SRASS
Where there are people in need, we’ll be there lending a hand, a smile, and an encouraging word.
The SRASS is a nonprofit organization dedicated to rural development in Utter Pradesh, the largest state of India. We work for effective implementation of programs towards sustainable rural development through the activities in education, health, agriculture, community development, environment and waste, moral upbringing, youth empowerment and poverty alleviation. Our major rural development prog
Take the & contribute towards a greener planet.🌏🌱🌈
ख़ुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा मास्क पहनें। याद रखें, मास्क आपका सुरक्षा कवच है।
World's first transperent car launched in Germany. It is manufactured by ZF company and is furnished with different security systems.
1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा बनाया गया टेलीफोन का एक प्रारंभिक स्केच l
PS:JE
*यदि आपको पहली और दूसरी कोरोना लहर में कोरोना नहीं हुआ है तो यह पढ़िए "तीसरी लहर"👇😊*
एक युवक की जब सुबह नींद खुली तो अचानक ही उसे याद आया कि कल रात जब वो अपने मित्रों के साथ मंदिर से दर्शन करके घर आया तब अपनी बाईक वहीं भूल आया । बाईक पार्किंग में लगाई नहीं थी तो उसे चोरी जाने का भय था, लॉक भी कुछ सही नहीं था।
याद आते ही वह तुरंत ऑटो लेकर अपने घर से 7 किमी दूर स्थित मंदिर गया। वहाँ जाकर अपनी बाईक ढूंढने लगा जो कि उसे मंदिर के पास जहां खड़ी की थी। वो बाइक वहीं मिली। अपनी बाईक सही सलामत मिलने से बहुत ही खुश हुआ ।
इसी प्रसन्नता में तुरंत ही 5 किलो शुद्ध देशी घी के लड्डू , एक बड़ी फूल माला और अगरबत्ती का पैकेट लेकर भगवान जी के मंदिर अंदर पहुंचा ।
हाथ जोड़कर भगवान को धन्यवाद देकर खुशी खुशी सभी लोगों में प्रसाद के लड्डू बांटने लगा। कुछ भी हो, कैसी भी गलती हो जाए, उसकी और उसके हितों की रक्षा भगवान ही करते हैं।
करीब एक घंटे बाद मंदिर से बाहर आया ।
😤
बाहर आते ही उसके होश उड़ गए क्योंकि उसकी बाईक जो कल रात से सही सलामत खड़ी थी अब चोरी हो चुकी थी ।
😊
ठीक इसी तरह कुछ लोग जो इस मुगालते में है कि कोरोना से अभी तक हमे कुछ नहीं हुआ तो आगे भी कुछ नही होगा और कुछ लोग जो ये सोचते है कि हमने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवा लिये है और अब कोरोना हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता उन लोगो से
निवेदन है कि लापरवाही की जिम्मेदारी हमारी है, भगवान की नहीं।
जो बाईक रात भर में चोरी नहीं हुई सुबह चंद लम्हो में चोरी हो गयी क्यों ?
कम से कम पार्किंग में लगा कर, ठीक से लॉक लगा कर खुशी का प्रसाद बांटते।
*LET US PREVENT 3rd WAVE - BY ALL MEANS.*
किसी भी लापरवाही से बचाव ही समझदारी है।
*सावधान रहें सुरक्षित रहे*
*अपना और अपनों का ख्याल रखे*
अभी दूसरी लहर गई भी नहीं है- तीसरी की आहट सुनाई दे रही है।
*कोविड नियमो का पालन कीजिए*
*तीसरी लहर मत आने दीजिए।* 🙏
आपके हाथों में वायरस हो सकता है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने हाथ साबुन और पानी से नियमित तौर पर अच्छी तरह धोएं। याद रखें, सफाई, दवाई, कड़ाई, जीतेंगे कोरोना से लड़ाई।
*राष्ट्रकवि रामधारी सिंह " दिनकर " जी की कविता*
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से
आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन
कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही
क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन -मन का
आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
ये धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार
जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय गान सुनाया जायेगा
युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध
नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की कीर्ति सदा -सदा
नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिकों को
चाहिये कोई उधार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
जनजागृति के लिऐ साझा अवश्य करें..
