Vedic Herbal Ayurveda
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➤ दालचीनी के लाभ
यह देखा गया है कि दालचीनी उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने के कुछ बुरे प्रभावों को कम करती है। इससे समग्र वजन घटाने की योजना में मदद मिल सकती है। रक्त शर्करा के स्तर पर इसका प्रभाव आपके शरीर को अंततः वजन कम करने में भी मदद कर सकता है।
➤ त्रिफला के लाभ
सोने से पहले खाली पेट त्रिफला की खुराक अपने विषहरण गुण के कारण आंतरिक सफाई के लिए फायदेमंद हो सकती है। त्रिफला चूर्ण वजन घटाने में भी मदद करता है क्योंकि यह ऊर्जा सेवन और शरीर में वसा में महत्वपूर्ण कमी दर्शाता है।
➤ गार्सिनिया कैम्बोजिया के लाभ
गार्सिनिया कैंबोगिया, एक उष्णकटिबंधीय फल जिसे मालाबार इमली के नाम से भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय वजन घटाने वाला पूरक है। लोग कहते हैं कि यह आपके शरीर की वसा बनाने की क्षमता को अवरुद्ध करता है और यह आपकी भूख पर ब्रेक लगाता है। अतिरिक्त वजन घटाने से रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
★ वजन घटाने के लिए सर्वोत्तम व्यायाम
➧ साइकिल चलाना।
➧ तैरना।
➧ मज़बूती की ट्रेनिंग।
➧ धीमी दौड़।
➧ सीढ़ियाँ चढ़ना। वजन घटाने के लिए और कम लागत वाला, बहुमुखी व्यायाम सीढ़ियाँ चढ़ना है। ...
❖ साइकिल चलने के लाभ
मोटापा घटाने के लिए व्यक्ति को एक घंटे या उससे अधिक समय तक साइकिल चलानी चाहिए।
"साइकिल चलाना एक कार्डियो वर्कआउट है, जिसमें आमतौर पर पहले 20 मिनट के बाद ही फैट बर्न होना शुरू हो जाता है। अगर आप चल रहे हैं, तो उतने समय के बाद फैट बर्न होना शुरू हो जाएगा। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप कम से कम 30 मिनट तक साइकिल चलाएं।
✱ तैरने के लाभ
तैराकी से कैलोरी बर्न होती है और लोगों को अपना वजन नियंत्रित करने, अपनी मांसपेशियों को टोन करने और उनके समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार करने में मदद मिल सकती है। यह गतिविधि कई अलग-अलग मांसपेशी समूहों और हृदय प्रणाली को शामिल करती है, और यह विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट कसरत प्रदान कर सकती है।
गरम पानी पीने के लाभ
वसा को तोड़ता है: कम करने की कोशिश करते समय वसा के सेवन के बारे में सावधान रहना महत्वपूर्ण है। गर्म पानी शरीर में वसा को तोड़ता है और उन्हें अणुओं में एकत्रित करता है, जिससे आपके पाचन तंत्र के लिए उन्हें जलाना आसान हो जाता है। भूख कम करता है: गर्म पानी भूख कम करने में मदद करता है।
जब हम गर्म पानी पीते हैं, तो हमारा शरीर अपना तापमान बदल देता है और चयापचय को सक्रिय कर देता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है. गर्म पानी शरीर की वसा को भी अणुओं में तोड़ देता है, जिससे पाचन तंत्र के लिए इसे जलाना आसान हो जाता है
Cauliflower And Broccoli....
ब्रोकोली में कैरोटीनॉयड होता है, एक प्राकृतिक पौधा यौगिक जो वसा जलने को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है और इस तरह वजन घटाने में सहायता कर सकता है। 90% पानी की मात्रा के साथ, ब्रोकोली स्वस्थ चयापचय को बढ़ावा देने और हाइड्रेटेड रहने के लिए एक उत्कृष्ट भोजन है। कैलोरी को कुशलतापूर्वक जलाने के लिए स्वस्थ चयापचय महत्वपूर्ण है
Health Benefits of Bananas
केले में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, एक खनिज जो हृदय स्वास्थ्य और सामान्य रक्तचाप को बढ़ावा देता है। एक मध्यम आकार के केले में लगभग 0.4 ग्राम यह खनिज होता है। कई अध्ययनों के एक बड़े विश्लेषण के अनुसार, प्रतिदिन 1.3-1.4 ग्राम पोटेशियम का सेवन हृदय रोग के 26% कम जोखिम से जुड़ा है।
केला खाने के लाभ
● रक्त शर्करा के स्तर में सुधार।
● कब्ज को रोकें।
● आंत, गुर्दे और हृदय के स्वास्थ्य में सुधार।
● वजन घटाने में सहायता।
● आपको पेट भरा हुआ महसूस कराता है।
● व्यायाम के बाद पुनर्प्राप्ति का समर्थन करें।
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पपीता खाएंगे तो तेजी से घटेगा वजन, यूं करें सेवन
क्या आप जानते हैं कि पपीता खाने से वजन तेजी से कम होता है। पपीते में मौजूद कई पोषक तत्व वजन घटाने में मदद करते हैं। जानें, वजन कम करने के लिए पपीते का सेवन कैसे करना चाहिए...
