Dr.Naveen Sharma
पूर्व रोहतक विभाग संयोजक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हरियाणा होम्योपैथी चिकित्सक
सूरन
दीपावली के दिन सूरन की सब्जी बनती है,,,सूरन को जिमीकन्द (कहीं कहीं ओल) भी बोलते हैं,, आजकल तो मार्केट में हाईब्रीड सूरन आ गया है,, कभी-२ देशी वाला सूरन भी मिल जाता है,,,
बचपन में ये सब्जी फूटी आँख भी नही सुहाती थी,, लेकिन चूँकि बनती ही यही थी तो झख मारकर खाना पड़ता ही था,,तब मै सोचता था कि पापा लोग कितने कंजूस हैं जो आज त्यौहार के दिन भी ये खुजली वाली सब्जी खिला रहे हैं,,, दादी बोलती थी आज के दिन जो सूरन न खायेगा
अगले जन्म में छछुंदर जन्म लेगा,,
यही सोच कर अनवरत खाये जा रहे है कि छछुंदर न बन जाये बड़े हुए तब सूरन की उपयोगिता समझ में आई,,
सब्जियो में सूरन ही एक ऐसी सब्जी है जिसमें फास्फोरस अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है,, ऐसी मान्यता है और अब तो मेडिकल साइंस ने भी मान लिया है कि इस एक दिन यदि हम देशी सूरन की सब्जी खा ले तो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पूरे साल फास्फोरस की कमी नही होगी,,
मुझे नही पता कि ये परंपरा कब से चल रही है लेकिन सोचीए तो सही कि हमारे लोक मान्यताओं में भी वैज्ञानिकता छुपी हुई होती थी ,,,
धन्य पूर्वज हमारे जिन्होंने विज्ञान को परम्पराओं, रीतियों, रिवाजों, संस्कारों में पिरो दिया
आभार रजनी कांत सर
नहीं कोई शंका अब चांद पर डंका
किसी ने साजिश तो जरूर की होगी वरना हिंदुस्तान सिर्फ ताजमहल से शुरू होकर लाल किले तक खत्म नही होता !
श............ कोई कुछ नहीं बोलेगा 😕
बात कांग्रेस साशित राज्य की है,
आज से दसियों हज़ार वर्ष पूर्व केले का फल फ़ोटो जैसा होता था. छोटा, बहुत कम पल्प और ढेर सारे बीज. भोजन की खोज में किसी मनुष्य की निगाह इस पर पड़ी. समझ आया टेस्ट तो मीठा है पर इतने सारे बीज और इतना छोटा साइज.
धीमे धीमे मनुष्य ने केले को मनुष्यों के अनुरूप बनाना आरंभ किया. कोई एक ऐसी प्रजाति जिसमे बीज कम होते थे, उन्हें उगाना आरंभ किया. सर्वाइवल ऑफ़ फ़िटेस्ट सिद्धांत में शेष अन्य प्रजातियाँ नष्ट हुईं क्योंकि यह मनुष्य के किसी कार्य की न थीं. फिर जब परफ़ेक्ट शेप और टेस्ट मिल गया तो तने से खेती आरंभ हो गई. वहीं दूसरी ओर केले ने भी देखा कि उसकी आने वाली पीढ़ियाँ बग़ैर प्रजनन के हो जा रही हैं तो समय के साथ केले के पेड़ पर प्रजनन समाप्त हुआ, बीज एकदम समाप्त हो गये. नेचुरल सिलेक्शन. आज जो केला बाज़ार में मिलता है, वह सीडलेस और तने से पैदा किया होता है.
कल यदि इस धरती से मनुष्य समाप्त हो जाये तो केला भी समाप्त हो जाएगा. प्रजनन वह भूल चुका है, और मनुष्य न होंगे तो तना कौन लगाएगा.
ऐसा केले के साथ ही नहीं अपने अग़ल बग़ल जितनी प्रकृति देख रहे हैं सब मनुष्य ने अपने अनुसार सेट की है, बनाई है. जो जीव, पेड़ मनुष्य के अनुसार चले वह सर्वाइव कर गये. एक समय था धरती पर ह्यूज जानवर पाये जाते थे. आदि मानव उनके आगे बल में टिक न पाते. यहाँ बुद्धि कार्य आई. बड़े जानवर मार खाना हो तो एक बार मेहनत की महीने भर ख़ाना मिल गया. साथ ही दूसरे बड़े जानवरों को मीट मिल न पाएगा. वह छोटे छोटे जानवर मारेंगे पेट न भर पाया, भूख से मर गये, एक्सटिंक्ट हो गये. बचे वही जिनसे निपटने में मनुष्य सक्षम है. अफ़्रीका महाद्वीप में सबसे ज्यादा जानवर बचे क्योंकि वहाँ होमो सपियंस और जानवर दोनों का साथ साथ एवोल्यूशन हुआ तो जानवरों को जेनेटिकली पता था मनुष्यों के अनुसार चलो. वहीं ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में जब होमो सपाइयेंस पहुँचे तो वहाँ बड़े कंगारूवों का राज था जिन्हें पता ही न चला क्या मुसीबत आने वाली है सौ साल में साफ़.
