Ayurmyntra आयुर्वेदिक नुस्खे)
Ayurveda आयुर्वेद and Homeopathy होम्योपैथी
*बादाम तेल के चमत्कारिक लाभ*
प्राचीन ग्रंथों में बादाम के तेल सेवन करने या 2 बूंद नाक में डालने के बिशेष लाभ बताये गये हैं। इसका सेवन करने के साथ-साथ रोजाना 2 बूंद नाक में डालने से भी कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। बादाम राइबोफ्लेविन और एल- कार्निटाइन से भरपूर होते हैं जो आपकी ब्रेन पॉवर या याददाश्त को बढ़ाते हैं।और जब दूध के साथ इसे मिलाया जाता है,तो यह आश्चर्य जनक घटक अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम करता है। विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग वायरल इंफेक्शन से ग्रस्त हैं,उनके लिए दूध में बादाम का तेल मिलाकर पीना चमत्कार की तरह काम करता हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि रात को सोने से पहले 1 चम्मच बादाम के तेल के साथ एक गिलास दूध पीने से जुकाम और फ्लू से बचा जा सकता है। दूध में बादाम का तेल डालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
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*साइनस की समस्या में फायदेमंद*
नाक, मस्तिष्क व अंदरूनी भाग मे जो खोखली जगह होती है,उसे ही साइनस कहते हैं,जब मौसम में बदलाव के कारण व्यक्ति इंफैक्शन का शिकार हो जाता है तो सबसे पहले साइनस की समस्या बढ़ जाती है,इस परेशानी से राहत पाने के लिए बादाम रोगन बहुत असरदायक है। नाक में रोजाना 2-2 बूंद बादाम के तेल की डालें, जल्द आराम मिलना शुरू हो जाता है।
*माइग्रेन से आराम*
नाक में रोजाना बादाम रोगन की 2-2 बूंद डालने से आधे सिर दर्द यानि माइग्रेन से राहत मिलती हैं। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं सही तरीके से काम करना शुरू कर देती हैं। इससे माइग्रेन की दर्द धीरे-धीरे कम होनी शुरू हो जाती है।
*बालों का झड़ना बंद*
बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं तो नाक में बादाम की 2 बूंद डालना शुरू कर दें। इससे बालों का झड़ना बंद और असमय बालों की सफेदी भी दूर होनी शुरू हो जाएगी।
*आंखों के लिए बहुत लाभदायक*
नाक में बादाम का तेल डालने से आंखों को भी बहुत लाभ होता है, इससे कमजोर रोशनी तेज होनी लगती है।
*याद्दाश्त बढ़ाए*
दिमागी कमजोरी दूर करने में भी बादाम का तेल बेजोड़ है, यह आपके बच्चे को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकता है।
*कब डालनी हैं बूंदें*
रोजाना सुबह नाक के दोनों छेदों में बादाम रोगन की दो-दो बूंदें डालें। इसके बाद उसी मुद्रा में 2 से 3 मिनट के लिए रिलैक्स होकर बैठ जाएं।
*एग्जिमा मे लाभकारी*
बादाम का तेल एक्जिमा जैसे त्वचा रोग का भी इलाज कर सकता है.आप इसे स्ट्रेच मार्क्स पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि यह त्वचा के निशान को हल्का करने में मदद करता है।
*नहाने के बाद मालिश करें*
आमतौर पर तेल से मालिश के बाद नहाया जाता है. जिसमें कुछ तेल को छोड़कर बड़ा हिस्सा व्यर्थ चला जाता है.अन्य तेलों की तुलना में बादाम के तेल में चिपचिपाहट बेहद कम होती है इसलिए इससे स्नान करने के बाद पूरे शरीर की मालिश की जा सकती है, नहाने के बाद त्वचा नम रहती है, जिससे तेल आसानी से समा जाता है यह त्वचा को गोरा और चमकदार बनाता है.और त्वचा को दिनभर पोषण मिलने में मदद होती है.साथ ही तेल व्यर्थ भी नहीं होता।
*चेहरे पर कैसे लगाएं बादाम रोगन*
रात में सोने जाने से पहले, अपने हाथों को धो लें और बादाम के तेल की कुछ बूंदें लेकर अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें। इससे तेल हल्का गर्म हो जाएगा। ये अब इसे अपने पूरे चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से कुछ देर मसाज करें। ऐसा नियमित करने से आपके चेहरे में चमक आएगी और दाग-धब्बे भी हल्के होंगे।
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बुद्दि तेज करने के लिए
➖शतावर चूर्ण 30 ग्राम +छोटी इला 30 gm+तवासीर असली 40ग्राम +चारों मगज 80 ग्राम +बादाम गिरी 80 gm+शंखपुष्पी 30gm+ब्राह्मी 30gm+अस्गन्ध 30gm।
➖सारी सामग्री के बराबर मिश्री मिलाएं।
➖1 तोला सुबह खाली पेट मलाई या देसी गाय के घी से शाम को 4 ग्राम खाने के बाद।
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च्यवनप्राश कब खाना चाहिए?
