Er Ravi R Yadav
Make the mark !! Founder @BSL Academy & @ An Engineer's Academy Garhwa
आज जब देश जीता है, गर्व का पल है ! कभी हम भी हारे थे ! Team India के लिए गर्व है ..साउथ अफ़्रीका के लिए भी मन में रिस्पेक्ट !!खेल और जीवन में हार जीत चलता रहता है !
आज एक कविता मिली, हारे हुए लोग कहाँ जाएँगे !!
शानदार लगी !!
हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ?
हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ?
उन पराजित योद्धाओं के लिए ,
तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए।
प्रेम में टूटे हुए लोग,
सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग
थके-हारे लोग, गुमनाम लोग
वो बूढ़े पिता जो अब अकेले रह गए हैं
वो कल्पनाओं में खोया रहने वाला बच्चा
जो परीक्षा में फेल हो गया है
वो लड़की जो तेज कदमों से घर की तरफ लौट रही है
वो बूढ़ा गुब्बारे वाला जो कांपते हाथों से पैसे गिनता है
एक असफल लेखक
मैच हार गया खिलाड़ी
इंटरव्यू से वापस लौटा युवा
और ऐसे तमाम लोग
जिन्हें पता था कि वे सफल हो सकते हैं
मगर उन्होंने असफलताओं से भरा रास्ता चुना,
वो लोग जिन्होंने
हमेशा गलत राह पर चलने का जोखिम उठाया
वो लोग जिन्होंने
गलत लोगों पर भरोसा किया
वो जिन्होंने
चोट खाई, धोखा खाया, ठोकर खाई
गिरे और धूल झाड़कर खड़े हुए
वे कहां जाएंगे ?
क्या कोई ऐसी दुनिया होगी
जहां दो हारे हुए इंसान
एक-दूसरे की हथेलियां थामे
कई पलों तक खामोश रह सकते हों
अपनी चुप्पी में तकलीफ बांटते हुए।
जिन्होंने इकारस की तरह
सूरज की तरफ उड़ान भरी
और उनके पंख पिघल गए
हारे हुए लोगों के लिए कोई जगह नहीं है
न किसी घर में, न समाज में, न किसी देश में।
क्या जो विजेता थे
वो इनसे बेहतर हैं? बेहतर थे?
नहीं, वही हारा जिसने जिंदगी की अनिश्चितता पर यकीन किया
वही जिसने अनजान रास्तों पर चलने का जोखिम उठाया
जिसने गलती करनी चाही , जो मक्कार चुप्पियों के पीछे छिपा नहीं।
जो बोल सकता था मगर बोला नहीं
उसने वो चुना जिसे चुनने का कोई तर्क नहीं था
सिवाय उसकी आत्मा के
जो हारा आखिर वो भी एक नायक था।
एक पराजित नायक के दर्द को
कौन समझना चाहेगा?
जाएंगे कहाँ सूझता नहीं
चल पड़े मगर रास्ता नहीं
क्या तलाश है कुछ पता नहीं
बुन रहे हैं दिल ख़्वाब दम-ब-दम।
पंक्तियां : दिनेश श्रीनेत
कल तक जो छपरी था,
आज हीरो है ! ज़िंदगी बस यही है !!!
होगा ख़िलाफ़ जमाना कभी तुम्हारे भी,
तुम उन्हें जमाने भर की ख़ुशियाँ देना !!
Guard your reputation!!
Law no 05 !! 48 laws of power!! 48 laws of power book summary!! 48 laws of power book summary shorts!! 48 laws of power book summary reels!!
Law05 law of power ! 📖
तुम्हारे किस्मत पर शक है,
काबिलियत पर तो हम नाज़ करते हैं!!
Er Ravi R Yadav
100% देने के बाद भी, काबिलियत होने के बाद भी अगर तुम्हे वो न मिले जो तुम चाहते थे, तो कोशिश करना विराट बनो!!
फिर से वही जिद्द पाने की, फिर से वही जुनून! फिर से एक नई शुरुआत!! बिना सोचे, कौन क्या बोलेगा, result क्या होगा..!
