Kr. Raju Life researcher
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#नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है, इसके कारण और जड़ पर कोई नहीं जा रहा।
1, माँ बाप की अनावश्यक दखलंदाज़ी।
2, संस्कार विहीन शिक्षा।
3, आपसी तालमेल का अभाव।
4, ज़ुबान।
5, सहनशक्ति की कमी।
6, आधुनिकता का आडम्बर।
7, समाज का भय न होना।
8, घमंड।
9, अपनों से अधिक गैरों की राय।
10, परिवार से कटना।।
मेरे ख्याल से बस यही 10 कारण हैं शायद पहले भी तो परिवार होता था और वो भी बड़ा, लेकिन वर्षों आपस में निभती थी, भय भी था प्रेम भी था और रिश्तों की मर्यादित जवाबदेही भी।
पहले माँ बाप ये कहते थे कि मेरी बेटी गृह कार्य मे दक्ष है, और अब मेरी बेटी नाज़ो से पली है आज तक हमने तिनका भी नहीं उठवाया, तो फिर करेगी क्या शादी के बाद??
शिक्षा के घमँड में आदर सिखाना और परिवार चलाने के सँस्कार नहीं देते। माँएं खुद की रसोई से ज्यादा बेटी के घर में क्या बना इसपर ध्यान देती हैं, भले ही खुद के घर में रसोई में सब्जी जल रही हो, ऐसे मे वो दो घर खराब करती है।
मोबाईल तो है ही रात दिन बात करने के लिए, परिवार के लिये किसी के पास समय नहीं, या तो TV या फिर पड़ोसन से एक दूसरे की बुराई या फिर दूसरे के घरों में तांक झांक, जितने सदस्य उतने मोबाईल, बस लगे रहो।
बुज़ुर्गों को तो बोझ समझते हैं, पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन तक नहीं कर सकता, सब अपने कमरे में, वो भी मोबाईल पर।बड़े घरों का हाल तो और भी खराब है, कुत्ते बिल्ली के लिये समय है, परिवार के लिये नहीं, सबसे ज्यादा गिरावट तो इन दिनों महिलाओं में आई है।
दिन भर मनोरँजन, मोबाईल, स्कूटी..समय बचे तो बाज़ार और ब्यूटी पार्लर, जहां घंटों लाईन भले ही लगानी पड़े, भोजन बनाने या परिवार के लिये समय नहीं। होटल रोज़ नये नये खुल रहे हैं।
जिसमें स्वाद के नाम पर कचरा बिक रहा है, और साथ ही बिक रही है बीमारी और फैल रही है घर में अशांति, क्योंकि घर के शुद्ध खाने में पौष्टिकता तो है ही प्रेम भी है, लेकिन ये सब पिछड़ापन हो गया है।
आधुनिकता तो होटलबाज़ी में है, बुज़ुर्ग तो हैं ही घर में चौकीदार, पहले शादी ब्याह में महिलाएं गृहकार्य में हाथ बंटाने जाती थी, और अब नृत्य सीखकर। क्यों कि महिला संगीत मे अपनी प्रतिभा जो दिखानी है। जिस की घर के काम में तबियत खराब रहती है वो भी घंटों नाच सकती है।
घूँघट और साड़ी हटना तो ठीक है, लेकिन बदन दिखाऊ कपड़े?? ये कैसी आधुनिकता है?
बड़े छोटे की शर्म या डर रही है क्या??वरमाला में पूरी फूहड़ता, कोई लड़के को उठा रहा है, कोई लड़की को उठा रहा है ये सब क्या है?? और हम ये तमाशा देख रहे है मौन रहकर।
सब अच्छा है माँ बाप बच्ची को शिक्षा दे रहे है।*
ये अच्छी बात है लेकिन उस शिक्षा के पीछे की सोच?? ये सोच नहीं है कि परिवार को शिक्षित करे, बल्कि दिमाग में ये है कि कहीं तलाक वलाक हो जाये तो अपने पाँव पर खड़ी हो जाये।
कमा खा ले, जब ऐसी अनिष्ट सोच और आशंका पहले ही दिमाग में हो तो रिज़ल्ट तो वही सामने आना है, साइँस ये कहता है कि गर्भवती महिला अगर कमरे में सुन्दर शिशु की तस्वीर टांग ले तो शिशु भी सुन्दर और हृष्ट पुष्ट होगा।
मतलब हमारी सोच का रिश्ता भविष्य से है, बस यही सोच कि पांव पर खड़ी हो जायेगी, गलत है संतान सभी को प्रिय है लेकिन ऐसे लाड़ प्यार में हम उसका जीवन खराब कर रहे हैं पहले स्त्री छोड़ो पुरुष भी कोर्ट कचहरी से घबराते थे और शर्म भी करते थे।
अब तो फैशन हो गया है पढे लिखे युवा तलाकनामा तो जेब मे लेकर घूमते हैं पहले समाज के चार लोगों की राय मानी जाती थी और अब माँ बाप तक को जूते पर रखते है अगर गलत है तो बिना औलाद से पूछे या एक दूसरे को दिखाये रिश्ता करके दिखाओ तो जानूं??
