Shekhar Suman

Shekhar Suman

अधूरी कहानियों का मसीहा…

01/11/2023

वक़्त के साथ कैसे मायने बदलने लगते हैं. पहले जो अपना घर था जाने कब बिटिया का दादी-घर बन गया.

चाहे कुछ भी कह के पुकारा जाए, ये तो अपना ही घर रहेगा हमेशा. क्योंकि न ये सुकून कहीं है और न ही बड़ों का हाथ सर पे होने का विश्वास, फिर चाहे भले ही अब वो शारीरिक तौर पर हमारा सहारा न बन सकें.

सुबह जब खिड़की से पहली रौशनी कमरे में आती है तो अलग सा एहसास है, पता नहीं क्यों ऐसा एहसास बैंगलोर में नहीं आता.

पिछले बाईस सालों में जाने कितने ठिकाने बदले और हर बार हर शहर पुराना हो गया. पता नहीं भगवान ने मुझे ये वरदान दिया है या अभिशाप कि एक बार मैं अगर कहीं से आगे बढ़ जाता हूँ तो वापस कभी उस चीज को मिस नहीं करता. फिर चाहे वो कोई जगह हो या इंसान.

हाँ जब तक वो साथ हो, पूरी शिद्दत से साथ होता है, इसलिए इससे पहले कि ये शहर भी सिर्फ़ अनछुई याद बन के रह जाये, यहाँ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिता लेने चाहता हूँ.

आख़िर ये शहर भी वैसा ही बन जाएगा कुछ सालों बाद.

17/10/2023
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23/09/2023

मैंने नहीं लिखा प्रेम कई सालों से,
दुनिया में बचा है ना प्रेम,

या विलुप्त हो रहा धीरे-धीरे
ओज़ोन की परत की तरह …

24/08/2023

कितने भी साल बीत जायें,
कानों में एक आवाज़ है
जो भुलाए नहीं भूलती.

मन करता है पूछूँ,
कैसी हो तुम
ठीक हो न,

फिर लगता है
कहीं तुमने भी
यही सवाल पूछ लिया तो,

तो क्या कहूँगा.
झूठ बोल नहीं पाऊँगा और,
सच बोला नहीं जाएगा.

इसलिए बिना पूछे,
बता दो ना,
कैसी हो
क्या बिलकुल वैसी
जैसी मिलती थी मुझे हर सुबह
मुस्कुराते हुए…

24/08/2023

जब एक बार प्रेम हो जाता है
फिर बाक़ी नहीं रह जाता,
कुछ और होने को…

06/08/2023

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SELFIE SPECTACULAR
Entry No - 2
Name - Sakshi Shaw
College -NRSMCH

कुछ टुकड़ों का ताना-बाना... 19/07/2023

अब तो लिखना ऐसा हो गया है कि पतझड़ के वक़्त लिखना शुरू किया था और अब जब लिखना बंद कर रहा हूँ तो बाहर तेज बारिश हो रही है...

कुछ टुकड़ों का ताना-बाना... मुझे जीवन से बहुत कुछ कहना है, समझ नहीं आता किस रूप में कहूँ,  मैं उदास साउंड नहीं करना चाहता... मैं थैंकफुल होना चाहता...

14/07/2023

बीती रात विकास अचानक से बेचैन हो उठा, इतना बेचैन जैसे देवदास पारो के लिए हो उठा हो. लगा जैसे आवाज़ लगा देगा चीखकर, बेचैन उँगलियाँ मोबाइल के कीबोर्ड पर छटपटाने लगी, जैसे अब मेसेज भेज दे कि तब भेज दे.
बार बार सोचा और आख़िरी में बस यही ख़याल आया कि दो दिल के जलने से बेहतर है एक ही दिल राख हो जाए.

मेरी बातों से उसे इतना सुकून मिलता है पता नहीं लेकिन वो कहता है कि दो बिछड़े टुकड़े बस सुकून तलाश रहे हैं.

प्रेम भी कैसे इंसान को त्याग सिखा जाता है, वो हमेशा कहता था कि वो ऐसा प्रेम कभी नहीं करेगा जिसमें उसे कुछ बलिदान करना पड़े, त्याग करना पड़े, और जब आज उसे देखता हूँ तो लगता है ऐसा कुछ भी नहीं जो उसने इस प्रेम कि ख़ातिर क़ुर्बान न कर दिया हो.

जो भी अंशु ने कहा वो करता चला गया, एक बार भी पलट के शिकायत तक नहीं की, ना किसी से दुख बाँटा और न ही आंसू.

आज भी बस हर मिलने वाली ख़ुशी की चादर से पुराने ज़ख़्म छिपा लिया करता है. अब तो भगवान से भी शिकायत नहीं करता, बस शुक्रिया अदा करता है जो भी मिला उसका.

