Kaleem khan
Building islamic ideology within UMMAH. exposing plans of KUFFAR. ISLAM & socio politics||
मुस्लिमों को भारत से मिटाने का ख्वाब देखने वालों को सीरिया को ज़रूर देख लेना चाहिए, दुनिया भर के देशों की फौज और दर्जनों आतंकवादी संगठन मिलकर भी 10 सालों में मात्र 5 से 10 लाख ही मार पाए हैं जबकि सीरिया पूरा बर्बाद हो चुका है,,
जबकि भारत में 25 करोड़ मुस्लिम हैं, भारत के मुसलमान कोई 2 हज़ार साल पहले के बौद्ध नहीं हैं और न ही स्पेन के 15वीं शताब्दी के मुस्लिम हैं जिनको खतम कर सकोगे,,
भारत की बरबादी के सिवा कोई भी नतीजा नहीं निकलेगा अगर मुस्लिमों को मिटाने के लिए कोई कदम उठाया गया,,
बहुसंख्यकों (हिन्दू भाइयों )को चाहिए अपने समाज के आतंकवादियों के खिलाफ जमीन पर उतर कर मुस्लिमों के हक़ में एकजुटता दिखाएं और उन आतंकवादियों की निंदा करें ताकि इस देश को बचाया जा सके,
प्यार मोहब्बत से रह कर ही देश को आगे बढ़ाया जा सकता है और इसी में ही सारे भारतीयों की भलाई है वरना अंकल सैम की नीति के तहत भारत की बर्बादी को ज़्यादा समय नहीं लगेगा।
Salahuddin Parvez
UCC draft of Uttarakhand
1.Polygamy to be banned.
2.Divorce should be through courts
3. No waiting period (iddat) after divorce
4. Halala ban
5. Share of daughter equal to share of son.
6. Age of marriage to be increased.
This sample is enough to know UCC.
Dalit samaj is able to get quick response from Police , invoke NSA against the alleged accused. This is their value within the system.They don’t need Muslims to react on their issues.
Can we invoke NSA against mobs who lynch us? What value do we hold within the system.
इस्लाम साझे की हुक़ूमत का कोई नज़रिया या तसव्वुर पेश नहीं करता, बल्कि बिला-शिरकत-ए-ग़ैरे सिर्फ अल्लाह रब्बुल आलमीन की हाकमियत के क़याम का हुक़्म देता है।
أَنۡ أَقِيمُواْ ٱلدِّينَ وَلَا تَتَفَرَّقُواْ فِيهِۚ
Question: What steps are you taking to protect the rights of minorities and freedom of speech?
Modi Ji: Democracy is in our DNA, Democracy is in our blood, and democracy is in our liver and kidney.
Law Commission of India has decided to solicit views & ideas of the public at large & recognised religious organizations about Uniform Civil Code (UCC). Those who are interested & willing may present their views
Email: [email protected]
Website. https://legalaffairs.gov.in/law_commission/ucc/
संवैधानिक सेकुलर लोकतंत्र की खूबसूरती:
सुप्रीम कोर्ट कहती है कि मुसलमान कहीं भी नमाज़ पढ़ सकते हैं इसलिए मस्जिद ज़रूरी नही
सरकार कहती है कि कहीं भी नमाज़ नही पढ़ सकते सिर्फ मस्जिद में पढ़ो
और भोले लोग कहते हैं कि आर्टिकल 25,26,27 और 28 हमे मज़हब को फॉलो करने की इजाज़त देता है।
Zindagi mujhe tera aitebaar na rahaa…
Maturity is when you realise
No need to Prove yourself everytime.
You are a Human, not a theorem
Indian Muslims in Indian Education system.
Mayusi kufr hai.
مایوسی کفر ہے-
मायूसी कुफ़्र है।
कभी तारीख के औराक को देखा पलट कर जो
तुम्हारा नाम शामिल था हकिकी पासबानों में,
कभी तारीख तुम अपने लहू से रकम करते थे
बदल देते थे तुम तकदीर कौमों की ज़मानो में,
कभी दुश्मन से लड़ने का इरादा तुम अगर करते
तुम्हारे अज़म से पड़ती दरारें थी चट्टानों में,
तुम्हारी मदह करते थे मलाएक आसमानों में
तुम्हारा ज़िक्र होता था फख्र से दास्तानों में।
जिसके पालतू कुत्ते से हाथ मिलाकर कभी वक़्त का वज़ीर-ए-आला फ़ख्र करता था, उसके बेटे को मार देना 'ऐतिहासिक' काम ही है।
I bring men who desire Death as ardently As you desire life
✍️Khalid ibn al waleed(RA)
मैं बात को विवाद लिखूं ये मेरी मर्ज़ी
मैं विवाद को बात लिखूं ये भी मेरी मर्ज़ी
गर तुम विवाद को विवादित कहोगे मारे जाओगे.....