1. सुबह के समय खाली पेट
➖च्यवनप्राश का सबसे अच्छा समय सुबह के समय खाली पेट होता है।
➖सुबह उठकर पहले एक चम्मच च्यवनप्राश खाने से पौष्टिक तत्त्व जल्दी शरीर में समावेश हो जाते है और उनका सही इस्तेमाल हो सकता है।
➖इससे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप रोगो से बचने की शक्ति मिलती है।
➖च्यवनप्राश के सेवन से आपके शरीर को दिन भर की थकन दूर होती है और आपकी शरीर की ऊर्जा और विटालित्य बढ़ती है।
2. दोपहर का समय
➖अगर आप सुबह खाली पेट च्यवनप्राश नहीं खा पाते है तो आप दोपहर के समय भी इसका सेवन कर सकते है।
➖दोपहर के भोजन से पहले च्यवनप्राश खाने से आपके पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और भोजन को अच्छी तरह से पाचन करने में मदद करता है।
3. रात के समय
➖च्यवनप्राश को रात के समय खाने से भी फायदा होता है लेकिन इसे खाने का समय रात का खाना ,खाने से कम से कम 1-2 घंटे पहले होना चाहिए।
➖रात के समय च्यवनप्राश खाने से आपके शरीर को ताजगी और ताकत मिलती है और आपको नींद भी अच्छी आती है।
➖इससे आपके तनाव और स्ट्रेस लेवल कम होते है और आप को रात को अच्छी नींद आती समय।
➖लेकिन इस समय के लिए आपका पाचन बहुत अच्छा होना चाहिए।
🌈मुख्य बात एक एक हफ्ता लगातार खाकर चेक करें जिससे हमें हमारे सही समय का पता चल जाएगा।
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च्यवनप्राश की मात्रा
➖च्यवनप्राश की मात्रा को अपने आयु और स्वस्थ के अनुकूल तय करना चाहिए।
➖एक चम्मच (15 ग्राम) च्यवनप्राश को सुबह खाली पेट या भोजन से कम से कम 30 मिनट्स पहले लेना चाहिए।
➖यदि आप इसका सेवन दोपहर या रात के समय करते है तो भी एक चम्मच मात्रा का पालन करे.
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सावधानियां
➖च्यवनप्राश के सेवन के समय ज्यादा मसालेदार और मीठा खाने से च्यवनप्राश के लाभ कम हो सकते है.
➖च्यवनप्राश में मौजूद किसी भी तत्त्व से एलर्जी या साइड इफेक्ट्स के लक्षण हो तो इसका सेवन बंद कर दें ।
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➖च्यवनप्राश मेँ भूलकर भी गीले चम्मच का प्रयोग ना करें। इससे खराब हो सकता है उसमें हमेशा सूखे चम्मच का ही प्रयोग करें।
➖अगर आप च्यवनप्राश के बाद दूध पीते हैं तो ये और भी अच्छा है.अगर च्यवनप्राश खाने के बाद पेट में जलन होती है तो दूध जरूर ले लें.