जो होगा देखा जाएगा! विराट, आपको ट्रॉफी मिले न मिले.. लाखों लोगों को आप inspire करते हैं.. ये ट्रॉफी से कम है क्या?
आप हारो या जीतो.. हमे तो आपके लड़ने के तरीके से ही प्यार है !!
Er Ravi R Yadav
ये खोखले लोग हैं! जिनसे तुम परेशान होकर बैठे हो न.. जिनका तुम्हे validation चाहिए होता है! जिनके लिए तुम सोचते हो.. कि इसने मुझे नीचा feel करा दिया तो सच में मै ही कमजोर हूँ.. मुझमे कमी है! जो जहाँ भी बैठते है.. पंच बन जाते है.. चार लोगो के बारे में अपना judgement दे देते हैं! उसका बेटा कुछ नही कर पाएगा.. सालों से पढ़ रहा है.. अब तक कुछ नही किया तो अब क्या करेगा?..
ये बात बात पर भगवान बनकर तुम्हारी किस्मत decide करने वाले लोग न खोखले लोग है! ये बंद कमरे में बैठ कर लिखे गए शब्द महज नही है!अनुभव बता रहा हूँ! महज शब्द समझने की गलती मत करना! जिंदगी देख रहा हूँ.. हर दिन..!! ऐसा काम है हर दिन 400-500 लोगों से तो मिलता ही हूँ!!
जो तुम्हारी बुराई कर रहे हैं, जो तुम्हे नीचा दिखा रहे हैं.. जो तुम्हारे पीठ पीछे कुछ ऐसी बाते कर रहे हैं जिनसे तुम्हारे सेल्फ रेस्पेक्ट को ठेस पहुँचाई जा सके वो सब के सब न frustated लोग है अपने जिंदगी में! सच बता रहा हूँ! इनके पास बैठोगे न तो महसूस होगा तुम्हे.. कुछ नही इनके पास.. बस एक आडंबर ओढ़े चल रहे है.. एक दिखावा है इनके पास..!! लोगों को लगता है बहुत कुछ होगा.. है नही!! न पैसा.. न दौलत और ज्ञान.. उसकी तो बात ही छोड़ दीजिए.. इनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं!!
अगर एक अच्छे, नेक और गहरे आदमी की पहचान करनी हो न तो देखना उसे! वो गंभीर होगा.. छोटे से छोटे लोगों की respect करेगा! उसे किसी को गलत, किसी को कमजोर सिद्ध नही करना! वो बस हेल्प करेगा तुम्हारी अगर कर सकेगा.. नही तो दूर रहेगा! अपने काम से काम रखेगा! बुराई तो कभी नही करेगा तुम्हारी! Judge तो कभी नही करेगा तुम्हे! अपने मुहल्ले के सबसे अमीर आदमी को बोलोगे न.. मै आपके जैसा अमीर बनना चहता हूँ, हो सकता है वो मजाक उड़ा दे, नीचा दिखा दे!
अडानी को बोलोगे न.. मै आपसे भी अमीर बनना चाहता हूँ.. यकीन मानो वो तुरंत बोलेंगे.. बन सकते हो.! पता है क्यों?
क्योंकी उन्हे पता है वो भी तुम्हारे जगह पे ही थे उस दिन! कुछ नही था उनके पास भी! बस वही चीज था जो आज तुम लिए फिर रहे हो.. एक सपना.. बहुत सारी उम्मीद और उसे पुरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने की जिद्द!! ये तुम्हारे अराउंड के हल्के लोगों ने देखा नही न ये सब.. उन मूढ़ लोगों को क्या समझ आएगा!!
