आयुर्वेद ही समाधान Lets go Back to root's
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#आयुर्वेद ही समाधान
चिलगोजा: कीमत और पौष्टिकता दोनों में काजू से श्रेष्ठ यह ड्राई फूड वाकई में बेमिसाल है!
#आवाज_एक_पहल
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चिलगोजा एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसके बारे में शायद ही आपने इससे पहले देखा और सुना होगा! हिमाचल प्रदेश का एक प्यारा सा शहर है किन्नौर! यही पाये जाते है चिलगोजा के पेड़!
खासकर टापरी से लेकर पूह तक केवल सतलुज नदि के किनारे ही पाया जाता है। किन्नौर के अलावा भारत में कश्मीर के छोटे से हिस्से में भी चिलगोजा पाया जाता है। उधर नेपाल, अफगानिस्तान और चीन में भी कुछ सीमित क्षेत्रों में चिलगोजा पाया जाता है।
किन्नौर में नेयोजा के नाम से मशहूर
चिलगोजा को किन्नौर में नेयोजा के नाम से जाना जाता है। पाइन नट्स नाम का यह पेड़ चीड़ के पेड़ से मिलता जुलता है। चिलगोजा के पेड़ का तना सफेद होता है जबकि चीड़ की तरह ही इसके कोन्स होते हैं जिसमें बीज लगते है। ऊंची चट्टानों, पहाड़ों और पत्थरों के बीच बड़े पेड़ों से इन कोन्स को निकालना आसान नहीं होता। काफी मेहनत के बाद निकले चिलगोजे को मार्किट में खरीदने के लिए व्यवसायी दूर--दूर से किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ पहुंचते हैं। चिलगोजा भारतीय बाजार में ही 2 हजार रूपये प्रति किलोग्राम से कीमत में बिकता है।
चिलागोजा वैज्ञानिक खेती नहीं हो पाई संभव
चिलगोजा की वैज्ञानिक खेती अभी तक संभव नहीं हो पाई है। वन विभाग और बागवानी विभाग इसकी अऩ्यत्र खेती के प्रयास में जुटा है लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो पाया है। किन्नौर के इस क्षेत्र में भी हर साल हजारों नए पौधे रोपे जा रहे हैं, लेकिन उम्मीद के अनुरूप कम ही पौधे टिक पाते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि इस पेड़ का वैज्ञानिक दोहन न हुआ और इसके संरक्षण पर विशेष ध्यान न दिया गया तो औषधीय तत्वों से भरपूर यह चिलगोजा विलुप्त हो सकता है।
चिलगोजा के फायदे में स्वास्थ्य संबंधित कई फायदे शामिल हैं, जो चिलगोजा खाने के फायदे के महत्व को दर्शाते हैं।
1. मधुमेह में
मधुमेह जैसी बीमारी में खान-पान का विशेष ध्यान देना पड़ता है, लेकिन यदि आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं तो निश्चिन्त रहिये क्योंकि और इसमें मौजूद पोषक तत्वों से मधुमेह की समस्या में होने वाले खतरों को कई गुना तक कम किया जा सकता हैं।
एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक पाइन नट्स के प्रयोग से सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी देखी गई। चिलगोजा में कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नेशियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं (2)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि उपरोक्त तत्वों वाले नट का सेवन अगर किया जाए तो यह डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं (1)।
2. ह्रदय स्वास्थ्य में
चिलगोजा खाने का तरीका, हृदय स्वास्थ्य में भी लाभदायक हो सकता है। चिलगोजा एक नट है और एक वैज्ञानिक शौध के अनुसार नट पदार्थों का सेवन करने से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो सकता है (3)। एक अन्य अध्ययन की मानें तो पाइन नट्स के अंदर मौजूद पोषक तत्व हृदय संबंधी कई रोगों में कमी देखी गई (4)।
चिलगोजा में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का गुण मौजूद होते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार चिलगोजा में मौजूद पॉली अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (5)।
3. कोलेस्ट्रॉल के लिए
चिलगोजा खाने का तरीका इस्तेमाल कर कोलेस्ट्रॉल को संतुलित किया जा सकता है, क्योंकि चिलगोजा में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है और यही वजह है कि चिलगोजा का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल में बढोत्तरी होने का खतरा कम हो सकता है
4. वजन संतुलित करने में
वजन नियंत्रित रखने में भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक चिलगोजा से बने हुए तेल का सेवन वजन घटाने में अहम भूमिका निभा सकता है। दरअसल, चिलगोजा में पिनोलेनिक एसिड मौजूद होता है और यह 14 से 19 प्रतिशत फैटी एसिड को प्रदर्शित करता है। यह एसिड भूख को नियंत्रित कर वजन को कम करने में मदद कर सकता है (6)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक भी यह कहा गया है कि रोजाना नट पदार्थों के सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है (3)।
5. कैंसर में
चिलगोजे के फायदे कैंसर जैसी गंभीर बिमारी में भी देखने को मिल सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए नट पदार्थों का सेवन लाभदायक हो सकता है (7)। शोध के अनुसार, पाइन नट्स में रेस्वेराट्रोल नमक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, पाइन नट्स में उपस्थित फोलिक एसिड डीएनए (DNA) की क्षति को कम कर सकता है (8)।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य में
मस्तिष्क स्वास्थ्य में चिलगोजा खाने के फायदे प्रभावकारी रूप में देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजा में ओमेगा-3 एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को बेहतरीन रूप से चलाने के लिए उपयोगी माना जाता है। चिलगोजा खाने से ओमेगा- 3 फैटी एसिड्स मस्तिष्क के बेहतरीन संचालन, याददाश्त को मजबूत बनाने का काम कर सकता है (9)।
7. हड्डियों के लिए
चिलगोजा खाने के फायदे हड्डियों की मजबूती के लिए भी देखे जा सकते हैं, क्योंकि चिलगोजा में मौजूद फैटी एसिड हड्डियों के विकास और मजबूती में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजा में पाया जाने वाला ओमेगा-6 फैटी एसिड्स हड्डियों को स्वस्थ रखने के साथ – साथ गठिया जैसे रोग में भी आराम पहुंचा सकता है (9)। इसके अलावा चिलगोजे के फायदे में कैल्शियम भी शामिल है जो हड्डियों की मजबूती और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
8. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी चिलगोजा का प्रयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजे में जिंक मौजूद होता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने का काम करता है (9)।
