Shrushti astro, vastu, Numberology&tarot card classess &cousaltant
लक्ष्मीगणेश ज्योतिष,अंकशास्त्र,वास्तु ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट कोल्हापूर 9637125119 /9175313156
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जी.डी.राठोड फाउंडेशन दैनिक रोखठोक व लोकमत सखी मंच यांच्यामार्फत राष्ट्रीय गोल्डन ज्योतिष तज्ञ पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. यावेळी उपस्थित ब्रह्माकुमारी सुनंदा बहनजी, दैनिक रोकठोक चे पत्रकार व अध्यक्ष सुरेश राठोड,उपअधिक्षक पोलीस मा.सदानंद सदाशिव साहेब,लोकमत सखीमंच ,डॉ.शिवाजीराव शिंदे सोलापूर विद्यापीठ , मराठी विश्वकोष अध्यक्ष मा.कृष्णदेव गिरी साहेब आदी मान्यवर उपस्थित होते.
जी.डी.राठोड फाउंडेशन दैनिक रोखठोक व लोकमत सखी मंच यांच्यामार्फत राष्ट्रीय गोल्डन ज्योतिष तज्ञ पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. यावेळी उपस्थित ब्रह्माकुमारी सुनंदा बहनजी, दैनिक रोकठोक चे पत्रकार व अध्यक्ष सुरेश राठोड,उपअधिक्षक पोलीस मा.सदानंद सदाशिव साहेब,लोकमत सखीमंच ,डॉ.शिवाजीराव शिंदे सोलापूर विद्यापीठ , मराठी विश्वकोष अध्यक्ष मा.कृष्णदेव गिरी साहेब आदी मान्यवर उपस्थित होते.
💐 ज्योतिषाचार्य डॉ.सृष्टी मोरे 9637125119🌺 ....लग्नेश....
💐) किसी का लग्नेश 12 भाव में हो तो जातक व्यापार करणे लगते है ।
💐 )अगर लग्नेश 12 भाव मे हो जातक विदेश यात्रा करता है या विदेश में सेटलमेन्ट होता है ।
💐) सूर्ये के साथ शुक्र युति हो तो पुरूष जातक की कुंडली में तो उसकी शारीरिक संबंध बनाने समय कम होता है ।
💐) अगर सप्तम में चन्द्र हो कुन्डली मे तो जातक के निजी अंगों मे प्रॉब्लम होती है ।
💐)शुक्र और चन्द्र साथ हो तो ऐसे लड़कियों की सास से कभी नही बनती है । ऐसे जातक मे कामुक्ता ज़्यादा होती है जिस वजह से इन पर इल्ज़ाम लगते है l
💐) सरकारी नोकरी के लिए सूर्ये का दुसरे भाव या भाव पति और दसवें के स्वामी या दसवे भाव से शुभ संबंध होना चाहिए साथ ही छटे भाव से भी ।
💐) किसी भी जातक के 4th हाउस में अगर सूर्य मंगल राहु हो या इसका स्वामी सूर्य मंगल राहु केतु के साथ हो ऐसे जातक की माता का स्वभाव बहुत झगड़ालु होता है । ऐसे जातक माता से डर कर रहते है ।
💐) अगर राहु दूसरे घर के स्वामी के साथ हो परिवार से धोखा ।4th हाउस के साथ हो तो माँ से धोखा ।5th हाउस के साथ प्यार और बच्चों से धोखा ।सातवे के स्वामी साथ हो पार्टनर से धोखा । 10th के स्वामी के साथ हो वयापार मे धोखा ।
💐) दूसरे घर का स्वामी 12th मे हो छटे भाव मे हो 11 भाव का स्वामी छटे भाव मे हो 12th हो तो क़र्ज़ की स्थिति बनती है ।
💐)मंगल 3rd हाउस मे हो 6हाउस में हो 12th मे हो 11 भाव में जो तो किसी को कर्ज न दे क्योंकि यह किसी को पैसा देंगे तो वापिस नही आता ,
💐) अगर किसी का केतु 10th मे उनको बवासीर की प्रॉब्लम होती है ।
💐 )अगर केतु 6th हाउस मे हो तो जातक को भ्रामक रोग होता है ।
💐किसी के 5th हाउस मे सूर्ये हो या शुक्र सूर्ये 5th हाउस मे हो या चन्द्र के साथ हो तो जातक को पथरी की प्रॉब्लम होती है ।वो भी पिते की ।।
💐सप्तम मे मंगल हो ।और शनि कही से दृष्टि डालें सप्तम में तो पुरुष जातक मे दोष होता है । जातक शारिरिक सुख कम देता है ।🪷🪷🪷💫💫💫💫💫💫💫💫
श्री लक्ष्मी गणेश ज्योतिष कार्यालय व क्लासेस कोल्हापूर 9637125119...
🌹 गुरु ग्रह .......
🔹 सप्तम भाव मे गुरु क्या फल देता है...l
पहले जानेंगे सप्तम भाव क्या है ।और गुरु क्या है
🪷गुरु क्या है गुरु ज्ञान है ,गुरु पति है ,गुरु लाभ है ,गुरु धन का कारक है गुरु धर्म है कर्म है ,गुरू मुख्य रूप से आध्यात्मिकता को विकसित करने का कारक हैं. तीर्थ स्थानों तथा मंदिरों, पवित्र नदियों तथा धार्मिक क्रिया कलाप से जुडे हैं. गुरु ग्रह को अध्यापकों, ज्योतिषियों, दार्शनिकों, लेखकों जैसे कई प्रकार के क्षेत्रों में कार्य करने का कारक माना जाता है.