तो उम्र के उस पड़ाव पर अगर हो तुम.. जहाँ लड़ रहे हो अपने जिंदगी में कुछ गजब करने के लिए.. जहाँ तुम दिन रात एक किए हो अपने माँ बाप के आँखों में गर्व और गुमां देखने के लिए.. किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हो.. किसी entrance की preparation में लगे हो.. कोई startup है जिसे तुम्हे बड़ा बनाना है तो लगे रहना.या कोई छोटी मोटी नौकरी करते हो.. लगे रहना.. करते रहना..जो कर रहे हो! इन टुटपूंजियों.. हल्के लोगों की तो सुनना ही मत!! याद रखना जो कर रहे हो न वही तुम्हे प्रगति के पथ पर पहॅुचाएगा! वही निराशा के बादल को छाटेगा! वही देगा तुम्हे सबकुछ पहचान, पद, प्रतिष्ठा सबकुछ!! और जब कुछ ऐसा कर जाओगे जब नींदे उड़ जाएंगी ऐसे लोगों की! जब लगने लग जाएगा कि बहुत आगे जा चुके हो तुम इनकी सोच से.. तो ये नत्मस्तक हो जाएंगे तुम्हारे आगे और बदल लेंगे अपने मूढ़ दिमाग की वो गंदी सी philosophy.. जिसके दम पर न जाने कितनो को परेशान किया है! तुम तब तक मेहनत करना जब तक इनकी philosophy न बदल जाए!!
और बाद में जब तुम्हारे सामने कोई आए और पूछे.. कि मै ऐसा सोच रहा हूँ.. मेहनत करूँगा तो हो जाएगा क्या?
तुम उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहना.. मेहनत करने वाले सब का होता है.. तुम्हारा भी होगा! यकीन मानो वो कर भी लेगा और तुम उसके लिए देवता हो जाओगे! कभी भूल नही पाएगा तुम्हे!!
Er Ravi R Yadav
कुछ यात्राएं आपको अकेले ही करनी होती हैं!!
लोग तुम्हें गुलाब नहीं होने के लिए कोसेंगे
मत सुनना, सजाने वालों ने घरों में कैक्टस भी सजाया है।
हमारे अगल बगल कई ऐसे लोग है जिन्हे किसी ने confidence नहीं दिया.. किसी ने support नही किया..किसी ने अगर उन्हे support किया होता.. Confidence दिया होता तो.. आज बहुत उपर होते!! कई टैलेंटेड लोगों को देखता हूँ.. नॉर्मल लाइफ जीते हुए 🥲
देर सबेर आज न कल.. कुछ न कुछ ऐसा हो ही जाएगा कि आपको भगवान में मानना पड़ेगा! जिस दिन से हम भगवान में मानने लग जाते हैं, ज्यादा मजबूत, ज्यादा साहसी पाते हैं खुद को।
पेड़ के नीचे पड़े.. टूटे भगवान की मूर्ति देखकर एहसास हुआ.. चाहे कुछ भी हो जाए.. खुद को कभी टूटने नहीं देना है। ये दुनिया है.. टूट जाने पर भगवान को बाहर कर सकती है.. तो हम आप क्या हैं??
Er Ravi R Yadav
भगत सिंह का पत्र...
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Er Ravi R Yadav
बात आईपीएल के समय की है।हैदराबाद में मैच था।
मोहम्मद सिराज ने हैदराबाद में नया घर खरीदा था।एक गरीब घर का लड़का जिसके पिता ने आटो चलाकर अपने बेटे को क्रिकेट की दुनिया में तेज गेंदबाज बनाया था।उसके बेटे ने नया घर खरीदा था।सिराज ने #विराट #कोहली से कहा भाई कल आप हमारे घर आकर भोजन कीजिए, मां आपसे मुलाकात करना चाहती है। विराट ने हां कर दिया।
अगले दिन सिराज के घर पर उसके विराट के आने की खुशी में पूरे घर , परिवार और रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग आ गये थे।शाम के समय अचानक विराट कोहली ने सिराज को फोनकर करके कहा कि हमारे पीठ में दर्द है डाक्टर ने हमे आराम की सलाह दी है। मैं आ नही सकता हूं. सिराज ने कहा कोई बत नही भाई आपका फिट रहना जरूरी है। सिराज ने यह बात सबको बताई तो लोग निराश हुए।वही आसपास के लोगो ने दबी जुबान से कहना शुरू किया कि विराट इतना बड़ा खिलाड़ी है वह यहां क्यों आएगा।
यही सब चर्चा चल रही थी कि एक घंटे बाद दरवाजा की बेल बजी और सामने विराट कोहली पूरी टीम के साथ खड़े थे. सभी चौंक गये।एकाएक सभी खिलाड़ीयों के आ जाने से बैठने के लिए सोफे कम हो रहे थे तो विराट ने सिराज की मां से कहा कि आप लोगो सभी ऊपर बैठ जाइए, हम लोगो के लिए नीचे ही चटाई या दरी कुछ भी बिछा दीजिए हम लोग यही बैठ जाएंगे।विराट ने सबके साथ बातें की, फोटो खिचांई और नीचे ही बैठकर भोजन किया।
यह कहानी आज इसलिए बता रहूं कि वो विराट ही थे जब मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी के खिलाफ नफरती लोग घृणा फैला रहे थे....तो विराट कोहली ने आगे खड़े होकर उनको जबाव दिया था।सिराज को सरताज कोहली के विराट व्यक्तित्व ने बनाया है।
नफरत हमेशा हारेगी..... मोहब्बत और इंसानियत सदैव जीतेंगे।
❤️❤️🇮🇳🇮🇳
जब एक भावुक इंसान पत्थर होता है न तो फिर वह पत्थर से भी पत्थर हो जाता है !!