9. आंखों की देखभाल के लिए
चिलगोजे के फायदे में आंखों की देखभाल भी शामिल हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक आंखों की देखभाल के लिए अगर आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं, तो इसमें मौजूद ओमेगा-3 आपकी आंखों की मदद कर सकता है। यह आपकी आंखों की नाईट विजन (दृष्टि) और कलर विजन की क्षमता का विकास कर सकता है (9)। इसके अलावा चिलगोजा में विटामिन- ए भी पाया जाता है, जो आंखों की रेटिना में रंजक (आंखों को विभिन्न रंगों को पहचानने की क्षमता) का विकास करता है (2), (11)। इसलिए आंखों की देखभाल के लिए चिलगोजा का प्रयोग किया जा सकता है।
10. एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर
एंटीऑक्सिडेंट्स हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। अगर आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं तो निश्चिंत हो जाइए, क्योंकि चिलगोजे में एंटीऑक्सीडेंट्स (विटामिन ए , विटामिन सी और विटामिन ई) भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं (2), (12) ।
11. भूख नियंत्रित रखने में
वजन को संतुलित रखने के लिए भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि चिलगोजे में पिनोलेनिक नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो भूख को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (13)।
इसके अलावा एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है, कि पाइन नट दो खास हार्मोन सीसीके और जीएलपी-1 को बढ़ाने का काम करता है, जो भूख को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं (14)।
12. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए भी चिलगोजे के फायदे आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक चिलगोजा का इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह विटामिन-सी (एस्कॉर्बिक एसिड) का अच्छा स्रोत होता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट्स है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। साथ ही विटामिन सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाता है और एजिंग को कम करता है (2),15)।
इसके अलावा चिलगोजे में मौजूद मैंगनीज त्वचा को मुक्त कणों (Free Radicals) से दूर रखने का काम भी कर सकता है (9)।
13. बालों के स्वास्थ्य के लिए
बालों के स्वास्थ्य के लिए भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। चिलगोजे में पाया जाने वाला ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड बालों के विकास के लिए उपयोगी हो सकता है (9)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ओमेगा-6 फैटी एसिड बालों को झड़ने से रोकने में मदद करता है और बालों को घना बनाने में भी सहयोग कर सकता है ।
कुछ कमाल के…तो चलिए फ़िर आप भी आजमाइए
१. पिपली (१भाग) को गुड़ (२भाग) के साथ लेने पर कफ का नाश होता है।
२. हरड़ का सेवन करने से बॉडी स्ट्रेंथ बढ़ती है।
३. हरड़ चूर्ण को गर्म पानी से लेने पर आम का पाचन होता हैं।
४. अवाला का प्रतिदिन सेवन करने से ये रसायन का कार्य करता है।
५. त्रिफला चूर्ण रात को खाने के वाद गर्म पानी से लेने पर सुबह कब्ज की परेशानी नहीं होती
६. एसिडिटी के लिए अवाला शतावरी चूर्ण को मिश्री और घी से मिलाने पर खाने पेट आराम मिलता है। (अम्लपित्त रोगियों को)
७. अमरूद और चमेली के पत्तो को चबाने से मुह के छाले ठीक हो जाते हैं।
८. अपामार्ग की पत्तियों का रस + हल्दी पाउडर से निर्मित लेप से स्थानीय रक्त श्राव बंद हो जाता हैं।
९. अपराजिता + काली मिर्च के पेस्ट के साथ दांतो पर रखने से दांतों का दर्द दूर रहता है।
१०. अर्दक का प्रयोग करने से भोजन में रुचि बढ़ती है।
११. अदरक नींबू स्वरस का दिन में 3–4 बार सेवन करने पर उल्टी फिर नही होती
१२. अर्जुन की छाल का पाउडर घाब जल्दी भरता है
१३. हड़जोड़ हड्डियों के लिए बढ़िया है।
१४. अश्वगंधा अनिद्रा को दूर करता है।
१५. पीपल झाइयों से राहत दिलाता है।
१६. भृंगराज बालों के साथ साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
१७. भूमि अवाला leucorrhea की कंडीशन (स्वरस १०-१५ml सुबह दिन में एक बार)
१८. भूमि अवाला के काढ़े से गार्गल करने पर मुह के छाले दूर होते है।
१९. ब्राह्मी के पत्तियों को नींबू स्वरस और हल्दी के साथ पीसकर एक्ने दूर हो जाते हैं।
२०. ब्राह्मी के तेल से बाल स्वस्थ रहते हैं निंद्रा आती हैं और स्ट्रेस दूर हो जाता हैं।
२१. चंगेरी का पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से सिरदर्द दूर हो जाता हैं।
२२. अनार-बिल्व- चित्रक तीनो पाइल्स में अच्छे हैं।
२३. अनार से व्यक्ति सेहतमंद रहता है।
२४. धनियॉ का सेवन अत्यधिक प्यास रोग में किया जा सकता है।
२५. बुखार में गिलोय को मुस्ता, परप्टक, चन्दन और सुठी के साथ काढ़ा तैयार कर पीना चाहिए
२६. ५-९gm गुडूची की पत्तियों का पेस्ट तक्र के साथ सप्ताह भर लेने से jaundice में लाभ मिलता है।
२७. गुडूची का जूस अर्थराइटिस रोगों में अच्छा रिजल्ट देता है।
२८. गुंजा का पेस्ट और तेल बालों के लिए वरदान है।
२९. हींग अदरक और काला नमक लेने पर गैस से राहत।
३०. पीरियड के दर्द में छाछ के साथ हींग+मेथी+थोड़ा नमक पीने से आराम मिलता है।
३१. जीरा पाइल्स - गैस में राहत और रुचि बढ़ता है।
३२. पका हुआ केला कब्ज से निजात दिलाता है।
३३. हाथ पैरों के दाह में कदली (केले) के पुष्प का पाउडर castor आयल के साथ बैंडेज तौर पर लगाने से फायदेमंद कहा गया है।
३४. कालमेघ विषम ज्वर में। ( सुठी कालीमिर्च तुलसी के साथ)
३५. कालमेघ को नीम और त्रिफला से पकाकर उसके क्वाथ से घाब खुजली आदि दूर होते है।
३६. केरेला रक्त की अशुद्धि को नष्ट करता है।
३७. खाली पेट करेला स्वरस पीने से पेट की कीड़े मर जाते है।
३८. कपूर मच्छरों के साथ साथ सिर की जुएँ को भी दूर करता है।
३९. खुजली में कपूर का तेल अच्छा है।
४०. खजूर से वजन बढ़ता है और साथ ही पुरुष लिंग दोष दूर होता है।
४१. खजूर रातों को पानी में भिगोकर खाने पर एसिडिटी से राहत मिलती है।
४२. कुल्थी अश्मरी में पथ्य है।
४३. घृतकुमारी(aloe vera) स्वरस में नींबू मिलाकर लगाने से डेंड्रफ दूर होता है और बाल नही झड़ते।
४४. एलो वेरा जूस पीने से त्वचा कोमल बनी रहती हैं।
…धन्यवाद✌️🙏
हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया।
क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं?
बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो।
तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!!
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श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।
📯《अर्थ》→ गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।★
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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।★
📯《अर्थ》→ हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सदबुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।★
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥★
📯《अर्थ 》→ श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों,स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।★
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राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥★
📯《अर्थ》→ हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नही है।★
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महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥★
📯《अर्थ》→ हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।★
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कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥★
📯《अर्थ》→ आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।★
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हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥★
📯《अर्थ》→ आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।★
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शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥★
📯《अर्थ 》→ हे शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है।★
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विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥★
📯《अर्थ 》→ आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।★
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प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥★
📯《अर्थ 》→ आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते है।★
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सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रुप धरि लंक जरावा॥9॥★
📯《अर्थ》→ आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके.लंका को जलाया।★
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भीम रुप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥★
📯《अर्थ 》→ आपने विकराल रुप धारण करके.राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया।★
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लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥★
📯《अर्थ 》→ आपने संजीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।★
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रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।★
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सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥★
📯《अर्थ 》→ श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से.लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।★
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सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद,सारद सहित अहीसा॥14॥★
📯《अर्थ》→श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।★
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जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥★
📯《अर्थ 》→ यमराज,कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।★
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तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥★
📯《अर्थ 》→ आपनें सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।★
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तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥17॥★
📯《अर्थ 》→ आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।★
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जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥★
📯《अर्थ 》→ जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझ कर निगल लिया।★
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प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥★
📯《अर्थ 》→ आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह मे रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नही है।★
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दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥★
📯《अर्थ 》→ संसार मे जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।★
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राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥21॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप.रखवाले है, जिसमे आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नही मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।★
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सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू.को डरना॥22॥★
📯《अर्थ 》→ जो भी आपकी शरण मे आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक. है, तो फिर किसी का डर नही रहता।★
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आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥★
📯《अर्थ. 》→ आपके सिवाय आपके वेग को कोई नही रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।★
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भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥★
📯《अर्थ 》→ जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नही फटक सकते।★
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नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥25॥★
