Deewana bhole ka
शिव हैं मेरी आत्मा..और हिंदुत्व है मेरा जीवन..
विधर्मी और गद्दारों सावधान हो जाओ..युद्दघोष करता हू🚩
लोग पूछते हैं कि मैं पाकिस्तान के इस बापू को गाली क्यों देता हूं.....😡
मजहब है भाई... यहां अक्ल के आने पर पाबंदी है 😂😂
थोड़ी दूर से देखोगे तो दिख जाएगा🙏🙏
🚩 हर हर महादेव 🚩🙏🙏
अगर 1 व्यक्ति भी स्वयं में बदलाव लाता है तो इस संदेश को सफल मान लिया जाना चाहिए...
हमारे स्थानीय हलवाई, मिष्ठान विक्रेता इस चॉकलेटी आक्रमण से बचे यही भावना है...
"बौद्धिक पतन"
*************
पेठा, बेसन के लड्डू, गाजर का हलवा, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, जलेबी, कलाकंद, खोपरा पाक, खीर, नानखटाई और 100 तरह के पेडे।
काजू कतरी, रसमलाई, सोहन हलवा, बूंदी, बरफी, 50 तरह के श्रीखंड, पूरण पोली, आम रस, दु धि हलवा, गोल पापड़ी, मोहन थाल, सक्कर पारा, तिलगुड़ के लड्डू.
मुम्बई आइस हलवा, चीकू बर्फी, चूरमा लड्डू, घेबर, घुघरा, हलवा खजूर पाक, मगज पाक, रेवडी.......जैसी हज़ारों शुद्ध मीठी चीजें जिस देश के लोग बनाना, खाना और खरीदना भी जानते हों,
उस देश में चॉकलेट देकर "कुछ मीठा हो जाये" कह के लाखो की चॉकलेट करोड़ों मे बेच के विदेशी कम्पनियों हमारा करोड़ों रुपया आसानी से लूट लेती है।
ये दर्शाता है कि.....हमारा कितना बौद्धिक पतन हो गया है।
🙏 #विचारणीय 🙏
कुछ दिनों बाद #रक्षाबंधन आ रहा है ध्यान रहे
राष्ट्रहित में जारी🚩
🚩 हर हर महादेव 🚩🙏
#साइकिल की सवारी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (GDP) के लिए बेहद हानिकारक है....!
सुनने में ये हास्यास्पद लग सकता है , परन्तु सत्य है....
एक साइकिल चलाने वाला देश के लिए बहुत बड़ी आपदा है, क्योंकि.......
वो गाड़ी नहीं खरीदता,
वो लोन नहीं लेता,
वो गाड़ी का बीमा नहीं करवाता,
वो तेल नहीं खरीदता,
वो गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाता,
वो पैसे देकर गाड़ी पार्किंग नहीं करता,
वो ट्रैफ़िक फाइन नहीं देता ,
और तो और
वो मोटा (मोटापा) नहीं होता।
जी हां .....यह सत्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति
अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योंकि...
वो दवाईयां नहीं खरीदता,
वो अस्पताल व चिकित्सक के पास नहीं जाता
वो राष्ट्र की GDP में कोई योगदान नहीं देता।
ठीक इसके विपरित एक फ़ास्ट फूड की दुकान 30 नौकरी पैदा करती है........
10 हृदय चिकित्सक,
10 दंत चिकित्सक,
10 वजन घटाने वाले...!
नोट :-पैदल चलना इससे भी अधिक ख़तरनाक होता है, क्योंकि पैदल चलने वाला व्यक्ति तो साइकिल भी नहीं खरीदता...................!!
मुस्लिमों को पाकिस्तान मिला और हिंदुओ को ये मिला
😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡
अपनी मातृभूमि का बंटवारा हुआ...
फिर भी अपने हिस्से में इन सांपों को जगह दी...
अपने बच्चों के हिस्से का दूध tax के रूप में सरकार तक और सरकार से अल्पसंख्यक आरक्षण के रूप में इन दोमुंहों तक पहुंचा...
