Dr. Mudassir javed

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Photos from Dr. Mudassir javed's post 15/08/2023

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🇮🇳

25/07/2023

तेजी से फैल रहा Eye Flu का इंफेक्शन, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके.
Eye Flu: बरसात के मौसम में आंखों का इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना,आंखों का गुलाबी होना या पिंक आई भी कहते हैं.

क्या है आई फ्लू के लक्षण (Eye Flu Symptoms)
आंखों के होने वाले इन्फेक्शन को आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. इसमें इंफेक्शन होने वाले व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है. इसके साथ ही आंखों से पानी निकलता रहता है और सूजन हो जाती है. जिस कारण आंखों से साफ नहीं दिखता.

कैसे फैलता है ये संक्रमण ( Eye Infection)
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको यह वायरस हो सकता है. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने से संक्रमण बढ़ जाता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है.

Eye FLU से बचने के उपाय (Prevention and Eye Care tips)

थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों की सफाई करें.
आंखों को बार-बार न छुएं.
अपने आसपास सफाई रखें.
अपनी आंखों को समय-समय पर धोएं.
अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहन कर जाएं.
पीड़ित व्यक्ति से आई कांटेक्ट बनाने से बचें.
संक्रमित व्यक्त के बेड, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें
टीवी-मोबाइल से दूरी बनाए रखें.

आंखों में ज्यादा दर्द होने पर करें ये उपाय

थोड़ी-थोड़ी देर पर ठंडे पानी से आंख धोएं.

कितने दिन में ठीक होगा आई फ्लू
आई फ्लू ठीक होने में 5 से 10 दिन का समय लग सकता है.

क्या न करें

अगर आपको आंखो का इंफेक्शन हो जाए तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें.
इसके बाद कहे अनुसार नियमित दवा लें.
अपनी उपयोग की चीजें, जैसे- तौलिया और रूमाल किसी के साथ शेयर न करें.
आंखों के इंफेक्शन होने पर चश्मे का प्रयोग करें, भूलकर भी लेंस न लगाएं.
इंफेक्शन होने के बाद घर पर ही रहें, अगर आप बाहर जाएंगे तो इससे इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाएगा.

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण कम करने के उपाय

आंखों में जलन और खुजली होने पर दवा डालें.
किसी भी तरह के साबुन से अपने चेहरे को न धोएं.
कभी भी हाथों से आंख को न रगड़ें
कभी भी बाहर से आने के बाद सबसे पहले अपना हाथ साफ करें, उसके बाद अपनी आंखों को साफ करें.
आई ड्रॉप डालने से पहले भी अपने हाथ को अच्छे से साफ कर

29/06/2023

Eid-ul-Adha Mubarak.🌹

12/05/2023
23/03/2023

Ramadan Mubarak 💐😊

Photos from Dr. Mudassir javed's post 26/01/2023

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिस्ताँ हमारा 🇮🇳🇮🇳

Photos from Dr. Mudassir javed's post 18/10/2022

डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है
डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है।

डेंगू के लक्षण-
आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं:

सिर दर्द
मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
जी मिचलाना
उल्टी लगना
आंखों के पीछे दर्द
ग्रंथियों में सूजन
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।

हल्का डेंगू बुखार - इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।

डेंगू रक्तस्रावी बुखार - लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम - यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता हैं ।

09/10/2022

ईद मिलाद उन नबी की दिली मुबारक़बाद💐💐

23/09/2022

सावधान
जैसा कि आप सभी को पता है कि इस समय बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और मच्छरों से फैलने वाली कुछ बीमारियाँ भी !
घबराए नहीं मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करें एवं अपने घर व आसपास सफ़ाई रखें
मुख्यतया बच्चों क ख़ास ख़याल रखें!
यदि बच्चे को तेज़ बुखार आये और गफलत/बेहोश/झटके हो तो उसके माथे,हाथों पैरों पे ठंढे पानी की पट्टी करते रहे और तुरंत अच्छे डॉक्टर को दिखा कर दवाई दें!
साथ ही साथ पास पड़ोस व घर के लोगों को जागरूक करें!

09/07/2022

Eid Al Adha Mubarak

02/05/2022

Happy Eid ul Fitr💐

21/04/2022

डायरिया क्या है? (what Is Diarrhoea?)

