Lkn kant vishnu
चारों तरफ छाई हुई प्रीत की गीत होगी,
नफ?
तेरी बात मे गीतों की सरगम,
तेरी चाल मे पायल की छम-छम..
कोई देखले तुझको एक नजर,
मर जाए तेरी आँखों कसम..👀
: ~ शकील बदायूँनी
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की हैं,
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन...🤍
( आभार रांची इतनी मोहब्बत देने हेतु)❣️
भावुक हूँ,आह्लादित हूँ,
आनंदित हूँ,मर्यादित हूँ,
शरणागत हूँ,संतुष्ट हूँ,
नि:शब्द हूँ,निर्विकार हूँ !
मैं राममय हूँ!!🚩
( आभार रांची इतनी मोहब्बत देने हेतु)❣️
भावुक हूँ,आह्लादित हूँ,
आनंदित हूँ,मर्यादित हूँ,
शरणागत हूँ,संतुष्ट हूँ,
नि:शब्द हूँ,निर्विकार हूँ !
मैं राममय हूँ!!🚩
श्री राम सेना संगठन के प्रमुख हिंदू यश राज सिंह जी 🚩🙏
बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में दिनांक :05 नवम्बर 2023, रविवार को प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक गांधी मैदान (पटना) शब्द पर्व 'पुस्तक मेला' सह सांस्कृतिक महोत्सव का मंच में साहित्य दर्पण (पी•एण्ड•डी•) के आयोजन एंव मातृभाषा हिंदी संगठन के संयोजन में युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 20 चुनिंदे युवा रचनाकारों का काव्य पाठ एवं सम्मान हुआ। साथ ही नगर के विस्थापित साहित्यकारों एवं नगर के मेहनीय लोगों की उपस्थिति एंव उद्बोधन हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ नृत्यांगना रानू शाह की संस्कृति नृत्य वर- दे-वीणा वादिनी प्रस्तुति के साथ हुआ।
इस कार्यक्रम के सूत्रधार मातृभाषा हिंदी संगठन के अध्यक्ष
#कुमारलक्ष्मीकांत जी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार के युवा रचनाकारों एवं नवोदित रचनाकारों का हौसला बढ़ाने के साथ ही उन्हें कल के लिए बेहतर तैयार करना है। ताकि वो भविष्य में और अच्छे गढ़ सके रच सकें। एवं अपने मातृभाषा से पर गर्व महसूस कर सकें। और अपनी भाषा से रचना से दो रोटी कमा सके।
इस आयोजन में मंच संचालक के रुप में प्रसिद्ध ओज कवि विकास वर्धन मिश्र जी रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के श्रीमती माला सिन्हा (निवर्तमान पार्षद नंबर -44, हनुमान नगर ), हिंदू यश राज सिंह (श्री राम सेवा संगठन ,अध्यक्ष) जी की गरिमामई उपस्थिति रही। तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में शायर समीर परिमल(असिस्टेंट कमिश्नर स्टेट टैक्स सर्विस बिहार फाइनेंस सर्विस ),राजा रवि (प्रदेश सह-संयोजक संवाद केंद्र ,भाजपा बिहार), निर्भय निर्वाण जी(मेहनीय साहित्यकार) की उपस्थिति ऊर्जावान रही।
एंव अतिथि कवयित्री के रुप में सम्पन्नता वरुण की मौजूदगी रही।
इस आयोजन में नवोदित रचनाकारों ने जम कर माहौल बनाया। आमंत्रित अतिथि कवयित्री सम्पन्नता वरुण जी एवं अतिथि कवि अमृतेश जी ने अपने शृंगार रस की कविताओं
शिखरता के शिखर पर होने के बाद भी इतनी सौम्य व्यक्तित्व जो आप में है उसको नमन। 🙏 आपका स्नेह पाकर अभीभूत हूं। ❣️जिस तरह से आपने Mala Sinha मुख्य अतिथि के रुप में अंत तक बैठकर कविता को सुना सराहा और उसके समर्थन के लिए खड़ी रही अगर वाकई कवि की वाणी में सरस्वती विरासती हो तो ईश्वर करे आने वाले समय में निःसंदेह आप ही पटना महानगर की मेयर होंगी। 🙏✍️🇮🇳
#कुमारलक्ष्मीकांत
मन तुझमें लीन होकर कर रहा है मंथन तुम्हारा,
आजकल करने लगा हूं स्वयं से अधिक चिंतन तुम्हारा..❣️