📯《अर्थ 》→ वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है,और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! विचार करने मे, कर्म करने मे और बोलने मे, जिनका ध्यान आपमे रहता है, उनको सब संकटो से आप छुड़ाते है।★
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सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥ 27॥★
📯《अर्थ 》→ तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यो को आपने सहज मे कर दिया।★
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और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥★
📯《अर्थ 》→ जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन मे कोई सीमा नही होती।★
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चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥★
📯《अर्थ 》→ चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग मे आपका यश फैला हुआ है, जगत मे आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।★
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साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥★
📯《अर्थ 》→ हे श्री राम के दुलारे ! आप.सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।★
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अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥३१॥★
📯《अर्थ 》→ आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।★
1.) अणिमा → जिससे साधक किसी को दिखाई नही पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ मे प्रवेश कर.जाता है।★
2.) महिमा → जिसमे योगी अपने को बहुत बड़ा बना देता है।★
3.) गरिमा → जिससे साधक अपने को चाहे जितना भारी बना लेता है।★
4.) लघिमा → जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन जाता है।★
5.) प्राप्ति → जिससे इच्छित पदार्थ की प्राप्ति होती है।★
6.) प्राकाम्य → जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी मे समा सकता है, आकाश मे उड़ सकता है।★
7.) ईशित्व → जिससे सब पर शासन का सामर्थय हो जाता है।★
8.)वशित्व → जिससे दूसरो को वश मे किया जाता है।★
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राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥★
📯《अर्थ 》→ आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण मे रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।★
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तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥★
📯《अर्थ 》→ आपका भजन करने से श्री राम.जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।★
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अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥34॥★
📯《अर्थ 》→ अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।★
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और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नही रहती।★
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संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥★
📯《अर्थ 》→ हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥★
📯《अर्थ 》→ हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।★
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जो सत बार पाठ कर कोई, छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥★
📯《अर्थ 》→ जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।★
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जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥39॥★
📯《अर्थ 》→ भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।★
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तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥★
📯《अर्थ 》→ हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय मे निवास कीजिए।★
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पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥★
📯《अर्थ 》→ हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए।★
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🌹सीता राम दुत हनुमान जी को समर्पित🌹
*माता व बहने जो अपनी समस्याओं को दूसरो को बताने में संकोच करती हैं उनकेे शरीर स्वास्थ्य का व परिवार के समृद्धि का नाश होता है*
*घरेलू में एक अनार के जूस या किसी भी तरल पेय दूध छोड़कर सुबह में गेहूं के दाने के बराबर चुना व रात्रि को एक गिलास गर्म दूध में एक दो चम्मच देशी गाय का घी मिलाकर पिएं नियमित पथरी की शिकायत हो तो चुना न लें वो सभी शतावरी व अश्वगंधा बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह शाम एक एक चम्मच गर्म दूध या गर्म पानी या शहद मिलाकर नियमित सेवन करें*
*उनकी "समस्याओं का रामबाण है देशी गाय का घी,मेथी के दाने, चुना , शताबरी की जड़,अशोक के पंचांग*
*स्वेत प्रदर ( ल्युकेरिया)*
*1.सुबह में पके केले व दूध में 2 चम्मच शहद*
*2.पके केले की खीर खाने से*
*3.केले के कोमल पत्तों को पीसकर दूध में उबालकर पीने से*
*4.सुबह शाम पके केले के साथ देशी गाय का घी खाने से*
*5.बड़ के पत्तो का दूध मिश्री व गाय का दूध पीना*
*6. गिलोय शताबर की समान मात्रा का आधा चम्मच चूर्ण का काढ़ा सुबह शाम*
*7. 4 सूखे सिंघाड़े को रात को पानी मे भिगो दें सुबह पीसकर मिश्री व दूध के साथ*
*8.आंवले के रस में शहद मिलाकर*
*9.गाय के दूध में तुलसी का रस मिलाकर*
*10. तुलसी के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम*
*11.मूली का नियमित सेवन*
*12.सूखा आंवला व मुलेठी की समान मात्रा का चूर्ण शहद के साथ व बाद में गाय का दूध पिये।*
*रक्त प्रदर:-*
*1.लौकी के बीजों को छीलकर घी में भुने व मिश्री डालकर हलवा का सेवन प्रातः काल खाली पेट*
*2.आधा चम्मच अशोक जड़ चूर्ण शहद के साथ*
*3.अरहर के पत्तो का रस पानी मे घोलकर पिने से*
*4. अशोक की छाल 100 ग्राम सफेद चंदन,कमल का फूल,अतीस,आंवला, नागरमोथा, जीरा,चीते की छाल 50 50 ग्राम का बारीक चूर्ण को 10 ग्राम शहद के साथ*
*मासिकधर्म की अनियमितता:-*
*1. मेथी,गाजर,मूली के बीज के बराबर मात्रा का चूर्ण 1 1 चम्मच अशोकारिष्ट के साथ*
