Prasenjeet jha
साथ उनके कारवाँ हो , मै अकेला ही सही ......
सखी सब गेलि पराई (शिव विवाह गीत) | रचना :बलभद्र झा प्रेमी | स्वर : नन्द जी (king of maithili bhajan) one of the best traditional shiv vivah bhajan and sung by nand jha ji | babadham kirtan 2020|baba baidynathdham kirtan samiti |bangaon saharsa|best nachari|t...
अपने गांव के खेतों की मिट्टी जांच करवाने के उपरांत मैंने पाया कि यहां के किसान अपने पारंपरिक फसलों के साथ साथ व्यावसायिक फसल का भी सफलता पूर्वक उत्पादन कर सकते हैं । पायलट प्रोजेक्ट के तहत गांव के किसानों के बीच शिमला मिर्च , ब्रॉकली , मशरूम , राजमा संग संग स्ट्राबेरी की भी खेती की गई है ।
All the flowers of tomorrow are in the seeds of today .
Guess the name of this lovely plant ?
#शिमलमिर्चकीखेती@ #डिजीटलबनगाँव
खेती से यदि अच्छी आमदनी लेनी है तो पारम्परिक खेती के साथ आपको व्यावसायिक खेती भी अपनानी होगी , पारंपरिक खेती कर हमारे अधिकांश किसान साल दर साल घाटे में जा रहें है । पूरे साल लगातार अथक मेहनत करने के बावजूद हमारे किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रुपये भी सालाना आय प्राप्त नहीं हो रही है । व्यावसायिक खेती का संबंध ऐसे फसलों से है जिस फसल की मांग बाजार में अधिक है । शिमला मिर्च की खेती इसका शानदार उदाहरण है । पॉली हाऊस के आभाव में अभी खुले आसमान की नीचे (पायलट प्रोजेक्ट )प्रयोग खेती कर रहा हूँ , समय संग चलने के लिए साधन जरूरी होता है और सकारात्मक कोशिश इंसान को सफल बनाती है । अति उत्साह के संग सूचित कर रहा हूँ कि यह तस्वीर हमारे गांव (बनगाँव ) की खेत से लिया गया है ।
डिजीटल बनगाँव के तहत राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्रोद्योगिकी संस्थान के BCC और CCC परीक्षा में उत्तीर्ण सभी परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामना ।
bangaon बनगाँव
भारतीय किसानों की उम्मीद : FPO
A true friend is a companion who will be there for you no matter what.
हमारे क्षेत्र के सारे किसानों का हाल लगभग एक समान ही है । कोशी प्रभावित क्षेत्रों में हर साल बाढ़ और अतिवृष्टि से खरीफ फसल बुरी तरह प्रभावित होता है , परन्तु यह 2020 हर दृष्टिकोण से किसानों के लिए आफत बना रहा । लाउकडाऊन का भी विशेष असर रहने के बावजूद खेती व्यवस्था ठीक ही थी लेकिन कोशी के भयंकर बाढ़ से इस वर्ष भी बनगांव समेत अन्य कहरा प्रखंड के नीचली जमीन वाली खेत पूर्णतः बर्बाद हो गई है । किसान लवान तक मनाने के लिए असमर्थ हैं , बाढ़ से बची खुची फसल भी टिड्डी जैसे भयंकर कीड़े के भेंट चढ़ गई है । सरकार हर साल किसानों को समृद्ध बनाने हेतु अनुदान प्रदान करती है जिसका कितना लाभ वास्तविक किसानों को मिल रहा है यह बात हम और आप भी जानते है । सरकार खरीफ मौसम में हुए फसल क्षति हेतु अनुदान देने की घोषणा की है 2 दिसंबर से फसल क्षति हेतु इनपुट अनुदान ऑनलाइन किया जाएगा
