Suman sharma
I m Dr. Suman sharma
हम श्रीनगर में डल झील के पास होटल में है , कोई CPL है यहाँ पे ?
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!!........विधवा मां और जवान बेटे की हवस.....!!
ललिता के पति केदारनाथ में टूरिस्ट गाइड थे और उसी बाढ़ में उनकी मृत्यु हो गई।
तो अब घर को चलाने के लिए और पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए चंदन ने गांव की एक फैक्टरी में मजदूर का काम करना शुरू कर दिया।
ऐसे ही 7 साल बीत गए और अब चंदन 27 साल का हो गया और ललिता भी 47 की हो गई थी।
चंदन इतने वक़्त से मजदूरी का काम कर रहा था और इसी वजह से उसका शरीर एक दम हृष्ट-पुष्ट और बलिष्ठ हो गया था।
चंदन की जवानी अपने चरम पर थी; वो रोज़ रात को हस्थमैथुन करता था।
ललिता ने भी अपने पति के मरने के बाद से एक बार भी चुदाई नहीं की थी।
उसकी चूत में भी रह रहकर खुजली होती थी मगर वो मजबूर थी; उसकी चुदासी चूत की प्यास बुझाने वाला कोई नहीं था।
एक रात को ललिता पानी पीने के लिए उठी तो उसने देखा कि चंदन के कमरे की लाइट जल रही थी और दरवाज़ा भी थोड़ा सा खुला हुआ था।
ललिता ने सोचा कि इतनी रात को चंदन क्या कर रहा है?
तो ललिता ने दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और अन्दर देखा।
वो अन्दर का दृश्य देखते ही बुरी तरह से चौंक गई।
अन्दर बिस्तर पर चंदन लेटा हुआ अपना लन्ड ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करके मुठ मार रहा था।
उसकी चड्डी नीचे ज़मीन पर पड़ी थी और वो अपना लंबा मोटा मूसल लन्ड आंखे बंद करके तेज़ी से ऊपर नीचे कर रहा था।
ललिता ये नज़ारा देख कर सकपका गई।
उसको चंदन पर गुस्सा भी आ रहा था।
मगर अपने बेटे को ऐसे देख कर उसकी जवानी पर शायद गर्व भी महसूस कर रही थी।
उसको झटका उसके बाद लगा जब उसने चंदन के मुंह से अपना ही नाम सुना।
चंदन मुठ मारते हुए ललिता … ललिता … करके बड़बड़ा रहा था। वो अपनी सगी मां को अपने ख्यालों में चोद रहा था।
ये सुनकर ललिता बिल्कुल स्तब्ध हो गई।
चंदन को अब ललिता ध्यान से देखने लगी।
उसने पाया कि चंदन का लन्ड उसके बाप के लन्ड से ज़्यादा लंबा, मोटा और तगड़ा है।
ये देख कर ललिता की चूत में खलबली मच गई।
उसने इतने साल बाद अपनी चूत में गीलापन महसूस किया।
फिर ललिता एकदम से भाग कर अपने कमरे में चली गई। उसने कमरे का दरवाज़ा बंद किया, अपनी नाइटी ऊपर करके अपनी चूत में उंगली करने लगी।
वो बहुत जोश में ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को रगड़ रही थी, उसमें दो दो उंगलियां अन्दर घुसाकर अन्दर-बाहर करने लगी।
उसको इस बात की कतई उम्मीद नहीं थी कि वो एकदम से इतनी जल्दी अपनी चूत से पानी छोड़ देगी।
जल्दी ही उसकी चूत का पानी निकल गया, वो हांफने लगी।
वो बिल्कुल थककर बिस्तर पर लेटी रही और सो गई।
ललिता ने अब रोज़ रात को चंदन को मुठ मारते हुए देखने का सोच लिया था।
ऐसा करके वो खुद भी गर्म हो जाती थी और रात में अपनी चूत में उंगली करके खुद को शांत कर लेती थी।
अब ऐसे ही दिन बीतने लगे।
ललिता ने एक दो बार सोचा कि उसको चंदन से इस बारे में बात करनी चाहिए।
मगर इसमें मां बेटे का रिश्ता बीच में आ रहा था।
इसलिए ललिता ने अब चंदन को इशारे देने की सोची।
ललिता अब रोज़ सुबह नहाकर सिर्फ टॉवल अपने ऊपर लपेटकर बाहर चंदन के सामने आ जाती थी।
वो बाल सुखाने के बहाने कभी कभी चंदन के सामने झुक जाती थी जिसके कारण ललिता की गोरी चिकनी मोटी मांसल जांघों का पूरा नज़ारा चंदन को देखने को मिलता था।
चंदन को अपनी मां की ऐसी हरकतों से मज़ा भी आता था। उसे अजीब भी लगता था कि ये अचानक से मेरी मां ऐसा क्यों कर रही है!
