Jijivisha foundation-Trust
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बहुत जल्द ही हर घर शिक्षा कार्यक्रम शुरू होगा
करगिल के वीरों की शहादत को नहीं भूलेगा देश शत शत नमन...🙏💐🇮🇳
विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं❤
SIGMA CLASSES KHANUA TOL
हर साल matric exame में 100% Results देने वाले एक मात्र संस्थान SIGMA CLASSES KHANUA TOL(NEAR GRAMIN BANK TISIYAHI)वो भी Full Concept के साथ ...
By:- Raushan sir & Team
( 10 years experience)
mob :- 8340607727
Admission is going on...........
jijivisha foundation के chairman Raushan sir के शादी की सालगिरह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें
Jijivisha foundation बहुत जल्द घर घर शिक्षा कार्यकर्म की शुरुआत कर रहा बिल्कुल फ्री ...............
Happy new year
#स्पर्श....
पुरूष का प्यार तब तक प्यार है, जब तक वो स्त्री को स्पर्श ना करले
जबतक वो स्त्री स्पर्श को छू नहीं पाता उसके लिए वो सबकुछ होती है
और जैसे ही स्त्री उसपर भरोसा करती है अपनी दुनिया समझने लगती है और सौप देती है
सब कुछ
अचानक से वो उसे घिनौनी लगती है ,चरित्र हीन लगने लगती है ,
क्यों
उस स्त्री ने तो उसे भगवान माना है अच्छा बुरा कुछ सोचा ही नहीं
लेकिन पुरूष तो प्यार करता ही नहीं था वो तो सिर्फ और सिर्फ उसके शरीर को पाना चाहता था
उसके जज्बात उसका प्यार या उसका सम्मान उसके लिए सब एक दिखावा है
वो बस यही तक आना चाहता है औरत के साथ
अगर पुरूष इतना पवित्र है तो क्यूँ वो हर औरत को वासना की नजर से देखता है
क्यू छूना चाहता है हर औरत को
और जिन हाथों से वो किसी परायी औरत को छूता है फिर क्यूँ उन्ही हाथों से अपनी पत्नी को छूता है
अगर एक पुरुष के छूने से एक औरत अपवित्र होती है तो उस औरत को छूकर पुरूष कैसे पवित्र रह जाता है
उन्हीअपवित्र हाथों के छूने से उसकी बीवी उसकी बेटी कैसे पवित्र रह सकती हैं
जो खेल वो घर से बाहर हर दूसरी औरतों के साथ खेलना चाहते हैं
अगर वही खेल उनकी अपनी बीवी या बेटी के साथ कोई खेल रहा हो तो
क्या वो उनको अपना पायेगा या फिर अपने आप को माफ कर पायेगा ??
👉जो मर्द ऐसे हैं मेने पोस्ट मे सिर्फ उनकी ही बात की है सब खुदपर ना लें ओर मेरी ये पोस्ट सही हे य़ा गलत सायद ये बात बहुत सी औरतें अच्छे से समझेंगी ज़िनके साथ ऐसा हुआ हे य़ा हो रहा हे बाकी किसी को कोई बात गलत लगे तो माफी
🙏
Raushan sir
एक जमाना था...
खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे...
उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था,
🤪 पास/नापास यही हमको मालूम था... *%* से हमारा कभी भी संबंध ही नहीं था...
😛 ट्यूशन लगाई है ऐसा बताने में भी शर्म आती थी क्योंकि हमको ढपोर शंख समझा जा सकता था...
🤣🤣🤣
किताबों में पीपल के पत्ते, विद्या के पत्ते, मोर पंख रखकर हम होशियार हो सकते हैं ऐसी हमारी धारणाएं थी...
☺️☺️ कपड़े की थैली में...बस्तों में..और बाद में एल्यूमीनियम की पेटियों में...
किताब कॉपियां बेहतरीन तरीके से जमा कर रखने में हमें महारत हासिल थी.. ..
😁 हर साल जब नई क्लास का बस्ता जमाते थे उसके पहले किताब कापी के ऊपर रद्दी पेपर की जिल्द चढ़ाते थे और यह काम...
एक वार्षिक उत्सव या त्योहार की तरह होता था.....
🤗 साल खत्म होने के बाद किताबें बेचना और अगले साल की पुरानी किताबें खरीदने में हमें किसी प्रकार की शर्म नहीं होती थी..
क्योंकि तब हर साल न किताब बदलती थी और न ही पाठ्यक्रम...
🤪 हमारे माताजी पिताजी को हमारी पढ़ाई बोझ है..
ऐसा कभी लगा ही नहीं....
😞 किसी एक दोस्त को साइकिल के अगले डंडे पर और दूसरे दोस्त को पीछे कैरियर पर बिठाकर गली-गली में घूमना हमारी दिनचर्या थी....
इस तरह हम ना जाने कितना घूमे होंगे....
🥸😎 स्कूल में मास्टर जी के हाथ से मार खाना, पैर के अंगूठे पकड़ कर खड़े रहना, और कान लाल होने तक मरोड़े जाते वक्त हमारा ईगो कभी आड़े नहीं आता था.... सही बोले तो ईगो क्या होता है यह हमें मालूम ही नहीं था...
🧐😝 घर और स्कूल में मार खाना भी हमारे दैनंदिन जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया थी.....
मारने वाला और मार खाने वाला दोनों ही खुश रहते थे...