ऐसे में समाज या पँच क्या कर लेगा, सिवाय बोलकर फ़जीहत कराने के?? सबसे खतरनाक है औरत की ज़ुबान, कभी कभी न चाहते हुए भी चुप रहकर घर को बिगड़ने से बचाया जा सकता है।
लेकिन चुप रहना कमज़ोरी समझती है। आखिर शिक्षित है और हम किसी से कम नहीं वाली सोच जो विरासत में लेकर आई है आखिर झुक गयी तो माँ बाप की इज्जत चली जायेगी इतिहास गवाह है कि द्रोपदी के वो दो शब्द...अंधे का पुत्र भी अंधा ने महाभारत करवा दी, काश चुप रहती गोली से बड़ा घाव बोली का होता है।
आज समाज सरकार व सभी चैनल केवल महिलाओं के हित की बात करते हैं पुरुष जैसे अत्याचारी और नरभक्षी हों बेटा भी तो पुरुष ही है एक अच्छा पति भी तो पुरुष ही है जो खुद सुबह से शाम तक दौड़ता है, परिवार की खुशहाली के लिये।
खुद के पास भले ही पहनने के कपड़े न हों, घरवाली के लिये हार के सपने देखता है बच्चों को महँगी शिक्षा देता है मैं मानती हूँ पहले नारी अबला थी माँ बाप से एक चिठ्ठी को मोहताज़ और बड़े परिवार के काम का बोझ। अब ऐसा है क्या? सारी आज़ादी।
मनोरंजन हेतु TV, कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन, मसाला पीसने के लिए मिक्सी, रेडिमेड आटा, पानी की मोटर, पैसे हैं तो नौकर चाकर, घूमने को स्कूटी या कार फिर भी और आज़ादी चाहिये। आखिर ये मृगतृष्णा का अंत कब और कैसे होगा? घर में कोई काम ही नहीं बचा।दो लोगों का परिवार, उस पर भी ताना, कि रात दिन काम कर रही हूं।
ब्यूटी पार्लर आधे घंटे जाना आधे घंटे आना और एक घंटे सजना नहीं अखरता। लेकिन दो रोटी बनाना अखर जाता है। कोई कुछ बोला तो क्यों बोला? बस यही सब वजह है घर बिगड़ने की। खुद की जगह घर को सजाने में ध्यान दे तो ये सब न हो। समय होकर भी समय कम है परिवार के लिये, ऐसे में परिवार तो टूटेंगे ही। पहले की हवेलियां सैकड़ों बरसों से खड़ी हैं और पुराने रिश्ते भी।
आज बिड़ला सिमेन्ट वाले मजबूत घर कुछ दिनों में ही धराशायी। और रिश्ते भी महीनों में खत्म। इसका कारण है घरों को बनाने में भ्रष्टाचार और रिश्तों मे ग़लत सँस्कार। खैर हम तो आधा जीवन जी लिये, सोचे आनेवाली पीढी, घर चाहिये या दिखावे की आज़ादी ? दिनभर घूमने के बाद रात तो घर में ही महफूज़ रहती है।
मेरी बात कइयों को हो सकता है बुरी लगी हो, विशेषकर महिलाओं को लेकिन सच तो यही है, समाज को छोड़ो, अपने इर्द गिर्द पड़ोस में देखो। सब कुछ साफ दिख जायेगा। यही हर समाज के घर घर की कहानी है जो युवा बहनें हैं और जिनको बुरा लगा हो वो थोड़ा इंतजार करो क्यों कि सास भी कभी बहू थी के समय में देरी है लेकिन आयेगा ज़रुर 🙏
मुझे क्या है जो जैसा सोचेगा सुख दुःख उन्हीं के खाते में आना है बस तकलीफ इस बात की है कि हमारी ग़लती से बच्चों का घर खराब हो रहा है वे नादान हैं। क्या हम भी हैं? शराब का नशा मज़ा देता है लेकिन उतरता ज़रुर है फिर बस चिन्तन ही बचता है कि क्या खोया क्या पाया?? पैसों की और घर की बर्बादी।
उसके बाद भी शराब के चलन का बढ़ना आज की आधुनिक शिक्षा को दर्शाता है अपना अपना घर देखो सभी। अभी भी वक्त है नहीं तो व्हाटसप में आडियो भेजते रहना, जग हंसाई के खातिर, कोई भी समाजसेवक कुछ नहीं कर पायेगा, सिवाय उपदेश के।