मनुष्य इस प्रकृति का सबसे निरीह और यूज़लेस प्राणी है. जाड़े में मनुष्य जाड़े से गर्मी में गर्मी से और बारिश में बारिश से मरता है. इंसान के बच्चे को बड़ा होने में सबसे ज्यादा समय लगता है. दो पैर से चलता है तो बैलेंस इतना बेटर नहीं. पर इंसान ने समय के साथ प्रकृति अपने रूप बनाई. अब इंसान अंतरिक्ष को अपने रूप बनाने निकला है.
यही मनुष्य का क्रमिक विकास है, यही प्रकृति का क्रमिक विकास है.
साइंस साइंस कहने वाले, हम 4 किताब पढ़कर अपने को विद्वान कहने वाले, जहां विज्ञान नहीं पहुंच पाया वहां ही ज्योतिष शास्त्र और भारतीय शास्त्र पहले पहुंच चूका है।
पण्डितो को गाली देने वाले भी देख ले।
#शिवतांडव
#नारायण
#गांव
#भारतसरकार
सत्य को सामने लाने के लिए आपको गहराई तक जाने की जरूरत है।
तलवारों पर सर वार दिए
अंगारों पर जिस्म जलाया है
तब जाकर कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
🇮🇳
केसरी रंग हमारे शौर्य, वीरता और शहादतों का प्रतीक है। वंदे भारत एक्सप्रेस को इस नए रंग में देखकर बहुत अच्छा लगा
“सेवा अवश्य करनी चाहिए, किंतु आशा किसी से नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि सेवा का उचित फल ईश्वर ही दे सकते हैं, मनुष्य नहीं”
#प्रेरणा
यदि हमारे पूर्वजों को हवाई जहाज बनाना नहीं आता, तो हमारे पास #विमान शब्द भी नहीं होता.!
यदि हमारे पूर्वजों को Electricity की जानकारी नहीं थी, तो हमारे पास #विद्युत शब्द भी नहीं होता।
यदि "Telephone" जैसी तकनीक प्राचीन भारत में नहीं थी तो #दूरसंचार शब्द हमारे पास क्यों है ?
Atom और electron की जानकारी नहीं थी तो #अणु और #परमाणू शब्द कहाँ से आये?
Surgery का ज्ञान नहीं था तो, #शल्य_चिकित्सा शब्द कहाँ ये आया?
विमान, विद्युत, दूरसंचार ये शब्द स्पष्ट प्रमाण है, कि ये तकनीक भी हमारे पास थी।
बिना परिभाषा के कोई शब्द अस्तित्व में रह नहीं सकता।
सौरमण्डल में नौ ग्रह है व सभी सूर्य की परिक्रमा लगा रहे है, व बह्ममाण्ड अनन्त है, ये हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता था। रामचरित्र मानस में काक भुशुंडि - गरुड संवाद पढ़िये, बह्ममाण्ड का ऐसा वर्णन है, जो आज के विज्ञान को भी नहीं पता।
अंग्रेज़ जब 17-18 सदी में भारत आये तभी उन्होंने विज्ञान सीखा, 17 सदी के पहले का आपको कोई साइंटिस्ट नहीं मिलेगा।
17 -18 सदी के पहले कोई आविष्कार यूरोप में नहीं हुआ, भारत आकर सीखकर, और चुराकर अंग्रेज़ों ने अविष्कार करे।
भारत से केवल पैसे की ही लूट नहीं हुयी, ज्ञान की भी लूट हुयी है।
वेद ही विज्ञान है और हमारे ऋषि ही वैज्ञानिक हैं
🙏 जय सनातन🚩 जय भारत🇮🇳
ै_विकसितभारत_की_तस्वीर
मुंबई नागपुर #एक्सप्रेसवे 700 किमी लंबाई 🇮🇳
*बहुत भयानक तूफ़ान आया लेकिन सिर्फ मोबाइल और टीवी में*
5 दिन से विज्ञान और धर्म की लड़ाई हो रही है
विज्ञान कह रहा था तूफ़ान 150km गति से द्वारकाधीश से टकराएगा
धर्म कह रहा था हमेशा की तरह हमने मंदिर शिखर पर दो ध्वजा लगा दी है जो गति के हमेशा की तरह दो टुकड़े कर देगा
मंदिर के पुजारियों को दूसरी जगह जाने को कहा तो उन्होंने हमेशा की तरह सूत की रस्सियों से सीमांकन कर दिया और कहा हम कही नहीं जाएंगे द्वारकाधीश का तो जन्म ही ऐसे तूफ़ान में हुवा
*आप ये मत मानो की धर्म जीता लेकिन आपको ये मानना पड़ेगा तूफान हमेशा की तरह हार गया। जय श्री कृष्ण 🇮🇳🚩🙏
साभार सनातन धर्म रक्षक
अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है. 15 जून तक इसके गुजरात के तट पर कदम रखने का अनुमान है. मुंबई से लेकर कच्छ तक समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और तटीय इलाकों में तूफानी हवाएं चल रही हैं. सोचिए ये तूफान अंतरिक्ष से देखने पर कैसा लगेगा. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से बिपरजॉय की तस्वीरें आई हैं. देखिए...
