Dr. Sultan Pathan
everything is about ayurved
ayurved is natural way of treatment by herbal medicine
no side effects
*एक_शादीशुदा_औरत_का_मनोबल_कब_गिर_जाता_है?*
जब वो मांग में सिंदूर आते ही लड़की से औरत बन जाती है।
जब वो शादी के तुरंत बाद दीदी से आंटी बन जाती है जबकि उसका पति दो बच्चों के बाद भी भैया ही बना रहता है।
जब शादी की अगली सुबह बेटे को आराम करने दिया जाता है और उसे रसोई में प्रवेश मिल जाता है।
जब उसकी हर ग़लती भी उसकी और उसके पति की हर ग़लती भी उसी की ग़लती कहलाती है।
जब उसका शादी से बाहर आकर्षण उसको तिर्यचरित्र बना देता है और उसके पति का आकर्षण उसके प्यार की कमी कहलाता है।
जब मायके आने के लिए किसी की इजाजत जरूरी हो जाती है।
जब मायके की यादों की उदासी को उसके काम ना करने का बहाना करार दिया जाता है।
जब जरूरत पड़ने पर ना वो पति से पैसे मांग पाती है और ना ही पिता से।
जब उसकी माँ उसे समझौता करने को कहती रहती है। और अपनी सफल शादी की दुहाई देती रहती है।
जब ऑफिस से थक कर आने के बाद कोई पानी तक नहीं पूछता है।
जब रात को पति के बाद सोती है और सुबह पति से पहले उठती है।
जब अपने सपने/ख्वाहिशें भूल जाती है और कोई पुरानी सहेली उसको याद दिलाती है।
शादी सभी के लिए उतनी मीठी नहीं होती जितनी नज़र आती है। महिलाओं के लिए आज भी जीवन मुश्किल है।
वो जो महिला आप रोज़ अपने ऑफिस में देखते है और उससे उसकी आँखों के नीचे काले घेरे होने का कारण पूछते है, मत पूछिए। वो कभी नहीं बताएगी। और अगर बताती भी है तो आप कभी नहीं समझेंगे।
अरे भई! जिसे उसकी माँ ने नहीं समझा, आप क्या खाक समझेंगे?
ऐसे ही होता है। नजरअंदाज करो। हमने भी तो सहा है और तुमसे ज्यादा सहा है। अपने बच्चों के बारे में सोचों।
और भी जाने क्या-क्या बकवास दलीलों के रूप में सुनने को मिलती है।
*महिलाओं के शांत चेहरों और फूल से हँसी के पीछे कौन-कौन से तूफ़ान गुज़र रहे होते है, आप कभी नहीं समझेंगे।*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏
पढना जरूर अपनी नसले सवारने के लिए _____
दस लाख रुपए का जहेज-----
पांच लाख रुपए का खाना-----
घङी पहनाई-----
अँगूठी पहनाई-----
वलीमे वाले दिन नाश्ता-----
मकलावा खाना देगे-----
बच्चा पैदा होने पर खर्चा-----
बेटी है या सजा है कोई-----
मर्द हो न---आगे बढो---करो ये सब खर्चा---और करो चार शादिया---!!!
सुन्नत क्या चार शादियों पर ही याद है---?
बाकी सुन्नतों पर अक्ल काम करना छोड़ देती है क्या---?
वह अक्सर इसलिए बाप से फरमाइश नहीं करती थी कि पहले ही उसकी शादी का खर्चा और जहेज बनाते बनाते उसका बाप मकरूज होने वाला था---!!
मंगनी के बाद अक्सर लड़के वाले आते रहते थे और मेहमान नवाजी करते-करते उसकी मां थक चुकी थी--- मगर फिर भी खाली जेब के साथ मुस्कुराहट चेहरे पर सजाए हर आने वाले को आला से आला खाने खिलाती और कुछ करके भेज दी थी---
कभी नंद , कभी जेठानी , कभी चाची सास , तो कभी मामी सास हर रिश्ते को एक साथ आराम दिलाने के लिए वह अलग-अलग टोलियां में आते रहते---!!
ऐसे में शाम को उसके बाबा जब घर आते तो उनके पास खामोश बैठ कर उनका सर दबाने लगती , मानो जैसे बाप को हिम्मत दिला रही हो या यह कहना चाह रही हो कि सॉरी बाबा मेरी वजह से आप कर्ज लेने पर मजबूर हैं---!!
शादी की तारीख फिक्स करना यह एक तोहार बन चुका है लड़की वाले को पता ही नहीं होता कि कितने लोग आएंगे उनके खाने-पीने के अलावा सब के लिए कपड़े खरीद कर रखने होते हैं चाहे 5 लोगों हो या 50---!!
फिर बारात पर लड़की के बाप को 10 बंदे घेरकर पूछते हैं, जी कितने बंदे आ जाएं---?? क्या बोलेगा वो---??
अगर 100 कहेगा तो जवाब मिलता है 200 तो हमारे अपने रिश्तेदार हैं फिर मोहल्ले दार लङके के दोस्त ---!! कुछ नहीं तो 400 आदमी तो मजबूरन लाने पड़ेंगे साथ-------!!
अब लड़की का बाप क्या कहें--? मत लाना--? मेरे पास पैसे नहीं है---??