क्या प्रेम का यही अंतिम पड़ाव है, त्याग ?
क्या ख़ुशी पा लेना प्रेम नहीं हो सकता ?

इन सवालों का जवाब जब वो मेरे से माँगता है तो मैं भी निःशब्द हो जाता हूँ, मुझे भी कहाँ पता है प्रेम.

07/07/2023

अंदर के ग़ुबार इतने ज़्यादा भर गए हैं कि लगता है अचानक से कहीं नींद में कहानियाँ ना सुनाने लग जाऊँ.

पर रात भर मेरी चपड़-चपड़ सुनने के लिए भी बहुत मोहब्बत चाहिए होगी, बिना मेरे लिखे से इश्क़ हुए बग़ैर कौन क्या सुनेगा.

लगता है बिटिया जब थोड़ी बड़ी हो जाए तो मेरी कहानियों के ज़रिये उसे भी मुझसे उतना ही प्यार हो जाए.

इस जन्मदिन पर बस इतना ही सोच रहा हूँ कि एक ज़िंदगी के अंदर हम कितने सारे जन्म जी लेते हैं. मैं अतीतजीवी तो नहीं लेकिन खूबसूरत चीजें जब धीरे धीरे अतीत बन जायेंगी तो उसे याद करना कौन सी बुरी बात है, मेरी ख़ुद की ही ज़िंदगी है. किसी और की थोड़े ही.

बहुत कुछ है नया लिखने को, लिखने का मन भी है बस एक बार कोई ये कह दे कि उसे इंतज़ार है पढ़ने का.

चिन्नू सा ही मोटिवेशन चाहिए बस. उसके बिना तो मुश्किल है.

06/07/2023

कुछ चीजें भूलना असंभव होता है.

24/06/2023

कुछ नई बातों का सिलसिला कुछ यूँ चल पड़ा है,
जैसे अंगने में चाँद उतर आया हो चुपके से ….

05/06/2023

वैसे तो अख़बार में आना कोई नई बात नहीं, मेरी कहानियाँ और कवितायें आती रही हैं… किताब भी छप चुकी…

पर इस तरह के पुण्य कमाने वाले काम के लिए आना एक अलग अनुभव है…

27/04/2023

कुछ लोगों से जान-पहचान इसलिए भी बनाए रखना ज़रूरी है ताकि उनको देखकर ये पता चलता रहे कि ज़िंदगी में क्या नहीं करना है…

17/04/2023

बचपन में मेरा सपना था कि मैं इतना बड़ा स्टार बनूँ कि मैं कहीं दिखूँ तो जनता ख़ुशी से पागल हो जाए…

आपका सपना क्या था ?

15/04/2023

अब जबकि वो चली गयी,
क्या उसके आने के दिन की,

सालगिरह मना सकता हूँ मैं ?

06/04/2023

बता सखी अब कैसे पाऊँ प्रेम दोबारा,
तृष्णा मिटे अब कैसे फिर से,
कैसे अब मैं पुनः तृप्त हूँ…

04/04/2023

Thanks for being a top engager and making it onto my weekly engagement list! 🎉 Pawan Sirohi, Ramakant Sharma, Poonam Dua, Chandrakant Shivananda, Nkjha Jha Jha

04/04/2023

अगर मैं कोई एक चीज़ दुनिया से हटाना चाहूँ तो वो टर्किश आइसक्रीम…

जिस तरह वो बच्चों को परेशान करते हैं, मुझे वो एक टॉर्चर से कम नहीं लगता, कुछ तो हद्द से ज़्यादा ही…

it may look funny to us but a trauma for small kids…

21/03/2023

फ़ोटो भी हमने ही ली है… Like this page also. Silent Pixels

18/03/2023

Like and Share. Follow the page…

05/03/2023

I've just reached 7K followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each and every one of you. 🙏🤗🎉बहुत बहुत शुक्रिया…

03/03/2023

न फूलों से रगबत है न काँटों से रंजिश
ताबीर बाग़ की थी, बस बाग़ बना लिया हमने...

शिकस्ता से कुछ ख्वाब मेरे तकिये के नीचे पड़े थे,
फिर अगली रात उसे आँखों में सजा लिया हमने

फ़रागत में बैठेंगे तो सेकेंगे कुछ लम्हें मोहब्बत के
आज तो जल्दबाजी में सब कुछ जला दिया हमने...

आईने में जो दिखे वो मानूस सा लगता है
खुद के चेहरे को कबका भुला दिया हमने...

03/03/2023

फ़रागत में बैठेंगे तो सेकेंगे कुछ लम्हें मोहब्बत के
आज तो जल्दबाजी में सब कुछ जला दिया हमने...

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