💐सप्तम् भाव क्या है सातवा भाव है शादी का ,व्यपार का ,पार्टनर का ,आपके प्राइवेट पार्ट का ऊपरी हिस्सा , आपकी सेक्सुअल लाइफ का , आपकी जीवन रोजमर्रा कामो का ,
🪷सप्तम भाव में बृहस्पति की स्थिति जातक को उदार और उदार बनाती है। वे अपने जीवन में पर्याप्त धन, ज्ञान, ज्ञान और सौभाग्य भी प्राप्त करते हैं। बृहस्पति की इस स्थिति वाले जातक अत्यधिक जिम्मेदार और ईमानदार होते हैं और अपने साथियों और वरिष्ठों का उचित सम्मान करते हैं। सप्तम भाव में बृहस्पति की स्थिति अच्छे वैवाहिक जीवन का वादा और धन और समृद्धि के मामले में दैवीय मदद का संकेत है। यह आपको उत्कृष्ट सामाजिक प्रतिष्ठा और अच्छे नैतिक मूल्यों वाला साथी दे सकता है। 7वें भाव में स्थित बृहस्पति आमतौर पर आपको एक उदार साथी के साथ संबंधों में रुचि देता है और एक पवित्र और सहायक व्यक्ति की कर सकता है।
🌹 सप्तम भाव में बृहस्पति विवाह के बाद जातकों के जीवन में धन और भाग्य लाता है, उन्हें समृद्ध बनाता है, जो उनके जीवन को आनंदमय और रोमांचक बनाता है। हो सकता है कि आप विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित न हों। आपका जीवनसाथी सुंदर, गोरा, धार्मिक और समर्पित जीवनसाथी हो सकता है। आपका जीवनसाथी प्रतिभावान होगा और उन्हें एक पुत्री की प्राप्ति होगी। उपयुक्त साझेदारों के कारण पार्टनरशिप और कोर्ट-कचहरी के मामलों में ख्याति प्राप्त होगी। इन लोगों को सरकार से धन लाभ हो सकता है। जातक देव सलाहकार या ज्योतिषी हो सकता है। ऐसे जातक कलाकार या फोटोग्राफर बन सकते हैं। ये लोग कूटनीतिक और न्यायिक मामलों में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। इन जातकों के अच्छे मित्र होंगे और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। जातक 34वें वर्ष में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकता है। आप शिक्षक, प्राचार्य, वकील, बैरिस्टर या जज बन सकते हैं।
🌹 जिस व्यक्ति की कुंडली में सातवें भाव मे बृहस्पति है वह शारीरिक संबंध बनाने से पहले दो बार सोचेगा। सातवें भाव में बृहस्पति आपको अपने जीवनसाथी के साथ सहज यौन मिलन या शारीरिक अनुकूलता से रोक सकता है।
💐 बृहस्पति के इस 7वें भाव स्थान के साथ कई पुरुष और महिलाएं या तो देर से शादी कर रहे हैं या असफल विवाह कर रहे हैं लेकिन तलाक नहीं ले रहे हैं। हालाँकि, देर से विवाह जीवन में आनंद और खुशियाँ ला सकता है। हालाँकि, अरेंज्ड मैरिज लंबे समय तक चलने वाली हो सकती है, और यदि आपका सप्तमेश सप्तम भाव में स्थित है, तो प्रेम विवाह संतोषजनक हो सकता है।
💐 विवाह, एक लिव-इन रिलेशनशिप, या बस एक यौन मिलन 7वें घर के बृहस्पति के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है, और अपने जीवनसाथी के साथ खुशी, संतुष्टि और शारीरिक अनुकूलता प्राप्त करना कठिन हो जाता है।
🪷सप्तम भाव में बृहस्पति की स्थिति आमतौर पर एक सुखी वैवाहिक जीवन का संकेत देती है। यदि यह राहु या केतु जैसे हानिकारक ग्रहों से कमजोर या पीड़ित नहीं है, तो बृहस्पति आपके विवाह की रक्षा करेगा। यह आपको एक अच्छा जीवन साथी और संतुष्टि देता है
जीवनसाथी से सामंजस्यपूर्ण वैवाहिक जीवन के साथ।
🪷 लेकिन केवल 7वें घर में बृहस्पति की स्थिति यह आश्वासन नहीं देती है कि विवाह अच्छा होगा। यदि आपकी कुण्डली में गुरु का 6वें, 12वें या 8वें स्थान पर आधिपत्य है, तो यह भी समस्याएं पैदा करेगा।
किसी भी कुण्डली में बृहस्पति सप्तम भाव में हो तो जातक को सुंदर और उदार पत्नी या पति की प्राप्ति होती है। वे एक भाग्यशाली जीवन साथी के साथ विलासिता और आराम के साथ एक आनंदमय वैवाहिक जीवन का आनंद लेंगे और अपने विवाह और जीवन साथी से लाभान्वित होंगे।
💐सप्तम् भाव में स्थित गुरु जातक को विद्वान बनाता है। ये लोग आमतौर पर धर्म और आध्यात्मिक मामलों में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। उच्च समाज के लोगों से इनके अच्छे संबंध होते हैं। सप्तम भाव के बृहस्पति वाले लोग मानसिक रूप से बहुत भावुक होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और भक्ति के साथ निभाते हैं। सप्तम भाव का बृहस्पति यदि पीड़ित नहीं है, तो आपको शीघ्र विवाह दे सकता है।
इस 7वें भाव में स्थित बृहस्पति शत्रुओं, विरोधियों और विरोधियों पर हावी होने की क्षमता देता है। बृहस्पति व्यक्ति को किसी दूसरे देश या शहर में स्थानांतरित करने में मदद करता है यदि वह जल राशि में हो। यह शारीरिक चोटों से जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
🪷यह स्थान, बृहस्पति, आपको विवाह के बाद अच्छी वित्तीय और सामाजिक स्थिति और अच्छी आय वृद्धि देगा। चूंकि बृहस्पति ईमानदारी का ग्रह है इसलिए आपकी सारी कमाई ईमानदारी से होगी जो बढ़ती रहेगी।
