ढाई आखर प्रेम के
आँखें आँखें हैं
तुम्हे देखें , तो आँखे?
तेरी बेरुखी
और
मेरी सदाएँ..
#डॉ_गुंजन_कुमार_झा
श्री रामनवमी की हार्दिक बधाई
शमा जो जलाई है मेरी वफ़ा ने
बुझाना भी चाहो बुझा न सकोगे
मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो ..
चाय और सड़क
वक्त करता जो वफ़ा, आप हमारे होते
हम भी औरों की तरह आपको प्यारे होते
स्वप्न झड़े फूल से
मीत चुभे शूल से
लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से
और हम खड़े खड़े बहार देखते रहे
कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे
नींद भी खुली न थी कि हाए धूप ढल गई
पाँव जब तलक उठे कि ज़िंदगी फिसल गई
पात पात झड़ गए कि शाख़ शाख़ जल गई
चाह तो निकल सकी, न पर उमर निकल गई
गीत अश्क बन गए
छंद हो दफ़्न गए
साथ के सभी दिए धुआँ धुआँ पहन गए
और हम झुके झुके
मोड़ पर रुके रुके
उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे
कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे
-गोपालदास नीरज
मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
ग़म-ए-जहाँ से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
ये इंतिज़ार का दुख अब सहा नहीं जाता
तड़प रही है मोहब्बत रहा नहीं जाता
तुम अपने पास बला लो बहुत उदास हूँ मैं
भटक चुकी हूँ बहुत ज़िंदगी की राहों में
मुझे अब आ के छुपा लो तुम अपनी बाँहों में
मिरा सवाल न टालो बहुत उदास हूँ मैं
हर एक साँस में मिलने की प्यास पलती है
सुलग रहा है बदन और रूह जलती है
बचा सको तो बचा लो बहुत उदास हूँ मैं
-साहिर लुधियानवी
केवल तुम्हारा हो जाना 🥀
वेलेंटाइन डे मुबारक
Gunjan Kumar Jha
Live @ Ara, Bihar
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#live #romantic #song तुझे प्यार करते करते | गुंजन कुमार झा tujhe pyar karte karte meri umra beet jaae | Qateel Shifai | Gunjan Kumar Jha
एक ताज़ी ग़ज़ल, आपकी नज़्र 🌹
देखा इतना क्या कम है।
रिश्ता इतना क्या कम है।।
माना दरिया हो न सका ।
पिघला इतना क्या कम है।।
उस भीड़ में
तुमने अचानक टोका था मुझे
और लड़खड़ा गया था मैं
बेशाख्ता हंसी छूट गयी थी तुम्हारी
सभी चेहरे गुलाब हो गए थे आचानक...
और याद आ गयी मुझे वो ग़ज़ल-
फूल ही फूल खिल उठे, मेरे पैमाने में
आप क्या आये, बहार आ गयी मैखाने में ....
©
शब्द जब मिलते नहीं मन के,
प्रेम तब इंगित दिखाता है,
बोलने में लाज जब लगती,
प्रेम तब लिखना सिखाता है..
-दिनकर
#दिनकर_जयन्ती पर सादर #नमन !
The fabulous art work
सुनल जाओ ई मैथिली ग़ज़ल
•ढाई आखर प्रेम के• की तरफ़ से महान हास्य कलाकार श्री राजू श्रीवास्तव जी को भावभीनी श्रद्धांजलि