कडवी सच्चाई माफी चाहूंगा इस पोस्ट को पहले पूरा पढ़ लेना...जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित :
एक लड़की- को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..
दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया..?
लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...
पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या...?
लड़की :- नहीं किसी ने नहीं
पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की बेइज्जती की हैं..?
बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है...
पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है..?
लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर मंगवाया है..
पिता :- कवर लगाने से उसकी सुंदरता में कमी आई क्या..?
लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुंदर दिखता है..
पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुंदर तुम्हारा शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुंदरता और निखरेगी...
बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं था सिर्फ आँखों में आँसूओं के अलावा..
लड़कियों से नम्र निवेदन- भारतीय संस्कृति, संस्कार ओर अस्मिता को बनाए रखे...
इस पोस्ट पर गाली देने भी आएंगे कुछ लोग और कुछ मुझे अच्छा भी ठहराएंगे.....और कुछ गालियाँ भी देंगे
कुछ गलती हो गई तो माफ कर देना 🚩🙏
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को न छोड़ें क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है।
#प्रेरणा
देश की संपदा का सम्मान !!
सन्यासी का ये चित्र देखकर हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है।
भारत माता की जय !!
क्या यह मुस्लिम शब्दावली भी जिहाद का नया प्रकार है ?
कल एक हिंदू परिवार की शादी के प्रीतिभोज में जाना हुआ ,
स्वागत गेट में गुलाब के फूल , मैंगो शेक, ड्राइफूट के साथ स्वागत हुआ ।
हम सब तो थके मांदे भूख से व्याकुल लोग थे, जो पहुंच गए स्टार्टर की ओर पर उसी बीच एक दूसरे ओर तेज हो- हल्ला सुनाई देने लगी, मैं भी गुपचुप दोना रख उस ओर हो लिया।
चक सफेद धोती कुर्ता और कंधे में क्रीम कलर का साफा डाले, लगभग 65 साल का बुजुर्ग पर उनकी आवाज युवाओं से भी तेज ,लड़की वाले व केट्ररर्स को चमका रहा था और बार बार कह रहा था हम सब खाना नही खायेगे,या तो आप ये मेनू की जो सूची लिखे बोर्ड है उसे फेके या फिर हमें भूखा ही रहने दो ? हम सब ये खाना नही खायेगे ।
हम शादी में आए है ,निकाह में नहीं।
मेरी भी नजर अचानक खाने के स्टाल पर पड़ी , जहा लिखा था वेज बिरयानी, हरा भरा कबाब, वेज कोरमा कबाब ,वेज हांडी बिरयानी,।
बुजुर्ग तमतमाया हुआ था, बात बात में कहता था बिरयानी व कबाब किसे कहते है, मुझे समझाओ फिर ही हम सब भोजन करेगे और अपने इस बहस में मुझे भी शामिल कर लिया की बताइए शुक्ला जी क्या ऐसा लिखना उचित है।
मांस के उपयोग से बने भोजन को ही बिरयानी व कबाब कहते है ,क्या हमे इस जगह पर ऐसे हालात में भोजन करना चाहिए ।
यह किसी कैटरर की मामूली सी गलती नहीं है । ,समाज में चल रहे अंधाधुन्ध पश्चात्य संस्कृति के ढल रहे लोग,और दूसरी ओर हाथ जोड़े अनुनय करते खड़े लड़की के परिवार वाले? यह सब सोची समझी चाल है । हमारे मनो में बिरयानी शब्द का नशा चढ़ाकर धीरे से कब हमे मांसाहारी बिरयानी खिलाने लग गए पता ही नहीं लगेगा ।
