Kuldeep Singh Bana
Its all About Rajputana �
जय माँ भवानी ।। जय जय राजपु?
दादा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को मुखागनी दी गयी 😭😭😭
यह आवाज़ हमेशा हमेशा के लिए बन्द 😥
आज राजपूत समाज का एक योद्धा हम लोगों को छोड़ कर चला गया
🙏🙏🚩
कुंडा में कुंडी लगाने वाले कहा गए ?
राजा भैया...रघु प्रताप सिंह जीते
राजा भैया एक बार पुनः चुनाव जीते इसके साथ भैया का नाम गिनीज बुक में लगातार mla 8 बार बनने का रिकॉर्ड कुंडा फतेह...
ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ जो कुंडा में कुंडी लगा सके। देश में 22 करोड़ आबादी क्षत्रियों की है।और हम एक है । जय राजपुताना 🙏🙏
जय भवानी 🚩🙏
जय रघुराज 🙏🙏
जय राजपुताना 🙏🚩
मुस्लिम इलाके में गाय को छुड़वाने के लिए गई पुलिस....बिना गाय को लिए वापस आई...? पुलिस को बिना गाय के आता देख, #राजपूत भाईयो ने बिना किसी सपोर्ट के मुस्लिम इलाके में से गाय माता को कसाइयों से छुड़वाया। 🙏
#क्षत्रिय_धर्म_युगे_युगे
" #महाराणा_प्रताप" प्रतिज्ञा
09 मई 1540 - 19 जनवरी 1597
'जब तक मैं शत्रुओं से अपनी पावन मातृभूमि को मुक्त नहीं करा लेता, तब तक न तो मैं महलों में
रहूँगा, न शैय्या पर सोऊंगा और ना ही सोने-चांदी अथवा किसी धातु के पात्र में भोजन करूँगा ।वृक्षों
की छाँव ही मेरा महल, घास ही मेरा बिछौना और पत्ते ही मेरा भोजन करने के पात्र होगें ।"
मुझे गर्व है कि मैं #राजपूत हूँ.... और आपको ?
जयपुर मिर्ज़ा राजा मान सिंहजी प्रथम की ‘5 किलो की तलवार’। जो वर्तमान में जयपुर सिटी पैलेस म्यूज़ीयम में स्थित है।
जय एकलिंगजी री 🚩 जय जय मेवाड़ ⚔️ जय महाराणा प्रताप !!
बताया गया हिन्दू 800 साल गुलाम रहे😊
फिर भी 1947 मे 85% हिन्दू संख्या भारत मे थी,और इसी समय दुनिया मे 56 देश इस्लामिक हो चुके थे😊
और लोग सवाल करते है राजपूतो ने क्या किया
बेटा राजपूत ना होते तो 56 से 57 देश हो जाते इस्लामिक और आज तुम राहुल सोनू मोनू की जगह शाहरुख सलीम खलिम नाम के होते
जवाब चाहिए तो अपने बाप दादाओ से पूछो जाकर राजपूतो ने क्या किया ?
भदौरिया चौहानों के शौर्य का प्रतीक - अटेर दुर्ग
इस किले का निर्माण राजा बदनसिंह जी भदौरिया ने
1664 ई. में करवाया था। ( भिण्ड, मध्यप्रदेश )
"महाराणा संग्रामसिंह जी मेवाड़ (राणा सांगा) की 493वीं पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन"
* शरीर पर 84 घावों के कारण महाराणा सांगा को "मानवों का खंडहर" भी कहा जाता है।
* इन महाराणा का कद मंझला, चेहरा मोटा, बड़ी आँखें, लम्बे हाथ व गेहुआँ रंग था। दिल के बड़े मजबूत व नेतृत्व करने में माहिर थे। युद्धों में लड़ने के शौकीन ऐसे कि जहां सिर्फ अपनी फौज भेजकर काम चलाया जा सकता हो, वहां भी खुद लड़ने जाया करते थे।
* महाराणा सांगा अंतिम शासक थे, जिनके ध्वज तले खानवा के युद्ध में समस्त राजपूताना एकजुट हुआ था।
* महाराणा सांगा के समय मेवाड़ दस करोड़ सालाना आमदनी वाला प्रदेश था।
