Ankur rathi
Investigation officer at UP Police
विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। सभी को इस शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
शारदीय नवरात्रि 2021 की हार्दिक बधाई।
Jai ho .
Jai hind
मिल्खा सिंह जिसे आज लोग flying sikh के नाम से भी जानते हैं आज हमारे बीच नहीं रहे यह समाचार बेहद दुखद है क्योंकि मिल्खा सिंह ना केवल भारत के एथलेटिक जगत के सितारे थे बल्कि लाखों-करोड़ों युवाओं के प्रेरणादाई थे
मिल्खा सिंह ने वो कर दिखाया जो देखने सुनने दोनों में असंभव सा लगता है हमारे यहां एक कहावत है " फर्श से अर्श तक पहुंचना" मिल्खा सिंह ने इस कहावत को वास्तविकता में बदल कर दिखाएं उन्होंने कठिन संघर्ष, मेहनत, सच्ची ईमानदारी और लगन से यह मुकाम हासिल किया
मिल्खा सिंह के बारे में दो बातें मुख्य रूप से उल्लेखित करना चाहूंगा
1- पहली जब मिल्खा सिंह पाकिस्तान से भारत एक प्रवासी के रूप मे भाग कर आए तो गरीबी दरिद्रता और दुख ने उन्हें चारों ओर से घेर रखा था तब मिल्खा सिंह ने मन ही मान मे प्रण लिया "डकैत बनने" का किन्तु इनके भाई के समझाने पर मिल्खा सिंह ने सेना में भर्ती होने के प्रयास किए और सफल रहे मैं भारतीय सेना को धन्यवाद देना चाहूंगा जिस में मिल्खा सिंह के हुनर को पहचाना उसे स्थापित किया और विश्व पटल पर एक पहचान दी ऐसे अवसर अक्सर भारतीय फौज बड़े-बड़े दिग्गजों को देती आई है
2-दूसरी चीज मिल्खा सिंह की व्यक्तित्व की एक खासियत थी मिल्खा सिंह कभी भी किसी से विवाद नहीं करते थे वह अपने विरोधियों को भी मुंह से कभी जवाब नहीं देते थे उन पर होने वाली फबतियां अन्य बुराई पर भी बड़ी सादगी से अपनी मेहनत और लगन और अपनी इमानदारी से रेस के ट्रैक पर विजय प्राप्त करके दिखाते थे इसीलिए उनके विरोधी भी उनके मुरीद हो जाते थे ऐसा ही कुछ एक रेस में हुआ था जिसमें मिल्खा सिंह ने एशिया के तूफान कहे जाने वाले धावक को उसी की भूमि पर हराया था इसीलिए पाकिस्तान के जनरल ने मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख का किताब सौंपा था
मिल्खा सिंह आज हमारे बीच नहीं रहे इसका हमें सबको दुख है किंतु उनका नाम उनकी पहचान और उनकी शख्सियत सदैव हमारे साथ बनी रहेगी उनके व्यक्तित्व से नौजवानों को जिनके ऊपर इस देश का भविष्य टिका है प्रेरणा लेनी चाहिए
अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगा मिल्खा सिंह को दिल से शत-शत नमन
_*pm मोदी को पढ़ाई से परेशान एक कश्मीरी बच्ची की शिकायत*_👇👇
So cute. Iska jawab to de hi do sir.
आज मुझे एक छोटा बच्चा मिला जिसकी कहानी वाकई ही प्रेरणादाई है और मैं इस कहानी को आपसे साझा करना चाहूंगा,
इस बच्चे का नाम कन्हैया है और इसकी उम्र लगभग आठ नव वर्ष की है इसके पिता जी कोई छोटी मोटी नौकरी करते हैं जैसे मजदूरी की तरह यह तीन भाई बहन है जिसमें कन्हैया सबसे बड़ा है कन्हैया मोबाइल के माध्यम से निरंतर अपनी कक्षाएं लेता है और फ्री समय में अपने पास के ही एक मेडिकल स्टोर पर आकर काम सीखता है या यूं कह लीजिए की मेडिकल स्टोर वाले का हाथ बट आता है कमाल की बात यह है कि पिछले 1 महीने से यह लड़का निरंतर समय पर मेडिकल स्टोर पर अपना समय व्यतीत करता है और इस 1 माह की छोटी सी अवधि में इस बच्चे ने बड़ी-बड़ी दवाइयों के नाम उन दवाइयों के कार्य और कौन सी दवाई कहां रखी है सब याद कर लिए हैं इस बच्चे ने लगभग 10-15 कॉम्प्लिकेटेड दवाइयों के नाम के भारी-भरकम नाम मुझे गिनवाए ।मुझे इस बच्चे की रूचि ,साहस, हिम्मत और जिम्मेदार व्यवहार को देख कर बहुत अच्छा लगा मैंने इस बच्चे के चेहरे पर एक खास बात और दिखी इस बच्चे के चेहरे पर इसकी और इसके परिवार की परिस्थितियों का कोई असर नहीं था इसका चेहरा और उसकी बातचीत के तरीके में मैंने बड़ी सकारात्मकता पाई। इस बच्चे की बातें इतनी सरल और स्पष्ट थी कि लग रहा था जैसे कोई बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति इसके भीतर से बोल रहा हो। जब मैंने उससे पूछा की बड़े होकर क्या बनोगे तो इस बच्चे के पास कोई जवाब नहीं था लेकिन मैंने इसकी परिस्थितियों से इतना तो भाप ही लिया की आज चाहे इसे अपने भविष्य के बारे में कुछ ना पता हो किंतु इसका भविष्य निश्चित रूप से उज्जवल होगा ।ऐसे बच्चे के हौसलों को मैं सलाम करता हूं ।
ऐसे बच्चे और कम उम्र के नौजवान जो अपनी परिस्थितियों को तथा किस्मत को कोसते हुए अपराधिक दुनिया में प्रवेश कर लेते हैं और समाज तथा देश को कलंकित करते हैं, को इस छोटे से बच्चे से प्रेरणा लेनी चाहिए इस बच्चे ने अपनी किस्मत को कोसने के बजाय अपनी मेहनत से बदलना स्वीकार किया
मैं कन्हैया के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं फिर भी जी गया.
“सैकड़ो अक्लमंद मिलते हैं,
काम के लोग चंद मिलते हैं,
जब मुसीबत आती है,
तब पुलिस के सिवाय,
सभी के दरवाजे बंद मिलते हैं।”
कर चले हम फिदा जान तन साथियों शहीद
दिवस के अवसर पर शहीदे आजम भगत सिंह और उनके दो साथी सुखदेव और शिवराम हरी राजगुरु जी के बलिदान को शत-शत नमन
जय हिंद जय भारत
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सारा जहाँ है जिसकी शरण में
नमन है उस शिव जी के चरण में
बने उस शिवजी के चरणों की धुल
आओ मिल कर चढ़ाये हम श्रद्धा के फूल
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
दिन की रौशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने में गुजर गई,
जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं,
सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई।
Happy Women's Day 2021
Specially dedicated to all mothers
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Come back session episode-6(a) environment (मूल-विधि) This is the continuous part of episode 6. UPSI &DELHI POLICE