Heritage Society, India द्वारा आयोजित तीन दिवसीय #धरोहरोत्सव कार्यक्रम के अंतिम सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन की एक झलक! साभार Dr. Anantaahutosh Dwivedi , Chandan Dwivedi भैया 🙏❣️
द्वितीय वार्षिक कांफ्रेंस धरोहरोत्सव कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन से हुआ
तीन दिवसीय यह कांफ्रेंस 23 से 25 जून तक पटना के सरदार पटेल भवन सभागार में आयोजित किया गया था।
कविता पाठ कवि संजीव कुमार / Sanjiv Mukesh ने ' ई ससुई चाय बड़ी बलाय' का पाठन किया। युवा कवि उत्कर्ष आनंद/ उत्कर्ष आनन्द 'भारत' ने राष्ट्र प्रेम पर कविता पाठ किया। #कुमारलक्ष्मीकांत ने प्रेम की कविता में 'आजकल करने लगा हूं स्वयं से ज्यादा चिंतन तुम्हारा',
कवयित्री सम्पन्नता वरुण ने प्रेम और जिंदगी पर 'याद इस कदर कोई आता है कभी-कभी' कविता पाठ किया।
कवि कुमार रजत/ Kumar Rajat ने गजल 'सुख की धूप में गम की परछाई भी इक मंजर..' कवि चंदन द्विवेदी ने ' हमारी भावनाओं का अनुभव है कविता ' युवा कवि राजा रवि/ ने सैनिकों पर 'अविरल अटल दुर्गम हम चलते रहे' शायर समीर परिमल/ Sameer Parimal ने 'नफरतों का तराना बदल जाएगा कातिलों का ठिकाना बदल जाएगा शर्त इतनी है दिल में मुहब्बत रहें फिर तो सारा जमाना बदल जाएगा' पर वाचन किया। कुमार अनुपम ने आपातकाल के समय की कविता ' कैदी मगन रहे क्रांतिगीत गाए के ' कविता का पाठ किया। श्रोतागण इस शानदार प्रस्तुति पर झूम उठे। मंच का संचालन राजा रवि ने किया।
दो पल की इस छोटी सी इस जिंदगी को,
जी रहे हैं कम से कम, आपके बिना.!
ये जन्म ही हो मेरा अंतिम जन्म,
हो ना अगला जन्म मेरा आपके बिना.!!
:~ #कुमारलक्ष्मीकांत
Lkn Kant Vishnu
Heritage Society, India द्वारा आयोजित तीन दिवसीय #धरोहरोत्सव कार्यक्रम के अंतिम सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन की एक झलक! साभार Dr. Anantaahutosh Dwivedi , Chandan Dwivedi भैया 🙏❣️
द्वितीय वार्षिक कांफ्रेंस धरोहरोत्सव कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन से हुआ
तीन दिवसीय यह कांफ्रेंस 23 से 25 जून तक पटना के सरदार पटेल भवन सभागार में आयोजित किया गया था।
कविता पाठ कवि संजीव कुमार / Sanjiv Mukesh ने ' ई ससुई चाय बड़ी बलाय' का पाठन किया। युवा कवि उत्कर्ष आनंद/ उत्कर्ष आनन्द 'भारत' ने राष्ट्र प्रेम पर कविता पाठ किया। #कुमारलक्ष्मीकांत ने प्रेम की कविता में 'आजकल करने लगा हूं स्वयं से ज्यादा चिंतन तुम्हारा',
कवयित्री सम्पन्नता वरुण ने प्रेम और जिंदगी पर 'याद इस कदर कोई आता है कभी-कभी' कविता पाठ किया।
कवि कुमार रजत/ Kumar Rajat ने गजल 'सुख की धूप में गम की परछाई भी इक मंजर..' कवि चंदन द्विवेदी ने ' हमारी भावनाओं का अनुभव है कविता ' युवा कवि राजा रवि/ ने सैनिकों पर 'अविरल अटल दुर्गम हम चलते रहे' शायर समीर परिमल/ Sameer Parimal ने 'नफरतों का तराना बदल जाएगा कातिलों का ठिकाना बदल जाएगा शर्त इतनी है दिल में मुहब्बत रहें फिर तो सारा जमाना बदल जाएगा' पर वाचन किया। कुमार अनुपम ने आपातकाल के समय की कविता ' कैदी मगन रहे क्रांतिगीत गाए के ' कविता का पाठ किया। श्रोतागण इस शानदार प्रस्तुति पर झूम उठे। मंच का संचालन राजा रवि ने किया।
इस सुअवसर प्रदान करने हेतु आभार Heritage Society, India ❣️ Chandan Dwivedi भैया🙏 #धरोहरोत्सव
हो सके तो आपसब जरुर आए। प्रवेश निशुल्क।
क्या खता हुई हमसे कि खत का आना बंद है,
भूल गए हो पत्ता या डाकखाना बंद है..💌
:~अज्ञात
बाहर - बाहर हंस लेते हैं ,
भीतर - भीतर रो लेते हैं !!
