ढाई आखर प्रेम के

ढाई आखर प्रेम के

आँखें आँखें हैं
तुम्हे देखें , तो आँखे?

20/05/2024

तेरी बेरुखी
और
मेरी सदाएँ..
#डॉ_गुंजन_कुमार_झा

22/04/2024
17/04/2024

श्री रामनवमी की हार्दिक बधाई

08/04/2024

शमा जो जलाई है मेरी वफ़ा ने
बुझाना भी चाहो बुझा न सकोगे

मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो ..

01/03/2024

चाय और सड़क

20/12/2023

वक्त करता जो वफ़ा, आप हमारे होते
हम भी औरों की तरह आपको प्यारे होते

19/08/2023

स्वप्न झड़े फूल से

मीत चुभे शूल से

लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से

और हम खड़े खड़े बहार देखते रहे

कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे

नींद भी खुली न थी कि हाए धूप ढल गई

पाँव जब तलक उठे कि ज़िंदगी फिसल गई

पात पात झड़ गए कि शाख़ शाख़ जल गई

चाह तो निकल सकी, न पर उमर निकल गई

गीत अश्क बन गए

छंद हो दफ़्न गए

साथ के सभी दिए धुआँ धुआँ पहन गए

और हम झुके झुके

मोड़ पर रुके रुके

उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे

कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे
-गोपालदास नीरज

18/08/2023

मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
ग़म-ए-जहाँ से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं

ये इंतिज़ार का दुख अब सहा नहीं जाता
तड़प रही है मोहब्बत रहा नहीं जाता
तुम अपने पास बला लो बहुत उदास हूँ मैं

भटक चुकी हूँ बहुत ज़िंदगी की राहों में
मुझे अब आ के छुपा लो तुम अपनी बाँहों में
मिरा सवाल न टालो बहुत उदास हूँ मैं

हर एक साँस में मिलने की प्यास पलती है
सुलग रहा है बदन और रूह जलती है
बचा सको तो बचा लो बहुत उदास हूँ मैं
-साहिर लुधियानवी

26/05/2023

केवल तुम्हारा हो जाना 🥀

14/02/2023

वेलेंटाइन डे मुबारक

01/01/2023

Gunjan Kumar Jha
Live @ Ara, Bihar

07/11/2022

I've just reached 600 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏🤗🎉

#live #romantic #song तुझे प्यार करते करते | गुंजन कुमार झा 06/11/2022

#live #romantic #song तुझे प्यार करते करते | गुंजन कुमार झा tujhe pyar karte karte meri umra beet jaae | Qateel Shifai | Gunjan Kumar Jha

16/10/2022

एक ताज़ी ग़ज़ल, आपकी नज़्र 🌹

देखा इतना क्या कम है।
रिश्ता इतना क्या कम है।।
माना दरिया हो न सका ।
पिघला इतना क्या कम है।।

25/09/2022

उस भीड़ में
तुमने अचानक टोका था मुझे
और लड़खड़ा गया था मैं
बेशाख्ता हंसी छूट गयी थी तुम्हारी
सभी चेहरे गुलाब हो गए थे आचानक...
और याद आ गयी मुझे वो ग़ज़ल-
फूल ही फूल खिल उठे, मेरे पैमाने में
आप क्या आये, बहार आ गयी मैखाने में ....
©

23/09/2022

शब्द जब मिलते नहीं मन के,
प्रेम तब इंगित दिखाता है,
बोलने में लाज जब लगती,
प्रेम तब लिखना सिखाता है..
-दिनकर

#दिनकर_जयन्ती पर सादर #नमन !

22/09/2022

The fabulous art work

22/09/2022

सुनल जाओ ई मैथिली ग़ज़ल

21/09/2022

•ढाई आखर प्रेम के• की तरफ़ से महान हास्य कलाकार श्री राजू श्रीवास्तव जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

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श्री रामनवमी की हार्दिक बधाई
Maahi ve ❤#onlinecollaboration Keys: Divvy Rohatgi🎹Vocals: Ritika Joshi🎶

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