The Plurals Party

अधिक से अधिक युवा जुड़े। (The Plurals Party)

19/05/2021

बिहार के स्वास्थ्य विभाग की सच्चाई

23/01/2021

One and only ‘Netaji’!

#जयहिंद
The Plurals Party

31/12/2020

❤️❤️❤️❤️ Happy New year to all of you ❤️❤️❤️❤️

Photos from The Plurals Party's post 26/12/2020

समाज के वैश्य पौद्दार,कलवार,वर्णवाल,अग्रवाल,कमलापुरी जाति को केंद्रीय गजट के पिछड़ा वर्ग में जोड़ने की मांग के लिए सब लोग संगठित होकर साथ आइए ।
पोद्दार वैश्य संगठन बिहार
वैश्य पोद्दार महासभा सहरसा
राष्ट्रीय वैश्य महासभा पुर्णिया
सर्व वैश्य एकता बिहार
राष्ट्रीय वैश्य महासभा बिहार
अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन
वैश्य महासभा युवा
वैश्य समाज बनिया परिवार
वैश्य सेना

26/12/2020

Merry Christmas

04/12/2020

बेंक टू वर्क

29/11/2020

किसान, खेती और खेत।
इतना आसान नहीं है इस देश में किसान होना। 2008, दुर्गापुर में पढ़ाई करने के दौरान बहुत अलग-अलग प्रदेश और प्रांत के लोगों से सम्पर्क में आयी। एक मित्र था, उसके पिता किसान थे। बहुत मेहनत से ख़ून पसीने की खेती से उसके मासिक ख़र्चे का इंतेजाम करते थे। उसकी पढ़ाई के लिए अपनी जान से प्यारी ‘खेत’ को भी बेचा था। दुःख समझ सकती थी अपने दोस्त का। लेकिन कभी पूछे जाने पर कि पिताजी क्या करते हैं कहता ‘व्यापारी’ हैं। उसे डर था कि लोग मज़ाक़ उड़ाएँगे। किसान होने का, खेती करने का। मैंने लोगों को मज़ाक़ उड़ाते देखा भी। इस देश में किसानों का पतन उसी दिन शुरू हो गया जब समाज किसान को हेय दृष्टि से देखने लगा। बहुत सारे पूर्वाग्रह थे। किसान है तो अनपढ़ होगा, किसान है तो ग़रीब होगा, किसान है तो स्टैंडर्ड नहीं होगा। किसान बनना कभी च्वाइस थी ही नहीं। इस देश के किसान सरकार की नीतियों से और समाज के दोहरे मापदंड से इतने टूट चुके थे कि अगर उनकी संतान किसान बनना भी चाहे तो खेत बेच कर बाहर पढ़ने भेज देते। धीरे-धीरे खेत फ़सल देने की जगह फ़िक्स्ट डिपॉज़िट हो गयी। और ठीक ऐसे ही इस कृषि प्रधान देश में किसानों का पतन हुआ। किसानों के इस हालत की ज़िम्मेदार सिर्फ़ सरकार नहीं, समाज भी है। हम सब हैं। हमने कभी उनके हक़ की बात नहीं की। हमें हमारे प्लेट में खाना मिलता रहा और हम हर निवाले के साथ किसान की महत्ता को निगलते चले गए। ये तस्वीर मेरे शब्दों से कहीं ज़्यादा बोलती है। शर्मनाक है, अन्नदाताओं का तिरस्कार। शायद अब समाज को तिरस्कार करने और किसानों को तिरस्कार झेलने की आदत हो गयी है। अच्छा होता अगर हम किसानों की जगह सड़क पर चिल्ला-चिल्ला कर उनका हक़ माँग रहे होते। सुकून देने वाला होगा वो पल।

प्लुरल्स - सदस्यता अभियान 27/11/2020

नए सिरे से पार्टी का पुनर्गठन का आदेश अब ऑफिशली जारी हो गया है।
जो भी पार्टी से जुड़ कर काम करना चाहते है वो जलदी संपर्क करे।





https://plurals.org/newmember.aspx?mem_id=BH2918100130989

प्लूरल्स पार्टी से जुड़ने के लिए आपसे आपके बारे में कुछ डिटेल्स मांगे जाएंगे जैसे कि
Name :-
Father name:-
DOB:-
Address:- Post-Office:-
Vidhansabha Area:-
District:-
Education:-
Pin code :-
Mobile no.:-
Email ID:-
व्यवसाय:- अपना एक फ़ोटो।

