झारखंड युवा मोर्चा.
Jharkhand yuva morcha is a political wing of jharkhand mukti morcha to promote basics rights of jhar
जय जय जगन्नाथ!
#जगन्नाथ_रथयात्रा
आदिवासी हो भाषा वारंग क्षिति लिपि के निर्माता और महान साहित्यकार ओत् गुरु कोल लाको बोदरा जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।
समृद्ध आदिवासी भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन कर मिलकर हम आदिवासी परंपरा और संस्कृति को वृहद आयाम दे सकते हैं।
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∆अग्निपथ योजना विनाशकारी, देश को अराजकता में झोकने का है यह कदम , सेना में संविदा पर नियुक्ति युवाओं के लिए अहितकर।
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Dr.A.Ansari
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माननीय मुख्यमंत्री श्री का प्रेस मीडिया को संबोधन।
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हमने माननीय विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा। क्या कारण है इस पर अभी तक विपक्ष चुप बैठा हुआ है।
क्यूँ आदिवासियों को उनका धर्म कोड नहीं दिया जा रहा है। हमारी जनसंख्या से भी कम संख्या वालों का अपना कोड है। तो फिर आदिवासियों का अलग धर्म कोड क्यूँ नहीं?
कल माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के साथ देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में दर्शन व पूजन का सौभाग्य मिला। हर हर महादेव !
झारखण्डी अस्मिता, झारखण्डी संस्कृति और झारखण्डी धरोहर है प्रकृति और पर्यवारण प्रेम। झारखण्डी समाज की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है प्रकृति का सम्मान और पर्यवारण को संरक्षित करते हुए सतत विकास की राह पर चलना।
आज विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार।
I have written to PMO India appreciating his sincere efforts in ensuring evacuation of Indian students trapped in Ukraine and urged him to give necessary direction to the concerned ministry to take appropriate steps enabling such students to complete higher education in India.
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के संघर्ष से भरे आन्दोलन का परिणाम अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने का इतिहास झारखंड का विकास एवं नव निर्माण झारखंड की माटी की पार्टी झामुमो ही कर सकती है। पर बार-बार सुनियोजित साजिश के तहत झारखंड की माटी की पार्टी सरकार को अपदस्थ कर दिया जाता है आदरणीय गुरु जी शिबू सोरेन की सरकार भी साजिश की शिकार हो चुकी है और अब उसी राह में साजिश का शिकार होने आदरणीय गुरु जी के सुपुत्र झारखंड के माटी पुत्र माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी भी चल पड़े हैं। क्योंकि बड़े पूंजीपति झारखंड को चारागाह बनाने में अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं भाजपा पार्टी और उनके नेता दलाली नहीं कर पा रहे हैं भाजपा अपने शासनकाल में 16 वर्षों तक झारखंड को लूट कर लूट खंड बना चुका है इसलिए लोकतंत्र को नकारते हुए भाजपा की केंद्र सरकार एन केन प्रकारेण झारखंड सरकार को चुनाव आयोग के कंधे पर शस्त्र रख Hemant Soren जी की सदस्यता खत्म कर मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ कर प्रजातंत्र जनतंत्र की ताकत को नकारते हुए सत्ता काबीज करना चाहती है।
झामुमो सुप्रीमो आदरणीय शिबू सोरेन ने बिनोद बाबू के निधन के तुरंत बाद ही 27-28 जनवरी 1992 को धनबाद सराइढेला में रखे झामुमो केन्द्रीय समिति बैठक में, यह तय हुआ कि राँची मोराबादी मैदान से 15 मार्च को एक विशाल रैली निकाली जायेगी जिसका नाम शहीद रैली होगा। उस बैठक में यह तय हुआ कि सभी सदस्य अपने क्षेत्र के महान शहीदों के नाम की ज्योती, मशाल व बैनर लेकर पहुँचेंगे। मोराबादी मैदान में यह शहीद ज्योती जलाई जायेगी और यह ज्योती तब तक जलती रहेगी, जबतक झारखंड राज्य अलग नहीं हो जाता।
