Ayush Niketanam
आयुर्वेद को तन मन धन से समर्पित।
आप शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो यकीन मानिए आप बेहतरीन जीवन जी रहे हैं। हालांकि, जिसे से भी पूछो, तो वो कोई न कोई परेशानी गिना ही देता है। कोई शारीरिक रूप से बीमार है, तो कोई तनाव भरी जिंदगी जी रहा है। इस स्थिति से बचने का एकमात्र उपाय योग है। बेशक, आप में से कुछ के लिए इस बात पर भरोसा करना मुश्किल होगा, लेकिन अब कई वैज्ञानिक शोध से पुष्टि हो चुकी है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग अच्छा विकल्प है। यकीन मानिए योग सभी से होगा और हर रोग का इलाज योग से ही होगा।
ब्लड यानी खून एक ऐसी चीज है जिसे बनाया ही नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है। यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करके, अनगिनत जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को पूरे विश्व में 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस एक अभियान है, जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को, विश्वभर में पर्यावरण के नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस अभियान की शुरुआत करने का उद्देश्य वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केन्द्रित करने और हमारे ग्रह पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव का भाग बनने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। आइए पर्यावरण दिवस हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम आज के दिन एक पौधा अपने भविष्य के लिए जरूर लगाएंगे।
#वृक्ष_लगाओ_पर्यावरण_बचाओ
पूरी दुनिया में 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसे बनाने का मुख्य कारण है महिलाओं को पीरियड्स के समय स्वस्छता के लिए जागरुक करना। इसकी शुरुआत साल 2014 को हुई है। इसके साथ ही पीरियड्स 28 दिनों के अंदर आता है। इसलिए ये 28 मई को मनाई जाती है।
पीरियड्स को लेकर इतनी जागरुकता होने के बाद भी लड़कियां इस पर खुलकर बात करने पर संकोच करती हैं। ये ऐसे दिन होते है। जब एक लड़की शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्या से भी गुजरती हैं। ऐसे में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि इंफेक्शन के साथ-साथ उसकी इनफर्टिलिटी से संबंधी कोई समस्या न हो।
यूं तो सभी महिलाएं इस दौरान अत्यधिक सफाई का ख्याल रखती हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज भी दुनिया में 43 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स में पैड का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं।
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**es #चुप्पी_तोड़ो
आप भी अपनी तस्वीर हमारे साथ साझा करें।
Menstrual hygiene campaign के तहत इन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और समाज को बताया पीरियड्स छुपाने जैसी कोई चीज नहीं है। आप भी इस मुहिम का हिस्सा बने और अपने हाथों में गुलाबी रंग के ब्रेसलेट या धागे को बांध अपनी तस्वीर हमारे साथ साझा करें।
Plzzzzzzz support us.
#चुप्पी_तोड़ो िला_स्वास्थ्य_की_ओर
Menstrual hygiene campaign के तहत इन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और समाज को बताया पीरियड्स छुपाने जैसी कोई चीज नहीं है। आप भी इस मुहिम का हिस्सा बने और अपने हाथों में गुलाबी रंग के ब्रेसलेट या धागे को बांध अपनी तस्वीर हमारे साथ साझा करें।
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#चुप्पी_तोड़ो िला_स्वास्थ्य_की_ओर
आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें तथा इस मुहिम का हिस्सा बने आपकी एक समझदारी बहुत तो की जिंदगी बचा सकती है।
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें और इस मुहिम का हिस्सा बने।