मगर फिर भी ललिता के इतने इशारे करने के बाद भी चंदन ने कुछ भी पहल नहीं की।
फिर एक रात को वो सब कुछ हो गया जिसने शायद मां बेटे के रिश्ते को बदल कर रख दिया।
हुआ यूं कि उनके गांव में बिजली का कट हो जाना बहुत आम बात थी और ये वक्त गर्मी का था।
बिजली गुल हो जाने के चलते चंदन ने घर में इनवर्टर लगवाया हुआ था मगर इनवर्टर भी सिर्फ ललिता के कमरे में लगे पंखे को ही चला पाता था।
ऐसी ही एक रात को लाइट गुल हो गई।
ललिता ने भी सोचा कि शायद आज कुछ मौका है चंदन को खोलने का!
ललिता का सोचना भी सही था।
उसने चंदन को अपने पास बुलाया और बोली- चंदन, आज तू मेरे पास यहां बिस्तर पर सो जा। देख कितनी गर्मी है और मुझे भी अंधेरे में अकेले सोते नहीं बनेगा। यहां पंखा भी चल रहा है।
चंदन- ठीक है मां, जैसा आप कहो।
चंदन ने ये बात थोड़े रूखे और अनमने ढंग से कही।
ललिता जानती थी कि उसने इस तरह रुखे ढंग से हां क्यों कहा।
ललिता शायद यही देखना चाहती थी कि क्या आज रात चंदन मुठ मारेगा या नहीं?
चंदन ने अपने कपड़े उतारे और चड्डी पहन कर ललिता के बगल में लेट गया।
ललिता ने भी एक ढीला सा गाउन पहन रखा था।
गर्मी थी तो दोनों में से किसी ने चादर भी नहीं ओढ़ी थी।
दोनों ही अब सोने का नाटक कर रहे थे लेकिन दोनों को ही नींद नहीं आ रही थी।
ऐसे ही कुछ देर में ललिता ने अपनी आंखे बंद कर लीं और खर्राटे लेने लगी।
ललिता की पीठ चंदन की तरफ थी।
चंदन ने देखा कि ललिता सो गई है तो उसने अपनी चड्डी उतारी और लन्ड हाथ में लेकर हिलाने लगा।
वो धीरे धीरे मुठ मारने लगा।
उसके मुठ मारने से बिस्तर थोड़ा हिलने लगा और चंदन भी थोड़ी आवाज़ें निकाल रहा था।
इसके कारण ललिता की आंखें खुल गईं और उसकी नींद टूट गई।
ललिता ने हल्का सा अपना सिर ऊपर उठाकर पीछे देखा तो चंदन को मुठ मारते पाया।
उसको को भी अब समझ नहीं आया कि वो क्या करे? चंदन को रोके या जो वो कर रहा है उसमें उसका साथ दे?
फिर ललिता ने सोचा कि यही मौका है, यही वक्त है अपनी इतने सालों की तड़प को और प्यास को बुझाने का!
