Ayurvedic upchar
in this page give the knowledge about ayurvedic treatment and Home remedies
Vitamin B12 Deficiency: 4 Symptoms That May Mimic Dementia
Vitamin B12, also known as cobalamin, is a water-soluble vitamin required for the formation of the blood and the functioning of the nerve system. The problem with this vitamin is that our body cannot produce it, so it has to depend on food sources and supplements for it. The deficiency of the B12 vitamin is common among vegetarians and vegans as this mineral is not found in plant-based food products. Studies suggest that up to 80- 90 per cent of vegans and vegetarians are vitamin B12 deficient. This disorder impacts the human body in several ways. Right from causing vitamin deficiency anaemia to underpins the central nervous system. Many times symptoms of Vitamin B12 deficiency is confused with dementia due to overlapping signs. This leads to wrong or delayed treatment. Here are four signs of dementia similar to that of B12 deficiency.
Confusion
Vitamin B12 is also responsible for making healthy blood cells, which carries oxygen to different parts of the body. Lack of red blood cells will decrease the oxygen supply in the brain leading to confusion. Some people may even feel dizzy from time to time.
Depression
Studies suggest that high levels of homocysteine caused by low levels of B12 can disturb some brain tissue. This causes interference in your brain signals, leading to mood swings and even depression. Studies suggest that the condition is reversible by taking vitamin B12 supplements.
Poor concentration
If you have been noticing changes in your concentration level lately then get yourself diagnosed for low Vitamin B12 level. Poor concentration is a typical sign of nutrient deficiency caused by a lack of adequate amount of oxygen in the brain and the disturbance in the brain tissue.
Forgetfulness
The trouble finding the right word while speaking or often forgetting things after keeping it at someplace are common symptoms of vitamin B12 deficiency as well as dementia. The symptoms can be long term or short term, depending on the complexity of your situation.
Causes of B12 deficiency
There are two major causes of B12 deficiency- pernicious anaemia and diet.
In the first case, your immune system destroys healthy cells in your stomach, preventing your body from absorbing the vitamin from the supplement and food you take.
The second one is caused due to insufficient intake of Vitamin B12 through the diet. It can be because you are not eating enough Vitamin B12 rich food or you are a vegan or a vegetarian.
How much Vitamin B12 you must consume
The amount of vitamin B12 you need in a day varies from age. The average daily recommended amounts, measured in micrograms (mcg) are:
Kids age 4-8 years: 1.2 mcg
Children age 9-13 years: 1.8 mcg
Teens age 14-18: 2.4 mcg
Adults: 2.4 mcg
Pregnant and breastfeeding women: 2.6 mcg per day if pregnant and 2.8 mcg per day if breastfeeding
When to see the doctor
Along with the above-mentioned symptoms, if your skin looks pale, you feel weak, there is any change in mobility and you often feel breathless then do not waste a minute scheduling your appointment with the doctor. Your physician may recommend getting a blood test to diagnose the possibility of Vitamin B12 deficiency. Based on the report he will suggest changes in the diet or would prescribe supplements accordingly.