papaya for weight loss: वजन कम करने के लिए आपने कई तरीके अपनाए होंगे। कभी जिम जाते होंगे, तो कभी किसी डाइट चार्ट को फॉलो करते होंगे। कई बार ये तरीके असरदायक होते हैं, तो कई बार एक इंच भी वजन कम नहीं होता। ऐसे में लोग तुरंत हार मानकर वजन कम करने के सारे उपायों को ट्राई करना छोड़ देते हैं। यदि आप चाहते हैं अपना वजन कम करना, तो आज से ही पपीता खाना शुरू कर दें। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
आप अपने वेट लॉस डाइट में पपीते (Papaya benefits) को कई तरह से शामिल कर सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका मोटापा कंट्रोल में रहे, तो आप पपीते का सलाद खाएं, पपीते का जूस पिएं। पका हुआ पपीता सेहत के लिए काफी हेल्दी होता है। इसके सेवन से आप कई रोगों से बचे रहते हैं। साथ ही यह वजन कम करने में भी मददगार है। आप नीचे बताए गए तरीकों से पपीता खाना शुरू कर दें (papaya for weight loss in hindi) वजन शर्तिया कम होने लगेगा।
पपीते में मौजूद पौषक तत्व
इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। पपीते में कैलोरी और फैट काफी कम होता है। ऐसे में कितना भी खाएं, मोटापा नहीं बढ़ेगा। यह कार्डियोवैस्क्युलर सिस्टम को दुरुस्त रखता है। पेट की सेहत के लिए काफी हेल्दी (Papaya benefits in hindi) है पपीता। पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है। कैंसर होने के खतरे को करता है कम। यदि आप बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो कच्चा पपीता खाएं। पके हुए पपीते के मुकाबले इसमें ज्यादा सक्रिय एंजाइम होते हैं, जो फैट को कम करने में सहायक हैं।
पपीते से भरपूर डायट का सेवन करेंगे, तो जल्दी होगा वजन कम
ब्रेकफास्ट में ऐसे करें पपीते का सेवन
ताजा पपीता लें और इसे ही खाएं। दिन की शुरुआत नींबू पानी से करें। इसके बाद पपीते का सलाद खाएं। आपको मध्यम आकार का पपीता खाना होगा।
लंच में पपीता
लंच के समय आपको साबुत अनाज का सलाद खाना होगा। आप इसमें कटे टमाटर, पालक, थोड़े से ऑलिव, लहसुन की 2 कलियां और आधे नींबू का रस मिलाएं। सलाद खाने के बाद पपीते का जूस पिएं। दूसरे लंच के समय में आप बैंगन के साथ पालक डाल कर सलाद तैयार कर सकते हैं। इसमें थोड़े से चुकंदर और ऑलिव ऑयल डालें। इसे खाने के बाद पपीते का जूस पिएं।
स्नैक में पिएं पपीते का जूस
शाम को भूख लगने पर आधे कटे हुए पपीते से जूस तैयार करें और साथ में अनानास के दो स्लाइस खाएं।
डिनर में पपीते का सलाद
डिनर के समय आप वेजिटेबल सूप ले सकते हैं, जिसमें प्याज, धनिया और नींबू जरूर डालें। उसके बाद कटे हुए पपीते खाएं। वहीं दूसरे दिन डिनर में आप वेज सलाद के साथ थोड़े से कटे पपीते खाएं। इस पीपते वाली डायट चार्ट को कुछ महीने फॉलो करके देखें, वजन काबू में जरूर रहेगा।
डेंगू (Dengue)
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भाग, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको शामिल हैं। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में सिर्फ भारत में डेंगू के 67,000 से भी अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि वर्ष 2017 डेंगू के मामले में भारत के लिए सबसे खराब साल था। 2017 में लगभग 1.88 लाख डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें से 325 लोगों ने इसके कारण अपनी जान गंवा दी थी।
डेंगू क्या है (what Is Dengue)
डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं। डेंगू बुखार (Dengue Fever) को हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone fever) भी कहते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है। हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं। जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ (Dengue Haemorrhagic Fever) होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भारी रक्तस्राव (Heavy Bleeding), ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। डीएचएफ को डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) भी कहा जाता है। अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है। डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है। सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं।
डेंगू के लक्षण (symptoms Of Dengue)
