Mohammad Sartaj Alam
Journalist :
Bylines in The Guardian II BBC II The Telegraph(UK) II Article14 II Aljazeera
Mohammad Sartaj Alam is a journalist, working with The Telegraph(UK), BBC, The Guardian, Aljazeera and Article14 from Indian state of Jharkhand, Odisha, West Bengal, Chhattisgarh, Madhya Pradesh, Rajasthan, Utter Pradesh, Maharashtra, West Bengal.
कैफ का कहना शत प्रतिशत सही है
यही कारण है कि में तीन फाइनल होने चाहिए...ताकि ऐसी शर्मान हरकत करने वालों में वर्ल्डकप खो देने का खौफ बरकरार रहे
heart breaking moment
&
🌟 विराट कोहली - 2023 वनडे विश्व कप में किसी बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक रन।
🌟 मोहम्मद शमी - 2023 वनडे विश्व कप में एक गेंदबाज द्वारा सर्वाधिक विकेट।
कैप्टन आप और आपकी टीम ने आपना बेस्ट दिया
खिलाड़ी "चुनौतियों" से लड़ सकते हैं लेकिन "पनौतियों" से नहीं।
होना तो यही चाहिए था कि 1983 व 2011 की पूरी टीम को बुलाया जाता...
तेलंगाना #बीजेपी की स्टार प्रचारक #साउथ की मशहूर फिल्म अभिनेत्री #विजयाशांति ने बीजेपी छोड़ #कांग्रेस जॉइन कर ली है...
विजयाशांति कल से ही कांग्रेस के प्रचार के काम में जुट जाएंगी... तेलेंगाना में विजयाशांति की बड़ी "फैन फॉलोइंग" है...
अपनी असाधारण इस लिए है
बैटिंग, बॉलिंग में ऑस्ट्रेलिया द्वारा पूछे जाने वाले हर प्रश्न के जवाब के पास हैं जीत कल के लिए प्रतीक्षा कर रही है
बोलती तस्वीर
#शामी
इस 👇 लिए Worldcup जीतेगी
आप देखें इसकी आवश्यकता भी नहीं, #फाइनल देखने के लिए सिर्फ हम काफी हैं
इनकी सफलता पर लिखने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे
तस्वीर : सात वीेट लेने के बास शमी का हाथ चूमते आर #अश्विन
20 साल बीत गए हैं. एक बार फिर और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में आमने-सामने हैं.
Nitish Kumar जी की खुली चेतावनी 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया तो चलाएंगे अभियान',
#बिहार
#नितीशकुमार
उत्तरकाशी में 5 दिन बाद भी सुरंग से नहीं निकाले जा सके मजदूर, विदेश से लेनी पड़ेगी मदद...
'भारत वापस जाओ...'- ऑस्ट्रेलिया में सिख व्यक्ति के साथ नस्लीय भेदभाव, गाड़ी पर कुत्ते का मल फेका गया
जूनियर #गांगुली
मुस्लमान इस देश के लिए चाहे अपनी जान भी न्योछावर करदें फिर भी कोई न कोई हिंदी मीडिया छिछोरेपन से बाज़ नहीं आती...