फिर फिरसुदा निजाम मे बारात वाले दिन लड़की के साथ 2 देगे खाना भी भिजवाना है जहेज भी खुद बना कर छोड़ कर आना है---!!
लो मुसलमानो-----!! यू होती है एक बेटी घर से रुखसत---!! अब आगे इसका ससुराल में क्या मॉल और वजन होगा---? यह अक्सर हम सुनते ही रहते हैं
हाथ जोड़कर इल्तिजा है🙏 मत करो एसा, तोड़ दो यह रस्मे जिससे एक बाप तोबा करे उसको बेटी ना पैदा हो-----!!
छोड़ दें की बेटियां मां-बाप की गुरबत देखकर अपनी शादी का ख्याल ही दिल से निकाल दे---!!
अपने बेटे के लिए सादगी से निकाह करके बहू लाकर देखो सुकून मिलेगा---!!
और आपकी इतना के लिए अर्ज है कि यह बेटियां हजरत फातिमा रजि अल्लाह ताला अनुहा जितनी जन्नती लाडली नहीं है और ना यह बैटे हजरत अली रजि अल्लाहु ताला अनहू जितने मोहतरम---!!
आने वाली नस्लों की जिंदगी आसान बना दो ---!!
लड़कों से कहता हूं 🙏 जहेज मत लेना
अपनी होने वाली बेटी पर तरस खाना जो कल को तुम्हारे खराब हालात से इतनी ही परेशानी हो सकती है जितनी आज तुम्हारी होने वाली बीवी परेशान है---!!
अल्लाह ने तुम्हें मर्द पैदा क्या है,
कमाकर अपनी बीवी को खुशियां खरीद कर देना---!!
#कौआ एकमात्र ऐसा पक्षी है, जो #बाज़ पर चोंच मारने की हिम्मत करता है, वह #बाज़ की पीठ पर बैठता है और उसकी गर्दन पर काटता है, लेकिन #बाज़ जवाब नहीं देता ,
और न ही #कौओं से लड़ता है और न ही #कौओं पर अपना समय बर्बाद करता है।
बस अपने पंख खोलता है और #आसमान में #ऊँचा उडना शुरू कर देता है।
उड़ान जितनी ऊँची होती है, उतना ही मुश्किल होता है ऊपर साँस लेना और फिर आक्सीजन की कमी के कारण कौआ गिर जाता है....!
अगर आप कौओं से परेशान हैं तो
#कौओं के साथ अपना समय #बर्बाद करना बंद करो,
बस खुद #ऊंचाइयों पर चले जाओ ,अपने काम मे लगे रहो,
वे ऐसे ही छूट जाएंगे दूर बहुत दूर !! Good Luck to all🙏🏻
A person with a rotated pelvic gridle will have a functional leg lenght discrepancy. Functional means he or she has equal legs but due to this pattern it comes out to be unequal. Now imagine a building that has uneven foundation. Same in the case of human body. Feets are our foundation. When we are carrying unequal distribution of our weight then it has a ripple effect throughout our kinetic chain. That means your feet with decide the position of you knees,hips,spine and your cranium. This is one of the cause of scoliosis. A classic demonstration of the right dominant pattern during standing. right supinated feet (high arch) or inversion and left pronated feet (low arch) or eversion. These feets aren't actually pronated or supinated but are forced into that position by the pelvis. It's not a feet issue what most of the doctors and physiotherapists assume and give you sone arch strengthening exercise and some orthotics. Beneath its the rotated pelvis that is oriented to the right. A classical example of what you will see in this pattern. Cause of those SI JOINT spasms,plantar fascitis, Ql spasms, back pain, neck pain,left thoracic pain, tight neck, jaw pain and much more
These are properly treated by ayurved medicine & panchkarma
Ayurved is Power full paddhati 💪
Hijama also known as cupping and it is the Arabic name in traditional medicine for wet cupping where through small skin incision blood is drawn by vacuum for therapeutic purposes. Hijama is an effective treatment when body needs detoxification or when body is suffering from sluggish organs. Hijama therapy is even known to have helped women ovulate and thus, fall pregnant. Hijama is also known to get rid of pain like migraine and backache and is also the best preventive treatment available.
The Prophet (Sallallaahu alayhi Wasallam) said, “Cupping treatment /Hijama is the most helpful procedure for human beings to cure themselves.”
[Sahih Bukhari 5357] [Sahih Muslimi 1577]
Muhammad (Sallallaahu alayhi Wasallam) also said, “If there is any good in your medical treatments, it is in the blade of the cupper, drinking honey.”
[Sahih Bukhari 5356] [Sahih Muslimi 2205]
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What Are The Benefits of Hijama?
Hijama helps in detoxifying the blood and stimulating the formation of new blood. We suffer from increased accumulation of toxins as we age that stem from poor diet and our lifestyle as well as pharmaceutical drugs resulting in different diseases. Some conditions in which Hijama was proven as an effective treatment are lower back pain, repetitive strain injury, sports injuries, poor circulation, varicose veins, emotional and psychological disorders like depression, stress and anxiety. Disorders of the bones, muscles, joints and nervous system, such as arthritis, carpal tunnel, neuralgia, migraine headaches, insomnia, dizziness and low back, neck and shoulder pain.
Hijama is a successful treatment for constipation, diarrhea, headache, backache, injuries, depression, skin problems, arthritis, weight loss and much more.