माननीय मुखिया जी से विशेष आग्रह रहेगा कि इनपुट अनुदान की योजना का लाभ अपने समर्थित व्यक्तियों को छोड़ वास्तविक किसानों तक पहुंचाने का काम करें एवं किसान सलाहकार पर नकेल कसने का सामर्थ्य दिखाएं । सभी वार्ड सदस्यों से अपील की वास्तविक किसानों का ही सत्यापन करें , आपका एक हस्ताक्षर किसान को हिम्मत प्रदान करेगा की वो पुनः हिम्मत जुटा सकें ।
बाढ़ की विभीषिका झेल रहे किसानों को लवान पर्व मनाने तक के लिए भी धान नसीब नहीं हुआ है ऊपर से चिड्डी एवं अन्य कीड़ों ने खेत का बुरा हाल बना रखा है । कीड़ों द्वारा धान को शीश से अलग कर दिया जाता है , फलस्वरूप धान के खेत में बिखर जाने से किसान पूरी तरह बर्बाद हो रहे हैं । खेत में धान के दाने बिखर जाने से अगला फसल भी प्रभावित ही रहेगा । सरकार को इसके लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए ।
माता जे विराजै मिथिले देश में | मिथिला वर्णन | रचना : मधुकर जी | स्वर : बलराम खां |MITHILE DESH ME one of the best mithila varnan bhajan written by pandit madhukant jha madhukar and sung by pandit balram khan
जिस प्रकार मनुष्य व जानवरों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार फसलों के लिए भी संतुलित आहार (पोषक तत्वों) की आवश्यकता होती है। यह पोषक तत्व उन्हें मिट्टी से मिलते हैं इसलिए खेती के लिए मिट्टी की जांच करना जरूरी है।
अत्यधिक व असंतुलित उर्वरकों और कृषि रसायनों के प्रयोग से खेत की मिट्टी मृत हो रही है और दिनों दिन उत्पादन क्षमता घट रही है। जिन क्षेत्रों में अधिक उपज वाली उन्नत, संशोधित (रिसर्च) व संकर किस्में उगाई जाती हैं वहां मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी बहुत तेजी से होती है। भरपूर उत्पादन के लिए खेत की मिट्टी में उपलब्ध तत्वों की मात्रा व मिट्टी में स्वास्थ्य जानने के लिए मिट्टी परीक्षण (जांच) करना आवश्यक हो जाता है।
लागत के दृष्टिकोण से भी मिट्टी जाँच होने के उपरांत किसानों को खेत की ज़रूरत के अनुसार संतुलित रसायन देने से रसायन में ख़र्च होने वाली अनावश्यक राशि की बचत होती है और फ़सल भी स्वस्थ होता है । क्षेत्रीय कृषि व्यस्था को सुदृढ़ करने हेतु सर्वप्रथम मुझे मिट्टी की जाँच करना ज़रूरी लगा ।हमारे किसान समूह की महिला सदस्यों द्वारा अपने खेत की मिट्टी जाँच करने के लिए एकत्रित किया गया है ।आप भी अपनी खेत की मिट्टी जाँच अवश्य करवाएँ ।
सत्य
पहले हाथ धोईए
फिर दरवाज़ा खुलेगा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का ऐलान
- 80 करोड़ लोगों को तीन महीने तक मुफ्त में मिलेंगे गेहूं-चावल और दाल
- 20 करोड़ जन-धन महिला खाताधारकों को तीन माह तक 500-500 रुपए
- मनरेगा के तहत 182 रुपए की जगह 202 रुपए, 13.62 करोड़ परिवार होंगे लाभान्वित
- 3 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और विकलांगों को 1000 रुपए
- अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2000 रुपए
- बिल्डिंग वेलफेयर फंड से निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों को राहत
- 22 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस
The good man is the friend of all living things.