सेमीफाइनल में मिली जीत में #मोहम्मदशमी का फोटो और स्पोर्ट्स पेज की हेडिंग्स में नाम गायब है।
#मोहम्मदशमी के पिता तौसीफ अली अमरोहा के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते थे। उनके यॉर्कर अक्सर बल्लेबाजों के डंडे बिखेर देते थे। दुनिया भर के लोग कहते थे कि जाओ और जाकर क्लब में प्रोफेशनल क्रिकेट की ट्रेनिंग लो। पर तौसीफ अली के पास पैसे नहीं थे। सलाह तो हर कोई देता था, लेकिन आर्थिक सहायता करने वाला कोई नहीं था। मोहम्मद शमी के पिता ने इसी को अपना मुकद्दर मान लिया। उन्होंने अम्मी-अब्बू के कहने पर पारिवारिक जिंदगी शुरू कर दी।
तौसीफ अली को 5 बेटे हुए और पांचों के भीतर क्रिकेट शुरू से रचा बसा हुआ था। इन सब में नन्हा शमी सबसे तेज था। अब्बू की क्रिकेट की ट्रेनिंग में सबसे जल्दी मोहम्मद शमी नई चीज सीखते थे। तौसीफ अली को यकीन हो गया कि मेरा क्रिकेटर बनने का अधूरा ख्वाब मोहम्मद शमी पूरा करेगा। तौसीफ अली को एहसास था कि वह बड़े क्रिकेटर क्यों नहीं बन सके? वह बेटे के सपने को पूरा करने के लिए हर हद से गुजर जाने को तैयार थे।
जब मोहम्मद शमी की उम्र 15 साल थी, तब तक तौसीफ अली ही बेटे को गेंदबाजी की ट्रेनिंग देते थे। उन्होंने अपने खेत में विकेट तैयार किया था। जहां मोहम्मद शमी दिन-रात गेंदबाजी का अभ्यास करते थे। फिर तौसीफ अली को लगा कि अब बेटे को एक बढ़िया एकेडमी की जरूरत है। उन्होंने जमीन बेचकर मुरादाबाद की एक एकेडमी में बेटे का दाखिला कराने की सोची। कोच बदरुद्दीन ने कहा कि मैं पहले इस लड़के को गेंदबाजी करते हुए देखूंगा, उसके बाद ही फैसला करूंगा। मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी शुरू की और बदरुद्दीन के एकेडमी के दिग्गज बल्लेबाज घुटने टेकते चले गए। बदरुद्दीन ने तुरंत मोहम्मद शमी को अपना शागिर्द कुबूल कर लिया। मोहम्मद शमी ने पिता का ख्वाब पूरा करने के लिए जान लगा दी। वह एक भी दिन नागा नहीं करते थे। यहां तक कि ईद वाले दिन भी नमाज अदा करने के बाद मोहम्मद शमी गेंदबाजी करने पहुंच जाते थे। जब भी एकेडमी में कोई क्रिकेट मैच होता था, तो मैच खत्म होने के बाद मोहम्मद शमी कोच से पुरानी गेंद मांगते थे। एक दिन बदरुद्दीन ने पूछा कि तुम इनसे करते क्या हो? मोहम्मद शमी ने जवाब में कहा- रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस करता हूं। उस दिन के बाद से बदरुद्दीन खुद मोहम्मद शमी को रिवर्स स्विंग का अभ्यास करवाते थे।
यूपी अंडर-19 टीम के ट्रायल के लिए बदरुद्दीन मोहम्मद शमी को खुद अपने साथ लेकर गए। सिलेक्टर्स ने मोहम्मद शमी के साथ भी वही किया, जो भदोही के यशस्वी जायसवाल के साथ किया था। दोनों खिलाड़ियों से एक ही बात कही गई, अगले साल आना तब देखेंगे। बदरुद्दीन को लगा कि एक साल में मोहम्मद शमी बहुत आगे निकल सकते हैं। ऐसे में उन्हें यूपी क्रिकेट बोर्ड के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।
कोच बदरुद्दीन ने पिता से कहा, आप मोहम्मद शमी को कोलकाता भेज दीजिए। वहां क्लब क्रिकेट में अच्छा करेगा तो स्टेट की टीम में आराम से जगह बना लेगा। तौसीफ अली के पास कोई और चारा भी नहीं था। वह किसी भी सूरत में बेटे मोहम्मद शमी को भारत के लिए खेलते हुए देखना चाहते थे। मोहम्मद शमी कोलकाता पहुंच तो गए, लेकिन ना ही उनके पास पेट भरने के लिए अन्न का दाना था और ना ही सर ढकने के लिए छत। मोहम्मद शमी अपने पिता पर और खर्च का दबाव नहीं डालना चाहते थे। उन्होंने ठान लिया था, अब जो कुछ भी करना है अपने दम पर करना है। बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के असिस्टेंट सेक्रेट्री देवव्रत दास ने एक मैच में मोहम्मद शमी को गेंदबाजी करते हुए देखा। देवव्रत दास को समझ आ गया कि यह लड़का क्रिकेट की दुनिया में छा जाएगा।