💐 इन व्यक्तियों की याददाश्त बहुत अच्छी होती है और ये अपने विचारों और विचारों को स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।
सप्तम भाव में बृहस्पति का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जब भी कोई समस्या होती है, तो जीवनसाथी का परिवार व्यक्ति को आर्थिक मदद और अन्य सभी प्रकार की सहायता देने के लिए आगे आता है
सप्तम भाव में बृहस्पति व्यक्ति को धन, आय, आय, प्रतिष्ठा और शक्ति के मामले में अनुकूल बनाता है, प्रेम संबंधों में सफलता प्रदान करता है, एक उपयुक्त वैवाहिक मैच प्राप्त करता है, और खरीदने और बेचने में लाभ देता है। बृहस्पति सही या वांछित उम्र में विवाह में मदद करता है।
सप्तम भाव में बृहस्पति व्यक्ति को अपने रिश्ते के बारे में बहुत चिंतित करता है, और इसलिए, वे एक धन्य और शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन जीने में सक्षम होंगे। बृहस्पति की इस स्थिति से जातकों को अपने संबंधों से लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा, इस प्लेसमेंट के कारण ये लोग कानूनी मामलों में भी सफल माने जाते हैं। स्व-रोज़गार या साझेदारी व्यवसाय दोनों जातक के लिए बहुत उत्पादक होंगे। कुछ लोग नियमित रूप से दैनिक सार्वजनिक मामलों और सार्वजनिक व्यवहार से संबंधित कार्यों में अच्छा करते हैं। कला, लेखन, गायन, एंकरिंग और मनोरंजन के क्षेत्र में आपको सफलता मिल सकती है...l🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
💐💐💐💐*गुंज💐💐💐💐 लक्ष्मी गणेश ज्योतिष कार्यालय कोल्हापूर 96 37 12 51 19 ही एक आयुर्वेदिक औषधी वनस्पती आहे. हिचा वेल असतो. गुंजेची पाने गोडसर असतात व विड्यात वापरतात. पूर्वीच्या काळी, सोन्याचे वजन करावयाचे भारतात वापरले जाणारे हे एक परिमाण होते. (एक गुंज=तोळ्याचा ९६वा भाग). गुंजेत दोन जाती आहेत. एक पांढरी व दुसरी लाल व तिसरी काळी . पांढऱ्या गुंजेची मुळे व पाला औषधात वापरतात. धर्म- गुंजेच्या मुळाची क्रिया जेष्ठमधासारखी होते.पाल्याचे धर्म मुळासारखे आहेत. मधुर, स्नेहन,कफशामक, मूत्रजनन आणि व्रणरोपण. उपयोग- जेष्ठमधाच्या ऐवजी गुंजेची मुळे वापरतात. खोकला व मूत्ररोगात प्रयोजक औषधाबरोबर मूळ देतात. पाला वाटून व्रणशोथावर व व्रणावर बांधल्याने थंडाई येऊन शोथ कमी होतो व व्रण रुजतो. स्वप्नभंगात पाल्याची गोळी तोंडात धरतात...
💐💐 ।। *गुंजाचे प्रयोग* ।। 💐💐
*संरक्षणासाठी* - पाच लाल आणि पाच पांढऱ्या गूंजा घेऊन त्यावर संरक्षण मंत्र - ॐ अं छ: आं छ: इं छ: अ: छ: 21 वेळा, *ॐ दुं दुर्गायै नमः* 24 वेळा. *वल्गा सूक्त* 11 वेळा *कालभैरवष्टक* 11 वेळा *श्री स्वामी समर्थ मंत्र* 11 माळ् *गायत्री मंत्र* 1 माळ् जप करावा नंतर पिवळ्या कापडाच्या पिशवित घालून पुरुषांनी आपल्या शर्ट च्या खिशात आणि स्त्रियांनी पर्स मधे ठेवाव्यात. परिणामी दृष्ट शक्ति पासून संरक्षण होईल.
*घरात शांति नांदण्यासाठी* - मातीच्या पंतीत तिळाचे तेल घालून ती पेटवावी व् त्यात चार काळ्या गूंजा टाकून दिवे लाग्न्यापूर्वी प्रवेशद्वाराजवळ ठेवावी. असे सलग सात दिवस करावे. परिणामी तुमच्या घरात सदैव सुख: शान्ति नांदेल.
💐💐*लक्ष्मीप्राप्तिसाठी*💐💐 (दिवाळीत )
- चार तांबड्या, चार पांढऱ्या आणि चार काळ्या गूंजा लाल कापडाच्या पिशवित घालून ठे वाव्या. त्यावर 1) *श्री स्वामी समर्थ* 11 वेळा 2) *गायत्री मंत्र* 1 माळ् 3) *लक्ष्मीगायत्री,विष्णुगायत्री* 1 माळ् 4) *कुबेर मंत्र* 21 वेळा. ही सेवा करावी नंतर ती पिशवी गल्ल्यात, तिजोरित किंवा कपाटात ठेवावी. सकाळ/संध्याकाळ उदबत्ती दाखवावी. याने लक्ष्मी प्राप्ति होऊन ती स्थिर राहील.
*पति प्रेम प्राप्तसाठी* -
विड्याची पाने कुसकरुण त्याचा रस काढून त्या रसात पांढरी गूंज उगाळुन त्याचे *गंध* कपाळी कुंकूवाच्या खाली लावावे.
*माता लक्ष्मी स्थिर राहन्यासाठी*
( दिवाळीत)- पांढऱ्या गूंजा विषम संख्येत घेऊन त्यावर श्री सूक्त16 वेळा, म्हणून त्या तिजोरित ,कपाट, गल्ल्यात ठेवाव्यात.o
।।श्री स्वामी समर्थ।।
🌹गूंजा चे दुर्मिळ प्रयोग🌹
1) दीपावळीच्या पाडव्याला 5पांढरी गूंज,5 काळी गूंज, 10 लाल गूंज घेऊन चौरस्त्यावर(जिथे 4रस्ते एकत्र येतात ती जागा) जाऊन मधे उभे राहून 5पांढरी गूंज पूर्व दिशेला फेकाव्या 5 काळी गूंज दक्षिण दिशेला फेकाव्या,5 लाल गूंज उत्तर दिशेला,5 लाल गूंज पश्चिम दिशेला फेकावे वरील क्रिया करतांना मुख पूर्वेला असावे.
सर्व प्रकारची अडलेलेली कामे होण्यासाठी👆🏻👆🏻🙏
2) घरात भांडण होत असतील तर रोज 11 काळी गूंज मातीच्या पणतीत घेऊन तिलाच्या तेलाचा दिवा दारासमोर लावावा.