किसान क्रेडिट कार्ड (kcc) आवेदन अब आप सीधे वसुधाकेंद्र के माध्यम से कर सकते हैं ।
माफ़ कीजिएगा ,आपकी पसंद से मेरी पसंद तय नहीं होगी साहब ।मेरे पसंदीदा अमेरिका वाले Mr President बराक ओबामा ही थे । बंदे की बात ही अलग थी ।राष्ट्रपति और व्यापारी में एक बड़ा अंतर होता है ।मुनाफ़े की दोस्ती बस मुनाफ़े तक सीमित होती है ।बाँकी आप ख़ुद समझदार हैं 😜
डॉक्टर साहब की नसीहत है कि पैरों को आराम दूँ , सो टहलने में या सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने में तकलीफ़ है । मैं आराम में हूँ ।आपके सारे कार्य सारे सहयोगी संभाल रहे हैं । आप शाम में आइए मुलाक़ात होगी ❣️
मैं जो हूँ , जान एलिया हूँ जनाब
मेरा बेहद लिहाज़ कीजिएगा ❤️
माफ़ कीजिएगा , पहले नहीं बताया , अब बता रहा हूँ । कुफ़री हिल स्टेशन पर बर्फ़ पर पैर फिसलने से ज़बरदस्त चोट घुटने में आइ , बाल बाल बच गया ।बीते दो दिनों से काफ़ी भागमभाग कारण दर्द को इग्नोर करना पड़ा।आज गाँव पंहुचते ही असहय पीड़ा कारण मेडिकल जाना पड़ा । डा. साहेब ने एक महीने का फूल बेडरेस्ट लेने को कहा है ।एक महीने तक बेड पे पर टिके रहना मेरे लिए मुश्किल है , कुछ किताबें ओनलाइन मँगवाई थी , जिसके भरोसे कुछ दिन समय काटा जा सकता है आप अच्छे किताबों का नाम मुझे सजेस्ट कर सकते हो । ख़ुद को जल्द रिकवर करूँगा 😎👍
एक ऐसा प्रेमी जो औघर हो , साथी भूतप्रेत संग शमसान और पहाड़ में वास करता हो , विवाहित हो , संपूर्ण देह में राख लेपता हो , गर्दन में विषधर लटकाता हो , विवाहित हो ,बूढ़ा हो और उस योगी को पाने के लिए अगर कोई राजकन्या सुकोमल ,सुनयना युगों युगों तक तपस्या करें ।माता पिता , परिजन सहित संसार के सारे सुख विलास वैभव का त्याग करें । प्रेम के इसी पराकास्ठा का पर्व है महाशिवरात्रि ।
किसी के प्रेम में ख़ुद को भूल जाने का प्रतिज्ञा दिवस है शिवरात्रि गौरी के सर्वस्व त्याग और अभूतपूर्व अमर प्रेम ने महादेव को गौरी वरण हेतु बाध्य कर दिया । गौरी के प्रेम के सामने देवाधिदेव महादेव स्वयं नतमस्तक हुए । महाशिवरात्रि मेरे लिए एक प्रेमउत्सव है ।
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान की स्थापना सर्वप्रथम पटना में हुई थी , चुकि आलू ठंडे प्रदेश की फ़सल है इसलिए भारत सरकार द्वारा इस संस्थान को पटना से शिमला शिफ़्ट किया गया ।अब तक cpri द्वारा भारत को 125 से ज़्यादा क़िस्में की आलू की प्रजाति को विक़सित किया है ।हमें गर्व है अपने देश के कृषि वैज्ञानिकों और ऐसे संस्थानो पर जो भारत के गर्म और ठंडे सभी प्रदेशों में आलू का भरपूर उत्पादन कर सम्पूर्ण विश्व में भारत को आलू का दूसरा निर्यातक देश बनाए रखा है ।
भारत का प्रथम केंद्रीय आलू परीक्षण संस्थान @ शिमला
अगर आपके परिवार के किसी भी सदस्य को बिहार सरकार द्वारा प्रदत वृद्ध , विकलांग या विधवा पेंशन मिल रहा है , तो यथा शीघ्र उनका जीवन प्रमाणपत्र वसुधा केंद्र पर आकर बनवाए अन्यथा उनका पेंशन रूक सकता है ।
एक प्रयास एक निवेदन
प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि , योगीराज परमहंस गोस्वामी लक्ष्मीनाथ का स्मृति पर्व समारोह बाबा के हर कुटी में धूम धाम से मनाई जाती है । अस्तु आप तमाम गोंसाई भक्तो से आग्रह है बाबा के अवतार को जगविदित करने हेतु 1 दिसम्बर से 5 दिसम्बर तक आप अपने शोशल साईट्स (facebook , twiter ,whatsapp,google+ के प्रोफाइल पिक्चर में बाबा की छवि लगावे ।
आप के ऐसा करने से social sites पर बाबा के नाम की धूम मचेगी । और बाबा के अवतार से अनभिज्ञ लोग बाबा के महिमा को जान सकेंगे । इस मुहीम में हमारी सहायता करे । आपका सहयोग प्रार्थनीय है ।
आपका अनुज
प्रसेनजीत झा
माँ ( Maa) ...प्रसेनजीत झा ( prasenjeet jha) बूढी माँ ज्वर से तपती सहती वेदन वो राह देखती बूढ़े नयन व्यथित बेकल करुणित अंतर्मन कर पाती निज सूत मुख दर्शन वो बीच पड़ी मृत्यु जीवन बस याद कर रही सूत का बचपन फिर मैं ही दू तुझे लाल जनम ये कह रही थी म...