प्लुरल्स - सदस्यता अभियान प्लुरल्स के प्राथमिक सदस्य बनें और अपने साथ 10 अतिरिक्त सदस्य बनाएँ।

Photos from The Plurals Party's post 24/11/2020

कल मिलने आए कैमूर से plural कि हमारे दो प्रत्याशी रामगढ़ से इंद्रेश सिंह जी और भभुआ से कृष्णकांत सिंह जी। नौकरी कारोबार को छोड़कर उपेक्षित कैमूर का विकास करने को प्रतिबद्ध। चुनाव के बाद अब हर वार्ड पंचायत में जाकर जनसंपर्क ,बूथ स्तर तक पार्टी के कार्यकर्ताओं का संगठन और कैमूर के विकास की राजनीति, यही संदेश लेकर वह वापस लौटे हैं।

13/11/2020
31/07/2019

दो घंटे युद्ध और चलता ! तो भारत की सेना ने लाहोर तक कब्जा कर लिया होता !!
लेकिन तभी पाकिस्तान को लगा कि जिस रफ्तार से भारत की सेना आगे बढ़ रही हमारा तो पूरा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा !

तभी पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि वो किसी तरह से युद्ध रुकवा दे !! अमेरिका जानता था कि शास्त्री जी इतनी जल्दी नहीं मानने वाले !! क्यूँ कि वो पहले भी दो -तीन बार भारत को धमका चुका था !!

धमका कैसे चुका था ??

अमेरिका से गेहूं आता था भारत के लिए PL 48 स्कीम के अंडर ! ! PL मतलब public law 48 ! जैसे भारत मे सविधान मे धराए होती है ऐसे अमेरिका मे PL होता है ! तो बिलकुल लाल रंग का सड़ा हुआ गेंहू अमेरिका से भारत मे आता था ! और ये समझोता पंडित नेहरू ने किया था !!

जिस गेंहू को अमेरिका मे जानवर भी नहीं खाते थे उसे भारत के लोगो के लिए आयात करवाया जाता था ! आपके घर मे कोई बुजुर्ग हो आप उनसे पूछ सकते हैं कितना घटिया गेहूं होता था वो !!

तो अमेरिका ने भारत को धमकी दी कि हम भारत को गेहूं देना बंद कर देंगे ! तो शास्त्री जी ने कहा हाँ कर दो ! फिर कुछ दिन बाद अमेरिका का ब्यान आया कि अगर भारत को हमने गेंहू देना बंद कर दिया ! तो भारत के लोग भूखे मर जाएँगे !!

शास्त्री जी ने कहा हम बिना गेंहू के भूखे मारे या बहुत अधिक खा के मरे ! तुम्हें क्या तकलीफ है !???
हमे भूखे मारना पसंद होगा बेशर्ते तुम्हारे देश का सड़ा हुआ गेंहू खाके !! एक तो हम पैसे भी पूरे दे ऊपर से सड़ा हुआ गेहूं खाये ! नहीं चाहीये तुम्हारा गेंहू !!

फिर शास्त्री ने दिल्ली मे एक रामलीला मैदान मे लाखो लोगो से निवेदन किया कि एक तरफ पाकिस्तान से युद्ध चल रहा है ! ऐसे हालातो मे देश को पैसे कि बहुत जरूरत पड़ती है ! सब लोग अपने फालतू खर्चे बंद करे ! ताकि वो domestic saving से देश के काम आए ! या आप सीधे सेना के लिए दान दे ! और हर व्यति सप्ताह से एक दिन सोमवार का वर्त जरूर रखे !!

तो शास्त्री जी के कहने पर देश के लाखो लोगो ने सोमवार को व्रत रखना शुरू कर दिया ! हुआ ये कि हमारे देश मे ही गेहु बढ्ने लगा ! और शास्त्री जी भी खुद सोमवार का व्रत रखा रखते थे !!

शास्त्री जी ने जो लोगो से कहा पहले उसका पालन खुद किया ! उनके घर मे बाई आती थी !! जो साफ सफाई और कपड़े धोती थी ! तो शास्त्री जी उसको हटा दिया और बोला ! देश हित के लिए मैं इतना खर्चा नहीं कर सकता ! मैं खुद ही घर कि सारी सफाई करूंगा !क्यूंकि पत्नी ललिता देवी बीमार रहा करती थी !
और शास्त्री अपने कपड़े भी खुद धोते थे ! उनके पास सिर्फ दो जोड़ी धोती कुरता ही थी !!

