Apollo World School
DESIGN THE DESTINY
साँझ की बेला में दुआर बुहारती जगरानी के आसपास जब लोगों की भीड़ खड़ी होने लगी तो अशुभ की आशंका से उनका हृदय काँप उठा। उन्होंने सर उठा कर कुछ लोगों का मुँह निहारा, सबके मुखड़े जैसे रो रहे थे। एकाएक सन्न हो उठे कलेजे को थाम कर उन्होंने पूछा- क्या चन्दू को पुलिस ने पकड़...?
कहीं से कोई उत्तर नहीं मिला। जगरानी जैसे काँप उठीं... उनके मुह से आह फूटी-" तो चन्दू की प्रतिज्ञा टूट गयी?"
पीछे से किसी उत्साहित युवक ने कहा- "नहीं माँ! चन्दू भइया की प्रतिज्ञा तोड़ दे इतनी सामर्थ्य तो यमराज में भी नहीं।"
जगरानी ने प्रश्नवाचक दृष्टि से उस युवक की ओर देखा जिसने आज उन्हें माँ कहा था। उनके हाथ से कूँची छूट गयी। उन्होंने काँपते हुए पूछा- "तो क्या..."
युवक ने रोते हुए कहा- "चन्दू भइया अमर हो गए माँ! प्रयाग में जब पुलिस ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया तो वे देर तक अकेले ही लड़ते रहे। जब अंत में उनके पास एक ही गोली बची तो उन्होंने स्वयं को गोली मार ली, अंग्रेजों की गोली तो उन्हें छू भी नहीं पायी..."
जगरानी ने अपना बेटा खो दिया था। वे जैसे जड़ हो गयी थीं। आँखों से धार बहने लगी थी। बढ़ती हुई भीड़ चुपचाप उनका मुँह निहार रही थी। कुछ पल की चुप्पी के बाद उनके स्वर फूटे- "तो चन्दू की टेक रह गयी!"
युवक ने उत्साहित हो कर कहा, "चन्दू भइया के मरने के आधे घण्टे बाद तक कोई सिपाही उनके पास जाने का साहस न कर सका माँ!"
जगरानी कराह उठीं।
युवक ने उन्हें ढाढ़स देने के लिए कहा- "लोग कह रहे हैं कि प्रयाग के पार्क में जितनी भीड़ थी उतनी आज तक कभी नहीं हुई होगी। पूरा देश 'चंद्रशेखर आजाद अमर रहें' के नारे लगा रहा है माँ!"
जगरानी भूमि पर पसर गयी थीं। दूर स्तब्ध से खड़े लोग कुछ क्षण बाद उनके निकट आने लगे। महिलाओं ने रोती माँ को ढाढ़स देने का प्रयास किया। अचानक रोती जगरानी के मुँह पर एक अजीब मुस्कान फैल उठी, उन्होंने अजीब से गर्व के साथ कहा- "ऐसी टेक तो भीष्म ने भी न निभाई थी..."
भीड़ जैसे उत्साह से उबल पड़ी थी। किसी ने कहा- "हमारा चन्दू राजा था काकी! ऐसी मृत्यु कहाँ किसी को मिलती है! वह विश्व के सभी बलिदानियों का सिरमौर बन गया है..."
जगरानी ने उसी अजीब से स्वर में कहा- "मैं जीवन भर सोचती रही कि मुझ दरिद्र का नाम 'जगरानी' क्यों है, आज वह सच में मुझे जगरानी बना कर चला गया।"
कुछ पल बाद उन्होंने पूछा- "किसी ने चन्दू का शव देखा?"
उत्तर मिला- "नहीं! अज्जू भइया की देह पुलिस उठा ले गयी। पर देखने वाले बता रहे थे उनके मुख पर वही सदैव सी मुस्कान फैली हुई थी। लगता था जैसे मूछ उमेठ कर मुस्कुरा रहे हों..."
बूढ़ी फफक पड़ी- "मुस्कुराएगा क्यों नहीं? जो चाहता था वह तो कर ही लिया..."
"पर माँ! पुलिस हमें चन्दू भइया का शव नहीं देगी, लोग जुलूस निकाल रहे हैं पर पुलिस नहीं मानेगी। ईश्वर ने हमें अंतिम बार देखने भी नहीं दिया..."