डायरिया को हिंदी में दस्त भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। यह समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित यह रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यह साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणुओं के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा, हार्मोनल विकार (Hormonal disorders), आंतों मे सूजन (inflammatory bowel disease), कुछ दवाओं के सेवन से भी यह हो सकता है। यदि आप प्रॉपर हाइजीन बनाए रखने के साथ ही स्ट्रीट फूड खाने से बचें और साफ-स्वच्छ पानी पिएं, तो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को रोका जा सकता है।

डायरिया_के_लक्षण-:डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कारणों के आधार पर आपको डायरिया होने पर एक या इससे अधिक लक्षण नजर आ सकते हैं। डायरिया के कॉमन संकेत और लक्षण निम्न हैं:-
जी_मिचलाना
पेट में मरोड़
लूज मोशन
सूजन
डिहाइड्रेशन
बुखार
मल में खून आना
शिशुओं में होने वाले डायरिया को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। यदि आपको बार-बार बाउल मूवमेंट, मतली और पेट में ऐंठन के साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर्स से जरूर संपर्क करें:-
कम पेशाब होना
मुंह का सूखना
सिरदर्द
थकान
बुखार (102°फेरेनहाइट से अधिक)
मल में खून या मवाद आना
काला मल
चिड़चिड़ापन
सुस्ती, अधिक नींद आना
धंसी हुई आंखें l
ऐसा होने पर तुरंत अपने निकटवर्ती विशेषज्ञ डॉ से परामर्श प्राप्त करें बिना परामर्श कोई दवा न लें l
ORS लेते रहें l

13/04/2022

देश की स्वतंत्रता और आज़ादी के लिए अपनी जान गंवाने वाले जलियावाला बाग के सभी शहीदो को मेरा शत शत नमन। उनके बलिदान, साहस और शौर्य को कभी भुलाया नही जा सकता। विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏

02/04/2022

Ramadan Mubarak

31/03/2022

*कोई भी डाक्टर खुदा नही होता है*
खुदा के द्वारा बनाया गया एक इन्सान हैं

कोई भी डाक्टर नहीं चाहेगा उसका मरीज ना ठीक हो जान का जाना तो बहुत दूर कि बात हैं
सभी डाक्टर अपने मरीज का इलाज़ इसी उम्मीद में करते हैं कि वह उसके मर्ज को ठीक कर देगे या गम्भीर से गम्भीर मर्ज से उनकी जिन्दगी बचा लेगे

और हम सभी अपनी तरफ से, अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश, हर रोगी के साथ करते हैं, कभी सफलता मिलती है और कभी नहीं।

यदि समाज इस बात को नहीं समझेगा तो बहुत से अच्छे वा सच्चे डॉक्टर्स जैसे कि डा अर्चना शर्मा वा छोटे अस्पतालों से, जोकि छोटी जगहों पर, सस्ती परंतु अच्छी चिकित्सा सुविधाएं दे रहे हैं, से हाथ धो बैठोगे।

डॉ अर्चना शर्मा को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।😢🙏🏻

18/03/2022

शब-ए-बारात की दिली मुबारकबाद।

17/03/2022

होली की हार्दिक शुभकामनायें

26/01/2022

Happy Republic day 🇮🇳🇮🇳

31/12/2021

Happy New Year 💐💐

23/12/2021

Child Care In Winter : सर्दी में बच्चों को बीमारी से दूर रखने के लिए अपनाएं ये आसान 5 टिप्स

आप चाहते हैं सर्दी (winter) में आपका बच्चा बीमार ना पड़े तो यह तरीके अपनाने से फिट रहेगा आपका बच्चा.

सर्दी (Winter) में बच्चों को खांसी, जुखाम और बुखार जैसी बीमारियों से जकड़ लेती हैं. एक्सपर्ट की माने तो सर्दी के मौसम में तेजी से तापमान में उतार चढ़ाव के चलते हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है. जिसका असर बच्चों पर अधिक दिखने लगता है. ऐसे में इस बदलते हुए मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. सच तो ये है कि आप जैसे बहुत से पैरंट्स अपने बच्चों की सेहत को लेकर परेशान रहते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि आपके इसी कारण बहुत से पेरेंट्स अपने बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित रहते है. तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप सर्दी (Winter) के मौसम में अपने बच्चों की देखभाल कर सकते हैं, ताकि आपके बच्चे को बीमारी ना घेरे.
बच्चों का कमरा रखें गर्म
सर्दी में बच्चों को बचाने के लिए पैरंट्स ज्यादा से ज्यादा गर्म कपड़े पहनाते हैं, ताकि उन्हें ठंड ना लग जाए. ज्यादा कपड़े पहनने से बच्चों की कोमल त्वचा पर रैश पड़ने का खतरा बना रहता है. इस कारण उन्हें खुजली वगैरह होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि पैरंट्स बच्चों का कमरा गर्म रखने की कोशिश करें, ताकि बच्चों पर ज्यादा रजाई या कंबल डालने की जरूरत ना पड़े.