3) 5लाल,5काळी,5पांढरी गूंज 1का पिशवित घेऊन त्यावर "श्री स्वामी समर्थ" हा महामंत्र जपून सोबत न्यावे
(सर्व कार्य सिद्धि साठी👆🏻🙏)
।।नरक चतुर्थी।।
तिन्ही प्रहरेला गृहलक्ष्मी ने तिच्या डाव्या हातात 3तपकिरी व् उजव्या हातात 3पांढऱ्या कवडया घेऊन आपल्या पती ची खालील मंत्राने दृष्ट काढावी
।।ॐ नमो हनुमंता ब्रिज का कोठा जिसमे पिंड हमारा बैठा ईश्वर कंची ब्रम्हा टाला इस घटपिंड का यती हनुमंत रखवाला।।
वरील मंत्र 7 वेळा म्हणून दृष्ट काढ़ावी व् दोन्ही हातातील कवडया घराबाहेर फेकाव्या.
क्रमशः
।।ॐ शक्ति पराशक्ति।।
गूंज प्रयोग।।
उर्वरित भाग-
1) संरक्षण साठी- 5 लाल व् 5 पांढऱ्या गूंज घेऊन त्यावर 21 वेळा संरक्षण मंत्र, ॐ दुं दुर्गाये नमः मंत्र 24 वेळा, वल्गा सूक्त 11 वेळा, कालभैरवअष्टक 11 वेळा, श्री स्वामी समर्थ मंत्र 11 माळ, गायत्री मंत्र 1 माळ जप करावा नंतर पिवळ्या कापड़ाच्या पिशवित घालून पुरुषांनी आपल्या शर्टच्या खिशात आणि स्त्रीयांनी पर्स मधे ठेवाव्या परिणामी दृष्ट शक्ति पासून संरक्षण होइल.
2) लक्ष्मीप्राप्ति- 4ताम्बड्या,4पांढऱ्या,4काळ्या गूंज लाल कापड़ात घेऊन त्यावर 1माळ श्री स्वामी समर्थ 1माळ गायत्री मंत्र, श्री सूक्त पुरुष सूक्त 1-1 वेळेस, विष्णु व् लक्ष्मी गायत्री माळ 1-1 वेळेस व् कुबेर मंत्र 21 वेळा ही सेवा करावी नंतर ते बांधून गल्ल्यात, तिजोरित किंवा कपाटात ठेवावी. सकाळ संध्याकाल धुप/अगरबत्ती दाखवावी याने लक्ष्मी प्राप्ति होऊन स्थिर राहील.
3) वसूली होण्यासाठी,हातउसने दिलेले पैसे परत मिळण्यासाठी- ज्या वक्ती कड़े रक्कम अड़कलेली असेल तिचा चेहेरा मन:चक्षु पुढे आणून व त्याच्या नावाचे चिंतन करत रोज दिवे लागनिच्या वेळी 1 ताम्बडी गूंज मारुतिच्या मंदिरात जाऊन त्यांच्या पायाशी ठेवावी असे सलग 21 दिवस करावे. वारंवार तगादा करुण ही पैसे वसूल होत नाही त्यांनी हा प्रयोग नक्की करावा.
4) पती प्रेम प्राप्तिसाठी- विडया ची पाने कुसकरुन त्याचा रस काढून त्या रसात पांढरी गूंज उगाळून त्याचा गंध कपाळी कुंकुवाच्या खाली लावावा.
5)कर्जमुक्तिसाठी- मंगळवारी सूर्योदयापूर्वी उठून स्नान करावे व् 4 पांढऱ्या,4 काळ्या,आणि 4 ताम्बड्या गूंज 1का पिवळ्या कापड़ाच्या पिशवित घेऊन तिचे तोड़ बंद करावे त्यावर
1. गणेश ऋणहरण मंत्र 1माळ
2. गणेश ऋणहरण स्तोत्र 1वेळा
3.कमलात्मक मंत्र 1 माळ
4. श्री स्वामी समर्थ मंत्र 1माळ
5. गायत्री मंत्र 1माळ
ही सेवा करावी व् ती पिशवी कपाटात, तिजोरित ठेवावी.
ज्योतिषाचार्य डॉ. सृष्टी मोरे 9637125119 कोल्हापूर
ज्योतिषाचार्य डॉ.सृष्टी मोरे कोल्हापूर 9637125119💐*भगवान श्री हनुमान जी जन्मोत्सव 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार की असीम शुभकामनाएं*💐💐💐💐💐💐💐
23 अप्रैल 2024 दिन मङ्गलवार, चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को श्री हनुमानजी का जन्म उत्सव का पर्व मनाया जाएगा। इस बार २३अप्रैल को मनाये जाने वाले श्रीहनुमान जन्मोत्सव पर्व पर हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से करें तो यह आपके लिए बड़ा ही लाभकारी रहेगा। इस दिन आप महावीर हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय भी कर सकते हैं। इससे हनुमानजी आपके जीवन से तमाम कष्ट हर लेंगे और अपनी कृपा बनाए रखेंगे।श्रीहनुमान जी की पूजा- उपासना, अनुष्ठान इत्यादि में शुद्धता व पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।श्रीहनुमान जी की पूजा उपासना के लिए एक दिन पहले से ही आप पवित्रता के नियमों का पालन करें।एक दिन पहले से ही तामसिक भोजन का त्याग कर दें, लहसुन प्याज इत्यादि का सेवन ना करें और पवित्र आचरण रखें।श्रीहनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करें व स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इस दिन निरंतर श्रीहनुमान जी के आराध्य श्रीराम जी के नाम जो हनुमानजी का विशेष प्रिय नाम है "श्री राम" नाम के जप करते हुए श्रीहनुमान जी के लिए फूल- फल इत्यादि की व्यवस्था करें।
उसके उपरांत आप साफ स्वच्छ आसन पर बैठे और हनुमानजी की पूजा- उपासना करें।......