👌👌👌
ᴘʟᴢ sᴜsᴄʀɪʙᴇ ᴍʏ ʏᴏᴜᴛᴜʙᴇ ᴄʜᴀɴɴᴇʟ plz👇
https://youtu.be/6eAq-fOF6HE
ℍ𝕚𝕛𝕒𝕞𝕒 𝕚𝕤 𝕣𝕖𝕒𝕝𝕪 𝕒𝕞𝕒𝕫𝕚𝕟𝕘 𝕥𝕙𝕖𝕣𝕒𝕡𝕪 &
𝕀𝕥 𝕚𝕤 𝕔𝕠𝕞𝕡𝕝𝕖𝕥𝕖 𝕥𝕙𝕖𝕣𝕒𝕡𝕪
Couping therapy (Hijama) for back pain Mainly for back pain & detoxification of blood by hijama
#चिकित्सक_का_महत्त्व
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जीवन में हमें जो कुछ भी करना हो, चाहे वह व्यवसाय हो, धर्म हो अथवा संतानोत्पत्ति हो, इन सब में आरोग्य (स्वास्थ) का अत्यंत महत्व है। इसलिए आयुर्वेद के आचार्य चरक कहते हैं कि-
#धर्मास्यार्यस्य_कामस्य_नृलोकस्योभ्यस्य_च।"*
#दाता_संपर्द्यते_वैद्यो_दानादेहसुखाभुषाम।।"*
(चरक संहिता सूत्र स्थानअ. 16/38
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--> वैद्य (चिकित्सक) देह सुख और आयु को देने वाला *(रोग को दूर करने वाला एवं स्वास्थ की रक्षा करने वाला)* होता है इसलिए यह भी कहा जाता है कि वह इस लोक में धर्म, अर्थ, काम एवं मर जाने के बाद स्वर्ग या मोक्ष को देने वाला होता है।
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चिकित्सक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
𝙃𝙖𝙥𝙥𝙮 𝘿𝙤𝙘𝙩𝙚𝙧'𝙨 𝘿𝙖𝙮
*1st July 2020*
😊
💪
Regards by
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𝓓𝓻. 𝓢𝓾𝓵𝓽𝓪𝓷 𝓟𝓪𝓽𝓱𝓪𝓷
😍😍
ये बुल्ढाना महाराष्ट्र की सुमन चंद्रा जी हैं ।
रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए ये तमाम मुसलमानों से कुछ कह रही है, इनकी कर्तव्यपरायणता, निष्ठा और सच्चे प्रशासनिक अधिकारी होने की क्षमता को दिल से सलाम करता हूं ।
आप सबसे गुज़ारिश है कि इन्हें सुनें और कुछ सीख लें ।
💐💐*सर्दी के मौसम में नाक बंद होने की समस्या के उपचार*
1.पानी गर्म करके किसी बर्तन में निकलना है और उसमें खुशबूदार तेल की कुछ बूंदे डालनी है,अब इस बर्तन की ओर चेहरा करके भाप लें। यह नाक खोलने के साथ ही सर्दी में आराम देगा।
2.नाक बंद करके सिर को पीछे की तरह झुकाना है और कुछ समय के लिए सांस को रोककर रखना है। इसके बाद नाक खोलकर सांस लेने में आसानी होगी। इस तरीके को आप दोहरा सकते हैं।
3.सिर पीछे की ओर झुका के किसी ड्रॉपर की मदद से हल्के गर्म या गुनगुने पानी की कुछ बूंदे नाक के छिद्रों में डालें। कुछ ही देर में वापस सिर आगे कर लें और इस पानी को निकाल दे |
4.नारियल तेल अंगुली से नाक के अंदर तक लगाएं। या फिर नरियल तेल की कुछ बूंदे नाक में डालें और फिर गहरी सांस लें। कुछ ही देर में आपकी नाक खुल जाएगी। ध्यान रहे की नारियल तेल पिघला हुआ हो।
5. कपूर को नारियल तेल के साथ मिलाकर सूंघ सकते हैं, या फिर सादा कपूर सूंघना से बंद नाक आसानी से खुल जायेगा ।💐💐
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Regards by
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Dr. Mohammad Raza Khan (sultan)
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#गुड
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सर्दी के मौसम में, खाने में शामिल करें #गुड़
गुड़ ( ) आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह स्वाद में ही आपको संतुष्ट नहीं करता यह सेहत के लिए भी किसी खजाने से कम नहीं है.
