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देश की एकता एवं अखंडता के सूत्रधार, महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न से सम्मानित 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन।
छत्तीसगढ़ के हमारे नव निर्वाचित मुख्यमंत्री
श्री विष्णुदेव साय जी को हार्दिक बधाई
एवं शुभकामनाएं।💐💐
आपके सक्षम नेतृत्व मे
जनभावनाओं का सम्मान होगा और हमारा
छत्तीसगढ़ राज्य प्रगति के नित नये सोपान
तय करेगा।
“भावनाओं को उसी पर खर्च करो जो उनका मूल्य समझे”
जय श्री राम🙏 अनुज भईया के कार्यकर्ता मन ले संवाद-मुलाकात... में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ
“अपनी सोच को वश में रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि सोच ही बाद में असलियत का रूप लेती है”
जय श्री राम🙏
शिक्षा,समानता और सामाजिक न्याय के अग्रदूत,भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी
की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
#भीमराव_अंबेडकर_जी
जब हम हमारे धर्मग्रंथों को पढ़ते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे सारे धर्मग्रंथ राक्षसों के वध से भरे पड़े हैं।
राक्षस भी ऐसे ऐसे वरदानों से संरक्षित थे कि दिमाग घूम जाए...
किसी को वरदान प्राप्त था कि वो न दिन में मरेगा, न रात में, न आदमी से मरेगा, न जानवर से, न घर में मरेगा, न बाहर, न आकाश में मरेगा, न धरती पर...
उसी तरह... दूसरे को वरदान था कि वे भगवान भोलेनाथ और विष्णु के संयोग से उत्पन्न पुत्र से ही मरेगा।
तो, किसी को वरदान था कि... उसके खून की जितनी बूंदे जमीन पर गिरेगी.. उसकी उतनी प्रतिलिपि पैदा हो जाएगी।
तो, कोई अपने नाभि में अमृत कलश छुपाए बैठा था।
लेकिन... हर राक्षस का वध हुआ।
हालाँकि... सभी राक्षसों का वध अलग अलग देवताओं ने अलग अलग कालखंड एवं अलग अलग प्रदेशों में किया...
लेकिन... सभी वध में एक चीज सामान्य रही कि... किसी भी राक्षस का वध उसका विशिष्ट वर्ग हटाकर अर्थात उसके वरदान को खत्म कर के नहीं किया गया... कि, तुम इतना उत्पात मचा रहे हो इसीलिए, हम तुम्हारा वरदान खत्म कर रहे हैं... और, फिर उसका वध कर दिया।
बल्कि... हुआ ये कि... देवताओं को उन राक्षसों को निपटाने के लिए उसी वरदान में से रास्ता निकालना पड़ा कि इस वरदान के मौजूद रहते हम इसे कैसे निपटा सकते हैं।
और, अंततः कोशिश करने पर वो रास्ता निकला भी... एवं, सब राक्षस निपटाए भी गए।
कहने का मतलब है कि... परिस्थिति कभी भी अनुकूल होती नहीं है बल्कि उसे पुरुषार्थ से अनुकूल बनाई जाती है।
आप किसी भी एक राक्षस के बारे में सिर्फ कल्पना कर के देखें कि अगर उसके संदर्भ में अनुकूल परिस्थिति का इंतजार किया जाता तो क्या वो अनुकूल परिस्थिति कभी आती?
उदाहरण के लिए सर्वचर्चित रावण को ही ले लेते हैं।
रावण के बारे में भी ये बहाना दिया जा सकता था कि... रावण को कैसे मारेंगे भला? उसे तो पचासों तीर मारे और उसके सर को काट भी दिए... लेकिन, उसका सर फिर जुड़ जाता है तो इसमें हम क्या करें?
इसके बाद अपने इस हार का सारा ठीकरा रावण को ऐसा वरदान देने वाले ब्रह्मा पर फोड़ दिया जाता कि... उन्होंने ही रावण को ऐसा वरदान दे रखा है कि अब उसे मारना असंभव हो चुका है।
और फिर.. ब्रह्मा पर ये इल्जाम डाल कर चल दिया कि जब ब्रह्मा खुद रावण को ऐसा अमरत्व के सरीखा वरदान देकर धरती पर राक्षसों का राज लाने में लगे हैं तो भला हम क्या कर सकते हैं।
लेकिन... ऐसा नहीं हुआ... बल्कि, भगवान राम ने उन वरदानों के मौजूद रहते ही रावण का वध किया।
क्योंकि, यही "व्यवस्था" है।
तो... पुरातन काल में हम जिसे वरदान कहते हैं... आधुनिक काल में हम उसे संविधान द्वारा प्रदत्त स्पेशल स्टेटस कह सकते हैं...जैसे कि... अल्पसंख्यक स्टेटस, पर्सनल बोर्ड आदि आदि।
इसीलिए... आज भी हमें राक्षसों को इन वरदानों (स्पेशल स्टेटस) के मौजूद रहते ही निपटाना होगा... जिसके लिए हमें इन्हीं स्पेशल स्टेटस में से लूप होल खोजकर रास्ता निकालना होगा।
और, मुझे नहीं लगता है कि... इनके वरदानों (स्पेशल स्टेटस) को हटाया जाएगा...