Goswami Laxminath हम सब के छल गुरु गोंसाई सरबा हमरे नाम छी मातु भगवती पिता बैद्यनाथ गाम हमर बंगाम छी मिथिला के जे ह्रदय कहाबय कोशी केर जे काशी थिक धन धन भाग हमर थीक जे हमहू बनगाँव वासी छी...
श्री श्री 108 योगीराज परमहंस गोस्वामी लक्ष्मीनाथ के अमरकृत्यों एवम् अवतार को जगविदित करने हेतु आपका सहयोग प्रार्थनीय है । इस लिंक को लाइक कर बाबा के रास्ट्रीय प्रचार प्रसार हेतु समर्पित इस मुहीम से जुड़े। https://m.facebook.com/paramhansgoswamilaxminath
आपका सहयोग प्रार्थनीय है ।
लक्ष्मीपति Baba Bihar/UP/WB/Nepal aadi me puje jate hain. Ram/Krishna/Shiv par sekron Bhajan awam nirgun bhajan, Holi Chatawari aadi likhe hain.
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बचपन बाली दिवाली .....
हफ्तों पहले से साफ़-सफाई में जुट जाते हैं
चूने के कनिस्तर में थोड़ी नील मिलाते हैं
अलमारी खिसका खोयी चीज़ वापस पाते हैं
दोछत्ती का कबाड़ बेच कुछ पैसे कमाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
दौड़-भाग के घर का हर सामान लाते हैं
चवन्नी -अठन्नी पटाखों के लिए बचाते हैं
सजी बाज़ार की रौनक देखने जाते हैं
सिर्फ दाम पूछने के लिए चीजों को उठाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
बिजली की झालर छत से लटकाते हैं
कुछ में मास्टर बल्ब भी लगाते हैं
टेस्टर लिए पूरे इलेक्ट्रीशियन बन जाते हैं
दो-चार बिजली के झटके भी खाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
दूर थोक की दुकान से पटाखे लाते है
मुर्गा ब्रांड हर पैकेट में खोजते जाते है
दो दिन तक उन्हें छत की धूप में सुखाते हैं
बार-बार बस गिनते जाते है
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
धनतेरस के दिन कटोरदान लाते है
छत के जंगले से कंडील लटकाते हैं
मिठाई के ऊपर लगे काजू-बादाम खाते हैं
प्रसाद की थाली पड़ोस में देने जाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
माँ से खील में से धान बिनवाते हैं
खांड के खिलोने के साथ उसे जमके खाते है
अन्नकूट के लिए सब्जियों का ढेर लगाते है
भैया-दूज के दिन दीदी से आशीर्वाद पाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
दिवाली बीत जाने पे दुखी हो जाते हैं
कुछ न फूटे पटाखों का बारूद जलाते हैं
घर की छत पे दगे हुए राकेट पाते हैं
बुझे दीयों को मुंडेर से हटाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
बूढ़े माँ-बाप का एकाकीपन मिटाते हैं
वहीँ पुरानी रौनक फिर से लाते हैं
सामान से नहीं ,समय देकर सम्मान जताते हैं
उनके पुराने सुने किस्से फिर से सुनते जाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....
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We are living in that era where we think only myself but we must accept the truth by which we can rise the living standard of animals�
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हम नहीं बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ, जब भी मिलेंगे अंदाज़ वही पुराना होगा।