आप इस दिन पवित्र आचरण रखें, कम बोलें, व्रत उपवास रखें। झूठ, छल, कपट, ईर्ष्या, लोभ- वासना इत्यादि अवगुणों से दूर रहें ।आप इस दिन एक समय हनुमान जी के भोग लगाया हुआ प्रसाद ग्रहण करें। इस दिन आप फल दूध इत्यादि ले सकते हैं और एक समय भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
हनुमानजी की उपासना के लिए आवश्यक वस्तु एक दिन पहले जुटा लें जैसे- नारियल, सुपारी, सिंदूर चंदन, जनेऊ, शुद्ध देसी घी, शुद्ध अच्छी क्वालिटी की धूप, फल, प्रसाद इत्यादि।
💐श्रीहनुमान जी की प्रसन्नता के लिए इस दिन आप सुंदरकांड का भी पाठ कर सकते हैं, एक शुद्ध देसी घी का दीपक जलाकर, साफ- शुद्ध आसन पर बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें, इससे सभी मनोकामना पूर्ण होगी और जीवन में चल रहे कष्टों से मुक्ति मिलेगी।इस दिन आप १०८ हनुमान चालीसा का पाठ किसी एकांत जगह में बैठकर, जैसे- किसी पवित्र नदी के किनारे, पीपल, बड़, बरगद के पेड़ के नीचे या घर में किसी एकांत जगह बैठकर हनुमान चालीसा के पाठ कर सकते हैं, यह पाठ आप श्रीहनुमान मंदिर में बैठकर भी कर सकते हैं, और इस दिन के बाद निरंतर प्रतिदिन सुबह शाम दोनों समय श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दें, आपके ऊपर हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी और और सभी अटके हुए काम पूर्ण होने लगेंगे।
यदि आप किसी शत्रु, रोग, मुकदमा इत्यादि बड़ी परेशानी से घिरें हुए हैं तो गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाकर १०८ बार आप हनुमान अष्टक के पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से हनुमानजी के सभी कष्टों को दूर करते हैं।
इस दिन आप हनुमान मंदिर में बैठकर श्रीराम जी के किसी भी मंत्र का जप कर सकते हैं जैसे- "श्री राम जय राम जय जय राम" इससे हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद व उनकी भक्ति प्राप्त होती है।
श्री हनुमान जी को चमेली, गुलाब, गेंदा, हजारा, गुड़हल के फूल से उनका सिंगार करें, उनके श्री चरणों में अर्पित करें। फलों में मौसमी फल जैसे- केला, संतरा, अंगूर इत्यादि भी अर्पित करें।
💐श्रीहनुमान जन्मोत्सव के दिन पूरी श्रद्धा भाव से श्री हनुमानजी को सिंदूर का चोला, चंदन, पान का बीड़ा, जनेऊ, नारियल, धूप-दीप आदि चढ़ाएं।
इस दिन श्रीहनुमान जी को पवित्रता और शुद्धता से बने हुए प्रसाद का ही भोग लगाएं,जैसे- गुड़-चना, गाय के शुद्ध घी में बनी हुई बूंदी, चूरमा, मोतीचूर के लड्डू, फल इत्यादि का भोग लगाए।यदि आपकी जन्मकुंडली में किसी प्रकार का दोष है जैसे- मंगल दोष, शनि, राहु दोष, चंद्र- सूर्य ग्रहण दोष, पितृ दोष या किसी भी तरह का ग्रह- नक्षत्र दोष है और जिसके कारण आपके जीवन में शादी- विवाह में रुकावट पैदा हो रही है, संतान सुख में बाधा है, नौकरी व्यापार में असफलता प्राप्त हो रही है। तो इस दिन आप कुछ सामान्य उपाय करके ग्रह- नक्षत्र के प्रतिकूल प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।
💐💐💐💐💐🌹🌹💫💫💫💫💫💫💫🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: राजनीति यानि ऐसी नीति बनाना जिससे किसी भी पद पर बैठकर राज किया जा सके। राजनीति करना सबके बस की बात नहीं होती है। ज्योतिष की मदद से और कुंडली अध्ययन से मालूम हो सकता है कि व्यक्ति राजनीति में सफल हो पाएगा या नहीं। Dr. Shrushti More Astro🌹😘: राजनीति के लिए कौन से ग्रह होते हैं जिम्मेदार
ज्योतिष विद्या के अनुसार 4 ग्रह किसी भी व्यक्ति को कुशल और चालाक राजनेता बना सकते हैं।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: गुरु
राजनीति का कारक दूसरा ग्रह गुरु होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु उच्च हो और दशम से संबंध रखे तो व्यक्ति एक अच्छा राजनेता बनता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: राहु
ज्योतिष में राहु को राजनीति का ग्रह माना गया है। यदि किसी की कुंडली में राहु का संबंध दशम भाव से हो या यह स्वयं दशम में हो तो व्यक्ति कुशल और प्रखर राजनेता बनता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: बुध
कुंडली में बुध मजबूत होने पर व्यक्ति एक अच्छा वक्ता होने के साथ उसके अंदर राजनीति की अच्छी समझ होती है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: सूर्य
सूर्य मान-सम्मान और यश का कारक है। सूर्य लग्न, चौथा, नवम या दशम में हो तो व्यक्ति राजनीति में उच्च पद प्राप्त करता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: कुंडली का लग्न भाव और राजनीति कनेक्शन
कुंडली के पहले भाव या घर को लग्न भाव कहा जाता है। इस घर में जो राशि होती है, कुंडली उसी लग्न की मानी जाती है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: अगर किसी जातक की कुंडली मेष लग्न की हो और इसके सूर्य, मंगल, शनि और राहु शुभ हो तो व्यक्ति राजनेता बनता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: वृषभ लग्न की कुंडली राहु के साथ शुक्र भी शुभ हो तो राजनीति में प्रखरता आती है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: मिथुन लग्न की कुंडली में शनि, सूर्य, बुध अच्छी स्थिति में होने से व्यक्ति राजनीति में नाम कमाता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: कर्क लग्न की कुंडली में शनि, मंगल, राहु, सूर्य, बुध लाभ की स्थिति में हो तो राजनीति में यश मिलता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, मंगल, राहु के कारण व्यक्ति को राजनीति विरासत में मिलती है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: बुध के साथ सूर्य, राहु, गुरु, शनि शुभ हों तो व्यक्ति राजनीति में रुचि लेता है और सफल होता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: सूर्य, गुरु, शनि, मंगल की वजह से राजनीति में अपार सफलता पाता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: वृश्चिक लग्न
मंगल, गुरु, शनि, चंद्र, राहु के कारण व्यक्ति नेता बनता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: धनु लग्न
सूर्य, बुध, शुक्र की शुभ स्थिति के कारण व्यक्ति नेता बनता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: मकर लग्न -
राहु, बुध, शुक्र के शुभ योगों से व्यक्ति राजनीति में प्रवेश करता है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: कुंभ लग्न
सूर्य, शुक्र, राहु की अच्छी स्थिति व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र मेंं महारत हासिल होती है।
Dr. Shrushti More Astro🌹😘: मीन लग्न
चंद्र, शनि, मंगल, शुक्र के कारण राजनीति में सफलता मिलती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. सृष्टी मोरे कोल्हापूर 9637125119 कुंडली हस्तरेषा, अंकशास्त्र, वास्तुशास्त्र, ते आधार पर हर समस्या का समाधान मार्गदर्शन ..... 💐कहां और कैसे रखें
झाड़ू..........................झाडू से घर में प्रवेश करने वाली बुरी अथवा नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। अत: इसके संबंध ध्यान रखें कि...