मसला यूं ही नहीं खड़े हुए हैं हम दोनों के दरमियां,
कुछ तो कमियां रही होगी किसी की बाहों में ..🫂
:~ ✍️ #कुमारलक्ष्मीकांत / #कुमार_लक्ष्मीकांत
।
#
THANKS ✒️🙏🇮🇳
like&comment&share plz🙏
shailesh_lodha_fp12
tv
आज बंधन तुम्हारे सारे खोल दिए,
जाओ जाना है जहां चली जाओ तुम..
प्रतीक्षा न करूंगा ये प्रतिज्ञा है मेरी,
ना कहूंगा कभी लौट चली आओ तुम..
सत्य तुम्हें अब समझाऊं भी तो कैसे,
डर लगता है तुमसे कुछ भी कहने में।
अन्य पर अपना अधिकार होता कहां,
ज़रा सी देर हो गई हमें ये समझने में।।
मन को मार आज बेड़िया खोल दिए,
मुझमें मैं अब रहा,चली जाओ तुम..
आज बंधन तुम्हारे सारे खोल दिए,
जाओ जाना है जहां चली जाओ तुम..
प्रेयसी इस पथ पर दिखेंगे लाखों दीवाने,
दिल लगाने किसी को यहां आता नहीं।
नजर होती है सबकी यहां जिस्मों पर,
रुह तक मगर कोई पहूंच पाता नहीं।।
चयन जिसका भी करना जरा सोचकर,
मैं ना चाहूंगा कभी छली जाओगे तुम..
आज बंधन तुम्हारे सारे खोल दिए,
जाओ जाना है जहां चली जाओ तुम..
:~कुमार लक्ष्मीकांत
गुनाह ये थी कि हमने पतझड़ से प्यार किया था..🍂
♡ ㅤ ❍ㅤ ⎙ㅤ ⌲(follow for more)
ˡᶦᵏᵉ ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ ˢᵃᵛᵉ ˢʰᵃʳᵉ
आशाओं को हमने अपने मन में मार दिया था,
मुस्कुराकर होठों से आंसुओं को पुकार दिया था।
दरकिनार कर लिया फिर से हमसे हर बहार ने,
गुनाह ये थी कि हमने पतझड़ से प्यार किया था।।
༺♡~ #कुमारलक्ष्मीकांत ~♡༻
Stay Connected Stay Loving Keep Supporting;
Love Uhh All
Thankyou ;❣️👍
✍️
मातृभाषा हिंदी संगठन के बैनर तले #कुमारलक्ष्मीकांत याकि मेरे आयोजन में आयोजित एक सफल कवि सम्मेलन 🙏❤️
मातृभाषा हिंदी संगठन की एक नई पहल युवा रचनाकारों के लिए।✍️ 🎙️
#काव्य_गोष्ठी
"हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम"
ख़ैर सारे अवरोध के बावजूद भी नवोदित रचनाकारों को एकत्रित कर ये कार्यक्रम सफल हो ही गया।और अंततः आज इस युवा काव्य गोष्ठी का तस्वीर आप के सामने है. इस के माध्यम बनने और मुझ पर भरोसा करने लिए उन शुभचिंतकों का का आभारी हूं, विशेष आभार निर्भय निर्वाण जी, हिमांशु जयसवाल जी एवं हरिद्वार में मंत्री पद पर कार्यरत Manoj Verma Ji का, ये आप सबका कृतज्ञता का परिचायक है।
और मेरे सभी शुभचिंतकों, कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे सम्मिलित कविगण, किसी भी रूप में सहयोग कर रहे हर एक व्यक्ति का आभारी हूं,ये सब आप सब के सहयोग से ही संभव हो पा रहा है।।🙏💓 जय मां हिन्दी!
आयोजक:- Lkn Kant Vishnu
कार्यक्रम स्थल:- RANG MARCH
सेंट्रल गवर्नमेंट के आयकर विभाग ( ) के द्वारा पटना के पावन भूमि पर सेंट्रल रिवेन्यू बिल्डिंग के सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित कवि सम्मेलन में मुझे जिस उर्जा और संचार के साथ प्रथम कवि के रूप में पूरे मन से जिस प्रकार सुधी श्रोताओं ने सुना और सराहा उसके लिए तमाम आईपीएस, आईएएस अधिकारी, सभी उच्च पद पे पदासीन, एवं विभाग के तमाम लोगों को मेरा साभार 🙏❤️
#विश्वास_जन्मोत्सव_2023 पटना के तमाम लोगों से आग्रह है कि इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से सहभागिता जरूर निभाएं। क्योंकि~
आज की रात फिर नहीं होगी, ये मुलाक़ात फिर नहीं होगी.!
ऐसे बादल तो फिर भी आएंगे,ऐसी बरसात फिर नहीं होगी.!!
:~अज्ञात
तो आ रहे ना आपसब ?