डेंगू हल्का (Mild) या गंभीर (Severe) दोनों हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षण भी अलग-अलग नजर आते हैं। खासतौर से बच्चों और किशोरों में माइल्ड डेंगू होने पर कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों में तेज बुखार (104° F) के अलावा नीचे दिए गए लक्षण भी शामिल हैं :
सिरदर्द
मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
उल्टी
जी मिचलाना
आंखों में दर्द होना
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
ग्लैंड्स में सूजन होना
हालांकि, गंभीर मामलों में रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ (Dengue Haemorrhagic Fever) के होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में, रक्त वाहिकाएं (blood vessels) क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और रक्त में प्लेटलेट काउंट की कमी होने लगती है। ऐसी स्थिति में निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं:
गंभीर पेट दर्द
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
सांस लेने में कठिनाई
थकान महसूस करना
चिड़चिड़ापन या बेचैनी
डेंगू के जोखिम कारक (risk Factors Of Dengue)
विभिन्न कारक होते हैं, जो डेंगू से संक्रमित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। हम आपको नीचे कुछ ऐसे ही प्रमुख जोखिम कारकों के बारे में जानकारी दे रहें हैं:-
डेंगू पीड़ित क्षेत्र में रहना (Living in a dengue-prone area) : यदि आप उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप अधिक है, तो आपके डेंगू से संक्रमित होने की संभावना स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।
पहले डेंगू संक्रमण होना (Prior infection) : जिन लोगों को एक बार डेंगू हो जाता है, उनमें इस वायरल संक्रमण से प्रतिरक्षा नहीं हो पाती है। ऐसे में जब आपको दूसरी बार डेंगू होता है, तो अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना (Low immunity) : जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर होती है, उनमें भी डेंगू होने की संभावन अधिक होती है। ऐसे में बुजुर्ग लोग डेंगू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही, मधुमेह (Diabetes), फेफड़ों के रोग (lung diseases) और हृदय रोग (cardiovascular ailments) से पीड़ित लोगों में भी डेंगू होने की आशंका बढ़ जाती है।
लो प्लेटलेट काउंट (Low platelet count) : डेंगू तब और अधिक गंभीर हो जाता है, जब पीड़ित व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट (थक्का बनाने वाली कोशिकाएं) काउंट काफी कम होने लगता है। ऐसे में यदि आपका प्लेटलेट काउंट का स्तर पहले से ही कम है, तो दूसरों की तुलना में डेंगू से जल्दी संक्रमित हो सकते हैं।
डेंगू संबंधित जटिलताएं (complications Of Dengue)
यदि डेंगू का संक्रमण गंभीर है, तो यह आपके फेफड़ों, लिवर और हृदय को प्रभावित कर सकता है। ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है। अत्यधिक गंभारी मामलों में यह घातक भी हो सकता है। डेंगू का संक्रमण गंभीर होने पर शरीर में निम्न जटिलताएं देखी जा सकती हैं:
पेट में गंभीर रूप से दर्द होना
लिवर में फ्लूइड का एकत्रित होना
रक्तस्राव
जी मिचलाना
सीने में तरल पदार्थ का जमा होना
डेंगू का निदान (diagnosis Of Dengue)
डेंगू का निदान आमतौर पर रोगी के लक्षणों और शारीरिक परीक्षण के आधार पर किया जाता है। आपका डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करने के बाद निम्नलिखित परीक्षणों (Tests) का सुझाव दे सकता है-
पूर्ण रक्त गणना (Complete Blood Count ) : इस परीक्षण के जरिए शरीर में प्लेटलेट काउंट का पता चलता है। इन कोशिकाओं के काउंट का कम होना यह दर्शाता है कि डेंगू कितना गंभीर हो चुका है।
डेंगू एनएस1 एजी के लिए एलिसा टेस्ट (ELISA test for dengue NS1 Ag) : यह एक ब्लड टेस्ट है, जिसके जरिए डेंगू वायरस एंटिजेन (dengue virus antigen) का पता लगाया जाता है। हालांकि, यह संक्रमण के प्रारंभिक चरणों के दौरान नकारात्मक परिणाम दिखा सकता है। ऐसे में यदि किसी में डेंगू के लक्षण बने रहते हैं, तो यह टेस्ट दोबारा करवा लेना चाहिए।
पीसीआर टेस्ट (PCR for detecting viral DNA) : यह टेस्ट संक्रमण के पहले 7 दिनों में अधिक प्रभावी हो सकता है, जब एनएस1 एजी
