Bhutesh
Health Department Bihar
#स्वास्थ्य_जानकारी
#स्वास्थ्य_जानकारी
जानें मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय।
#स्वास्थ्य_की_सैर
टहलने के फायदे हैं अनेक।
सभी शिक्षकों का 15 से 18 आयुवर्ग के बच्चों को टीकाकरण करवाने में प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
#अपनी_सावधानी_सबकी_सुरक्षा
#हारेगा_कोरोना_जीतेगा_बिहार
कोरोना से बचाव के लिए दूसरे टीके के नौ महीने बाद तीसरा टीका लगवाना भी जरूरी है।
🙏🙏🙏जय माँ शारदे🙏🙏🙏
#सरस्वती पूजा
आपदा प्रबंधन विभाग का अलर्ट जारी, पटना सहित 8 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी, लोगों से घर के बाहर ना निकलने की अपील।
#मौसम #ब्रजपात #बिहार_न्यूज़
Happy Republic Day
*WhatsApp-Telegram पर भूलकर भी न भेजें ऐसे मैसेज, सरकार की नई गाइडलाइंस*
सरकार ने अपने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा है कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया ऐप्स पर किसी प्रकार की गोपनीय जानकारी या दस्तावेज साझा ना करें। केंद्र सरकार ने नई कम्यूनिकेशन गाइडलाइन्स भी जारी की हैं। इसमें सभी सरकारी कर्मचारियों को व्हाट्सएप, टेलीग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कॉन्फिडेंशियल इनफॉरमेशन शेयर न करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके पीछे की वजह है कि इन ऐप्स के सर्वर दुनिया भर की प्राइवेट कंपनियों के पास हैं और भारत विरोधी ताकतें जानकारी का दुरुपयोग कर सकती हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम के दौरान कर्मचारी सिर्फ ऑफिस ऐप्लीकेशन के जरिए ही कनेक्ट होने चाहिए। यह आदेश Amazon Alexa, Apple HomePod, Google Meet, और Zoom जैसे ऐप्स पर भी लागू होता है।
व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया ऐप पर यह आदेश वर्तमान सिस्टम में खामियों को एनालाइज करने के बाद आया है। केंद्र ने क्लासीफाइड इनफॉरमेशन लीक से बचने के लिए नेशनल कम्यूनिकेशन नॉर्म्स और सरकारी निर्देशों के लगातार उल्लंघन के चलते खुफिया एजेंसियों द्वारा बनाई गई एक नई कम्यूनिकेशन गाइडलाइन जारी की हैं। सभी मंत्रालयों को ऐसे उल्लंघनों को रोकने के लिए "तत्काल कदम" उठाने और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
जब सरकार ने के लिए कोई शर्त या आदेश नही दिया है तो फिर महाविद्यालय प्रशासन ने ऐसा आदेश कैसे पारित कर दिया?
किसी कारण वश अगर छात्र नही ले पाता तो क्या उसे परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा, ऐसा तुगलकी फरमान क्यों?
Mangal Pandey Narendra Modi
Bihar Health Department World Health Organization (WHO)
*Munger coronavirus news updates: बड़ी लापरवाही को झांपने में लगा स्वास्थ्य विभाग*
बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फिर बढ़ने लगा है। मुंगेर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना वायरस रोकने के लिए प्रयासरत है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजीव मंडल ने स्वास्थ्य विभाग पर कई आरोप लगाए हैं।
कोरोना का प्रभाव कम करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दिन-रात एक किए हुए है। लगातार बढ़ रहे केस से बेचैनी बढ़ गई है, सबकुछ होने के बाद भी लापरवाह *स्वास्थ्य प्रबंधक* पर कार्रवाई करने से आखिकार क्यों पीछे हट रही है। यह समझ से परे है। कोरोना गाइड लाइन से हटकर अपने पद का रौब दिखाते हुए स्वास्थ्य प्रबंधक ने जो सीमाएं लांघी है, उस दिशा में अब तक जिला स्वास्थ्य विभाग से लेकर ऊपर तक के सभी मौन हैं। इससे साफ है कि जिला स्वास्थ्य विभाग इस बड़ी लापरवाही को झांपने में लग गया है। प्रबंधक की कार्यशैली पर अंकुश नहीं लगा तो आगे फिर बड़ी लापरवाही हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग को इस प्रकरण पर गंभीरता से सोंचने की जरूरत है। कई लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल, स्वास्थ्य प्रबंधक अपना रौब दिखाकर दो दिनों तक संक्रमित *डेटा आपरेटर* से काम लेता रहा। दो दिनों में छह सौ मरीजों का पर्चा संक्रमित आपरेटर ने काटी थी। मामला तूल पकडऩे के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई अबतक नहीं की गई है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजीव मंडल ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के नाम पर खानापूरी कर रही है। मरीजों को सही से जांच नहीं हो रहा है। अस्पताल की व्यवस्था बदहाल है। जिले में कोरोना का कहर बरप रहा है, ऐसे में सदर अस्पताल के प्रबंधक तौसिफ हसैनन जान बूझकर संक्रमित डेटा आपरेटर से निबंधन काउंटर पर काम लेता रहा। सदर अस्पताल के प्रबंधक तौसिफ हसनैन पर विभागीय कारवाई करते हुए निलंबन की मांग डीएम और सिविल सर्जन से की। उन्होंने कहा प्रबंधक ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही आम लोगों की सेहत पर पडऩे की उम्मीद है। प्रबंधक की ओर से बरती गई लारवाही समझ से परे हैं। आखिकार किसी वजह से 10 वर्षों से एक ही जगह पर जमे हैं। सदर अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं। जिम्मेदार पद पर बैठे अस्पताल प्रबंधक ने आखिरकार किसके आदेश पर दो दिनो तक संक्रमित डेटा आपरेटर से काम लेते रहे। लिखित शिकायत स्वास्थ्य विभाग और मंत्री से की जाएगी।
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