आपकी हर समस्या का निदान केवल आप ही कर सकते हो। सोच के ज़रिये, रिश्ते झुकने पर ही टिकते है तनने पर टूट जाते है। इस खूबी को निरक्षर बुज़ुर्ग जानते थे, आज का मूर्ख शिक्षित नहीं, काश सब जान पाते।
🚩🏹‼जय माँ भवानी‼ 🏹🚩
क्षत्राणी
क्षत्राणी
Welcome to the 21st Century where S*X is FREE and LOVE is EXPENSIVE, where LOSING phone is more PAINFUL than LOSING your VIRGINITY, where MODERNIZATION means NUDITY(NAKED), where if you don't SMOKE or DRINK you are out of FASHION, where if don't CHEAT on partner it's because you are not SMART or CLEVER, where the BATHROOMS have become PHOTO STUDIOS, where TEMPLES become DATING POINTS, where to WORSHIP GOD is DIFFICULT, where LIES become REALITIES where the WOMEN fear PREGNANCY more than STD's , where a PIZZA DELIEVERY is FASTER than EMERGENCY RESPONSE, PERSPECTIVES and DRIP DECIEDE the value of a person ,where the BOYS/GIRLS are AFRAID of MARRIAGE but LOVE having S*X, where whoever PLAYS the MIND always gets happiness but whoever plays with the HEART gets HURT , MODERNITY LOVE and LIQUID EDUCATION
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बेरोजगारी का आलम, आज सुबह चौराहे पर हर दिन की तरह भीड़ लगी हुई थी
मैंने बाइक रोकी तो कई लोग मेरे पास आये और बोले साहब हम काम पर चलने को तैयार है बस 400 रुपये दे देना
मैंने कहा यार मैं तो वैसे ही रुका हूँ फिर उनसे बात करने लगा तो बोले साहब सुबह 6 बजे यहां आकर खड़े हो जाते है
जिसे काम मिलता है वो चले जाते है जैसे जैसे समय बढ़ता है हमारी रेट कम होती चली जाती है
7 बजे 450, 8 बजे 400, 9 बजे 350, 10 बजे 300 से भी कम में चले जाते है फिर भी रोज काम नही मिलता
जब काम नही मिलता तो घर से लाये भोजन को वापस लेकर घर चले जाते है जेब से 30-40 रुपये का किराया लग जाता है
महीने में मुश्किल से 20 दिन काम मिलता है 10 दिन तो खाली ही निकल जाते है 20 दिन में हम मुश्किल से 8000 रुपये कमा पाते है
उससे ना तो घर का खर्च चल पाता ना बच्चो की पढ़ाई ढंग के स्कूल में हो पाती लेकिन क्या करें मजबूरी है हमे दूसरे काम आते नही है बस मजदूरी करके गुजरा कर लेते है
साथियो आज आप पढाई कर रहे है तो दिल लगाकर पढ़े और आपको किसी दिन ऐसा लगे कि हमारे पास कुछ सुविधाएं नही है या हम पढ़ नही पा रहे है पढाई में मन नही लग रहा है
तो आप एक दिन आपके शहर के उस चौराहे पर जरूर जाना जहां आपको मजदूर भाई खड़े मिलते हो उनसे बात करना उनके जीवन के बारे में जानना
तब आपको अहसास होगा कि आपका जीवन और आपकी सुविधाएं उनसे कई गुना बेहतर है यदि आज उन सुविधाओ का लाभ नही उठाया और पढाई नही की तो आगामी भविष्य हमारा भी ऐसा ही होगा
जो स्टूडेंट 200-300 रु चाय की थडियों पर चाय की चुस्की के साथ सिगरेट के धुएं के छल्ले बनाकर जिंदगी के इन हसीन लम्हो को उड़ा रहे है उन्हें इनसे सबक लेकर अपने अंदर सुधार की जरूरत है अन्यथा ये जीवन समय के साथ आपको सुधार देगा और जब समय के थपेड़े पड़ेंगे तब ये दिन याद आएंगे फिर आप बहुत पछतायेंगे