➖ठंडे दूध की जगह गर्म दूध ज्यादा फायदेमंद रहता है.
➖चूंकि च्यवनप्राश में घी पहले से मौजूद होता है, इसे घी के साथ तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.
➖च्यवनप्राश के साथ पानी मिलाकर खाना सही नहीं है. अगर आप इसका हल्का प्रभाव चाहते हैं तो कम खाएं.
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➖ खुद का बनाया हुआ च्यवनप्राश 800+150(कोरियर )।
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*🌻आयुर्वेदा पावर🌻*
*अमृत फल आंवला, ब्लड प्रैशर और वजन को करें कंट्रोल*
सर्दियों में खाया जाने वाला हरा आंवला ना सिर्फ बालों औऱ स्किन के लिए बढ़िया है। अगर मोटापे की वजह से परेशान हैं तो आंवला उसे भी कंट्रोल में रखने में मददगार है। आंवला में कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं। यह बॉडी के अंदर की गंदगी साफ करके वजन घटाने में मदद करता है। इसे आयुर्वेद में अमृत फल के नाम जाना जाता है।
*आंवला के फायदे*
*इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र को करें स्ट्रांग*
विटामिन-सी से भरपूर आंवला इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में फायदेमंद साबित होता है। अगर बार बार जल्दी बीमारी पड़ते हैं या फिर खाया पिया नहीं पचता उन्हें आंवले का सेवन करना चाहिए।
*कैंसर से बचाव*
आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल की अधिक मात्रा होने के कारण कैंसर से लड़ने की शक्ति देता है। यह कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। नियमित रूप से इसे पीने से शरीर स्वस्थ और वजन कंट्रोल में रहता है।
*हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद*
जिनको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है उन्हें आंवले के जूस को जरूर डाइट में शामिल करना चाहिए। यह बड़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
*दिल और आंखों को रखें स्वस्थ*
विटामिन-सी की अधिक मात्रा होने से यह खराब कोलेस्ट्रोल को खत्म करके अच्छे कोलेस्ट्रोल को बनाने में मदद करता है। यह दिल को स्वस्थ और आंखों की रोशनी बढ़ाने में लाभकारी होता है।
*आंवला जूस से घटाए एक्स्ट्रा फैट*
आंवला जूस का सेवन शरीर की एक्सट्रा फेट को घटाने में मददगार है। दिन में दो बार इसका सेवन करें। यह कोलेस्ट्रोल को कम करके शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी घटाने का काम करता है।
सुबह खाली पेट और रात को सोते समय 2 आंवले का जूस पीएं, आंवले को चटनी, मुरब्बा,अचार या चूरन आदि किसी भी प्रकार से इसका सेवन कर सकते है।
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बाजरा खाइये स्वस्थ रहिये।
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*🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगें।
🌾बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।
🌾- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग *आस्टियोपोरोसिस* और खून की कमी यानी *एनीमिया* नहीं होता।
🌾- बाजरा *लीवर* से संबंधित रोगों को भी कम करता है।
🌾- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में *ऊर्जा* कई गुना है।
🌾- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर *आयरन* भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।
🌾- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए।
🌾- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक *कैल्शियम और आयरन* की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे।
🌾-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में *असामान्य पीड़ा* के मामले भी न के बराबर पाए गए।
🌾- डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में *वज्र* की उपाधि देने में जुट गए हैं।
🌾- बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है।
🌾*लीवर की सुरक्षा* के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।
🌾- *उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी* के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
🌾- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह *कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्धहोने* की प्रक्रियाओं को दूर करता
🌾- रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। *यह एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद* न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है। यह *माइग्रेन* के लिये भी लाभदायक है।
🌾- इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर *कोलेस्ट्रॉल* की मात्रा को कम करते हैं।
🌾- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
*डायबिटीज़ में यह रक्त में शक्कर* की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।
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रसेन्द्र चूड़ामणि रस(अक्सीरी योग) रसेन्द्र चूड़ामणि रस पुरातन आयुर्वेद का अक्सीरी योग है।जिस को पुराने समय में राजे, महाराजे,अमीर लोग लेते थे और उनके...