फ़िलहाल के कुछ घटनाओं को देखकर मोदी जी के राजनीतिक तारीको को लेकर विभेद ज़रूर हो रहा है मन में, लेकिन उनकी व्यक्तिगत सफलता एक आम इंसान के लिए मिसाल है !सियासत का चश्मा हटा कर और राजनीति के तराजू से अलग अगर आप देखेंगे तो व्यक़्क्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्यार करने से खुद को रोक नही पाएंगे ।कठिन बचपन,संघर्षो से भरा जीवन । जो मिला, संतोष करते गए । कर्म करते गए । जिन्दगी ने मौके दिए, जमकर मेहनत की । और मौके मिले । सिद्दत से निभाए ।सोचिए ..एक व्यक्ति जिसने कभी राजनीति में आने की सोची भी न हो..और नियति कुछ ऐसा करे कि वो राजनीति में आ जाए और फिर देश के एक बेहतरीन राज्य का मुख्य मंत्री बने और...फिर प्रधानमंत्री । जिसके वंश का किसी ने कभी ऐसा न किया हो, जिसे कोई ज्ञान न हो राजनीति का शुरुआत में । वो देश के सबसे प्रतिष्टित गद्दी पर बैठे और फिर देश को इस मुक़्क़ाम पर ले जाए तो सलामी तो बनती है ।
सोचता हूँ मैं की कैसे मैनेज करते होंगे वो अपने आप को । क्या बताते होंगे खुद को..जब उनके सामने कोई iit वाला,कोई iim वाला आता होगा ।ऐसे समय मे अपने को बेस्ट समझने वाली quality रखनी होती होगी न ..वो भी एक ऐसे इंसान को जिसने IIT, IIM का नाम भी नही सुना होगा अपने जामाने में .और अब काम ऐसा की बड़े बड़े डिग्री वाले लोग नतमस्तक हैं उनके आगे ।उनके निर्णय के आगे ।व्यक़्क्तिगत तौर पर बहुत बड़ी सफलता नही है क्या??
यहाँ हम जैसे युवकों के लिए उनके कमियों के बारे सोचने समय नहीं है !हम ये सोचे की कैसे एक इतना साधारण background ka इंसान भारत जैसे महान देश के सर्वोच्च कुर्सी को प्राप्त कर लेता है !कमियाँ तो सबमें होती हैं..ग़लतियाँ तो सब करते हैं...हो सकता है कुछ चीज़े गलत हो जारही हों उनसे!
ऐसे कर्मवीर ,प्रेरणादायक ,राष्ट्रपुरुष जिसने हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया । विश्व में उदीयमान भारत को अग्रिम पँक्ति में लाकर विश्व गुरु बनाने की चाह रखने वाले आधुनिक भारत की विश्वकर्मा और माँ भारती से असीम चाह रखने वाले प्रधानमंत्री जी #श्रीनरेंद्र_दामोदरदास_मोदी को उनके जन्मदिवस पर कोटि कोटि सादर प्रणाम एवं शुभेक्षा प्रेषित करता हूँ ।
© Er Ravi R Yadav
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आज Engineer's Day है। मुझे याद आ रहा है वो अंतिम दिन, Engineering का। जब ऐसा लग रहा था कि कुछ पीछे छुट रहा था.. लोग बोल रहे थे.. समझा रहे थे.. कि कुछ नया करने के लिए पीछे को छोड़ना पड़ता है.. मेरा मन कह रहा था.. जिसे पुराना ही पसंद हो उसका क्या?