क्योंकि, हमारे पौराणिक धर्मग्रंथों में ऐसे एक भी साक्ष्य नहीं मिलते हैं कि किसी राक्षस के स्पेशल स्टेटस (वरदान) को हटा कर पहले परिस्थिति अनुकूल की गई हो तदुपरांत उसका वध किया गया हो।
और, जो हजारों लाखों साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ... अब उसके हो जाने में मुझे संदेह है।
परंतु... हर युग में एक चीज अवश्य हुई है... और, वो है राक्षसों का विनाश एवं, सनातन धर्म की पुनर्स्थापना।
इसीलिए... मैं इस बारे में जरा भी भ्रमित नहीं हूँ कि ऐसा नहीं हो पायेगा।
लेकिन, घूम फिर कर बात वहीं आकर खड़ी हो जाती है कि... भले त्रेतायुग के भगवान राम हों अथवा द्वापर के श्रीकृष्ण...
राक्षसों के विनाश के लिए हर किसी को जनसहयोग की आवश्यकता पड़ी थी।
और, जहाँ तक मैं अपने धर्मग्रंथों को समझ पाता हूँ... तो, हर युग में राक्षसों के विनाश में जनसहयोग की आवश्यकता सिर्फ राक्षसों के विनाश के लिए ही नहीं पड़ती है...
बल्कि... इसीलिए भी पड़ती है ताकि... राक्षसों के विनाश के बाद जो एक नई दुनिया बनेगी... उस नई दुनिया को उनके बाद के लोग संभाल सके।
नहीं तो इतिहास गवाह है कि... बनाने वालों ने तो भारत में आकाश छूती इमारतें और स्वर्ग को भी मात देते हुए मंदिर बनवाए थे...
लेकिन, उसका हश्र क्या हुआ ये हम सब जानते हैं।
इसीलिए... राक्षसों का विनाश जितना जरूरी है... उतना ही जरूरी उसके बाद उस धरोहर को संभाल के रखने की है।
और... अभी शायद उसी की तैयारी हो रही है।
अर्थात... निषादराज, वानर राज सुग्रीव, वीर हनुमान, जामवंत आदि को गले लगाया जा रहा है... और, माता शबरी को उचित सम्मान दिया जा रहा है।
वरना, सोचने वाली बात है कि जो रावण पंचवटी में लक्ष्मण के तीर से खींची हुई एक रेखा तक को पार नहीं कर पाया था... भला उसे पंचवटी से ही एक तीर मारकर निपटा देना क्या मुश्किल था।
अथवा... जिस महाभारत को श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र के प्रयोग से महज 5 मिनट में निपटा सकते थे भला उसके लिए 18 दिन तक युद्ध लड़ने की क्या जरूरत थी।
लेकिन... रणनीति में हर चीज का एक महत्व होता है... जिसके काफी दूरगामी परिणाम होते हैं।
इसीलिए... मैं कभी भी उतावलेपन का समर्थन नहीं करता हूँ।
क्योंकि, मुझे ये बात अच्छी तरह मालूम है कि... रावण, कंस, दुर्योधन, रक्तबीज और हिरणकश्यपु आदि का विनाश तो निश्चित है तथा यही उनकी नियति है...!!
नोट: धर्मग्रंथ रोज सुबह नहा धो कर सिर्फ पुण्य कमाने के उद्देश्य से पढ़ने के लिए नहीं होती है... बल्कि, हमारे धर्मग्रंथों के रूप में हमारे पूर्वज/देवताओं ने अपने अनुभव हमें ये बताने के लिए लिपिबद्ध किया है ताकि उनके आगामी वंशज ये जान सकें कि अगर भविष्य में फिर कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी तो उससे कैसे निपटा जाएगा...!
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं।
राम नारायणं जानकी बल्लभम।।
🌺नंद घर आनंद भयो🌺
🌼जय कन्हैया लाल की 🌼
समस्त सनातनियों को #श्री_कृष्ण_जन्माष्टमी के पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।।🌼🌺🙏
!!"जय गोविंदा जय गोपाल"!!
❣️❣️ ्री_कृष्ण ❣️❣️
नई पीढ़ी का मार्गदर्शन कर राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे सभी शिक्षकगण को #शिक्षक_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद् एवं विचारक, 'भारत रत्न' डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
भाई-बहन के असीम प्रेम, अटूट विश्वास एवं समर्पण के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व की आप सब को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि यह पावन पर्व सभी के जीवन में प्रेम व मान-सम्मान और खुशियों की वृद्धि करें।
कला, जीवन शैली, वेशभूषा और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हुए आदिवासी भाई-बहनों को
विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं।
तुम्हें गुरूर है तुम्हारा वक्त बोल रहा है
मुझे यक़ीन है मेरा सब्र बोलेगा!
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
भगवान शिव की स्तुति को समर्पित पवित्र श्रावण मास के पाँचवें सोमवार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
देवाधिदेव महादेव की कृपा सभी पर बनी रहे।
हर हर महादेव!
हमारे वीर सैनिकों के साहस, शौर्य व बलिदान के प्रतीक कारगिल विजय दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
अपने पराक्रम, अतुलनीय साहस एवं बलिदान से देश की रक्षा करने वाले अमर शहीदों को शत-शत नमन ।
जय हिन्द🇮🇳
आदरणीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है, यह जानकर हम बहुत खुश है।