फैटी लिवर के मरीज डाइट में शामिल करें ये 4 फूड्स, दूर होगी सूजन की परेशानी
Fatty Liver Diet: खाना पचाने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने, पित्त के उत्पादन और शरीर को संक्रमण से दूर रखने में लिवर की भूमिका अहम होती है। मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग लिवर मोटापा, अस्वस्थ खानपान, शराब का अत्यधिक सेवन से प्रभावित हो सकता है। इन सभी कारकों की वजह से लिवर की सेल्स में फैट जमा होने लगता है। ऐसे में लिवर का साइज बड़ा हो जाता है और उसकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी की ओर अगर ध्यान न दिया जाए तो ये लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का रूप ले सकती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी को ठीक करने के लिए लोगों को अपनी डाइट की ओर खास ध्यान देना चाहिए। ज्यादा मसालेदार, तला-भूना, रिफाइंड और प्रोसेस्ड कार्ब के साथ ही ट्रांस फैट के सेवन से बचना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार लोग अगर अपनी डाइट में 4 चीजों को शामिल करते हैं तो उन्हें फायदा हो सकता है।
सूखे मेवे: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लिवर के मरीज अगर अपने आहार में सूखे मेवों को शामिल करते हैं तो इससे उन्हें लाभ होगा। पोषक तत्वों से भरपूर ड्राय फ्रूट्स शरीर को ताकत प्रदान करते हैं और दूसरी बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी देते हैं। मेवों में मिनरल्स, विटामिन और फाइबर पाए जाते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। बता दें कि फैटी लिवर के मरीजों को खाना पचाने में दिक्कत हो सकती है।
दलिया: स्वास्थ्य फायदों से भरपूर होता है दलिया जो फैटी लिवर के मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद होगा। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में कारगर साबित होता है।
कॉफी: फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त मरीजों के लिए कॉफी का सेवन लाभप्रद होगा। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाया जाता है जो शरीर को संक्रमण मुक्त रखता है। साथ ही, लिवर से टॉक्सिक पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है।
आंवला: औषधीय गुणों से भरपूर होता है आंवला जो लिवर के मरीजों के लिए फायदेमंद होगा। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसके इस्तेमाल से लिवर के फंक्शन को एक्टिव किया जा सकता है।
Guava Side Effects: अमरूद खाने के भी होते हैं साइड इफेक्ट्स, जानें किन्हें है दूर रहने की जरूरत
अमरूद में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें मौजूद मिनरल और विटामिन शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. कैलोरी में कम और फाइबर से भरपूर अमरूद पोषक तत्वों से भरपूर फल है. अमरूद न केवल फल के रूप में लाभदायक है बल्कि इसके पत्ते शरीर के लिए कई तरह फायदेमंद होते हैं.
शोध के अनुसार, अमरूद के पत्तों के अर्क को डाइट में शामिल करने से हृदय और पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं, इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. लेकिन अमरूद में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो सभी के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो विशेष प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं.
अमरूद एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी और पोटेशियम से भरपूर होता है. अमरूद की 1 सर्विंग में 112 कैलोरी और 23 ग्राम से अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है. इसमें फाइबर की मात्रा लगभग 9 ग्राम होती है, लेकिन इसमें स्टार्च नहीं पाया जाता है. 1 कप कटे हुए अमरूद में फैट की मात्रा 1.6 ग्राम होती है, लेकिन इसमें प्रोटीन की मात्रा लगभग 4 ग्राम होती है.
अध्ययनों से पता चलता है कि अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इसके अलावा, फोलेट और बीटा कैरोटीन कुछ अन्य पोषक तत्व हैं, जो इस फल में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि किन लोगों को अमरूद के सेवन से बचना चाहिए.
ब्लोटिंग की समस्या से पीड़ित लोग- अमरूद विटामिन सी और फ्रुक्टोज से भरपूर होता है. शरीर में दोनों में से किसी की भी ज्यादा मात्रा ब्लोटिंग यानी पेट में गैस या पेट फूलने की समस्या को पैदा कर सकती है. वॉटर सॉल्युबल विटामिन होने के कारण हमारे शरीर को बहुत अधिक विटामिन सी को एब्जॉर्ब करने में कठिनाई होती है. इसलिए विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होने से अक्सर ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है.
वहीं फ्रुक्टोज की ज्यादा मात्रा शरीर में ब्लोटिंग को ट्रिगर करती है. लगभग 40 प्रतिशत लोग फ्रुक्टोज मालअब्जॉर्प्शन नामक समस्या से पीड़ित हैं. इसमें नेचुरल शुगर शरीर द्वारा एब्जॉर्ब नहीं होती है और पेट में जमा हो जाती है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है. इतना ही नहीं, अमरूद खाने के तुरंत बाद सोने से भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोग- अमरूद में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो कब्ज को कम करने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करती है. लेकिन अमरूद का अधिक सेवन पाचन तंत्र को खराब कर सकता है. खासकर अगर आप इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं. इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम एक प्रकार का आंत संबंधी विकार है जिसके कारण पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या हो सकती है. ये समस्या फ्रुक्टोज मालअब्जॉर्प्शन के कारण भी होती है. इसलिए जरूरी है कि सीमित मात्रा में ही अमरूद खाएं.
डायबिटीज से पीड़ित लोग- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए अमरूद को फायदेमंद माना गया है. हालांकि, अगर आप इस फल को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को नियमित रूप से चैक करते रहें. 100 ग्राम कटे हुए अमरूद में 9 ग्राम नेचुरल चीनी होती है. इसलिए, बहुत अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ सकता है. इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं.
