Naved Shan Journalist, Sambhal Videos

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ये अंधभक्त किसी के नही होंगे , पूरा वीडियो सुन्ना अच्छा लगे तो शेयर करना ,

Indian Blood Donor's Group SBL

जो लोग DJ ओर गानों की धुन पर अपना बर्थडे मनाते हैं , वो बिल्कुल गलत है । उनको सोचना चाहिए कि उनकी ज़िंदगी का एक साल कम हो गया है । इसलिए खुशी नही, गम होना चाहिए , मैं अपने बर्थडे पर DJ नही केक नही , इस दिन मैं अपना ब्लड डोनेट करता हु , ताकि मेरे खून के कतरे से किसी की जान बच सके , अब तक मैं 22 बार अपना ब्लड डोनेट कर चुका है ।।।🥰🥰🥰🥰

नफरती एंकरों की पोल खोली रविश कुमार ने Ravish Kumar Mr Ravish

उत्तराखंड के जोशीमठ को छोड़ने का दर्द बेइंतहा है लोग यहां पीढ़ियों से रहते थे, अपना घर छोड़ रहे हैं इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है हम इनके दर्द के साथ हैं पर जब NRC के नाम पर लोगों को उनके घरों से निकाला जाएगा उस वक्त उन लोगों के दिलों में क्या बीतेगी

अंधेरी नगरी चौपट राजा ! ये कहावत हल्द्वानी के उन घरों पर सटीक बैठती है ! जहाँ पर रेलवे ओर राज्य सरकार ने ये बात कह दी ये सारी जमीन रेलवे की है ! जब वो जमीन रेलवे की थी तो सरकार ने उस रेलवे की जगह पर सरकारी इमारतें क्यो बनवायी ? लोग 80 ,90 साल से वहां पर रह रहे हैं ,ऐसा नही की वो एक ही रात मे सारे घर बन गए हो ? 1 सरकारी बैंक 2 सरकारी स्कूल 3 पानी की टंकी की सीवर लाइन, 4 प्रधानमंत्री आवास योजना घर , 5 कई मन्दिर 6 कई मस्जिदे, आदि ।।।

अमरोहा में ''नकली'' दरोगा बना “कासिम” गिरफ्तार।

नवीन कुमार आर्टिकल 19 ||

पहले मीडिया को देखकर लोग घर में घुस जाया करते थे कि पता नही हम से ऐसे क्या पूछ लें , लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है , लोग अब मीडिया की हँसी बना रहे है और ये सिर्फ न्यूज़ रूम में बैठे लोगों की वजह से हो रहा है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

डर

अगर किसी के घर नागिन आ जाये तो इस भाई से संपर्क करे ये पकड़कर बाहर फेंक सकता 🤣🤣🤣🤣

Ravish Kumar

यह वीडियो किसने रिकार्ड किया है, उसका नाम कोई नहीं जानता, कब और कहाँ का है, फार्वर्ड करने वाला बताना भी ज़रूरी नहीं समझता मगर यह वीडियो तेज रफ़्तार से वायरल हो रहा है। कि यूपी के युवा इस तरह परीक्षा देने जा रहे हैं। रोज़गार केवल वीडियो वायरल का मुद्दा नहीं है। बिहार और यूपी चुनाव के समय रोज़गार मुद्दा बन रहा था मगर वह जीत का कारण नहीं बना। 2019 के लोक सभा चुनाव से बेरोज़गारी का मुद्दा उठता है और मार खा जाता है। जो बेरोज़गार हैं, वे अलग कारणों से वोट देते रहे। युवाओं को अगर चुनाव करने को कहा जाए कि वे रोज़गार और एंटी मुस्लिम नफ़रत में से किसे चुनेंगे तो हज़ार बहाने बनाकर युवा एंटी मुस्लिम नफ़रत को चुनेंगे। एंटी मुस्लिम सोच की आँधी ने हर आर्थिक मुद्दे की दुर्गति कर दी है। अब वही युवा मुझे ये वीडियो ठेले जा रहे हैं। किसे फ़र्क़ पड़ता है? भारत के लाखों गरीब इसी तरह ट्रेन

20 वी बार

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