Dushyant Jatav
ek shayar
में एक लेखक मन में कई काल्पनिक कहानी बनती जो में आपको बताना चाहता हूं में शायरी और कविताएं भी लिखता हूं
आगर आपको मेरी लिखी कोई भी बात पसंद आती है तो मुझे फोलो करें और मेरा हौसला बड़ाऐं
*तेरी यादों के सहारे कब तक जी पाउँगा*
*लोट आ बापस बिना तेरे मर ही जाऊंगा*
*जिन्दा रहने के लिए तेरी जरूरत है*
*साथ तू है तो जिंदगी भी खूबसूरत है*
*दर्दे जुदाई अब और सह नहीं पाऊँगा*
*लोट आ बापस बिना तेरे मर ही जाऊंगा*
*इश्क न करना ये सुनता था ज़माने से*
*होगई है ये गलती तेरे इस दीवाने से*
*आँखे है नम दिल मै दर्द छुपाए बेठा हूँ*
*आज भी है तू मेरी खुदसे ही ये कहता हूँ*
*तोडना चाहती है तू बादे मै निभाउंगा*
*लोट आ बापस* *लोट आ बापस बिना तेरे मै मर ही जाऊंगा*
*बिन तेरे जाना ये जिंदगी भी अधूरी है*
*दिल की धड़कन मेरी सांसो को तू जरुरी है*
*क्यों है जुदा मुझसे बस एक बजय बतादे*
*बतादे मुजको क्या तेरी मज़बूरी है*
*हूँ मै मजबूर बिन तेरे अब न रह पाउँगा*
*लौट आ बापस लॉट आ बापस बिना तेरे मै मर ही जाऊंगा*
*सोचा नहीं था की साथ मेरा छोड़ेगी*
*दिल मै रहकरके मेरे दिल को तोड़ेगी*
*करके बादे मुजको भूल तू जाएगी*
*इस कदर जान बदल तू जाएगी*
*दर्द ए जुदाई अब और न सह पाउँगा*
*लॉट आ बापस लॉट आ बापस बिना तेरे मै मर ही जाऊंगा*
*नींद नहीं आती रातों मै जागता हूँ*
*आज फिर तुजसे तुझीको मै माँगता हूँ*
*दर्द अपना अब ऑर न कह पाउँगा*
*लॉट आ बापस लॉट बापस बिन तेरे मै मर ही जाऊंगा*
*Song by देवराज किंग शायर*
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*क्यों दी है मुझे सजा बतादे ए खुदा*
*इस दर्द की क्या है दवा बतादे कोई जरा*
*रूठी है किस्मत मुझसे क्यों ये ख्वाब टूटे हैँ*
*बेगानों की कोई बात नहीं अपने ही रूठे हैं*
*क्या कमी थी मेरे प्यार मै क्यों है मुझसे जुदा*
*क्यों दी है मुझे सजा बतादे ए खुदा-2*
*उसकी यादों मै खोया हूँ न जाने कब मै सोया*
*आंसू नहीं आँखों मै इस हद तक रोया हूँ*
*भूलजाऊँ उसको तू मुझको देदे दुआ*
*क्यों दी है मुझे सजा बतादे ए खुदा*
*करना था जुदा क्यों उससे मिलबाया था*
*खुदा तूने ख्वाब उसका क्यों दिखाया था*
*आज फिरसे मुझे तन्हा बो कर गई है*
*बिछड़ना था तो क्यों जिंदगी मै लाया था*
*क्या है तेरी रजा समझादे मुझे जरा*
*क्यों दी है मुझे सजा बतादे ए खुदा-2*
*तन्हा हूँ मै आज तन्हा मेरी जिंदगी है*
*क्यों खुदा तूने छिनलि मेरी हर ख़ुशी है*
*सुनता है सबकी मुझसे क्या बेरुखी है*
*मुझे क्यों करदिया तन्हा तेरी क्या बेबसी है*
*मुझपर थोडा तरस अब तो दिखादे जरा*
*क्योँ दी है मुझे सजा बतादे मेरे खुदा* 2
*बिना उसके मेरी जिंदगी अधूरी है*
*बो तो मजबूर है खुदा तेरी क्या मजबूरी है*
*कब तक आऊं तेरे दर पर कैसे मांगू उसे*
*बतादे मुजको खुदा तेरी क्या मंजूरी है*
*फैसला मुजको अपना सुनादे तू जरा*
*क्यों दी है मुझे सजा बतादे ए खुदा 2*
*~+919179852054~*
*Poetry by Dushyant from Gwalior m.p.*
*अब न बचपन है न बो खिलौना है ,बनना है बच्चा मुझे माँ के सामने रोना है*
*गुरुर है मुझको इसलिए खुदपर पहलवान का बेटा हूँ*
*चाहते मुझे घर मै सब क्योंकि सबसे छोटा हूँ*
*दो बहन हैं चार भाई है फिर भी मै इकलौता हूँ*