दक्षिण एशियाई लोगों द्वारा कृषि में प्रयोग की जाने वाली अद्भुत तकनीक।
से सुरक्षित रहने के लिए हमेशा अपने हाथों को नियमित रूप से और अच्छे से साबुन और पानी से धोएं । खुद की और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
बदलकर अपना व्यवहार, करें कोरोना पर वार।
आप कहीं भी रहे, सुरक्षित दूरी बनाये रखे| मास्क का प्रयोग करे और साबुन से हांथ धोने की आदत डाले |
अपने मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से स्वस्थ रखने के लिये इन सरल उपायों का पालन करें। किसी भी प्रकार की मनोसामाजिक सहायता के लिए NIMHANS के (टोल फ्री) हेल्पलाइन #080-46110007 पर कॉल करें। बदलकर अपना व्यवहार, करें कोरोना पर वार।
नीचे फोटो में जो वृद्ध गड़रिया है वास्तव में ये सेना का सबसे बड़ा राजदार था। पूरी पोस्ट पढ़ेंगे तो इनके चरणों मे आपका सर अपने आप झुक जाएगा। साल 2008 में फील्ड मार्शल मानेक शॉ वेलिंगटन अस्पताल, तमिलनाडु में भर्ती थे। गम्भीर अस्वस्थता तथा अर्धमूर्छा में वे एक नाम अक्सर लेते थे—'पागी-पागी!' डॉक्टरों ने एक दिन पूछ लिया, “Sir, who is this Paagi?”
सैम साहब ने खुद ही brief किया...
1971 भारत युद्ध जीत चुका था, जनरल मानेक शॉ ढाका में थे। आदेश दिया कि पागी को बुलवाओ, dinner आज उसके साथ करूँगा! हेलिकॉप्टर भेजा गया। हेलिकॉप्टर पर सवार होते समय पागी की एक थैली नीचे रह गई, जिसे उठाने के लिए हेलिकॉप्टर वापस उतारा गया था। अधिकारियों ने नियमानुसार हेलिकॉप्टर में रखने से पहले थैली खोलकर देखी तो दंग रह गए, क्योंकि उसमें दो रोटी, प्याज तथा बेसन का एक पकवान (गाठिया) भर था। Dinner में एक रोटी सैम साहब ने खाई एवं दूसरी पागी ने।
उत्तर गुजरात के सुईगाँव अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक border post को 'रणछोड़दास पोस्ट' नाम दिया गया। यह पहली बार हुआ कि किसी आम आदमी के नाम पर सेना की कोई पोस्ट हो, साथ ही उनकी मूर्ति भी लगाई गई हो।
पागी यानी 'मार्गदर्शक', वो व्यक्ति जो रेगिस्तान में रास्ता दिखाए। 'रणछोड़दास रबारी' को जनरल सैम मानिक शॉ इसी नाम से बुलाते थे।
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के पाकिस्तान सीमा से सटे गाँव पेथापुर गथड़ों के थे रणछोड़दास। भेड़, बकरी व ऊँट पालने का काम करते थे। जीवन में बदलाव तब आया जब उन्हें 58 वर्ष की आयु में बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक वनराज सिंह झाला ने उन्हें पुलिस के मार्गदर्शक के रूप में रख लिया।
हुनर इतना कि ऊँट के पैरों के निशान देखकर बता देते थे कि उस पर कितने आदमी सवार हैं। इन्सानी पैरों के निशान देखकर वज़न से लेकर उम्र तक का अन्दाज़ा लगा लेते थे। कितनी देर पहले का निशान है तथा कितनी दूर तक गया होगा, सब एकदम सटीक आकलन, जैसे कोई कम्प्यूटर गणना कर रहा हो।
1965 युद्ध के आरम्भ में पाकिस्तानी सेना ने भारत के गुजरात में कच्छ सीमा स्थित विधकोट पर कब्ज़ा कर लिया था। इस मुठभेड़ में लगभग 100 भारतीय सैनिक हत हो गये थे। भारतीय सेना की 10,000 सैनिकों वाली एक टुकड़ी को तीन दिन में छारकोट पहुँचना आवश्यक था। तब आवश्यकता पड़ी थी पहली बार रणछोडदास पागी की! रेगिस्तानी रास्तों पर अपनी पकड़ की बदौलत उन्होंने सेना को तय समय से 12 घण्टे पहले मञ्ज़िल तक पहुँचा दिया था। सेना के मार्गदर्शन के लिए उन्हें सैम साहब ने खुद चुना था तथा सेना में एक विशेष पद सृजित किया गया था—'पागी' अर्थात पग अथवा पैरों का जानकार।
भारतीय सीमा में छिपे 1200 पाकिस्तानी सैनिकों की लोकेशन तथा अनुमानित संख्या केवल उनके पदचिह्नों से पता कर भारतीय सेना को बता दी थी। बस इतना काफ़ी था भारतीय सेना के लिए वह मोर्चा जीतने को।
1971 के उस युद्ध में सेना के मार्गदर्शन के साथ-साथ अग्रिम मोर्चे तक गोला-बारूद पहुँचवाना भी पागी के काम का हिस्सा था। पाकिस्तान के पालीनगर शहर पर जो भारतीय तिरंगा फहरा था, उस जीत में पागी की भूमिका अहम थी। उन्हें सैम साहब ने स्वयं ₹300 का नक़द पुरस्कार अपनी जेब से दिया था।
पागी को तीन सम्मान भी मिले 65 व 71 युद्ध में उनके योगदान के लिए—संग्राम पदक, पुलिस पदक व समर सेवा पदक!