खैर.. काफी दिन गुजर चुके है.. लेकिन आज भी वो चार साल सामने आता है तो सबकुछ रुक सा जाता है.. याद आते है सब एक से एक बेहतरीन शिक्षक... दोस्त... कॉलेज कैंपस.. और हर एक पल... हर क्षण। फिर मै खो जाता हूँ उन यादों में.. उन शब्दों में जो मैंने... इंजीनियरिंग के अंतिम दिन लिखा था।।
"बारिश हो रही है आज । अपने घर के सामने college दिख रहा है । ऐसे लग रहा है जैसे ये बूंदों की बारिश नहीं , यादों की बारिश है । ऐसे लग रहा है जैसे ये बादल गरज कर ये बात रहें हो कि समय कहाँ लगता है वक्त को गुजरने में। ।
उस दिन भी हो रही थी बारिश । उस दिन भी गरज रहे थे बादल । लेकिन कौन जानता था की उस बारिश और इस बारिश के बीच इतना ज्यादा अंतर आ जाएगा । कौन जानता था की उस बारिश से झल्लाने वाले इंसान को कुछ सालों बाद वही बारिश चार साल की यात्रा पर ले जाएगी । उस समय हम पहली बार आ रहे थे अपने college. ।
कुछ अलग दिन था वो। असमंजस भरा मन और ढेर सारी उम्मीदें, आशाएं । ऐसे लगता था जैसे कैसे कटेंगी ये चार साल ।ऐसे लगता था जैसे कब खत्म होगी ये इंजीनियरिंग । गिने चुने दो चार लोग और बस आप । जैसे जैसे कॉलेज की शुरुआत हुई, अनजान लोगों के मुसकुराते चेहरों के बीच से झाँकता हुआ वो अपनापन दिखने लगा । कभी notes के बहाने, कभी assignments के बहाने, कभी कोई events के बहाने तो कभी बस यूं ही बिना कारण के लोग पास आते गए। कुछ लोगों से परिचय हुआ, कुछ अपने बने और कुछ खास हो गए । कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्हे देखने के बाद हमे पहली बार लगा था जैसे , इनसे दूर ही रहो लेकिन अब दूर रह पाना उनसे संभव ही नहीं । कुछ ऐसे भी हुए जो अपने बने, खास हुए और फिर दूर चले गए । शिकवा नहीं है किसी से कोई आज । बस अब ऐसा लगता है जैसे अब फिर से सब साथ हो जाएं । यहाँ से जाने से पहले मिले एक बार दिलखोलकर । इन चार सालों मे जो सबसे bonding बनी है वो बस अब ज़िंदगी भर के लिए हो जाए ।
अब ऐसा लगने लगा है की placement ,personality, achievement, package, success जैसे मामूली और temporary चीजों को बस ताक पर रख कर सोच जाए तो सबसे बड़ी चीज जो हमने यहाँ पाई है वो हैं हमारे फ़्रेंड्स । ऐसा लग रहा है जैसे यहाँ से जाने के बाद एकदम सुनी हो जाएगी ज़िंदगी। ऐसा लग रहा है जैसे किससे कही जाएंगी सारी बातें । ऐसा लग रहा है जैसे अब किसकी उड़ाई जाएगी मज़ाक। ऐसा लग रहा है जैसे