Ghausul Alam Memorial Educational Society
Chairman of the society is Hazrat Syed Mohammad Ashraf Kichhouchhwi
Ghausul Alam Memorial Educational Society is an educational nonprofit organization that founded by Huzur Shaikh-e-Azam Hazrat Syed Izhar Ashraf رحمۃاللہ علیہ in 2001.
जिसने ईदुल फित्र के बाद शव्वाल महीने के 6 रोजे रख लिए, तो गोया उसने पूरे साल के रोजे रखे। जो एक नेकी लाएगा उसे दस मिलेगी।
فرمان مصطفیﷺ
मिस्कीन को सदका (ज़कात देना) सिर्फ सदका है, और रिश्तेदार को सदका देने में दो चीजें शामिल हैं: ये सदका भी है और सिला रहमी भी।
(मिश्कात 1939)
फरमाने मुस्तफा صلی اللہ علیہ وسلم रोजादार का सोना इबादत है और उसकी ख़ामोशी तस्बीह करने की तरह है और उसकी दुआ क़बूल और उसका अमल मकबूल होता है।
फ़रमाने गुस्तफ़ा صلی اللہ علیہ وسلم
रमजान में अल्लाह के ज़िक्र करने वाले को बरव्श दिया जाता है और इस महीने में अल्लाह तआला से मांगने वाला मेहरूम नहीं रहता।
अफ़वाहों पर ध्यान न दें मुसलमान, कोई भी क़ानून भारत से मुसलमानों को नहीं निकाल सकता - सैय्यद मोह 12 मार्च 2024 मंगलवार नई दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सैयद .....
फ़रमाने मुस्तफ़ा
जो सवाब की निय्यत से अपने वालिदैन दोनों या एक की क़ब्र की जियारत करे तो उसे मकबूल हज के बराबर सवाब मिलता है। और जो कसरत के साथ उनकी कब्र की जियारत करता हो तो फरिश्ते भी उसकी कब्र की जियारत को आएंगे।
(كنز العمال، ج: 16 ، ص : 200 ، حدیث : 45536
जब 15 शाअबान की रात आए तो उसमें कयाम (यानी इबादत) करो और दिन में रोजा रखो बेशक अल्लाह तआला गुरुबी आफ़ताब से आसमान दुनिया पर खास तज़ल्ली फरमाता है।
(इब्ने माजा ज2स160)
۲۲ فروری ۲۰۲۴ بروز جمعرات بعد نماز عشا ورلڈ صوفی فورم اور آل انڈیا علماء و مشائخ بورڈ کے زیر اہتمام شیخ اشرف آفندی کے استقبال میں جوہری فارم میں ایک پروگرام کا انعقاد کیا گیا جس کا آغاز قاری رئیس احمد متعلم جامعہ ملیہ نے تلاوت کلام اللہ سے کیا۔
بعدہ حافظ بلال احمد جونپوری ، مولانا احمد صفی اور عبد الرحمن نے نعت شریف پیش کیں۔
ڈاکٹر حفیظ الرحمن نے اپنے بیان میں کہا کہ حضرت نظام الدین اولیاء کے آنگن میں دیوالی کے دئے اور بسنت جیسے کلچرل نما تہوار مناتے ہندوستان کی خوبصورت ثقافت کی مثال ہے ۔ اسلامک اسکالر مدثر اشرفی نے سلطان میر کبیر سید مخدوم اشرف جہانگیر سمنانی کی حیات و خدمات پر روشنی ڈالتے ہوئے لطائف اشرفی میں تصوف کی اہمیت پر بیان کیا ۔
نظامت کرتے ہوئے مولانا عظیم اشرف نے کہا کہ تمام مخلوق اللہ تعالیٰ کا کنبہ ہے اس لئے صوفیا مخلوق خدا کی خدمت و تزکیہ قلب کا کام کر رہے ہیں۔ آخر میں اپنے خصوصی خطاب میں شیخ اشرف آفندی نے کہا کہ ہندوستان کی خوبصورتی اولیاء کے آستانوں پر نظر آتی ہے، ایک صوفی ہی معاشرے کی برائیوں کو ختم کرسکتا ہے کیوں کہ صوفی کسی کے بھی ساتھ نا انصافی نہیں ہونے دیتا۔