1💐 खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है, इसलिए इसे छिपा कर रखें।
2💐 भोजन कक्ष में झाड़ू न रखें, क्योंकि इससे घर का अनाज जल्दी खत्म हो सकता है। साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
3💐 यदि अपने घर के बाहर हर रोज रात के समय दरवाजे के सामने झाड़ू रखते हैं तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है। ये काम केवल रात के समय ही करना चाहिए। दिन में झाड़ू छिपा कर रखें।
🏠घर् में पोंछा लगाते समय करें ये उपाय....
💐जब् भी घर में पोंछा लगाते है, तब पानी में थोड़ा-सा नमक भी मिला लेना चाहिए। नमक मिले हुए पानी से पोंछा लगाने पर फर्श के सूक्ष्म कीटाणु नष्ट होंगे। साथ ही, घर की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म हो जाएगी।
💐 झाडू से जुड़े शकुन-अपशकुन.....
1💐 अगर कोई बच्चा घर में अचानक झाड़ू लगा रहा है तो समझना चाहिए अनचाहे मेहमान घर में आने वाले हैं।
2💐 सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू पोंछा गलती से भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करना अपशकुन माना जाता है।
3💐 झाड़ू पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए। ऐसा होने पर लक्ष्मी रूठ जाती हैं। यह अपशकुन है।
पोंछा से जुड़ी खास बातें....
1💐 घर में नियमित रूप से पोछा लगाने से आपके घर में लक्ष्मी का निवास होने लग जाता है।
2💐पुरानी मान्यता है कि गुरुवार को घर मेंं पोछा न लगाएं ऐसा करने से लक्ष्मी रूठ जाती है। शेष सभी दिनों में पोंछा लगाना चाहिए।
3💐 पोंछा लगाने वाले पानी में पांच चम्मच सादा समुद्री नमक मिलाने से सकारात्मक असर जल्दी होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा को कम किया जा सकता है।
झाड़ू से जुड़े कुछ और शकुन-अपशकुन.......
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1💐 कभी भी गाय या अन्य जानवर को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए। यह अपशकुन माना गया है।
2💐 कोई भी सदस्य किसी खास कार्य के लिए घर से निकला हो तो उसके जाने के तुरंत बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने पर उस व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
3💐 झाड़ू को कभी भी खड़ी करके नहीं रखना चाहिए। यह अपशकुन माना गया है।
4💐 हम जब भी किसी नए घर में प्रवेश करें, उस समय नई झाड़ू लेकर ही घर के अंदर जाना चाहिए। यह शुभ शकुन माना जाता है। इससे नए घर में सुख-समृद्धि और बरकत बनी रहेगी।
5💐 हमेशा ध्यान रखें कि ठीक सूर्यास्त के समय झाड़ू नहीं निकालना चाहिए। यह अपशकुन है।
महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय
देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए घर के आसपास किसी भी मंदिर में तीन झाड़ू रख आएं। यह पुराने समय से चली आ रही परंपरा है। पुराने समय में लोग अक्सर मंदिरों में झाड़ू दान किया करते थे।
💐ध्यान रखें ये बातें-
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💐 मंदिर में झाड़ू सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रखना चाहिए।.......
💐 यह काम किसी विशेष दिन करना चाहिए। विशेष दिन जैसे कोई त्योहार, ज्योतिष के शुभ योग या शुक्रवार को।
💐 इस काम को बिना किसी को बताए गुप्त रूप से करना चाहिए। शास्त्रों में गुप्त दान का विशेष महत्व बताया गया है।
💐 जिस दिन यह काम करना हो, उसके एक दिन पहले ही बाजार से 3 झाड़ू खरीदकर ले आना चाहिए ...........💐💐💐💐💐💐💐💐💐
*अपना मकान कब तक बन पाएगा?* ........
ज्योतिषाचार्य डॉ.सृष्टी मोरे कोल्हापूर 9637125119 ज्योतिष ,वास्तु,अंकशास्त्र वर्ग सुरु है......
🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हममें से कई लोग किराये के मकान पर ठोकरे खाते रहते है तो कुछ लोगों के पास अच्छा अपना मकान न होने की वजह से अच्छे निवास की दिक्कत रहती है आदि तो आज इसी बारे में बात करते है मकान कब तक बन पाएगा और कब-कब मकान बनने का समय आ रहा है और कब तक अपने मकान में जाकर रह पाएंगे आप आज इसी बारे में बात करते है। कुंडली का चौथा भाव और चौथे भाव स्वामी मकान के है .....तो मंगल भूमि(जमीन)का कारक है तो शनि मकान निर्माण का कारक है।अब कुंडली मे चौथा भाव और चौथे भाव स्वामी बलवान होकर बैठे है और मंगल शनि भी कुंडली मे बलवान होकर बैठे है साथ ही चौथे भाव और चौथे भाव स्वामी को कुंडली के अनुकूल ग्रहो का सम्बन्ध बनकर सहयोग मिल रहा है तब मकान बनने की स्थिति अच्छी बनी हुई है, कुंडली मे बलवान चौथे भाव और चौथे भाव स्वामी से मंगल या शनि कक सम्बन्ध बहुत जल्दी मकान देगा इसके अलावा आपकी कुंडली मे चौथा भाव+चौथे भाव स्वामी और मंगल शनि यह सब राजयोग में या शुभ योगों में है तब बहुत बढ़िया मकान बन जायेगा।अब मकान बनने या खरीदने के योग कैसे है और कब तक आपका अपना मकान हो पायेगा अब यह सब कुछ उदाहरणों से समझते है?? उदा. मेष लग्न कुंडली मे चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा यहाँ मजबूत होकर जमीन-मकान के कारक मंगल के साथ सम्बन्ध में है तब अपना मकान यहाँ आपका हो जाएगा, इसके अलावा चौथे भाव+चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा का सम्बन्ध कुंडली के यहाँ कारक ग्रहो शुक्र गुरु सूर्य जैसे ग्रहो से है और मंगल व शनि कुंडली में बलवान है तब यहाँ बहुत शानदार मकान बन जायेगा।अब जब चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा या फिर चौथे भाव-चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा से सम्बन्ध बना रहे ग्रहो की महादशा अन्तर्दशाये आएगी उसी समय मकान आपका हो जाएगा या मकान बनने/ख़रीदने के रास्ते बन जाएंगे। उदा.तुला लग्न में चौथे भाव के स्वामी शनि है अब शनि कुंडली में बलवान होकर मंगल या यहाँ शुक्र बुध जैसे ग्रहो से संबध में है और मंगल शनि यह दोनों ही कुंडली मे बलवान है तब मकान यहाँ बन जायेगा।अब यह मकान यहाँ चौथे भाव स्वामी शनि या शनि से सम्बन्ध बनाने वाले ग्रहो की महादशा अन्तर्दशाये जब शुरू होंगी तब उस समय मकान आपका हो जाएगा। उदा.मीन लग्न में चौथे भाव स्वामी बुध कुंडली मे यहाँ मजबूत होकर राजयोग में हो जैसे मंगल या शनि या मंगल गुरु जैसे ग्रहो से सम्बन्ध में बुध है या चौथे पर मंगल शनि का शुभ प्रभाव है और चौथे भाव स्वामी बुध बलवान है कुंडली मे मकान बन जायेगा।अब बुध या चौथे भाव या बुध/चौथे भाव स्वामी की दशा आने पर मकान बन जायेगा।.....💐💐💐💐💐
विंड चाईम् ............ वास्तुतज्ञ अंक शास्त्रज्ञ ज्योतिषाचार्य सृष्टी मोरे. कोल्हापूर 96 37 12 5119। ;;;; 💐आम तौर पर देखा जाता है कि लोग अपने घरों में सजावट के तौर पर विंड चाइम लगा रखी है। कहा जाता है कि विंड चाइम नेगेटिविटी को दूर रखती है। फेंगशुई में विंड चाइम को सुख-समृद्धि के लिए लाभकारी वस्तु माना गया है। मान्यता है कि इसे लगाने से घर में सौभाग्य आता है। लेकिन अगर ये सही दिशा और स्थान पर न लगी हो, तो यह लाभ पहुंचाने की जगह हानि पहुंचाती है। फेंगशुई के मुताबिक, घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में अगर स्टोर रूम, किचन, बाथरूम हो, तो यहां मेटल की विंड चाइम लगाना लाभकारी होता है। इसे घर में ऐसे स्थान पर लगाना शुभ होता है, जहां इसके नीचे कोई बैठता न हो। ये नकारात्मक ऊर्जा को खींचती है। अगर यह ऐसे स्थान पर लगी है, जहां घर के सदस्य बैठते हैं, तो इससे उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसलिए ये जानने अति आवश्यक माना जाता है कि घर में कैसी win Chimes लगानी चाहिए। तो आइए जानते हैं-
5 और 6 Rod वाली विंड चाइम
ऐसा माना जाता है कि पांच रॉड वाले विंड चाइम को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। वहीं 6 रॉड वाली पीले रंग की विंड चाइम को उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाया जाए तो यश और पैसा दोनों की कभी कमी नहीं होती।.
7 Rod वाली विंड चाइम
7 रॉड वाली सिल्वर और सफेद रंग की विंड चाइम को पश्चिम दिशा में लगाने से आपके पारिवारिक रिश्ते मधुर होंगे और दोस्तों के साथ भी खूब बनेगी।
यहां जानें विंड चाइम खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
इसे खरीदते समय यह ध्यान दें कि इसकी आवाज कर्कश न होकर मधुर हो। घर के भीतर टांगने के लिए विंड चाइम खरीद रहे हैं, तो यह बहुत ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। अगर इसे घर के बाहर या बड़े कमरे के अंदर लटकाना है, तो इसका आकार बहुत छोटा नहीं होना चाहिए। अगर आपके घर या ऑफिस में एक ही लाइन में तीन दरवाजे हैं, तो इनके बीच में 5 रॉड वाली विंड चाइम टांगनी चाहिए। यह रोग या किसी भी प्रकार की विपदा से बचाव करती है।
मिट्टी से बनी विंड चाइम, जिनमें 2 या 9 रॉड होती हैं, संबंधों को मधुर बनाए रखने में सहायक होती है। घर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में इन्हें टांगने से आपसी संबंधों में मजबूती व मधुरता आती है। और जो लोग जॉब में तरक्की पाना चाहते हैं, वे यैलो कलर की विंड चाइम को उत्तर-पश्चिम दिशा में लटकाएं। और अगर सिरेमिक की विंड चाइम लगाते हैं तो ध्यान रखें कि इसे दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पूर्व या केंद्र में लगाना अच्छा रहेगा। इसके अलावा अगर आपने बच्चे का कमरा उत्तर की ओर बनाया है, तो उस कमरे के लिए धातु की विंड चाइम का उपयोग करें। फेंगशुई के अनुसार पश्चिम दिशा को बच्चों का क्षेत्र माना जाता है। इस स्थान पर अंदर से खाली धातु की बेलनाकार विंड चाइम लगाएं, तो घर में शांति कायम रहेगी।.....💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ज्योतिष विषारद अभ्यासक्रम पूर्ण केल्याबद्दल सर्व विध्यार्थ्यांचे मनापासून अभिनंदन 💐💐💐💐💐🌹🌹🪷🪷
ज्योतिष विशारद अभ्यासक्रम पूर्ण केल्याबद्दल देविकाचे खूप खूप अभिनंदन 💐💐💐💐💐🎉🎉🌹🌹💕💕🪷🪷
नोकरी, नोकरी, करियर नेमकं कोणत्या क्षेत्रांमध्ये करिअर होईल किंवा शिक्षण कोणत्या क्षेत्रात होईल धनयोग, राजयोग असे सर्व प्रश्न कसे पाहावे यासंदर्भातील सर्व डिटेल्स माहिती शिकवले जाईल 9637125119 या नंबर वर बुकिंग करा
पंचांग कसे पहावे, कुंडली कशी काढावी, दशा कशा पहाव्या तिथी वार योग,करण, नक्षत्र, ग्रह अस्त, मार्गी, स्तंभि, ग्रहाचे मित्र शत्रू,राशी माहिती असा खूप अभ्यासक्रम शिका वर्कशॉप मध्ये ऑफलाईन पेठ वडगाव येथे आजच बुकिंग करा --9637125119
*वैवाहिक जीवन कष्टकारी बना हुआ है, तो कब तक होगा सही?