कौन होगा वो जो मुश्किल घड़ी में शक्तिमान बन कर शाम को आएगा और शुबह तक सारी syllabus कम्प्लीट कराएगा । ऐसा लग रहा है जैसे कहाँ मिलेंगी वो placement के दिन motivate करने वाले messages । एक छोटे से achievement पर कौन मचाएगा शोर । कौन करेगा आपकी तारीफ।। और कौन मरेगा taunt ?? ऐसा लग रहा है जैसे खत्म हो रहा है ज़िंदगी का एक दौर । आज जब कुछ ही दिन बचे हैं यहाँ से जाने में याद आ रहे हैं एक एक दोस्त । ऐसा लग रहा है जैसे अभी सामने होते तो गले लगा लेता ।
कुछ दिनों के बाद सब अलग अलग जगह जाएंगे । कुछ मिलेंगे कुछ दुनिया के इस भीड़ मे खो जाएंगे । और हाँ , कुछ तो ऐसे भी होंगे जिनसे हमारी ये मुलाकात , इस ज़िंदगी की आखिरी मुलाकात होगी । लेकिन एक बात तो तय है की जब भी मैं इन चार सालों को याद करूंगा, मै सबको बहुत मिस करूंगा । जब भी कभी किसी कॉलेज की बात आएगी, ये कॉलेज की यादें बहुत सताएगी । और जब भी मुझे अच्छा नहीं लगेगा , खोल लूँगा आप सब के फ़ोटोज़ अपने लैपटॉप में । देखता रहूँगा और याद करता रहूँगा आप सब के साथ बिताए हुए पल । और इस तरह मेरे होंठों पे एक मुस्कान आ जाएगी । अभी भी खुली है fairwell की फ़ोल्डर और अभी भी याद आ रहे हैं आप सब । और हमेशा याद आते रहेंगे । हमेशा । शायद आप भूल जाएं मैं नहीं भूल पाऊँगा । कभी नहीं ।
और हाँ दिल से thank you इन चार सालों के लिए ।""
Er Ravi R Yadav
वो तुम्हारे capabilities पर शक केरेंगे ! तुम ख़ुद के साथ खड़े रहना..तब तक जब तक ताने तारीफ़ों में न बदल जाएँ !!
सबका जीवन आसान नहीं होता । कुछ लोगों को चीजें जन्मजात मिल जाती है ,कुछ लोगों को जी जान लगाना पड़ता है उन सभी चीजों के लिए, उन लक्ष्यों के लिए जो उन्होंने देखा है । खुद के लिए, खुद को चाहने वालों के लिए । अपनों के लिए ।और सच मे ये यात्रा बड़ी लंबी होती है । बड़ी कठोर होती है । ज़िन्दगी के रास्ते ऐसे ऐसे पगडंडियों से होकर गुजरते हैं न जिसकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की होती । कई बार जीवन में ऐसे घूप अंधेरे आते हैं ना लगता है जैसे अब तो को गए हम ।ये कहां आ गए हम ?
क्या हम इस जन्म में वहां नहीं पहुंच पाएंगे जिसकी कल्पना हमने की थी ।
फिर मन सोचता है..हम क्या लेकर चले थे जो डरे..मेहनत करना है..बस!!
Fail भी हुए तो इतना मेहनत कर देना है कि..एक उदाहरण बना डाले..कि कोइ इतना मेहनत करके भी फेल हो सकता है !!