اس موقع پر پیر سید رحمانی میاں ، ڈاکٹر شجاعت علی قادری چیرمین ایم ایس سو ، مفتی منظر محسن ، محمد حسین شیرانی ،محمد اشرف اشرفی سنبھلی ، حافظ قمرالدین ، شاہ خالد مصباحی ،حافظ سفیان اور عبدالواسع وغیرہ کے ساتھ خواتین نے بھی شرکت کی ۔
फ़रमाने मुस्तफ़ा صلی اللہ علیہ وسلم
जिसने इस्तिगफार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया, अल्लाह पाक उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे आराम अता फ़रमाएगा और उसे इसी जगह से रिज़्क अता फ़रमाएगा जहां से उसने सोचा भी ना होगा।
الحمد للہ۔ *آل انڈیا علماء و مشائخ بورڈ مالیگاؤں* کی جانب سے ہر ماہ کی طرح اس ماہ بھی حضور سلطان *سید مخدوم اشرف جہانگیر سمنانی* رضی اللہ عنہ کی نسبت سے 8 فروری 2024 بمطابق 27 رجب المرجب کو ماہانہ محفل اٹھائیسویں شریف کا انعقاد کیا گیا ۔
محفل کا آغاز مولانا محمد قاسم اشرفی صاحب نے تلاوت قرآن مجید سے کیا ۔ صوفی رمضان سالکی اشرفی صاحب نے حمد بارئ تعالٰی پیش کیا ۔ صوفی رفیق قدیری اشرفی صاحب نے بارگاہ رسالت میں نعت پاک کا نزرانہ پیش کیا ۔ اور حافظ وقاری شبیر احمد اشرفی صاحب نے نعت رسول صل اللہ علیہ وسلم پڑھکر محفل میں پرکیف سماء بنایا ۔ بعدہ حافظ محمد آصف اشرفی صاحب نے نعت پاک پیش کی اور حلقہُ ذکر سے روحانی ماحول بنایا ۔ حافظ صدام حسین اشرفی صاحب نے قل شریف پڑھا اور صلاۃ و سلام کے بعد حافظ شبیر احمد اشرفی صاحب نے امت مسلمہ اور بلخصوص ملک ہندوستان کی سلامتی اور فلسطینی مسلمانوں کے لیئے رقت انگیز دعاء فرمائی ۔ دعاء کے بعد شرکاء محفل اور زائرین میں لنگر مخدومی تقسیم کیا گیا ۔
حافظ عابد حسین اشرفی صاحب کے شکریہ کے ساتھ محفل کا اختتام ہوا اخیر میں حافظ مبین علی اشرفی صاحب نے عوام سے ہر مہینہ محفل اٹھا ئیسویں شریف میں شرکت کی اپیل کی ،محفل میں شریک ، حافظ مبین علی اشرفی ،حافظ شاہد اشرفی ،حافظ عابش اشرفی ،مولانا ابرار اشرفی ،قاری آمین اشرفی ،حافظ توصیف اشرفی ،عبدالودود اشرفی ،رجب علی اشرفی ، مبارک علی اشرفی ،فیاض بھائی کپڑے والے،ریاض بھائی ،شاہد بھائی کلیجی والے،کلیم بھائی چائے پتی والے،طاہر بھائی ،عارف قریشی ، زین الدین بھائی ،شعبان بابا،طیب اشرفی۔ محمد حنیف اشرفی۔ ابو حذیفہ اشرفی۔ کے علاواہ کافی تعداد میں لوگ شریک رہے۔
رپورٹ: مبین علی اشرفی ۔
جنرل سیکریٹری آل انڈیا علماء و مشائخ بورڈ مالیگاؤں
फरमाने मुस्तफा صلی اللہ علیہ وسلم
जिसे कोई सख्त ज़रूरत पेश हो तो उसे चाहिए कि मुझ पर कसरत से दुरुद शरीफ़ पढ़ें, क्योंकि दुरूद शरीफ पढ़ना मुसीबतों और परेशानियों को दूर करता है और रोज़ी में बरकत और जरूरतों को पूरा करता है।
بستان الواعظین،
Syed Ashraf Kichhouchhwi and his AIUMB fight radicals who bring disrepute to Islam “Nafrat kisi se nahi, Mohabbat sab ke liye” (hatred for none and love for all) Syed Mohammad Ashraf Kichhouchhwi, says, his blue eyes glowing, while his royal demeanour, trimmed white beard, donned in a flowing robe, exuded calmness, dignity, and power. He said this while speaking to Awaz-the Vo...