उसने फिर हल्के से अपने गाउन को घुटनों तक ऊपर कर दिया और अपनी जांघों को थोड़ा खोल दिया जिससे चंदन उसकी जांघें देख सके।
उसने अपनी टांगें मोड़ लीं और गान्ड को बाहर निकाल कर चंदन की तरफ कर दिया।
चंदन ने देखा कि उसकी मां की गान्ड उसकी तरफ है और गाउन भी ऊपर घुटनों तक है।
अब चंदन ने भी अपनी मां की तरफ खुद को खिसका लिया और अपना लन्ड ललिता की गान्ड से रगड़ने लगा।
ललिता तो वैसे भी जाग रही थी; उसने चंदन का लन्ड अपनी गान्ड पर महसूस किया।
लंड का अहसास पाते ही ललिता की प्यास एकदम से बढ़ गई और उसने भी अपनी जांघों में थोड़ी हरकत करनी शुरू कर दी।
चंदन ने खुद को ललिता से बिल्कुल चिपका लिया और उसकी कमर पर, पेट पर, पीठ पर, और कंधों पर हाथ से सहलाने लगा।
फिर उसने धीरे से ललिता का गाउन ऊपर कमर तक कर दिया और ललिता की नंगी, गोरी, बड़ी, मोटी और भारी भरकम चिकनी गान्ड पर अपना लन्ड हाथ से पकड़ कर दो तीन बार पटका।
अब चंदन ने अपना हाथ ललिता के बूब्स पर रख दिया।
वो धीरे-धीरे अपनी कमर को हिला कर अपना लन्ड ललिता की गान्ड से रगड़ रहा था।
इसके साथ ही चंदन ने ललिता के बूब्स भी दबाने चालू कर दिए।
वो गाउन के ऊपर से बूब्स को दबा रहा था और कसकर मसल रहा था।
ललिता पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। उसके बूब्स को दबाने से वो हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी- आह्ह … स्स्स … आह्ह … ऊम्म … आह।
इधर चंदन अपनी मां के बूब्स को जोर से मसल रहा था और बीच बीच में उसके निप्पलों को भी उंगलियों के बीच में पकड़ कर मसल देता था।
चंदन का इस तरह से ललिता के बदन के साथ खेलना उसे बहुत पसंद आ रहा था।
ललिता की चूत गीली होकर थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ रही थी।
चूंकि चंदन जवान था तो उससे अब चोदे बिना रहा नहीं जा रहा था।
उसने अब साफ साफ बात करने की सोची।
वो उठा और अपनी मां के कान में बोला- मां मै जानता हूं कि तू जाग रही है। तेरी चूत भी नीचे से पूरी गीली हो चुकी है।
ललिता ने भी शर्म पीछे छोड़ अपनी चूत की सुनी और बोली- तो किस बात का इंतजार है तुझे मेरे बेटे? ले चाट ले अपनी मां की चूत, जिसने तुझे इस दुनिया में लाया है। पी जा इसके रस को! ये चूत अब तेरी है।
ऐसा बोल कर ललिता ने अपने घुटने मोड़ लिए और टांगें खोलकर चौड़ी कर दीं।
चंदन ने भी अब आव देखा ना ताव और झट से अपना मुंह, अपने होंठ अपनी मां की चूत में लगा दिए।
उसने अपनी जीभ से ललिता की चूत को ऊपर से नीचे तक पूरा चाटना चालू किया।
वो अपने होंठ से उसकी चूत के दाने को चूस रहा था, उसे खींच रहा था।
ललिता की चूत लगातार पानी छोड़े जा रही थी; उसको इतना मज़ा कभी नहीं आया था। ललिता की टांगें कांप रही थीं। उसको चरम सुख की ऐसी अनुभूति शायद उसके पति के साथ भी नहीं मिली थी जो आज उसका बेटा उसे दे रहा था।
चंदन ने चूत को चाट चाटकर एकदम चिकनी कर दिया था।
अब बारी थी इस चिकनी हो चुकी चूत की ताबड़तोड़ चुदाई की!
चंदन ने अपने लन्ड पर मुंह से थूका और उसको थोड़ा मसलकर लन्ड का टोपा ललिता की चूत के ऊपर रगड़ने लगा।
ललिता चंदन को गालियां देने लगी- साले मादरचोद … क्यों तड़पा रहा है इतना … मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा है … मेरी चूत जल रही है अंदर से … इसमें पानी भर … इसकी आग को बुझा हरामी की औलाद … चोद दे जल्दी।
चंदन भी अपनी मां के मुंह से ये सब सुनकर और जोश में आ गया।
फिर उसने एक ही धक्के में पूरा का पूरा लन्ड एक बार में ही ललिता की चूत के अंदर उतार दिया।
ललिता की चीख निकल गई; उसका दर्द से बुरा हाल हो गया।
इतने सालों से जो चूत बिना लंड लिये सूखी पड़ी थी, आज उसने एक जवान मोटा मूसल जैसा लंड एक बार में अन्दर ले लिया था।
ये दर्द तो होना ही था।
मगर फिर चंदन ने भी धीरे धीर धक्के लगाने चालू किया ताकि उसकी मां को ज़्यादा दर्द ना हो।
आखिर वो निकला तो उसी चूत के अंदर से ही था और आज उसी चूत में उसने अपना लौड़ा डाला हुआ था।
चंदन के लिए भी ये एक सपने के सच होने जैसा था। जिस मां को चोदने के नाम से वो रोज़ रात को मुठ मारता था आज उसी मां की चूत की चुदाई करने का मजा उसे मिल रहा था।
ललिता तो बस अब पूरे चरम सुख को प्राप्त करने वाली थी।
उसकी चूत अब कभी भी अपनी धार छोड़ सकती थी मगर चंदन के लंड ने तो बस कुछ ही धक्के लगाए थे।
चंदन अब अपनी गति बढाने लगा और ललिता की चूत में ज़ोर ज़ोर से लंड को अंदर बाहर करके चुदाई तेज़ करने लगा।
ललिता की सिसकारियां अब चीखों में बदलती चली गईं- आह्ह … ईईई … मर गईई … ऊईई मां … ओह्ह … आह्ह आआआ … आहह … आराम से करर … कमीने … आह्ह फाड़ ही देगा क्या सच में … आईई … आआ!