गुड़ एक मीठा ठोस खाद्य पदार्थ है जो ईख, ताड़ आदि के रस को उबालकर कर सुखाने के बाद प्राप्त होता है। इसका रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़े भूरे तक हो सकता है। भूरा रंग कभी-कभी काले रंग का भी आभास देता है। यह खाने में मीठा होता है। प्राकृतिक पदार्थों में सबसे अधिक मीठा कहा जा सकता है। अन्य वस्तुओं की मिठास की तुलना गुड़ से की जाती हैं। साधारणत: यह सूखा, ठोस पदार्थ होता है, पर वर्षा ऋतु जब हवा में नमी अधिक रहती है तब पानी को अवशोषित कर अर्धतरल सा हो जाता है। यह पानी में अत्यधिक विलेय होता है
#गुड_के_औषधीय_गुण
कुछ लोगों द्वारा गुड़ को विशेष रूप से परिशुद्ध चीनी से अधिक पौष्टिक माना जाता है, परिशुद्ध चीनी के विपरीत, इसमें अधिक खनिज लवण होते है। इसके अतिरिक्त, इसकी निर्माण प्रक्रिया में रासायनिक वस्तुएं इस्तेमाल नहीं की जाती है। भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों के संक्रमण के उपचार में लाभदायक होता है; साहू और सक्सेना ने पाया कि चूहों में गुड़ के प्रयोग से कोयले और सिलिका धूल से होने वाली फेफड़ों की क्षति को रोका जा सकता है। गांधी जी के अनुसार चूँकि गुड़ तेजी से रक्त में नही मिलता है इसलिए यह चीनी की तुलना में, अधिक स्वास्थ्यवर्धक है। वैसे, वह अपने स्वयं के व्यक्तिगत आहार में भी इसका प्रयोग करते थे साथ ही वह दूसरो को भी इसके प्रयोग की सलाह देते थे।
गुड़ आसानी से मार्केट में मिल जाता है इसको खाने के कई फायदे हैं और सर्दियों में गुड़ पॉवर बूस्टर का काम करता है। गुड़ में शरीर को गर्माहट देने की शक्ति मौजूद होती है जिसकी वजह से इसे सर्दियों में खाने की राय दी जाती है। ये ह्यूमन बॉडी के तापमान को न सिर्फ रेगुलेट करता है बल्कि उसे डिटॉक्सिफाई भी करता है। गुड़ में पानी(30-40%),सुक्रोज़ (40-60%), चीनी (15-25%),कैल्शियम (0.30%),आयरन (8.5-10mg) फॉस्फोरस (05-10mg), प्रोटीन (0.10-100mg) और विटामिन बी (04-100mg) के अलावा कार्बोहाइड्रेट(98%) होती है। 10 ग्राम गुड़ में 38 कैलोरी होती है। गुड़ बहुत सारे सोर्सेज़ से मिलकर बना होता है जैसे खजूर के गूदे, नारियल के जूस आदि लेकिन इसे बनाने में सबसे ज्यादा उपयोग गन्ने के रस का होता है और ज्यादातर लोग इसी को यूज करते हैं, गन्ने के रस को उबाल कर उसको ठोस बना दिया जाता है। गुड़ में विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। गुड़ की एक खासियत ये भी है कि इसे डायबिटीज़ के मरीज़ भी खा सकते हैं।
#गुड़_खाने_के_फायदे
1. गुड़ बढ़ाएं #एनर्जी बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने वाले लोगो को भी गुड़ बहुत फायदा करता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर भी नहीं बढ़ती और आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खायें थकान कुछ ही देर में दूर हो जाएगी।
2. #हड्डियों को करे मजबूत अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो गुड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। गुड़ में मौजूद कैल्शियम के साथ फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायता करता है। इसके अलावा रेगुलर गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक को लेने से सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती। बुजुर्गों को गुड़ की रोटी खाने से भी काफी फायदा होगा इसलिए हर खाने में चीनी की जगह गुड़ के सेवन करना बेहतर होगा।
3. #आयरन की कमी दूर करें ऐसे बहुत सी चीज़े हैं जिनके सेवन से आयरन की कमी दूर होती है लेकिन गुड़ ऐसा है जिसमें आयरन बहुत ज्यादा पाया जाता है। यानी गुड़ आयरन का एक प्रमुख स्रोत है। यह एनीमिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसलिए एनीमिया के शिकार लोगों को चीनी की जगह पर गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत जरूरी होता है।
4. #पाचन क्रिया को रखें दुरुस्त स्वादिष्ट होने के साथ गुड़ में खून को शुद्ध करने के गुण होते हैं। इससे शरीर के सभी टॉक्सिक सब्सटेन्स आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इसलिए गुड़ को खाने से मेटाबॉल्जिम ठीक रहता है। रेगुलर एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ को खाने से पेट ठीक रहता है। इसके अलावा पेट की गैस की परेशानी वाले लोगों को भी समस्या से बचने के लिए खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाना चाहिए इससे गैस दूर होगी ।
5. #खांसी #जुकाम करे ठीक गुड़ की तासीर गर्म होने की वजह से इसके सेवन से जुकाम और खांसी में काफी आराम मिलता है। जुकाम के दौरान कच्चा गुड़ खाने से बचें इसे चाय में या लड्डू बनाकर इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा गले में खराश के कारण आवाज बैठ जाने की समस्या होने पर दो काली मिर्च, 50 ग्राम गुड़ के साथ खाने से यह समस्या दूर हो जाती है और गले को भी आराम मिलता है।
6. #महिलाओं के लिए फायदेमंद जिन महिलाओं या लड़कियों को पीरियड्स के दौरान पेट दर्द होता है, उनके लिए गुड़ काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें कई विटामिन और मिनरल्स होते है। गुड़ आपके पाचन को सही रखता है इसलिए पीरियड्स के दौरान गुड़ खाने से दर्द कम होता है और ये शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।
7. #त्वचा के लिए गुणकारी गुड़ स्किन के लिए भी बहुत अच्छा होता है। यह आपकी स्किन को हैल्दी और अट्रेक्टिव बनाने में मदद करता है। गुड़ खून से खराब टॉक्सिन को दूर करने में मदद करता है जिससे ब्लड साफ हो जाता है। जिससे आपकी त्वचा चमक आ जाती है साथ ही मुहांसे और झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है।
8.अस्थमा में फायदेमंद अस्थमा के मरीज़ों को भी गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। गुड़ शरीर के तापमान को कंट्रोल करता है और इसमें एंटी एलर्जिक गुणों के कारण इसका सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए काफी लाभकारी होता है !