हाँ समझ सकता हूँ तुम्हारी मनोस्थिति ।क्या गुजरती होगी तुमपर वो अनजान नही है ।मुझसे,बहुतो से,हर उस युवा से जो किसी न किसी competitive exam की तैयारी कर रहा है या जिसने कभी किया है ।
हर रोज सुबह सुबह जब तुम्हारे सामने "The Hindu" आता होगा तुम अपने कुर्सी को टेबल के तरफ सरकाकर ठानते होंगे कि साला आज तो समझ ही लेंगे इस बला को,फिर समझ नही आता होगा,लेकिन अपने current हालात को बदलने के लिए current affairs जरूरी है ये सोचकर तुम गाड़ लेते होंगे अपना सिर उस अखबार के उन पन्नों के बीच ,भले समझ आए या न आए । समझ सकता हूँ मैं ।
दिनभर कभी History, कभी polity, कभी Aptitute, तो कभी reasoning में दिन कैसे निकल जाता होगा तुम्हे पता भी नही चलता होगा ।एशिया और यूरोप को को सा पर्वत अलग करती है ये तो समझ आ गया होगा लेकिन साला ये समझ नही आया होगा कि इन पड़ोसियों को ,रिश्तेदारों को क्या जवाब दें जो चले आते है मुह उठाए ये बताने को की को को सफल हो गया । वो ये बताने के लिए नही आते,तुम्हे जताने के लिए आते है कि तुम न looser हो,कोई औकात नही तुम्हारी ।
अब तुम्हे international relation समझ मे आने लगा होगा लेकिन तुम अपने रिश्तेदारों से जो relation है वो समझ नही आ रहा होगा । नहीं जाते होंगे न तुम अब शादियों में,रिश्तेदारों के घर ।ऐसा नही है कि तुम्हे पसंद नही था तुम्हे जाना,कभी उन महफ़िलो की जान हुआ करते थे तुम ।उस समय लोगो को लगता था कि फुम अच्छा करोगे जीवन मे,अब वो तुम्हे हारा हुआ मान चुके होंगे ।इससे कुछ न हो पाएगा अब उनके दिमाग मे छप चुका होगा अब ।मैं जानता हूँ खुद्दार हो तुम,अपने आत्म सम्मान की अर्थियां निकलते देख कैसे सकते हो ।इसलिए छोड़ दिया होगा न अब शादियों में जाना,लोगों से मिलना।अब तो तुम्हे दर लगने लगा होगा दोस्तों के बीच जाने से भी,जिनकी औकात नही थी तुमसे बात करने की वो भी अपनी सफलता की डींग हांकते होंगे ।समझ सकता हूँ मैं ।
लेकिन मेरे भाई, तुमने कहा शुरू में तुम विनर थे ।एक winner ऐसे घुटने टेक दे,जीवन के जंग में तो काहे का विनर बे ।winner वो नही जो हर जंग जीतता जाए,विनर वो है जो जिन्दगी के हर दाव के आगे आए,भीड़े, और अगर चकनाचूर होकर फिर गिर जाए तो फिर भी लहूलुहान होकर भी बोले,"मैं खेलेगा
Target तो करते ही हैं सब लोग,करेंगे भी असली winner वो है जो लोगों को नजरअंदाज करके अपने काम मे लगा रहे ।सफलता मिल जाए जीवन मे तो तालियां तो बजेंगी ही उसके लिए,न भी मिले तो इतनी सिद्दत से निभाए वो अपना किरदार की पर्दा गिरने के बाद लोगों के आंखों में आंसू हो और उन्हें बोलना पड़े की ,भले जो भी मिला इस बंदे को,सच्चाई और इम्मानदारी पर चलकर अपने काम को पागलों की तरह करता रह गया ।
मेरे भाई तुमने preparation करते समय नेपोलियन,बिस्मार्क और न जाने कितनों के बारे में पढ़ा होगा जिन्होंने साधारण जीवन को असाधारण में बदल दिया ।कितने ऐसे IAS से मिले होंगे न जिन्होंने सब त्याग दिया था, कितने लोगों के बारे में जानी होगी न जिन्होंने कुर्बान कर दी अपनी जीवन ..एक मकसद के लिए ।तो क्या उन्होंने आत्महत्या किया ?
नही मेरे दोस्त ।
क्या वो अब failure हैं?
नही अब वो किसी दूसरे field में फोड़ रहे हैं ।तुम भी फोड़ते ...अगर जिंदा रहते तो...जिंदा रहना था तुम्हे ।।
Er Ravi R Yadav
बड़े लोग शुरुआत करते समय टूटी चप्पल, फटे शर्ट पहन कर भी निकल पड़ते है । वे संसाधन नहीं देखते। संसाधन के अभाव में बड़ा करने वालों को ही दुनियां सर आंखों पर बिठाती है।
सन 1981, ISRO के वैज्ञानिक बैलगाड़ी पर पहला कम्युनिकेशन सैटेलाईट को ले जाते हुए !! क्या आपको इसका कारण पता है?
Er Ravi R Yadav
शुरुआत कहां से हुई तुम्हारी, मायने नहीं रखता । ज़िद किस चीज की है तुम्हारी,ये तुम्हारी उड़ान तय करेगा ।।
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