नफ़रत की बोली हानिकारक तो कार्यवाही एकतरफ़ा क्यों ? अशरफ़ किछौछवी
5 फरवरी सोमवार नई दिल्ली
आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैयद मोहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने मुंबई में मुफ़्ती सलमान अज़हरी की गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि नफ़रत की बोली ख़तरनाक है और देश के लिए बहुत हानिकारक लेकिन एकतरफ़ा कार्यवाही सीधे तौर पर नाइंसाफ़ी की तरफ़ इशारा करती है ।
हज़रत ने कहा कि मुफ़्ती सलमान अज़हरी पर जिस तरह से क़ानूनी शिकंजा कसा गया है उससे सीधे तौर पर संदेश जाता है कि एक विशेष समुदाय के लिए ही सभी विधि विधान हैं और बाक़ी सबको नफरती बोल बोलने की पूरी स्वतंत्रता यह न्याय नहीं है ।
उन्होंने कहा कि भाषा की मर्यादा बरकरार रखनी चाहिए और ख़ास तौर से एक धर्मगुरु की यह बड़ी ज़िम्मेदारी है कि उसके शब्दों का चयन संसदीय हो ताकि किसी समुदाय या किसी व्यक्ति विशेष को चोट न पहुँचे लेकिन यह बात सिर्फ़ एक धर्म विशेष के लिए नहीं अपितु सभी के लिए समान रूप से लागू है।
हज़रत ने लोगों से संयम बनाये रखने की अपील करते हुए कहा है कि हमें होश से काम लेना चाहिये कहीं ऐसा न हो कि हमारे एक बहके हुए क़दम से नफ़रत के सौदागरों को फ़ायदा मिल जाये और हम उनके फेंके हुए जाल में फँस जायें, हमें अदालतों पर भरोसा करते हुए मुफ़्ती सलमान अज़हरी की मदद करनी चाहिए क्योंकि अब मामला न्यायालय के हाथ में है अतः किसी धरने प्रदर्शन से या किसी भड़काऊ पोस्ट से माहौल ख़राब होगा और इससे मुफ़्ती सलमान की परेशानी बढ़ेगी हम अनजाने में उनकी मदद की जगह उनकी मुख़ालिफ़त कर बैठेंगे ।
वहीं हज़रत ने यह भी कहा कि हम एकतरफ़ा कार्यवाही की निंदा करते हैं और भारत सरकार से इस प्रकरण में सीधे हस्तक्षेप की माँग करते हैं आख़िर यह कैसे संभव है कि एक कविता के कुछ अंश पर एक व्यक्ति को जेल में डाल दिया जाये वहीं दूसरी और एक धर्म विशेष के लोगों और उस धर्म को गाली देने वाले लोग रोज़ ज़हर उगलते रहें सरकार को ऐसे ज़हरीले लोगों की ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए ।
मुफ़्ती सलमान अज़हरी कोई अपराधी नहीं हैं जिन्हें गिरफ़्तार करने में इतनी हड़बड़ी की गई हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है जल्द ही न्यायालय मुफ़्ती सलमान को ज़मानत देगा और उनकी रिहाई होगी तब तक लोगों को संयम से काम लेना चाहिए , वहीं सरकार को यह भी समझना चाहिए कि यदि इसी प्रकार से एकतरफ़ा कार्यवाही होगी तो लोगों में अविश्वास की भावना पनपेगी जो एक तरफ़ हमारे सांप्रदायिक सौहार्द को गहरा आघात पहुँचायेगी वहीं देश के विकास को भी अवरुद्ध करेगी क्योंकि अन्याय का शासन लोगों को बाग़ी बना देता है इसलिए सरकार को न्याय संगत कार्यवाही करनी चाहिये।
अपने वतन से मुहब्बत ईमान का हिस्सा है।
ऑल इडिया उलमा व मशाइख बोर्ड 75वें गणतंत्र दिवस की मुबारकबाद पेश करता है।
کیا کم ہے یہ علی کی فضیلت کے واسطے
گھر دے دیا خدا نے ولادت کے واسطے
फ़रमान गरीब नवाज़ !