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Regards by
Dr. Sultan Pathan
(Ckbn hospital )
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Always give way to
Someday it could be you
-Do share with all 🙏🙏🙏
Easy way to remember
.... #चोरी.....
"नमस्कार सर! मुझे पहचाना?"
"कौन?"
"सर, मैं आपका स्टूडेंट। 40 साल पहले का आपका विद्यार्थी।"
"ओह! अच्छा। आजकल ठीक से दिखता नही बेटा और याददाश्त भी कमज़ोर हो गयी है। इसलिए नही पहचान पाया। खैर। आओ, बैठो। क्या करते हो आजकल?" उन्होंने उसे प्यार से बैठाया और पीठ पर हाथ फेरते हुए पूछा।
"सर, मैं भी आपकी ही तरह #शिक्षक बन गया हूँ।"
"वाह! यह तो अच्छी बात है लेकिन शिक्षक की पगार तो बहुत कम होती है फिर तुम कैसे...?"
"सर। जब मैं कक्षा सातवीं में था तब हमारी कक्षा में एक घटना घटी थी। उसमें से आपने मुझे बचाया था। मैंने तभी शिक्षक बनने का निर्णय ले लिया था। वो घटना मैं आपको याद दिलाता हूँ। आपको मैं भी याद आ जाऊँगा।"
"अच्छा! क्या हुआ था तब?"
"सर, सातवीं में हमारी कक्षा में एक बहुत अमीर लड़का पढ़ता था। जबकि हम बाकी सब बहुत गरीब थे। एक दिन वह बहुत महंगी घड़ी पहनकर आया था और उसकी घड़ी चोरी हो गयी थी। कुछ याद आया सर?"
"सातवीं कक्षा?"
"हाँ सर। उस दिन मेरा मन उस घड़ी पर आ गया था और खेल के पिरेड में जब उसने वह घड़ी अपने पेंसिल बॉक्स में रखी तो मैंने मौका देखकर वह घड़ी चुरा ली थी।
उसके बाद आपका पिरेड था। उस लड़के ने आपके पास घड़ी चोरी होने की शिकायत की। आपने कहा कि जिसने भी वह घड़ी चुराई है उसे वापस कर दो। मैं उसे सजा नही दूँगा। लेकिन डर के मारे मेरी हिम्मत ही न हुई घड़ी वापस करने की।"
"फिर आपने कमरे का दरवाजा बंद किया और हम सबको एक लाइन से आँखें बंद कर खड़े होने को कहा और यह भी कहा कि आप सबकी जेब देखेंगे लेकिन जब तक घड़ी मिल नही जाती तब तक कोई भी अपनी आँखें नही खोलेगा वरना उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।"
"हम सब आँखें बन्द कर खड़े हो गए। आप एक-एक कर सबकी जेब देख रहे थे। जब आप मेरे पास आये तो मेरी धड़कन तेज होने लगी। मेरी चोरी पकड़ी जानी थी। अब जिंदगी भर के लिए मेरे ऊपर चोर का ठप्पा लगने वाला था। मैं ग्लानि से भर उठा था। उसी समय जान देने का निश्चय कर लिया था लेकिन....लेकिन मेरे जेब में घड़ी मिलने के बाद भी आप लाइन के अंत तक सबकी जेब देखते रहे। और घड़ी उस लड़के को वापस देते हुए कहा, "अब ऐसी घड़ी पहनकर स्कूल नही आना और जिसने भी यह चोरी की थी वह दोबारा ऐसा काम न करे। इतना कहकर आप फिर हमेशा की तरह पढाने लगे थे।"कहते कहते उसकी आँख भर आई।
वह रुंधे गले से बोला, "आपने मुझे सबके सामने शर्मिंदा होने से बचा लिया। आगे भी कभी किसी पर भी आपने मेरा चोर होना जाहिर न होने दिया। आपने कभी मेरे साथ भेदभाव नही किया। उसी दिन मैंने तय कर लिया था कि मैं आपके जैसा शिक्षक ही बनूँगा।"
"हाँ हाँ...मुझे याद आया।" उनकी आँखों मे चमक आ गयी। फिर चकित हो बोले, "लेकिन बेटा... मैं आजतक नही जानता था कि वह चोरी किसने की थी क्योंकि...जब मैं तुम सबकी जेब देख कर रहा था तब मैंने भी अपनी आँखें बंद कर ली थीं।"
लेखक: अनजान
फेसबुक वाल से चोरी कर प्रस्तुत किया गया, इसकी प्रेरणा मुझे आपके साथ शेयर करने से नहीं रोक पायी
बच्चों को दवाईयां देने के बाद सिसी को पानी से धो लेना चाहिए Plz
गुर्दे की पथरी को तोड़कर बाहर निकाल देती हैं ये 7 आयुर्वेदिक औषधियां
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गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तब पथरी बनती है। कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं तो कुछ मटर के दाने की तरह।...