Asaduddin Owaisi. Maulana Badruddin Ajmal
ब्रिटिश शासन से पहले (मुगल/मुसलमानों के शासन काल में) हमारे देश की 70% आबादी शिक्षित थी और कोई बेरोजगारी नहीं थी। जबकि इंग्लैंड में केवल 17% लोग शिक्षित थे, उसके बाद वह 70% शिक्षित हो गए और हम 17% शिक्षित हो गए: मोहन भागवत
Can understand that Congress didn't have a single Muslim leader in their advertisement due to political compulsions of soft Hindutva, but having picture of ex Prime Minister PV Narasimha Rao, who allowed to be demolished, is like adding salt to the wounds of Muslims!
हमनें क़ुरआन की डिफिनेशन ही को बदल कर रख दिया है, हम क़ुरआन करीम का इस्तेमाल मुर्दों के इसाल व सवाब, दिन अच्छा गुज़रे, जान आसानी से निकले, घर में शैतान दाखिल न हो या सुकून की नींद के लिए करते हैं जबकि क़ुरआन बेदारी और हरकत देने वाली किताब है जिसका दखल ज़िन्दगी के हर शो'बे में है।
Junaid & Nasir were targeted bcos they were Muslims. Owaisi says their death isn’t just a matter for Muslims,but a matter of humanity, constitution and rule of law(law & order issue)?
Why dilute the issue when the crime is identity-based?
हिंदुस्तान का मुसलमान इतनी गहरी नींद मे है की इसे अंदाज़ा ही नही की जिस पलंग पे ये गहरी नींद मे सोया है उसी पलंग के नीचे दुश्मन कितना गहरा गड्ढा खोद चुके है अगर ये क़ौम अभी ना जागी तो इतनी गहराई मे जाके गिरेगी की हमारी नसलो को कई सौ साल लग जायेंगे उस गड्ढे से बाहर निकलने मे!
Sariyat
बाबर क्रूर था,औरंगज़ेब क्रूर था, तुगलक सनकी था, टीपू सुल्तान क्रूर था..हत्ता के तमाम मुस्लिम शासक लुटेरे, नवाब अय्याश और निज़ाम अत्याचारी थे..! अच्छे कौन थे? शिवाजी महाराज के अधीन काम करने वाले मुस्लिम अच्छे थे, राणा प्रताप का आदमी हकीम खान अच्छा था..!
शासक बुरे; ग़ुलाम अच्छे!भारत के इतिहासकारों का भी एक इतिहास रहा है कि उनकी नज़र में ख़ुद मुख़्तार, आज़ाद हुक्मरान मुसलमान बहुत बुरे थे; लेकिन हिंदू राजाओं के अधीन काम करने वाले मुसलमान बड़े अच्छे थे..!!
स्वतंत्र भारत की राजनीति में भी यही हाल है; बल्कि विभाजन भी इसी 'परंपरा' को बरक़रार रखने के लिए हुआ!?
हिंदुस्तान का मुसलमान इतनी गहरी नींद मे है की इसे अंदाज़ा ही नही की जिस पलंग पे ये गहरी नींद मे सोया है उसी पलंग के नीचे दुश्मन कितना गहरा गड्ढा खोद चुके है अगर ये क़ौम अभी ना जागी तो इतनी गहराई मे जाके गिरेगी की हमारी नसलो को कई सौ साल लग जायेंगे उस गड्ढे से बाहर निकलने मे!
The number of criminal cases on these saffron saree clad men are countless and they have the audacity to call out for Muslim hatred.
बजट की सबसे शानदार बात जेल में बंद गरीबों की बेल का खर्च सरकार देगी.