इसलिए इस तपती धूप में 8 घण्टे काम करने से बेहतर है आज AC लाइब्रेरी में बैठकर 8 घण्टे पढाई कर लें
मैं आपको ज्ञान नही दे रहा हूँ जीवन की एक हकीकत बता रहा हूँ यदि आप इस बात से सहमत है तो पोस्ट को शेयर कर स्टूडेंट्स को जागरूक कर सकते है, इस बेरोजगारी से बचने के लिए आप स्किल कोर्स करें क्योंकि जीवन हार्ड वर्क से नही स्मार्ट वर्क से बदलेगा
फटाफट अंग्रेजी बोलें Series - 5
अंग्रेजी बोलना सीखें through structure
अंग्रेजी बोलना सीखें through structure
Noun and their kinds (संज्ञा)
Noun (संज्ञा)
जब एक भाई पैसे वाला हो तब
Magical words (काटना का English)
हमारे मसूर गजल गायक पंकज उदास जी अब इस दुनिया में नही रहे उनके आत्मा को शांति मिलेl
औरत से प्रेम में अगर आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपसे पूरी तरह खुश है तो आप नादानी में हैं...
ये औरत के मूल में ही नहीं है...
अगर आप बहुत ज्यादा केयर करते है तो उससे भी ऊब जाएगी...
अगर आप बहुत उग्र हैं तो वो उससे भी बिदक जाएगी...
अगर आप बहुत ज्यादा विनम्र हैं तो वो उससे भी चिढ जाएगी...
अगर आप उससे बहुत ज्यादा बात करते हैं तो वो आपको टेक इट फौर ग्रांटड लेने लगेगी ...
अगर आप उससे बहुत कम बात करते हैं तो वो मान लेगी कि आपका चक्कर कहीं और चल रहा है...
यानी आप कुछ भी कर लीजिए वो संतुष्ट नहीं हो सकती...
ये उसका स्वभाव है...
वो एक ऐसा डेडली काॅम्बीनेशन खोजती है जो बना ही न हो, बन ही न सकता हो...
ठीक वैसे ही जैसे कपड़ा खरीदने जाती है तो कहती कि इसी कलर में कोई दूसरा डिजाइन दिखाओ, इसी डिजाइन में कोई दूसरा कलर दिखाओ...
कपड़े का गट्ठर लगा देती है...
बहुत परिश्रम के बाद एक पसंद आ भी गया, तो भी संतुष्ट नहीं हो सकती...
आखिरी तक सोचती है कि इसमे ये डिजाइन ऐसे होता तो परफैक्ट होता...
इन सबके बावजूद एक बहुत बड़ी खूबी भी है औरत के अंदर ...
एक बार उसे कुछ पसंद आ गया तो उसे आखिरी दम तक सजो के रखती है
वो चाहे रिश्ते हो या चूड़ी...
रंग उतर जाएगा, चमक खत्म हो जाएगी पर खुद से जुदा नहीं करेगी....बस यही खूबी औरत को विशिष्ट बनाती है....🥰
Truth of today.
English grammar का धांसू Chapter Syntax Series.3
Thought of a day.
मित्रो मजबूत बैलेंस शीट ही एक मात्र यथार्थ सत्य है,...
बाकी फिटनेस, फिजिक, एब्स, लुक्स...ये सब महज छलावा है।
ये लड़की जिसका नाम सुमन देवी है इनके साथ दो बच्चे हैं लड़के का नाम साहील और लडकी का नाम तनु है ये तीनो लोग 10 तारीख को सिवान स्टेशन से पंजाब के लिए निकले है इनको सिवान स्टेशन से अवध असाम ट्रेन में बैठाया गया है आज तक नही पहुँचे है ये तीनो आदमी गुम हो गये है घर वाले हम सब बहुत परेशान है ढूंढ रहे है ईन लोगो से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है कृपया किसी भी भाइयो और बहनो को ये तीनो आदमी दिखे तो तुरंत हम से सम्पर्क् करे,,,, सम्पर्क नंबर 9934209946,,,, 9162658692.
फटाफट अंग्रेजी बोलें Series - 3
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