* #पथरी गलत खानपान का नतीजा है, इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तब पथरी बनती है। कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं तो कुछ मटर के दाने की तरह। आमतौर पर पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान करती है।
1- #सौंफ
सौंफ भी गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण उपचार है। सौंफ, मिश्री, सूखा धनिया इनको 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर रात को डेढ़ लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिए, इसे 24 घंटे के बाद छानकर पेस्ट बना लीजिए। इसके एक चम्मच पेस्ट में आधा कप ठंडा पानी मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
2- #चौलाई
गुर्द की पथरी को गलाने के लिए चौलाई का प्रयोग कीजिए। इसके अलावा चौलाई की सब्जी भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है, यह पथरी को गलाने के लिये रामबाण की तरह है। चौलाई को उबालकर धीरे-धीरे चबाकर खाएं। इसे दिन में 3 से 4 बार इसका प्रयोग कीजिए।
3- #बेल_पत्र
बेल पत्र को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह खायें। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन, ऐसे सात दिनों तक लगातार इसका सेवन कीजिए। बाद में इसकी संख्या कम कीजिए, दो सप्ताह तक प्रयोग करने के बाद पथरी बाहर निकल जायेगी।
4- #आंवला
किडनी स्टोन होने पर आंवले का सेवन करना चाहिए। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। इसमें अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। इसलिए गुर्दे की पथरी होने पर आंवले का सेवन कीजिए।
5- #तुलसी_की_पत्ती
गुर्दे की पथरी होने पर तुलसी के पत्तों का सेवन कीजिए। तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है जो पथरी से निजात दिलाने में मदद करता है। यदि विटामिन बी-6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिंस के साथ सेवन किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में बहुत सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं की मानें तो विटामिन बी की 100-150 मिग्रा की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है।
6- #बथुआ
बथुआ भी किड़नी स्टोन से निजात दिलाता है। आधा किलो बथुआ लेकर इसे 800 एमएल पानी में उबालें। अब इसे कपड़े या चाय की छलनी में छान लीजिए। बथुआ की सब्जी भी इसमें अच्छी तरह मसलकर मिला लीजिए। आधा चम्मच काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में 3 से 4 बार पीयें। इससे गुर्दे की पथरी निकल जाती है।
7- #इलायची
इलायची भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है। एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी, और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबाल लीजिए, इसे ठंडा होने के बाद छानकर सुबह-शाम पीने से पथरी पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाती है।
चमकी बुखार से पीड़ित मुजफ्फर पुर सैकड़ो से ज्यादा बच्चो की मौत 😓
प्लीज आप अपने डाक्टर से सही तरीके से व्यवहार करे |
एक अच्छा डॉक्टर दवा कम, ख्याल ज्यादा रखने की सलाह देता है।”
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Psoriasis is a chronic autoimmune condition that causes the rapid buildup of skin cells. This buildup of cells causes scaling on the skin's surface. Inflammation and redness around the scales is fairly common. Typical psoriatic scales are whitish-silver and develop in thick, red patches.
According to ayurveda -- when tirdosh ( vatt pitt kaph) mainly vatt and kaph Are unequal in body then they appear in skin
And made the toxic product that are going deeply in tissues, plasma, blood, and in lymph
And that toxic products mainly cause of Psoriasis disease
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Psoriasis symptoms differ from person to person and depend on the type of psoriasis. Areas of psoriasis can be as small as a few flakes on the scalp or elbow, or cover the majority of the body.
The most common symptoms of plaque psoriasis include:
=red, raised, inflamed patches of skin
=whitish-silver scales or plaques on the red patches
=dry skin that may crack and bleed
=soreness around patches
=itching and burning sensations around patches
=thick, pitted nails
=painful, joints
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Ayurved have best treatment of psoriasis disease
With help of ayurvedic medicines and some therapy as like leech therapy
Mainly in ayurvade the main motive for Psoriasis diseases mainly clean the raktt (blood) and utak ( tissue) in Psoriasis
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Dr. Sultan pathan (ckbn)
[Medicose of MAMC]
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"एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं बुक स्टोर पर जाती है और एक पेंसिल और एक दस रुपए वाली कापी खरीदती है और फिर वही खड़ी होकर कहती है अंकल एक काम कहूँ करोगे ?
जी बेटा बोलो क्या काम है ?
अंकल वह कलर पेंसिल का पैकेट कितने का है, मुझे चाहिए, ड्रॉइंग टीचर बहुत मारती है मगर मेरे पास इतने पैसे नही है, ना ही मेरे पापा के पास है, में आहिस्ता-आहिस्ता करके पैसे दे दूंगी।
शॉप कीपर की आंखे नम हो जाती बोलता है बेटा कोई बात नही ये कलर पेंसिल का पैकेट ले जाओ लेकिन आइंदा किसी भी दुकानदार से इस तरह कोई चीज़ मत मांगना, लोग बहुत बुरे है, किसी पर भरोसा मत कीया करो।
जी अंकल बहुत बहुत शुक्रिया में आप के पैसे जल्द दे दूंगी और बच्ची चली जाती है। इधर शॉप कीपर ये सोच रहा होता है कि भगवान ना करे अगर ऐसी बच्चियां किसी वहशी दुकानदार के हत्ते चढ़ गई तो ...?