बाते बढ़ते देख मेने व वहा पर खड़े दो तीन मित्रो ने मिलकर केटरर्स को चिल्लाकर स्टाल से सारे स्टीगर निकाल फेके जिसमे बिरयानी व कबाब जैसे शब्द लिखे थे, तब दादाजी का गुस्सा शांत हुआ और फिर उन्होंने भोजन ग्रहण करने की हामी भरी वो भी बैठकर, ।
दादा जी की बाते वहा पर उपस्थित सभी लोगो को एक सीख दे गई की मांसाहारी भोजन के लिए ही कबाब व बिरयानी जैसे शब्द प्रयोग किया जाता है ।और खाना नही हमे भोजन करना चाहिए । केटरर्स जो भी लिखे उसे हमे भी एक बार मेनू तय करते समय अपनी समाज एवम संस्कृति के हिसाब से देख भी लेना चाहिए ।।
🔴 अमेरिका के बाजारों में लोहे की जंजीरों में जकड़े , गले में पट्टा पहनकर जानवरों की तरह महज सौ साल पहले बिकने वाले निग्रो,
🔴 बगैर किसी आरक्षण के व्हाइट हाउस तक पहुंच गये और ओपरा विनफ्रे जैसी तमाम हस्तियां मीडिया में किंग बन गई ...
🔴 हॉलीवुड पर विल स्मिथ जैसे तमाम नीग्रो का कब्जा है अमेरिका के 30% जज नीग्रो है ... करीब 40% पुलिस और 32% आर्मी नीग्रो है ...
🔴 अमेरिका के 12 स्टेट के गवर्नर नीग्रो हैं और हमारे देश में सबसे पहले महाग्रंथ लिखने वाले वाल्मीकि महान संत रविदास, समाज सुधारक ज्योतिबा फुले, रानी झलकारी देवी और राजा सुहेलदेव संविधान लेखक और आठ विषय मे डाक्टरेक्ट डॉक्टर बाबा साहब के वंशज चन्द समाज के लोगो के बहकावे पर अभी तक इसी झूठ पर ही रोते हैं कि उनको लिखने पढ़ने नहीं दिया गया
"इनक्रेडिबल इंडिया इसी को कहते हैं।"
गढ़वाल राइफल क्या है इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा लीजिये की सेना मे गये सिर्फ एक साल हुआ था और फौजी अकेले 72घंटे तक चीन की सेना से लड़ता रहा उसकी वीरता देख चीन ने उसका तांबे का सिर बना कर दिया।
1962 के युद्ध में भारत के पास एक ऐसा भी वीर था जिसकी वीरता को चीन ने भी सलाम किया|
मित्रों आज हम आपको एक ऐसे वीर की गाथा सुनाने जा रहे हैं जो अपनी मात्र भूमि के लिए वीर गति को प्राप्त हो गया और जिसने अकेले ३०० चीनी सैनिकों को मर गिराया| जी हाँ मित्रों ३०० सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था इस महावीर ने| इनका नाम है जसवंत सिंह रावत और यह एक उत्तराखंडी है|जसवंत सिंह के नाम पर एक गाँव का नाम जसवंतपुर भी है| इन्हें इनकी बहादुरी के लिए महावीर चक्र भी दिया गया| जिस युद्ध में ये शहीद हुए वो था " बैटल ऑफ़ नूरानांग"| तेजपुर नूरानांग में रायफलमेन जसवंत सिंह के नाम का मंदिर चीन युद्ध में इनकी असाधारण वीरता का परिचायक है| यहाँ से गुजरने वाला हर व्यक्ति उनके मंदिर में "शीश" नवाता है| यहाँ आने वालों को उनकी शौर्य गाथा सुनाई जाती की किस तरह एक बंकर से दो श्तानिया लड़कियों की सहायता लेकर चीन की पूरी ब्रिगेड से वह 72 घंटे तक झूझते रहे| इनकी वीरता को चीन ने भी सलाम किया| भारत से नफरत करने वाले चीन ने इनका "तांबे" का "शीश" बनाकर भारत को सौंपा| ४ गढ़वाल रायफल का यह सेनानी केवल एक साल पहले ही सेना में शामिल हुआ था| सेना में इस वीर जवान का सम्मान यह है की शहादत के बाद भी उनकी पदोनित्ति की जाती है और प्रोटोकॉल भी उसी के हिसाब से दिया जाता है| इस समय उन्हें लेफ्टिनेंट जेनरल का पद मिला हुआ है| जसवंत सिंह के बंकर में उनका बिस्तर,पानी का लोटा-ग्लास इत्यादि हर रोज साफ़ किया जाता है| सेना की वहां मौजूद एक टुकड़ी उन्हें नियमानुसार सलामी देती है|
साभार - सोशल मीडिया
लोग यही सोचते हैं कि फिल्म 100 करोड़ कमाने के लिए बनी है तो गलत है
यह फिल्म 100 करोड़ सनातनियों को सेकुलरिज्म की नींद से जगाने के लिए बनी है जरूर देखें 🙏🙏
कालिदास बोले :- "माते पानी पिला दीजिए बड़ा पुण्य होगा" !