देवव्रत ने मोहम्मद शमी से पूछा कि तुम रहते कहां हो? मोहम्मद शमी कुछ बोल नहीं पाए। तेज भूख भी लगी थी। गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा था। कभी रेलवे स्टेशन तो कभी बस स्टैंड। देवव्रत दास ने उसी वक्त मोहम्मद शमी को अपने घर पर रहने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बंगाल के एक चयनकर्ता बनर्जी से कहा कि आप एक बार मोहम्मद शमी की गेंदबाजी देखिए। बनर्जी के सामने मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी शुरू की। बड़े-बड़े बल्लेबाज हिल नहीं पा रहे थे। मोहम्मद शमी अपनी गेंदबाजी से सिर्फ विकेट उखाड़ रहे थे। शुरू से ही शमी को बल्लेबाजों को बोल्ड करने के बाद जो आवाज आती है, वह सुनना काफी पसंद है। बनर्जी ने मोहम्मद शमी से कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से खिलाड़ी देखे। अधिकतर खिलाड़ी रूपए-पैसे चाहते हैं। नाम, इज्जत और शोहरत चाहते हैं। लेकिन तुम सच्चे खिलाड़ी हो। तुम्हें सिर्फ बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाना है, इसके सिवा तुम्हारी कोई मंजिल नहीं है। इसके बाद बनर्जी के खने पर मोहम्मद शमी ने मोहन बागान क्रिकेट क्लब जॉइन किया। वहां मोहम्मद शमी ने सौरव गांगुली के सामने गेंदबाजी की। दादा खुश हो गए। सौरभ गांगुली वही हैं, जिन्होंने वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों का करियर बनाया। आज हम आपको नई बात बताने जा रहे हैं। सौरव गांगुली के कहने पर मोहम्मद शमी को 2010-11 के बंगाल की रणजी टीम में शामिल किया गया था। 2 साल के भीतर 6 जनवरी, 2013 को मोहम्मद शमी ने इंडियन टीम की जर्सी पहन ली। इसके बाद मोहम्मद शमी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
6 जून, 2014 को निकाह के बाद 2015 में मोहम्मद शमी को एक प्यारी सी बेटी हुई। उनकी जिंदगी में सब सही चल रहा था, तभी साल 2018 में बीवी हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर बहुत से घिनौने आरोप लगाए। दहेज उत्पीड़न, मारपीट, दूसरी औरतों के साथ नाजायज संबंध और पाकिस्तानी नागरिक से पैसे लेना। मोहम्मद शमी को भारतीय टीम के कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया गया। इस वक्त भी सौरव गांगुली मोहम्मद शमी के साथ चट्टान की तरह खड़े हो गए। दादा ने कहा जब तक आरोप साबित नहीं होंगे, मैं बंगाल की रणजी टीम से मोहम्मद शमी को नहीं निकालूंगा। पूरी मीडिया मोहम्मद शमी के खिलाफ थी, लेकिन सौरव गांगुली मोहम्मद शमी के साथ थे। आखिरकार BCCI की एंटी करप्शन यूनिट ने मोहम्मद शमी को निर्दोष पाया और फिर उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दोबारा बहाल कर दिया गया। इस वर्ल्ड कप के 6 मैच में #मोहम्मदशमी भारत के लिए सर्वाधिक 23 विकेट हासिल कर चुके हैं।
तौसीफ अली, बदरुद्दीन, देवव्रत दास और सौरव गांगुली के सहयोग से आज भारत का नाम रोशन कर रहे मोहम्मद शमी को सलाम करिए। 🇮🇳
हम हिन्दुस्तानी को ऐतबार था..
उसपे भी कुछ जुनून सवार था..
लगा, हवा में उखड़ते विकेट देखकर
शेर आज कुछ ज़्यादा ही खूंखार था!
एक तर्क ये भी है कि शार्दुल #ठाकुर को बस इस लिये टीम में लेना पड़ा
क्योंकि मैदान की सारी जमीं और मैदान की घास को सींचता पानी ठाकुर का था?
बक्सर के पूर्व अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह का ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने और TTE से बहस का वीडियो सामने आया
TTE ने राणा प्रताप पर AC फर्स्ट कोच में गैरकानूनी यात्रा और धक्का-मुक्की का आरोप लगाया
BJP नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम का इस्तेमाल कर TTE पर बनाया दवाब
#फ़िलिस्तीनी पत्रकार मोमिन क़्रेका ने 2008 में इज़राइल के द्वारा किए गए हमले के दौरान अपने पैर खो दिए. वह आज भी काम करना जारी रखे हुए हैं.
हमारे देश के पत्रकार #वीज़ा लेकर #इजराइल पहुंच रहे हैं जबकि 4 महीनों में #मणिपुर न पहुंच सके...
#संजयसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री #नरेंद्रमोदी मेरे साथ बच्चों का खेल खेल रहे हैं, मैं उनकी यातना का पैमाना चेक करना चाहता हूं....
