Gaurav Sharma Lakhi
Author, poet I am a dreamer....I dream and try to translate what I see into words
बात 1988 की है l पापा के चेहरे पर झुर्रियाँ गहराने लगीं थीं और बालों पर सफेदी सत्ता में थी l साइकिल से ऑफिस जाते हुए उम्र और रुतबा दोनों झींकते थे l
एक रोज, उनके एक दोस्त किसी ठेकेदार के यहाँ ले गएl ठेकेदार के गोदाम में एक मोपेड कई महीने से खड़ी थी l उम्मीद थी कि वह सस्ते में बेच देगा l
मोपेड कीचड और धूल से सनी थी l माँग दो हज़ार रुपयों की हुई l लेकिन मोलभाव करने पर वह अठारह सौ में मोपेड बेचने को तैयार हो गया l पापा ने अगले दिन रूपये देकर मोपेड ले जाने की बात कहीl
"पैसे आते रहेंगे l आप मोपेड अभी ले जाओ l मेरी जगह तो खाली हो," ठेकेदार ने कहा l
शनिवार की पूरी छुट्टी पापा ने मोपेड को समर्पित कर दी l शाम को पैसे देने उसी पर गए l ठेकेदार खुद अपनी मोपेड को पहचान नहीं पाया l
लगभग दो साल पापा ने वो मोपेड चलाई l जब बेची तो उसके ढाई हज़ार रूपये मिले l
पापा अपनी चीजों को बहुत संभाल कर रखते थे l वे कहते थे जो आदमी अपनी चीजों को संभाल कर नहीं रख सकता वो रिश्तों को भी नहीं संभाल सकता l
आज यूँ ही याद आ गया l
©गौरव
My youngest and cutest reader, son of my beloved friends and
Wasp and the street light
Not vapid but a lustful tale of love
Wasp's infatuation for luminance
The light finds its lover crazy
No spoken words
No souvenirs exchanged
No burden of promises
Sheer passion they seek
Myriad kisses and hugs
Both die as the Sun
Sucks up the darkness.
~Gaurav
दुनिया का सबसे प्यारा त्यौहार
#होली
A joyous and colourful Holi to you all
रंगों को रोशनी पर भारी पड़ते देखा है
दिवाली पर उदास थे जो चेहरे,
होली पर उन्हें हंसते देखा है।
तब....
तब रेडीमेड बत्तियाँ
नहीं मिलतीं थी बाजार में
पर घर में सुबह शाम
जला करते थे कई दिये l
सूरज निकलने से पहले
बुहार लिया जाता था आँगन
फोल्डिंग पलंग उठ कर
छिप जाया करते थे l
तब गोभी के डंठलों की सब्जी
और मटर के छिलकों की भाजी
बनती थी
'क्या बनाऊँ' माँ कभी कभार
ही पूछा करती थी
थाली में माँ हर रोज़
खूब सारी ममता परोसा करती थी
बहुत भूख लगा करती थी l
तब बाजार में नहीं मिलते थे
पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स और कुरकुरे
शाम को माँ तल देती थी
घर में बनाए
कुरेरी, चिप्स और पापड़
उन पर बुरक देतीं थी स्नेह
इतवार को बनता था
स्पेशल नाश्ता
पौष्टिक पर स्वादिष्ट
नहीं होते थे दिखावटी प्यार जैसे
मैगी और पास्ता l
तब छुट्टी वाले दिन भी
देर तक सोने की
छूट नहीं मिलती थी
नाश्ता मिलता था
जब माँ ठाकुर जी की
सेवा कर लेती थी
नहाकर हाथ जोड़ने पड़ते थे
भगवान के आगे
शाम की जोत जलने पर
पापा पढ़वाते थे
भागवत के दस पन्ने l
तब घर में
ना ए सी था ना ही कूलर
पर बहुत ठंडक रहती थी
नींद बहुत गहरी आती थी
ना टू व्हीलर था, ना कार
साइकिल की चाभी मिल जाती थी
तो बल्लियों उछल जाते थे
लक्कड पत्थर
सब हज़म कर जाते थे l
, ©गौरव
When your son poses with your book....
Picture comes from UK
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"ओ दिल्लीवाली"
"मेट्रो स्टेशन के एस्केलेटर पर,
तुम अपनी महत्वाकांक्षाओं का पर्स टांगें
जब ऊपर या नीचे जाती हो,
तब बहुत सारी आंखों के जोड़े तुम्हारे
स्तनों और नितंबों को मापते हैं।
कुत्तों की तरह भर लेते हैं अपने नथुनों में,
तुम्हारे बदन की खुशबू।
बताओ ना, जानते सुनते
उन निगाहों को टाप कर
पार कैसे निकल जाती हो तुम?"
पूरी कविता यहां सुनिए:
ओ दिल्लीवाली "ओ दिल्लीवाली" दिल्ली की महिलाओं के संघर्ष और जज्बे को सराहती कविता है। दिल्ली के अद्भुत मानवीकरण द्वारा दिल्ली की...
Do watch
https://youtube.com/shorts/80GRgJimbf0?feature=shared
Happy Women's Day ... #women #driving #daughters #womenempowerment #womenempoweringwomen
Happy Women's Day
My second acting assignment...
Do watch
We talked about "CRUSH NO. 43" and my other books
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I will be in conversation with Kosha Shah Chandaria about "CRUSH NO 43"
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Crush No 43 Crush No 43
"Emotions are like food. If you have them in excess, they will make you sick"
~CRUSH NO. 43
CRUSH NO. 43
This is dedicated to all women.....
A lot of friends are curious to know the significance of number forty-three.
Well, a woman has forty three attributes that not only strengthen her but gratify everyone who connects with her.
1. Intelligent
2. Kind-hearted
3. Compassionate
4. Ambitious
5. Creative
6. Confident
7. Empathetic
8. Generous
9. Strong
10. Independent
11. Determined
12. Resilient
13. Empowered
14. Resourceful
15. Caring
16. Supportive
17. Wise
18. Humble
19. Charismatic
20. Patient
21. Courageous
22. Adventurous
23. Elegant
24. Stylish
25. Grounded
26. Honest
27. Loyal
28. Optimistic
29. Curious
30. Nurturing
31. Authentic
32. Gracious
33. Fierce
34. Inspiring
35. Sociable
36. Open-minded
37. Versatile
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39. Thoughtful
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कैसी लग रही है "CRUSH NO 43" और मैं?
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रोज़ एक नए खुद से मिलता हूं मैं,
उसे सुनता हूं, उसे ही लिखता हूं मैं।
©गौरव
"CRUSH NO. 43"
Rhythm is a celebrity poet who calls every woman who impresses him his ‘crush’ and believes that the emotions his crushes ignite, help him write piercing poetry.
Orphaned twice, he has been raised by a notorious goon, Shankar. Rhythm has a peculiar way of seeing the world. He harbours no grudges with his destiny or people but believes that the world is a beautiful place full of kind and lovely people.....
The book is available at Hall No 5, Stall No A-10 in the for another two days before it goes live on
I will be there today for a couple of hours in the afternoon. Do meet
SIgned copies of my new book "CRUSH NO 43" for friends and readers today at the
Petals Publishers and Distributors
Nothing is more satisfying than to hold your creativity in your hand
Will hold "Crush No. 43" in my hands today at the
Let's meet
रंगरेज...
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