गंगाजमुनी और हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा धोते हुए अपने बच्चे दो फाड़ करवाए ,अपनी बहन बेटियों का बलात्कार होते देखा... निर्ममता से उनकी हत्याएं देखीं....
और आज फिर से ये देख रहे हैं...
अगर अब भी कुछ लोगों के दिल और दिमाग में हिंदू मुस्लिम भाई भाई का कीड़ा कुलबुला रहा है तो वो लोग यकीन माने कि "उनके खून में ही कोई खराबी है"
🚩 हर हर महादेव 🚩🙏🙏
🚩 हर हर महादेव 🚩🙏🙏
पिछले 40-50 सालों में मर्दों की मर्दानगी 80% तक कम हो चुकी है। अब कुछ लोंगो को मर्दानगी का सिर्फ़ एक ही मतलब पता है, ख़ैर वो उनकी सोच है ।
*****
मर्दानगी का मतलब है पुरुषार्थ से, क्या हम एक पुरुष होने का पूरा हक़ अदा कर रहे हैं,
आज कल ज़्यादातर कमज़ोर मर्दों में कोई युद्ध की सोच नहीं, न जीत की, न ज़िम्मेदारी की, न भरोसा, न साथ , न प्यार, न परिवार, सब कुछ एकदम शून्य हो चुका है, उनके अंदर का पुरुष मर चुका है।
कुछ पुरुष महिलाओं की खूबसूरती के ग़ुलाम हैं, कुछ नशे के, कुछ मोटी थोन्द वाले खाने के,कुछ महिलाओं से भी ज़्यादा महिला बन चुके हैं।
बात आती है कि आज के मकड़जाल वाले समय में भी मर्दाना कैसे बना जाए-
उसके लिए अच्छी किताबें पढ़ो, वर्कआउट करो, पोर्न वीडियो मत देखो, कम से कम 8 घण्टे सोना, लड़कियों का पीछा छोड़ना, खुदपर काम करना, नेगेटिविटी से दूर रहना और सबसे जरूरी अपना मक़सद हमेशा याद रखें।
कठिनाई और संघर्ष का अनुभव करने से पुरुष ज़्यादा सुंदर हो जाते हैं।
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और भारत के युवाओ को सही राह पर लाने में हमारा सहयोग करें 🙏🙏🙏
साहित्यकार .. इतिहासकार.... बुद्धिजीवी और चाटुकार भी.....जिनसे भी बन पड़े जवाब दें 😡😡😡😡
आज से कोई 6-7 वर्ष पुरानी बात है, 2016 की!
रेलवे के एक बड़े अधिकारी थे, बहुत बड़े वाले...व्यवसाय से इंजीनियर थे! उनकी निवृति (रिटायरमेंट) में केवल दो वर्ष बचे थे!
आम तौर पर निवृति के नज़दीक, जब अंतिम पोस्टिंग का समय आता है तो कर्मचारी से उसकी पसंद पूछ ली जाती है!
पसंद की जगह अंतिम पोस्टिंग इसलिये दी जाती है ताकि कर्मचारी अपने अंतिम दो वर्षों में अपनी पसंद की जगह घर, मकान इत्यादि बनवा ले और रिटायर होकर स्थायी हो जाये, व आराम से रह सके! परंतु उस अधिकारी ने अपनी अंतिम पोस्टिंग मांग ली ICF चेन्नई में!
ICF यानि Integral Coach Factory, यानि रेल के आधुनिक डिब्बे बनाने वाला कारखाना!
चेयरमैन रेलवे बोर्ड ने उनसे पूछा कि क्या उद्देश्य है आपका?
वो इंजीनियर बोले, "अपने देश की, अपनी स्वयं की "सेमी हाई स्पीड ट्रेन" बनाने का उद्देश्य है!"
ये वो समय था, जब देश मे 180 किलोमीटर प्रति घंटा दौड़ने वाले Spanish Talgo कंपनी के रेल डिब्बों का परीक्षण (ट्रायल) चल रहा था!
परीक्षण सफल था, पर वो कंपनी 10 डिब्बों के लगभग 250 करोड़ रुपए मांग रही थी, और "तकनीक स्थानांतरण का करार" भी नहीं कर रही थी!