सीमित मात्रा में खाएं- एक दिन में अमरूद की एक सर्विंग खाना सुरक्षित माना गया है. इससे अधिक लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. आप दो मील के बीच, वर्कआउट करने से पहले या बाद में अमरूद खा सकते हैं. रात में अमरूद खाने से बचें क्योंकि इससे सर्दी-खांसी जैसी समस्या हो सकती है.
Sawan में इन 5 चीजों का भूलकर भी न करें सेवन, हो सकते हैं ये नुकसान...
👇
सावन (Sawan) में गर्मी और नमी के कारण हरी सब्जियां जल्दी खराब हो जाती है. मानसून की वजह से हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया और कीड़े भी तेजी से पनपते हैं. इन दिनों हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से वात बढ़ता है. पालक, पत्ता गोभी, फूल गोभी जैसी सब्जियों को बारिशों में बिल्कुल न खाएं. इनकी जगह करेला, तोरी, घीया और टिंडे आदि सब्जियां खाने की लिस्ट में शामिल करें. इन्हें इस्तेमाल करने से पहले ध्यान दें कि सब्जियां अच्छे से धुली हों l सावन (Sawan) या मानसून (Monsoon) के दौरान खट्टी चीजें जैसे आचार, चटनी, खट्टी कैंडी और इमली जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए. इस तरह की चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. खट्टी चीजें खाने से गला खराब और बुखार हो सकता है. जिससे आप बीमार पड़ सकते हैं. इसके साथ ही आपको फ्रिज में रखा ठंडा पानी पीने से भी बचना चाहिए.
मानसून (Monsoon) में मशरूम खाने से बचना चाहिए. इसकी वजह ये है कि अधिक नमी के कारण मशरूम पर कीड़े और बैक्टीरियां जल्दी पनपते हैं. मशरूम पर लगे ये बैक्टीरिया इतने छोटे होते हैं कि आसानी से दिखाई नहीं देते लेकिन ये पेट से जुड़ी बीमारियों का बढ़ावा देते हैं. यही वजह है कि सावन के मौसस में मशरूम खाने की सलाह नहीं दी जाती है.
बरसात के दिनों में अक्सर आपका मन कुछ तला हुआ खाने का करता है लेकिन बारिश के दिनों में उनसे परहेज की सलाह दी जाती है. इसकी वजह ये है कि ज्यादा नमी वाला मौसम हमारे पाचन तंत्र को धीमा कर देता है. पकौड़े, समोसे, कचौड़ी से गैस संबंधी परेशानी जैसे पेट में सूजन, पेट खराब हो जाना हो जाता है. ऐसे में इनसे दूर रहना ही बेहतर है.
यह मौसम अपने साथ बैक्टीरिया और कीड़े लेकर आता है, जिससे कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में सावन (Sawan) में लोगों को स्ट्रीट फूड जैसे गोल गप्पे, जिसमें पानी का इस्तेमाल होता है, से बचना चाहिए. इसके साथ ही हमें ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनकी तासीर ठंडी हो. उन्हें खाने (Food) से भी परहेज करना चाहिए. इनमें आइसक्रीम, गन्ने का जूस और दूसरी चीजें शामिल होती हैं.
Desi ghee khane ke fayde | benifits of ghee - Khali pet desi ghee khane ke fayde2- ghee benifits 3- cow ghee4- desi ghee ka bones ke liye fayda Hi friends...
kismis ke fayde in hindi || benefits of raisins soaked in water ke fayde in hindi || benefits of raisins soaked in water Hi friends.....welcome to "Ayurvedic upchar" channel . Is chnnel pr ham sabhi...
Hairfall treatment Hairfall treatment and regrowth hair
Symptoms of UTI | UTI treatment | Causes of UTI of UTI | UTI treatment | Causes of UTIAbout video:- 1- uti symptoms 2- uti treatment 3- uti symptoms in w...
BIRDFLU 2021 | BIRD FLU SYMPTOMS | BIRD FLU TREATMENT | Hi friends.....welcome to "Ayurvedic upchar" channel . Is chnnel pr ham sabhi prakar ke rogo aur saundrya se ...
sardi jukam ke gharelu nuskhe | home remedies for cold and cough | Dr. Narendra sardi jukam ke gharelu nuskhe | home remedies for cold and cough | Dr. Narendra Hi friends..... welcome to "Ayurvedic upchar" ...