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शादी हो जाना और शादी हो जाने के बाद वैवाहिक जीवन कष्टकारी बन जाए तो जीवन नर्क सा लगता है।आज इसी बारे में बात करते है अगर वैवाहिक जीवन कष्टकारी बना हुआ है, यहां तक कि पति पत्नी से या पत्नी पति से अलग होने की स्थिति तक आ गए है तब क्या वैवाहिक जीवन सही हो पायेगा ,क्या तलाक/अलगाव तो नही हो पायेगा और क्या वैवाहिक जीवन सही होकर लंबे समय चलेगा आदि इसी बारे में बात करते है??। कुंडली का 7वा भाव विवाह/वैवाहिक जीवन का है तो शनि राहु केतु मंगल और कुंडली के छठे,आठवें,12वे भाव वैवाहिक जीवन को कष्टकारी बनाते है।अब 7वे भाव/7वे भाव स्वामी पर शनि मंगल राहु केतु का संबंध या प्रभाव है या छठे,आठवें,12वे भाव स्वामियों से 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी और वैवाहिक जीवन के कारक गुरु/शुक्र का संबंध बना हुआ है तब वैवाहिक जीवन कष्ट से चलेगा, यह परेशानी पति या पत्नी की तरफ से रहेगी जैसे की पत्नी का पति को या पति का पत्नी को अहमियत न देना, लड़ाई झगड़ा करना, गलत व्यवहार करना आदि के कारण।ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार अब इस तरह की समस्या वैवाहिक जीवन में हो रही है तब अगर 7वे भाव/7वे भाव स्वामी का संबंध शुक्र या गुरु या बुध चंद्र शुक्र से है और यह शुभ ग्रह इस लग्न कुंडली के कारक या शुभ भावपति होकर 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी से संबंध बना रहे है तब वैवाहिक जीवन में जो भी परेशानियां है धीरे धीरे खत्म होगी और वैवाहिक जीवन में सुधार भी होगा,जब 7वे भाव संबंधी इन शुभ ग्रहों की महादशा अंतर्दशाए जीवन में आयेगी उस समय से वैवाहिक जीवन के सुधार होकर अच्छा परिवर्तन होने लगेगा और तलाक या प्रथकता नही होगी।जो भी ग्रह वैवाहिक जीवन में सुधार कर रहे है उन ग्रहों के उपाय करने से वैवाहिक जीवन संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाएगी आदि। अब कुछ उदाहरणों से समझते है उपरोक्त सभी बातो को? उदाहरण_ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_ मेष लग्न में 7वे भाव स्वामी शुक्र है अब शुक्र कुंडली में बली हो और शनि राहु केतु मंगल या अशुभ भावों 6, 8,12स्वामियों से पीड़ित हो गए है तब यहां वैवाहिक जीवन कष्टकारी/पति या पत्नी की तरफ से परेशानियां आदि दिक्कतो के कारण वैवाहिक जीवन कष्टकारी बना रहेगा पर अब यहां 7वे भाव/ 7से भाव स्वामी का संबंध कुंडली के गुरु चंद्र और केंद्र त्रिकोण भावों से है तब यहां वैवाहिक जीवन की भी समस्याएं है वह खत्म होगी और वैवाहिक जीवन में भी सुधार होगा ,अब जब,जब वैवाहिक जीवन में सुधार करने वाले ग्रहों की महादशा अंतर्दशा शुरू होगी। उदाहरण_ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार:- तुला लग्न में 7वे भाव स्वामी मंगल है अब मंगल कुंडली में मंगल बली है लेकिन फिर भी यह मंगल और विवाह का कारक शुक्र/गुरु पाप/क्रूर ग्रहों से जो की शनि मंगल केतु राहु है इनसे पीड़ित है तब निश्चित ही शादीशुदा जीवन कष्ट से चलेगा, जीवनसाथी के कारण वैवाहिक जीवन कष्टकारी बनेगा या फिर जिस भी कारण से ग्रह वैवाहिक जीवन को कष्टकारी बना रहे होंगे उसी स्थिति अनुसार वैवाहिक जीवन कष्ट से व्यतीत होगा लेकिन तब यहां मंगल और 7वे भाव कुंडली के यहां सुधार करने वाले ग्रहों शुक्र बुध चंद्र से शुभ स्थिति में संबंध में है और मंगल जो की विवाह का स्वामी है यह नवमांश कुंडली में भी बली है तब वैवाहिक जीवन समय के साथ धीरे धीरे सही होने लगेगा कुछ उपाय करने से। उदाहरण_ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान के अनुसार-मीन लग्न में 7वे भाव स्वामी बुध है अब बुध कुंडली में 7वे भाव में ही बैठे हो और गुरु की 7वे भाव पर दृष्टि हो तब यहां वैवाहिक जीवन में अगर किसी भी कारण से परेशानियां चल रही है या वैवाहिक जीवन कष्टकारी बना हुआ है तब निश्चित ही यहां वैवाहिक जीवन सही होकर सुख से व्यतीत होने लगेगा, 7वे भाव संबंधी शुभ/अनुकूल ग्रहदशा आने पर शादी हो जाती है l ज्योतिषाचार्य डॉ.सृष्टी मोरे पंडीत कोल्हापूर 9637125119
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