टेस्ट का रिजल्ट संक्रमण होने के बावजूद भी नेगेटिव आता है।
सीरम आईजीजी और आईजीएम टेस्ट (Serum IgG and IgM test) : आमतौर पर यह टेस्ट बाद की अवस्था और स्थिति को जानने के लिए की जाती है। एक बार जब वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो प्रतिरक्षा कोशिकाएं डेंगू वायरस के खिलाफ आईजीजी (IgG) और आईजीएम (IgM) एंटीबॉडीज का निर्माण करना शुरू कर देती हैं। इन एंटीबॉडीज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है।
डेंगू का इलाज (treatment Of Dengue)
डेंगू के लिए कोई खास दवा या सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर बुखार, दर्द को नियंत्रित करने के लिए पेनकिलर जैसे पारासिटामोल दवा खाने के लिए दे सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखकर डेंगू को कंट्रोल में रखना एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए। हालांकि, गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है। अत्यधिक गंभीर मामले में मरीज को नसों में तरल पदार्थ यानी इंट्रावेनस फ्लूइड (Intravenous fluid) या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दी जाती है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के जरिए भी इलाज की जाती है। आप खुद से एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन भूलकर भी ना करें, क्योंकि ये रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
डेंगू से बचाव (prevention Of Dengue)
मई 2019 में, अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (US Food and Drug Administration) ने 9 से 16 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में डेंगवैक्सिया (Dengvaxia) नामक एक डेंगू टीके का उपयोग करने के लिए मंजूरी दी थी। हालांकि, भारत में अभी तक इस टीके को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई है। डेंगू एक संचारी रोग (communicable disease) है, जो मच्छरों द्वारा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। ऐसे में वैक्सीन के उपलब्ध नहीं होने से डेंगू से बचने का सिर्फ एकमात्र तरीका है खुद को मच्छरों से बचाकर रखना। जितना हो सके आप मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें। शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें। निम्न दिए गए उपायों को भी आप अपना सकते हैं:
सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो। कूलर का पानी बदलते रहें। पानी को ढंक कर रखें। इन जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं।
यदि कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक अप्लाई करें।
यह लेख फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (गुरुग्राम) के निदेशक, इंटरनल मेडिसिन डॉ. अमिताभ पार्ती द्वारा सत्यापित है।
धनिये के फायदे और नुकसान
वैज्ञानिक नाम कोरियान्ड्रम सैटाइवम वाली धनिया हमारे यहाँ पाए जाने वाले मसालों में प्रमुख है. धनिया के उपयोग से आप अपने व्यंजनों के स्वाद को और बेहतर बना सकते हैं. धनिया में कई औषधिय गुण जैसे कीटाणुनाशक, विषहरण, एंटीसेप्टिक, एंटिफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं. इसमें ग्यारह घटक, छह प्रकार के एसिड, खनिज और विटामिन पाए जाते हैं जो इसे बहुत फायदे मंद बनाते हैं. आमतौर पर इसका उपयोग व्यंजनों में कच्चे या सूखे रूप में किया जाता है. सूखा धनिया संपूर्ण रूप में और पाउडर दोनों रूपों में पाया जाता है. यही नहीं धनिये के बीज का तेल भी उपयोग किया जाता है. आइए धनिया के फायदे और नुकसान को जानें.
1. त्वचा के लिए
धनिया एक्जिमा, सूखेपन और फंगल संक्रमण जैसे त्वचा विकारों को साफ करने में मददगार है. ये कई एंटीऑक्सिडेंटों से भी समृद्ध है जो मुक्त कणों से त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकते हैं. इसमें मौजूद विटामिन ए एक महत्वपूर्ण घुलनशील विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट है जो बलगम झिल्ली और त्वचा स्वस्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
2. गठिया से राह
धनिया में पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे गठिया के उपचार में उपयोगी बनाता है. कारण इसका उपयोग गठिया से राहत पाने के लिए भी किया जाता है. गठिया के के मरीज इसकी सहायता ले सकते हैं.