स्त्री बोली :- बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो।
मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।
कालिदास ने कहा :- मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें।
स्त्री बोली :- "तुम पथिक कैसे हो सकते हो" ? , पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं ! हमेशा चलते रहते हैं। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।
कालिदास ने कहा :- मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें।
स्त्री बोली :- "तुम मेहमान कैसे हो सकते हो" ? संसार में दो ही मेहमान हैं। पहला धन और दूसरा यौवन ! इन्हें जाने में समय नहीं लगता। सत्य बताओ कौन हो तुम ?
(अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो हो ही चुके थे)
कालिदास बोले :- मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें।
स्त्री ने कहा :- "नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है" ! उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है, दूसरे पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं। तुम सहनशील नहीं। सच बताओ तुम कौन हो ?
(कालिदास लगभग मूर्च्छा की स्थिति में आ गए और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले)
कालिदास बोले :- मैं हठी हूँ ।
स्त्री बोली :- "फिर असत्य. हठी तो दो ही हैं- पहला नख और दूसरे केश, कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं। सत्य कहें कौन हैं आप" ?
(पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके थे)
कालिदास ने कहा :- फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ ।
स्त्री ने कहा :- "नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो।
मूर्ख दो ही हैं। पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है" !
(कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना में गिड़गिड़ाने लगे)
वृद्धा ने कहा :- उठो वत्स ! (आवाज़ सुनकर कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां खड़ी थी, कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए)
माता ने कहा :- शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार । तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और अहंकार कर बैठे इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिए ये स्वांग करना पड़ा !!
कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और भरपेट पानी पीकर वे आगे चल पड़े।
All Set!
Kerala’s first all set to trace the tracks of God’s own country, today.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शिल्पकार, महान विचारक , संगठक, एक तपस्वी , कर्म योगी, एक साधक, जिन्होंने अपने श्रेष्ठ जीवन के उदहारण से लाखों कार्यकर्ताओं को गढा ऐसे स्व. प्रा० यशवंत राव केलकर जी की जयंती कर उन्हें कोटि कोटि वंदन।।।
भारत माता की जय।।
संघ - संस्कार
कोई आयु में बड़ा हो या छोटा
लेकिन राम राम सब एक दूसरे से
हाथ जोड़कर ही करते हैं।
जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल
हिंदी के सुविख्यात कवि #रामधारी_सिंह_दिनकर
जी को पुण्यतिथि पर शत शत नमन 🌷🙏
असंख्य रामभक्तों के अनवरत संघर्ष की परिणति के रूप में भगवान श्री रामलला का दिव्य मंदिर अब आकार लेता दिख रहा है।
"ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।"
भगवान विष्णु के छठे अवतार, चिंरजीवी भगवान परशुराम जी की जयंती पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
राजनीति के कंप्यूटर कहे जाने वाले विद्यार्थी परिषद के पूर्व क्षेत्रीय संगठन मंत्री भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री आदरणीय के न गोविंदाचार्य जी को जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
K N Govindacharya
Click here to claim your Sponsored Listing.
Category
Contact the public figure
Telephone
Website
Address
VPO Nangthala
Hisar, 125047
स्वयंसेवक #उकलाना प्रदेश अध्यक्ष,सगर सम्राट शिक्षा समिति ओड समाज,हरियाणा
Hisar, 125039
आप सभी को सादर प्रणाम!! ऐसे ही शानदार फोटो, वीडियो देखने के लिए पेज को फॉलो जरूर करें