महापात्र संघ सोमवस्तीपुर - समस्तीपुर
महापात्र संघ सोमवस्तीपुर
जातीय जनगणना के फर्जी आंकड़े को न्यायालय में दिया जाएगा चुनौती : संस्थापक सह प्रदेश अध्यक्ष डॉ० कृपानाथ महापात्र।
जातीय जनगणना के फर्जी आंकड़े को न्यायालय में दिया जाएगा चुनौती : संस्थापक सह प्रदेश अध्यक्ष डॉ० कृपानाथ महापात्र।
धर्म की जय हो
अधर्म का विनाश हो
हर हर महादेव
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
नथूराम गोडसे ने न्यायधीश से कहा था
गद्दार मुझे गद्दार और देशभक्त मुझे देशभक्त कहेंगे
१५ नवंबर उनके बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन 🙏🇮🇳🚩
आप सभी सनातनी भाई बहनों को रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
महापात्र संघ सोमवस्तीपुर - समस्तीपुर
समस्त जिलावासियों व प्रदेशवासियों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सिख-मुस्लिम भाई “चारा“....
महापात्र यानी महाब्राह्मण, समाज सभी जातियों में पुजनीय होते हैं।क्योंकि उनके नाम के आगे महा शब्द जुरा है,यह बिहार,नेपाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा भारत के अन्य भागों में निवास करते हैं।उनका मुख्य पेशा जजमान को मोह रुपी शंशय को दुर करना होता है।प्रेतात्मा को मौक्ष प्रदान हेतु श्राद्धकर्म करवाना मुख्य पेशा माना जाता है।दान में मिलने वाले 11 ₹ से 1100 ₹तक मिलने वाले पैसे से अपना जिवन यापन करते हैं,जिस पर भी बिरोधी कुछ लोगों को लगता है कि महापात्र समाज लुट कर रहा है उन्हें समझना चाहिए की महापात्र समाज ही ईस शास्त्रीय विधान को बचाकर हमारी बेद, पुराणों,तथा धर्म की रक्षा हेतु अपने आपको समर्पित कीऐ हुए है,लेकीन एक कटु सत्य जरुर है की जो इस में लगे हैं उनकी स्थिती काफी खराब हो चली है क्योकि श्राद्धकर्म के अलावे कोई अन्य काम ना होने से आर्थिक स्थिती खराब होना लाजिमी है तथा समाज में उच्च स्थान रहने के कारण अन्य काम करना भी प्रतिस्ठा के अनूरूप उचित भी नहीं है।
आमदनी का मुख्य श्रोत केवल आ केवल किसी के मरने के ही होता है जिस कारण कुछ लोग इस महापात्र के श्राद्धकर्म को अच्छा नहीं मानते हैं उन्हें समझना चाहिए की संसार में बैदिक दो ही कर्म बताओ गये है1.दैव कर्म
2.पित्र कर्म
एक अच्छा दुसरा बुरा कैसे यह समझने की जरुरत है।
आज जितना भी जाती भारत मेंहै सबसे ज्यादा पिछरा महापात्र ब्राह्मणो की स्थिती है चाहे आर्थिक, समाजिक राजनैतिक कहीं उनका स्थान में नहीं के बराबर सहभागिता है। मैं इस पोस्ट के माध्यम से कहना चाहता हूं की महापात्र ब्राह्मण को भी अपना स्थान भारतीय गणराज्य में संबिधान के अनुसार स्थान तथा सहभागिता मिले जिससे इस अल्प जाती को बिलुप्त तथा भारतीय संस्कृति को बचाया जा सके।क्योंकी बेदो की रक्षा करने बारे ही नहीं बचेंगे तो श्रृष्टि बचा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
#स्वयं_पढ़े_और_बच्चों को भी अनिवार्यतः पढ़ाएं ।।
एक ओर जहाँ ईसामसीह को सिर्फ चार_कीलों से ठोकी गई है वहीँ भीष्म_पितामह को धनुर्धर अर्जुन ने सैकड़ों बाणों से ।
कीलों से ठोकें जाने के तीसरे दिन ईसा कीलें निकलने से होश में आ गए थे वहीं पितामह 49 दिनों तक लगातार बाणों के बिस्तर में पूरे होश में रहे और जीवन,अध्यात्म का अमूल्य प्रवचन,ज्ञान भी दिया और अपनी इच्छा से अपने शरीर त्याग दिया ।
सोचें कि पितामह भीष्म की तरह अनगिनत त्यागी महापुरुष हमारे भारत वर्ष में हुये ।
किन्तु धनुर्धर अर्जुन के सैकड़ों बाणों से छलनी किए पितामह भीष्म को जब हमने भगवान् नहीं माना तो चार कीलों से ठोकें जाने पर ईसा को God क्यों माने.....???
ईसा का भारत से क्या संबंध है...???
25December क्यों मनायें...???
क्यों बने सेन्टा क्लाज...???
क्यों लगायें क्रिसमस ट्री...???
कदापि नहीं इस पाखण्ड में नहीं फसाना है न फ़साने देना है
हमारे पास हमारे पूर्वजों की विरासत में मिली विज्ञानपूर्ण सनातन संस्कृति है जो हमारे जीवन को महिमामय गौरवपूर्ण बना सकती है
अपने बच्चों को इस कुचक्र से बचाओ!!