3. उच्च रक्तचाप में
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही धनिया उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है. यह पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज और लोहे का अच्छा स्रोत है. यह उच्च पोटेशियम और कम सोडियम के कारण हृदय की दर और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मददगार है.
4. वजन कम करने के लिए
वजन कम करने या उपापचय को नियंत्रित करने में धनिया मुख्य भूमिका निभाता है. इसके लिए आपको धनिये के बीज का इस्तेमाल करना होगा. इसके नियमित इस्तेमाल से आप अपना वजन कम कर सकते हैं.
5. थायराइड में
धनिये का बीज हार्मोन को नियमित करके हमें थायराइड के खतरे से बचाने का काम करता है. इसमें उच्च प्रकार के विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो थायराइड की समस्या में बहुत लाभदायक होते हैं.
6. मासिक धर्म के लिए
अत्यधिक मासिक धर्म के प्रवाह से पीड़ित महिलाओं को उबले धनिये के बीज के पानी का सेवन करना चाहिए. यह रक्तस्राव को नियंत्रित करता है. धनिया में मौजूद आयरन रक्त की कमी को पूरा करके ऊर्जा के स्तर में भी सुधार करता है.
7. बालों के लिए
धनिया का रस नए बालों के विकास में काफी लाभकारी है. ये बालों के झड़ने की समस्या से छुटकारा दिलाती हैं. क्योंकि इसमें आवश्यक विटामिन और प्रोटीन होते हैं जो बालों के विकास में मदद करते हैं.
8. पाचन के लिए
धनिया पाचन तंत्र के अन्य लक्षण जैसे गैस, सूजन और चिड़चिड़ापन आदि से छूटकारा दिलाने में मदद करता है. इसका उपयोग आंतों को पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद करता है.
9. शुगर के उपचार में
धनिया का बीज इंसुलिन की गतिविधि को नियमित करके रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है. यह अन्य सामान्य चयापचय कार्यों के ठीक से होने के लिए रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से कम करता है. इसके लिए आप धनिया पाउडर या धनिया बीज का उपयोग करी, सूप, अचार, रस में कर सकते हैं.
10. फायदे एलर्जी में
इसमें मौजूद उच्च एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण ये एलर्जी और आँखों की खुजली से राहत प्रदान करता है. यह एलर्जी के आम लक्षणों जैसे पित्ती, खुजली और सूजन को दूर करने में मदद करता है.
धनिये के नुकसान
* धनिया के अधिक मात्रा में सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है.
* इसके सेवन से हमारी त्वचा के सनबर्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है.
* गर्भवती महिलाओं को धनिये का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए.
Cumin Benefits And Uses- जीरे के फायदे, औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
जीरे (Cumin) के फायदे व नुकसान- जीरे को व्यंजनों में खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर को कई रोगों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। जीरा वनस्पति पौधों से एक बीज के रूप में प्राप्त होने वाली एक खास जड़ी-बूटी है। इस वनस्पति पौधे का नाम क्यूमिनम साइमिनम है, जो भारत व चीन समेत अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में उगाया जाता है। जीरा आमतौर पर साबुत और पाउडर के रूप में मार्केट में उपलब्ध है। जीरे से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के चलते दुनियाभर में इसकी मांग काफी बढ़ी है। जीरे का सेवन प्रमुख रूप से व्यंजनों में खुशबू व स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। साथ ही इसमें अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार जीरे में कई शारीरिक रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता होती है।जीरे के फायदे (Benefits of Cumin)
जीरे में कई ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को कई लाभ प्रदान करते हैं। इससे मिलने वाले मुख्य स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं -
1. वजन कम करने में मदद करे जीरा
Cumin Benefits And Uses- जीरे के फायदे, औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
जीरे (Cumin) के फायदे व नुकसान- जीरे को व्यंजनों में खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर को कई रोगों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।
Written by Mukesh Sharma |Updated : January 17, 2022 11:51 AM IST
जीरा वनस्पति पौधों से एक बीज के रूप में प्राप्त होने वाली एक खास जड़ी-बूटी है। इस वनस्पति पौधे का नाम क्यूमिनम साइमिनम है, जो भारत व चीन समेत अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में उगाया जाता है। जीरा आमतौर पर साबुत और पाउडर के रूप में मार्केट में उपलब्ध है। जीरे से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के चलते दुनियाभर में इसकी मांग काफी बढ़ी है। जीरे का सेवन प्रमुख रूप से व्यंजनों में खुशबू व स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। साथ ही इसमें अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार जीरे में कई शारीरिक रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता होती है।