* महाराणा सांगा द्वारा बाबर को हिंदुस्तान में आमंत्रित करने की घटना मात्र एक भ्रम है, जो स्वयं बाबर द्वारा फैलाया गया। जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित धारावाहिक "भारत एक खोज" द्वारा बिना किसी ठोस आधार पर इसे और फैलाया गया, वरना जिन महाराणा ने दिल्ली के बादशाह इब्राहिम लोदी को 2 बार परास्त कर भगाया हो वे भला बाबर से मदद की आस क्यों रखेंगे। वास्तव में इब्राहिम लोदी से अनबन के चलते पंजाब के गवर्नर दौलत खां लोदी ने बाबर को भारत में आमंत्रित किया था।
* खातोली के युद्ध में महाराणा सांगा का एक हाथ कट गया व एक पैर ने काम करना बंद कर दिया था।
दुनिया के इतिहास में शायद क्षत्रिय ही सिर्फ इकलौती कौम है, जिसके वीरता और पराक्रम की गाथाएं दुश्मनों की लिखी हुई किताबों में अधिक मिलती है।
चंगेज खान और तैमूर के वंशज बाबर ने अपनी आत्मकथा पुस्तक "बाबरनामा"में अपने समय राजपूत "राणा सांगा"जी की शक्ति का वर्णन किया है, कि कैसे खानवा के युद्ध से पहले जिसमे उसने तोपो बंदुखो/बारूदो का इस्तेमाल नहीं किया था और उस कन्वेंशनल युद्ध में जिसे बयाना का युद्ध कहा जाता है। उस परंपरागत हुए युद्ध में किस तरह राजपूतों ने उसे बुरी तरह परास्त किया था।
जब चंगेज खान का वंशज और मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर ने लिखा कि राजपूत अपनी वीरता तलवार पराक्रम के बल उस समय सबसे बड़ी शक्ति थे। जिनका सामना करने की हिम्मत दिल्ली गुजरात मालवे के सुल्तानों में एक भी बड़े सुल्तान में नहीं थी।
ये ताकत राजपूतों की शुरुआती 16 वी सदी में थी। जब तुर्क अफ़ग़ान शक्तियां भी अपने चरम पर थी। तो राजपूतों को उनसे प्रमाण की जरूरत नहीं जिनका 18 वी सदी से पहले कोई इतिहास ही नहीं।
पूरे उपमहाद्वीप में कोई गैर राजपूत शक्ति नहीं जिनके सैनिक शक्ति का वर्णन अरबों तुर्क अफगानो से लेकर अंग्रजों तक किताबों में दर्ज हो।
राणा सांगा और राजपूतों की शक्ति का वर्णन "तारीख ए अहमद शाही उर्फ तारीख ए सलतानी अफगाना में 16 वी सदी के प्रसिद्ध अफ़ग़ान इतिहासकार अहमद यादगार सहित कई अफ़ग़ान इतिहासकारों ने भी किया है, कि कैसे मुट्ठी भर राजपूतों की सेनाओं ने इब्राहिम लोधी के अपने से दो से तीन गुना संख्या में ज्यादा होने के बावजूद अफ़ग़ान घुड़सवारों को परास्त किया था।
वीर शिवाजी की जननी “राजमाता जीजा बाई” जी की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन।
साहस, त्याग और तप से पूर्ण उनका सम्पूर्ण जीवन समस्त समाज के लिए अनुकरणीय है।
#कल्लाजी_राठौड़ एवं #जयमलजी_मेड़तिया
जिनकी वीरता का अद्भुत प्रदर्शन देखकर #युद्ध से
भाग गया था तुर्क #अकबर 🙏🙏👌
वीरों को #बारंबार नमन 👌💥
#स्वतंत्रता के इतने सालों बाद भी 21वी सदी के लाखों लोगों द्वारा नम आंखों से #श्रद्धांजलि, यह किसी फिल्मी सितारे या आज के कोई राजनेता की सभा नहीं यह #जैसलमेर राज परिवार के महारावल #बृजराज सिंह की अंतिम यात्रा का दृश्य है | जो लोग राजपूत जाति पर या राजपूत राजा #महाराजाओं पर यह आरोप लगाते हैं कि उन्होंने क्या किया इस देश के लिए यहां की जनता के लिए तो यह छोटा सा नजारा उनके लिए काफी होगा. #जैसलमेर दरबार को #श्री_राजपूत_करणी_सेना परिवार की तरफ से अश्रुपूर्ण #श्रद्धांजलि. मां भगवती आपको अपने चरणों में स्थान दे.... 🙏🙏🙏🙏🙏🙏