ऐसी तगड़ी चुदाई का ललिता को बहुत समय से इंतजार था।
अब उसे घर में अपने बेटे के रूप में जवान लंड मिल चुका था।
चंदन अपनी मां के बूब्स भी ज़ोर से मसल रहा था और उन्हें दबा दबा कर लाल कर चुका था।
ललिता के लिए अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल होता जा रहा था।
वो अब कभी भी अपनी चूत से धार निकालने वाली थी।
इधर ललिता के ऊपर चढ़ा हुआ चंदन भी बुरी तरह हांफ रहा था।
चंदन- मां मेरा होने वाला है … मैं झड़ने वाला हूं। बोल कहां निकालूं अपना वीर्य??
ललिता- बेटे ये चूत अब सिर्फ तेरी है; अन्दर ही झड़ जा … मुझे मेरे बेटे का गरमा-गर्म वीर्य अपने अंदर चाहिए।
चंदन- ठीक है मां … जैसे तू बोले!
चंदन ने धक्के तेज़ कर दिए और फिर 4-5 धक्कों में ललिता की चूत को अपने वीर्य से भर दिया।
दोनों ही बुरी तरह से थक गए थे और पसीने से लथपथ थे। फिर ललिता ने अपना सिर चंदन की छाती पर रखा और दोनों एक दूसरे को सहलाने लगे। फिर वो उसका लंड थोड़ा हिलाकर सो गई।
चंदन भी ललिता के बदन को सहलाते हुए और उसके बूब्स को दबाते हुए सो गया।
आज दोनों मां-बेटे का एक नया रिश्ता शुरू हुआ था।
इस रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया जा सकता लेकिन रिश्ता तो बन चुका था।
कहानी कैसी लगी ?
हरामी जीजा ने मेरी बहन चोद दी
मेरी दीदी अपनी ममेरी बहन के घर रहने गयी तो वहां जीजू ने मेरे बहन को सेट कर लिया और ममेरी दीदी के सामने ही मेरी बहन को चोदने लगा.
