Nagda Organics Vermicompost
"नागदा ऑर्गेनिक्स"आपको सब्जियों और विभिन्न पौधों के लिए जैविक उर्वरक (केंचुआ खाद) प्रदान करता है।🙏😊
🌾🍅🍆🍓🥦🥬🫑🥕🌹🌼🪴सभी प्रकार के पौधे,फल, फूल,सब्जियों के गुणवत्ता उत्पादन के लिए केंचुआ खाद का उपयोग करे। 5kg,10kg,40kg की पैकिंग उपलब्ध हैं।
स्थान :- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास, गाँव बुझडा, उदयपुर (राज.)
संपर्क-9928218411,8511175940
प्रताप गौरव केंद्र, टाइगर हिल मनोहरपुरा में इस वर्ष की पुष्प प्रदर्शनी में हमारे "नागदा ऑर्गेनिक्स" स्टॉल पर आने के लिए हम अपने सभी ग्राहकों और आगंतुकों को धन्यवाद देना चाहते हैं- यह हमारी फर्म के लिए एक बड़ी सफलता थी "नागदा ऑर्गेनिक्स" ने वहां के 52 उद्यमियों के बीच तृतीया पुरस्कार जीता 🏆) और हमें अपने उत्पाद को प्रदर्शित करने का अवसर दिया।🙏🙏🙏
आओ मिलकर बनाए देश को "ऑर्गेनिक इंडिया" 🇮🇳
🌼"आज नहीं तो कल
जैविक खेती ही है हल "🌼
🌱"नागदा ऑर्गेनिक्स"आपको इच्छित फल, फूल, सब्जियों और विभिन्न पौधों के स्वस्थ उत्पादन के लिए आपके पौधशाला, बाग-बगीचे, खेत, यार्ड, किचन गार्डन आदि के लिए प्राकृतिक जैविक उर्वरक (केंचुआ खाद) प्रदान करता है।
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जैविक खाद के लाभ :-
🌱मिट्टी में जैविक स्तर बढ़ता है।
🌱मिट्टी में जलधारण व जल सोखने की क्षमता बढ़ती है।
🌱फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
🌱पौधों की जड़ों का विकास अच्छा होता है।
🌱भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है।
🌱जैविक खाद से फलो की गुणवत्ता बढ़ती है जिससे अच्छा स्वाद मिलता है ।
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•केंचुआ खाद के गुण:
इस तरह बनाए गए केंचुआ खाद में न सिर्फ नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फास्फोरस होता है इन निम्न सहित सभी 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक द्रव्य उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इसमें सेंद्रीय पदार्थ एवं उपयोगी जीवाणु होते हैं। इस खाद को जमीन में डालने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति एवं सजीव शक्ति बढ़ती है। 2-3 वर्षों तक केंचुआ खाद जमीन में डालने पर भूमि पूरी तरह उपजाऊ हो जाएगी एवं किसी भी तरह की रासायनिक खाद को डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही कीटों का प्रकोप कम हो जाएगा जिससे रासायनिक कीटनाशक की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।💯
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👨🔬🧪रासायनिक खाद के उपयोग से खेत की मिट्टी में अम्ल की मात्रा बढ़ने के साथ अब जिंक और बोरोन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है। इसका दुष्प्रभाव मिट्टी पर तो पड़ रहा है, इसका दुष्प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी दिखाई दे रहा है ।रासायनिक खादों के तत्व फसलों के माध्यम से मानव शरीर में जाते हैं, जिसका सबसे ज्यादा मनुष्य की किडनी व हार्ट पर असर पड़ता है। हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। मांसपेशियों में अकड़न शुरू हो जाती है, जो मनुष्य को कमजोर बना देती हैं। इन सबसे बचाव के लिए फसलों में रासायनिक खादों का प्रयोग करने से बचना चाहिए तथा रासायनिक के बजाय जैविक खाद का उपयोग करने पर ही मिट्टी की तासीर बदल सकती है। जैविक खाद ही बीमारियों से बचने का विकल्प है।
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•रासायनिक खाद के उपयोग से तत्वों की कमी से होने वाले रोग
⚠️सल्फर - मुंहासे, ऑर्थराइटिस, नाखून और विकृत होना, शरीर में ऐंठन, याददाश्त में कमी, गेस्ट्रिक जख्म भरने में देरी होना, मोटापा
⚠️जिंक : बच्चे की औसत लंबाई में कमी या शरीर का विकास रुकना, रोग प्रतिरोध क्षमता घटना, कुपोषण की समस्या
⚠️बोरोन - हड्डी में कमजोरी, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑर्थराइटिस, बुढ़ापे में हड्डी का कमजोर होना।
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🌱जैविक खाद के निर्माण का लक्ष्य :-🌱
📌जैविक खेती को बढ़ावा देना और हानिकारक बीमारियों से परिवार का बचाव करना ।📌
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जैविक खाद हेतु संपर्क करें।
📞9928218411
📞 6350198034
स्थान: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास,गांव बुझडा,तहसील गिरवा, उदयपुर (राज.)l
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