खाना दें हेल्दी
हर मौसम में बच्चों को अच्छी डाइट देनी चाहिए, जोकि उनके विकास के लिए बेहद जरूरी है. वहीं सर्दी (Winter) में अच्छी डाइट का महत्व बहुत बढ़ जाता है. सर्दी में बच्चों को बीमारी से दूर रखने के लिए उनकी डाइट में एक उबला अंडा जरूर शामिल करें. उबला अंडा शरीर को गर्म रखने में इस ठंड में बहुत ही आवश्यक है. इसके साथ ही हरी सब्जियों के अलावा काजू, किशमिश और बादाम बच्चों के आहार में शामिल करना ना भूलें. वहीं सर्दी में हरीसब्जियां बहुत आ रही हैं, इसलिए अपने बच्चों को रोज सीजनल सब्जियां जरूर अपने बच्चों को खिलाएं.

धूप में जरूर बैठाएं बच्चों को
सर्दी (Winter) में बड़े से लेgtकर छोटे बच्चे को धूप में जरूर बैठना चाहिए. दरअसल, सर्दी के कारण हमारा शरीर ड्राई होने लगता है और शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण बॉडी में ऊर्जा का संचार नहीं हो पाता. ऐसे में धूप से मिलने वाला विटामिन–डी बच्चों के लिए बेहद ही फायदेमंद है. इसीलिए जरूरी है की सर्दी में अच्छी धूप वाले दिन बच्चों को सनबाथ जरूर करवाना चाहिए.

मालिश करें बच्चों की
ठंड के कारण बच्चों के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता है. ऐसे में बच्चों की नियमित मालिश करने से उनके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है. मसाज करने के लिए आप मार्केट में मौजूद बच्चों के स्पेशल तेल का इस्तेमाल कर सकते है. इससे बच्चों की हड्डियां भी मजबूत होती है और उन्हें सीजनल बीमारी भी जल्दी नहीं घेरती है.

गुनगुने पानी से नहलाना hai
सर्दी (Winter) के मौसम में कई पैरंट्स अपने बच्चों को नहलाने से कतराते हैं, उन्हें लगता है कि उनके बच्चे कहीं बीमार ना पड़ जाएं. अगर हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो ऐसा करना सही नहीं है. ठंड में आप अपने बच्चों को गुनगुने पानी से नहलाएं. इससे बच्चों के शरीर का पसीना साफ तो होगा ही साथ ही आपका बच्चा तरोताजा महसूस करेगा.

17/12/2021

सर्दी में बढ़ रहा ब्लड प्रेशर, मधुमेह और दिल के मरीज बरतें विशेष एहतियात

तापमान में लगातार गिरावट हो रही है और शीतलहर चल रही है। इस स्थिति में मधुमेह और दिल के मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। चिकित्सकों की सलाह है कि ब्लड प्रेशर नियमित रूप से मापते रहें। सर्दी में ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जो कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। बीमार पड़ने पर कोरोना संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाएगा।

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल का कहना है कि सर्दियों में दिल तक खून को ले जाने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं, ऐसे में ब्लडप्रेशर बढ़ने लगता है। जिन मरीजों के पास ब्लडप्रेशर मापने की मशीन है, उन्हें भी डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए।

यदि कोई ब्लडप्रेशर या दिल की दवाएं खा रहा है तो उसे भी एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। ठंडे मौसम में ब्लड प्लेट्लेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे होते हैं, इसलिए रक्त के थक्के जमने की आशंका भी बढ़ जाती है। इससे हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
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सर्दी में ब्लड प्रेशर पर इस तरह से काबू किया जा सकता है
- मीठा, नमकीन और खट्टा कम खाएं।
- तंबाकू का सेवन न करें।
- सर्दियों में घर में दुबके न रहें, बल्कि धूप सेकें।
- हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित होने पर अधिक ठंड में सुबह के समय दवा लेकर ही बाहर निकलें।
- आउटडोर गतिविधियां कम से कम करें।
- एक मोटा कपड़ा पहनने के बजाय कई कपड़े पहनें।
- सिर को अच्छी तरह से ऊनी कपड़ों से ढक कर रखें।
- संतुलित, पोषक और ताजा भोजन खाएं।
- अल्कोहल और कैफीन के सेवन से बचें।

04/11/2021

आपको सपरिवार दीपावली कि हार्दिक शुभकामनायें 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹

16/10/2021

सभी देशवासियों को विजयदशमी की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं

29/09/2021

Happy world Heart ❤️ day 💐

09/09/2021

Gastritis

Photos from Dr. Mudassir javed's post 05/09/2021

गुमनामी के अंधेरे में था
पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया 🙏

30/08/2021

मन तोसे प्रीत लगाई कान्हाई
काहू और की सूरत अब काहे को आई
गोकुल ढूंढ बृंदाबन ढूंढो
बरसाने लग घूम के आई
तन मन धन सब वार के हसरत
मथुरा नगर चली धूनी रमाई
💐happy janmashtami💐