जो शख्स कुरआन पाक को देखता है अल्लाह पाक के फज़्ल से उसकी आंखों की रोशनी तेज़ हो जाती है उसकी ना आंख दुखती है ना खुश्क होती है। (दलीलुल आरिफीन)
फ़रमाने मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम !
जब कोई सफर कर के लौटे तो अपने परिवार के लिए कोई न कोई उपहार (तोहफा) लाए, अगरचे ही अपनी झोली में पत्थर ही डाल लाए /
(इब्नेअसाकर, ज 52, स 230)
प्रधानमंत्री ने सूफ़ियों के हाथ सौंपीं अक़ीदत की चादर !
11जनवरी 2024 बृहस्पतिवार
नई दिल्ली , हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ रहमतुल्लाहअलैही के 812 वें उर्स के मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूफ़ी मुस्लिम शिष्टमण्डल से मुलाक़ात कर भारत सरकार की ओर से दरगाह में चादर पेश करने के लिए भेजी इस मौक़े पर प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर सूफ़ी मुस्लिम शिष्टमंडल से चर्चा की।
आल इंडिया उल्मा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैयद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवि ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को 2015 में किया गया वादा याद दिलाया जब उन्होंने देश में व्यापक तौर पर सूफ़ी शिक्षाओं के प्रसार प्रचार हेतु कार्य करने की बात कही थी , बच्चों की किताबों में सूफ़ी संतों के विचार एवं शिक्षाओं को शामिल किया जाना था जिससे देश का सौहार्द मज़बूत हो और देश तरक़्क़ी करे।
हज़रत ने कहा कि यह पहला मौक़ा है जब अजमेर शरीफ़ में पेश होने वाली प्रधानमंत्री की चादर को सूफ़ी मुस्लिम डेलीगेशन को सौंपा गया है इससे पहले यह काम राजनैतिक लोगों द्वारा किया जाता रहा है जिन्हें अधिकतर न इसका महत्त्व पता होता था न ही उनकी इसमें अक़ीदत शामिल होती थी लेकिन इस नई परंपरा की शुरुआत कर प्रधानमंत्री ने एक नया दरवाज़ा खोला है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने जहां देश में सूफ़ियों के द्वारा समाज के लिए दी गई क़ुर्बानियों पर बात की वहीं सामाजिक ताने बाने को मज़बूत करने में उनके योगदान को याद किया,देश की तरक़्क़ी के लिए शांति सौहार्द सबसे आवश्यक हैं और सूफ़ियों की शिक्षाओं ने इस मार्ग को प्रशस्त किया है।
देश में तरक़्क़ी की नई राहें खोलने हेतु प्रधानमंत्री ने जहां अपनी मन्त्रिमण्डल सहयोगी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी से इस संबंध में सूफ़ी मुस्लिम लीडरों संग विचार कर योजना बनाने का निर्देश भी दिया।वहीं सूफ़ी कोरिडोर परियोजना पर भी अमल करने की बात कही।
इस अवसर पर आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी हज़रत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी रहमतुल्लाह अलैही महरौली दिल्ली के सज्जादानशीन हज़रत सैयद जावेद कुतुबी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड, ख़्वाजा सैय्यद फ़रीद अहमद निज़ामी सज्जादानशीन हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया नई दिल्ली उपाध्यक्ष आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड, ख़्वाजा सैय्यद नसीरूद्दीन चिश्ती राष्ट्रीय कार्यकारिणीय सदस्य आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड ,हज़रत सैयद अली क़ादरी ,हाजी सलमान चिश्ती गद्दीनशीन अजमेर शरीफ़ प्यारे ख़ान अध्य्क्ष बाबा तजुदद्दीन ट्रस्ट नागपुर महाराष्ट्र मौलाना कल्बे रुशैद सहित गणमान्यजन मौजूद रहे।
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