बिहार भाजपा मुख्यालय में #कला_एवं_संस्कृति_प्रकोष्ठ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, ओजस्वी वक्ता एवं कवि हृदय 'भारत रत्न' श्रद्धेय #अटलबिहारीवाजपेयी जी की जयंती 'सुशासन दिवस' के अवसर पर आयोजित अटल काव्य अर्पण कवि सम्मेलन कार्यक्रम में सौभाग्यवश उपस्थिति।।
टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पता हूं
गीत नया गाता हूं
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं
:~श्रद्धेय #अटलबिहारीवाजपेई जी
प्रेम में जिसका पर कटा हो मैं वो परिंदा हूं,
अब तक की अपने किए पे अत्यंत शर्मिंदा हूं,
ए जिंदगी! बता कि मौत से लड़- लड़कर
अब तुझमें रक्खा ही क्या है जो मैं जिंदा हूं.!!!
:~ #कुमारलक्ष्मीकांत / 7 July 🎂
मोरपंख को चूमती हो जब अधर पर धरकर,
बंशी शिकायत करती है तब बंशीधर से रूठकर..
चेहरे को छुपा लेती हो जब ज़ुल्फ़ें से ढककर,
छा जाती है बदरिया तब अम्बर पर घन बनकर..
༺♡~ #कुमारलक्ष्मीकांत ~♡༻
तुम्हारे एहसास में बदहवास बैठे हैं,
स्वयं की तलाश में बैठे हैं...;
मगरूर चांद से बहुत दूर ,
सितारों के आसपास बैठे हैं.!✨
मन मारे यूं ही उदास बैठे हैं,
बहुत खोया,अब पाने की आस में बैठे हैं.;
आंखों में आंसू बहुत है मगर,
सुर्ख लबों पे प्यास लिए बैठे हैं.!!
✍️ #कुमारलक्ष्मीकांत ( #बदनाम शायर)❣️👍
महफ़िल-ए-मोहब्बत में ज़बाँ से जाम छलकाने लगता हूं मैं,
अनजाने में हर किसी अनजान को आजमाने लगता हूं मैं.!!
पहली गलती हो जाती है मुझसे जल्दी- जल्दी में गलती से,
अपनों से ज्यादा परयों को गलती से अपनाने लगता हूं मैं.!!
दूसरी गलती कर जाता हूं फिर से एक बार इश्क में गलती से,
गली के हर-एक बेवफाओं पर अपना हक जतलाने लगता हूं मैं.!!
:~ #कुमारलक्ष्मीकांत
*दिन,रात,दोपहर*
वो रात थी,
और मुझे समझ रही थी "दोपहर"
कि जब कभी रात,
रूठ जाती, टूट जाती;
अपने दिलवर दिन से,
बार-बार झुठी रोनी-रोने, दिल बहलाने;
चली आती रात ,
बेचारा "दोपहर" के पास।
पर रात की चाहत,
दिन की होती है न!
तो बेवफा रात छोड़कर,
"दोपहर" को...!
फिर से लौट जाती दिन के पास।
और दोपहर के हाथ लगती,
झुठी तस्सली, और आंसूओं भरे रात.!
सुखे होंठ, सुखे भींगे नयन से,
तड़पता सोचता अकेला "दोपहर"
मैं फंसा कहा बिच में आकर,
दिल में उठता हजारों लहर!
नादान "दोपहर" रहा था ये भुल,
~: रात के बाद दिन आता है,
रात के साथ "दोपहर" कभी नहीं आता!!
✍️ #कुमारलक्ष्मीकांत
होठों को होठों पे..
आंखों को पलकों से ढक लेने के बाद क्या होता है?
मन मन हीं में रोता होगा,आंसुओं से वदन धुलता होगा!
कांधे पे सर को रख लेने के बाद क्या होता होगा?
समय भी स्वयं ठहर कर सुकून से तब सोता होगा!
होठों को होठों पे रख लेने के बाद क्या होता होगा?
लब खामोश होता होगा और जिस्म होश खोता होगा!
༺♡~ #कुमारलक्ष्मीकांत ~♡༻
साड़ी के पल्लू छोड़कर,फंसा हुआ अब शायरी में हूं,
अब तक किसी के चले-जाने की खुमारी में हूं,
शराब, ख्वाब ,रातें, यादें, मीठी-मीठी बातें.,
इन सबको भूलकर अब एक नई तैयारी में हूं।।
:~ #कुमारलक्ष्मीकांत ✍️
live_Poetry_event (17 April 2022) in Rajiv Nagar Patna organised by .insta 🎤 thanks so much
Special thanks photographer :~ 📸
Anchor:~ 🙏💕 & nice to meet you didi 🤗
आप सबों से मिलकर बहुत खुशी हुई बिल्कुल अपनापन ❣️
The Most Beautiful But First Step Of My Life Towards Safar-e-Shayari 💞✍️
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