*2. लाल गुड़हल के फलो को कांजी के साथ पीसकर पियें*
*3. आम की पत्तियों को सुखाकर आग में जलाकर चूर्ण बना ले पानी मे घोलकर पिये*
*4.तेजपत्ता का काढ़ा पीना चाहिये*
*5. 1चम्मच भुना सुहागा पानी मे मिलाकर पिएं*
*6.पथरी न हो तो गेहूं के दाने के बराबर चुना दही,जूस,पानी,या छाछ में*.
*7. 2 चम्मच मेथी रात को 1 गिलास गर्म पानी मे भिगो दें सुबह इस पानी को पिये दाने को चबा चबा कर खाएं*
*8. शताबरी के जड़ का चूर्ण 2 ग्राम दूध या पानी के साथ*
*मासिक धर्म की अधिकता:-*
*1.पथरी न हो तो गेहूं के दाने के बराबर चुना दही,जूस,पानी,या छाछ में*
*2. 2 चम्मच मेथी रात को 1 गिलास गर्म पानी मे भिगो दें सुबह इस पानी को पिये दाने को चबा चबा कर खाएं*
*3. शताबरी के जड़ का चूर्ण 2 ग्राम दूध या पानी के साथ*
*4. 10ग्राम सफेदा काशगरी,1 ग्राम लाल गेरू , मिश्री,मिलाकर पानी के साथ*
*5.असगन्ध चूर्ण व मिश्री को पानी के साथ*
*6.धनिये का काढ़ा बनाकर पिये*
*7.राल का महीन चूर्ण मिश्री के साथ*
*8.जामुन की हरी छाल को सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध के साथ सुबह शाम*
*मासिकधर्म के समय दर्द :-*
*1. गर्म पानी में 1 चम्मच घी डालकर पीने से 2 3 पहले से शुरू कर लेने से*
*2. कमर तक गुनगुने पानी में बैठ कर नाभि की सेक करने के बाद तारपीन के तेल की मालिश करने से*
*3. 250 ग्राम बबूल की छाल को कूटकर 2लीटर पानी में उबाल कर जब पानी आधा लीटर रह जाए तो इस पानी से योनि में पिचकारी देने से*
*4. एक ग्राम कालीमिर्च चूर्ण 3 ग्राम रीठे का चूर्ण को जल के साथ सेवन करने से*
*5. अजवायन,पोदीना,इलायची व सौफ को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से*
*6. मासिक स्राव के बाद वायु के प्रकोप बढ़ने के कारण मस्तिष्क शून्य,आंखों के आगे अंधेरा,दाँतो का भीड़ जाना ऐसे समय में रीठे को पानी में घिसकर इसके झाग से आंखों में काजल की तरहः लगाने से तुरन्त वायु दूर हो माताएं व बहने स्वस्थ हो जाती हैं*
*7. जब मासिकधर्म खुलकर न आये तो मूली के 6बीजो का चूर्ण 4 ग्राम दिनभर सुबह दोपहर शाम सेवन करने से*
*यदि कई महीनों से मासिकधर्म बन्द हो तो मूली मेथी सोया गाजर के बीजो को 4 4 ग्राम सेवन से बन्द मासिक खुल कर
*मूली के सेवन से मासिकधर्म और वीर्य पुस्त होता है*
*सौठ व पुराने गुड़ का काढ़ा पीने से*
*मासिकधर्म की हर समस्या हेतु मेथी का सेवन करें*
*गुड़हल के फलो का चूर्ण 6 12 ग्राम कांजी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से*
*एक ग्राम का चौथाई भाग केसर को दूध में मिलाकर सेवन से*
*मासिकधर्म शुरू होने से 15 दिन पहले आधा चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से*
🥗ब्रह्मचर्य औषधि समाधान भाग 1🥗
🥗🥗🥗पानी पीने के नियम
🥗पानी पीने के 100 नियम है, कुछ बता रहा हूं।
🥗शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस है तो आपके शरीर के लिए इतना ही तापमान का पानी उचित है।
🥗कभी भी ठंडा पानी ,फ्रिज का पानी, बर्फ का पानी ना पिये,ताजा पानी ही पिये, मिट्टी के घड़े का पानी पी सकते है।
🥗भोजन करने के पश्चात 60-90 मिनट तक पानी का सेवन ना करें, यदि आप किसान या मजदूर आदि है तो 60 मिनट अन्यथा 90 मिनट,।
🥗सुबह उठकर उकड़ू बैठकर सवा लीटर पानी पिये।
🥗सुबह उठकर सबसे पहले 3-4 गिलास पानी ही पिये, सम्भव हो तो हल्का गुनगुना पानी पिये ।
🥗रात सोने से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पियें, हार्ट अटैक से बचे रहेंगे।
🥗प्लास्टिक की बोतल, लकड़ी की बोतल आदि का पानी न पिए।
🥗जब भी पानी पिये उसे घूंट-घूंट करके ही पिये, एक गिलास पानी को कम से कम 8-10 बार मे ही पिये, एक घूँट मुह में पानी भरिये थोड़ी देर चलाइये फिर पिये ,दिन भर में अगर 10 गिलास पानी पियेंगे तो 100 बार ये मुह की लार अंदर जाएगी जो अमृत है, इसी प्रकार ही पीना है।।।।
🥗प्यास लगने पर पानी न पिएं तो 13 रोग आते है, और अगर बिना प्यास के पानी पियें तो 27 रोग आते हैं।
🥗पानी उबालने पर यदि 3/4 भाग शेष बचे तो यह वातनाशक है, यदि 1/2 भाग शेष बचे तो पित्तनाशक है ,यदि 1/4 शेष बचे तो कफनाशक है।
🥗सबसे शुद्ध पानी बारिश का दूसरा पानी है।
🥗तालाबो,कुएं, पोखरों का पानी नदी के पानी से अधिक उत्तम है।
🥗पानी हमेशा बैठकर सुखासन में पऔ
🥗 आपका जितना वजन है उसमें 10 का भाग करके दो घटा दीजिए जितना लीटर बचा उतना ही आपको पीना है।
जैसे मेरा वजन 80 किलो है तो उसका 10 में भाग दिया हुआ 8 उसमें से दो घटा दीजिए हुआ 6 मुझे 6 लीटर जल पीना है।
🥗गर्मियों में मिट्टी के बर्तन का पानी सर्वोत्तम है।
🥗सर्दियो में सोने का पानी उत्तम है।
🥗बरसात में ताम्बे का पानी उत्तम है।
🥗ताम्बे के पानी अगर हमेशा पीना है तो 3 महीने लगातार पिये, फिर 1 महीने बन्द करके, फिर से पिये।
🥗गिलास की अपेक्षा लोटे में पानी पीना सर्वोत्तम है।
🥗RO का पानी पीना बन्द करें, इंसमे कोई पोषक तत्व नही।
🥗पानी को सबसे अच्छा फिल्टर चूना करता है।
🥗पानी को उबाल कर पिया जा सकता है, जिन्हें समस्या है।
🥗यह सभी नियम आपको किसी भी बीमारी से स्वयम बाहर निकाल लेगे और बीमार पड़ने की संभावना भी बहुत कम रहेगी।
🥗यदि कोई भी इन नियम का पालन करता है तो कम से कम 80 तरह के रोगों से वह बचा रहेगा।।।।।
10 वर्षीय छात्र की हार्ट अटैक से मृत्यु
कारण डॉक्टरों ने बताया है कि
1:- बच्चे को सुबह कच्ची नींद में उठाना
(नींद पूरी नहीं होना)
2:- बगैर नाश्ता करवाये स्कूल भेजना
3:-बच्चे के कुल वजन से ज्यादा स्कूल बैग ले जाना
4:-स्कूल का होमवर्क कम्प्लीट न होने पर टीचर का प्रेशर
5:- ठंडा लंच न खा पाना
6:-स्कूल से आते ही नहाना जबरदस्ती भोजन करवाना
7:-बिना आराम किये घर में होमबर्क कम्प्लीट करने का प्रेसर इत्यादि
अभिभावकों क्या 4-6 वर्ष के बच्चे को अभी डॉक्टर, इंजीनियर, SP , कलेक्टर बना देँगे ?
आप देखो आप कितने पढ़े लिखे हैं एवं आपने कब स्कूल जाना शुरू किया, आप उस मासूम बच्चे की जान के पीछे क्यों पड़े हैं!
हम केवल एक दूसरे की होड़ में बच्चों का बचपन मार रहे है !
आप जवान हैं तो सुबह 5 बजे उठकर ढाई बजे तक रेगुलर काम करके दिखाएं और फिर भोजन करके तुरन्त फिर काम करके दिखायें !
छोटे से मासूम बच्चों के साथ इतना अन्याय क्या सही है?
अपने दिल पर हाथ रखकर विचार करिए आप एक मासूम के साथ कितना अन्याय कर रहे हैं। हम बच्चों का बचपन और उनकी स्वाभाविक विकास प्रक्रिया से वंचित कर रहे हैं!