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आयुर्वेद शक्ति (Ayurveda Power) इस ब्लॉग में आप आयुर्वेद के बारे में पढ़ेंगे और आयुर्वेद के द्वारा हम कैसे बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज कर सकते है और अप.....
॥ *शुद्ध शहद की पहचान और प्रयोग*
*Super 👌 Food in the World* ॥
*शहद जन्म से लेकर अंत तक ले सकते हैं , शहद को पचाने की जरूरत नहीं होती क्योंकि Bee 🐝 शहद को पहले ही digestive बना देती हैं इसलिए बच्चे 👩🏼🍼 को जन्म के समय शहद चटाया जाता है* तुरत ऊर्जा देता है
बाजार में और आपके दरवाजे पे आपने शहद बेचते देखा होगा क्या आपको पता है कि शुद्ध शहद की क्या पहचान है मिलावट से बचने के लिए आप को पता होना चाहिए कि जो शहद आप खरीद रहे है वो नकली है या असली और आपको ये भी बतायेगे कि शुद्ध शहद के क्या उपयोग है -
*शुद्ध शहद 🍯 की पहचान-*
1- *शुद्ध शहद में खुशबू रहती है और वह सर्दी में जम जाता है तथा गरमी में पिघल जाता है-*
2- *शुद्ध शहद को कुत्ता कभी नहीं खाता-*
3- *कागज पर शहद डालने से नीचे निशान नहीं* आता है-
4- *शहद की कुछ बूंदे पानी में डालें यदि यह बूंदे पानी में बनी रहती है तो शहद असली है* और शहद की बूंदे पानी में मिल जाती है तो शहद में मिलावट है-
5- *रूई की बत्ती बनाकर शहद* में भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती रहे तो शहद शुद्ध है-
6- *एक ज़िंदा मक्खी पकड़कर शहद में डालें उसके ऊपर शहद डालकर मक्खी को दबा दें शहद असली होने पर मक्खी शहद में से अपने आप ही निकल आयेगी* और उड़ जायेगी चूँकि मक्खी के पंखों पर शहद नहीं चिपकता-
7- *कपड़े पर शहद डालें और फिर पौंछे असली शहद कपडे़ पर नहीं लगता है-*
अब आइये और जाने घर में शुद्ध शहद रखना क्यों जरुरी है-
*शुद्ध शहद के फायदे*
अनेक रोगों में शहद का प्रयोग -
1 - *मोटापा Obesity* शुद्ध शहद मोटे को पतला करता है गुनगुने पानी में नींबु या सेब का सिरका डालकर पीने से !
2. *दुबलापन दूर करे* शहद को अगर दूध में डालकर पीने से *कमजोरी दूर होती है और Weight increase होगा ☆*
3 - कुछ बच्चे रात में सोते समय *बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब)* कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है-
4- एक चम्मच शुद्ध शहद शीतल पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द को आराम मिलता है-एक चुटकी सौंठ को थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से काफी लाभ होता है। दो तुलसी की पत्तियां पीस लें। फिर इस चटनी को आधे चम्मच शहद के साथ सेवन करें-
5- रात्री को सोते समय एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इसके इस्तेमाल से सुबह पेट साफ हो जाता है।
6- एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे अजीर्ण का रोग नष्ट हो जाता है।या शहद में दो काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए या फिर अजवायन थोड़ा सा तथा सौंठ दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटें।शहद को जरा सा गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए-
7- शहद में सौंफ, धनिया तथा जीरा का चूर्ण बनाकर मिला लें और दिन में कई बार चाटें। इससे दस्त में लाभ मिलता है।अनार दाना चूर्ण शहद के साथ चाटने से दस्त बंद हो जाते हैं-
8- अजवायन का चूर्ण एक चुटकी को एक चम्मच शहद के साथ लेना चाहिए। दिन में तीन बार यह चूर्ण लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं-
9- धनिया तथा जीरा लेकर चूर्ण बना लें और शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटना चाहिए। इससे अम्लपित्त नष्ट होता है-
10 - सौंफ, धनियां तथा अजवायन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम को इसका सेवन करना चाहिए। इससे कब्ज दूर होती है-
11- *त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें। इससे पीलिया का रोग नष्ट हो जाता है।* गिलोय का रस 12 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार लें। नीम के पत्तों का रस आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए-
12- सिर पर शुद्ध शहद का लेप करना चाहिए। कुछ ही समय में सिर का दर्द खत्म हो जायेगा। आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए। यदि पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो दोनों कनपटियों पर शहद लगायें। साथ ही थोड़ा शहद भी चाटना चाहिए ।
13. चेहरे पर लगाने से *पिंपल, एक्ने* समाप्त होते हैं और निखार Glow आता हे।
14. *Paralysis कोमा रोग*
रोगी को energy देने के लिए रोज देशी शहद 4 -5 spoon दे.