उनके घर मे एक ट्यूटर भी आया करता था जो उनके बच्चो को अँग्रेजी पढ़ाया करता था ! तो शास्त्री जी ने उसे भी हटा दिया ! तो उसने शास्त्री जी ने कहा कि आपका अँग्रेजी मे फेल हो जाएगा ! तब शास्त्री जी ने कहा होने दो ! देश के हजारो बच्चे अँग्रेजी मे ही फेल होते है तो इसी भी होने दो ! अगर अंग्रेज़ हिन्दी मे फेल हो सकते है तो भारतीय अँग्रेजी मे फेल हो सकते हैं ! ये तो स्व्भविक है क्यूंकि अपनी भाषा ही नहीं है ये !!

एक दिन शास्त्री जी पत्नी ने कहा कि आपकी धोती फट गई है ! आप नहीं धोती ले आईये ! शास्त्री जी ने कहा बेहतर होगा ! कि सोई धागा लेकर तुम इसको सिल दो ! मैं नई धोती लाने की कल्पना भी नहीं कर सकता ! मैंने सब कुछ छोड़ दिया है पगार लेना भी बंद कर दिया है !! और जितना हो सके कम से कम खर्चे मे घर का खर्च चलाओ !!

अंत मे शास्त्री जी युद्ध के बाद समझोता करने ताशकंद गए ! और फिर जिंदा कभी वापिस नहीं लौट पाये !! पूरे देश को बताया गया की उनकी मृत्यु हो गई ! जब कि उनकी ह्त्या कि गई थी।।।

यह ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने 1965 में अपनी फीएट कार खरीदने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से पांच हजार ऋण लिया था। स्कूल के वक्त में शास्त्री के बच्चे तांगे से स्कूल जाते थे और प्रधानमंत्री बनने के बाद कार खरीदने की इच्छा जताई तो उस वक्त 12 हजार रुपए में कार आई.मगर शास्त्रीजी के पास केवल सात हजार रुपए थे तो उन्होंने बैंक से पांच हजार ऋण लेकर कार खरीदी थी.मगर ऋण की एक किश्त भी नहीं चुका पाए। 1966 में देहांत हो जाने पर बैंक ने नोटिस भेजा तो उनकी पत्नी ने अपनी पेंशन केपैसे सेकार के लिए लिया गया ऋण चुकानेका वायदा किया और फिर धीरे धीरे बैंक के पैसेअदा किए। हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री लालबहादुरशास्त्री की। उनकी पत्नी ललिता शास्त्री नेभी उनकी ईमानदार पूर्वक जिंदगी में उनका पूरा साथदिया। शास्त्री की यह कार आज भी जनपथ स्थित उनकी कोठी [अब संग्रहालय] में आज भी मौजूद है। अब इस कोठी में लालबहादुर शास्त्री संग्रहालय बना दिया गया है।

शास्त्री जी के बेटे अनिल शास्त्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, मैंने जब अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया तो उसे प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचा दिया गया. इस पर शास्त्री ने आरटीओ को बुलाया और फटकारते हुए कहा कि बिना ड्राइविंग टेस्ट और सत्यापन के किस आधार पर लाइंसेंस बना दिया गया.

भारत मे शास्त्री जी जैसा सिर्फ एक मात्र प्रधानमंत्री हुआ ! जिसने अपना पूरा जीवन आम आदमी की तरह व्तीत किया ! और पूरी ईमानदारी से देश के लिए अपना फर्ज अदा किया !!

जिसने जय जवान और जय किसान का नारा दिया !!

क्यूंकि उनका मानना था देश के लिए अनाज पैदा करने वाला किसान और सीमा कि रक्षा करने वाला जवान बहुत दोनों देश ले लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है !!

स्वदेशी की राह पर उन्होने देश को आगे बढ़ाया ! जब तक वे प्रधानमंत्री रहे एक भी विदेशी कंपनी को देश मे घुसने नहीं दिया ! उनका कहना था एक ईस्ट इंडिया कंपनी के कारण भारत को 250 साल की गुलामी जेहलनी पड़ी थी ! जिसके किए कितने क्रांतिकारियों ने फांसी खाई ! दुबारा विदेशी कंपनियो को बुलाकर देश की आजादी के साथ कोई समझोता नहीं किया जा सकता !

अमेरिका का सड़ा गेंहू भी बंद करवाया !!

ऐसा प्रधानमंत्री भारत को शायद ही कभी मिले ! अंत मे जब उनकी paas book चेक की गई तो सिर्फ 365 रुपए 35 पैसे थे उनके बैंक आकौंट मे ! !

शायद आज कल्पना भी नहीं कर सकते ऐसा नेता भारत मे हुआ !!

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