जगरानी में जाने कहाँ का बल, कहाँ का सन्तोष आ गया था। बोलीं- अरे जाने दे! वो हमारा था कहाँ? उसकी माँ तो यह धरती थी, उसने तो देखा न उसे अंतिम बार! उसी की गोद में ही न उसने अंतिम सांस ली! भले मेरा बेटा छिन गया, पर उसे तो उसकी माँ मिल गयी... जाने दे!"
भीड़ खड़ी थी पर सन्नाटा पसरा था। कुछ लोगों ने उत्साह में नारे लगाए। माँ निःशब्द पड़ी थी। किसी ने एक लंबी आह भर कर कहा- आजाद जैसे बीर ऐसी ही माँओं की कोख से जन्मते हैं। एक आजाद बनाने के लिए जाने कितनी बार ईश्वर सर पटकता होगा।
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हिंदी जीवन , हिंदी ही एकता है
हिंदी केवल भाषा नही, हिंदी सरसता है
हिंदी हृदय को मिलाने वाली
अनछुए पहलुओं को छू जाने वाली
एक तरंग जीवन की, फैली हुई सब जगह है
हिंदी है तो हम हैं, हिंदी से जहां है।
हिंदी एक प्रेमभाषा है….!
सभी मित्रों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏💐💐💐
Requirment of a female principal and teachers for C.B.S.E Board school, from PG to class 4th. For Junpur District
Need some female teachers for new opening school
from Jaunpur Varanasi Azamgarh or nearby area
आपके सामने दो विकल्प हो,
आपको विद्यालय की चमचमाती इमारत ही चाहिए
या अपने बच्चों का जगमगाता भविष्य भी??
अगर आप दूसरा विकल्प चुनते हैं तो ग्राम छातीडीह पराऊगंज में एक नये तरीके का विद्यालय एक नये तरीके की शिक्षा के साथ आपका स्वागत करता है दॉजी अपोलो वर्ल्ड स्कूल।
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आपका कोई प्रिय आत्मघाती सुशांत नही बने...इसके लिए उसे धर्म ओर इतिहास की शिक्षा देना शुरू कीजिए ...!!
1- अपने बच्चे को श्रीराम की शिक्षा दीजिये...एक राजकुमार युवराज और भावी राजा होकर उनको वन वन भटकना पड़ा...ओर जीवन जय किया ...लेकिन हर संघर्ष के बाद वह ओर ज़्यादा मजबूत हुए..आत्महत्या नही की ....!!
2 - श्रीकृष्ण के पिताजी वासुदेवजी तो राजा थे...लेकिन कंस ने उन्हें कालकोटड़ी में डाल दिया.. एक राजा के लिए बिना किसी अपराध के कारावास भोगने से ज़्यादा दुखदाई ओर क्या हो सकता है ..? लेकिन उन्होंने जीवन से हार नही मानी .. ओर भारत को कितना सुनहरा भविष्य श्रीकृष्ण दिया ....!!
3 - श्रीकृष्ण से ज़्यादा संघर्षमयी जीवन किसका था .? 8 साल की उम्र में कंस के विरूद्ध संघर्ष की शुरुवात हुई.. ओर जीवन के अंतिम क्षण तक रही...महाभारत का युद्ध भी कौरव ओर पांडव दोनो नही चाहते थे..क्यो की कौरव के पास सब कुछ था...इसलिए उन्हें युद्ध की क्या जरूरत थी ? और पांडव सन्यासी प्रकृति के थे...वह तमाम दुख झेलने को तैयार थे..लेकिन युद्ध नही चाहते थे ..कृष्ण का विरोध खुद उनके भाई बलरामजी ने भी किया ..धर्मज्ञ श्रीकृष्ण को कितना संघर्ष करना पड़ा होगा ..? आज कोई भी आदमी मामूली टेंशन में डिप्रेशन में चला जाता है...लेकिन कृष्ण उस डिप्रेशन के समय मे भी बांसुरी बजाते...नाचते गाते ...!!
4 - अर्जुन और पांचों भाइयो से ज़्यादा दुःखमय जीवन और किसका था... ? पिता का साम्राज्य अपने लोगो ने कब्जा लिया...उल्टे उनकी हत्या की बार बार साजिश रची गयी, प्राण से प्यारा अभिमन्यु मारा गया.. लेकिन पांडवों ने हिम्मत नही हारी.. ओर विश्व जय किया ...!!