Photos from Dr. Mudassir javed's post 21/08/2021

🔹Neck Pain
🔹Cervical Spondylosis
🔹Headache
🔹Frozen Shoulder
🔹Tennis Elbow
🔹Low Back pain
🔹Pain in Legs
🔹Joint pain
🔹Knee Pain
🔹Slip Disc
🔹Sciatica
🔹Pain in Heel
🔹Burning sensation
🔹Tingling
🔹Numbness
🔹Hypertension
🔹Diabetes
🔹Thyroid
🔹Uric Acid
🔹Gout
🔹Acne
🔹Skin Problem
🔹Stone
🔹Obesity
🔹Hair fall

~Complete cure by Cupping~

👨🏻‍⚕️Dr Mohd. Mudassir Javed
🏥Medcare clinic
🚩Add-opposite bus stand lucknow Road,takiya chauraha Unnao up 🇮🇳
📱 +919451961143












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15/08/2021

Happy Independence day

14/08/2021

Inauguration ceremony ortho care clinic 💐💐

Photos from Dr. Mudassir javed's post 27/07/2021

कब्ज के कारण क्या हैं?

किसी भी व्यक्ति में कब्ज होने के पीछे कई संभावित कारण होते हैं जैसे की- एनल फिशर, बाउल ऑब्सट्रक्शन, कोलन या रेक्टल के कैंसर के कारण कोलन या मलाशय में रुकावट, कोलन का संकुचन की स्थितियों की तरह मलाशय उभार, कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियां जो कोलन और मलाशय के चारों ओर तंत्रिका में समस्याएं पैदा करती हैं, निष्क्रियता, उचित मात्रा में नहीं लेना.

आहार में फाइबर, तनाव, जुलाब की व्यापकता, कैल्शियम और एल्युमिनियम से युक्त एंटासिड्स का सेवन, कमजोर श्रोणि की मांसपेशियों में शामिल समस्या, डायबिटीज, गर्भावस्था जैसे रोग की स्थिति, शरीर के हार्मोन को प्रभावित करने वाले हाइपरपेरायरायडिज्म, अंगों और ऊतकों को प्रभावित करने वाले अन्य प्रणालीगत रोग या पूरे शरीर ऐसे कारण हैं जिन्हें पुरानी कब्ज के विकास के पीछे माना जा सकता है. उम्र के लिहाज से बड़ा होना, डिहाइड्रेशन, महिला लिंग, रोजाना पर्याप्त पानी न पीना, टॉयलेट जाने की अनदेखी करना, दूध या अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन अधिक करना भी कुछ कारक हैं जो इसकी संभावना को बढ़ाते हैं.

कब्ज के लिए रोकथाम क्या हैं

कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को इन स्टेप्स का पालन करना चाहिए:

बीन्स, सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर फ़ूड को डेली डाइट में शामिल किया जाना चाहिए.

अपने दिन की शुरुआत गर्म तरल पदार्थ जैसे गर्म पानी से करें.
पानी और अन्य प्रकार के तरल पदार्थों का सेवन बढ़ जाना.

उन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें जिनमें कम मात्रा में फाइबर होता है जैसे कि मांस, दूध आदि.

शारीरिक गतिविधि में सुधार करें और नियमित व्यायाम करें क्योंकि इससे आंतों की मांसपेशियों की ताकत बढ़ सकती है

तनाव को कम करने वाले कारक को कम करें

मल या शौच की उपेक्षा को रोकें.

हर भोजन के बाद, मल त्याग के लिए एक शेड्यूल बनाएं.

कब्ज से छुटकारा कैसे पाएं?

सुबह उठकर अधिक गर्म पानी पीना

डाइट में सब्जियों और फलों को शामिल करें

एक दिन में चार गिलास पानी पीएं, जब तक कि आपके डॉक्टर ने किसी अन्य कारण से तरल पदार्थ का सेवन सीमित न किया हो

खाने में रेशेदार अनाज का सेवन

फाइबर से भरपूर पौष्टिक आहार लें. फाइबर के अच्छे स्रोत सब्जियां, फलियां, फल और चोकर जैसे अनाज के ब्रेड हैं.
फाइबर युक्त भरपूर भोजन करें. फाइबर के अच्छे स्रोत हैं फल, सब्जियाँ, फलियाँ, और पूरे अनाज की रोटी और अनाज (विशेषकर चोकर).

कैफीन से बचें. क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है.
दूध का सेवन बंद करे. कुछ लोगों को इससे बचने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि डेयरी उत्पादों का सेवन करने से कब्ज़ हो सकती हैं.
नियमित रूप से व्यायाम करें. सप्ताह के अधिकांश दिनों में दिन में कम से कम 30 मिनट सक्रिय रहें.

22/07/2021

Drugs of choice (GIT)

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