मार खाने वाला इसलिए क्योंकि कल से आज कम पिटे हैं और मारने वाला इसलिए कि आज फिर हाथ धो लिए 😀......
😜 बिना चप्पल जूते के और किसी भी गेंद के साथ लकड़ी के पटियों से कहीं पर भी नंगे पैर क्रिकेट खेलने में क्या सुख था वह हमको ही पता है...
😁 हमने पॉकेट मनी कभी भी मांगी ही नहीं और पिताजी ने कभी दी भी नहीं....इसलिए हमारी आवश्यकता भी छोटी छोटी सी ही थीं....साल में कभी-कभार दो चार बार सेव मिक्सचर मुरमुरे का भेल, गोली टॉफी खा लिया तो बहुत होता था......उसमें भी हम बहुत खुश हो लेते थे.....
😲 छोटी मोटी जरूरतें तो घर में ही कोई भी पूरी कर देता था क्योंकि परिवार संयुक्त होते थे ..
🥱 दिवाली में लगी पटाखों की लड़ी को छुट्टा करके एक एक पटाखा फोड़ते रहने में हमको कभी अपमान नहीं लगा...
😁 हम....हमारे मां बाप को कभी बता ही नहीं पाए कि हम आपको कितना प्रेम करते हैं क्योंकि हमको आई लव यू कहना ही नहीं आता था...
😌 आज हम दुनिया के असंख्य धक्के और टाॅन्ट खाते हुए......
और संघर्ष करती हुई दुनिया का एक हिस्सा है..किसी को जो चाहिए था वह मिला और किसी को कुछ मिला कि नहीं..क्या पता..
😀 स्कूल की डबल ट्रिपल सीट पर घूमने वाले हम और स्कूल के बाहर उस हाफ पेंट मैं रहकर गोली टाॅफी बेचने वाले की दुकान पर दोस्तों द्वारा खिलाए पिलाए जाने की कृपा हमें याद है.....
वह दोस्त कहां खो गए , वह बेर वाली कहां खो गई....
वह चूरन बेचने वाली कहां खो गई...पता नहीं..
😇 हम दुनिया में कहीं भी रहे पर यह सत्य है कि हम वास्तविक दुनिया में बड़े हुए हैं हमारा वास्तविकता से सामना वास्तव में ही हुआ है...
🙃 कपड़ों में सलवटें ना पड़ने देना और रिश्तों में औपचारिकता का पालन करना हमें जमा ही नहीं......
सुबह का खाना और रात का खाना इसके सिवा टिफिन में अखबार में लपेट कर रोटी ले जाने का सुख क्या है, आजकल के बच्चों को पता ही नही ...
😀 हम अपने नसीब को दोष नहीं देते....जो जी रहे हैं वह आनंद से जी रहे हैं और यही सोचते हैं....और यही सोच हमें जीने में मदद कर रही है.. जो जीवन हमने जिया...उसकी वर्तमान से तुलना हो ही नहीं सकती ,,,,,,,,
😌 हम अच्छे थे या बुरे थे नहीं मालूम , पर हमारा भी एक जमाना था
🙏 और Most importantly , आज संकोच से निकलकर , दिल से अपने साक्षात देवी _देवता तुल्य , प्रात स्मरणीय , माता _ पिता , भाई एवं बहन को कहना चाहता हूं कि मैं आपके अतुल्य लाड, प्यार , आशीर्वाद , लालन पालन व दिए गए संस्कारो का ऋणी हूं 🙏,
🙏🏻☺😊
एक बात तो तय मानिए को जो भी👆🏻 पूरा पढ़ेगा उसे अपने बीते जीवन के कई पुराने सुहाने पल अवश्य याद आयेंगे।🙏🏻Raushan sir
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*योग्यता - 12th*
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वर्ग - 6th, 7th ,8th , 9th , 10th
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हमारे यहां मैट्रीक परीक्षा की विशेष तैयारी कराई जाती है ।
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To promote and support the development of sports at all levels, with a focus on grassroots.
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Mithila Nagri BHEJA
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Bheja- मिथिला गामक ऑफिशियल अकाउंट पर अपनेक स्वागत अछि।
Quaziyahi Benta Kakarghatti Khajauli Madhubani Bihar (847228)
Madhubani, 847228
IQRA FOUNDATION is an islamic organisation aiming in providing financial services to the nedd needy group of the society as well as the providing educational services to the poor ...
Kotwali Chowk Classic Public School
Madhubani, 847212
The worldwide spread of coronavirus may feel a little too familiar for players of Plague Inc., the eight-year-old game that asks you to shepherd a deadly disease seeking to kill al...
C/O Anand CHY Khata No-1583, Kh. No-9558, Vill MANPAUR , BLOCK BENIPATTI Madhubani Madhubani BR IN
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Begin Life Foundation is committed to saves children's lives, farmers rights, Indian culture, arts an
VILLAGE: BALANT
Madhubani
Aasrah Welfare Trust is based in Balant, Madhubani, Bihar. Our motto is to serve the people of our di
मालिन बेलहा, कारमेघ पश्चिम पंचायत, खुटौना, मधुबनी, बिहार
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मिथिलांचल
Bhagirathpur
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Jayakala Kids Academy(JKA), a co-educational primary school at Bhagirthpur on Madhubani-Dharbhanga H
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Milli Trust is a not for profit charitable trust working in the sector of education and healthcare
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A charitable Organization to empower girls of rural area of Bihar through Madhubani art.