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Happy diwali to the suitism's family
जमानत के बाद अदालत की पेशी में ना आना पड सकता है बहुत महंगा | Court date | police | Crime
SC-ST वर्ग के व्यक्ति को गाँव या घर से निकालने के लिए मजबूर करना कितना गंभीर अपराध है जानिए
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यदि कोई आवारा कुत्ता काट ले तो किसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी ?
क्या दूसरी पत्नी और उसके बच्चों को कानूनी अधिकार होते हैं?
Can even a common man arrest a criminal? |
जानिए :- क्या कोई आम आदमी भी किसी अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है? |
#2312022 #2022
भारत में बड़े पैमाने पर लोग रेलवे के जरिए सफर करते हैं। भारत के रेलवे नेटवर्क की गिनती दुनिया की चौथी सबसे विशाल रेल नेटवर्क में की जाती है। यात्रियों की सहूलियत के लिए भारतीय रेलवे ने कई नियम बना रखे हैं, ताकि सफर के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। भारतीय रेलवे अक्सर यात्रियों के सफर को सुगम और सरल बनाने के उद्देश्य से कई बदलाव और नए नियम लेकर आत रहता है। इसी कड़ी में आज हम आपको इंडियन रेलवे के एक ऐसे ही खास नियम के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। क्या आपको इस बारे में पता है कि टीटीई यानी ट्रैवल टिकट एग्जामिनर आपके टिकट को रात 10 बजे के बाद चेक नहीं कर सकता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको भारतीय रेलवे के इस नियम के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। आइए जानते हैं -
सूचना का अधिकार (RTI) भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो सूचना के अधिकार को भारत के नागरिकों के लिए एक मौलिक अधिकार बनाता है। यह सूचना का अधिकार 15 जून, 2005 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 12 अक्टूबर, 2005 को इसे पूरी तरह से लागू किया गया। आरटीआई अधिनियम के तहत, भारत का कोई भी नागरिक किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण (public authority) से जानकारी का अनुरोध कर सकता है और प्राधिकरण को जल्द से जल्द या तीस दिनों के भीतर जवाब देना पड़ता है। किसी याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता से जुड़े मामले में प्राधिकरण को 48 घंटे के भीतर सूचना उपलब्ध करानी होती है।
भारत में लोगों को विदेशी चीजें संग्रहित करने का काफी शौक होता है। कुछ लोगों के परिवार या परिचित लोग विदेश जाते हैं तो उनके लिए उपहार लेकर आते हैं और कुछ लोग दूसरे माध्यमों से विदेशी चीजें खरीद लेते हैं। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि विदेशी चीजें अपने पास रखना कभी-कभी गंभीर अपराध की श्रेणी में आ जाता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 127 के तहत FIR दर्ज होती है और 7 साल की जेल की सजा हो सकती है।
Happy diwali
किसी पागल व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना पड सकता है बहुत महंगा
हत्या की कोशिश करने वाले पर लगती है IPC की धारा 307
यदि कोई, शादी के लिए महिला को उठा ले जाए तो क्या करें?
भारत के संविधान में राष्ट्रपति महोदय को भारत के प्रथम नागरिक का दर्जा दिया गया है। इसी प्रकार राज्यपाल महोदय को भी विशिष्ट नागरिक का दर्जा प्राप्त है। भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का मुखिया होता है और राज्यपाल उनका प्रतिनिधि। दोनों विशिष्ट नागरिकों पर हमला करना या हमला करने की चेष्टा मात्र करना आईपीसी के तहत एक गंभीर अपराध माना जाता है.
क्या कोई बच्चा अपनी पिता की जगह अपनी मां का surname लगा सकता है ?
कभी-कभी कुछ फिल्मों में आपने डायलॉग सुना होगा। चोरी, चोरी होती है! फिर चाहे वह छोटी हो या बड़ी लेकिन भारतीय दंड संहिता कहती है कि छोटी छोटी और बड़ी चोरी में अंतर होता है। यहां तक की घर या दुकान के अंदर से की गई चोरी और बाहर आम रास्ते से की गई चोरी में भी अंतर होता है। घर के अंदर की गई चोरी को आईपीसी की धारा 380 के तहत दर्ज किया जाता है।
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आज का प्रावधान है पुलिस हिरासत से आरोपी को भगाने वाले को कितनी सजा मिलती है | crime
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हमारे देश की 70% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, और बहुत से लोग जब शहरों या अन्य स्थानों पर जाते हैं तो उनको प्राइवेट टैक्सी का ऑटो रिक्शा या भाड़ा उठाने के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में अगर कोई वाहक उनकी चल संपत्ति को लेकर भाग जाता है तब उस पर किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।
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What is Heart & Soul of Indian Constitution? Dr.P.V.Saravanaraja, Advocate-on-Record, Supreme Court What is Heart & Soul of Indian Constitution? Dr.P.V.Saravanaraja, Advocate-on-Record, Supreme Court.The speaker traces Timely Justice by analyzing the Provis...
एक सवाल हर व्यक्ति के मन में रहता है कि अगर किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना या अन्य कारण से सार्वजनिक स्थान पर मौत हो जाए तो मारने वाले व्यक्ति के पास अगर कोई चल संपत्ति है और कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति उसको अपने कब्जा में बेईमानी की भावना से गबन कर ले तो क्या ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होगा जानिए।
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यदि एक बलात्कारी दूसरी बार उसी पीड़ित महिला का या फिर किसी अन्य महिला का बलात्कार कर दे तो IPC में ऐसे अपराधियों के लिए एक नई धारा का प्रावधान किया गया है। इस धारा में दूसरी बार बलात्कार करने वाले की सजा पहले से अधिक कठोर हो जाती है। दूसरी बार बलात्कार करने वाले को मृत्युदंड दिया जा सकता है।
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छोटे-मोटे विवाद समाज में हमेशा होते रहते हैं। लगभग हर झगड़े में कोई ना कोई व्यक्ति थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठा लेता है। कभी-कभी सामने वाले को डराने के लिए सड़क पर पड़ा हुआ पत्थर उठा लिया जाता है। यदि थप्पड़ या पत्थर मार दिया जाएगा तो निश्चित रूप से अपराध है परंतु क्या आप जानते हैं इस तरह से थप्पड़ या मुक्का मारने के लिए हाथ उठाना अथवा हमला करने के लिए पत्थर उठाना भी अपराध है। यदि मारने के लिए पत्थर फेंका गया और वह निशाने पर नहीं लगा तब भी अपराध है।
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धारा 330 कोई व्यक्ति को चोट पहुँचाकर या पहुचाने की धमकी देकर किसी बात की स्वीकृति करवाना या उसके हितबद्ध से गलत जानकारी दिलवाना आदि अपराध होता है।
•धारा- 331 उपर्युक्त धारा में घोर उपहति की बात करती है।
लेकिन धारा 348 वहाँ लागू होगी किसी व्यक्ति को रोककर कोई स्वीकृति लेना आदि जानिए।
(आरोपी पर कभी-कभी तीनो धाराओं पर अपराध दर्ज हो जाता है।)
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यह न्यायालय के विवेक पर होता है कि वह अपराधी को साधारण कारावास के साथ कठोर कारावास का भी दण्ड दे सकता है लेकिन कुछ कतिपय अपराध में अपराधी को सिर्फ कठोर कारावास से ही दाण्डित किया जाता है।
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