27 जून, 2008 को सैम मानिक शॉ की मृत्यु हुई तथा 2009 में पागी ने भी सेना से 'स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति' ले ली। तब पागी की उम्र 108 वर्ष थी ! जी हाँ, आपने सही पढ़ा... 108 वर्ष की उम्र में 'स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति'! सन् 2013 में 112 वर्ष की आयु में पागी का निधन हो गया।
आज भी वे गुजराती लोकगीतों का हिस्सा हैं। उनकी शौर्य गाथाएँ युगों तक गाई जाएँगी। अपनी देशभक्ति, वीरता, जीवट, त्याग, समर्पण तथा शालीनता के कारण भारतीय सैन्य इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए रणछोड़दास रबारी यानी हमारे 'पागी'।
चित्र उन्हीं का है।
(साभार—Hukma Ram Jhorar and Shyam Rawat)
भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान बहुत ही आदरणीय है। गुरु अपने ज्ञान रूपी अमृत से शिष्य के जीवन में धर्म और चरित्र जैसे बहुमूल्य गुणों का सिंचन कर उसके जीवन को सही दिशा व अर्थ प्रदान करता है।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
We are celebrating our annual day today. A huge and grand event will be held at shcool premises where our students will present cultural programme and many other activities followed by prize distribution ceremony. Please be there to encourage efforts of your own ward and teachers.
अपने राष्ट्रपति के बारे में जाने ......
1. भारत का संवैधानिक प्रधान कौन होता है ?
►-राष्ट्रपति
2. भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे ?
►-डॉ. राजेंद्र प्रसाद (लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे)
3.दो बार उपराष्ट्रपति तथा एक बार राष्ट्रपति बनने वाले शख्स का नाम क्या है ?
►-डॉ. एस राधाकृष्णन
4. किस राष्ट्रपति के निर्वाचन के समय दूसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी ?
►-वी.वी. गिरी
5. उस राष्ट्रपति का नाम क्या था जो एक चुनाव में हार गए और फिर बाद में निर्विरोध चुने गए ?
►-नीलम संजीव रेड्डी
6. भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति का नाम ?
►-प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
7. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में कहा गया है कि राष्ट्रपति भारत का राष्ट्राध्यक्ष है ?
►-अनुच्छेद 52
8. भारत का प्रथम नागिरक किसे कहा जाता है ?
►-राष्ट्रपति
9. भारत की समस्त कार्यपालिका शक्तियां किसमें निहित है ?
►-राष्ट्रपति
10. भारत के राष्ट्रपति पद की योग्यता क्या होनी चाहिए ?
►-संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई भी व्यक्ति तभी राष्ट्रपति बन सकता है जब वह-
भारत का नागिरक हो ।
35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।
लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किए जाने योग्य हो ।
चुनाव के समय लाभ का पद धारण नहीं करता हो ।
Our Story
At SRASS, we aim to rebuild hope where it’s been damaged or lost. We work with those in need, those who are underprivileged, and those who are underserved to rebuild and restructure the rural India. Our focus lies on community efforts, shelter, food aid, community awareness, and educational opportunities. We firmly believe it takes a village to raise a child, and if you work on creating the most well equipped society you can, so many problems simply work themselves out.
The SRASS is a nonprofit organization dedicated to providing opportunity for rural areas and poor farmers through educational and financial add. We believe that an education and opportunity are the most effective ways for individuals to improve their own lives.