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़िए, शहरी क्षेत्रों में भी पीरियड से जुड़ी बातें करने से लोग कतराते हैं, आखिर ऐसा क्यों है? आज भी बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं जो पीरियड्स को एक बीमारी समझती हैं, परंतु पीरियड्स कोई बीमारी नहीं है, यह आपके महिला होने की असली पहचान है। किसी चुप्पी को तोड़ने के लिए आज से हम एक मुहिम चला रहे हैं जिसमें आप सभी का साथ होना अति आवश्यक हो जाता है । इस मुहिम से जुड़ कर आप मासिक धर्म से जुड़े वर्जना को हमारे समाज से खत्म करने में सहयोग करें। पीरियड्स की चुप्पी तोड़ने के लिए आप सभी से हम अनुरोध करते हैं कि आज से आप अपने हाथों में एक ब्रेसलेट जिसका रंग गुलाबी हो जरूर पहने कथा ब्रेसलेट के साथ अपनी एक फोटो खींच कर हमारे साथ जरूर शेयर करें हम आपकी उस फोटो को अपने फेसबुक पेज तथा इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट कर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की कोशिश करेंगे।
#चुप्पी_तोड़ो **es
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इस pic पे इससे बेहतर पोस्ट में कभी नहीं कर सकता, एक बार पढ़िए :-
किसने लिखी है यह मुझे पता नहीं, पर एक मर्द को औरतों के दर्द का एहसास कराने वाली इस लेखनी को मेरा प्रणाम 🙏 है।
आज मेरी माहवारी का
दूसरा दिन है।
पैरों में चलने की ताक़त नहीं है,
जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है।
पेट की अंतड़ियां
दर्द से खिंची हुई हैं।
इस दर्द से उठती रूलाई
जबड़ों की सख़्ती में भिंची हुई है।
कल जब मैं उस दुकान में
‘व्हीस्पर’ पैड का नाम ले फुसफुसाई थी,
सारे लोगों की जमी हुई नजरों के बीच,
दुकानदार ने काली थैली में लपेट
मुझे ‘वो’ चीज लगभग छिपाते हुए पकड़ाई थी।
आज तो पूरा बदन ही
दर्द से ऐंठा जाता है।
ऑफिस में कुर्सी पर देर तलक भी
बैठा नहीं जाता है।
क्या करूं कि हर महीने के
इस पांच दिवसीय झंझट में,
छुट्टी ले के भी तो
लेटा नहीं जाता है।
मेरा सहयोगी कनखियों से मुझे देख,
बार-बार मुस्कुराता है,
बात करता है दूसरों से,
पर घुमा-फिरा के मुझे ही
निशाना बनाता है।
मैं अपने काम में दक्ष हूं।
पर कल से दर्द की वजह से पस्त हूं।
अचानक मेरा बॉस मुझे केबिन में बुलवाता हैै,
कल के अधूरे काम पर डांट पिलाता है।
काम में चुस्ती बरतने का
देते हुए सुझाव,
मेरे पच्चीस दिनों का लगातार
ओवरटाइम भूल जाता है।
अचानक उसकी निगाह,
मेरे चेहरे के पीलेपन, थकान
और शरीर की सुस्ती-कमजोरी पर जाती है,
और मेरी स्थिति शायद उसे
व्हीसपर के देखे किसी ऐड की याद दिलाती है।
अपने स्वर की सख्ती को अस्सी प्रतिशत दबाकर,
कहता है, ‘‘काम को कर लेना,
दो-चार दिन में दिल लगाकर।’’
केबिन के बाहर जाते
मेरे मन में तेजी से असहजता की
एक लहर उमड़ आई थी।
नहीं, यह चिंता नहीं थी
पीछे कुर्ते पर कोई ‘धब्बा’
उभर आने की।
यहां राहत थी
अस्सी रुपये में खरीदे आठ पैड से
‘हैव ए हैप्पी पीरियड’ जुटाने की।
मैं असहज थी क्योंकि
मेरी पीठ पर अब तक, उसकी निगाहें गढ़ी थीं,
और कानों में हल्की-सी
खिलखिलाहट पड़ी थी
‘‘इन औरतों का बराबरी का
झंडा नहीं झुकता है
जबकि हर महीने
अपना शरीर ही नहीं संभलता है।
शुक्र है हम मर्द इनके
ये ‘नाज-नखरे’ सह लेते हैं
और हंसकर इन औरतों को
बराबरी करने के मौके देते हैं।’’
ओ पुरुषो!
मैं क्या करूं
तुम्हारी इस सोच पर,
कैसे हैरानी ना जताऊं?
और ना ही समझ पाती हूं
कि कैसे तुम्हें समझाऊं!
मैं आज जो रक्त-मांस
सेनेटरी नैपकिन या नालियों में बहाती हूं,
उसी मांस-लोथड़े से कभी वक्त आने पर,
तुम्हारे वजूद के लिए,
‘कच्चा माल’ जुटाती हूं।
और इसी माहवारी के दर्द से
मैं वो अभ्यास पाती हूं,
जब अपनी जान पर खेल
तुम्हें दुनिया में लाती हूं।
इसलिए अरे ओ मर्दों!
ना हंसो मुझ पर कि जब मैं
इस दर्द से छटपटाती हूं,
क्योंकि इसी माहवारी की बदौलत मैं तुम्हें
‘भ्रूण’ से इंसान बनाती हूं।।
# sayloudly
Things to avoid during periods.