#संजय_सिंह_शेर_है
#योगीजी आप सिर्फ सिंध की बात कर रहे हैं जबकि आवश्यकता #अखंडभारत की है अत: #पाकिस्तान, #अफगानिस्तान, #बंगलादेश, #बर्मा आदि पर कब्ज़ा कीजिए...
अब तक लगभग 52 हज़ार रुपये आ चुके हैं। आप लोग थोड़ी कोशिश और करें तो ये आँकड़ा बढ़ सकता है। मदद करने वाले सभी का बहुत शुक्रिया 🙏
सत्य यही है
नेतन्याहू का असली नाम "नेतराम साहू" है और वे एक कट्टर सनातनी हैं,वामपंथी मीडिया हमसे ये बात छुपा गया।
On 12/9/23, Journalism student was brutally beaten by his classmate in the hostel of College until he became . Treatment is going on but despite FIR being registered, no action has been taken till now by Police.
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. उन्हें पेट में गोली लग गई थी. गोली लगते ही डीएसपी ने अपनी पत्नी फातिमा को वीडियो कॉल किया था. कॉल के दौरान उन्होंने कहा था कि 'शायद न बचूं, बेटे का ख्याल रखना.' ये चंद लाइन ही हुमायूं के आखिरी शब्द थे. उनकी सास ने बताया कि हुमांयू जहां घायल पड़े थे, वो लोकेशन ट्रेस करने में हेलिकॉप्टर को देर लग गई. उन्हें घटनास्थल से सीधे श्रीनगर के सेना अस्पताल लाया गया. यहां पत्नी और 29 दिन के बेटे को देखने के बाद हुमायूं ने दम तोड़ दिया.
सुना है INDIA और भारत के चक्कर में सबसे ज़्यादा चिंतित सिंधिया हैं, उनको समझ नहीं आ रहा है कि Sc'India' से बदल कर Sc'Bharat' कैसे रखे अपना नाम?...
कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत.. पालतू से लेकर आवारा तक... बन रहे यमदूत
रेबीज पीड़ित को अस्पताल में डॉक्टर्स ने लाइलाज घोषित किया.. इसके बाद एम्बुलेंस में तड़प-तड़पकर पिता की गोद में दम तोड़ दिया मासूम ने...
#उत्तरप्रदेश : #गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। AIIMS से लेकर तमाम बड़े हॉस्पिटलों ने उसको लाइलाज घोषित कर दिया। बुलंदशहर में एक वैद्य के यहां दिखाकर लौटते समय बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया। पीड़ित परिजनों की मांग है कि जिस महिला ने कुत्ते पाल रखे हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई हो।पूरा मामला विजयनगर थाना क्षेत्र का है। यहां चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है। याकूब मेहनत मजदूरी करते हैं और परिवार पालते हैं। शाहवेज कक्षा आठ में पढ़ता था। चार दिन पहले यानी 1 सितंबर को उनके 14 साल के बेटे को अजीबो-गरीब दिक्कतें होनी शुरू हो गईं।
उसको पानी देखने से डर लगने लगा। खाना-पीना बंद कर दिया। कभी-कभी भौंकने जैसे आवाजें भी मुंह से निकलने लगीं। फैमिली ने कुछ डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि उसे कुछ समय पहले किसी कुत्ते ने काटा होगा, जिसका इंफेक्शन अब ज्यादा फैल गया है।
बच्चे के दादा मतलूब अहमद ने बताया, "हमने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाली आंटी के कुत्ते ने उसको काट लिया था। डर के मारे उसने ये बात घर पर नहीं बताई। जिस वजह से बच्चे को तुरंत उचित इलाज नहीं दिया जा सका। जब बच्चे में लक्षण दिखने शुरू हो गए, तब हमें पता चला।"
बुलंदशहर से लौटते वक्त दम तोड़ा...
मतलूब अहमद ने बताया, "तीन दिन से हम लोग एम्बुलेंस लेकर जीटीबी दिल्ली, एम्स दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के हॉस्पिटलों में घूमते रहे। किसी भी हॉस्पिटल ने हमारे पोते को भर्ती नहीं किया और उसे लाइलाज घोषित कर दिया। किसी ने हमें बताया कि देसी दवाइयों से बुलंदशहर में एक वैद्य इलाज करता है। सोमवार रात 8 बजे हम पोते को उस वैद्य के यहां दिखाकर एम्बुलेंस से गाजियाबाद लौट रहे थे। रास्ते में ही पोते ने दम तोड़ दिया।"
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