5 - आमेर का राजा मानसिंह के समय उनका साम्राज्य मात्र कुछ हिस्सों तक सीमित था...उनका प्रिय पुत्र जगतसिंह जो उनकी आंख था... धर्म के लिए लड़ते हुए उन्होंने अपने प्राणों की बलि दे दी..लेकिन मानसिंह पूरी तरह टूटकर भी धर्म ओर कर्म नही भूले..आत्महत्या का तो विचार भी नही आया ...!!
6 - विक्रमादित्य जब युवा भी नही हुए थे... तभी मालवा पर शकों का इतना भंयकर आक्रमण हुआ.. की उनके पास राज्य तो क्या..सेना के नाम पर मात्र उनका एक मित्र बचा..लेकिन हार नही मानी.. ओर अंत मे विश्वविजेता बने ...!!
7 - राजा हरिश्चंद्र की कहानी तो आप सभी जानते ही है, वह राजा से रंक बन गए... लेकिन हिम्मत नही हारी, ओर फिर से उन्हें राजपाठ मिल गया ..!!
वैदिक ग्रंथों में आत्महत्या करनेवाले व्यक्ति के लिए एक श्लोक लिखा गया है..जो इस प्रकार है…
असूर्या नाम ते लोका अंधेन तमसावृता ।
तास्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जना: ।।
इसका अर्थ है कि ”आत्महत्या हत्या करनेवाला मनुष्य अज्ञान और अंधकार से भरे, सूर्य के प्रकाश से हीन, असूर्य नामक लोक को जाते हैं”
स्कंद पुराण’ के काशी खंड, पूर्वार्द्ध (12.12,13) में आता है : ‘आत्महत्यारे घोर नरकों में जाते हैं और हजारों नरक-यातनाएँ भोगकर फिर देहाती सूअरों की योनि में जन्म लेते हैं । इसलिए समझदार मनुष्य को कभी भूलकर भी आत्महत्या नहीं करनी चाहिए .. आत्महत्यारों का न तो इस लोक में और न परलोक में ही कल्याण होता है ...!!
‘पाराशर स्मृति (4.1,2)’ के अनुसार ‘आत्महत्या करनेवाला मनुष्य 60 हजार वर्षों तक अंधतामिस्र नरक में निवास करता है
अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारणभेषजात् ।
नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ।।
‘हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषध से तमाम रोग नष्ट हो जाते हैं..यह मैं सत्य कहता हूँ… सत्य कहता हूँ ..!!
आत्महत्या यह मानस रोग है .. मन की कायरता की पराकाष्ठा होती है तभी आदमी आत्महत्या का विचार करता है तो उस समय भगवान को पुकारो ..
अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् ।
ना भुक्तं क्षीयते कर्म जन्म कोटिशतैरपि ।।
आत्महत्या करके भी कोई उससे बच नहीं सकता है .. उलटे आत्महत्या का एक नया पापकर्म हो जायेगा .. परंतु अगर हम दुःखदायी परिस्थिति को सहन कर लेंगे तो पुराने पाप नष्ट होंगे और हम शुद्ध होंगे ... कोई भी परिस्थिति सदा रहनेवाली नहीं है ..
सुख भी सदा नहीं रहता तो दुःख भी सदा नहीं रहता है .. सूर्य के उदय होने के बाद अस्त होना और अस्त होने के बाद उदय होना यह प्रकृति का नियम है ...अतः दुःखदायी परिस्थिति के आने पर घबराना नहीं चाहिए ...!!
मृत्यु ईश्वर का वरदान है..अपने आप मरकर उस वरदान का मौका मत गँवाईये ....धर्म आपको हमेशा आश्वासन देता है...आज नही तो कल अच्छा होगा... हम जो भोग रहे है...शायद हमारे किसी जन्म में कोई बुरे कर्म थे ... इसलिए आत्महत्या का विचार ही नही आएगा..दुःखों को दुःख की जगह हम आशीर्वाद मान लेंगे ....!!
साभार .....!!