साभार
I have reached 900 followers! Thank you for your continued support. I could not have done it without each of you. 🙏🤗🎉
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,
चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
आप सभी को पवित्र श्रावण मास की शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
भगवान शिव आप सभी के जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें।
।।ॐ नमः शिवाय।।
*135 बातें यह भी जानें*
135 = केवल सेंधा नमक प्रयोग करे,थायराईड,बी पी, और पेट ठीक होगा।
134 = केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें, अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे।
133 = कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल, मूंगफली, सरसों और नारियल का प्रयोग करें, रिफाइंड में बहुत केमिकल होते है जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते है।
132 = सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर मसल कर ज़हरीली झाग निकाल कर ही प्रयोग करे।
131 = रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है,प्रदूषित हवा बाहर करे।
130 = काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी!
129 = देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता।
128 = ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा।
127 = ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं, आयरन की कमी किसी को नहीं होगी।
126 = भोजन का समय निश्चित करे,पेट ठीक रहेगा। भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण देगा!
125 = नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें,पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगे।
124 = सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें, पेट ठीक रहेगा।
123 = चीनी कम से कम प्रयोग करें,ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी।
122 = चीनी की जगह बिना मसाले का गुड़ या देशी शक्कर ले।
121 = छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करे। फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते।
120 = चाय के समय आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं, निरोग रहेंगे।
119 = एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें,सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें।
118 = रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें।
117 = करेले,मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा।
116 = पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे।
115 = प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं दोनों केन्सर कारक है।
114 = माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है।
113 = खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ,पेट और दांतों को खराब करती हैं।
112 = बाहर का खाना बहुत हानिकारक है,खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं!
111 = तली चीजें छोड़ें, वजन पेट एसिडिटी ठीक रहेंगी।
110 = मैदा, बेसन, छौले, राजमां और उड़द कम खाएँ गैस की समस्या से बचेंगे।
109 = अदरक व अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं गैस और शरीर के दर्द कम होंगे।
108 = बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है।
107 = पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है, U V वाला ही प्रयोग करे,सस्ता भी और बढ़िया भी।
106 = रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं,इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें।
105 = रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें,सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें!रात को पी जाएं,पेट साफ होगा कोई रोग एक साल बाद नहीं रहेगा।
104 = सुबह रसोई में चप्पल न पहनें शुद्धता भी, एक्यू प्रेशर भी।
103 = रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं एसिडिटी खतम होगी।
102 = एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी।
101 = चौथाई चम्मच दालचीनी का उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी।
100 = रसोई के मसालों से बनी चाय स्वास्थ्यवर्धक है।
99 = सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी भी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा।
98 = सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए सर्दी का दुष्प्रभाव नहीं होगा।
97 = रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी,नमक, फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा।
96 = कभी - कभी नमक - हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता।
95 = बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा।
94 = सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें, प्रोबायोटिक का काम करेगा।
93=गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है! सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है।
92=आप यदि रोज़ हल्दी का पानी पीते हैं,तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है।
91=लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है!क्योंकि हल्दी का पानी लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है,इसके अलावा हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं।
90=हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
89=जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है ऐसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है,हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते है।
88=शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें,हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असहय दर्द को ठीक कर देता है! सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी।
87=खाना खाने के डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।