15. *जलने, घाव* पुराने घाव पर हल्दी, शहद, गोमूत्र लगाने से घाव जल्दी ठीक होगा और जलने पर शहद aloveera लगाए.
सावधानी : : ❌❌
1 ) *शहद को चाय या गर्म पानी में न डाले*
2 ) *शहद + घी बराबर न लें , ❌ पेट में जहर बनता है*
3 ) *ओषधि में देशी शहद का ही प्रयोग करें*
4. ) *सुगर का रोगी शुद्ध शहद ले सकते है*
👉🏻 *शहद निकालने का सबसे शुद्ध व सात्विक तरीका*👇🏻
मधुमक्खी के छाते में शहद व अंडे दोनों होते हैं, अतः बिना अंडों को नुक़सान पहुंचाये शुद्ध शहद कैसे निकाला जाय ये बहुत जरूरी होता है।
तो सबसे पहले छाता जहां लगा हुआ हो वहां से तोड़कर उसे किसी लकड़ी या फिर लोहे की सींक में पीरोकर धूप में रखना चाहिए और नीचे कोई बर्तन रख देना चाहिए, जिसमें शहद धूप की गर्मी से पिघलकर अपने आप टपकने लगता है, और जब तक टपकता रहे उसे इकट्ठा कर लेना चाहिए,ये शुद्ध सात्विक शहद प्राप्त करने का तरीका है।
पर आपने देखा होगा लोग या फिर शहद बेचने वाले छाते को निचोड़कर शहद निकालते हैं,ये शुद्ध शहद नहीं होता है,क्युंकि इसमें मधुमक्खियों के अंडे फुट जाते हैं, और उनका रस भी शहद में मिल जाता है।
अतः शुद्ध व सात्विक शहद छाता निचोड़कर नहीं धूप की गर्मी से ही निकालना चाहिए।
और हां एक विशेष बात शहद प्राप्त करने के बाद छाते को निचोड़कर जो प्राप्त होता है, उसे *मैण(मोम)* कहा जाता है।
👉🏻 *कहने का अभिप्राय ये है, कि मैण (मोम)रहित शहद ही शुद्ध व सात्विक शहद होता है।*
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*एसिडिटी क्या, क्यों और कैसे / Acidity what, why and how*
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एसिडिटी क्या, क्यों और कैसे / Acidity what, why and how हमारे भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता हैं तब इस भोजन को पचाने के लिए एक “Acid” बनता हैं, जो क....
*Lung CURE / फेफड़े का इलाज*
*आज हर किसी से ये ही बात सुनने में आ रहा है की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गयी है लेकिन सत्यता ये है की ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हो रही है , लोगों के फेफड़े कमजोर हो रहे है जिस से कारण फेफड़े काम करना कम या बंद कर देते है जिस से हमें लगता है की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई !*
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Lung CURE / फेफड़े का इलाज आज हर किसी से ये ही बात सुनने में आ रहा है की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गयी है लेकिन सत्यता ये है की ऑक्सीजन की कमी से मौ...
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