ऐसे में उस इंजीनियर ने ये संकल्प लिया कि वो अपने ही देश में स्वदेशी तकनीक से Talgo से बेहतर ट्रेन बना लेगा और वो भी उसके आधे से भी कम दाम में!
चेयरमैन, रेलवे बोर्ड ने पूछा, "Are You Sure, We Can Do It ?"
पूरे आत्मविश्वास से उत्तर मिला, "Yes, Sir!"
"कितना पैसा चाहिये संशोधन (R&D) के लिये?"
"सिर्फ 100 करोड़ रुपए, सर!"
रेलवे ने उनको ICF में पोस्टिंग और 100 करोड़ रुपए दे दिया!
उस अधिकारी ने आनन-फानन में रेलवे इंजीनियर्स की एक टोली खड़ी की, औऱ सभी काम मे जुट गए!
दो वर्षों के अथक परिश्रम से जो उत्कृष्ठ प्रॉडक्ट तैयार हुआ, उसे हम "ट्रेन 18" यानि "वन्दे भारत" रेक के नाम से जानते हैं!
और जानते हैं कि 16 डब्बों की इस "ट्रेन 18" की लागत कितनी आई?
केवल ₹97 करोड़! जबकि Talgo सिर्फ 10 डिब्बों के ₹250 करोड़ माँग रही थी!
"ट्रेन 18" भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास का सबसे उतकृष्ठ हीरा है!
इसकी विशेषता ये है कि इसे खींचने के लिए किसी इंजन की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्यों कि इसका हर डिब्बा स्वयं में ही सेल्फ प्रोपेल्ड है, यानि हर डिब्बे में मोटर लगी हुई है!
दो वर्षों में तैयार हुए पहले रैक को "वन्दे भारत" ट्रेन के नाम से वाराणसी-दिल्ली के बीच पहली बार चलाया गया!
रेलवे कर्मचारियों की उस टोली को इस शानदार उपलब्धि के लिये क्या पारितोषिक मिलना चाहिये था ?
उन अधिकारी को पद्म सम्मान ? या पद्मश्री ?
15 फरवरी 2019 को जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने "ट्रेन 18" के पहले रैक को "वन्दे भारत" के रूप में वाराणसी के लिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, तो उस भव्य कार्यक्रम में "ट्रेन 18" के निर्माताओं को बुलाया ही नहीं जा सका!
उल्टे पूरी टोली के ऊपर नये CRB को विजिलेंस की जांच बैठानी पड़ी!!
क्योकि विपक्ष मे बैठे लोग इस उपलब्धि को, नये भारत की नई तस्वीर को, पचा ही नहीं पा रहे थे! और लगातार आरोप लगाते रहे कि "ट्रेन 18" के कलपुर्जे खरीदने में "टेंडर प्रक्रिया" का पालन नहीं हुआ!
ICF ने अगले दो वर्ष, यानी 2020 तक "ट्रेन 18" के 100 रैक बनाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई थी! पर नई ट्रेन बनाना तो दूर, पूरी टोली को ही विजिलेंस जांच में उलझाकर तहस-नहस कर दिया!!
सभी अधिकारियों, इंजीनियरों को ICF से दूर, अलग अलग स्थान पर भेजना पड़ गया!
देशद्रोही बिचौलिए और शक्तियां तथा विपक्ष अपने उद्देश्यों मे काफी हद तक सफल हो गए, केवल अच्छे लोगों की चुप्पी के कारण, सदैव देशभक्तों का बलिदान ही होना पडा है!
2-3 वर्षभर वो जांच चली, पर कुछ नहीं निकला! कोई भ्रष्टाचार था ही नहींं, सो निकलता क्या ?
कहां तो दो वर्षों में 100 रैक बनने वाले थे, वहां एक भी न बना! जांच और R&D के नाम पर तीन वर्ष नष्ट हुए, सो अलग!
अंततः 2022 में उसी ICF ने, उसी तकनीक से 4 रैक बनाये, जिन्हें अब दिल्ली-ऊना, बंगलुरू-मैसूर और मुम्बई-अहमदाबाद रुट पर चलाया जा रहा है!