प्रवेश प्रारम्भ
DAAJI APOLLO WORLD SCHOOL JAUNPUR (CBSE BOARD)
फॉर्म वितरण व पंजीकरण 25 जून से शुरू
प्रवेश 1 जुलाई से प्रारम्भ
एक नये तरीके का विद्यालय, एक नये तरीके की शिक्षा
मूलभूत सुविधाएँ:-
नये परिवेश के साथ आधुनिक सुविधायुक्त विद्यालय
स्वच्छ ( SANITIZED) वाहन सुविधा
प्रथम कक्षा से ही कम्प्यूटर व आधुनिकतम तकनीकि की शिक्षा
कमजोर विद्यार्थियों के लिए नियमित रूप से उपचारात्मक
कक्षाएँ
प्रशिक्षित व श्रेष्ठ अध्यापको द्वारा अध्यापन
शुद्ध R.O जल की व्यवस्था
किसी भी अतिरिक्त ट्यूशन की आवश्यकता नहीं
हमारा लक्ष्य:-
एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण जो न केवल एक भाषा, एक विषय, और नौकरी तक सीमित हो,
वरन् एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण जो जीवन के हर संभावित संकट के लिए तैयार हो, आने वाले भविष्य की तकनीकि में पारंगत, व्यापार में निपुण, मानसिक रूप से सक्षम, व शारीरिक रूप से बलिष्ठ हो ताकि नौकरी के अलावा जीवन के बाकी क्षेत्र में असफल न हो।
हम अलग क्यों हैं ?:-
जनपद का एकमात्र विद्यालय जहाँ कोरोना और उस जैसी किसी संभावित महामारी को ध्यान में रखकर निर्माण किया गया क्योंकि हमारे लिए आपके बच्चे का जीवन किसी और लाभ से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जनपद का एकमात्र विद्यालय जहाँ आपके बच्चे की सुरक्षा हेतु हर विद्यार्थी को एक टेबल कुर्सी सुनिश्चित की गई है जिसे कोई और नहीं छुएगा। पूर्णत: सैनिटाईज्ड व सोशल डिस्टेंसिंग युक्त विद्यालय
जनपद का एकमात्र विद्यालय जो EDUCATION के साथ साथ LEARNING की भी बात करता है।
केवल शिक्षा की नहीं अपितु शिक्षा दीक्षा दोनों की बात करता है।
ताकि आपका बच्चा केवल रट्टू तोता न बनकर निकले बल्कि वो जो सीखे उसे जीवन में चरितार्थ करने में सक्षम हो।
जनपद का एकमात्र विद्यालय जो केवल प्रमाण पत्रों पर आपके बच्चों को सफल बनाने की बात नहीं करता
बल्कि उन्हे जीवन के हर मोड़ हर संघर्ष में जीत हासिल करते हुए सफल बनाने हेतु वचनबद्ध है।
जनपद का एकमात्र विद्यालय जो न केवल आपके बच्चों को बाजारू किताबों के बोझ तले दबाने की बात करता वरन् पुरातन सँस्कृति, योग, प्राणायाम, भारतीय सँस्कारों, नवीनतम तकनीकि, व आधुनिकतम्
ज्ञान का सम्पूर्ण मिश्रण हो।
हम प्रतिबद्ध है अपने वचनों से आपके बच्चे को एक सुखद एवं सफल भविष्य बनाने हेतु।
और इसीलिए हम बिल्डिंग के इन्फ्रास्ट्र्चर से ज्यादा आपके बच्चे के भविष्य की नींव मजबूत करने का हर भरसक प्रयास कर रहे हैं।
अब निर्णय आपके हाथों में हैं कि आपको बस विद्यालय का जगमगाता भवन चाहिए या अपने बच्चों का जगमगाता भविष्य
इन सभी वचनों सुविधाओं और लक्ष्यों के साथ आपकी सेवा में समर्पित आपका अपना
दॉजी अपोलो वर्ल्ड स्कूल
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Padrachha-Kot, Dobhi
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The SRM International School situated at Dobhi Block, District Jaunpur offers an inquiry-based, child-centred and academically rigorous curriculum that addresses the intellectual, ...
Dev Nagar Colony Ruahtta Jaunpur Near State Bank Of India ADB Branch
Jaunpur, 222002
Ashish Srivastava, Manager of Alphabet kids play 'school provides preschool education this is very i
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Jaunpur, 222001
Gokul Academy is a CBSE Board School from Play Group to Senior Secondary. However, Gokul Academy is one of the Best CBSE Board Private Schools in Jaunpur. Which have is located at ...
Jaunpur, 222161
I would like to tell this about our school, that our identity is the best facility in semi-urban areas like Madianhu, whether teachers, transport, infrastructure, we give best faci...
Newdhiya Baraipar Jaunpur
Jaunpur, 222144
my professional work is a krishi my hobby i want my mother and father and I like you I love my india
Trilochan Mahadev, Nahar
Jaunpur
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