Jitendra Goyal
Social Worker & Activist and Political whistleblower
आज परमपूज्य उगम जीजी(भुवाजी) श्रीचरणों में लीन हो गई।
जीवन मे एक अजीब सा खालीपन अनुभव हो रहा है ऐसा प्रतीत हो रहा है की हाल ही कुछ कीमती खो गया।
आपको शत शत नमन जीजी.…..
सदैव अमिट स्मृतियों में रहोगी..
विकृत मानसिकता.....किस तरह समझाए...मान जाओ... मत छेड़ो...तुम जानते नही इन सब के परिणाम मानवता के लिये अच्छे नही होंगे..मुस्लिम समाज एक अदब वाला समाज है...उन्हें अपने समाज के इन कलंकों को हटाना होगा वरना ये कीड़े पूरे समाज को ले डूबेंगे....
कई वर्ष पहले तुम्हारे पिता अनाथ आश्रम से एक बच्चा गोद लेने आये थे.......और उन्होंने उसका नाम विजय रखा.....
फार्मास्यूटिकल दवा कंपनियों की पोल खोलने वाले डॉक्टर विमल छाजेड़ कि आवाज़ को अंततः सदा के लिए शांत कर दिया गया ।
कंही आप भी तो विकलांग नही है.......
*इजराइल के बारे में जरूर पढ़े👇🏻*
👍🥳👍
_🌈इज़राइल *दुनिया के नक्शे* में एक *डॉट* के बराबर दिखने वाला एक देश है। *तीन इज़राइल* मिलकर *राजस्थान* के बराबर भी नही होते फिर भी *इज़राइल* *धार्मिक* रूप से इतना *कट्टर* देश है कि वहां रविवार को नाक साफ करने पर न केवल जुर्माना लग जाता है बल्कि जेल भी हो सकती है, बावजूद इसके आज उसके पास *रूस*, *अमेरिका* और *चीन* के बाद दुनिया की *चौथी सबसे बड़ी वायुसेना* है।_
*इज़राइल* दुनिया के *उन 9 देशों* में *शामिल* है जिनके पास *खुद का सेटेलाइट सिस्टम है,* जिसकी सहायता से वो *ड्रोन* चलाता है, *अपनी सेटेलाइट टेक्नोलॉजी इज़राइल किसी देश के साथ साझा नही करता*। *इज़राइल* दुनिया का *एकमात्र देश* है जो *एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम* से *पूरी तरह लैस* है। *इज़राइल* की *ओर आने वाली* हर *मिसाइल* न सिर्फ *रास्ते मे मार गिराई* जाती है बल्कि एक मिनट के भीतर *मिसाइल दागने वाली जगह* की पहचान कर *इज़राइल जवाबी मिसाइल दाग* कर *सब कुछ तहस नहस* कर देता है।
*नागरिकता* को लेकर *इज़राइल* की *स्पष्ट नीति* है कि *दुनिया के किसी भी हिस्से* में रहने वाले *यहूदी* को *इज़राइल अपना नागरिक मानता* है। हाँ, *यहूदी* होने के लिए *माँ* और *पिता* दोनों का *यहूदी होना अनिवार्य है*।
आखिर ऐसा क्या है *यहूदियों* में जो न केवल आज *दुनिया का सत्तर प्रतिशत कारोबार यहूदियों के हाथ मे है* बल्कि अपनी *सैन्य शक्ति* से वो *पूरी दुनिया* मे अपनी *ताकत का लोहा* मनवाते है। *इज़राइल की औरतें* जिनके लिए *आर्मी ट्रेनिग अनिवार्य* है, उनकी *सोच* सिर्फ *यहूदी* बच्चे *पैदा* करना नही होती, वो *फोकस* करती है एक *योद्धा*, एक *बिजनेसमैन*, एक *कामयाब और जहीन* इंसान *पैदा* करने पर और ये *सोच* सिर्फ *उसकी* नही पूरी *कौम*, पूरे *इज़राइल राष्ट्र* की होती है।