या तो आप मुसलमान हो सकते है या फिर सेक्युलर (Secular) लिबरल(liberal) Feminist
आप एक बात अपने ज़ेहन में डाल लें ,इस्लाम को आपकी कोई ज़रूरत नही है ,बल्कि इस्लाम की ज़रूरत आप को है।
आप इस्लाम की बात माने या न माने , इससे इस्लाम की शान में कोई कमी नही आएगी , लेकिन आप कीइज़्ज़त , आप का वक़ार , आप की हैसियत खत्म हो जाएगी ।
हम मुसलमानो की इज़्ज़त इस्लाम से है , हमारा जीना इस्लाम से है और मरना भी इस्लाम के लिए ही है।
हर मुसलमान का इस्लाम लाने के बाद सबसे अहम फ़रीज़ा इस्लाम की तबलीग है, इस्लाम की दावत देना है .
No! Rather, the strain has covered their heart of that which they were earning.
Anshul Saxena
So called Muslim leader and Ulema are silent on the desecration of Quran وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِيّا or tumhra Rab bhulne wla nhi hai
All that is needed is a storm of faith and it will all be seen flying InshAllah
I salute you,a very brave man
आसान शब्दों में:
अल्लाह ने इल्म तुम शूद्रो से छुपा लिया है
कोई चीज़ तुम्हे अच्छी लगे या ना लगे उसके खिलाफ न बोलो, क्योंकि सिर्फ बाबा जाने मन की बात
जपनाम जपनाम
जो लोग बीबीसी सीएनएन फलान ढकान कर रहे हैं उनके अक़ल पर मातम है।
वो अमेरिका जिसके अंदर संयुक्त राष्ट्र संघ है और खुद सुपर पावर है उसने पहले वीजा बैन किया फिर पलट गया।
बीबीसी जिनका है उनके प्रधानमंत्री इंडिया आ कर बुल्डोजर पर बैठते है।
डोक्यूँमेन्टेशन तक ठीक है मगर ये हल नहीं है ।
Talent is nothing without dedication and discipline, and dedication and discipline is a talent in itself.😊
कुछ उर्दू/ हिन्दुस्तानी अलफ़ाज़ हों, कहीं ख़ुदा, रब या अल्लाह जैसे शब्द आ जायें और लिखने वाले को इक़बाल कहते हों तो कुछ लोगों के कान खड़े होने के लिए इतना काफ़ी है.
उनके लिए शब्दों के भेद जानना अहम नहीं है.
कौन लोग हैं जिन्हें 'बच्चे की दुआ' से दिक़्क़त है? - BBC News हिंदी हम अपने मासूमों को कैसा बनाना चाहते हैं, नफ़रत करने वाला, बुरा, झूठा, गरीबों, बुज़ुर्गों को उनके हाल पर छोड़ देने वाल....
रोम के बिशप, पोप जूलियस अव्वल ने ईसा अलैहिस्सलाम के ज़िंदा ऊपर उठाए जाने के लगभग 320 साल बाद बताया कि ईसा अलैहिस्सलाम का जन्म 25 दिसंबर को हुआ।
जबकि ईस्टर्न आर्थोडॉक्स ईसाईयत को मानने वाले 6-7 जनवरी को बताते हैं,
इसी तरह नेटिविटी चर्च जो कि सबसे पुराने चर्चों में से एक है इनके मानने वाले 24 जून के आस पास बताते हैं,
इनके सबके अलावा कुछ इथियोपियन इसाई उलेमा मई में उनकी पैदाईश बताते हैं।
बाइबल के एक किस्से के मुताबिक जब ईसा अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ तो भेड़ें चराने वाला अपनी भेड़ों को बेतलहेम के मैदानों में छोड़ कर ज़मीन पर लेटा हुआ आराम कर रहा था यानी गर्मियों का मौसम था क्योंकि दिसंबर में फलस्तीन में कड़ाके की ठंड होती है जिससे ये मुमकिन नहीं।
कुछ भी हो, पाक मरियम के बेटे ईसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के पैगम्बर हैं, दुनिया के 4 अरब लोगों के लिए उनका मकाम बहुत आला है।
वो जिस दिन भी पैदा हुए उन पर अल्लाह की सलामती हो और जिस दिन वो दुबारा इस ज़मीन पर भेजे जायेंगे उस दिन पर भी सलामती हो क्योंकि उनके आने से सब एक अल्लाह के हो जाएंगे और हमारे आपस के सारे झगड़े भी ख़त्म हो जायेंगे।
@सलाहुद्दीन परवेज
Siddique Kappan has spent 800 days in jail before getting bail...
In September 2022, the Supreme Court had already granted bail to Siddique Kappan in the UAPA case filed against him by the Uttar Pradesh Police
उसको दुनिया नज़र नहीं आती
नफ़्स का जो ग़ुलाम होता है
(नफ़्स - इन्द्रियाँ)