उन होनहार इंजीनियर का नाम है- "सुधांशु मनी साहब"!!
2018 में ही निवृत्त हो गये!
इस देश में "ट्रेन 18" जैसी विलक्षण उपलब्धि के लिये उनके हाथ केवल इतनी उपलब्धि आई कि आज भी हम में से अधिकांश ने आज से पहले उनका नाम तक नहीं सुना था!
पिछले दिनों जब "वन्दे भारत" एक भैंस से टकरा गई और उसका अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया तो जिनके द्वारा कभी सुई तक नहीं बनाई गई, उन देशद्रोहियों द्वारा ट्रेन के डिज़ाइन की अनर्गल आलोचना होने लगी, तब सुधांशु सर की पीडा छलक गई, और उन्होंने एक लेख लिखकर उसके डिजाइन की खूबियां बताईं!
ऐसे होते हैं हमारे देश के भीतर बैठे हुए भीतरी गद्दार, जो कि देश के विकास को बिलकुल पचा नहीं पाते हैं, और वे प्रत्येक अच्छे काम में मीन-मेख निकालकर उस काम को ही रुकवाने के प्रयास में लग जाते हैं! जिससे देश का विकास बाधित हो सके!
ये हमारे देश के भीतरी गद्दार, विदेशी गद्दारों व दुश्मनों से अधिक खतरनाक हैं! हम सभी को मिलकर इनको रोकना होगा! आगे आप स्वयं समझदार है कि इनको रोकना कैसे है! आपका निर्णायक मत ही उसमें अपनी भूमिका में सफल होगा!
"सुधांशु मनी साहब" सेवानिवृत्त होकर आजकल लखनऊ में रहते हैं! ईश्वर उन्हें उत्साहित रखे!
भारत माता की जय!
🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩
मदरसा छाप लोंडो कभी तो दिमाग का इस्तेमाल कर लो😂😂
दिमाग में भूसा न भरा तो कभी सोचना....जाहिल वो हैं या हम??
🚩🚩🙏🙏
मस्जिद में धर्मांतरण, बीफ खिलाने की कोशिश, इतना पीटा कि गर्भ में मर गया बच्चा: जिसे ‘दीपक’ समझ फेसबुक पर हुआ प्यार वो निकला खालिद
#लवजीहाद #नोएडा #कानपुर #पैदल #हिंदू
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🚩🙏 हर हर महादेव 🙏🚩
खुद समझो और लोगों तक पहुंचाओ 🚩🙏🙏
🚩🚩🙏🙏सोचा तुमको याद दिला दूं 🙏🙏🚩🚩
Everyone
आंखे खुल रही हैं तो शेयर कर देना बस..
जरा सोच के देखिए कि अगर किसी प्याऊ के बाहर एक बोर्ड लगा दिया जाए कि....पानी पीने से पहले 🚩जय श्री राम 🚩कहिए और पानी पीने के बाद 🚩 जय श्री कृष्ण 🚩 कहिए...तो क्या होगा???
यकीनन पूरे भारत में भयंकर तूफान आ जाएगा..भारत के लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी...तमाम न्यूज़ चैनल , बॉलीवुड के भांड , राजनैतिक वैश्याएं और दलाल रण्डी रोना शुरू कर देंगे....कुल मिलाकर ये अक्षम्य पाप माना जाएगा....
लेकिन इस तस्वीर से संविधान,लोकतंत्र ,भारत की संप्रभुता और धर्मनिरपेक्षता सबको मजबूती मिल रही है
सब अच्छा हो रहा है
इसीलिए शायद कहीं से कोई आवाज नहीं निकल रही.....
अग्रिम बधाई ले लो हिन्दुओं..... आने वाले 25 साल में तुम्हारी पीढ़ियां खतना करवाने वाली हैं....ढोल बजाओ नाचो गाओ....
या डूब के मर जाओ....
क्योंकि जागोगे तो तुम अब भी नहीं.....
🚩 जय श्री राम 🚩 हर हर महादेव 🚩
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