एक *कामयाब* इंसान *पैदा करने* की *शुरुवात* वो *उसी वक्त* से कर देती है जब उन्हें *गर्भ ठहरने* का *आभास* होता है। *प्रेग्नेंसी* के *दौरान* *यहूदी औरतें* अपने *लाइफ पार्टनर* के साथ *गणित* के सवाल *हल* करती है। इसे *मेंटल मैथ टेकनिक* बोला जाता है, जिसमे *सवालो* को *बोल बोल* के *हल* किया जाता है। *गर्भावस्था* के *दौरान* उनका *ज्यादातर वक्त* *गीत संगीत* के *बीच* एक *रिलैक्स इनवायरमेंट* में *बीतता* है।
*दुनिया भर* में *सिगरेट* के *सभी बड़े ब्राण्ड* भले ही *इज़राइली कम्पनियो* के हो लेकिन आप किसी *गर्भवती महिला* के *घर* के *आसपास* भी *सिगरेट* नही पी सकते। उनका मानना है कि *सिगरेट* *होने वाले बच्चे* के *डीएनए* और *जीन्स* को *खराब* कर सकती है। *बच्चों* को *जंक फूड* देने की *सख्ती* से *मनाही* होती है। उन्हें *कार्टून,* *फुटबाल* के *बजाय* *तीरंदाज़ी* और *शूटिंग* जैसे *खेल खिलाए* और *सिखाए* जाते है। उनका मानना है कि *तीरंदाज़ी* और *शूटिंग* जैसे *खेल* *बच्चों* में *सही फैसले* लेने की *सलाहियत* पैदा करते है। *स्कूल* में *भर्ती* करने से पहले ही *माँ बाप बच्चों को प्रैक्टिकली कारोबारी मैथ* सिखाते हैं ।
*बच्चों* को *धार्मिक* या अन्य विषयों से इतर *साइंस* पढ़ने के लिए *ज्यादा प्रेरित* किया जाता है। *पढ़ाई* के *आखिरी सालों* में *डिग्री कालेजो* में *कारोबार स्टडी* के लिए *उनके ग्रुप बना कर* उन्हें *टास्क* दिए जाते है और *सिर्फ* *उसी ग्रुप* के *बच्चे पास किए जाते* है जो कम से कम *10,000 डॉलर* का *मुनाफा कमाने* में *सफल* हो जाए। *इससे कम मुनाफे* वालो को *डिग्री नही दी जाती*।
*न्यूयार्क* में इनका एक *सोशल सेट अप सेंटर* है जो *यहूदियों को बिज़नेस के लिए बिना ब्याज के लोन प्रोवाइड कराते है*। *मेडिकल साइंस* के *स्टूडेंट* को *नौकरी* करने के बजाय *प्राइवेट प्रैक्टिस* के लिए *सेटअप उपलब्ध कराया जाता है*। इसीलिए पूरी दुनिया मे *यहूदी डॉक्टर्स* आपको *नौकरी* में *रेयर* ही मिलेंगे। *इज़राइल* के *नागरिक* *नौकरी* नही करते बल्कि *दुनियां के लोगो को नौकरी देते है*।
*इज़राइल* सिर्फ एक *देश* एक *कौम* नही, ये एक *इंफ्रास्ट्रक्चर* एक *सोच* है जो *नस्ल दर नस्ल* आगे बढ़ाई जाती है। *दुनियां* को इनसे *सीखने की जरूरत* है।
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काशी की मातेश्वरी जिसे देख वैज्ञानिक भी चोंक जाते है
सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया । तुलसीदास जी ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी ने लंका मे आग लगाई थी, उस प्रसंग पर लिखा है -
हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास।
अट्टहास करि गर्जा कपि बढ़ि लाग अकास।।
अर्थात : जब हनुमान जी ने लंका को अग्नि के हवाले कर दिया तो --
भगवान की प्रेरणा से उनचासों पवन चलने लगे।
हनुमान जी अट्टहास करके गर्जे और आकार बढ़ाकर आकाश से जा लगे।
मैंने सोचा कि इन उनचास मरुत का क्या अर्थ है ? यह तुलसी दास जी ने भी नहीं लिखा। फिर मैंने सुंदरकांड पूरा करने के बाद समय निकालकर 49 प्रकार की वायु के बारे में *जानकारी खोजी और अध्ययन करने पर सनातन धर्म पर अत्यंत गर्व हुआ।*