Cronil v/s corona and other medicines | coronil patanjali medicine Cronil v/s corona and other medicines | coronil patanjali medicine Hi friends..... welcome to "Ayurvedic u...
Low Blood pressure treatment by Ayurvedic medicine and home remedies
https://youtu.be/tUQAQMABlo4
low Blood pressure treatment | hypotension in hindi | low bp treatment at home low Blood pressure treatment | hypotension in hindi | low bp treatment at home Hi friends..... welcome to ...
सर्दी जुखाम के घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक इलाज
https://youtu.be/0aIggzsG0Z8
sardi jukam ke gharelu nuskhe | sardi jukam ka ilaj |jukam se naak band ho to kya kare | Ayurvedic sardi jukam ke gharelu nuskhe | sardi jukam ka ilaj |jukam se naak band ho to kya kare | Ayurvedic Hi friends.......
high bp control home remedies in hindi | blood pressure control | high bp symptoms | bp control tips high bp control home remedies in hindi | blood pressure control | high bp symp...
baal girne se rokne ka tarika | white hair problem solution baal girne se rokne ka tarika | white hair problem solution Hi friends..... welcome to "Ayurvedic upchar" channel ...
leucorrhoea treatment | leukorrhea discharge treatment | leucorrhoea treatment | leukorrhea discharge treatment | Hi friends..... welcome to "Ayurvedic upchar" c...
Kidney stone treatment without operation (गुर्दे की पथरी का बिना ऑपरेशन किए इलाज) In this video you can know about or treatment without opretion हम अपनी इस आयुर्वेदिक उपचार चैनल पर सभी प्रकार के रोगो...
dysuria symptoms and treatment(रुक रुक कर और जलन के साथ पेशाब का होना) In which video you can know about by हम अपनी इस आयुर्वेदिक उपचार चैनल पर सभी प्रकार के रोगों का आयुर्वेदिक ...
Ayurvedic treatment for asthma in this video you can know about by इस वीडियो में अस्थमा का आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा उपचार कैसे करें इस बारे में बता...
बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज Ayurvedic treatment of hemorrhoids (Piles) Home remedies for piles खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा इलाज। बवासीर मस्से बढ़ गए हो तो क्या करें। बवा.....
anorexia treatment(भोजन की इच्छा ना होना) In this video's you can know about anorexia sentence and ayurvedic medicine. इस वीडियो में मैंने बताया है अगर किसी व्यक्ति को भोजन करने की इच्छा नहीं होती है...
अपच, अजीर्ण, बदहजमी का आयुर्वेदिक इलाज Ayurvedic treatment for indignation खट्टी डकार बदहजमी अपच के लिए घरेलू नुस्खा और आयुर्वेदिक इलाज। बदहजमी की दवाई। बदहजमी के लिए कौन सी आ.....
Good Diet for diabetes (मधुमेह के लिए उत्तम आहार) "diabetes" का आयुर्वेदिक इलाज link- https://youtu.be/iSs2DZEIJrg You can know in this video diet for diabetic patient or sugar patient. इस वीडियो में जिन व्य...
hiccup medicine and hiccups treatment (हिचकी के लिए आयुर्वेदिक तथा घरेलू उपाय) बुखार के लिए काढ़ा- https://youtu.be/b8aWjgOdVr8 In this video you can know what is hiccups also medicine about hiccup and home remedies. इस वीडियो में आप कि...
video dekhne ke liye click kare
दाद खाज खुजली का आयुर्वेदिक उपचार( In this video you can know Ayurvedic treatment for
नमस्कार दोस्तों, यह पेज आयुर्वेदिक औषधियों और घरेलू नुस्खे तथा सभी प्रकार के रोगों में की चिकित्सा में प्रयुक्त औषधियों की जानकारी देने के लिए बनाया गया है , तो अगर आप सभी प्रकार के रोगों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां तथा घरेलू नुस्खे प्रयोग करना चाहते हैं तो इस पेज को कृपया लाइक करिए तथा पेज को शेयर करिए ताकि सबको आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बारे में जानकारी मिल सके और आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
Dr. Narendra Pratap Singh
B.A.M.S SCH
(Lucknow)