86=पानी घूँट घूँट करके पीना है जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जा सके पेट में Acid बनता है,और मुँह में क्षार,दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा।
85=पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है।
84=सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिए,रात भर जो अपने मुँह में लार है वह अमूल्य है,उसको पेट में जाना ही चाहिए।
83=खाना जितने आपके मुँह में दाँत है,उतनी बार ही चबाना है।
82=खाना ज़मीन पर बैठकर या उकड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए।
81=खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही, प्याज़ के साथ दूध,दही के साथ उड़द की दाल।
80=समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक खाना चाहिए।
79=रीफ़ाइन तेल डालडा ज़हर है,इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों, तिल, मूँगफली या नारियल का तेल उपयोग में लाए!सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है,आदमी में इसके पचाने के एंजाइम नहीं बनते हैं।
78=दोपहर के भोजन के बाद कम से कम ३० मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजन बाद ५०० क़दम पैदल चलना चाहिए।
77=घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में 17 तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है,इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए और आज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है!इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाए,प्राकृतिक गुड़ ही खाये जो चाकलेट कलर का होता है।
76=सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए।
75=घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए, हमारे बर्तन मिट्टी, पीतल, लोहा और काँसा के होने चाहिए।
74=दोपहर का भोजन 11 बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए।
73=सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए।
72--जूते यदि पालिश से साफ नहीं हो रहे हों तो पेट्रोल लगाकर साफ कर लें। जूते चमक उठेंगे।
71--गंदे कपड़ों को उबले हुए आलू के पानी से साफ
करें। कपड़े बिल्कुल साफ हो जायेंगे।
70--फिल्टर काफी बनाने के बाद बचे हुए मिश्रण से
बाथरूम का फर्श धोएं। फर्श चमक उठेगा।
69--जल जाने पर जले हुए स्थान पर केलामसलकर लगा लें। फफोले नहीं बनेंगे।
68--कपड़ों या बर्तनों से स्टीकर अथवा लेबल के
निशान हटाने के लिये उसे सफेद स्पिरिट से साफ
करें।
67--जिस स्थान से चीटियां ज्यादा निकलती हों,वहां
हल्दी तथा बोरिक पाउडर मिलाकर छिड़क दें। चीटियां
नहीं आएंगी।
66--मच्छर ज्यादा हो गए हों तो तवे या फ्राइंग पैन पर थोड़ा सा काफी पाउडर डालकर भून दें और इसका
धुआं कमरे में कर दें।
65--सिल्की साड़ियों को डिटर्जेंट से धोने के बजाय
इन्हें धोने के लिये शैम्पू का प्रयोग करें।
64--बालों में चमक लाने के लिये एक मग पानी में 2 चम्मच सिरका डालकर बालों में रगड़ें और कुछ देर बाद धो लें बालों में चमक आ जाएगी।
63--कपड़े धोते समय पानी में थोड़ा सा नमक मिला दें।
कपड़े आसानी से साफ हो जाएंगे और इनमें चमक भी
आ जाएगी।
62--शरीर में अगर कहीं चोट लग जाए या कट जाए और डाक्टर तक पहुचने में देर लगेतो तुरंत खून निकलने वाली जगह पर चुटकी भर चायपत्ती डालें फिर उस स्थान पर रुई रखें और जोर सेदबाए रखें,चाय पत्ती में टेनिन होने के कारण खून
बहना बंद होगा।
61--चक्कर आने पर तुलसी के रस में चीनी मिलाकर सेवन करने से चक्कर ठीक हो जाते हैं।
60--मिश्री के साथ 4-5 तुलसी पत्ते लेने से पेट में दर्द ठीक हो जाता है।
59--कुष्ठ रोग में प्रतिदिन प्रात: तुलसी का रस पीने से रोग ठीक हो जाता है।
58--दाद-खाज जैसे चर्म रोगों में तुलसी और नींबू के रस का लेप करने से लाभ मिलता है।
57--स्मरणशक्ति को बढ़ाने के लिए तुलसी के 5 पत्ते सुबह खाने से लाभ होता है।
56--तुलसी का पंचांग का बारीक चूर्ण चौथाई छोटा चम्मच गाय के दूध में सुबह-शाम पीने से गठिया रोग ठीक होता है।
55--मुंह के छालों में तुलसी के अर्क से (रस से नहीं) कुल्ला करने से लाभ होता है।
54--हैजे में तुलसी के बीज का चूर्ण बनाकर गाय के दूध से सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है।
53--दस्त आने पर चौथाई चम्मच जीरा और दस तुलसी पत्ते दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
52--पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए छोटी इलायची अदरक का रस और तुलसी का रस मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
51--कान में हो रहे सामान्य दर्द को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों के रस में कपूर में मिलाकर गुनगुना करके कुछ बूंदें डालने से लाभ होता है।
50--ठंड या बारिश के मौसम में जुकाम के कारण नाक बंद हो जाती है। इससे बचाव के लिए अजवाय को भून कर पीस ले। उसे एक सूती कपड़े में बांधकर इनहेलर बना लें। इसे बच्चों को सुघांते रहे इससे निकलने वाली सुगंध नाक को खोलने में मदद करती है।
49--रात को सोते समय रोज आंवले का चूर्ण शहद या पानी से लेने से पेट साफ रहता है और आंखों से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है। सूखे आंवले को शुद्ध घी में तलकर पीस लें, इस चूर्ण का सिर पर लेप करने से नकसीर में लाभ मिलता है।
48--पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण में ग्लिसीरीन मिलाकर दिन में दो बार फटी हुई एड़ियों में लगाने से बहुत जल्दी फायदा होता है।
47--भोजन करने से पहले दो या तीन पके लाल देसी टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है व पौरूष शक्ति बढ़ती है।
46--पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट देसी गोल,लाल पका टमाटर पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से लाभ होता है।या पिसे टमाटर में हींग का छौंका लगा दीजिये ,अब उसे पी जाइए, सारे कीड़े मर जायेंगे.
45--बालों को स्वस्थ रखने और उनको बीमारी इत्यादि से बचाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपके बालों में चमक आएगी बल्कि आपके बाल किसी भी होने वाली बीमारी से भी बच पाएंगे।फ्रिज में रखकर चैक करें,न जमने वाला तेल नकली होगा।