महिलाओं को इस बात की चिंता सदैव बनी रहती है की वे अपने मासिक धर्म के दौरान कौन-कौन सी चीज है ना करें। आज हम आपको ऐसे ही कुछ चीजें बताएंगे जिन्हें मासिक धर्म के दौरान नहीं करना चाहिए।
1. मासिक धर्म के दौरान कभी भी ज्यादा नमकीन चीजें नहीं खानी चाहिए।
2. मासिक धर्म के दौरान कभी भी ज्यादा दूध या उस से निर्मित चीजों से परहेज करना चाहिए।
3. मासिक धर्म के दौरान ज्यादा तकलीफ दायक व्यायाम नहीं करना चाहिए।
4. मासिक धर्म के दौरान या उससे पहले कभी भी डाउचीग (योनि की आंतरिक सफाई) नहीं करानी चाहिए।
5. मासिक धर्म के दौरान एक ही सेनेटरी पैड को बार-बार नहीं पहनना चाहिए।
6. मासिक धर्म के दौरान अगर आप बच्चा नहीं चाहते हो तो मैथुन कर्म से परहेज करना चाहिए।
**es
ौचालय_महावारी_के_अनुकूल
ऐसी वह तमाम जगहें जहां स्त्रियां काम करती हो, शिक्षा ग्रहण करती हो (सरकारी या गैर सरकारी)या किसी भी पब्लिक प्लेस पर, एक ऐसा शौचालय जरूर होना चाहिए जिसमें स्त्रियों के महावारी से संबंधित वह तमाम सारी चीजें उपलब्ध हो जिसका प्रयोग औरतें अपने मासिक धर्म के समय करती हो। जिससे स्त्रियों या बच्चियों को अपने मासिक धर्म के दौरान अपने ऑफिस, स्कूल /कॉलेज या जहां भी वे कार्य करती हो वहां उन्हें अपने मासिक धर्म के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े और ना ही मासिक धर्म के दौरान उन्हें यह सब कार्य स्थगित करने पड़े। यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है इस बात का ख्याल जरूर रखें क्योंकि किसी भी स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए स्त्रियों का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है।
**es
भारत में 54% से अधिक स्त्रियां मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड्स खरीदने तक में हिचकिचाहट महसूस करती हैं।
#चुप्पीतोड़ो
उत्तर प्रदेश सरकार का नया ऐलान डिग्री कॉलेजों से लेकर बेसिक टीचरों तक सभी को कोरोना वारियर्स बनाया जाएगा।
पर आप खुद सोचिए क्या सरकार को आयुर्वेद चिकित्सकों या विभिन्न चिकित्सकीय महाविद्यालय के छात्रों इसका उत्तर दायित्व सौंपा जाना ज्यादा सही और लाभदायक सिद्ध नहीं होगा।
दर्द में पैरासिटामोल से ज्यादा फायदेमंद हल्दी।
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आइए हम इस के दिन यह शपथ ले कि हम अपने आसपास किसी भी व्यक्ति विशेष को मलेरिया जैसी बीमारी ना होने दें।
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योग करें
हाइजेनिक भोजन लें
अपने इम्यूनिटी का ध्यान रखें
अनावश्यक घर से बाहर ना निकले फेस मास्क जरूर लगाएं तथा सैनिटाइजर का यूज जरूर करें
Always follow the guidelines given by our govt.
इटली के प्रधानमंत्री की निःशब्द तस्वीर...!!!
जो कुछ कहने की हालात में नही है, इटली इस कोरोना वायरस के आगे घुटने टेक दिया है लाशों को उठाने के लिए पूरी आर्मी को लगा दिया है हरतरफ हॉस्पिटल में लाशें ही लाशें दिखाई दे रही है शहर के अंदर इतनी जगह नहीं है कि उनको दफनाया जा सके। इसलिए आर्मी सैकड़ों ट्रको में लेकर शहर से बाहर दाह संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है जबकि WHO की ओवर आल मेडिकल फेसेलिटी रैंकिंग में इटली 2 नंबर पर होने के बावजूद ये हाल है और भारत की रैंकिंग 104 नंबर पर है अगर यहाँ तीसरे चरण में फैल गया तो अन्दाज लगाइये क्या होगा ??? इटली में कल शनिवार को लगभग 800 लोग कोरोना के काल मे समा गए।
देखिए आपकी जरा सी लापरवाही से हजारों लोगों की मौत को कोई नहीं रोक सकता है यमराज मूँह बाये खड़े हैं जरा सी सावधानी हटी तो ये महामारी ऐसे फैलेगी की सदी की सबसे बड़ी मानव त्रासदी होगी।
कृपया घर मे रहे, ये छुट्टिया आपको घूमने के लिए नही मिली है मानव सभ्यता को बचाने के लिए मिली है ताकि की चैन ब्रेक हो जाये। इटली की इस पीड़ा को अपनी समझ कर महसूस करो शायद आपको कुछ अहसास हो जाये इस महामारी से होने वाले नुकसान का। घर रहे सुरक्षित रहे बेवजह किसी के संपर्क में ना आएँ।
जय हिंद 🇮🇳
जय भारत 🇮🇳
प्रभु से यही कामना करते है कि आप सभी स्वस्थ रहे और दीर्घायु प्राप्त करे।
“ये वक़्त बहुत ही नाज़ुक है, हम पर हमले दर हमले हैं !
