Advocate Subodh Kumar Jha Fans' Club
S. K. Jha Sir, an advocate & a research scholar of human rights, great personality with a great Soul.
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ --बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह क
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
खुद को मरा घोषित करने वाला दरोगा… 12 साल बाद काट रहा था मौज, वकील ने किया... खुद को मरा घोषित करने वाला दरोगा… 12 साल बाद काट रहा था मौज, वकील ने किया पर्दाफाश
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
मुजफ्फरपुर में खुद को मृत साबित करने वाले दारोगा को अधिवक्ता ने ढूंढा, प्रतिज्ञा पूरी होने पर ध मुजफ्फरपुर: के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने 15 वर्ष पूर्व मृत दारोगा रामचंद्र सिंह को जिन...
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
Muzaffarpur News: वकील के संकल्प से 'मृत दारोगा' हुआ ज़िंदा, जानिए क्या है पूरा मामला Muzaffarpur News Hindi: बिहार में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल तो उठते ही रहते हैं, अब एक मृत दारोगा के ज़िदा होने का मामला सामने आया ...
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
https://youtu.be/nCwC_KO-tmc?si=4X01FfZdIzqaRSGZ
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
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मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
अधिवक्ता की जिद ने म*रे हुए दरोगा को 12 साल बाद कर दिया जिंदा, जानें पूरी घठना अधिवक्ता की जिद ने म*रे हुए दरोगा को 12 साल बाद कर दिया जिंदा, जानें पूरी घठना ..तथ्य भारत... तथ्य के साथ, सत्य क....
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
अधिवक्ता की जिद्द ने मरे हुए दरोगा को 12साल बाद कर दिया जिंदा, जाने पूरी।। The stubbornness of the advocate brought the dead inspector back to life after 12 years.
बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
मृत दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज हुई पूरी, तो एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को फिर से पहनाया जनेऊ!
बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
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बारह वर्षों का संकल्प हुआ पूरा, तो अधिवक्ता ने कराया सुन्दर कांड, पुनः धारण किया जनेऊ!
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बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
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बारह वर्ष पूर्व जनेऊ तोड़कर लिया था मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को खोजने का संकल्प!
मुजफ्फरपुर :- जिले के एडवोकेट्स एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के सिविल कोर्ट मुजफ्फरपुर में पाँच वर्ष पुरे होने एवं 15 वर्ष पूर्व मृत दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ निकालने के उपलक्ष्य में आज काफी धूमधाम से रामचरितमानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। आज से बारह वर्ष पूर्व अधिवक्ता श्री झा ने अपना जनेऊ तोड़ दरोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ़ने का संकल्प लिया था, जिस संकल्प के पूरा होने पर आज अधिवक्ता श्री झा ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया। विदित हो कि रामचंद्र सिंह वही दरोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मरे होने की बात बताई थी। न्यायालय को एक कांड की गलत जाँच करने के मामले में दरोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी, तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाये उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में अपना मृत्यु प्रमाणपत्र दायर करा दिया जिसके अनुसार दरोगा रामचंद्र सिंह की मृत्यु 2009 में हो चुकी हैं। जबकि रामचंद्र सिंह द्वारा कांड का अनुसन्धान 2012 में किया गया था। जब दरोगा रामचंद्र सिंह का झूठ न्यायालय के समक्ष खुला और न्यायालय ने जाँच का आदेश दिया तो दरोगा रामचंद्र सिंह ने अपना ट्रांसफर करा लिया और कोर्ट की नजर में 'ट्रेसलेस' हो गये, उनके विभाग ने भी उनकी कोई जानकारी देने में असमर्थता प्रकट की। उस समय राष्ट्रीय व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के.झा ने अपना जनेऊ तोड़ कर यह संकल्प लिया था कि जबतक दरोगा रामचंद्र सिंह को ढूंढ़, उसकी सच्चाई को जगजाहिर नहीं कर देते, तब तक जनेऊ धारण नहीं करेंगे। अब जब दरोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ चुकी हैं और मामले की जाँच शुरू हो चुकी हैं, तो इस अवसर पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने श्री झा को पुनः जनेऊ धारण कराया। मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह, महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल, वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही, टुन्ना सिंह, राजीव रंजन, राजू रंजन, मुकेश ठाकुर, ब्रजेश कुमार, अशोक सिंह, सुमित झा, भोलेनाथ वर्मा, मानवाधिकार कार्यकर्ता कौशलेन्द्र मिश्र, अखिलेश झा, वीरेश सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह विधि की, दृढ़संकल्प की और सच्चाई की जीत का क्षण है। आज अपना 12 वर्षों का संकल्प पूरा होने और जनेऊ पुनः धारण करने पर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूँ। दरोगा रामचंद्र सिंह की खोज में सहायता करने वाले सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ।
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