शिक्षको से गुजारिश है अगर कोई बच्चा कापी पेंसिल कलर पेंसिल वगैराह नही ला पाता तो जानने की कोशिश कीजिये के कही उसकी गरीबी उसके आड़े तो नही आ रही। और हो सके तो ऐसे मासूम बच्चों की पढ़ाई के खातिर आप शिक्षक लोग मिल कर उठा लिया करें। यक़ीन जानिए हज़ारों लाखो की तनख्वाह में से चंद रुपए किसी की जिंदगी ना सिर्फ बचा सकती है बल्कि संवार भी सकती है।
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Regards by
-----------------. Dr. Sultan pathan (ckbn)
[ Medico MAMC ]
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व्रत और उपवास
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सामान्य तौर पर व्रत का मतलब एक समय का भोजन करना तथा उपवास का मतलब दोनों समय का भोजन नहीं करना होता है । व्रत और उपवास का शारीरिक रूप से लाभ तभी मिलता है जब सही तरीके से इन्हें किया जाये।
कुछ लोग सिर्फ अनाज का त्याग करते है लेकिन उसकी जगह मावा , मिठाई , आलू की चिप्स , साबूदाना के बड़े और न जाने क्या क्या रोजाना के भोजन से भी अधिक खा लेते है। इससे लाभ की बजाय नुकसान ही होता है।
व्रत उपवास करने से शरीर के अंदर होने वाली ऊर्जा प्राप्त करने की प्रक्रिया तथा शरीर से विषैले तत्व निकलने की प्रक्रिया तेज होती है। जिससे शरीर को एक नई ताकत और उमंग का अहसास होता है।
इनसे शरीर में कई प्रकार के ऐसे परिवर्तन होते है जो बहुत लाभदायक सिद्ध होते है। इनसे मानसिक रूप से भी शांति और शक्ति मिलती है। धार्मिक रूप से भी इन्हें किया जाना लाभदायक ही होता है।
व्रत उपवास शरीर और आत्मा की शुद्धि करने के लिए होते है। उपवास का आध्यात्मिक अर्थ बहुत सुन्दर और स्पष्ट है। शरीर जिन पाँच तत्वों से बना है उनमें से आकाश यानी खाली स्थान का बहुत महत्व है। व्रत या उपवास से इसी आकाश तत्व की आपूर्ति शरीर को होती है।
उपवास शब्द दो शब्दों से बना है -” उप ” यानि नजदीक और ” वास ” यानि निवास करना अर्थात अपनी आत्मा के करीब स्थित होना उपवास है। स्व में स्थित होने से स्वास्थ्य प्राप्त होता है ।
व्रत उपवास ( Vrat Upvaas ) करने से तन और मन के विकार दूर होकर तन स्वस्थ और मन पवित्र हो जाता है। यह वैज्ञानिक प्रयोगों से भी साबित हो चुका है।
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व्रत उपवास के फायदे – Vrat Upvaas Ke Fayde
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व्रत उपवास करने से शरीर में जैव रासायनिक क्रियाएँ शुरू हो जाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत बनती है। विषैले पदार्थ शरीर से तेजी से बाहर निकलने लगते है। हानिकारक फ्री रेडिकल्स का निर्माण रुक जाता है। शरीर की हीलिंग क्रिया सुधर जाती है।
आयरन ( Iron ) , कैल्शियम ( Calcium ) , जिंक ( zinc ) आदि तत्वों का अवशोषण ( absorption ) तेज हो जाता है। उपवास ( upvas ) करने से हीमोग्लोबिन ( Hemoglobin ) सही रहता है और कैल्शियम की कमी नहीं होती। कैल्शियम सही रहने से जोड़ों का दर्द, हड्डियों की समस्या आदि से बचाव होता है।
व्रत उपवास में जब 12 घंटे या उससे अधिक कुछ नहीं खाते है तो किटोसिस ( Ketosis ) नामक प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसमे हमारे शरीर की कोशिकाएं ( Cells ) शरीर में मौजूद फैट यानि चर्बी को गलाकर इसके माध्यम से ऊर्जा लेना शुरू कर देती है । यह ऊर्जा भोजन से मिलने वाली ऊर्जा की अपेक्षा दिमाग और शरीर दोनों के लिए अधिक फायदेमंद होती है।
इससे शरीर से चर्बी कम होकर मोटापा कम होता है। शरीर अधिक स्वस्थ बनता है। दिमाग की कार्यविधि पर भी इसका अच्छा असर पड़ता है। यह असर शरीर पर लंबे समय तक बना रहता है। इसीलिए ज्यादातर व्रत उपवास करने वाले लोग अधिक स्वस्थ और अधिक दिमागी शक्ति वाले होते है।
व्रत उपवास करने से आयु भी बढ़ सकती है। इनसे शरीर में होने वाली ऑटोफैजी ( Autophagy ) नामक प्रक्रिया में मदद मिलती है। ऑटोफैजी कोशिकाओं में साफ सफाई के लिए होने वाली प्रक्रिया होती है।