*मेरी माँ को कौन बताए की मै हीं सिक्का खोटा हूँ*
*दौलत सोहरत कुछ नहीं मांगती उनका बेटा उनका सोना है*
*बनना है फिरसे बच्चा मुझे माँ के सामने रोना है*
*कमी नहीं थी कुछ भी मुझको हर चीज जगह पर मिलती थी*
*रोता था जब माँ के सामने किस्मत तुरंत बदलती थी*
*आज भी सर पे हाथ घुमादे रब साथ मै लगता है*
*पर मेरी माँ की बराबरी रब कैसे कर सकता है*
*मिल जाए मुझे बो बचपन फिरसे नहीं खोना है*
*बनना है बच्चा मुझे माँ के सामने रोना है*
*फिर जितना है खेल बो सारे फिरसे मुझे हारना है*
*गिर कर भी न रोने देतीं उन चींटियो को मारना है*
*फिरसे चोरी करके मिठाइयां मुझको खानी है*
*साथ बैठकर बहन भाई के सुननी वहीं कहानी है*
*लोटादो बो वक्त मेरा मुझे माँ की गोद मै सोना है*
*बनना है बच्चा मुझे माँ के सामने रोना है*
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*दुनिया मै किसी की जरूरर नहीं*
*बड़ कर माँ से कोई मोहब्बत नहीं*
*भूल गए मुझे उन्हें भूल ही जाऊंगा*
*रूठा रहे रब मै तो माँ को 👍 मनाऊंगा*
*हरा सके हालात मुझे इनकी इतनी कहा ओकात है*
*खुश किस्मत हूँ मेरी आज भी मेरे साथ*
*खोने से पहले माँ को जिंदगी अपनी खोना है*
*मुझे बनना है फिरसे मुझे माँ के सामने रोना है*
हर कोई घूम रहा हे यहां ख़ुशी की तलास मै
पर खुसी किसकी तलास मै है ये कोन जानता है
यहाँ हर कोई बाक़िफ़ है अपनी गुनाहों से
पर हर कोई दूसरे को ही दोसी मानता है
मानले अपना गुना बो सजा का हक़दार नहीं होगा
सच बोल कर रिश्ता जोड़ने बाला गद्दार नहीं होगा
लिखते रहता हूँ दिल के जज्बात अक्सर यूंही
क्योंकि मेरा कलम मेरे अल्फाजों को पहचानता है
नहीं दिलाता यकीन किसी को अपने सच्चे दिल का
मै अच्छा हूँ या बुरा ऊपर बाला जानता है
मुँह फेर लिया था सबने मुझसे🕉️ उसने नजरें भी न फेरी
मुझे परबाह् नहीं है मेरी जब तक 🕉️बो मुझे अपना मानता है
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यीशु को भी मानता हूँ अरदास करता हूँ ईश्वर को पूजता हूँ खुदा पे विश्वास करता हूँ
किसी धर्म को निचा दिखाना मेरा धर्म नहीं है
जो दीखाते हैँ दूसरों को निचा उनका कोई धर्म नहीं है
हर धर्म हर जाती का सामान करता हूँ
मै हिन्दू हूँ इस लिए खुदपर गुमान करता हूँ
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*king shayar Devraj*
शिकायत नहीं किसी से नाराज नहीं हूँ
पर जो कल था मै बो आज नहीं हूँ
मैने नहीं चाह कभी मुझे सर पर बिठाओ
बस मुझे जूता नहीं समझों जानता हूँ ताज नहीं हूं
जीना चाहता हूँ मै भी जिंदगी अपनी मरजी से
पर गिरफ्त मै हूं अब भी मै आजाद नहीं हूँ
सब कुछ खोदिया मैने शिवाय अपने जुनून के
इसलिए समझता हूँ मै बरवाद नहीं हूं
हर सक्स बदल मुझसे अपना पन दिखाकर
भूलना चाहता हूँ जिन्हें मै याद नहीं हूँ
निकला हूँ सफ़र मै तन्हा मंजिल की आस मै
अकेला हूँ क्योंकी मै खुद किसी के साथ नहीं हूँ
मिलेगा कोई तो भी भरोसा नहीं होगा किसी पे
इस शहर से अभी तक मै आगाज नहीं हूँ
तेरे बदलने बाद इतना बदल गया हूँ मै
की तेरा दुष्यन्त क्या किसी का देवराज नहीं हूँ
*+919179852054*
*king shayar*_______✍🏼
M i right
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