मेरी ममेरी दीदी की शादी दिल्ली में हुई थी। उसका नाम नेहा है। उसकी उम्र 35 के आस पास है।
उसके मोटे हिलते दूध और चौड़ी गान्ड विद्या बालन की याद दिलाते हैं।
उसका पति उनसे उम्र में कुछ बड़ा है।
ममेरी दीदी के घर मेरी दीदी चंचल रहने गई थी क्योंकि वो वहाँ जॉब करती थीं।
चंचल की उम्र 27 साल के आस पास थी। वो कुछ कुछ परिणीति चोपड़ा की तरह दिखती है।
ममेरी दीदी और जीजा के साथ मैं पहले कुछ साल रहा था।
मैं अपनी ममेरी दीदी नेहा की चूत चुदाई भी कई बार कर चुका था।
ममेरा जीजा के बारे मैं पहले से जानता हूं कि ममेरा जीजा भी बहुत हरामी है।
वो जब कभी घर आता था तो मेरी बहन चंचल से जीजा होने के कारण मज़ाक भी करता था।
ये सब चलता रहता था।
चंचल दीदी का ट्रांसफर हैदराबाद से दिल्ली हो गया था।
इसलिए वो कुछ दिन तक ममेरी दीदी के घर पर रुकने वाली थी।
चंचल दीदी दिल्ली में उन लोगों के साथ रहने लगी।
मेरी चंचल दीदी का एक बॉयफ्रेंड हैदराबाद में था जिसके साथ वो शादी भी करना चाहती थी।
उसका बॉयफ्रेंड भी दिल्ली ट्रांसफर होकर आना चाहता था। वो भी ट्रांसफर दिल्ली कराने की कोशिश कर रहा था।
इधर चंचल दीदी दिल्ली में ममेरी दीदी के साथ रहने लगी।
ममेरी दीदी प्रेगनेंट थी इसलिए वो ज्यादा इधर उधर नहीं जाती थी।
कुछ दिनों बाद ममेरी दीदी का मेरे पास फोन आया कि चंचल दीदी और जीजा रात को साथ साथ सोते हैं और मुझसे गुस्सा-गुस्सा रहते हैं।
उसने कहा- तुम चंचल से कहीं और रहने को कह दो।
मैंने भी चंचल दीदी से कहा- आप कहीं और फ्लैट ढूंढ लो।
लेकिन उसने कहा- यहां मैं ठीक से रह रही हूँ।
उसने बताया कि उसके बॉयफ्रेंड का ट्रांसफर होने के बाद वो फ्लैट ले लेगी।
ममेरी दीदी उस दोनों के कारण मुझे फोन करती थी।
मैं जीजा से इस बारे में नहीं बोलना चाहता था क्योंकि वो मेरी और ममेरी दीदी की चुदाई के बारे जानता था।
उसके बाद भी वो कुछ नहीं बोलता था।
एक दिन मैंने जीजा को फोन किया, वो उस समय दारू के नशे में था।
उससे मैंने साफ साफ बोल दिया- ये सब बंद कर दो।
वो मुझे गालियां देने लगा, मेरी और ममेरी दीदी की चुदाई के बारे में बोलने लगा।
कुछ दिन बाद मैं दिल्ली गया।
तो भी जीजा नहीं माना।
यहां तक कि उसने चंचल दीदी को मेरी और ममेरी दीदी के बारे में सब कुछ बता दिया था।
उसने भी मुझे कहा कि तुम अपना काम करो।
मैं काफी दिन वहीं रुका लेकिन वो दोनों नहीं माने।
जीजा और चंचल दीदी हम दोनों के सामने रात को एक साथ कमरे में जाते और जीजा चंचल दीदी को चोदता और फिर सुबह वो ऑफिस चली जाती।
ये सब रोज़ का हो गया था।
जीजा ने कहा कि जब तक ममेरी दीदी प्रेगनेंट है तब तक चंचल साथ में है, फिर वो अलग फ्लैट ले लेगी।
एक रात, मैं और ममेरी दीदी नेहा 11 बजे टीवी पर फिल्म देख रहे थे।
तभी जीजा और चंचल दीदी के कमरे से जोर जोर हंसने की आवाज़ आने लगी।
उनकी बातचीत से ऐसा लग रहा था जैसे दोनों ने खूब शराब पी हो।
वो लोग नशे में थे।
तभी जीजा नंगा निकला और फ्रिज से पानी निकालने लगा।
इतनी देर में चंचल दीदी भी पूरी नंगी कमरे से निकली।
हम दोनों दूसरे कमरे से ये सब देख रहे थे।
चंचल पूरी नंगी थी।
वो फ्रिज के पास खड़ी हो गई।
उसके दूध बिल्कुल मुलायम मुलायम थे, हल्का सा हंसने पर हिल रहे थे।
चंचल दीदी की गांड पर जीजा के थप्पड़ के निशान साफ साफ गोरे बदन पर दिख रहे थे।
दीदी की गांड बहुत गोल थी, जीजा को चोदने में बहुत मज़ा आया होगा।
इसलिए उसको अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।
चंचल दीदी की ये पहली चुदाई नहीं थी।
हैदराबाद वाला लड़का जो उसका कई सालों से बॉयफ्रेंड था, उसको ना जाने कितनी बार खोल चुका होगा।
कॉलेज में भी दीदी का कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा।
चंचल दीदी को नंगी देख लग रहा था कि वो चुदक्कड़ हो चुकी थी।
शायद शादी से पहले जीजा से भी मज़े करना चाहती हो।
चंचल दीदी, जीजा को अंदर चलने के लिए बोल रही थी।
लेकिन जीजा उसकी गान्ड को दबाने लगा, अपनी उंगली को चूत में डालने लगा।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा ये देख कर!