तुलसीदासजी के वायु ज्ञान पर सुखद आश्चर्य हुआ, जिससे शायद आधुनिक मौसम विज्ञान भी अनभिज्ञ है ।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वेदों में वायु की 7 शाखाओं के बारे में विस्तार से वर्णन मिलता है।
अधिकतर लोग यही समझते हैं कि वायु तो एक ही प्रकार की होती है, लेकिन उसका रूप बदलता रहता है, जैसे कि ठंडी वायु, गर्म वायु और समान वायु, लेकिन ऐसा नहीं है।
दरअसल, जल के भीतर जो वायु है उसका वेद-पुराणों में अलग नाम दिया गया है और आकाश में स्थित जो वायु है उसका नाम अलग है। अंतरिक्ष में जो वायु है उसका नाम अलग और पाताल में स्थित वायु का नाम अलग है। नाम अलग होने का मतलब यह कि उसका गुण और व्यवहार भी अलग ही होता है। इस तरह वेदों में 7 प्रकार की वायु का वर्णन मिलता है।
ये 7 प्रकार हैं-
1.प्रवह,
2.आवह,
3.उद्वह,
4. संवह,
5.विवह,
6.परिवह
7.परावह।
1. प्रवह : पृथ्वी को लांघकर मेघमंडलपर्यंत जो वायु स्थित है, उसका नाम प्रवह है। इस प्रवह के भी प्रकार हैं। यह वायु अत्यंत शक्तिमान है और वही बादलों को इधर-उधर उड़ाकर ले जाती है। धूप तथा गर्मी से उत्पन्न होने वाले मेघों को यह प्रवह वायु ही समुद्र जल से परिपूर्ण करती है जिससे ये मेघ काली घटा के रूप में परिणत हो जाते हैं और अतिशय वर्षा करने वाले होते हैं।
2. आवह : आवह सूर्यमंडल में बंधी हुई है। उसी के द्वारा ध्रुव से आबद्ध होकर सूर्यमंडल घुमाया जाता है।
3. उद्वह : वायु की तीसरी शाखा का नाम उद्वह है, जो चन्द्रलोक में प्रतिष्ठित है। इसी के द्वारा ध्रुव से संबद्ध होकर यह चन्द्र मंडल घुमाया जाता है।
4. संवह : वायु की चौथी शाखा का नाम संवह है, जो नक्षत्र मंडल में स्थित है। उसी से ध्रुव से आबद्ध होकर संपूर्ण नक्षत्र मंडल घूमता रहता है।
5. विवह : पांचवीं शाखा का नाम विवह है और यह ग्रह मंडल में स्थित है। उसके ही द्वारा यह ग्रह चक्र ध्रुव से संबद्ध होकर घूमता रहता है।
6. परिवह : वायु की छठी शाखा का नाम परिवह है, जो सप्तर्षिमंडल में स्थित है। इसी के द्वारा ध्रुव से संबद्ध हो सप्तर्षि आकाश में भ्रमण करते हैं।
7. परावह : वायु के सातवें स्कंध का नाम परावह है, जो ध्रुव में आबद्ध है। इसी के द्वारा ध्रुव चक्र तथा अन्यान्य मंडल एक स्थान पर स्थापित रहते हैं।
इन सातो वायु के सात सात गण हैं जो निम्न जगह में विचरण करते हैं
1. ब्रह्मलोक,
2. इंद्रलोक,
3. अंतरिक्ष,
4. भूलोक की पूर्व दिशा,
5. भूलोक की पश्चिम दिशा,
6. भूलोक की उत्तर दिशा
7. भूलोक कि दक्षिण दिशा।
इस तरह 7 x 7 = 49। कुल 49 मरुत हो जाते हैं जो देव रूप में विचरण करते रहते हैं।
अद्भुत ज्ञान।
हम अक्सर रामायण, भगवद् गीता पढ़ तो लेते हैं परंतु उनमें लिखी छोटी-छोटी बातों का गहन अध्ययन करने पर अनेक गूढ़ एवं ज्ञानवर्धक बातें ज्ञात होती हैं !
बधाई हो....दिल्ली
बड़े होकर क्या बनोगे ईसका प्रेशर कभी न लें।
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