उस बैठक में यह भी फैसला लिया गया था कि दिनांक 21 मार्च को सम्पूर्ण झारखण्ड बन्द रहेगा और दिनांक 22 मार्च से 3 अप्रेल कुल तेरह दिन झारखण्ड में आर्थिक नाकेबन्दी रहेगी। इस आर्थिक नाकेबन्दी के तहत इस राज्य के खनिज पदार्थ, लकड़ी, सीमेंट आदि तमाम वस्तुओं को झारखण्ड से बाहर ले जाने पर रोक होगी। जो भी वार्त्ता होगी, दिल्ली में नहीं बल्कि झारखंड की धरती पर होगी। 15 मार्च को राँची के मोराबादी मैदान में ऐतिहासिक भीड़ जुटी, शहीद ज्योती जलाई गई। 21 मार्च से बंदी शुरू हुआ। झारखण्ड के आन्दोलन के इतिहास में ऐसा आन्दोलन अब तक नहीं हुआ था। सारे खनिज पदार्थो की नाकेबन्दी कर दी गई थी। ट्रकों का आवागमन, रेल गाड़ियां, खासकर मालगाड़ियों का चलना बन्द करा दिया गया। पूरे झारखंड के खदानों से खनिज की ढुलाई बंद हो गई, बालू, लकड़ी, सीमेंट तक की ढुलाई बंद रही। कोयला ढुलाई तो संपूर्ण रूप से बाधित रही। एक विचित्र सन्नाटा छा गया था झारखण्ड में।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस आन्दोलन में झारखण्ड की जनता के साथ- साथ अन्य दलों नें इसका समर्थन किया। इस दौरान हजारों कार्यकर्त्ताओं ने गिरफ्तारी दी। कई जगहों पर तोड़-फोड़, बमबाजी की घटनाएँ भी हुई। लाठीचार्ज हुए। पर यह आन्दोलन रूका नही और इसने एक जन आन्दोलन का रूप ले लिया। मसलन, इन गलियारों से हमारे लिए हमारे दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखण्ड निकाल कर लाये हैं, ऐसे ही इन्हें युग पुरुष नहीं कहा जाता है। जिस लडाई को इन्होंने छेड़ा था उसे मुकाम तक पहुँचाया इसलिए जब फासीवादी पूछते हैं कि इन्होंने क्या किया तो एक झारखंडी कलमकार को बहुत दुःख होता है।
झारखंड राज्य उसी का देन है झारखंड आंदोलन में सैकड़ों लोग शहीद हुए सिर्फ देश में ही नहीं दुनिया भर में इस आंदोलन की आवाज गई तब जाकर झारखंड राज्य अलग हुआ। आज उसी झारखण्ड के माटी पुत्र की सरकार को दमन करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। जिसे झारखंड की जनता और JMM कार्यकर्ता किसी हाल में कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे ईट से ईट बजा कर केंद्र भाजपा सरकार की नीव हिला देंगे।
जय झारखंड ।। जय झामुमो।।
सभी को ईद की दिली मुबारकबाद।
इस पावन अवसर पर आप सभी स्वस्थ, सुखी और समृद्ध रहें, यही कामना करता हूँ।
#सीबीआई बताए कहां गायब हुए शशिनाथ झाः #शिबू_सोरेन
बहुचर्चित शशिनाथ झा हत्या कांड में बरी होने के बाद झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आज अपने राँची स्थित निवास स्थान में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि इस पूरी घटना के पीछे किसकी साजिश थी। इसे पता लगाया जा रहा है। इसका कानूनी दांव निकाला जाएगा। वहीं इस मामले पर झामुमो सांसद संजीव कुमार ने कहा कि अब यह साबित हो गया की जिस नर कंकाल को सीबीआई ने कोर्ट में शशिनाथ झा का कंकाल बताया था, वो किसी और का था। ऐसे में जांच करने वाली एजेंसी को यह बताना चाहिए की आखिर शशिनाथ झा का क्या हुआ? सांसद संजीव कुमार ने कहा कि इस केस में गुरूजी को सालों जेल में भी रहना पड़ा। उस दौरान पूरा परिवार बिखर सा गया था। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति एक मच्छर नहीं मार सकता,पूरी दुनिया के सामने उसे हत्यारे के रूप में पेश कर दिया गया।
उन्होंने दावा किया है कि जिस नर कंकाल को सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश किया था वो राजधानी के पिस्का नगड़ी स्थित कुली गांव के अलीम की थी। उसके परिवार वालों ने दावा भी किया था लेकिन सीबीआई न तो कभी अलीम के घर गयी और न इस बिंदु पर किसी तरह की जांच हुई।
बता दें कि नरसिम्हा राव सरकार के दौरान सांसद रिश्वत कांड के नामजद होने के बाद शिबू सोरेन के निजी सचिव रहे शशिनाथ झा 22 मई 1994 में लापता हो गए थे। उसके बाद परिवार वालों ने हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया था। मामले में शिबू सोरेन समेत अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया था लेकिन साक्ष्य के अभाव में 2007 में उन्हें बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले को बरक़रार रखा है।
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साबिन को "सगुन सरहुल पोरोब" रेय: जोहार
सगुन सरहुल पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं और जोहार
#प्रकृतिपर्व #सरहुल
Jay Jay Jharkhand
झारखण्डी माटी के वीर सपूत, महान आंदोलनकारी एवं राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुधीर महतो जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।
जय झारखण्ड!
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