तभी ममेरी दीदी उठी और उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया।
वो बोली- अब ये सब और नहीं देख सकती मैं!
मैंने भी अपनी चालू बहन की लाइव चुदाई मिस कर दी।
अगले दिन ममेरी दीदी की अलमारी से मैंने जीजा का कैमरा निकला जिसमे वो कई बार नेहा दीदी को चोदते समय रिकॉर्डिंग करता था।
मुझे लगा इसमें चंचल दीदी के वीडियो भी उसने रिकॉर्ड किए होंगे।
जब मैंने वो कैमरा खोला तो उसमें बहुत सारे वीडियो जीजा और चंचल दीदी के दिखे।
मैंने सोचा कि जीजा और दीदी दोनों ही ऑफिस से आने वाले होंगे।
इससे पहले कुछ वीडियो अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर बाद में देखूंगा।
मैंने वीडियो ट्रांसफर कर उनका कैमरा वहीं रख दिया।
इस कहानी में मैं एक दो वीडियो के बारे में बताऊंगा क्योंकि वीडियो बहुत थे।
एक वीडियो में जीजा अपनी पैंट उतार कर नंगा हो जाता है।
चंचल दीदी अभी भी ऑफिस ड्रेस में थी।
वो किसी से फोन पर बात करते करते अपने कपड़े उतार रही थी।
जीजा उसको उल्टा लिटा कर तेल लेता है और दीदी की गान्ड पर हल्के हाथों से मसाज करने लगता है।
चंचल दीदी अभी भी फोन पर बात कर रही थी।
जीजा पीछे से दीदी की चू में हल्की हल्की उंगली डालने लगता है।
तब दीदी फोन पर बोलती है- अच्छा, बाद में कॉल बात करेंगे।
और फोन काट कर सीधी हो जाती है।
दीदी कहती है- थोड़ा इंतजार नहीं कर सकते।
जीजा अब दोनों हाथ दीदी के दूधों पर रख देता है और तेल लगाकर मसाज लगाने लगता है।
15 मिनट तक मसाज चलती है।
फिर चंचल दीदी जीजा के लन्ड को मुंह में ले लेती है।
दो तीन मिनट में जीजा का लन्ड तन कर खड़ा हो जाता है।
दीदी अभी भी लन्ड चूस रही होती है, जीजा उसको रुकने के लिए कहता है।
फिर जीजा उसे अपने दोनों बॉल को मुंह में लेने के लिए कहता है।
दीदी हल्का हल्का दोनों बॉल को मुंह में रखकर अंदर बाहर करने लगी।
फिर कुछ देर बाद चंचल दीदी बिस्तर पर सीधा लेट गई और जीजा अपनी जीभ को उसकी योनि पर रख कर चाटने लगा और दो उंगली को चूत के आसपास हल्का हल्का घुमाने लगा।
दीदी अब और गरम हो रही थी।
जीजा एक हाथ से चंचल के दूध को पकड़ कर दबा रहा था और दूसरे से चूत में उंगली कर रहा था।
चंचल दीदी इतनी खूबसूरत दिख रही थी। उसके दूध मक्खन की तरह दब रहे थे।
जीजा का लन्ड थोड़ा बड़ा और मोटा था।
मेरे लन्ड से लड़कियां को दर्द होता था।
फिर यहां तो जीजा का लन्ड मुझसे भी बड़ा और मोटा था।
मुझे देखने में मजा आ रहा था क्योंकि मुझे देखना था कितना अंदर तक लन्ड जाएगा।
जीजा अब अपने लन्ड को चंचल दीदी की चूत पर रखकर अंदर डालने लगता है।
लन्ड घुसते ही चंचल दीदी की हल्की सी चीख निकल जाती है- आह ह ह ह ह …
वो जीजा को हाथ से पकड़ लेती है जिससे जीजा पूरा लन्ड ना डाले।
जीजा का आधा से थोड़ा ज्यादा लन्ड चूत में घुस पा रहा था।