जीरे के फायदे (Benefits of Cumin)
जीरे में कई ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को कई लाभ प्रदान करते हैं। इससे मिलने वाले मुख्य स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं -
1. वजन कम करने में मदद करे जीरा
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कुछ अध्ययन बताते है कि जीरे का सेवन करने से वजन को कम करने में भी मदद मिलती है। जीरे में थाइमोक्विनोइन (thymoquinone) नामक एक सक्रिय तत्व पाया जाता है, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करता है। इस प्रकार शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
2. जीरा करे कोलेस्टेरॉल में सुधार
एक अध्ययन में पाया गया कि यदि रोजाना 3 ग्राम जीरे का सेवन किया जाए तो बुरे कोलेस्टेरॉल (एलडीएल) और ट्रिग्लिसराइड को कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं जीरे का सेवन करने से अच्छे कोलेस्टेरॉल (एचडीएल) का स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है।
3. जीरे से पाएं डायबिटीज के लक्षणों से राहत
डायबिटीज से ग्रस्त कुछ जानवरों पर जीरे का परीक्षण किया गया और पाया कि इसके सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं, वे लक्षणों को कम करने के लिए जीरे का सेवन कर सकते हैं
4. संक्रमण से लड़ने में प्रभावी है जीरा
जीरे में कुछ ऐसे विशेष तत्व पाए जाते हैं जो लार्विसाइज (Larvicide) और एंटीसेप्टिक (Antiseptic) एजेंट के रूप में काम करते हैं। जीरे के तेल में पाए जाने वाले कुछ यौगिक इतने शक्तिशाली होते हैं, जो एंटीसेप्टिक दवाओं से भी प्रभावी रूप से काम करते हैं। इसलिए जीरे का सेवन करने से कई प्रकार से संक्रमण होने का खतरा कम हो सकता है।
5. जीरा करे तनाव को कम करने में मदद
कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि जीरा शारीरिक व मानसिक तनाव को दूर करने में प्रभावी रूप से काम कर सकता है। चूहों पर की गई स्टडी ने बताया कि जीरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तनाव को कम करने में विटामिन सी से भी ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं।
इसके अलावा कुछ अध्ययन भी किए जिनमें जीरे को मासिक धर्म के दर्द, दस्त और पेट में गैस को कम करने में प्रभावी पाया गया। हालांकि, इन अध्ययनों से संबंधिक अधिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं। ऊपरोक्त में से किसी भी स्वास्थ्य समस्या के उपचार के रूप में जीरे का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एक बार इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।
जीरे के नुकसान (Side effects of Cumin)
भोजन में जीरे का इस्तेमाल करना पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। हालांकि, यदि उपचार के रूप में जीरे का सेवन सामान्य से अधिक मात्रा में किया जा रहा है, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं जैसे पेट में दर्द, गैस बनना, पेट व सीने में जलन होना और जी मिचलाना आदि।
कुछ अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि जीरे में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो मिसकैरिज का कारण बन सकते हैं। इसलिए यदि आप गर्भवती हैं, तो जीरे का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। वहीं कुछ लोगों को जीरे से एलर्जी भी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
जीरे का उपयोग (How to use Cumin)
भारतीय परिवारों में जीरा काफी प्रचलित है और लोग सब्जी, कढ़ी, तरी, सूप, दही व छाछ आदि में जीरा डालकर बड़े चाव से खाते हैं। जीरा जितना भोजन के स्वाद को बढ़ाता है, उससे ज्यादा यह स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। आयुर्वेद, सिद्ध व अन्य कई पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में प्राचीन काल से ही जीरे को कई उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। जीरे का सेवन इस प्रकार करें -
एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा डालें और स्वादानुसार नमक व नींबू मिलाकर पी लें
एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच जीरा डालें और पी ठंडा करके पी लें
व्यंजनों में भी स्वादानुसार जीरे का इस्तेमाल किया जा सकता है
हालांकि, आपके स्वास्थ्य के अनुसार आपको कितनी मात्रा में जीरे का सेवन करना चाहिए इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
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