इस प्रकिया के द्वारा शरीर की कोशिकाओं में पैदा होने वाले अपशिष्ट पदार्थ , नुकसान करने वाले तत्व तथा विषैले तत्व शरीर द्वारा नष्ट किये जाते है। यह साफ सफाई नहीं होने से शरीर की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
व्रत उपवास करने से शरीर को साफ सफाई का पर्याप्त समय मिलता है। ऑटोफैजी की प्रक्रिया तेज होती है जिसके फलस्वरूप शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
व्रत उपवास करने से शरीर में कुछ अच्छे बेक्टिरिया की वृद्धि होती है जो सिर्फ व्रत उपवास करने से ही उत्पन्न होते है। इसी तरह कुछ विशेष प्रकार के हानिकारक बेक्टिरिया के नष्ट होने की प्रक्रिया भी सिर्फ व्रत उपवास के समय ही होती है।
उपवास
व्रत उपवास करने से शरीर प्रकृति के अनुसार ढलने लगता है। स्वाभाविक रूप से भूख प्यास आदि लगने लगते है। इसके बाद किये गए सात्विक आहार या भोजन से पूर्ण तृप्ति का अहसास होने लगता है। भोजन से असीम आनंद की प्राप्ति होने लगती है।
अन्यथा न भूख होने पर भी जबरदस्ती खाना खाने पर ना तो तृप्ति मिलती है ना ही आनंद आता है। चाहे कितना भी स्वादिष्ट या चटखारेदार खाना खा लें। पाचन क्रिया भी खराब हो जाती है। जिसका परिणाम कब्ज व एसीडिटी आदि होते है। अतः व्रत उपवास अवश्य करने चाहिए।
[चरक संहिता ( लंघन) आधुनिकमतअनुसार (fasting ) ]
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Regards by
Dr. Sultan pathan ( ckbn )
[ medico of MAMC]
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"जिसका शरीर आलसी होता है उसका दिमाग ज्यादा चलता है..."
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आप शायद यह पढ़ कर हँस रहे होंगे लेकिन इतिहास इस बात का समर्थन करता है और वर्तमान भी। अच्छा आप आपके ऑफिस में किसे बुद्धिमान मानते हैं कुर्सी पर बैठकर हमेशा आदेश चलाने वाले आपके बॉस को या फिर हमेशा ऑफिस की सेवा में लगे रहने वाले प्यून को? अच्छा सेना को नियंत्रित करने वाला सेनापति ज्यादा बुद्धिमान होता या कि आदेश मान कर उसपर अमल करने वाला सैनिक? इतिहास में क्या चंद्रगुप्त महान चाणक्य की बुद्धि के आगे कहीं टिकता था या कि सिकंदर विश्व के महागुरु अरस्तू के आगे...अच्छा यदि इन गुरुओं की बुद्धि तेज़ थी तो फिर ये क्यों विश्व विजेता नहीं बने? क्यों यह युद्ध के मैदान में नहीं गए? क्यों इन्होंने तलवारबाजी और घुड़सवारी नहीं सीखी...क्यों? क्योंकि मस्तिष्क तेज होने पर शरीर सुस्त हो जाता है। बौद्धमत में भी यह माना जाता है कि विश्रांति ऐन्द्रिक जगत से परे की अनुभूति कराती है। एक पुस्तक में ये उल्लेख भी है कि- "भोर का आखरी तारा डूब रहा था और गौतम बुद्ध के भीतर ज्ञान का सूरज उदय हो गया था।"-- निश्चित ही बुद्ध उस वक्त गहन विश्राम की अवस्था मे रहे होंगे।
इतिहास गवाह है कि राजनीतिज्ञ, लेखक, विचारक, समाजसुधारक, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री शारीरिक रूप से दुर्बल और शारीरिक श्रम करने में पीछे रहे हैं। जबकि उनके मस्तिष्कों ने करोड़ों लोगों के जीवन को आसान बनाया है। संस्कृतियों और सभ्यताओं के विकास में भी हमें यह बात विशेष रूप से देखने को मिलेगी कि शारीरिक रूप से मज़बूत लोगों पर शारीरिक रूप से दुर्बल किंतु तेज़ मस्तिष्क वालों ने ही शासन किया है।
कुछ लोग सोच रहे होंगे कि तेज़ दिमाग वाला व्यक्ति फिर तो दिन भर सोता रहता होगा। यहीं आप गलती कर रहे हैं दिनभर सोना और कुछ काम नहीं करना यह मूर्खतापूर्ण निठल्लापन है। तेज़ दिमाग श्रम के काम से दिल चुराएगा, क्योंकि दिमाग ज्यादा चलाने पर शरीर को मिलने वाली ऊर्जा, ऑक्सिजन, पोषक तत्व आदि कम हो जाएंगे। इसीलिए वह दूसरे शारीरिक काम करने में अलसाएगा। क्योंकि शरीर की सबसे पहली प्राथमिकता मस्तिष्क को उसकी ज़रूरी चीजों की पूर्ति करना है बाकि के सभी अंग सेकंडरी हैं...तो आपका शरीर कैसा है क्या वह दिमाग से ज्यादा ऊर्जा और पोषकतत्वों का प्रयोग करने वाला है या फिर कम???
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~ड्रा सुल्तान पठान (ckbn)
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किसानों, युवाओं व शोषित समाज के अधिकारों के लिए संघर्षरत एक साधारण युवा।