दीदी की सिसकियां निकल रही थी।
कुछ मिनट बाद जीजा चंचल दीदी के दूध को मुंह से दबा कर चूसने लगा।
अब चंचल दीदी और गरम हो गई।
जीजा भी अब झड़ने वाला था तो दोनों अपने चरम पर पहुंच चुके थे।
जो लन्ड अभी तक आधा घुस रहा था देखते ही देखते जीजा पूरा का पूरा लन्ड कस कसकर डालने लगा।
अब चंचल दीदी की चिल्लाने लगी, रुकने के लिए बोलने लगी।
लेकिन जीजा पूरा पूरा लन्ड घुसा रहा था।
चंचल दीदी के दोनों हाथो को जीजा ने कस कर पकड़ लिया और दीदी की चीखो के बाद भी फूल स्पीड से अंदर बाहर कर चोदने लगा।
कुछ और झटकों के बाद जीजा ने अपना माल उसके पेट पर गिरा दिया और लन्ड को कपड़े से साफ कर अपना लन्ड फिर से चंचल दीदी के मुंह में डाल दिया।
चंचल दीदी ने कुछ सेकंड के लिए चूसा फिर कैमरा जीजा ने अपने हाथ में उठा लिया और चंचल दीदी की गांड पर तो तीन हाथ से थप्पड़ मारे।
चंचल दीदी बाथरूम में साफ सफाई करने के लिए चली गई।
जीजा वहाँ पर भी उनकी रिकॉर्डिंग कर रहा था।
चंचल दीदी उसको कैमरा बन्द करने के लिए कह रही थी लेकिन जीजा नहीं मान रहा था।
बाथरूम में दीदी अपनी चूत में उंगली डालकर साफ करती है।
जीजा बीच बीच बाथरूम में भी दूध को दबा रहा था।
फिर कैमरा बन्द हो जाता है।
अब एक और 2 मिनट की वीडियो के बारे में बता रहा हूं।
चंचल दीदी की चूत में गाजर डालने का वीडियो था।
चंचल दीदी बेड पर बैठी होती है, जीजा उसको एक गाजर देता फिर चंचल दीदी उसको अन्दर तक लेती है।
दीदी कहती है- अब और अंदर नहीं जाएगी।
जीजा कहता है- थोड़ा और अंदर तक लो। थोड़ी चूत खुलेगी तो मेरा पूरा अन्दर जाएगा और तुम्हें और मज़ा आएगा।
लेकिन चंचल दीदी पूरा गाजर अंदर तक नहीं ले पा रही थी।
जीजा ऐसे 5 महीने तक मज़ा लेता रहा।
चंचल दीदी और जीजा एक तरह से लिव इन रिेशनशिप में रहने लगे।
मेरी ममेरी दीदी भी कुछ नहीं बोल पा रही थी क्योंकि मैं उनको कई बार चोद चुका था।
जीजा इस बात का ही फायदा उठाता था और चंचल दीदी को चोदता था।
चंचल दीदी के ब्वॉयफ्रेंड ने उसका ट्रांसफर वापस हैदराबाद करवा लिया।
अब शायद वो लोग शादी भी कर ले।
जीजा भी अब केवल अपनी बीवी को चोदता है।
मेरी ममेरी दीदी ने कैमरे से सारे वीडियो डिलीट कर दिए थे।
मैंने भी सारे वीडियो और फोटो डिलीट कर दिए थे।
एक छोटी सी क्लिप जिसमे चंचल दीदी का चेहरा नहीं दिख रहा था। उसमें गाजर को चूत में डाल रही थी, उसको एक ऑफिस में काम करने वाले लड़के को भेजी थी।
वो लड़का शायद सोच रहा होगा कि कोई क्लिप इंटरनेट से डाउनलोड की है।
उस शॉर्ट वीडियो में कोई आवाज़ नहीं थी, सिर्फ चंचल दीदी गाजर को चूत में अंदर बाहर कर रही थी।
उनके दूध साफ साफ दिख रहे थे, केवल शक्ल छुपी थी।
वो लड़का बोल वीडियो देखकर बोल रहा था- मेरे लन्ड पर कूदो रानी … गाजर से क्या होगा?
