Videos by आचार्य हरिश in Haridwar. हमारे अन्दर की प्राकृतिक शक्तियाँ ही शरीर की सच्ची उपचारकता है
“Hard work beats talent when talent doesn't work hard.” ...
joint pain, tenderness and stiffness. inflammation in and around the joints. restricted movement of the joints. warm red skin over the affected joint.
ऑफिस के काम के दबाव, सामाजिक-पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण चिंतित-तनाव महसूस करना स्वाभाविक है, पर क्या आप अक्सर ही ऐसा अनुभव करते रहते हैं? हर छोटी-छोटी बात को लेकर तनाव में आ जाने, अक्सर एंग्जाइटी महसूस करते रहने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। तनाव-चिंता की इस समस्या को अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो इसके कारण डिप्रेशन का जोखिम भी बढ़ जाता है। डिप्रेशन, मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्याओं में से एक है। ऐसे में अगर आप भी अक्सर एंग्जाइटी महसूस करते रहते हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं।
सूर्य ग्रह से सम्बन्धित एस पौधे मदार या आक कहते हैं। इसे जानवर भी नहीं चरते है एवं यह बंजर भूमि में भी आसानी से उग आता है। इसके फल से गर्म तासीर की कोमल चिकनी रूई निकलती है। इसमें विषाक्त दूध भरा होता है। यह पेड़ शिव को अति प्रिय है। इसमें गणेश जी का भी वाश कहा जाता है। यह श्याम व श्वेत दो प्राकर का होता है। श्वते मदार का तान्त्रिक रूप में विशेष प्रयोग किया जाता है। इसे विधि पूर्वक पूजा करके घर में रखा जाए तो विशेष हितकारी होता है। शुभ मुहूर्त में लाकर ही इसकी पूजा प्रारम्भ करें। पूजा करते समय गणपति मन्त्र का उच्चारण अवश्य करें।
खुश रहने की कला (खुश कैसे रहे) सभी में होनी चाहिए चाहे वह अभी किसी भी दौर से क्यों ना गुजर रहा हो। आपको खुश रहने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि जीवन में हर कुछ जैसा सोचा, वैसा नहीं होता। जीवन हर समय कोई ना कोई मोर और परेशानियां लाते ही रहती है। हमें तो बस उसका डटकर सामना करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।
रेकी एक ऊर्जा उपचार तकनीक है जिसमें एक रेकी मास्टर (जिसने इस उपचार कला में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है) स्वस्थ ऊर्जा के प्रवाह को निर्देशित करने के इरादे से कोमल हाथ आंदोलनों का उपयोग करता है (जिसे रेकी में जीवन शक्ति ऊर्जा के रूप में जाना जाता है) ग्राहक के शरीर के माध्यम से तनाव कम करने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए ।
दूब या दुर्वा (वानस्पतिक नाम : Cynodon dactylon) एक घास है जो जमीन पर पसरती है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग किया जाता है। मारवाडी भाषा में इसे ध्रो कहा जाता हैँ। शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो दूब को नहीं जानता होगा। हाँ यह अलग बात है कि हर क्षेत्रों में तथा भाषाओँ में यह अलग अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे दूब, दुबडा, संस्कृत में दुर्वा, सहस्त्रवीर्य, अनंत, भार्गवी, शतपर्वा, शतवल्ली, मराठी में पाढरी दूर्वा, काली दूर्वा, गुजराती में धोलाध्रो, नीलाध्रो, अंग्रेजी में कोचग्रास, क्रिपिंग साइनोडन, बंगाली में नील दुर्वा, सादा दुर्वा आदि नामों से जाना जाता है। इसके आध्यात्मिक महत्वानुसार प्रत्येक पूजा में दूब को अनिवार्य रूप से प्रयोग में लाया जाता है। इसके औषधीय गुणों के अनुसार दूब त्रिदोष को हरने वाली एक ऐसी औषधि है जो वात कफ पित्त के समस्त विकारों क
नवग्रह वाटिका में ग्रहों के अनुसार पौधे लगाए गए हैं। इस वाटिका से शुक्र, केतु, सूर्य और बृहस्पति ग्रह के लिए कौन सा पौधा है ये जानकारी मिलती है। पौधों के धार्मिक महत्व को बताने वाली ये नवग्रह वाटिका मिश्रिख के चंद्रावल वन रेंज में बनी है। वाटिका में नौ ग्रह के अनुसार नौ पौधे लगे हैं।
मेहंदी को भारत समेत दुनिया की कई संस्कृतियों में हाथों व पैरों पर लगाया जाने वाला एक श्रृंगार माना जाता है। मेहंदी का अंग्रेजी नाम हिना (Henna) है और इसे लॉसनिया इनर्मिस (Lawsonia inermis) नामक पौधे के पत्तों को सुखाकर व उनका पाउडर बनाकर इसे तैयार किया जाता है। मेहंदी सिर्फ सजावट में ही नहीं इसका इस्तेमाल अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपचार के रूप में भी किया जाता है। मेहंदी में अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं और हजारों सालों से पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। आजकल हिना पाउडर आसानी से मार्केट में मिल जाता है।मेहंदी को भारत समेत दुनिया की कई संस्कृतियों में हाथों व पैरों पर लगाया जाने वाला एक श्रृंगार माना जाता है। मेहंदी का अंग्रेजी नाम हिना (Henna) है और इसे लॉसनिया इनर्मिस (Lawsonia inermis) नामक पौधे के पत्तों को सुखाकर व उन