जय_श्रीराम।
अजय कुमार झा
✌ #सनातन 🙏🙏
#देखने_का_दृष्टिकोण
कुछ सज्जनो ने ये तस्वीर भेजी कोई ढोंग कोई ईश्वर का अपमान कोई हिन्दुव का अपमान बोले जा रहा है कुछ मित्रो ने मेरी राय मांगी इसपर चलिये जरा एक बार जोश नही बुद्धिमत्ता से देखे
#ढोंग_या_सच्ची_भक्ति
आप जिस मूर्ति की पूजा करते है तो उसको सजीव मानकर करते है भाव ही तो है जो पत्थर को भगवान बनाते है,अगर आपके अंदर भाव है तो उनको भी सर्दी गर्मी और भूख लगती हैं
ा_एक_पहलू_पर_विचार_करे
भगवान खाते नहीं फिर भी नैवेद्य चढाते है
नहलाते है कपडे पहनाते है धुप दीप अगरबत्ती जलाते है पलने मे झुलाते है ये
आप 56 भोग लगाते है किसलिये क्या भगवान खाते है नही वो भाव है क्योंकि मूर्तियों को सजीव मानते हैं ये सब हमारी श्रद्धा है हम भगवान को सिर्फ मुर्ति के रूप मे नही देखते उन्हें जिवित समझकर सुख दुःख से जुडे होते है
#ये_सनातनी_प्रेम_भक्ति_हैं
आज भी पुरी धाम में जगन्नाथ को रथयात्रा के पूर्व कुछ अधिक स्नान कराया जाता है जिससे #श्रीजगन्नाथजी बीमार हो जाते हैं। पंद्रह दिन तक दर्शन बंद हो जाते हैं। #श्रीठाकुरजी को दिन में तीन समय औषधि पिलाई जाती है
कभी #मीरा चरित्र पढ़े मालुम पडेगा भक्ति क्या होती हैं जिसे आप ढोंग कह रहे हो वह सच्ची भक्ति है मीरा की तरह सच्चा प्रेम करने वाले को भगवान का आशिर्वाद मिलता है ये सनातनी प्रेम-भाव भक्ति है। सगुण साकार भगवान की सेवा पूजा ऐसे ही की जाती है
#ये_भक्ति_भाव_है_ढोंग_नहीं
ये यह पाखंड नहीं यह भक्ति का भाव होता है कि प्रभु को ठंड लग रही होगी प्रभु को गर्म कपड़े देने होंगे प्रभु को गर्मी लग रही होगी हम इसी में ठंड का आनंद ले रहे हैं और प्रभु गर्मी में पड़े हैं उन्हें भी ठंड के व्यवस्था की जाए उनके लिए 56 प्रकार के भोजन की व्यवस्था की जाए रात्रि में सोने की व्यवस्था की जाए दरअसल जब हम मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर देते हैं तो उसके बाद उस मूर्ति में जीवन का संचार हो जाता है और प्रभु के स्वरूप को हम जिस भाव से देखते हैं उसी भाव से हमारे मन की भक्ति बढ़ती है
#उदाहरण_स्वरुप पितृपक्ष में आप अपने पितृ को तर्पण करते हैअलग से रात में भोजन रखने है क्या वो आकर खाते है क्या कौवा खाता हैं तो उनको मिल जाता है नही न इसी को श्रद्धा कहते है ये ईश्वरीय है ढोंग नही
#इसमें_क्या_गलत_है
भगवान को अच्छे से सुला ही तो रहे हैं किसी बेजुबान का खून तो बहा नही रहे क्या दिक्कत है इंसमे?
#सनातन_धर्म में लोग भगवान को अपने परिवार का मुखिया मानते हैं भगवान को रोज स्नान कराते हैं,सुबह से जो खाना बनता है पहली थाली भगवान के पास जाती है
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव।
इसे जड़बुद्धि, मूढ़मति और मायावादी लोग नहीं समझ सकते
अजय कुमार झा
🚩🚩 ातन🚩🚩
“समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है”
शांति की इच्छा हो तो ,
पहले इच्छा को शांत कर दो!
🌹🌹 Great Morning 🌹🌹
#वृंदावन में करीब 54 एकड़ परिसर में #साध्वी_ऋतंभरा जी का #वात्सल्य_ग्राम आश्रम है,,
आश्रम के विशाल दरवाजे के बाईं ओर एक पालना है,
जहां कोई भी व्यक्ति, किसी भी समय अनचाहा या अनाथ शिशु को रखकर जा सकता है, पालने में बच्चा छोड़कर जाने वाले व्यक्ति को आश्रम से संबंधित सदस्य किसी भी प्रकार का प्रश्न नहीं पूछता,,
पालने में कोई बच्चा रखते ही पालने पर लगा #सेंसर आश्रम के व्यवस्थापन को इसकी सूचना देता है और आश्रम का कोई अधिकारी आकर उस बच्चे को आश्रम ले आता है,,
#आश्रम में प्रवेश होते ही वह बच्चा वात्सल्य ग्राम परिवार का सदस्य हो जाता है अब वह अनाथ नहीं कहलाता, उसे आश्रम में ही माँ, मौसी, दादा-दादी; सब रिश्तेदार मिल जाते हैं,
इसके बाद सीबीएसई की पढ़ाई .... #प्राकृतिक_चिकित्सा .... #योग.. मिलिट्री ट्रेनिंग सब देते हुए उसकी शादी तक करवाई जाती है ..
ये है #हिंदुत्व का एक दर्शन !!
जय सनातन
जय श्री राम
जय हिंदूराष्ट्र
आजतक एक बात समझ में नही आया की आखिर चुनाव के वक्त ही क्यों जात-पात से ऊपर उठकर वोंट देने की सलाह दी जाती है जबकि जाती प्रणाम पत्र भी तो सरकार ही देते है l सब गोल माल है ll
महापात्र संघ सोमवस्तीपुर में आपका स्वागत है ।
Click here to claim your Sponsored Listing.
Videos (show all)
Category
Website
Address
Samastipur
848134