उसने भी वीडियो देखकर हिलाया होगा।
फिर कुछ दिनों बाद डिलीट कर दिया होगा।
2 साल बाद
जीजा के लड़के का जन्मदिन था।
इसलिए उसने मुझे और चंचल दीदी को बर्थडे में बुलाया।
शाम को बर्थडे के बाद सब मेहमान अपने अपने घर चले गए।
जीजा का बेटा भी खेलते खेलते पड़ोस की बुआ जी के यहां सो गया था।
अब घर में हम चार लोग ही थे।
जीजा तो पहले ही चंचल दीदी को लेकर कमरे में घुस गया था।
मैं समझ गया कि आज तो वो भूखे भेड़िए की तरह चोद रहा होगा।
कुछ देर में चंचल दीदी की हल्की हल्की आवाज आना शुरू हो गई।
मैंने ममेरी दीदी नेहा से कहा- मुझे जीजा को देखना है।
उसने दरवाजे के छोटे से छेद की तरफ इशारा किया।
उस छेद से बहुत थोड़ा सा दिख रहा था। केवल हल्के हल्के दूध जिसको जीजा कसकर जकड़े हुए था।
मैंने भी नेहा दीदी के ब्लाउज पर हाथ रख दबा दिया और उसकी साड़ी खोलने लगा।
लेकिन अब वो बदल गई थी, उसने मेरा हाथ अपने ब्लाउस से हटा दिया।
वो बोली- अब ये सब सही नहीं है।
उसने मुझे मना कर दिया।
बार बार उसका ब्लाउज को ऊपर से दबाने के बाद भी उसने मना कर दिया।
अब वो ये सब नहीं चाहती थीं।
मैंने उससे कहा- सेक्स नहीं करेंगे। केवल ब्लाउज़ खोल कर दूध दबाने दो।
मेरे बहुत कहने पर वो मान गई।
उसके ब्लाउज़ को मैंने खोल दिया और अपने मुंह में उसके दूध को रख कर पीने लगा।
और अपना लन्ड बाहर निकाल कर मैं मुठ मारने लगा।
मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।
मैंने नेहा दीदी की साड़ी में हाथ डालकर उंगली को उनकी चूत में डाल दिया और चूत में उंगली डालते ही उनकी चूत गीली गीली लगने लगी।
मेरा तो पूरा माल बाहर आ गया था।
मैंने मुठ मारनी बंद कर दी।
लेकिन नेहा दीदी को माल नहीं बाहर आया था इसलिए अब मैं तीन तीन उंगली को घुसा चुका था।
कुछ देर बाद नेहा दीदी का माल भी बाहर निकल गया।
उधर जीजा चंचल दीदी के साथ खेल रहा था।
अगले दिन मैं वापस काम पर चला गया।
जीजा ने चंचल दीदी को 2 दिन तक रोके रखा और चोदता रहा।
नेहा दीदी से मैंने कहा था कि अगर जीजा कोई वीडियो रिकॉर्ड करे तो उसको डिलीट कर देना। डिलीट करने से पहले मुझे भेज देना, मैं देख कर डिलीट कर दूंगा।
2 दिन बाद नेहा ने केवल 1 हॉट दीदी # # # वीडियो भेजी।
उसने कहा- केवल एक वीडियो ही पड़ा है।
वीडियो में मैंने देखा कि जीजा अपना पूरा लण्ड चंचल दीदी की चूत में डाल रहा था। पूरा अन्दर तक घुसा दिया था।
चंचल दीदी को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। उसकी चूत अब जीजा के लन्ड से बड़ी हो चुकी थी।
जीजा कह रहा था पहले तो थोड़ा सा डालने पर चीखने लगती थी, अब तो कुछ असर नहीं होता।
वो हंसने लगी और बोली- गाजर अब पूरी घुस जाती है तो तुम्हारा लन्ड क्या चीज है।
जीजा के हर एक झटके के साथ चंचल दीदी के दोनों दूध हिल रहे थे।
दीदी बार बार दोनों हाथों से पकड़ कर उनको हिलने से रोक रही थी।
जीजा उसके हाथों को पकड़कर बेड पर दबाए था। जीजा को हिलते हुए दूध अच्छे लग रहे थे। जीजा का लन्ड बिल्कुल स्पीड से चल रहा था- सट सट सट … की आवाज़ वीडियो में गूंज रही थी।
थोड़ी देर बाद जीजा का माल बाहर निकला।
जीजा अपना माल चंचल दीदी के मुंह में देना चाहता था लेकिन उसने मना कर दिया।
फिर जीजा ने अपना माल उसके दूध पर गिरा दिया।
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