दुश्मन की चिंता ये ही है, हम हर हमले पर संभले है..!”
(मदनमोहन समर) 🇮🇳
आज प्रधानमंत्री श्री ने इस समय की सबसे गंभीर आवश्यकता के अनुसार देश को जागरूक व इस आसन्न चुनौती के लिए देश को तैयार किया है ! सरकारें अपना काम करें ये उनका कर्तव्य है लेकिन साथ ही साथ हम सब की भी ज़िम्मेदारी है कि हम सब देशवासी एकमत होकर इस बेहद ज़रूरी का सख़्ती से पालन करें और पूरे विश्व को बताएँ कि हमारे लिए राष्ट्रधर्म और मनुष्यत्व दोनों ही प्रमुख हैं 🙏जयहिंद 🇮🇳
Plzzz take it seriously
#महत्वपूर्ण
1. यदि आपके पास एक बहती नाक और थूक है, तो आपके पास एक आम सर्दी है
2. कोरोनावायरस निमोनिया एक सूखी खांसी है जिसमें कोई बहती नाक नहीं है।
3. यह नया वायरस गर्मी प्रतिरोधी नहीं है और सिर्फ 26/27 डिग्री के तापमान से मारा जाएगा। यह सूर्य से नफरत करता है।
4. यदि कोई इसके साथ छींकता है, तो जमीन पर गिरने से पहले इसे लगभग 10 फीट का समय लगता है और यह अब हवाई नहीं है।
5. यदि यह एक धातु की सतह पर गिरता है तो यह कम से कम 12 घंटे तक जीवित रहेगा - इसलिए यदि आप किसी भी धातु की सतह के संपर्क में आते हैं - जैसे ही आप बैक्टीरिया के साबुन से हाथ धो सकते हैं।
6. कपड़े पर यह 6-12 घंटे तक जीवित रह सकता है। सामान्य कपड़े धोने का डिटर्जेंट इसे मार देगा।
7. गर्म पानी पीना सभी वायरस के लिए प्रभावी है। कोशिश करें कि बर्फ के साथ तरल पदार्थ न पिएं।
8. अपने हाथों को अक्सर धोएं क्योंकि वायरस केवल आपके हाथों पर 5-10 मिनट तक रह सकता है, लेकिन - उस दौरान बहुत कुछ हो सकता है - आप अपनी आँखें रगड़ सकते हैं, अपनी नाक को अनजाने में और इतने पर उठा सकते हैं।
9. आपको रोकथाम के रूप में भी ध्यान देना चाहिए। गर्म पानी में नमक का एक सरल समाधान पर्याप्त होगा।
10. पर्याप्त जोर नहीं दे सकते - खूब पानी पिएं!
#लक्षण
1. यह पहले गले को संक्रमित करेगा, इसलिए आपके गले में 3/4 दिन तक गला रहेगा
2. वायरस फिर एक नाक द्रव में मिश्रित होता है जो श्वासनली और फिर फेफड़ों में प्रवेश करता है, जिससे निमोनिया होता है। इसमें लगभग 5/6 दिन और लगते हैं।
3. निमोनिया के साथ तेज बुखार आता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
4. नाक की भीड़ सामान्य तरह की नहीं है। आपको लगता है कि आप डूब रहे हैं।
यह जरूरी है कि आप तत्काल ध्यान दें।
कृपया साझा करें।
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हमारा ये पेज आपके सवसथ संबंदित के लिए बनाया गया है | इस पेज पर आपको neurotherapy संबंदित video मिलेगा
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We are a group of professional and experienced psychologists and psychiatrists offering private psychological therapy and psychiatry. We offer the most effective, tailor-made appro...
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Varanasi, 221103
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Varanasi, 221002
This Page Is All About Helping You Changing Your Illness and Unhealthy Life, In Today's Time, Our Lifestyle and Eating Habits Need to Be Changed So That We Remain Fit and Healthy.
D65/319. Gopal Bhawan, Opp. Bhardwaj Hospital, Baulia, Lahartara Varanasi, Utca P-221106
Varanasi, 221106
Covering Wide Range of therapeutic areas, the product portfolio is intended towards the treatment
B-14, Badshah Bagh Colony, Near Pani Tanki, Sigra
Varanasi, 221002
To promote Yoga activities in the area and establish a series of Yoga center