पुरूष से, जो उसके अस्तित्व को ठेस पहुंचाते है.!!! 💞
💗 स्त्री लड़ना नहीं चाहती पर लड़ जाती है उस पुरूष से, जिस पर अपना अधिकार समझती है.!!! 💞
💗 स्त्री बड़बोली होती है, पर खामोश हो जाती है तब जब प्रेम में किसी वस्तु की तरह ठुकरा दी जाती है.!!! 💞
💗 स्त्री कभी पलटकर नहीं देखती उस पुरूष को, जो प्रेम के नाम पर या तो उसके शरीर से प्रेम करता है या उसके यौवन से.!!!💞
💗 स्त्रियाँ प्रेम नहीं करती, पूजा करती है उस पुरूष की जो उनका सम्मान करते हैं, जो उन्हें तब तक स्पर्श नहीं करते, जब तक वो उसके मन को छू नहीं लेते.!!! 💞
💗 स्त्रियाँ पुरूष के पौरुष से नहीं उसके व्यक्तित्व से प्रेम करती है,, जो परमेश्वर नहीं होता बल्कि होता है प्रेमी, बस एक प्रेमी जो पढ़ना जानता हो उसका मौन को.!!! 💞
💗 स्त्रियां अपने आपको समर्पित करती हैं उस पुरुष को, जिसकी दृष्टि में हर वक्त वो देखे, (ढलती आयु में भी) अपने सौंदर्य और यौवन को.!!! 💞.....✍️✍️✍️
😔😔😔😔
सरनेम बदल गया है या तुम फ़ेसबुक पर हो ही नहीं?
बहुत बार खोजा है, मगर तुम्हारे नाम वाले कोई दूसरे ही लोग नज़र आते है।
छोटी सी जो तस्वीर प्रोफ़ाइल में दिखती है, उसे देखकर लगता है की शायद तुम ही हो पर
मेरा 'शायद',
हाँ 'तुम्ही' हो में अभी तक बदल नहीं पाया है।
तुम्हारे शहर का भी नाम डालकर देखा है। तुम्हारे नाम वाले, तुम्हारे शहर में बहुत हो गये है।
स्कूल का नाम डालता हूँ या मोहल्ले का तो "not find" लिखा हुआ आ जाता है।
ये ज़ुकरबर्ग अगर देखता होता तो ज़रूर हंसता होगा, मेरी इन बेवकूफ़ियों पर।
कुछ हफ़्तों तक इंतज़ार भी कर के देखा है, इस उम्मीद मे कि अब की बार तुम्हारे नाम वाली कोई प्रोफाइल जब खोलूँगा, तो सीधे तुम नज़र आओगी,
पहले से थोड़ी मोटी।
पर ऐसा भी अब तक हुआ नहीं है। तुम भी मुझे ढ़ूढती हो क्या मेरे नाम से?
मैं तो आसानी से मिल जाता हूँ ,
है ना?
कई दोस्त है लिस्ट में, मगर एक वो नाम मिसिंग है।
"जिस दिन तुम मिल गई तो पता नहीं दिन में कितनी बार तुम्हारी प्रोफ़ाइल को खोल कर देखूंगा।"
"हाँ लेकिन बिना तुम्हें खबर हुए।
बिना तुम्हारे आज में ख़लल डाले।"
जाने कितने ही लोग ऐसे ही होंगें मेरी तरह, जो किसी नाम को खोजते होंगें, दिन में कई दफ़ा।
किसी को किसी का यूँ मिल जाना मुक़द्दर की बात है❤️
किसी से दिल लग जाने को मोहब्बत नहीं कहते
जिसके बिना दिल न लगे उसे मोहब्बत कहते हैं....!!
❤️ se
मैं वहीं मिलूंगा तुमको
वो जो मेरे साथ कुछ साल तुमने गुज़ारे थे
वो जो उन लम्हों में हम साथ साथ रहे थे
वो जो हर दिन तुमको देखने की तमन्ना थी
वो जो लोगों की भीड़ भाड़ में
तुमसे नज़रों में कुछ कहने की तमन्ना थी
वो तुम्हारे चेहरे पर तुम्हारी जो धड़कने आती थीं
वो जो तुम मुझसे खामोशी में कहना चाहतीं थीं
वो जो इक मिठास सी आती थी तुम्हारी मुस्कुराहट से
वो जो तुम्हारे हर सूट का रंग मुझे याद हो जाता था
वो जो तुम घर पहुंच कर हर रोज़ फ़ोन करतीं थीं
वो जो तुम देर रात तक मेरी खबर लिया करतीं थीं
वो जो तुम बताती थीं कि ज़िन्दगी कितनी कठिन है
वो जो उस ज़िन्दगी में तुम मुझे अपना बतातीं थीं
सच बताऊँ...
तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था
वो कुछ साल जिनमें तुम मेरी थीं, उनमें अब किसी और की नहीं हो सकतीं
उन्हीं हर साल के हर एक पल को धीरे धीरे रोज़ बिताता हूँ
ज़िन्दगी कभी फुरसत दे और तुम्हारे अपने कभी तुम्हें इजाज़त दें
तो लौट कर इन्हीं कुछ सालों में आ जाना, तुम वही सूट पहन के
मैं सफेद शर्ट पहन कर तुम्हारा वहीं इंतज़ार करूँगा जहां हम कुछ कदम चले थे
क्योंकि एक वही समय है जहां मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर चल सकता हूँ बेफिक्र
क्योंकि उन कुछ सालों में तुम मेरी थी और हमेशा मेरी रहोगी....
कभी आना.... मैं वहीं मिलूंगा तुमको....
RD ❤️ se
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