44--त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
43--सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
42--चेहरे की झांईयो पर कुछ दिनों तक चेहरे पर मटर के आटे का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते है।
41--आंवला का सेवन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
और सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आपका शरीर स्वस्थ बना रहता है।
40--जब आप घर में हों तो बच्चों के साथ खूब मस्ती करें, उछल-कूद करें, यह क्रिया आपको एनर्जी देगी और मन प्रफुल्लित रखेगी। वैसे भी बच्चों के साथ सारे टेंशन दूर हो जाते हैं।
39--हल्दी,बेसन का उबटन बनाकर चेहरे पर लगाने से भी मुँहासे दूर होते हैं।
38--नीम की पत्तियों के चूर्ण में मुलतानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें व इसे चेहरे पर लगाएँ।चेहरे को साफ करने का उत्तम व सस्ता प्राकृतिक उपाय है।
37--नीम की जड़ को पीसकर मुँहासों पर लगाने से भी वे ठीक हो जाते हैं।
36--काली मिट्टी को घिसकर मुँहासों पर लगाने से मुंहासे नष्ट हो जाते हैं।
35--अगर आपका मोबाइल चार्जिंग के समय गर्म होता है तो कम एम्पियर का चार्जर प्रयोग करें,मोबाइल गर्म नहीं होने से बैटरी की उम्र ज्यादा हो जाएगी।
34--नहाने के साबुन के छोटे टुकड़ों को एक अलग डिब्बे में भरे पानी में गलाकर हाथ धोने का लिक्विड बना सकते हैं या वही लिक्विड कपड़े धोते समय वाशिंग मशीन में भी डाल सकते हैं।
33--AC का प्रयोग शरीर से पसीना नहीं निकलने देता जिससे 45 की उम्र के बाद फेफड़ों व अन्य रोगों की समस्याएं आती ही हैं।
32--सूती कपड़ों को पहनने वालों को चर्म रोग बहुत कम होते हैं।
31--परफ्यूम 30-35 की उम्र के बाद एलर्जी का कारण बनते हैं।
30--कॉस्मेटिक्स का प्रयोग युवतिओं को 35-40 साल तक जवान दिखा तो देते हैं पर सुंदरता अंदर से सही पोषण से आती है बाद में पोषण से भी सम्भव नहीं होती।
29--किसी भी कारण से दस्त लग जाने पर आधा चम्मच चाय की पत्ती फांककर थोड़ा पानी पी लें।
28--आज के प्रदूषण व मिलावट के जमाने में 1 महीने से 5 साल तक के बच्चे को घुट्टी,5 साल से 12 साल तक के बच्चे को होम्योपैथी की Five Phos,13 साल के बाद 50 साल के व्यक्ति को च्यवनप्राश और 50 साल के ऊपर वालों को होम्योपैथी की बायोकेम की No 28 का निरोग रहने के लिए अवश्य ही प्रयोग करना चाहिए।
27--Fully Automatic Washing Machine Heier की 10000 रु के लगभग आ जाती है और हीटर वाली का कोई उपयोग नहीं है।
26--पतंजलि के दन्त कांति पेस्ट में दांत साफ करने का केमिकल ज्यादा होने से दांतों का इनेमल कम होता है और कुछ समय बाद दांतों को गर्म,ठंडा लगना शुरू हो जाता है।
25--पेस्ट या मंजन vicco वज्रदंती ही उत्तम है।
24--बड़ों के दांतों के लिए अच्छा ब्रश क्लासिक गोल्ड रु 25 में आता हैं।
23--दांत के ब्रश बच्चों के लिए पतंजलि के सबसे अच्छे हैं,कीमत भी केवल 10 रु।22--फ़िल्टर के पानी का टीडीएस 350 होना चाहिए, न कि 100 हो।
21--देसी घी देसी गाय का ही उपयोगी होता है,जो बिक रहे हैं वह विदेशी नस्ल की गायों के उत्पाद या नकली हैं।
20--फल केवल वही खाएं जो सीजन के हों,यही ठेलों पर बिकते हैं।
19--बैटरी वाली स्कूटी खरीदते समय बैटरी Li-Ion की जगह Li-Fepo4 की लें,इसकी Life 3 गुना होती है।
18--एक चुटकी खाने के सोडे की प्रतिदिन एक गिलास पानी में डालकर कभी भी पीते रहने से अनेकों रोग शरीर से बाहर हो जाते हैं।
17--खाना खाने के बाद दोनों समय ब्रश से दांत साफ करके 1-1 लौंग चबाने से दांत में कीड़ा नहीं लगेगा।
16--सभी सब्जियों,फलों को खाने के सोडे के पानी से धोकर प्रयोग करने से आप कीटाणु, जीवाणु व केंसर तक से सुरक्षित हो जाते हैं।
15--रोयेंदार व चिकनी लौकी को खाने के सोडे के पानी से धोकर उसका सुबह शाम खाली पेट 200 ml जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल बहुत तेजी से कम होता है।
14--करेले को बीजों व छिल्के सहित ही प्रयोग करने से ही शुगर के मरीज को लाभ होता है।
13--सीताफल के बीजों का पेस्ट सर की लीखों व जुओं को खत्म कर देता है।
12--शुगर के रोगी को जामुन खाने से उतना लाभ नहीं होता जितना जामुन की गुठली के पौडर को खाने से होता है।
11--घर में लगाये जाने वाले पोंछे के पानी में डाले जाने वाले क्लीनर नकली खुशबू वाले होते हैं,उनकी जगह पुराने जमाने से आने वाली काली फिनायल का ही प्रयोग उचित है।
10--यह जानकारी गलत है कि चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने में हड्डियों का प्रयोग होता है।
9--चाय सभी खाद्य वस्तुओं के आयरन को शरीर में अवशोषित नहीं होने देती।
8--जो भी सम्भव हो सब्जी लोहे की कढ़ाई में बनाएं,खून बनेगा।
7--घर में संध्या समय देसी गाय के देसी घी/शुद्ध तिल तेल/सरसों तेल का दीपक जलाने से घर में कीड़े,मकौड़े, बैक्टीरिया इत्यादि कम होंगे।
6--अमूल नमकीन पीला मख्खन भी 2 तरह का आता है,एक पेस्च्युराइस्ड 50 रु का 100 gm और दूसरा मार्जरीन लगभग 16 रु का 100 gm,जबकि उस पर लिखा नहीं होता,यह बाजार वाले आपको फ़ास्ट फूड में खिलाते हैं,हानिकारक है।
5--बरसात का छना पानी आपके इन्वर्टर के लिए सबसे अच्छा डिस्टिल्ड वाटर होता है।
4--सिंघाड़ों को ऐसे ही छत पर सूखने डाल दें,10 दिन में छिल्के सूख जाने पर हिलाने पर बजने लगेंगे,छीलकर अंदर की गिरी को 10 दिन और सूखने दें।किसी भी प्रकार से खाएं,पौष्टिकता देते हैं।
3--बाजार में BLDC तकनीक से बने 28 वाट के छत के पंखे 3 साल से बिक रहे हैं जो 60 वाट के पंखे के बराबर हवा देते हैं,आवाज कम करते हैं,रिमोट से चलते हैं,5 साल तक की घर पर सर्विस वारंटी,कीमत रु 3200 से शुरू।Crompton कीमत कम,वारंटी सबसे ज्यादा,मजबूत डिजाइन।
2--भुट्टा भून कर खाने के बाद,बचे हिस्से के छोटे छोटे टुकड़ों को कढ़ाई में बिल्कुल काला होने तक भून कर पिसे पौडर को आधा चम्मच शहद के साथ सुबह शाम चाटने से पुरानी खांसी ठीक होती है।
1--आजकल भुट्टे खूब आ रहे हैं,छिलका उतारते समय ऊपर के बालों के गुच्छे को उबालकर उसका सूप कई दिन पीने से सांस की समस्या में लाभ होगा व गुर्दे की पथरी भी घुलकर निकलनी शुरू होगी।
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